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बुधवार, 20 अक्तूबर 2021

सड़कों पर सफेद और पीली लाइन क्यों खिंची जाती है?


 

आपको एक ही लेन में चलना होगा। यह टूटी सफेद लाइन इस बात की ओर इशारा करती है कि आप लेन बदल सकते हैं, लेकिन आपको पीछे से आने वाली गाड़ियों पर ध्यान रखना होगा, ताकि कोई हादसा ना हो। पीली लंबी लाइन का मतलब है कि आप आसानी से ओवरटेक कर सकते हैं, लेकिन आप इस लाइन को पार करके दूसरी तरफ नहीं जा सकते।

बाई पास से करें बचाव उच्च रक्तचाप हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग में लौकी के जूस का करें सेवन

 बाई पास से करें बचाव उच्च रक्तचाप हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग में लौकी के जूस का करें सेवन


भारत में हृदय रोगियो की संख्या बढ़ती ही जा रही है ।अनियमित दूषित खान पान और भागम भाग वाली जीवन चर्या कै कारण होने वाले इस रोग से सर्जन की भी चांदी हो रही है । किन्तु इस रोग और धन की बर्बादी से बचना भी आसान है यदि आप चाहे। इसके लिए श्रेष्ट है लौकी का जूस ...

जूस कैसे बनावे

लम्बोत्तर लौकी (घिया) ले इसे अच्छी तरह धो पोंछ लें फिर हल्का हल्का छिलका उतार कर कद्दूकस कर लें, इसके बाद इसे सिलबट्टे या ग्राइंडर से पीस लें, पीसते समय इसमें ;5-7 तुलसी, 5-7  पुदिने की पत्तियां मिला लें, इस पिसे हुए पेस्ट को साफ कपडे से छान लें, ये रस 125 ग्राम होना चाहिए, इस रस में 125 ग्राम साफ पानी मिला कर 250 ग्राम बना लें, अब इसमें 5-7 पिसी काली मिर्च और एक ग्राम सेंधा नमक मिला लें,
ये दवा की एक मात्रा तैयार हो गयी।

सेवन विधि :
हृदय रोगी को दिन में 3 बार सुबह दोपहर शाम भोजन के आधा घंटे बाद एक मात्रा लेनी है। पहले 3 -4 दिन इस दवा को पीने से पेट में कुछ गड़गड़ाहट होगी, पतले दस्त हो सकते हैं, उनसे घबराना नही है, 3 -4 दिनों में पेट के सभी विकार मल के साथ बाहर निकल कर पेट स्वस्थ हो जाएगा।

इन रोगों में भी लाभकर है लोकी जूस
अम्लीयता, कब्ज, भूख ना लगाना, एसिडिटी, खट्टी डकार, अनावश्यक मोटापा, रक्त अशुद्धि, किडनी की समस्याएं, मूत्र की जलन, आंतो की समस्या, बवासीर, मधुमेह, उच्च रक्त चाप, लिवर रोग इत्यादि

इस उपचार को दो से तीन महीने आवश्यकता अनुसार लेने से हृदय रोगी ठीक हो जाते हैं, बाई पास सर्जरी की ज़रूरत नही रहती, ये अनुभूत उपचार है, कभी असफल नही होता।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः






बनाया 'पानी' से चलने वाला 'इंजन', भारत में किसी ने नहीं सुनी तो जापान सरकार ने की मदद, अब वहां होगा लॉन्च


 

इंजीनियर ने बनाया 'पानी' से चलने वाला 'इंजन', भारत में किसी ने नहीं सुनी तो जापान सरकार ने की मदद, अब वहां होगा लॉन्च

तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित एक मैकेनिकल इंजीनीयर एस कुमारस्वामी ने 10 साल की मेहनत से एक ऐसे इंजन का आविष्कार किया है,.

नई दिल्ली: तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित एक मैकेनिकल इंजीनीयर एस कुमारस्वामी ने 10 साल की मेहनत से एक ऐसे इंजन का आविष्कार किया है, जो डिस्टिल्ड वाटर से चल सकेगा. बताया जा रहा है कि यह अपने आप में एक अलग तरह का इंजन है, जो इको-फ्रेंडली भी है. इंजन इको-फ्रेंडली इसलिए है, क्योंकि यह ऑक्सीजन छोड़ता है और फ्यूल यानी इंधन के तौर पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल करता है. मगर अफसोस कि इस इंजन को भारत के बदले जापान में लॉन्च किया जाएगा. प्रशासनिक उदासीनता की वजह से एस कुमारस्वामी को अपने आविष्कार को जापान में लॉन्च करना पड़ रहा है.

दरअसल, तमिलनाडु के एस कुमारस्वामी ने दावा किया है कि इस इंजन को विकसित करने में उन्हें 10 साल लग गए. उनका दावा है कि यह अपने तरह का दुनिया का पहला इंजन है. उन्होंने कहा, ' इसे बनाने में मुझे 10 साल लग गए. यह इंधन के रूप में हाईड्रोडन का इस्तेमाल करता है और ऑक्सीजन छोड़ता है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'मेरा सपना था कि मैं इस इंजन को भारत में इंट्रोड्यूस करूं, इसलिए मैंने सभी प्रशासनिक दरवाजे खटखटाए. मगर मुझे कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. इसलिए मैंने जापान के सरकार से संपर्क साधा और मुझे वहां यह अवसर मिला. अब आने वाले दिनों में यह इंजन जापान में लॉन्च किया जाएगा. ' बता दें कि इंजीनियर ने भारत में इस इंजन को लॉन्च करने की कई कोशिश की, मगर लालफीताशाही ने इसकी कद्र नहीं की.

मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

आजकल के बच्चे ये कभी नहीं जान पाएंगे कि पुराने जमाने में हमें निम्नलिखित कारणों से कूटा जाता था

*आजकल के बच्चे ये कभी नहीं जान पाएंगे कि  पुराने जमाने में हमें निम्नलिखित कारणों से कूटा जाता था:-*

1. पिटने के बाद रोने पर।
2. पिटने के बाद नहीं रोने पर।
3. बिना पिटे रोने पर।
4. दोस्तों के साथ खेलने-कूदने पर।
5. दोस्तों के साथ नहीं खेलने-कूदने पर।
6. जहां बड़े बैठे हों वहां टहलने पर।
7. बड़ों को जवाब देने पर।
8. बड़ों को जवाब नहीं देने पर।
9. बहूत समय तक बिना पिटे रहने पर।
10. उपदेश पर गाना गुनगुनाने पर।
11. अतिथियों को प्रणाम नहीं करने पर।
12. अतिथियों के लिए बनाए नाश्ते पर हाथ साफ करने पर।
13. अतिथियों के जाते समय साथ जाने की जिद पर।
14. खाने से मना करने पर।
15. सूर्यास्त के बाद घर आने पर।
16. पड़ोसियों के यहां खाना खा लेने पर।
17.  जिद्दी होने पर।
18. अति उत्साही होने पर।
19. हम उम्र बच्चों के साथ लड़ाई में हार जाने पर।
20. हम उम्र बच्चों के साथ लड़ाई में जीत जानेपर।
21. धीरे-धीरे खाने पर।
22. जल्दी-जल्दी खाने पर।
23. बड़े जाग गए हों तो सोते रहने पर।
24. अतिथियों को खाते समय निहारने पर।
25. चलते समय रपट कर गिर जाने पर।
26. बड़ों के साथ नजरें मिलाने पर।
27. बड़ों के साथ नजरें नहीं मिलाने पर।
28. बड़ों के साथ बात करते समय पलकें झपकाने पर।
29. बड़ों के साथ बात करते समय पलकें नहीं झपकाने पर।
30. रोते हुए बच्चे को देखकर हंसने पर।

*#  कूटे ही नही "भय़ंकर कूटे" जाते थे. ....   जब रोना निकल जाता था ..  तब ... चिल्ला कर कहा जाता था ....
अबे  चुप होता है ..
कि    ...उठाएं जूता ...
😂😂
लेकिन
वो प्यार का तरीका अदभुत था, सब कुछ हमारी भलाई के लिये ही  था ...
अपने माता पिता व कूटने डाँटने वाले सभी बड़े-बुजुर्गों को सादर प्रणाम.. 🙏🙏🙏🌹💕🌹🙏🙏

शरद पूर्णिमा विशेष 19,20 अक्टूबर, 2021- कुछ विशेष करने योग्य बातें

 🌝 शरद पूर्णिमा 🌝
19,20 अक्टूबर, 2021-

कुछ विशेष करने योग्य बातें

आँखों के लिए टॉनिक
त्रिफला, शहद और देसी गाय के घी का 02:02:01 के अनुपात में मिश्रण तैयार करके उसे शरद पूनम की पूरी रात (19,20 अक्तूबर 2021) को चांदनी में रखो । फिर उस मिश्रण को काँच की बाटल में रख लें । फिर अगले 40 दिनों तक इस मिश्रण को 11 ग्राम सुबह - शाम लें । आंखें टनाटन, न मोतिया न मोतियाबिंद न लेंस ।

बल, सौंदर्य व आयुवर्धक प्रयोग
शरद पूर्णिमा की चाँदनी में रखे हुए आँवलों के रस 4 चम्मच, शुद्ध शहद 2 चम्मच् व गाय का घी 1 चम्मच मिलाकर नियमित सेवन करें। इससे बल, वर्ण, ओज, कांति व दीर्घायुष्य की प्राप्ति होती है।

नेत्र सुरक्षा के लिए शरद पूर्णिमा का प्रयोग

वर्षभर आंखें स्वस्थ रहे, इसके लिए शरद पूनम की रात को चन्द्रमा की चांदनी में एक सुई में धागा पिरोने का प्रयास करें । कोई अन्य प्रकाश नहीं होना चाहिए । दशहरा से शरद पूर्णिमा तक 15-20 मिनट चन्द्रमा की ओर देखते हुए त्राटक करने से भी आखों की रौशनी बढती है l

शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति
शरद पूनम रात आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है । इसलिए सबको इस रात को जागरण करना चाहिए अर्थात जहाँ तक संभव हो सोना नही चाहिए और इस पवित्र रात्रि में जप, ध्यान, कीर्तन करना चाहिए ।

शरद पूर्णिमा विशेष
चावल, दूध और मिश्री की खीर बनायें । खीर बनाते समय उसमें कुछ समय के लिए थोड़ा चाँदी मिला दें । खीर को कम से कम 2 घंटे के लिए चन्द्रमा के प्रकाश में रख दें । उस दिन के लिए कोई अन्य भोजन नहीं पकाएं, केवल खीर खाएं ।

हमें देर रात को भारी आहार नहीं लेना चाहिए इसलिए तदनुसार खीर खाएं । शरद पूनम की रात में रखी गयी खीर को भगवान को भोग लगाने के बाद अगले दिन प्रसाद रूप में नाश्ते में भी ले सकते है ।


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