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सोमवार, 18 अक्तूबर 2021

सिर्फ़ AC कार का उपयोग करनें वाले मित्र ही पढें

सिर्फ़ AC कार का उपयोग करनें वाले मित्र ही पढें
------- *पुनः प्रसारण*----------------------------------

*कृपया ध्यानपूर्वक पढ़ें और सभी से इस जानकारी को साझा करें।*

यह सन्देश सभी व्यक्ति, जो 'एसी कार' का उपयोग करते हैं के लिये अति आवश्यक और महत्वपूर्ण है।क्योंकि, यह उनके स्वास्थ्य से सीधा सम्बन्ध रखता है।

*"कार की उपयोग पुस्तिका"* कार  स्टार्ट करने और 'एसी' चलाने से पहले समस्त शीशों को खोलने का निर्देश देती है जिससे गर्म हवा बाहर निकल जाये। क्यों ?

इसमें कोई भी आश्चर्य की बात नहीं है कि आज कैंसर के कारण पहले की अपेक्षा बहुत मौतें हो रही हैं। अत्यन्त आश्चर्य होता है कि कैंसर की उत्पत्ति किन पदार्थों से हो रही है। एक ऐसा उदाहरण है जो कैंसर की उत्पत्ति के कारणों को बहुत हद तक स्पष्ट करता है।

प्रतिदिन अधिकांश व्यक्ति सर्वप्रथम  'सुबह के समय' और 'अंतिम बार रात' को अपनी कारों का उपयोग करते हैं।

कृपया कार में बैठते ही 'ए सी' को न चलायें। कार में प्रवेश करते ही, *"सबसे पहले शीशों को खोलें"* और कुछ मिनटों के बाद ही 'ए सी' चालू करें।

इसका "कारण", अनुसंधानों से यह पता चला है कि कार का डैश बोर्ड, सीट,'ए सी' की डक्ट्स, वस्तुतः गाड़ी की प्रत्येक पलास्टिक की बनी वस्तुएँ 'विषैली गैस' *"बैन्जीन"* छोड़ती हैं जो कि 'कैंसर' उत्पत्ति का एक बहुत बड़ा तत्व है।

जब भी आप कार खोलें तो कार को स्टार्ट करने से पहले कुछ क्षण के लिये गर्म पलास्टिक की गंध को स्वयम् अनुभव करेंगे।

बैन्जीन, कैंसर कारक होने के साथ - साथ हड्डियों पर विषैला प्रभाव, एनीमिया और स्वास्थय रक्षक सफ़ेद रक्त कणों (यह रोग कारक विषाणुओं को नष्ट करते हैं) में कमी लाती है।अधिक समय के सम्पर्क से ल्युकेमिया और कुछ अन्य प्रकार के कैंसर बढ़ने का पूर्ण ख़तरा है। इसके कारण गर्भवती महिलाओं में गर्भपात हो सकता है।

बन्द स्थान में बैन्ज़ीन का "स्वीकृत" स्तर 50 मिलीग्राम प्रति वर्ग फ़ीट है।

एक कार जोकि एक बन्द जगह पार्क की गई हो और जिसके शीशे बन्द हों में 400-800 मिलीग्राम बैन्ज़ीन का स्तर होगा - *स्वीकृत मात्रा से 8 गुणा अधिक*।

यदि इसको बाहर खुले में पार्क किया गया हो जहाँ पर तापमान 30 अंश सेन्टीग्रेड से अधिक हो तो, बैन्ज़ीन का स्तर 2000-4000 मिलीग्राम होगा, अर्थात *स्वीकृत स्तर से कम से कम 40 गुणा अधिक*।

जो व्यक्ति शीशे बन्द हुई कार में बैठ जाते हैं वस्तुतः वह अत्याधिक मात्रा में विद्यमान विषैली बैन्ज़ीन को साँस के द्वारा अपने शरीर में लेंगे।

बैन्ज़ीन एक विषैला तत्व है जोकि गुर्दे और लीवर पर दुष्प्रभाव डालता है।सबसे ख़तरनाक बात है कि हमारा शरीर इस विषैले तत्व को बाहर करने में नितान्त असमर्थ है।

*अतः कार में बैठने से पहले कुछ समय के लिये इसके दरवाज़े व खिड़कियाँ खोल दें* जिससे  बैठने से पहले ही अन्दर की हवा बाहर निकल जाये (अर्थात हानिकारक विषैली गैसीय तत्व बाहर निकल जाये)
*विभिन्न प्रकार के कैंसर का शुरुआत में पता चलनें पर काबू पाया जा सकता है*

*डॉ.के.पी.सिंह"Goldmedalist"*
      *【कैंसर रोग विशेषज्ञ】*
       *कॉल :9213981415*
*शिक्षा:* जब कोई व्यक्ति महत्वपूर्ण  तथ्य जिससे आपको लाभ हो बताता है, तो आपका भी यह नैतिक फ़र्ज़ है कि आप भी इस अमूल्य जानकारी को औरों तक पहुंचाए
      *निवेदन एवम आग्रह*
☝🏼 *(Most useful message..)*
 *कृपया सभी ग्रुप्स में शेयर  करें >*

रविवार, 17 अक्तूबर 2021

एकमात्र कारण है ... धर्मशिक्षा का अभावl

*दुनिया का कोई भी मुस्लिम दुनिया में कहीं भी ... कभी भी उनके ईद के त्योहार पर "HAPPY EID" नहीं कभी नही कहते।  वे  "ईद मुबारक" ही कहेंगे ...*

 *दुनिया के कोई भी  ईसाई (ख्रिश्चन) दुनिया में कही भी हो ... वे कभी भी क्रिसमस के दिन "HAPPY CHRISMAS" नहीं कहते।  वे "मेरी क्रिसमस"  ही कहेंगे...*

 Happy DIWALI,

 Happy  NAVARATRI,

 Happy Dashara

 Happy Holi ...

ऐसे अंग्रेजी लंगोट लगाए हुए शब्द केवल हिंदुही बनाते है ... क्योंकि,

शुभ दीपावली, दीपावली की शुभकामनाएँ....

शुभ दशहरा, दशहरे की हार्दिक शुभकामनाए....

शुभ नवरात्री, नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाए....

शुभ होली, होली की हार्दिक शुभकामनाए....

ये शब्द हमे पिछड़े हुए लगते हैं ना....

ऐसा क्यों?  तो, इसका एकमात्र कारण है ... धर्मशिक्षा का अभाव!

अगर धर्मशिक्षण हमारे अंदर होता ... तो हम ऐसे पिछड़े शब्द नही बोलते ....
अगर हम हिंदुओ मे धर्मशिक्षण होता तो हमे अपनी भाषा पर गर्व होता।  हमे  सच मे धर्मशिक्षा  की बहुत ज्यादा आवश्यकता है ....

याद रखें कि अपनी भाषा संस्कृति ही अपनी पहचान है, और यही हमारी पहचान हम खुद मिटा रहे है....
याद रखना अपनी भाषा अपनी संस्कृति है, हमारे संस्कार है, और यही भाषा हमारा धर्म है....

 कहा जाता है,
 *भाषा रक्षती, रक्षित:* अर्थात आप भाषा की रक्षा करें, भाषा आपकी रक्षा करेगी।

हमे अपने धर्म में चल रहे इन गलत कार्यों को धर्मशिक्षण लेकरं सुधारना होगा. फिलहाल इसके आगे तो सुधरो....

 *शुभ दीपावली, या दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए कहें*

 *शुभ दशहरा, या दशहरे की हार्दिक शुभकामनाए कहें.*

 *शुभ नवरात्री, या नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाये कहें.*

*शुभ होली, या होली की हार्दिक शुभकामनाए कहें.*

ऐसे हम हमारी राज्यभाषा मातृभाषा मे भी शुभकामनाए दे सकते है....
मराठी लोग मराठी भाषा मे दे सकते है....
गुजराती लोग गुजराती भाषा मे दे सकते है....
बिहारी लोग बिहारी भाषा मे दे सकते है....
पंजाबी लोग पंजाबी भाषा मे दे सकते है....

या देश स्तरपर संस्कृत या शुद्ध हिंदी भाषा का उपयोग करे....

*गर्व करो कि हम दुनिया के सबसे प्राचीन और सबसे महान सनातन वैदिक हिंदु धर्म मे जन्मे है.*
*संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन सबसे महान  सबसे कठिन और सबसे जादा ज्ञान  होनेवाली  भाषा है सभी भाषा का मूल संस्कृत है तो उसको बढावा दे....*

*🚩धर्मो रक्षति रक्षितः*🚩

*🚩अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तदैवच:*🚩

*जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण।☀️🇮🇳*

गुरुवार, 14 अक्तूबर 2021

विजय दशमी पर हर हिंदू को शस्त्र पूजा करनी है..शस्त्र पूजा मुहूर्त, पढ़ें महत्व. ये शस्त्र सूक्तियां आज नोट कर लें...


कल है दशहरा, जानें विजयादशमी पूजा एवं शस्त्र पूजा मुहूर्त, पढ़ें महत्व
विजयादशमी 2021 पूजा मुहूर्त

इस वर्ष विजयादशमी का पावन पर्व सर्वार्थ सिद्धि योग और रवियोग में है। सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06:22 बजे से सुबह 09:16 बजे तक और रवि योग पूरे दिन है। ऐसे में आप विजयादशमी की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में करें तो उत्तम है। हालांकि दशहरा को अभिजित मुहूर्त दिन में 11:44 से दोपहर 12:30 बजे तक है। इसमें भी आप पूजा कर सकते हैं। लेकिन सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा अच्छा रहेगा। विजयादशमी के दिन देवी अपराजिता की पूजा होती है।

विजयादशमी 2021 शस्त्र पूजा मुहूर्त

अपने देश में विजयादशमी के पावन पर्व पर शस्त्र पूजा की भी परंपरा है। इस वर्ष विजयादशमी पर शत्र पूजा के लिए विजय मुहूर्त दोपहर 02:02 बजे से दपेहर 02:48 बजे तक है। इस मुहूर्त में आप शस्त्र पूजा कर सकते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में भी कर सकते हैं।
दशहरा का महत्व

भगवान श्रीराम ने अपनी पत्नी सीता का हरण करने वाले लंका के राजा रावण का वध आश्विन शुक्ल दशमी को किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार भीषण युद्ध के बाद दशमी को रावण का वध हुआ और श्रीराम ने लंका विजय प्राप्त की, इसलिए इस दिन को विजयादशमी या दशहरा के रुप में मनाया जाता है। वहीं, मां दुर्गा ने महिषासुर के साथ 10 दिनों तक भीषण संग्राम किया और आश्विन शुक्ल दशमी को उसका वध कर दिया। इस वजह से भी उस दिन को विजयादशमी के रुप में मनाया जाने लगा। ये दोनों ही घटनाएं बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक हैं।

दशहरा पर क्यों होता है शस्त्र पूजन, 

जानें किस तरह शुरू हुई ये परंपरा
Dussehra 2021: दशहरा बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है. मान्यता है इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. दशहरे के इस पर्व को विजय दशमी के नाम से भी जानते हैं. साथ ही मान्यता ये भी है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का इसी दिन वध किया था. दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करने की परंपरा सदियों पुरानी है.

दशहरे के दिन शस्त्र पूजन की परंपरा सदियों पुरानी
युद्ध के लिए क्षत्रिय करते थे दशहरे का इंतजार

Dussehra 2021: दशहरा (Dussehra) अश्विन माह की शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार 15 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को देशभर में ये पर्व मनाया जाएगा. इस दिन विशेष रूप से शस्त्र पूजन (Shashtra Puja Dussehra) का विधान है. दशहरा को विजय दशमी भी कहते हैं. इस दिन मां दुर्गा और भगवान श्रीराम का पूजन होता है. मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले कामों का शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है. यह भी कहा जाता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करनी चाहिए. आइये जानते हैं इस परंपरा से जुड़ा इतिहास और क्यों होता है शस्त्र पूजन.

दशहरा का महत्व
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के असुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराया था. इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है. प्राचीन समय से इस दिन सनातन धर्म में शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है. इस दिन लोग शस्त्र पूजन के साथ ही वाहन पूजन भी करतें हैं. वहीं आज के दिन से किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना भी शुभ माना जाता है. 

इसलिए शुरू हुई ये परंपरा 
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि दशहरा किस भी कार्य के लिए शुभ है. प्राचीन समय में क्षत्रिय दशहरे का इंतजार युद्ध पर जाने के लिए किया करते थे. मान्यता थी कि इस दिन जिस तरह भगवान श्रीराम ने असत्य को परास्त कर विजय हासिल की थी और मां दुर्गा ने महिषासुर नाम की बुराई का अंत किया था, उसी प्रकार दशहरे के दिन जो भी युद्ध शुरू होता है, उसमें उनकी जीत निश्चित होती थी. युद्ध पर जाने से पहले शस्त्र पूजन होता था. तभी से ये परंपरा शुरू हुई. वहीं इस दिन को ब्राह्मण विद्या ग्रहण करने के लिए भी चुनते थे. 

शमी के वृक्ष की पूजा से मिलता शुभ फल
मान्यता है कि यदि इस दिन शमी के वृक्ष की पूजा कर किसी भी नए कार्य जैसे दुकान, व्यवसाय आदि की शुरुआत की जाए, तो उसमें भी निश्चित ही सफलता मिलती है. पुराणों के अनुसार जब भगवान श्रीराम लंका पर चढ़ाई करने जा रहें थे तो उन्होंने शमी के वृक्ष के सामने अपना शीश झुकाया था और लंका पर विजय की कामना की थी.

. इस बार दशहरा (Dussehra 2021) सर्वार्थ सिद्धि, कुमार एवं रवि जैसे महा योग में मनाया जाएगा। सर्वार्थ सिद्धि योग एवं कुमार योग सूर्योदय से सुबह 9.16 तक तथा रवि योग पूरे दिन रहेगा। इस दिन सूर्य कन्या राशि और चंद्रमा मकर राशि में होगा। सुबह 9.16 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, जो कि बहुत शुभ माना जाता है इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 1.52 से 2.35 मिनट तक रहेगा।
 
इस विधि से करें दुर्गा प्रतिमा और जवारों का विसर्जन

विसर्जन के पूर्व दुर्गा प्रतिमा का गंध, चावल, फूल, आदि से पूजा करें तथा इस मंत्र से देवी की आराधना करें-

रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।

इस प्रकार प्रार्थना करने के बाद हाथ में चावल व फूल लेकर देवी भगवती का इस मंत्र के साथ विसर्जन करना चाहिए-

गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

इस प्रकार पूजा करने के बाद दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन कर देना चाहिए, लेकिन जवारों को फेंकना नही चाहिए। उसको परिवार में बांटकर सेवन करना चाहिए। इससे नौ दिनों तक जवारों में व्याप्त शक्ति हमारे भीतर प्रवेश करती है। माता की प्रतिमा, जिस पात्र में जवारे बोए गए हो उसे तथा इन नौ दिनों में उपयोग की गई पूजन सामग्री का श्रृद्धापूजन विसर्जन कर दें।

इस विधि से करें शस्त्र पूजन

- दशहरे (Dussehra 2021) पर विजया नाम की देवी की पूजा की जाती है। यह पर्व शस्त्र द्वारा देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले एवं कानून की रक्षा करने वाले अथवा शस्त्र का किसी अन्य कार्य में उपयोग करने वालें लोगों लिए महत्वपूर्ण होता है।

- इस दिन यह सभी अपने शस्त्रों की पूजा करते है, क्योंकि यह शस्त्र ही प्राणों की रक्षा करते हैं तथा भरण पोषण का कारण भी हैं। इन्ही अस्त्रों में विजया देवी का वास मान कर इनकी पूजा की जाती है।

- सबसे पहले शस्त्रों के ऊपर ऊपर जल छिड़क कर पवित्र किया जाता है फिर महाकाली स्तोत्र का पाठ कर शस्त्रों पर कुंकुम, हल्दी का तिलक लगाकर हार पुष्पों से श्रृंगार कर धूप-दीप कर मीठा भोग लगाया जाता है।

- इसके बाद दल का नेता कुछ देर के लिए शस्त्रों का प्रयोग करता है। इस प्रकार से पूजन कर शाम को रावण के पुतले का दहन कर विजया दशमी का पर्व मनाया जाता है।

विजय दशमी पर हर हिंदू को शस्त्र पूजा करनी है... ये शस्त्र सूक्तियां आज नोट कर लें.
-शस्त्र निष्क्रिय होते हुए भी सक्रिय होता है... मतलब अगर वो कहीं किसी आलमारी में पड़ा पड़ा जंग खा रहा हो तो भी अपना काम करता रहता है उसकी मौजूदगी ही शत्रुओं के बुरे और कुत्सित विचारों को नष्ट करने के लिए काफी होती है ।

-दुनिया में अशांति इसलिए है क्योंकि सज्जनों ने शस्त्रों का त्याग कर दिया है और दुर्जन सदैव की तरह शस्त्रों से लैस हैं यही वजह है कि दुर्जन हावी हैं और धरती पर अनाचार फैलता जा रहा है 

-दुनिया को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है एक जिनके पास शस्त्र होता है और दूसरा जिनके पास शस्त्र नहीं होता है...  जिनके पास शस्त्र होता है वो सदैव निडर और वीर बने रहते हैं और जिनके पास शस्त्र नहीं होते हैं और वो सदैव भयभीत होते हैं और कायर पुरुष बने रहते हैं

-जिस घर में अस्त्र शस्त्र होते हैं उस घर की स्त्रियों पर कभी किसी की कुदृष्टि डालने की हिम्मत भी नहीं होती है और जिनके घर में अस्त्र शस्त्र नहीं होते हैं उनकी स्त्रियों के साथ राह चलते छेड़खानी होती है लव जिहाद जैसी घटनाएं होती हैं और वो सदैव थाने के चक्कर ही लगाते रह जाते हैं... उन्हें बदनामी के सिवाय कभी कुछ हासिल नहीं होता है 

-सत्यमेव जयते... यानी सत्य की ही विजय होती है इस तरह की सूक्तियों के भरोसे बैठने से कोई फायदा नहीं है... सत्य तो हिंदुओं के साथ ही है फिर उनका पलायन क्यों हो रहा है ? सत्य तो युद्धिष्ठिर के साथ था लेकिन फिर भी वन वन भटकते रहे... जब युद्धिष्ठिर ने शस्त्र उठाया तभी सत्यमेव जयते हुआ । इसीलिए अब कहावतें बदल गई हैं... ये कलियुग है और कलियुग में सदैव शस्त्र मेव जयते होता है... यानी जिसके पास शस्त्र होगा उसी की विजय होगी । इसलिए शस्त्र की खरीद करो... अपने पास सदैव शस्त्र रखो ।

-ज्योतिष के हिसाब से भी ध्यान दें... शस्त्र का मतलब है... मंगल ग्रह... अगर आपके पास शस्त्र है तो आपका मंगल मजबूत है और अगर आपका मंगल मजबूत है तो आप शत्रुओं पर सदैव विजय प्राप्त करते रहेंगे... इसलिए अपनी भुजाओं को शस्त्रों से मजबूत करें ।

- एक बार अपने हाथ में शस्त्र लेकर देखो... तब आपको ये महसूस होगा कि देशद्रोही शत्रु चींटियों के समान हैं। शस्त्र का होना ही  आत्मविश्वास वर्धक महान मानसिक औषधि है इसका नित्य सेवन करते रहो ।

- राष्ट्र के शत्रुओं की संख्या गिनकर चिंता में मत पड़ो... चिंता सदैव इस बात की करो कि तुम्हारे पास कितने अस्त्र शस्त्र है... सदैव सुनिश्चित करो कि तुम्हारे अस्त्र शस्त्रों की संख्या तुम्हारे शत्रुओं की संख्या से ज्यादा हो
 
- जैसा को तैसा जवाब देना सीखो... शिकायत मत करो... शिकायत लेकर किसके पास जा रहे हो... ये संविधान... कानून... प्रशासन और व्यवस्था सिर्फ उनके लिए है जो शक्तिशाली हैं । कायर लोगों का साथ तो भगवान भी नहीं देता.. कायर लोग सिर्फ शिकायत करते रह जाते हैं... इतने दिनों में आपको ये अवश्य महसूस हुआ होगा कि प्रशासन भी सदैव अत्याचार करने वाले शक्तिशालियों का साथ ही देता है 

- अपनी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी खुद लो... कोई सेना... कोई सरकार तुमको बचाने नहीं आएगी... जब तुम पर संकट आएगा तो उस वक्त तुम और सिर्फ तुमको ही उसका सामना करना होगा... तुम्हारे सिवाय कोई तुम्हारी प्राण रक्षा नहीं कर सकेगा । 

- इसीलिए नियमानुसार शस्त्रों का संचय करो... सदैव पराक्रमी बनो... सज्जन बनो लेकिन कायर नहीं... शस्त्र धारण करके सज्जन बनो तभी तुम्हारी सज्जनता सुशोभित होगी । 

- इस सूक्ति का नित्य पठन करते रहें “कोई सिंह को, वन के राजा के रूप में अभिषेक या संस्कार नहीं करता है अपने पराक्रम के बल पर सिंह स्वयं जंगल का राजा बन जाता है”  

- इस पोस्ट को एक अभियान की तरह धीरे धीरे आगे बढ़ाइए । जब दशहरा आएगा तो कम से कम एक करोड़ हिंदुओं की तस्वीरें शस्त्र के साथ पूजा करते हुए सोशल मीडिया पर होनी चाहिए । हमारे शूरवीरों की इन तस्वीरों को देखकर ही देशद्रोहियों के हौंसले पस्त हो जाएंगे । ऐसा मेरा विश्वास है । 
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डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''

Google क्या है ???

Google  क्या है ???

1. गूगल एक सैकेंड में करीब 9,40,000 रूपए कमाता है।
2. इसके संस्थापक का नाम लैरी पेज और सर्जे ब्रिन है।
3. गूगल के 40 देशो में 70 से भी ज़्यादा ऑफिस है। यह अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
4. गूगल ने पिछले 12 सालो में 827 कंपनियो को खरीदा है। अब आप अंदाज़ा लगा सकते है की गूगल कितनी बड़ी कंपनी है।
5. गूगल में फिलहाल 420000 से भी ज़्यादा कर्मचारी काम करते है मगर अब तक गूगल के कई कर्मचारी अरबपति बन चुके है।
6. वेसे तो गूगल की सही आय कोई नहीं बता सकता मगर गूगल की सालाना आय करीब $55,00,00,00,000,000,000,000,000 डॉलर है।
7. आपको यह तो पता होंगा की एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल की ही देन है। पर क्या आप यह जानते है की हर 5 में से 4 स्मार्टफोन एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही चलते है।
8. गूगल ने अपने "Head Office" में लगभग 20000 बकरियों को घास काटने के लिए रखा गया है । जी हा आपने सही पढ़ा दरअसल गूगल अपने दफ्तर के लॉन में घास काटने वाली मशीन का उपयोग नहीं करता क्योंकि इससे निकलने वाले धुंए और आवाज़ से वहाँ काम कर रहे कर्मचारियों को परेशानी होती है।
9. हर हफते 220,000 से भी ज्यादा लोग गूगल में जॉब के लिए अपलाई करते है|
10. गूगल की 95% से भी ज़्यादा कमाई उसके द्वारा प्रकाशित विज्ञापनों से आती है।
11. यकीन मानिये,आपकी पलक झपकते ही गूगल ने 550 लाख रूपए कमा लिए होंगे।
12. आप अक्सर सोचते होंगे की "Google" शब्द आया कहा से है हम आपको बताते है, असल में 1 पीछे 100 शून्य लगाने पर जो संख्या बनती है उसे "Googol" कहते हैं और इसी शब्द से ही बना है "Google"।
13. अब आप सोच रहे होंगे की गूगल का नाम "Googol" क्यों नहीं रखा गया "Google" ही क्यों रखा गया ? दरअसल "Google" यह नाम एक स्पेलिंग मिस्‍टेक है। मतलब टाइप करते समय "Googol" की जगह "Google" टाइप हो गया और नतीजा आपके सामने है।
14. गूगल ने "You Tube" को 2006 में ख़रीदा था, उस समय कई लोगो ने इस डील को गूगल की एक बड़ी गलती मानी थी और आज यू ट्यूब को पूरी दुनिया में हर महीने करीब 6 अरब घंटो तक देखा जाता है।
15. हर सेकंड में गूगल पर 60,000 से भी ज्यादा सर्च किये जाते है|
16. 2010 के बाद से गूगल ने प्रति सप्ताह में कम से कम एक कंपनी को ख़रीदा है|
17. गूगल ने अपने स्ट्रीट व्यू मेप के लिए 80 लाख 46 हजार किलोमीटर सड़क के बराबर फोटोग्राफ लिए है।
18. गूगल का पूरा सर्च इंजन 100 मिलियन गीगाबाइट का है। उतना डाटा अपने पास सेव करने के लिए एक टेराबाइट की एक लाख ड्राइव की जरुरत होगी।
19. गूगल ने अपने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को ABCD के अल्फाबेट के हिसाब से नाम दिए गए हैं Cupcake, Donut, Eclair, Froyo, Gingerbread, Honeycomb, Ice Cream Sandwich, Jelly Bean, Kitkat, Lolipop Marshmallow than N & next O
20) गूगल को Yahoo कंपनी ने एक मिलियन डॉलर में खरीदना चाहा था लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
21. गूगल जब लांच हुआ था तब गूगल के संस्थापक को HTML कोड की ज़्यादा जानकारी नहीं थी इसीलिए उन्होंने गूगल का होमपेज एकदम सिंपल रखा था और अभी भी यह बिल्कुल सिंपल ही है।
22. 2005 में गूगल ने गूगल मेप और गूगल अर्थ जैसी नई एप्लीकेशन लांच की। इसमें ऐसे फीचर हैं, जो पलभर में पूरी दुनिया का नाप दें । वही अब इसकी पहुंच चाँद तक है।
23. ”Don’t be evil” यह गूगल का अनाधिकृत नारा(Unofficial Slogan) है।
24. गूगल के होमपेज पर 88 भाषाओ का इस्तेमाल किया जा सकता है🙏🏼😊✒️

हिन्दू परिवार परम्परा का भी पतन प्रारम्भ

*अति विचारणीय लेख*
🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
*पश्चिमी दुनिया में फैमिली सिस्टम समाप्त* 

 *हिन्दू परिवार परम्परा का भी पतन प्रारम्भ।* 

 *इस्लाम का मज़बूत फैमिली सिस्टम उसे जिलाये रखने में सक्षम* 

*डेविड सेलबॉर्न पश्चिमी दुनिया का मशहूर लेखक है।*
*उसने एक किताब लिखी है "The losing battle with islam"*
*इस किताब में उसने लिखा है कि पश्चिमी दुनिया इस्लाम से हार रही है।*
*उसने हार के कई कारण गिनाए हैं,*
*जिसमें इस्लाम के मज़बूत फैमिली सिस्टम को एक कारण बताया है।*

*पश्चिमी दुनिया मे फैमिली सिस्टम तबाह हो चुका है।*
 *लोग शादी करना पसंद नहीं करते।*
*समलैंगिकता, अवैध संबंध, लिव इन रिलेशन जैसी कुरीतियों के आम होने से फैमिली सिस्टम टूटता जा रहा है।*
*दिन ब दिन ऐसे बच्चों की तादाद बढ़ती जा रही है जिन्हें मालूम नही होता कि उनके पिता कौन हैं।*
*बूढ़े मां -बाप को घर में रखने को कोई तैयार नही है।*
*ओल्ड ऐज होम में उनका बुढापा गुज़रता है।*
*पश्चिमी समाज में कुछ ऐसे समाजिक परिवर्तन आ चुके हैं जिससे पूरा पश्चिमी समाज तबाह होने के कगार पर पहुंच चुका है।*

*राजनीतिक दल परिवार को बचाने का वादा अपने चुनाव घोषणा पत्र में करने लगे हैं।*
*ऑस्ट्रेलिया में तो 'फैमिली फर्स्ट' नाम से एक पोलिटिकल पार्टी तक बना ली गयी है।*
*फैमिली सिस्टम को बचाना वेस्टर्न वर्ल्ड का सबसे बड़ा मुद्दा है,*
*क्योंकि फैमिली नही बची तो समाज को भी देर सवेर ध्वस्त होते देर नहीं लगनी है।*

*यही वजह है डेविड सेलबॉर्न और बिल वार्नर जैसे लेखक यह कहने पर मजबूर हो जाते हैं कि इस्लाम के मज़बूत फैमिली सिस्टम की वजह से पश्चिम देर सवेर इस्लाम से हार जाएगा।*

*भारत में भी हिन्दू परिवार परम्परा का पतन होना प्रारम्भ हो चुका है।*
*रक्त के 5 रिश्ते समाप्त होने की कगार पर है।* *ताऊ, चाचा, बुआ, मामा, मौसी जैसे रिश्ते आने वाले समय में देखने सुनने को नहीं मिलने वाले हैं !*
*इसे इस तरह समझा जा सकता है-*
*पुत्र*      *पुत्री*   *बचे*  *रिश्ते**
   *2         2              5*
   *2         1              4 (मौसी X)*
   *1         2               3 (चाचा, ताऊ X)*
   *1         1               2 (चाचा, ताऊ, मौसी X)*
   *1         0               X*
   *0         1               X*
*परिणाम*
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*सिंगल चाइल्ड फैमिली को उनका निर्णय तीसरी पीढ़ी याने जिनके आप- दादा- दादी होंगे बुरी तरह प्रभावित करेगा।*
 *जिस दादा को मूल से अधिक ब्याज प्यारा होता है,*
*उसका मूलधन भी समाप्त हो जाएगा।*
 *इसके लिए वह स्वयं उत्तरदायी है।*
**इसलिए दम्पत्ति को सिंगल चाइल्ड के निर्णय पर गंभीरता से विचार करना होगा।*
*यह घटती आबादी  के आंकड़ें बोल रहे हैं।*
*यह विश्लेषण सरकारी आँकड़ों के अध्ययन से आ रहा है।*
*आपका पौत्र या प्रपौत्र इस संसार में अकेला खड़ा होगा।*
*उसे अपने रक्त के रिश्ते की आवश्यकता होगी तो इस पूरे ब्रह्मांड में उसका अपना कोई नहीं होगा।*

*यह अत्यंत सोचनीय विषय है।*
*ये न केवल हमारे बच्चों को एकाकी जीवन जीने को मजबूर करेगा बल्कि हमारी हिंदू परिवार सभ्यता को ही नष्ट कर देगा।*
*हम जो हिन्दू एकता की बात करते हैं ये तो सभ्यता ही समाप्त हो जाएगी।*
 *और इन सबके लिए हमारी वर्तमान पीढ़ी उत्तरदायी होगी।*
*अगर आप इस विषय को गंभीर समझते हैं तो इस पोस्ट को शेयर करें,*
*घर परिवार में, पति पत्नी के बीच, रिश्तेदारों में, दोस्तो में एवं विभिन्न बैठकों एवं आयोजनों में इस विषय पर मंत्रणा करे।*
 *अपनी सभ्यता, संस्कार औऱ पीढ़ियों को बचाये।*
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