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बुधवार, 27 अक्तूबर 2021

क्या आपको भी शुगर है? दवा कंपनियां लूटने के लिए क्या क्या नही करती।

क्या आपको भी शुगर है?

दवा कंपनियां लूटने के लिए क्या क्या नही करती।

शुगर; एक नंगा सच.. जानिये.!


 सभी लोग अपना व्यापार बढ़ाना चाहते है तो फिर दवा कंपनियां भी अपना व्यापार बढ़ाए तो हर्जा कैसा ? पर व्यापार दूसरे मासूम की जान की कीमत पर करना भी क्या सही है ?

लूट मचाने के लिए दवा कंपनियाँ किस हद तक गिर सकती आप अनुमान भी नहीं लगा सकते.



*अभी कुछ समय पूर्व स्पेन मे शुगर की दवा बेचने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियो की एक बैठक हुई है ,दवाओ की बिक्री बढ़ाने के लिए एक सुझाव दिया गया है कि अगर शरीर मे सामान्य शुगर का मानक 120 से कम कर 100 कर दिया जाये तो शुगर की दवाओं की बिक्री 40 % तक बढ़ जाएगी*

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ
बहुत समय पूर्व शरीर मे सामान्य शुगर का मानक 160 था दवाओ की बिक्री बढ़ाने के लिए ही इसे कम करते-करते 120 तक लाया गया है जिसे भविष्य मे 100 तक करने की संभावना है!

ये एलोपेथी दवा कंपनियाँ लूटने के लिए किस स्तर तक गिर सकती है ये इसका जीता जागता उदाहरण है आज मैडीकल साईंस के अनुसार शरीर मे सामान्य शुगर का मानक 80 से 120 है

अब मान लो दवा कंपनियो के साथ मिलीभगत कर इन्होने कुछ फर्जी शोध की आड़ मे नया मानक 70 से 100 तय कर दिया, अब अच्छा भला व्यक्ति शुगर टेस्ट करवाये और शुगर का सतर 100 से 110 के बीच आए ,तो डाक्टर आपको शुगर का रोगी घोषित कर देगा,

भय के कारण आप शुगर की एलोपेथी दवाएं लेना शुरू कर देंगे, अब शुगर तो पहले से सामान्य थी आपने जो भय के कारण शुगर कम करने की दवा ली तो उल्टा शरीर मे और कमजोरी महसूस होने लगेगी
और 
आप फिर इस अंधी खाई मे गिरते चले जाएंगे

और मान लो आप जैसे 2 -3 करोड़ लोग भी इस साजिश का शिकार हुए तो ये एलोपेथी दवा कंपनियाँ लाखो करोड़ का व्यापार कर डालेंगी

एक नंगा सच.. जानिये.!

क्या आप जानते हैं.....


1997 से पहले fasting diebetes की limit 140 थी।
फिर fasting sugar की limit 126 कर दी गयी।
इससे World Population में 14% diebetec लोग अचानक बढ़ गए।
उसके बाद 2003 में WHO ने फिर से fasting sugar की limit कम करके 100 कर दी।
याने फिर से total Population के करीबन 70% लोग Diebetec माने जाने लगे।

दरअसल diebetes ratio या limit तय करने वाली कुछ pharmaceutical कंपनियां थीं जो WHO को घूस खिलाकर अपने व्यापार को बढ़ाने के लिये ये सब करवा रही थीं।

और अपना बिज़नेस बढ़ाने के लिए ये किया जाता रहा।

लेकिन क्या आपको पता है कि
हकीकत में डायबिटीज को कैसे जांचना चाहिए ?

कैसे पता चलेगा कि आप डायबिटीज के शिकार हैं भी या नहीं ?

पुराने जमाने के इलाज़ के हिसाब से
डायबिटीज चेक करने का एक सरल उपाय है :-
आप की उम्र और + 100
जी हाँ यही एक सचाई है

अगर आपकी उम्र 65 है तो आपका सुगर लेवल खाने के बाद 165 होना चाहिये।
अगर आपकी age 75 है तो आपका नॉर्मल सुगर लेवेल खाने के बाद 175 होना चाहिए।
अगर ऐसा है तो इसका मतलब आपको डायबिटीज नहीं है।

ये होता है age के हिसाब से यानी.. 
So now you can count your diebetec limit as 100 + your age.

अगर आपकी उम्र 80 है तो फिर आपकी डायबिटिक लिमिट खाने के बाद 180 काउंट की जानी चाहिये।
मतलब अगर आपका सुगर लेवल इस उम्र में भी 180 है तो आप डायबिटिक नहीं हैं।
आपकी गिनती नॉर्मल इंसान जैसी होनी चाहिये।


लेकिन W.H.O. को अपने कॉन्फिडेंस में लेकर बहुत सारी फार्मा कम्पनियों ने अपने व्यापार के लिये सुगर लेवेल में उथल पुथल कर दी और आम जनता उस चक्रव्यूह में फंस गई।

No Doctor can guide u.
No one will advice u.
But its a bitter truth.!

उसके साथ साथ एक सच ये भी है कि--

अगर आपकी पाचन शक्ति उत्तम है तो आपको कोई टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है
या फिर आप अपने जीवन में कोई टेंशन नहीं लेते।
आप अच्छा खाना खाते हो
आप जंक फूड, ज्यादा मसालेदार या तैलीय भोजन या फ़्राईड फूड नहीं खाते
आप रेगुलर योगा या कसरत करते हैं

और आपका वजन आपकी हाइट के हिसाब के बराबर है
तो आपको डायबिटीज हो ही नहीं सकती।

यही सत्य है, बस टेंशन न लें अच्छा खाना खाएं, एक्सरसाइज करते रहें।

क्या आप चाहते है समीर वानखेड़े ..रविन्द्र पाटिल बन जाए .आप बॉलीवुड माफिया की ताकत को कम मत समझिए

क्या आप चाहते है समीर वानखेड़े ..रविन्द्र पाटिल बन जाए......
.......आप बॉलीवुड माफिया की ताकत को कम मत समझिए
रविंद्र पाटील नामक एक पुलिस कांस्टेबल जो 1998 बैच का था वह ठीक उसी जगह ड्यूटी पर था जहां सलमान खान की लैंड क्रूजर ने फुटपाथ पर सो रहे पांच लोगों को कुचल दिया था 

अदालत में उसकी गवाही हुई और उसने अदालत में गवाही दिया और उसी के बयान के आधार पर सलमान खान को 5 साल की सजा हुई 
उसके बाद उसे अदालत में बयान बदलने के लिए बहुत मजबूर किया गया 
उसके उसके बहुत धमकियां दी गई और उसके ऊपर 20 से ज्यादा क्रिमिनल केस लगा दिए गए और उन्हीं केस के आधार पर उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया 
फिर वह मानसिक तनाव में भीख मांगने को मजबूर हुआ और एक दिन वह गायब हो गया और फिर एक सरकारी टीवी हॉस्पिटल के बिस्तर पर मिला जहां महीनों तक तड़प तड़प कर अंत में उसने दम तोड़ दिया।।
याद आया नवाव मलिक का बयान ...नौकरी से बर्खास्त कर देंगे ...जेल में डाल देंगे....

एक फर्जी बयान बाला तो सामने आ ही गया है... समीर पर रोज फर्जी आरोप लग रहे है...ओर फर्जी केस तैयार कराया जा रहा...वो तो सुरु से ईमानदार था कि उसके खिलाफ एक शिकायत या आरोप टिक नही पा रहे बर्ना अब तक वानखेड़े  रविन्द्र पाटिल जैसे हालात में होते....
.
.आप कह रहे होंगे हम क्या कर सकते है...आपको रोज कम से कम 10 से 20 लोगो को इस ड्रग्स केस की ओर नशेड़ी बोलीबुड़ की हकीकत बतानी है...इन नशेड़ियों का सिर्फ बायकॉट नहीं बल्कि हर उस प्रोडक्ट का बायकॉट करना है जिसके ये ब्रांड एम्बेसडर या विज्ञापन करते है...
.
.समीर वानखेड़े के साथ खड़े रहे....

हो सके तो एक पोस्टकार्ड 
हम समीर वानखेड़े के साथ है
 लिख कर रजिस्ट्रार सुप्रीम कोर्ट को भेज दीजिये

NCB के मुखिया समीर वानखेड़े के विरुद्ध जिहाद शुरू किया गया है। अचानक ऐसा क्यों हुआ है.?


NCB के मुखिया समीर वानखेड़े के विरुद्ध जिहाद शुरू किया गया है। अचानक ऐसा क्यों हुआ है.?

दअरसल शाहरुख खान के नशेड़ी कपूत की गिरफ्तारी के साथ ही कराची में बैठा आतंकी दाऊद और रावलपिंडी में बैठे ISI के सरगना बुरी तरह तिलमिलाए हुए हैं। वो समझ गए हैं कि NCB की कार्रवाई बॉलीवुड में उनके उन गुर्गों के गिरेबान तक पहुंच रही है, जिन गुर्गों के द्वारा वो बॉलीवुड को अपनी उंगलियों पर पिछले 3-4 दशकों से नचाते रहे हैं।

NCB अब बॉलीवुड में उनके माफिया राज को बुरी तरह ध्वस्त करती जा रही है। यही कारण है कि उन्होंने भारतीय मीडिया, बॉलीवुड और राजनीति में जमे हुए अपने गुर्गों को NCB और उसके मुखिया के खिलाफ पूरी ताकत से सक्रिय कर दिया है। जरा याद करिए निकट अतीत के इन घटनाक्रमों को-

पिछले वर्ष जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत के जो बिलबोर्ड अमेरिका के हॉलीवुड में लगे थे उनको कुछ ही घंटों में उतरवा दिया गया था। उन बिलबोर्ड को हटवाने में अज़ीज-उल-हसन अशाई उर्फ टोनी अशाई का नाम सामने आया था जो भारतीय मूल का कश्मीरी है और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का सदस्य रह चुका है। 

अमेरीका में वो पाकिस्तान की उस खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट है जो पिछले 30 सालों से हिन्दूस्तान में आतंकी जिहाद चलवा रही है। भारतीय और अमेरिकी जांच एजेंसियों के दस्तावेजों में उसकी यह पहचान दर्ज है। सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि शाहरूख खान और उसकी बीबी गौरी खान का बिजनेस पार्टनर भी यही टोनी अशाई है। (तथ्य की पुष्टि के लिए देखें कमेंट)।

आप समझ सकते हैं कि शाहरुख खान जब जब अमेरिका गया तब तब उसके कपड़े उतरवा कर उसकी तलाश क्यों ली गयी.? उसने इस पर हल्ला भी खूब मचाया। लेकिन अमेरिकी प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ा। किसी ने, खासकर सेक्युलरों और लुटियन मीडिया ने उससे कभी यह नहीं पूछा कि लता मंगेशकर अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र सरीखे दिग्गजों से लेकर अक्षयकुमार और सनी देओल, सोनू निगम तक, दर्जनों भारतीय फिल्मस्टार एक नहीं अनेक बार अमेरिका गए हैं, लेकिन उनके कपड़े उतरवा कर उनकी तलाशी कभी क्यों नहीं ली गयी.? ISI का यही एजेंट जो शाहरुख का यह जिगरी दोस्त और बिजनेस पार्टनर भी है। NCB की कार्रवाई से तिलमिलाया हुआ है। NCB को रोकने के लिए ISI सक्रिय हो गयी है। यही कारण है कि मीडिया, बॉलीवुड और राजनीति का एक विशेष वर्ग NCB के खिलाफ जहर उगलने में जुट गया है। इससे पहले अफ़ज़ल गुरु, याकूब मेमन, बटला हाऊस के आतंकियों को बचाने के लिए भी दाऊद और ISI ने भारतीय मीडिया, बॉलीवुड और राजनीति में बैठे अपने गुर्गों का इस्तेमाल भारतीय सेना और भारतीय अदालतों पर दबाव बनाने के लिए किस तरह करते रहे हैं। यह पूरा देश देखता रहा है।

जनवरी में NCB ने ब्रिटिश नागरिकता वाले भारतीय मूल के करन संजनानी के मुंबई स्थित अड्डे पर छापा मार कर बहुत हाई क्वालिटी का 2 क्विंटल विदेशी गांजा बरामद किया था। यह गांजा अमेरिका से तस्करी कर के लाया गया था। करन संजनानी के उस नशे के अड्डे से मिले ठोस सबूतों के बाद शुरू हुई NCB की जांच में नवाब मलिक का दामाद समीर खान भी ठोस सबूतों के साथ NCB के हत्थे चढ़ गया था। NCB ने 11 जनवरी को उसे गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया था। उसके खिलाफ NCB के सबूत इतने पुख्ता थे कि साढ़े 8 महीने तक कोर्ट ने उसे जमानत नहीं दी थी। 27 सितंबर को कोर्ट ने उसे जमानत इस शर्त के साथ दी है कि वो अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा कराए तथा कोर्ट की अनुमति के बिना मुंबई के बाहर नहीं जा सकता। साढ़े 8 महीने जेल में बंद रहने के बाद इन शर्तों के साथ कोर्ट द्वारा नवाब मलिक के दामाद समीर खान को दी गयी जमानत बताती है कि वो कितना मासूम और निर्दोष है.? 

समीर वानखेड़े द्वारा उसके खिलाफ की गई कार्रवाई कितनी सही या गलत है.?  यही कारण है कि जब नवाब मलिक का दामाद गिरफ्तार हुआ था तब नवाब मलिक साढ़े 8 महीने तक चुप्पी तो साधे रहा था लेकिन समीर वानखेड़े के खिलाफ बुरी तरह तिलमिलाया हुआ था। लेकिन अब वो अपनी खीझ उतार रहा है। अपनी इस करतूत से वो NCB और समीर वानखेड़े के खिलाफ ISI और दाऊद इब्राहीम की मुहिम को भरपूर ताक़त भी दे रहा है।
यह निर्णायक क्षण है। NCB और समीर वानखेड़े के खिलाफ  नवाब मलिक और ISI तथा दाऊद इब्राहीम के जिहाद के खिलाफ चुप्पी तोड़िए।

 *सोशलमीडिया पर उपरोक्त सच्चाई अधिकतम लोगों को☝️☝️☝️☝️☝️ जमकर बताइए। क्योंकि इन जिहादियों के ख़िलाफ़ हमारी आपकी चुप्पी के खतरनाक होगी।*

This man was programmed for success but he was not trained , how to handle failure.

गड़बड़ कहाँ हुई 

एक बहुत ब्रिलियंट लड़का था. सारी जिंदगी फर्स्ट आया. साइंस में हमेशा 100% स्कोर किया. अब ऐसे लड़के आम तौर पर इंजिनियर बनने चले जाते हैं, सो उसका भी सिलेक्शन IIT चेन्नई में हो गया. वहां से B Tech किया और वहां से आगे पढने अमेरिका चला गया और यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफ़ोर्निया से MBA किया. 

अब इतना पढने के बाद तो वहां अच्छी नौकरी मिल ही जाती है. उसने वहां भी हमेशा टॉप ही किया. वहीं नौकरी करने लगा. 5 बेडरूम का घर  उसके पास. शादी यहाँ चेन्नई की ही एक बेहद खूबसूरत लड़की से हुई .

एक आदमी और क्या मांग सकता है अपने जीवन में ? पढ़ लिख के इंजिनियर बन गए, अमेरिका में सेटल हो गए, मोटी तनख्वाह की नौकरी, बीवी बच्चे, सुख ही सुख।

लेकिन दुर्भाग्य वश आज से चार साल पहले उसने वहीं अमेरिका में, सपरिवार आत्महत्या कर ली. अपनी पत्नी और बच्चों को गोली मार कर खुद को भी गोली मार ली. What went wrong? आखिर ऐसा क्या हुआ, गड़बड़ कहाँ हुई. 

ये कदम उठाने से पहले उसने बाकायदा अपनी wife से discuss किया, फिर एक लम्बा suicide नोट लिखा और उसमें बाकायदा अपने इस कदम को justify किया और यहाँ तक लिखा कि यही सबसे श्रेष्ठ रास्ता था इन परिस्थितयों में. उनके इस केस को और उस suicide नोट को California Institute of Clinical Psychology ने ‘What went wrong?‘ जानने के लिए study किया .

पहले कारण क्या था , suicide नोट से और मित्रों से पता किया। अमेरिका की आर्थिक मंदी में उसकी नौकरी चली गयी. बहुत दिन खाली बैठे रहे. नौकरियां ढूंढते रहे. फिर अपनी तनख्वाह कम करते गए और फिर भी जब नौकरी न मिली, मकान की किश्त जब टूट गयी, तो सड़क पर आने की नौबत आ गयी. कुछ दिन किसी पेट्रोल पम्प पर तेल भरा बताते हैं. साल भर ये सब बर्दाश्त किया और फिर पति पत्नी ने अंत में ख़ुदकुशी कर ली...

इस case study को ऐसे conclude किया है experts ने : This man was programmed for success but he was not trained,how to handle failure. यह व्यक्ति सफलता के लिए तो तैयार था, पर इसे जीवन में ये नहीं सिखाया गया कि असफलता का सामना कैसे किया जाए.

अब उसके जीवन पर शुरू से नज़र डालते हैं. पढने में बहुत तेज़ था, हमेशा फर्स्ट ही आया. ऐसे बहुत से Parents को मैं जानता हूँ जो यही चाहते हैं कि बस उनका बच्चा हमेशा फर्स्ट ही आये, कोई गलती न हो उस से. गलती करना तो यूँ मानो कोई बहुत बड़ा पाप कर दिया और इसके लिए वो सब कुछ करते हैं, हमेशा फर्स्ट आने के लिए. फिर ऐसे बच्चे चूंकि पढ़ाकू कुछ ज्यादा होते हैं सो खेल कूद, घूमना फिरना, लड़ाई झगडा, मार पीट, ऐसे पंगों का मौका कम मिलता है बेचारों को,12 th कर के निकले तो इंजीनियरिंग कॉलेज का बोझ लद गया बेचारे पर, वहां से निकले तो MBA और अभी पढ़ ही रहे थे की मोटी तनख्वाह की नौकरी. अब मोटी तनख्वाह तो बड़ी जिम्मेवारी, यानी बड़े बड़े targets. 
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कमबख्त ये दुनिया , बड़ी कठोर है और ये ज़िदगी, अलग से इम्तहान लेती है. आपकी कॉलेज की डिग्री और मार्कशीट से कोई मतलब नहीं उसे. वहां कितने नंबर लिए कोई फर्क नहीं पड़ता. ये ज़िदगी अपना अलग question paper सेट करती है. और सवाल ,सब out ऑफ़ syllabus होते हैं, टेढ़े मेढ़े, ऊट पटाँग और रोज़ इम्तहान लेती है. कोई डेट sheet नहीं.
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एक अंग्रेजी उपन्यास में एक किस्सा पढ़ा था. एक मेमना अपनी माँ से दूर निकल गया. आगे जा कर पहले तो भैंसों के झुण्ड से घिर गया. उनके पैरों तले कुचले जाने से बचा किसी तरह. अभी थोडा ही आगे बढ़ा था कि एक सियार उसकी तरफ झपटा. किसी तरह झाड़ियों में घुस के जान बचाई तो सामने से भेड़िये आते दिखे. बहुत देर वहीं झाड़ियों में दुबका रहा, किसी तरह माँ के पास वापस पहुंचा तो बोला, माँ, वहां तो बहुत खतरनाक जंगल है. Mom, there is a jungle out there.
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*इस खतरनाक जंगल में जिंदा बचे रहने की ट्रेनिंग बच्चों को अवश्य दीजिये*.।

बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ संस्कार भी देना जरूरी है  ,हर परिस्थिति को ख़ुशी ख़ुशी धैर्य के साथ झेलने की क्षमता, और उससे उबरने का ज्ञान और विवेक बच्चों में होना ज़रूरी है।माता पिता सफल जीवन के लिए तितिक्षा की शिक्षा अवश्य दें ।

जानें क्या है सप्तधान्यांकुर अर्क (शक्तिवर्द्धक दवा – टॉनिक) और इसे तैयार करने की विधि

जानें क्या है सप्तधान्यांकुर अर्क (शक्तिवर्द्धक दवा – टॉनिक) और इसे तैयार करने की विधि


इसके उपयोग करने से दानों, फल-फलियों, फूलों, सब्जियों पर बहुत अच्छी चमक आती है। आकार, वजन और स्वाद भी बढ़ता है।

बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

* तिल 100 ग्राम, मूँग के दाने 100 ग्राम, उड़द के दाने 100 ग्राम, लोबिया के दाने 100 ग्राम, मोठ/मटकी/मसूर के दाने 100 ग्राम, गेहूँ के दाने 100 ग्राम, देसी चने के दाने 100 ग्राम, पानी 200 लीटर, गौ-मूत्र 10 लीटर।

बनाने की विधि

* एक छोटी कटोरी में तिल (प्राथमिकता काले तिल को) लेकर उसमें पानी उपयुक्त मात्रा में डाल कर डुबाएं और घर में रख दें।

* अगले दिन सुबह एक थोड़ी बड़ी कटोरी में मूँग, उड़द, लोबिया, मोठ/मटकी/मसूर, गेहूँ, देसी चना के दानों को डालकर मिलाएं एवं उपयुक्त मात्रा में पानी डालकर भिगोएं एवं घर में रखें। 24 घण्टे बाद इन अंकुरित बीजों को पानी से निकाल कर कपड़े की पोटली में बाँध कर टाँग दें।

* एक सेंटीमीटर अंकुर निकलने पर उपरोक्त सातों प्रकार के बीजों की सिलबट्टे पर चटनी बनाएं। सभी प्रकार के बीजों के अलग हुए पानी को सम्भालकर रख लें।

* अब 200 लीटर पानी में बीजों से अलग हुए पानी व चटनी और गौ-मूत्र को एक ड्रम में डालकर लकड़ी की डण्डी से अच्छे से मिलाकर कपड़े से छान कर 48 घण्टे के अन्दर इस प्रकार छिड़काव करें।

* फसल के दाने जब  दूग्धावस्था में हों।

* फल-फलियाँ बाल्यावस्था में हों।

* फूलों में कली बनने के समय।

* सब्जियों में कटाई के 5 दिन पूर्व छिड़काव करें।

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

दीपावली पर पटाखे बैन षड्यंत्र की कहानी

दीपावली पर पटाखे बैन षड्यंत्र की कहानी..

पंच मक्कार(मीडिया, मार्क्सवादी, मिचनरी, मुलाना, मैकाले) किस तरह से सुनियोजित कार्य करते है आप इस लेख के माध्यम से जान पाएंगे. किस तरह इकोसिस्टम बड़ा लक्ष्य लेकर चलता है वो आप जान पाएंगे. वे किस तरह 10, 20 साल की योजना बनाकर स्टेप बाई स्टेप नरेटिव सेट कर शनैःशनैः वार कर किले को ढहा देते है ये आप जानेंगे. जिसमें वे आपको ही अपनी सेना बनाकर अपना कार्य करते है और आपको पता भी नही चलता.

पटाखो पर बैन की कहानी 2001 से शुरू होती है. जब एक याचिका में SC ने सुझाव दिया कि पटाखे केवल शाम 6 से 10 बजे तक मात्र चार घण्टे के लिए फोड़े जाए. साथ ही इसको लेकर जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों में बच्चों को बताया जाए. ये केवल एक सुझाव वाला निर्णय था ना कि पटाखे फोड़ने पर आपराधिक निर्णय. ध्यान रहे सुझाव केवल दीपावली पर ही था क्रिसमस और हैप्पी न्यूएर पर नही. ये एक प्रकार का लिटमस टेस्ट था.

लिटमस टेस्ट सफल रहा क्योंकि हिंदुओ ने कोई विरोध नही किया हालांकि सुझाव किसी ने नही माना लेकिन उसका विरोध भी नही किया. इससे इकोसिस्टम को बल मिला और 2005 में एक और याचिका लगी. जिसमें कोर्ट द्वारा इसबार पटाखो को ध्वनि प्रदूषण से जोड़कर आपराधिक कृत्य बनवा दिया गया अर्थात रात 10 बजे के बाद पटाखे फोड़ना आपराधिक कृत्य हो सकता है. चूंकि उसवक्त पटाखो को लेकर कोई कानून नही था अतः पटाखो को विस्फोटक अधिनियम में डाला गया ताकि यह आपराधिक कृत्य बनाया जा सके. तत्कालीन केंद्र सरकार(2004-2009) का मौन समर्थन रहा.

हिंदुओ ने तो भी विरोध नही किया. उधर स्कूलों के माध्यम से लगातार बच्चों के अंदर दीपावली के पटाखों से प्रदूषण ज्ञान दिया जाने लगा. बच्चे भी एक नरेटिव है. दीपावली पर पटाखे बच्चों का ही आकर्षण है. अतः उन्हें ही टार्गेट किया गया. आपको याद हो तो 2005 से स्कूलों में अचानक से पटाखा ज्ञान शुरू हो गया था. बच्चे खुद बोलने लगें पटाखे मत फोड़िये प्रदूषण होता है.

2010 में NGT की स्थापना हुई. जिसे प्रदूषण पर्यावरण ग्रीनरी के नाम पर केवल नारंगी त्यौहार दिखाई दिए. दीपावली, अमरनाथ यात्रा पर ज्ञान और फैसले देने वाला ngt क्रिसमस नए साल पर सदैव मौन रहा.

असली खेल 2016 से शुरू हुआ. अब इस खेल में लाल घोड़े(लेफ्ट) हरे टिड्डों(m) और सफेद बगुलों(मिचनरी) के साथ नारंगी भी शामिल हो गए. जी हाँ सही पढ़ा आपने नारंगी भी शामिल हो गए.

पूर्व नारंगी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी ने तत्कालीन दिल्ली उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर दीपावली पर पटाखे बैन की अपील की लेकिन LG ने ठुकरा दी. तब 2017 में तीन NGO एक साथ SC पहुंचे जिसमें से एक ngo "आवाज" था जिसकी कर्ताधर्ता "sumaira abdulali थी. जहां तीनो ngo ने दीपावली के पटाखो को ध्वनि और वायु प्रदूषण के लिए खतरनाक बताते हुए तत्काल प्रभाव से बैन करने की मांग की. जिसमे तीनो ngo की "आवाज" से आवाज मिलाई "केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड" ने. ध्यान रहे केंद्र और केजरीवाल सरकार दोनो ने SC में पटाखे बैन याचिका का विरोध नही किया. परिणामस्वरूप SC ने पहला बड़ा निर्णय देते हुए दिल्ली में पटाखो की बिक्री पर रोक लगा दी.

लेकिन हिंदुओ ने तब भी कोई विरोध नही किया बल्कि प्रदूषण के नाम पर समर्थन किया. क्योंकि तब हिन्दू "जागरूक" हो चुके थे. उन्हें लगने लगा दिल्ली प्रदूषण का एकमात्र कारण दीपावली के पटाखे है.

लिटमस टेस्ट में सफल होने के बाद पंचमक्कार 2018 में पुनः कोर्ट पहुंच गए. इसबार पटाखे फोड़ने पर ही बैन लगवा दिया गया. लेकिन झुन झुने के रूप में ग्रीन पटाखे पकड़ा दिए. ये दूसरा लिटमस टेस्ट था.

इसबार छिटपुट विरोध हुआ लेकिन तथाकथित जागरूक हिन्दू जो आप ही थे आप ही इकोसिस्टम की सेना बनकर पटाखे बैन करने के समर्थन में उतर गए और विरोध करने वालो को गंवार, अनपढ़, जाहिल, पिछड़ी सोच ना जाने क्या क्या कहकर आपने ही उनकी आवाज को दबा दिया और आपको पता ही नही चला.

धीरे धीरे खेल मीडिया से लेकर सेलिब्रिटी तक पहुंच गया. जहां दीपावली के एनवक्त पहले अचानक से प्रकट होकर क्रिकेटर/बॉलीबुड कलाकार क्रेकर ज्ञान देने लगे. मीडिया में लम्बी लम्बी डिबेट्स कर ब्रेनवॉश किया गया कि दिल्ली गैस चेम्बर बन गई है. जिसका एकमात्र कारण दीपावली पर जलने वाले पटाखे है. जिन्हें यदि बैन नही किया गया तो दीपावली के अगले दिन सब सांस से घुटकर मर जायेंगे.

2020 में तीसरा लिटमस टेस्ट किया गया और पटाखे बैन दिल्ली से बाहर निकलकर पूरे देश मे लागू किये गए. जिसमें एक और ngo जुड़ा. जिसने नवम्बर 2020 में याचिका लगाई पटाखे बैन पर. उस ngo का नाम था indian social responsibility network..

यदि आप और गहराई में जाएंगे तो पाएंगे कि ये एक नारंगी ngo है. जिसमे नारंगी राज्यसभा सांसद से लेकर वर्तमान नारंगी अध्यक्ष जी की श्रीमती भी है. नतीजा ये रहा कि दिल्ली सहित पूरे देश मे पटाखे 2 घण्टे के अतिरिक्त बैन हो गए और उल्लंघन करने पर पूरे देश मे जगह जगह कार्रवाइयां हुई. इस बैन में सभी ने बराबर की भूमिका निभाई.

लेकिन चूंकि उद्देश्य कुछ और ही था ?? अतः 2 घण्टे की ग्रीन पटाखो की छूट भी चुभ रही थी. इसबार उसे भी खत्म कर दिया गया. पंचमक्कारो द्वारा कुतर्क दिया गया कि भगवान राम के समय पटाखे नही थे. ये जानते हुए भी कि जरूरी नही है परम्पराए मूल से निकले. परम्पराए बाद में जुड़कर सदियों से चलकर त्योहार का मूल हिस्सा बन जाती है जैसे क्रिसमस में क्रिसमस ट्री और अजान में लाउडस्पीकर जो मूल समय मे नही थे. लेकिन वहां कोई कुतर्क नही करता.

यही है वामपंथ की ताकत जो आपका ब्रेनबाश कर आपको जाम्बी बना देती है. जहां आप जिस डाली पर बैठे हो उसे ही काटकर(अपने ही मूल्यों को समाप्त कर) गर्व महसूस करते है.

यही है नरेटिव की ताकत जहां दीपावली का प्रदूषण चुनावी मुद्दा बन गया. जबकि पटाखे प्रदूषण के मुख्य कारकों में top 10 में भी नही है(IIT रिसर्च). लेकिन हर पार्टी चुनाव जीतने के लिए दीपावली पटाखे बैन के समर्थन में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने लगी. ध्यान रहे मुद्दा केवल दीपावली के पटाखे बने क्रिसमस और नए साल के नही.

यही पँचमक्कारो की ताकत है. हालत ये है कि अब राजस्थान/दिल्ली जैसे राज्य बिना कोर्ट के आदेश के बिना मंथन बिना बैठक दीपावली पर खुद ही पटाखे बैन करने लगे है. जैसे कोई धारा 144 जैसा रूटीन आदेश हो. लेकिन ये राज्य क्रिसमस न्यूएर पर चुप रहते है. ये हालत तब है जब राजस्थान में प्रदूषण मुद्दा नही है. आज दीपावली पर पटाखे बैन करना और ज्ञान देना फैशन हो गया.

निश्चित रूप से प्रदूषण चिंता का विषय है लेकिन उसका एकमात्र मुख्य कारण पटाखे नहीं है अतः पटाखे बैन की नौटंकी छोड़कर NGO, सरकारें, विपक्ष और कोर्ट द्वारा प्रदूषण के मुख्य कारकों को बैन करना होगा.

पूर्वांचली बधाई के पात्र है जिन्होंने छठ पूजा नरेटिव बनने से पहले भारी विरोध कर कम से कम इस वर्ष पर्व बचा लिया वरना अगला टार्गेट छठपूजा ही था. ध्यान रहे कोई आपके साथ नही खड़ा होगा जबतक आप स्वयं अपने साथ नही खड़े है.

दीपावली से उसका मुख्य आकर्षण पटाखा खत्म करने के लिए, बच्चों के हाथों से फुलझड़ी छिनने के लिए सब जिम्मेदार है. पंचमक्कार से लेकर नारंगी भी और आप स्वयं भी क्योंकि आप मौन रहे. पंचमक्कार नरेटिव ने होली से रंग, दीपावली से पटाखे, दशहरे से रामलीला, जन्माष्टमी से दही हांडी छीन ली या छिनने के कगार पर है..

सब मिले हुए है....

#नोट: इसमें छिब्बल की कहानी शामिल नही है उसपर बहुत लिखा जा चुका है. यहां मूल जड़ बताने का प्रयास किया गया है. लेख को छोटा रखने के लिए केवल मुख्य तथ्यों को संक्षेप में रखा गया है. कुछ विषय छूट गए होंगे या तथ्यों में कुछ अंतर हो सकता है इसके लिए लेखक क्षमाप्रार्थी है. यहाँ लेख का मुख्य उद्देश्य केवल आपको नरेटिव और इस खेल से परिचित करवाना है ना कि किसी पर दोषारोपण. 

स्त्रोत: ISD
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रविवार, 24 अक्तूबर 2021

कमर में दर्द के घरेलू उपाय

 

कमर में दर्द के घरेलू उपाय निम्न है-

  • कमर दर्द में आराम पाने के लिए एक चम्मच शहद में दालचीनी पाउडर डालकर दिन में 2 बार खाएं।
  • कमर दर्द के लिए गर्म बोतल से सिकाई करना बहुत फायदेमंद होता है। ऐसे में गर्म पानी की बोतल से कमर की सिकाई करें।
  • अगर दर्द सर्दी के कारण हो रहा है तो इसके लिए सूखी अंजीर,एक सूखी खुबानी और सूखे आलूबुखारे को रात में चबाकर खाएं।
  • अगर कमर दर्द के कारण आपको उठने-बैठने में दिक्क्त हो रही है तो ऐसे में आप सरसों के तेल को गर्म करके दर्द वाली जगह पर मलें। इससे दर्द में काफी आराम मिलता है।

योग करें। योग करने से हड्डियों में लचिलापन बना रहता है जिससे दर्द नहीं होता है।

इस वर्ष दिवाली की रात को लक्ष्मी जी हमारे घर आती है बच्चो के लिए कुछ धन और खिलौने छोड़कर जाएंगी

 *जयश्रीराम*🚩




जिस तरह पूरे विश्व में बच्चो में ये विश्वास पैदा किया गया कि क्रिसमस पर सांता क्लॉज आएगा और उपहार देगा।(भारतीय बच्चे भी अछूते नहीं रहे)।
उसी तरह हम सब मिलकर हमारे  घरों में ये विश्वास दिलाने का अभियान चलाए कि *दिवाली की रात को लक्ष्मी जी हमारे घर आती है*...  *और हमको समृद्धि का आशीर्वाद देकर जाती है*. .

अतः,  *इस वर्ष से बच्चो को ये बताया जाए समझाया जाए कि लक्ष्मी जी दिवाली की रात को हमारे घर आएंगी और उनके लिए कुछ धन और खिलौने छोड़कर जाएंगी*।।
और जब वह सुबह  उठे, तो  उन्हे अपने बिस्तर के निकट लक्ष्मी जी द्वारा छोड़े गए धन और खिलौने मिलें ।
यकीन मानिए उनके उत्साह और प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहेगा.


*हमारे पुराण, हमारी कथाएं, हमारी आस्था पूरे विश्व में अनूठी है, रंगो से भरपूर हमारे विश्वास की डोर से बंधी है । हमारी संस्कृति जैसी किसी की भी नही है* ।



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शनिवार, 23 अक्तूबर 2021

काले जादू को कैसे खत्म कर सकते हैं?

 


काले जादू निवारण के उपाय

बुरी शक्ति से बचने के लिए नीचे कुछ सरल उपाय दिए गए हैं जिनको करने से आप खुद को व अपने परिवार को इस बुरी शक्ति के प्रभाव से बचा सकते हैं|

पीली सरसो और गाय का गोबर

पीली सरसों, गुग्गुल, कपूर और गाय के घी से धूप को तैयार कर लें| आपको एक गाय के गोबर से बना उपला लेना होगा और इसे जलाना होगा| साथ ही तैयार धूप को इसमें डालना होगा| इसके बाद घर के हर कोने में इसकी धूप को फैला लें| आपको इसका प्रयोग 21 दिन तक लगातार करना होगा| तभी घर से सारी नकारात्मक शक्तियां धीरे-धीरे दूर हो जाएगी|

घर का मंदिर, और चांदी की कटोरी का उपयोग

माना जाता है कि रात का भोजन करने के बाद घर में जो मंदिर है वहां पर एक चांदी की कटोरी को रख लें| इस कटोरी में आपको लौंग और कपूर को डालकर जलाना होगा| इस प्रयोग को करने से हर तरह के संकटों से आपको मुक्ति मिल जाएगी| ऐसा करने से घर में किसी भी प्रकार कि नकारात्मक शक्ति का होना प्रवेश बाधित हो जाता है|

साबुत उड़द, कोयले और काले काले कपड़े का उपयोग

जिस भी व्यक्ति पर प्रेतबाधा हो उसके लिए ये उपाय करना चाहिए| एक किलो साबुत उड़द लें और इसे सवा किलो कोयले में मिला लें| इसके बाद इसे सवा मीटर की काले कपड़े में बांधकर प्रभावित व्यक्ति के सिर से सात बार उसारें और फिर इस पोटली को नदी में बहा दें|

धतूरे के पौधे का उपयोग

सबसे आखिर में एक धतूरे के पौधे को आप जड़ से ही उखाड़ ले और इसे उलटा करके जमीन में गाढ़ दें| इस उपाय को करने से घर में सुख शांति बनी रहेगी और किसी भी तरह की प्रेत बाधा से बचाव होता रहेगा|

ऐसा ज्ञान जो एक दिन आपके जीवन को बचा सकता है?

 

1. यदि आप बलात्कार के कगार पर हैं, तो उसके अंडकोष को जितना हो सके जोर से मारें और देखें कि वह कैसे नीचे गिरेगा और यदि वे समूह में हैं, तो इस बहादुर स्टंट को न करें बल्कि उन्हें बताएं कि आपको एचआईवी है।

2. बाईस्टैंडर प्रभाव। यदि आप इस परिणाम से अनजान हैं, तो इसके बारे में जानने से आपकी जान बच सकती है। बाईस्टैंडर प्रभाव दर्शकों के बीच दोष के फैलाव को दर्शाता है। जब कोई डकैती या लड़ाई के किनारे खड़ा होता है, तो वे हस्तक्षेप नहीं करेंगे क्योंकि वे दूसरों की सहायता करने की आशा करते हैं।

जब आप लड़ाई में हों, लूटे जा रहे हों, या इससे भी बदतर हो, तो दूसरों से आपकी मदद की उम्मीद न करें। वे इससे बचना चाहेंगे। इसके बजाय, उन्हें आंखों में देखें, उनकी मदद मांगें, विशेष रूप से उन्हें निर्देशित करें। यह किसी और की मदद करने में सक्षम होने की भावना को हटा देता है जैसा आपने उनसे विशेष रूप से पूछा था।

3. चाकू के घाव से चीजों को हटाने से खून की कमी अधिक होती है, जिससे पीड़ित के मरने की संभावना बढ़ जाती है। उस वस्तु को अकेला छोड़ देना चाहिए। इससे छुटकारा पाने की कोशिश मत करो।

4. प्लेन से उतरने से पहले अपनी लाइफ जैकेट को फुलाएं नहीं। आपातकालीन जल लैंडिंग के मामले में, अपने फुलाए हुए जीवन जैकेट के साथ तैयार रहना एक अच्छा विचार नहीं है। कई एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसा करने से आपके लिए हालात और खराब ही होंगे।

यह इस तथ्य के कारण है कि जैसे ही विमान डूबना शुरू होता है, केबिन के अंदर का पानी आपको छत तक धकेल देगा। आप वहां से सहायता के बिना आगे बढ़ने में सक्षम नहीं होंगे। इसलिए अपनी लाइफ जैकेट पहनें और विमान से बाहर निकलने के बाद ही इसे फुलाएं।

5. जानें कि अपने खुद के टायर कैसे बदलें और सुनिश्चित करें कि आप एक पूर्ण आकार के अतिरिक्त और आपके लिए आवश्यक सभी टूल्स से लैस हैं।

6. किसी को बताएं कि आप कहां होंगे - जब आप अकेले रहते हैं या यहां तक ​​कि जब आप रात के लिए बाहर जाते हैं, तो एक दोस्त को बताएं कि आप कहां होंगे।

यह मुश्किल से आपकी ओर से कोई प्रयास करता है, और अगर कुछ गलत हो जाता है या आप सुबह वापस नहीं आते हैं, तो किसी को पता चल जाएगा कि कहां से शुरू करना है अगर उन्हें आपकी तलाश करनी है।

7. अपनी जेब में हाथ डालकर सीढ़ियों से नीचे न उतरें। आपको अपने सिर की रक्षा करने या अपने गिरने को रोकने के लिए अपने हाथों की आवश्यकता है।

8. ज्यादातर गलतियां इसलिए होती हैं क्योंकि हम तेज होना चाहते हैं। हम दूसरी जगहों पर जाना चाहते हैं, जल्दी में हैं और भाग खड़े हुए हैं। ऐसे ही बहुत हादसे होते हैं। कोई जल्दी में है और पर्याप्त ध्यान नहीं देता है।

9. यदि आप रेगिस्तान, या किसी निर्जन क्षेत्र में खो गए हैं, तो आपके पाए जाने की संभावना को बढ़ाने के लिए आप जो महत्वपूर्ण चीज ले सकते हैं वह एक छोटा परावर्तक दर्पण है।

जब भी कोई विमान ऊपर की ओर उड़ता है तो आप उसकी ओर प्रकाश को प्रतिबिंबित कर सकते हैं और आपके मिलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। यह गंभीरता से आपके साथ अधिक पानी ले जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

10. जब आपको लगे कि आप जल्दी में हैं तो इसे याद रखें: 5 मिनट की देरी से आपकी जान बच सकती है। क्या उन 5 मिनट को बचाना वाकई इसके लायक है? कभी-कभी ऐसा हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो एक गहरी सांस लें और धीमी गति से चलें।

11. उस डूबती गाड़ी से बाहर निकलना। यह महत्वपूर्ण है कि आप जितनी जल्दी हो सके एक दरवाजा खोल दें, इससे पहले कि पानी का दबाव असंभव बना दे।

यदि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो एक खिड़की तोड़ दें। यदि इनमें से कोई भी विफल हो जाता है तो शांत रहें और कार में पानी के बहने की प्रतीक्षा करें। एक बार पर्याप्त आने पर दबाव बराबर हो जाएगा और दरवाजा खुल जाना चाहिए।

12. अगर आप पानी में गिर जाते हैं, तो घबराएं नहीं। आपको तैरने में सक्षम होने की आवश्यकता नहीं है; आपको बस तैरना है। अपनी सांस रोककर रखें और अपने आप को सतह पर आने दें।

13. हमेशा। मेरा मतलब हमेशा, अपनी आंत की प्रवृत्ति को सुनो। वे आपके पहले संकट कॉल सिग्नल हैं। उन्होंने मुझे कभी असफल नहीं किया, मेरा मतलब है।

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