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शनिवार, 18 सितंबर 2021

फिशिंग के खतरे को कैसे पहचाना जा सकता है?

लगभग रोज ही कोई न कोई फिशिंग का शिकार बन रहा है। लोगों में जागरूकता की कमी इसका सबसे बड़ा कारण है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह लेख लिखा गया है। इसका उद्देश्य आपकी जानकारी को बढ़ाना है जिससे आप फिशिंग से अपने और अपने चाहने वालों को बचा सकें।

फिशिंग ( Phishing )अर्थात - व्यक्तिगत जानकारी, जैसे पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड नंबर, ऑनलाइन प्रकट करने के लिए व्यक्तियों को प्रेरित करने के लिए प्रतिष्ठित कंपनियों से ईमेल भेजने की धोखाधड़ी की प्रथा।

जिस प्रकार मछली को चारा डाल कर फँसाया जाता है ठीक वैसे ही ठगबुद्धि वाले लोग अपने शिकार को स्पैम सन्देश, नकली विज्ञापन, नकली वेबसाइट्स या कभी-कभी फ़ोन कॉल्स के माध्यम से भी फँसाते हैं। अधिकतर मामलों में लोगों का डर उनके फँसने की वजह बनता है।

फिशिंग के कई तरीके प्रचलन में हैं और ये बिलकुल विश्वसनीय स्रोतों से आए हुए लगते हैं यदि इन्हें समय रहते पहचान लिया जाए तो आप नुकसान से बच सकते हैं। आईए अब देखें फिशिंग के कुछ सामान्य तरीके और कैसे उनकी पहचान की जाए :-

ईमेल के माध्यम से फिशिंग - ईमेल के माध्यम से धोखाधड़ी करने का तरीका काफी समय से चल रहा है। किसी जानी-मानी कंपनी या किसी बैंक के नाम का इस्तेमाल करके लोगों को फँसाया जाता है, प्रायः इनमें निजी या वित्तीय जानकारी मांगी जाती है। इन मेल्स के साथ किसी वेबसाइट का लिंक होता है जो कि लोगों को असली लगती है , ऐसे किसी लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक करने पर लोग चोरों के जाल में फँस जाते हैं। अनुमान है कि ९७ % लोग असली और नकली ईमेल एड्रेस की पहचान नहीं कर पाते।

बचाव के उपाय

  • अज्ञात स्रोत से आने वाले ईमेल के साथ के लिंक पर क्लिक न करें और अटैचमेंट्स को डाउनलोड न करें।
  • जिस ईमेल अड्रेस से मेल आया है उसकी स्पेलिंग जाँच करें, अधिकाँश मामलों में देखा गया है फर्जी एड्रेस की स्पेलिंग गलत होती है और हाँ ईमेल में व्याकरण की गलतियों की भी जाँच करें, एक-एक अक्षर ध्यान से पढ़ें।
  • अपनी निजी और वित्तीय जानकारी जैसे कि आपका एटीएम कार्ड नंबर; cvv, पिन इत्यादि किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विशेषकर सोशल मीडिया में शेयर नहीं करें।
  • बैंक के कर्मचारी आपसे कभी भी आपके एटीएम या क्रेडिट कार्ड की जानकारी नहीं मांगते , यदि ईमेल में आपकी जानकारी मांगी गई है तो अपने बैंक की शाखा से सम्पर्क कीजिए।
  • आपका बैंक अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया है, आपके नेट बैंकिंग अकाउंट में किसी ने अनाधिकृत लॉग इन किया। यदि ईमेल के सब्जेक्ट में इस प्रकार की भाषा का प्रयोग हुआ है तो ऐसे मेल्स को तुरंत स्पैम रिपोर्ट कर दीजिए।
  • याद रखें , वैध व्यवसाय हमेशा संपर्क विवरण प्रदान करते हैं, जबकि फर्जी ईमेल में सम्पर्क विवरण नहीं दिया जाता।

फ़ोन कॉल के माध्यम से - भारत में अक्सर लोग फर्जी कॉल्स के शिकार होते रहते हैं। ईमेल फिशिंग और इसमें केवल माध्यम का अंतर है बाकि इसमें भी जालसाज अपने शिकार को फोन के द्वारा सम्पर्क करके निजी या वित्तीय जानकारी की मांग करते हैं। ऐसा करने के लिए या तो लोगों को डर दिखाया जाता है जैसे कि यदि आपने अपने बैंक खाते की जानकारी नहीं दी तो आपका खाता बंद हो सकता है; आपको जुर्माना देना पड़ सकता है आदि-आदि। आपकी लॉटरी लगी है अपने बैंक खाते की जानकारी दीजिए ताकि हम राशि आपके खाते में जमा कर सकें , कभी-कभी इस प्रकार का लालच देकर धोखेबाज अपना काम कर जाते हैं। मुझे हैरानी तब होती है जब बैंक में काम करने वाले लोग भी इनका शिकार हो जाते हैं।

इनसे कैसे बचें

  • कभी भी फोन पर अपनी वित्तीय जानकारी न दें, उसे बातों में उलझा कर इंटरनेट पर उसकी कंपनी के बारे में पता करें। यदि किसी असली कंपनी के नाम पर कॉल आया है तो उनसे सम्पर्क कर इस कॉल के बारे में बताएं। कोई अपने को बैंक का कर्मचारी बताता है तो अपने बैंक से तत्काल सम्पर्क करें।
  • ऐसे कॉल्स में जालसाजों द्वारा दिए गए नंबर पर कॉल न करें और न ही कोई रिचार्ज करें।

पॉप-अप मैसेज के माध्यम से - इंटरनेट पर सर्फिंग करते समय कभी-कभी अनचाहे संदेश प्रकट हो जाते हैं ज्यादातर में किसी प्रकार की चेतावनी होती है

सावधान आपका ऑपरेटिंग सिस्टम पुराना हो गया है हैकर्स के निशाने पर है तुरंत अपग्रेड करें।

सावधान आपके कंप्यूटर में वायरस घुस आए हैं, इन्हें हटाने के लिए हमसे सम्पर्क करें।


सावधान ………..

सावधान ………..

इन पॉप-अप्स पर क्लिक करने पर ये आपको किसी अन्य वेबसाइट पर ले जाएंगे जो कि आपको फँसाने के लिए बनाई होती है।

पॉप-अप मैसेज की धोखधड़ी से खुद को बचाने के लिए आप ये उपाय कर सकते हैं -

  • संदेशों को ध्यान से पढ़ें। खराब वर्तनी, अव्यवसायिक चित्र और खराब व्याकरण जैसे धोखाधड़ी के स्पष्ट संकेत देखें।
  • कभी भी इन पॉप-अप्स पर क्लिक न करें।
  • संदेह होने पर एंटीवायरस द्वारा पुरे सिस्टम को स्कैन करें।

फिशिंग के द्वारा धोखाधड़ी से स्वयं को बचाने के लिए सतर्कता और जागरूकता कारगर उपाय हैं।

मिलावटी खून या खून में मिलावट


*नकली खून बनाने का गिरोह एसटीएफ ने पकड़ा, डाक्टर, हास्पिटल और लैब शामिल, मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रफेसर सहित दो गिरफ्तार कई राज्यों में करते थे सप्लाई।*

*September 17, 2021

लाल खून के काले कारोबार में लगे ये सफेदपोश......*

*मिलावटी खून या खून में मिलावट, विश्वासघात करने वाले, धोखेबाज और छल प्रपंच करने वाले षड्यंत्रकारियो सहित कपटियो के बारे कहा जाता है कि इनके खून में मिलावट है या इनका खून मिलावटी है, परन्तु इन सफेदपोश लालचियो ने पैसे की भूख में जीवनदायी खून में भी मिलावट करनी शुरू कर दी है और ये वो लोग है जिन्हे आम अवाम ने धरती का भगवान या दूसरे जीवनदाता का दर्जा दे रखा है अब इनके खून को क्या कहा जाए।*

*एसटीएफ ने गुरूवार को देश के कई राज्यों में नकली खून की सप्लाई करने वाले एक गिरोह का खुलासा किया, यह गिरोह पंजाब, राजस्थान, हरियाणा समेत कई राज्यों में मिलावटी खून सप्लाई करने का काम करता था। एसटीएफ ने मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर अभय प्रताप सिंह व उसके साथी अभिषेक पाठक को 100 यूनिट खून के पैकेट सहित गिरफ्तार किया है, एसटीएफ की टीम इनसे पूछताछ कर रही है, कई ब्लडबैंक, पैथोलॉजी तथा हास्पिटल सहित डाक्टरों और इनके साथियों के नाम सामने आए हैं।*

*ज्ञात हो कि दो वर्ष पूर्व यूपी एसटीएफ ने 26 अक्टूबर 2018 को मानव रक्त में मिलावट के बाद दोगुना कर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लखनऊ में मानव रक्त तस्करी के गिरोह के फिर सक्रिय होने की सूचना पर यूपी एसटीएफ ने एक टीम गठित कर तप्तीश बढ़ाई और मुखबिर की सूचना पर लखनऊ आगरा टोल प्लाजा के पास  एक कार काे रोका, कार की तलाशी में गत्ते में रखे 45 यूनिट खून के पैकेट बरामद किए, कार में डाक्टर अभय सिंह सवार था जिसने वर्ष 2000 में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया था। डाक्टर अभय ने एसटीएफ को बताया कि वह राजस्थान, हरियाणा, पंजाब व अन्य प्रांतों से ब्ल्ड डोनर द्वारा डोनेट खून को लखनऊ ला रहा है, हालांकि इसके सत्यापन में वह कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा सका और कुछ समय देने पर सभी दस्तावेज दिखाने की बात कही तो पुलिस टीम उसके साथ अवध विहार योजना स्थित गंगोत्री अपार्टमेंट गई जहां डाक्टर अभय ने बताया कि वह बी-3 मकान नंबर 105 में रहता है वहां डा. अभय ने एसटीएफ को कई तरह के दस्तावेज दिखाए जो औषधि निरीक्षकों की छानबीन में फर्जी पाए गए।* एसटीएफ को डाक्टर अभय के घर की तलाशी में फ्रिज में रखे 55 यूनिट ब्लड के साथ पीछे के कमरे में अभिषेक पाठक नाम का युवक मिला।*

*एसटीएफ जांच मे खुलासा हुआ कि डॉ. अभय प्रताप सिंह सरदार पटेल डेंटल कॉलेज रायबरेली रोड का रहने वाला है। वह वर्तमान में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल कॉलेज सैफई इटावा में तैनात है। वहीं अभिषेक पाठक सिद्घार्थनगर के जमुनी का रहने वाला है।एसटीएफ को उन्होंने बताया कि मिलावट कर बनाये व तस्करी कर लाए गये खून को लखनऊ के कई नामी अस्पतालों में सप्लाई करते थे, इमसें अवध हॉस्पिटल आलमबाग, वर्मा हॉस्पिटल काकोरी, काकोरी हॉस्पिटल, लखनऊ निदान ब्लड बैंक, बंथरा व मोहनलालगंज स्थित अस्पताल, सुषमा हॉस्पिटल के अलावा कई अन्य अस्पताल शामिल हैं। इस गिरोह के अन्य सदस्यों में कमल सत्तू, दाताराम, हरियाणा का लितुदा, केडी कमाल, डॉ. अजहर राव, दिल्ली के नीलेश सिंह, हरियाणा व दिल्ली में मदद करते हैं। लखनऊ में इनके एजेंट के रूप में बृजेश निगम, सौरभ वर्मा, दीपू चौधरी, जावेद खान, धीरज तवंर शामिल हैं।*
*एसटीएफ के अनुसार आरोपियों ने कुबूल किया है कि एक यूनिट मिलावटी खून 1200 रुपये में खरीदकर 4 से 6 हजार रुपये में सप्लाई करते हैं जरूरत के मुताबिक स्लाइन वाटर मिलाकर खून को एक से दो यूनिट तक आवश्यकता अनुसार बनाते, वहीं तस्करी के खून की वैधता बताने के लिए फर्जी तरीके से लगाए गये रक्तदान शिविर के आयोजन व उसकी फोटोग्राफी का प्रयोग करते हैं। आरोपियों के खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी थाने में जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, लोगों के जिंदगी से खिलवाड़ करने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया है।*

*अक्टूबर 2018 में मिलावटी खून बनाने के आरोप में गिरफ्तार आरोपी*
*एसटीएफ की जांच जारी है कई और हैरतअंगेज खुलासे होने की उम्मीद है।*

भक्त ओर कमबख्त


भक्त.. ओर . कमबख्त
चौकीदार चोर होता तो गुजराती जनता भी इतनी बेवकुफ़ नहीं थी कि 4बार CM बनाये रखती....

चौकीदार को चोर कहने वालो ने
*अभी तक बताया नहीं कि इस चौकीदार ने चुराया क्या है?*

ये लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस की नहीं रही,
ये लड़ाई अब भक्तो और कम्बख्तों के बीच है..!!

ये पहला चुनाव है जिसमें अब तक कांग्रेसी जामा मस्जिद के शाही इमाम का सजदा करने नहीं गए और न ही इमाम ने कोई फतवा जारी किया..!!!!   मोदी है तो मुमकिन है।

मोदी जी के 4 भाई 5 चाचा ओर 18 पारिवारिक बच्चे.... सभी मेहनत करके खाते है कोई नेता नहीं किसी को टिकिट नहीं !!!
बताओ मोदी भक्ति क्यों न करें ????

मोदी जी अगर 2024 तक प्रधान मंत्री बने रहे तो ये तय है कि भारतीय सेना विश्व की सबसे शक्तिशाली सेना होगी :- जनरल बिपित रावत

हर घर से अफजल निकल रहा था तब तो कोई आपत्ति नहीं की थी.. अब हर घर से चौकीदार निकल रहा है तो मिर्ची लग रही है कम्बख्तों को!

प्रजातंत्र का गला इंदिरा ने घोंटा था लेकिन हिटलर मोदी है! और विश्व की चौथी सबसे अमीर महिला सोनिया गांधी है लेकिन चोर मोदी है!
यह बातें गले नहीं उतरती कम्बख्तों की ।

मुसलमानों के जीतने पर बेल्जियम को इस्लामिक देश घोषित करने के लिए आंदोलन शुरू ; कोंग्रेस जीती तो आगे भारत की बारी हैं....

*धर्मयुद्ध मे निमंत्रण नही भेजे जाते , जो वीर होते है वो खुद रणभूमि मे धर्म ध्वजा की रक्षा के लिए चले आते है.....*

एक योगी और सन्यासी होने के नाते मैं धर्म का चौकीदार हूँ। और प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में संविधान व जनता का चौकीदार हूँ ..... 
योगी बाबा ज़िंदाबाद

*कोई भी कोंग्रेसी मनमोहन सिंह के 10 वर्षों के शासन पर वोट क्यों नहीं मांगते?*  जब देखो दादी के नाक को लेकर क्यों दौड़ रहे हो कम्बख्तों

मुझे मेरे हिन्दू धर्म से परिचय कराया में उन मोदीजी का बहुत बडा कर्ज दार हूं.... अब में भी चोकीदार हूं....

60 साल में देश का पहला इलेक्शन है , जिसमे बिजली, पानी, गैस, यूरिया खाद, मुद्दा नहीं ; सिर्फ मोदी हटाओ....  
क्या यह अच्छे दिन नहीं है!!!!

हिंदुत्व की शक्ति का प्रभाव देखो, कल तक दरगाह-मजारों से     चुनाव प्रचार शुरू करते थे ; 
आज मंदिर-मंदिर, नदी-नदी भटकने शुरू हो गए....

*है शौक जिन्हें तलवे चाटने का वो चाटुकार हो गए,*
*है मुहब्बत जिन्हें मुल्क से वो सभी चौकीदार हो गए।।*

🇮🇳 भारत माता की जय
वन्दे मातरम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

मनुष्य को गुरु के आदेश के अनुसार ही चलकर के अपना कल्याण करना है। अपनी बुद्धि नहीं लगाना है


*"सोचो! कितनी बड़ी नासमझी है"*

*अब तक हमारा मन हरि गुरु की ओर और अधिक खिंचा कि नहीं। नहीं खिंचा? हमने बहुत गलतियाँ की, लापरवाही की, साधना नहीं की, हमारे पाप बढ़ गये, फील करो और फिर सावधान हो जाओ, नहीं तो ऐसे ही पाप बढ़ते जायँगे और मानवदेह छिन जायगा एक दिन। फिर कुत्ते, बिल्ली, गधे की योनियों में जाना होगा। तब याद आयेगी हाँ। हमको ये उपदेश मिला था, हमने नहीं माना, बुद्धि के अहंकार से। बुद्धि ने ही तो अनन्त जन्मों से हमें चौरासी लाख में घुमाया है।*

*जैसे कोई अपढ़ गँवार व्यक्ति मुकदमे में एक वकील करता है, उसको सौ, दो सौ, पाँच सौ देकर के लॉ की नॉलेज प्राप्त करता है। वकील कहता है ऐसे-ऐसे कोर्ट में बोलना, इसके अलावा कुछ नहीं बोलना। तो उसी को याद कर लेता है उतना सा हिस्सा लॉ का, और कोर्ट में डट करके जो वकील साहब ने कहा है वही बोलता है तो मुकदमा जीत जाता है और अपनी बुद्धि जरा भी लगा दी बीच में, एक सेंटेन्स भी गलत बोल गया बीच में अपनी अकल से, तो सारा मुकदमा डाउट का हो गया और डाउट का फायदा मुल्ज़िम को हो गया। तो सारी बात बिगड़ जाती है।*

*तो जैसे वो वकील के शरणागत रहता है, उसकी ही बात अनुसार चलता है, ऐसे मनुष्य को गुरु के आदेश के अनुसार ही चलकर के अपना कल्याण करना है। अपनी बुद्धि नहीं लगाना है।*

*डॉक्टर ने कहा- ये दवा खाओ इतनी, दो बूँद, एक चम्मच पानी में बस ! बुद्धि मत लगाओ कि दो बूँद दवा से क्या होगा? एक शीशी पी लो।*

*देखो ! पढ़ने जाते हो, ए. बी. सी. डी., क. ख. ग. घ., तो मास्टर कहता है ये 'क' है, तुम उसको मान लेते हो, वहाँ तो तुम्हें, डाउट नहीं होता कि ये 'क' क्यों है जी? इसको 'क' क्यों कहते हैं? इंग्लिश भाषा में कितने सारे साइलेन्ट होते हैं। अब आप कहें कि ये साइलेन्ट क्यों होता है? मैं नहीं इसको लिखूँगा, तो आप नहीं पढ़ सकते इंग्लिश। आपको मानना होगा।*

ऐसे ही-

*श्रद्धत्स्व तात! श्रद्धत्स्व।*

*वेद कहता है- श्रद्धा करो, विश्वास करो, वेद और गुरु की वाणी पर, और उसी प्रकार चलाओ बुद्धि को। सरैण्डर करो बुद्धि का, तब लक्ष्य प्राप्त होगा। अपनी बुद्धि तो मायिक है, तीन गुण की है तो अपनी बुद्धि के अनुसार चलकर मनुष्य भगवद् विषय का लाभ कैसे लेगा, जब संसार ही का लाभ नहीं ले सकता?*

*अरे! तुमने अपनी माँ को माँ बाप को बाप कैसे कह दिया, तुम्हारे पास कोई सबूत है ? माँ ने कहा था, बाप ने कहा था हम तुम्हारे मम्मी-डैडी हैं। बस ! यही सबूत ? तो क्योंजी ! तुम्हारे माँ-बाप दिन में सौ झूठ बोलते हैं, उनकी बात तो तुमने मान लिया और वेद की बात, भगवान् की बात, महापुरुष की बात मानने में बुद्धि लगाते हो?*

*सोचो ! कितनी बड़ी नासमझी है। तो इस नासमझी को हटाना है और हृदय को शुद्ध करना है।*

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम

बुधवार, 15 सितंबर 2021

तीसरी रोटी किस की होती है..


*रोटी*   

      *रामेश्वर ने पत्नी के स्वर्ग वास हो जाने के बाद अपने दोस्तों के साथ सुबह शाम पार्क में टहलना और गप्पें मारना, पास के मंदिर में दर्शन करने को अपनी दिनचर्या बना लिया था।*

       *हालांकि घर में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी। सभी उनका बहुत ध्यान रखते थे, लेकिन आज सभी दोस्त चुपचाप बैठे थे।* 

*एक दोस्त को वृद्धाश्रम भेजने की बात से सभी दु:खी थे" आप सब हमेशा मुझसे पूछते थे कि मैं भगवान से तीसरी रोटी क्यों माँगता हूँ? आज बतला देता हूँ। "*

      *कमल ने पूछा  "क्या बहू तुम्हें सिर्फ तीन रोटी ही देती है ?"*

       *बड़ी उत्सुकता से एक दोस्त ने पूछा? "नहीं यार! ऐसी कोई बात नहीं है, बहू बहुत अच्छी है।* 

       *असल में  "रोटी, चार प्रकार की होती है।"*
 
      *पहली "सबसे स्वादिष्ट" रोटी "माँ की "ममता" और "वात्सल्य" से भरी हुई। जिससे पेट तो भर जाता है, पर मन कभी नहीं भरता।*

       *एक दोस्त ने कहा, सोलह आने सच, पर शादी के बाद माँ की रोटी कम ही मिलती है।" उन्होंने आगे कहा  "हाँ, वही तो बात है।*

        *दूसरी रोटी पत्नी की होती है जिसमें अपनापन और "समर्पण" भाव होता है जिससे "पेट" और "मन" दोनों भर जाते हैं।", क्या बात कही है यार ?" ऐसा तो हमने कभी सोचा ही नहीं।* 

      *फिर तीसरी रोटी किस की होती है....?" एक दोस्त ने सवाल किया।*

      *"तीसरी रोटी बहू की होती है जिसमें सिर्फ "कर्तव्य" का भाव होता है जो कुछ कुछ स्वाद भी देती है और पेट भी भर देती है और वृद्धाश्रम की परेशानियों से भी बचाती है", थोड़ी देर के लिए वहाँ चुप्पी छा गई।*

     *"लेकिन ये चौथी रोटी कौन सी होती है ?" मौन तोड़ते हुए एक दोस्त ने पूछा-* 

        *"चौथी रोटी नौकरानी की होती है। जिससे ना तो इन्सान का "पेट" भरता है न ही "मन" तृप्त होता है और "स्वाद" की तो कोई गारँटी ही नहीं है", तो फिर हमें क्या करना चाहिये यार?*

      *माँ की हमेशा पूजा करो, पत्नी को सबसे अच्छा दोस्त बना कर जीवन जिओ, बहू को अपनी बेटी समझो और छोटी मोटी ग़लतियाँ नज़रन्दाज़ कर दो बहू खुश रहेगी तो बेटा भी आपका ध्यान रखेगा।*

        *यदि हालात चौथी रोटी तक ले ही आयें तो भगवान का शुकर करो कि उसने हमें ज़िन्दा रखा हुआ है, अब स्वाद पर ध्यान मत दो केवल जीने के लिये बहुत कम खाओ ताकि आराम से बुढ़ापा कट जाये, बड़ी खामोशी से सब दोस्त सोच रहे थे कि वाकई, हम कितने खुशकिस्मत हैं।*
*।।जय जय श्री राम।।*

    *।।हर हर महादेव।।*

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