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शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

भारत वृक्षारोपण में विश्व रिकॉर्ड तोड़ रहा है भारतीयों ने केवल 24 घंटों में 50 मिलियन पेड़ लगाए हैं।

ये पोस्ट लिखते हुए मुझे काफी खुशी महसूस हो रही है। इस पोस्ट को पढ़ने के बाद शायद आप को भी मेरे जैसा ही महसूस हो।

तो चलिए जानते है आखिर NASA ने भारत और चीन को शुक्रिया क्यों कहा।

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले दो देश भूमि पर हरियाली में वृद्धि का नेतृत्व कर रहे हैं।

नासा ने फोटो डालते हुए कहा 20 साल पहले के मुकाबले अभी पृथ्वी पर हरयाली अधिक है, जिसका श्रेय नासा ने भारत और चीन को दिया है।

पिछले 20 वर्षों में भारत और चीन ने काफी अधिक पेड़ लगाए हैं इसे आप ऊपर के तस्वीर में भी देख सकते हैं।

भारत वृक्षारोपण में विश्व रिकॉर्ड तोड़ रहा है, 800,000 भारतीयों ने केवल 24 घंटों में 50 मिलियन पेड़ लगाए हैं।

डेटा से सबसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह है कि ग्रह पर हरे क्षेत्रों में वृद्धि लगभग पूरी तरह से मानव कार्रवाई के कारण हैं।

मगर हमें अभी रुकना नहीं है मेरा सभी से अनुरोध है की सब कोई पेड़ जरूर लगाएं।

Image Source:- Google

कोमोडो ड्रैगन मादा बिना नर के भी निषेचित अंडे दे सकती हैं

जिसे आप खोज रहे हैं, यह बिलकुल उसके अनुरूप नहीं है -


किन्तु कोमोडो ड्रैगन के बच्चे अण्डों से निकलने के 2-3 दिनों में ही, अपने सहज ज्ञान के कारण, पेड़ों पर चढ़ जाते हैं।

वयस्क कोमोडो पेड़ पर नहीं चढ़ सकते।

कोमोडो बच्चों के पेड़ों के ऊपर पलायन कर जाने का कारण यह है, कि 2-3 दिनों के बाद, या कभी-कभार उससे भी पहले, वयस्कों के शिकार करने का मौसम शुरू हो जाता है, जिनमें उनकी माँ भी शामिल होती है। ऐसा हो सकता है, कि उनकी माँ अथवा किन्हीं औरों को, प्रसव के बाद कुछ चबाने का मन करे परन्तु वे शिकार पर जाने के मामले में बहुत आलसी महसूस कर रहे हों।

यदि हम "अभिभावकों की सबसे बड़ी असफलता" के लिए कोई पुरस्कार पाना चाहते हों, तो मैं नहीं सोचता कि ऐसे अभिभावकों वह होंगे, जो अपने बच्चों को त्याग देंगे-

मेरे विचार से वे ऐसे अभिभावक होंगे, जो वस्तुतः अपने बच्चों को खा जाते हों…. केवल अपने आलसीपन के कारण।

ऊपर दिखाई तस्वीर में बीच वाले कोमोडो के सर को दूसरा कोमोडो खा नहीं रहा - बल्कि इसका बिलकुल उल्टा है;

वह अपने दोस्त के मुँह से खाना चुराने की कोशिश कर रहा है, जबकि उसका बाईं ओर वाला दोस्त, पॉल उससे कह रहा है, "रुको भई…तुम्हें थोड़ा शांत हो जाना चाहिए…अपनी सीमा में रहो।"

यह तो था प्रश्न का अनुवाद। परन्तु आप तो शायद यहीं रुक जाना पसंद नहीं करेंगे और कोमोडो ड्रैगन के बारे में और जानकारी पाना चाहेंगे।

तो आइये, देखें यह भारी-भरकम छिपकली जैसे दिखने वाले जीव वास्तव में कैसे होते हैं।

सलेटी रंग के यह जीव, विश्व की सबसे बड़ी छिपकलियाँ हैं। कोमोडो ड्रैगन इंडोनेशिया के चार द्वीपों, कोमोडो, फ्लोरेस, रिंका और गीली मोटांग पर पाए जाते हैं। लम्बाई में नर 3 मीटर और मादा 2 मीटर तक और वज़न में यह 70 किलो तक होते हैं। सबसे बड़ा ड्रैगन पौने 11 फुट लंबा और 166 किलो वज़न का रिकॉर्ड किया गया था।

इनका शरीर कवचरुपी शल्कों से ढका होता है, जो छोटी-छोटी हड्डियों से बने होते हैं। इनकी जीभ साँप की तरह बीच में से दो भागों में बंटी हुई होती है और इसे यह मुँह से निकाल कर अपने आस-पास के वातावरण का जायज़ा लेते रहते है।


कोमोडो ड्रैगन मूलतः मांसभक्षी होते हैं और हिरन तथा भैंस जैसे बड़े जंतुओं को मार गिराने में सक्षम होते हैं।

इस काम के लिए इनके मुँह की लार में मौजूद बैक्टीरिया इनके काम आते हैं। यदि एक कोमोडो ड्रैगन एक बड़े जानवर को उसकी टांग अथवा शरीर के किसी अंग पर अपने आरी की तरह तेज़ दांतों से काट ले, तो यह बैक्टीरिया उसकी थूक के साथ उस चोट में से उस जानवर के शरीर में प्रवेश करके अपना काम शुरू कर देते हैं। जानवर की चोट में अपनी संख्या को बढ़ाकर, यह बैक्टीरिया उसे कमज़ोर और लाचार बना देते हैं और अंत में उसकी मृत्यु हो जाती है। इस दौरान, कोमोडो ड्रैगन उस जानवर का पीछा करते रहते हैं और उसके मरने की ताक में बैठे रहते हैं।


एक समय में कोमोडो ड्रैगन अपने शरीर के 80 % वज़न के बराबर माँस खा सकते है। अपने जबड़ों को ढीला करके, यह अपने किसी छोटे शिकार, जैसे चूहे को पूरा निगल जाते हैं और इनका पेट विस्तार-योग्य होता है। यह महीने में एक बार एक बड़े शिकार को खाने के अतिरिक्त, छोटे-छोटे जीवों, जैसे चूहों आदि को पूरा निगल जाते हैं। यदि इनके शरीर का तापमान ज़रुरत के मुताबिक़ बना रहे, तो अपने खाने को पचाने में इन्हें 26 घंटे लग जाते हैं।

इनका कोई निश्चित इलाका नहीं होता और यह मई और अक्टूबर के बीच, किसी मृत जानवर के पास में सम्भोग क्रिया करते हैं। इसके बाद वे मिट्टी में खोद कर अपना घोंसला बनाते हैं, अथवा किसी और पक्षी/जानवर के घर पर कब्ज़ा कर लेते हैं। इस घोंसले में मादा 1 से 30 अंडे तक देती है। इनके अण्डों में से बच्चों को निकलने में ढाई से आठ महीने तक लग जाते हैं और यह समय कितना होगा, इसके लिए मिट्टी का प्रकार और अंदर का तापमान उत्तरदायी होते हैं।

जन्म के समय एक औसत बच्चे का वज़न 80 ग्राम होता है और यह बच्चे अपने माता-पिता, अथवा किसी और कोमोडो ड्रैगन द्वारा खा लिए जाने के सहज ज्ञान के कारण, पेड़ों पर पलायन कर जाते हैं। यह बच्चे 5 से 7 वर्ष की आयु में यौन परिपक्वता पा जाते हैं। मादा 30 वर्ष की उम्र के बाद प्रजनन नहीं करतीं। यह भी देखा गया है, कि यदि उस इलाके में कोई नर मौजूद नहीं हो, तो मादा बिना नर के भी निषेचित अंडे दे सकती हैं, परन्तु ऐसे में उनमें से केवल नर बच्चे ही निकलते हैं। यह प्रक्रिया शायद उनके किसी और द्वीप पर बसने में उनकी मदद कर सकता होगा। परन्तु इसी कारण से इनमें मादाओं की कमी भी हो रही है, जिस कारण यह अन्तः प्रजनन के शिकार होते जा रहे हैं। साथ ही, क्योंकि यह अपने घरों से बहुत दूर जाना पसंद नहीं करते, इसलिए इनकी संख्या में निरंतर कमी होती हुई पायी गयी है।

स्त्रोत : गूगल तथा -

गोवा में इस तरह की धोखाधड़ी से सावधान !!


मैंने गोवा रेलवे स्टेशन पर सूंदर सा पैकेट खरीदा।

और देखिये कि ग्राहकों को बेवकूफ बनाने के लिए कितना शानदार ढंग से पैकेजिंग किया गया है ।

यह मैदा और नारियल से बनता है। खाने पर स्वाद भी दयनीय था।

गोवा में इस तरह की धोखाधड़ी से सावधान !!

दूध और मखाने खाने के फायदे

 

दूध और मखाने खाने के फायदे - खाली पेट मखाना खाने से क्या होता है?

दूध और मखाने खाने के फायदे – मखाना ऑर्गेनिक फूड है। यह बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। मखाने में मौजूद प्रोटीन मसल्स को बनाने में मददगार होता है और साथ ही यह आपको फिट भी रखता है। दूध में उबालकर मखाना का सेवन करने से कई बीमारियों से मुक्ति मिलती है। दूध और मखाना खाने से बहुत सारे फायदे होते हैं।

दूध और मखाने खाने से कई प्रकार की शारीरिक बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। सुबह के समय दूध में 6-7 दाना मखाना को उबालकर पीने से शुगर की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। मखाना तनाव को भी कम करता है।

दूध और मखाने खाने के फायदे – Milk Makhana Benefits

दूध और मखाने के सेवन से दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिलता है। मखाने में एल्केलाइड नामक तत्व होता है जो दिल संबंधी खतरे से बचाने में मदद कर सकते हैं।

यदि कोई व्यक्ति तनाव की समस्या से परेशान है तो रात में सोने से पहले दूध के साथ मखाने का सेवन करने से शरीर में एनर्जी बनी रहती है। इसे खाने से तनाव की समस्या धीरे-धीरे दूर होता है।

कब्ज की समस्या से परेशानी होने पर दूध और मखाने को मिलाकर सेवन करना चाहिए। मखाने में प्रयाप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होते हैं। मखाने में फाइबर, आयरन, कैल्शियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो पेट में गैस की समस्या, अपच की समस्या को कम करने में मदद करता है।

दूध में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। साथ मखाने में भी कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। दूध और मखाने को साथ मिलाकर खाने से कमजोर हड्डियों की समस्या कम होती है।

यदि आपको कमजोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होती है। दूध और मखाने को मिलाकर खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है। दूध में प्रोटीन पाया जाता है जो मखाने में मिलने के बाद और लाभदायक हो जाता है।

नोट – यह एक सामान्य जानकारी है। अधिक जानकारी के लिए योग्य विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

हाथ से नमक गिरना – जानिए इसके शुभ-अशुभ परिणाम

हाथ से नमक गिरना होता है अशुभ, भविष्य की घटनाओं का देता है संकेत


हाथ से नमक गिरना

हाथ से नमक गिरना अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि हाथ से नमक गिरना व्यक्ति के ग्रहों का कमजोर होना है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो सावधान हो जाएं। यह आपके साथ भविष्य में होने वाली घटनाओं की ओर संकेत करता है। कभी भी बिना भगवान को भोग लगाए खाना पकाते समय भोजन के नहीं चखना चाहिए।

नमक का स्थान हमारे जीवन में अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। भोजन हम बिना नमक के नहीं खा सकते। नमक के बिना सबकुछ बेस्वाद लगता है। इसके अलावा नमक सोडियम और क्लोरिन की कमी को भी पूरा करता है। नमक में सोडियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

हाथ से नमक गिरना – जानिए इसके शुभ-अशुभ परिणाम

1. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, नमक को कभी भी खुला नहीं रखना चाहिए। यदि आपसे ऐसा होता है कि सावधान हो जाएं। इससे घर की लक्ष्मी जा सकती है।

2. नमक को कभी भी बाएं हाथ से नहीं उठाना या लेना चाहिए। इससे अन्न का अपमान होता है। ऐसा करने से अन्नपूर्णा देवी मां आपसे नाराज हो सकती हैं।

3. कई बार ऐसा होता है कि नमक गिरने के बाद हम उसे पैर से हटाने लगते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे आपके जीवन में दुख और तकलीफें आ सकती हैं। आपको कई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।

4. नमक या नमक के पात्र को कभी भी जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन कई विपत्तियाँ घर कर लेती हैं। ऐसा करना बेहद ही अशुभ माना जाता है।

5. वास्तुशास्त्र कहता है कि हाथ से नमक छूटकर गिरने से व्यक्ति की कुंडली में शुक्र और मंगल ग्रह कमजोर हो जाते हैं। इससे व्यक्ति के जीवन में मानसिक परेशानियाँ पैदा होती है। व्यक्ति को समाज में अपमानित होना पड़ता है।

6. यदि आपको खाना खाते समय नमक लेने की आदत है, तो बचे हुए नमक को फेंके नहीं। हो सके तो उतना ही नमक लें जितना आपको जरूरत है। खाना की थाली में बचे हुए नमक को फेंकने से घर में कंगाली छा सकती है।

7. शास्त्रों के अनुसार, नमक को कभी भी भोजन बनाते समय नहीं चखें। इससे भगवान का अपमान होता है। भोजन को खाने से पहले हमेशा भगवान को पहले भोग लगाना चाहिए। फिर घर में किसी को भोजन परोसना चाहिए।

8. यदि कोई व्यक्ति आपसे नमक मांगता है तो कभी भी उसे हाथ में नमक नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से आपसी मनमुटाव बढ़ता है। घर में नकारात्मकता फैलती है और लोगों के बीच आपस में लड़ाईयाँ होती हैं।

काला धागा शरीर में धारण करने से आप बन सकते हैं धनवान

काला धागा का चमत्कार, शरीर में धारण करने से आप बन सकते हैं धनवान


काला धागा का चमत्कार- अक्सर देखा जाता है कि लोग काले रंग का प्रयोग बुरी नजर से बचने के लिए करते हैं। कुछ लोग अपने हाथ और पैर में फैशन के तौर पर भी काला धागा बांधते हैं। लेकिन जाने-अनजाने में यह काला धागा आपके लिए चमत्कारी सिद्ध होता है। यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। जानते हैं काला धागा का चमत्कार और इसे बांधने के पीछे का रहस्य –

हमारे समाज में ज्योतिषशास्‍त्र का बहुत अधिक महत्व है। ज्योतिषशास्त्र में पैर या हाथ में काला धागा बांधने से जीवन में कई सारे चमत्कार होते हैं। ऐसी मान्यता है कि वातावरण में जो व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा है, उसको दूर करने की शक्ति काले धागे में है।

काला धागा शरीर में बांधने के फायदे (काला धागा का चमत्कार)

ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति को बुरी नजह से बचाने के लिए काले रंग में असीम शक्ति होती है। काली शक्तियों से काला धागा व्यक्ति को बचाता है। हालांकि काले धागे से शनि ग्रह का संबंध भी है। काले का रंग का शनि कारक होता है। ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति की कुंडली में काला धागा पहनने से शनि ग्रह मजबूत हो जाता है। साथ ही काला रंग व्यक्ति को शनिदोष से भी छुटकारा दिलवाता है।

इस दिन काला धागा बांधना माना जाता है शुभ

काला धागा शरीर में मंगलवार के दिन बांधना बहुत लाभकारी होता है। खासतौर पर काला धागा दाहिने पैर में इस दिन बांधना बहुत शुभ माना गया है। कहा जाता है कि आर्थिक जीवन में इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सुख आता है और धन-समृद्धि भी घर में प्रवेश करती है।

शरीर संबधी बीमारियों से भी दिलवाता है निजात

पुराने समय से ही काला धागा बांधना सेहत के लिहाज से भी बहुत अच्छा माना गया है। जिन लोगों के पेट में दर्द रहता है, वह काला धागा अपने पैर के अंगूठे में काला धागा बांधें। इससे व्यक्ति को इस समस्या से राहत मिलती है। काला धागा उन लोगों को पहनना चाहिए जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

काली मिर्च के फायदे, उपयोग और औषधीय गुण

 काली मिर्च के फायदे, उपयोग और औषधीय गुण

 काली मिर्च (Black Peppers) जिसे मरीच के नाम से भी कई जगहों पर जाना जाता है। काली मिर्च खाने के कई फायदे होते हैं। आमतौर पर इसे रसोई में खाने का स्वाद बढ़ाने और मसालों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। काली मिर्च को मसालों की रानी कहा जाता है। घर में कोई भी सब्जी बनाएं तो काली मिर्च डालने के बाद सब्जी का स्वाद तो बढ़ता ही है, साथ ही आपके स्वास्थ्य के लिए भी काली मिर्च को खाना फायदेमंद  होता है।

खाने के साथ-साथ काली मिर्च को एक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। भारत में लंबे समय तक काली मिर्च का औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। आज भी काली मिर्च के फायदे  की बात करें तो लगभग सभी घरों में काली मिर्च को घरेलू इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

काली मिर्च के फायदे की और बात करें तो यह वात और कफ में काफी फायदेमंद होता है। काली मिर्च भूख को बढ़ाने में मददगार है। यह भोजन को पचाती है और लीवर को स्वस्थ भी बनाती है। काली मिर्च के अन्य फायदे (Black Pepper Benefits) में यह पेट दर्द की समस्या में भी राहत प्रदान करती है। पेट के कीड़ों को मारती है।

काली मिर्च तीखा होने के साथ-साथ गर्म प्रकृति की होती है। यह पेशाब को बढ़ाती है साथ ही इसे खाने के बाद मुंह में लार बनाती है जो पाचन क्रिया को आसान बनाती है। काली मिर्च का सेवन करने से शरीर के सभी विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं और हमारी शरीर बीमारियों से बचा रहता है।

काली मिर्च का पौधा कैसा होता है?

काली मिर्च का पौधा बारहमासी होता है। काली मिर्च के पौधे की आयु 25 से 30 वर्ष की होती है। हालांकि कहीं-कहीं पर यह 60 वर्षों तक भी जीवित रहता है। काली मिर्च के पौधे छोटे वृक्षों की तरह होते हैं। इसकी पत्तियाँ चिकनी, अंडाकार होती हैं। इसकी खेती समुद्रतल से 1,070 मीटर की ऊँचाई तक होती है।

काली मिर्च की खेती की कहां-कहां होती है?

काली मिर्च का पौधा त्रावणकोर और मालाबार के जंगलों में बहुत ज्यादा मात्रा में उत्पन्न होता है। इसके अलावा इसकी काली मिर्च की खेती कोचिन, मैसूर, कुर्ग महाराष्ट्र और असम में भी की जाती है। काली मिर्च की खेती सालों भर होती है। जुलाई में इसपर फूल उगते हैं। काली मिर्च के फूल सफेद और हल्के पीले होते हैं। जनवरी से मार्च तक काली मिर्च के फल पककर तैयार हो जाते हैं।

काली मिर्च के फायदे – Black Pepper BenefitS

सर्दी खांसी करे दूर – काली मिर्च का सेवन करने से सर्दी के मौसम में खांसी और जुकाम से राहत मिलती है। इसके साथ-साथ यह गला भी साफ रखता है। काली मिर्च के सेवन से जुकाम के कारण बाल झरने की समस्या भी कम होती है।

चर्म रोग और मुहांसों में फायदेमंद – काली मिर्च खाने से मुंह में होने वाली मुहांसों से राहत मिलती है। यदि शरीर पर कहीं पर फोड़ा या फुंसी है तो काली मिर्च को पीसकर फोड़े वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है। हालांकि इसे लगाने से थोड़ी जलन हो सकती है।

डिप्रेशन को खत्म करता है – काली मिर्च में पिपराइन मौजूद होता है। साथी में इसमें एंटी-डिप्रिसेंट गुण मौजूद होते हैं। काली मिर्च खाने से यह गुण आपकी टेंशन और डिप्रेशन को कम करता है।

दातों की समस्या करे खत्म – काली मिर्च खाने से दांतों से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती है। मसूड़ों के दर्द में काली मिर्च खाने से बहुत जल्दी आराम मिलता है। इसके अलावा काली मिर्च, माजूफल और सेंधा नमक एक साथ मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में सरसों तेल मिलाकर दांतों और मसूड़ों पर लगाकर आधे घंटे बाद साफ कर लें। इससे मसूड़ों और दांतों की समस्या दूर होगी।

गैस और एसिडिटी की समस्या का करें निदान – काली मिर्च के सेवन से आधुनिक जीवनशैली के कारण उत्पन्न गैस और एसिडिटी की समस्या में आराम मिलता है। यदि गैस की समस्या या एसिडिटी की समस्या है तो नींबू के रस में काला नमक और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर खाएं। गैस और एसिडिटी की समस्या में तुरंत राहत मिलेगी।

हिचकी की समस्या करे दूर – काली मिर्च का सेवन करने से हिचकी की समस्या दूर होती है। इसके लिए हरे पुदीने की 30 पत्ती, 2 चम्मच सौंफ, मिश्री और काली मिर्च का चूर्ण एक गिलास पानी में उबालकर पीने से हिचकी की समस्या दूर होती है।

कैंसर से करे बचाव – काली मिर्च खतरनाक कैंसर जैसी बीमारी से भी आपको बचाता है। काली मिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, कारोटेन्स और अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसे खाने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है।

पेट के कीड़े का करे सफाया – काली मिर्च का पाउडर बनाकर खाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा किशमिश के साथ काली मिर्च खाने से भी पेट के कीड़ों की समस्या से छुटकारा मिलता है।

काली मिर्च और घी के फायदे –

खांसी की समस्या होने पर देसी घी में थोड़ी सी काली मिर्च का पाउडर मिलाकर गर्म करें। अब इसमें पीसी हुई मिश्री मिलाकर लगातार 2 से 3 दिन तक खाने से खांसी में आराम मिलता है।

रोजाना एक चम्मच घी और 8 काली मिर्च और उसके साथ शक्कर को मिलाकर सेवन करने से आपकी शक्ति में सुधार होता है और दिमाग की कमजोरी भी दूर होती है।

काली मिर्च और शहद खाने के फायदे –

काली मिर्च और शहद को एक साथ मिलाकर खाने से कई फायदे होते हैं। काली मिर्च के नियमित इस्तेमाल से कई गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

  1. काली मिर्च और शहद खाने से सर्दी-खांसी की समस्या और फ्लू की समस्या से छुटकारा मिलता है।
  2. काली मिर्च और शहद का सेवन करने से पेट की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यह पेट की गंदगी को बाहर निकालता है।
  3. काली मिर्च को शहद में मिलाकर सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। एक चम्मच शहद में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर सेवन करना चाहिए।
  4. ब्लड शुगर के लेवल को भी काली मिर्च और शहद का मिश्रण से कम किया जा सकता है। डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए शहद और काली मिर्च का सेवन किया जाता है।
  5. काली मिर्च और शहद का सेवन करने से कोलेस्ट्ऱॉल का लेवल कंट्रोल में रहता है।

नोट – यह एक सामान्य जानकारी है। उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

 

पीएम वाणी योजना में आवेदन के लिए

 

PM Wani Yojana - प्रधानमंत्री वाणी योजना का उद्देश्य और पंजीकरण प्रक्रिया

भारत सरकार ने प्रधानमंत्री वाणी योजना (PM Wani Yojana) के अंतर्गत दूरसंचार विभाग द्वारा सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (Public Wi-Fi Access Network Interface) को स्थापित करने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस को ही प्रधानमंत्री वाणी योजना (PM Wani Yojana) के नाम से जाना जाता है।

इस योजना का प्रारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। पीएम वाणी योजना के माध्यम से देश के नागरिकों को सार्वजनिक स्थानों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी। प्रधानमंत्री वाणी योजना को पीएम वाणी योजना (PM Wani Yojana) के नाम से भी जाना जाता है।

सरकार का कहना है कि पीएम वाणी योजना से देश में बड़े पैमाने पर डिजिटल क्रांति आएगी। साथ ही इससे व्यवसाय और रोजगार के अवसर भी बढ़ने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 9 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री वाणी योजना (PM Wani Yojana) के बारे में विधिवत जानकारी दी थी।

पीएम वाणी योजना (PM Wani Yojana) के माध्यम से देश में कनेक्टिविटी और डिजिटल पहुंच में सुधार किया जाएगा। इसके लिए सार्वजनिक स्थानों पर बड़े पैमाने पर WiFi Hotspot लगाए जाएंगे। WiFi Hotspot को लगाने के लिए किसी भी प्रकार का लाइसेंस, पंजीकरण या आवेदन शुल्क इत्यादि नहीं देना होगा।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पीएम वाणी योजना (PM Wani Yojana) के अंतर्गत 20 जगहों पर यह सेवा दी जाएगी। इसके लिए दिल्ली नगर निगम द्वारा एक डिवाइस को लगाने के लिए ₹4720 खर्च किया जाएगा। पीएम वाणी योजना के अंतर्गत दिल्ली के 272 वार्डों में 5000 राउटर लगाए जाएंगे।

पीएम वाणी योजना के लिए पूरे भारत में सार्वजनिक डाटा केंद्र खोले जाएंगे। यह पूरी तरह से लाइसेंस मुक्त होगा। फ्री वाई-फाई वाणी योजना (Free WiFi Wani Yojana) को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 9 दिसंबर 2020 को मंजूरी दी गई थी। इस योजना के माध्यम से छोटे दुकानदारों को भी फ्री वाई-फाई सेवा (Free Wife Service) प्राप्त होगी।

Highlights Of PM-WANI Yojana
  • योजना का नाम – पीएम वाणी योजना
  • स्वामित्व – भारत सरकार
  • लाभार्थी – भारत के नागरिक
  • उद्देश्य – सार्वजनिक स्थानों पर वाई फाई सुविधा प्रदान करना
पीएम वाणी योजना पंजीकरण

इस योजना के लिए लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि पीडीओए और इंटरनेट सर्विस प्रदाता को दूरसंचार विभाग से पंजीकृत होना अनिवार्य है। पीडीओए और इंटरनेट सर्विस प्रदाता को पंजीकरण की प्रक्रिया आवेदन करने के 7 दिनों के अंदर कर लेना है।

प्रधानमंत्री वाणी योजना का उद्देश्य

पीएम वाणी योजना का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकों को फ्री वाई-फाई (Free WiFi) की सुविधा उपलब्ध कराना है। इस योजना के माध्यम से देश के सभी नागरिक इंटरनेट से जुड़ सकेंगे। सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना से लोगों को व्यापार करने में भी आसानी होगी। इससे लोगों की आय में वृद्धि होगी और उनकी जीवनशैली में सुधार होगा। पीएम वाणी योजना (PM Wani Yojana) का मुख्य उद्देश्य देश में डिजिटल इंडिया (Digital India) को बढ़ावा देना है। इस योजना के अंतर्गत सार्वजनिक डाटा कार्यालय भी स्थापित किए जाएंगे। सार्वजनिक डाटा कार्यालय के माध्यम से ही लोगों को मुफ्त इंटरनेट की सुविधा मिलेगी।

PM-WANI Yojana के क्या लाभ होंगे?
  1. पीएम वाणी योजना के माध्यम से देशभर में फ्री वाई-फाई सुविधा नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी।
  2. इस योजना के तहत इंटरनेट पूरी तरह से मुफ्त होगी।
  3. इस योजना को प्रधानमंत्री वाईफाई एक्सेस नेटवर्क इनिशिएटिव के नाम से भी जाना जाता है।
  4. पीएम वाणी योजना (PM Wani Yojana) से लोगों को नए अवसर मिलेंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी। इससे देश के नागरिकों की जीवनशैली में सुधार होगा।
  5. योजना के अंतर्गत खुलने वाले सार्वजनिक डाटा सेंटर्स में लोगों को नौकरियाँ मिलेंगी।
  6. पीएम वाणी योजना के अंतर्गत लोगों को निर्वाध और बिना रोक-टोक के इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी।

पीएम वाणी योजना में आवेदन के लिए अभी आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। अभी सरकार ने सिर्फ इसकी घोषणा की है। जल्द ही फ्री वाई-फाई वाणी योजना (Free Wife Wani Yojana) के अंतर्गत आवेदन की घोषणा की जाएगी।

कनखजूरा अगर किसी इंसान के कान में चला जाता है तो फिर क्या होता है?


कानखजूरा(खनखजूरा) के कुछ चित्र नीचे प्रदर्शित किये गये हैँ जो GOOGLE से प्राप्त हुए हैँ।

जब कानखजूर कान मेँ चला जायेगा तो आगे मार्ग न मिलने से स्वतः लौटेगा पर इसी बीच लोग घबड़ा कर उसे निकालने का प्रयास करने लगते हैँ जो कि स्वाभाविक है पर इस प्रयास के फलस्वरूप कानखजूरा भी घबड़ा जाता है और आत्मरक्षा हेतु अधिकतर काट लेता है। इसका विष मधुमख्खी के डङ्क के समान ही कष्टकारक है। रक्त मेँ ऑक्सीजन कम होने लगती है और पीड़ित को नीन्द आने लगती है या अचेतावस्था मेँ भी पहुँच सकता है।

घरेलू उपचार यह है कि काटे हुए स्थान पर चूना लगा देँ या मिट्टी का तेल लगाकर रगड़ देँ साथ ही साथ चिकित्सक से तत्काल सम्पर्क करेँ।


कनखजूरा काटने का उपचार, कनखजूरा से छुटकारा पाने का आसान घरेलू उपाय


कनखजूरा काटने का उपचार – कनखजूरा नमी वाले स्थान पर ज्यादा पाया जाता है। कनखजूरा तभी काटता है जब या तो वह भूखा हो या फिर अपनी आत्मरक्षा में। बदलते मौसम में कनखजूरा कई बार घर में या फिर किचन में भी आ जाते हैं। कनखजूरा का डंक काफी दर्दनाक होता है। इसका जहर कई समस्याएं उत्पन्न करता है।

कनखजूरा अगर किसी चूहे को काट ले तो उसकी तत्काल मौत हो जाती है। हालांकि इंसान इस मामले में कुछ भाग्यशाली है। यदि कनखजूरा काट ले तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इंसान की इससे मौत नहीं होती है। इंसान को कनखजूरा के काटने से बहुत दर्द होता है।

कनखजूरा जब किसी इंसान को काटता है तो उससे इंसान के शरीर में ऑक्सीजन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। शरीर में ऐंठन होने लगती है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द रहता है। हालांकि व्यक्ति की मौत नहीं होती है।

कनखजूरा के काटने से इंसान को थकान महसूस होता है। ऐसा खून में ऑक्सीजन की प्रक्रिया धीमी होने की वजह से होता है। जब कनखजूरा किसी इंसान को काट ले तो तुरंत ही डॉक्टर से इसका ईलाज करवाना चाहिए। लेकिन कुछ घरेलु उपचार भी हैं जिसका उपयोग कर कनखजूरा के जहर को कम किया जा सकता है।

कई छोटे रेंगने वाले जीव ऐसे होते हैं जिसके काटने से मनुष्य की मृत्यु तक हो जाती है। कनखजूरा उन्हीं जीवों में से एक है। हालांकि मौत होने का आंकड़ा बहुत कम है। कई बार यह शरीर पर चिपक जाता है तो कई बार कान में घुस जाता है। आइए जानते हैं कनखजूरा काटने का उपचार –

कनखजूरा काटने का इलाज
कनखजूरा काटने का उपचार
कनखजूरा काटने का उपचार (घरेलू उपचार)

1. यदि किसी व्यक्ति के कान में कनखजूरा घुस जाए तो तुरंत ही पानी में सेंधा नमक मिलाकर कान में डालना चाहिए। इससे कनखजूरा या तो मर जाता है या फिर वो पानी के साथ ही बाहर निकल जाता है।

2. किसी व्यक्ति को जब कनखजूरा काट ले तो दारू, हल्दी और सेंधा नमक की बराबर मात्रा लेकर पीसकर साफ कपड़े में छान लेना चाहिए। पीसे हुए मिश्रण में गाय का घी मिलाकर लेप बनाएं और उसे काटे गए स्थान पर लगाएं। इससे विष का असर खत्म होने लगेगा।

3. यदि कनखजूरा किसी इंसान के किसी अंग में चिपक जाए तो तुरंत चीनी या चीनी का भूरा लेकर कनखजूरा के मुह पर डालें। इससे तुरंत आराम मिलता है।

4. कनखजूरा या फिर बिच्छू काटने पर प्याज का लेप लगाना चाहिए। प्याज का लेप इसमें काफी असरदार होता है। प्याज का लेप लगाने से विष तुरंत ही निकल जाएगा।

कनखजूरा काटने का इलाज कैसे करें
कनखजूरा काटने का उपचार कैसे करें?
कनखजूरा से छुटकारा कैसे पाएं?

कनखजूरे या फिर छोटे कीड़े-मकौड़े को सड़े-गले पौधे और गीली पत्तियों को खाना पसंद होता है। घर, फुलवारी, बगीचे या फिर आसपास जहां पर इसे नमी वाली जगह मिलती है, घुस जाते हैं। ऐसे में कनखजूरा से छुटकारा पाने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं-

1. अपने घर या बगीचे में एक टीन का डिब्बा ले और उसमें डेढ़ इंच तक वनस्पति तेल से भर दें। वनस्पति का तेल कनखजूरों को आकर्षित करता है। कनखजूरा आकर्षित होकर रेंगते हुए आएंगे और तेल में डूब जाएंगे।

2. अपने घर की नींव के चारों ओर और नमी वाले स्थानों पर कीटनाशकों का छिड़काव करें। फुलवारी और बगीचे में सड़ी हुई घास पर अच्छी तरह से कीटनाशकों का छिड़काव करें। अगर इससे कनखजूरा पर कोई असर नहीं होता है तो पायसीकरणीय कीटनाशक (emulsifiable insecticide) को पानी में मिलाकर प्रयोग करें। इससे जमीन के नीचे छिपे कनखजूरे भी निकल जाएंगे।

3. कई जानवर हैं जो कनखजूरे की संख्या को कम करने में मदद करते हैं। मेढ़क और चिड़ियां इसका शिकार करते हैं। पक्षियों और मेढ़कों को बगीचे में आकर्षित करें। यह जीव कनखजूरे का प्राकृतिक शिकारी होते हैं। यह कनखजूरे की संख्या को कम करने में मदद करेंगे। पक्षियों को आकर्षित करने के लिए घोसले बनाएं। चारा दें। यह कनखजूरा से मुक्ति दिला सकते हैं।

वह पौधा चुंबक की तरह धन को आकर्षित करता है


 

पौधा चुंबक की तरह धन को आकर्षित करता है । यह पौधा अंबानी के घर में भी लगाया जाता है । ज्यादातर लोग अपने घर को सजाने के लिए कई तरह के पौधे लगाते हैं । इसके अलावा , वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार , कई लोग अपने घर के अंदर कुछ पौधों को रखते हैं ।

ताकि उसका अच्छा प्रभाव उसके घर पर पड़े । अगर आपके घर के अंदर वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार पौधे लगाए जाते हैं , तो आपको इससे अच्छा लाभ मिलता है ।

यूं तो आपने अपने आस – पास बहुत सारे पौधे देखे होंगे , लेकिन शायद ही आपमें से किसी ने घर पर ऐसा पौधा देखा होगा जो चुंबक की तरह पैसे को आकर्षित करता हो । जी हां , आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं , जो लगभग हर अमीर व्यक्ति के घर में लगाया जाता है और उन्हें चुंबक की तरह पैसा आकर्षित करने में मदद करता है । तो चलिए आपको बताते हैं कि यह पौधा कौन सा है जो धन खींचने में मदद करता है ।

इस पौधे का नाम मयूर बर्ड है । यह सुनने में आपको थोड़ा अजीब लग सकता है , लेकिन सच्चाई यह है कि दुनिया के लगभग सभी अमीर लोगों के घरों में आप इन पौधों को जरूर पा सकते हैं जो पैसा खींचते हैं । अगर यह मोर का पौधा आपके घर में लगाया जाए तो यह आपके घर की सभी परेशानियों को दूर कर देगा । और साथ ही आपके घर में हमेशा के लिए सुख और समृद्धि का वास होता है । इसके अलावा , इन पौधों को बहुत शुभ माना जाता है ।

अगर घर में मोर को सही जगह पर लगाया जाए तो यह बहुत फायदेमंद हो सकता है । ऐसा कहा जाता है कि जब भी आप इस पौधे को लगाते हैं , तो इसे जोड़े में ही लगाएं , नहीं तो सिर्फ पौधे लगाने से कोई फायदा नहीं होता । इन पौधों को हमेशा घर के मुख्य दरवाजे के पास एक दूसरे के सामने लगाया जाना चाहिए । ज्योतिष के अनुसार , यह माना जाता है कि जो पौधे लगाए जाते हैं , वे घर में कभी भी नकारात्मकता नहीं रखते हैं ।

आपको जानकर हैरानी होगी कि लेकिन सच्चाई यह है कि अंबानी के घर में भी मयूर बर्ड का यह पौधा लगाया है और उन्हें भी इस पौधे पर अटूट विश्वास है । इस पौधे की महिमा जानने के बाद , यह कहा जाता है कि जिस घर में यह पौधा पाया जाता है , वहां धन से संबंधित कोई समस्या नहीं होती है । मोर के पंखों का विवरण देव वाहिनी तंत्र में दिया गया है । मोर के पंखों का सभी शास्त्रों , ग्रंथों , वस्तुओं और ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान है । मोर के पंखों को घर में ऐसे स्थान पर रखें जहां यह आसानी से दिखाई दे । मोर के पंखों को घर में रखने का महत्व भी एक धार्मिक प्रयोग है ।

चित्र गूगल से लिए है।

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