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सोमवार, 3 जनवरी 2022

भारत में बैठे विदेशी एजेंट और उनके टट्टू अभी हाल ही में R माधवन की जनेऊ वाली फ़ोटो देखकर माधवन को यूँही ट्रोल नहीं कर रहे थे

#नम्बी_नारायणन देश के एक ऐसे इंटेलीजेंट साइंटिस्ट रहें...,

जिन्होंने ISRO को NASA के समकक्ष ला खड़ा किया था
मूल रूप से तमिलनाडु के लेकिन जन्म से केरल के नम्बी नारायणन क्रायोजेनिक तकनीक पर काम कर रहे थे..., क्रायोजेनिक तकनीक कम तापमान में सैटेलाइट इंजन के काम करने से संबंधित तकनीक थी,
जिसके अभाव के चलते भारत स्पेस में सैटेलाइट भेजने में दिक्कतें फेस कर रहा था।

भारत पहले इस तकनीक के लिए कभी रूस तो कभी अमेरिका तो कभी फ्रांस के आगे झोली फैला रहा था लेकिन अमेरिका जो उस समय पाकिस्तान का मित्र और भारत का कथित तौर पर शत्रु था
उसनें साफ मना कर दिया, रूस उस समय इतना शक्तिशाली नहीं रह गया था क्योंकि विघटन हो चुका था तो अमेरिका की धमकी के आगे फ्रांस और उसनें भी भारत को यह तकनीक देने से मना कर दिया...।

लेकिन नम्बी नारायणन भी अपनी ज़िद के पक्के थे, उन्होंने अमेरिका को आंखें दिखाते हुए यह निश्चय किया। कि अब इस तकनीक को भारत अपने बल पर विकसित करेगा और वे अपनी टीम के साथ जुट गए...,

जब यह काम अपने पीक पर था और तकनीक लगभग विकसित होने वाली थी....तभी अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसी CIA ने भारत में बैठे अपने भाड़े के टट्टुओं की सहायता से नम्बी नारायणन को देशद्रोह के फ़र्ज़ी आरोप में फंसवा दिया और जेल भेज दिया।

जी हाँ केरल पुलिस ने दो M महिलाओं को गिरफ़्तार किया जिन पर पाकिस्तान की जासूस होने का आरोप था और उन्होंने अपने साथ नम्बी नारायणन को भी लपेटे में ले लिया ये कहते हुए कि नम्बी नारायणन ने क्रायोजेनिक तकनीक के ड्रॉइंग्स हमें दिए और हमनें वे ड्रॉइंग्स पाकिस्तान पहुँचा दिए...,

नम्बी नारायणन लाख कहते रहे मैं निर्दोष हूँ..,
मैंने ऐसा कुछ नहीं किया लेकिन न तो केरल पुलिस न केरल की कम्युनिस्ट सरकारें और ना भारत सरकार किसी ने उनकी एक न सुनी...सुनते कैसे..?
उन्हें फाँसने के लिए ही तो ये षड्यंत्र रचा गया था,

केस में फँसते ही ISRO के उनके साथियों और समाज के एक वर्ग ने भी उनका बहिष्कार कर दिया,
ऑटो वाले उनके परिवार को ऑटो में नहीं बिठाते थे, मंदिर का पुजारी उनके परिवार वालों को प्रसाद नहीं देता ऐसी विकट स्थिति आई कि नम्बी एक बार आत्महत्या करने तक का मन बना चुके थे, लेकिन उनके परिवार के आग्रह पर उन्होंने केस लड़ना ज़ारी रखा ताकि माथे पर लगा गद्दार और देशद्रोही का कलंक मिटा सकें।

और यह हुआ भी, सेशन कोर्ट, हाइकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बारी बारी न केवल निर्दोष पाया बल्कि बाइज़्ज़त बरी भी किया।

लेकिन 1994 से लेकर सितंबर 2018 जब वे एक बार पुनः निर्दोष और निष्कलंक साबित हुए इन 25 सालों में भारत और नम्बी नारायणन ने क्या कुछ खोया उसकी पीड़ा केवल और केवल नम्बी ही समझ सकते हैं,
जिस पर ना तो देश के किसी इंटेलेक्चुअल ने चिंता जताई, ना किसी मीडिया में डिबेट हुआ ना कथित बुद्धिजीवियों ने दो शब्द कहे..,

क्योंकि वो कोई पहलू खान या अख़लाक़ थोड़े थे,
वे देश के महान वैज्ञानिक थे और भारत को ऐसी तकनीक देने वाले थे जिससे भारत अमेरिका को टक्कर देने जा रहा था, ख़ैर भारत इस दौरान न केवल स्पेस तकनीक में विकसित राष्ट्रों से पिछड़ गया बल्कि उसे भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा।

एक और मज़ेदार बात बताता हूँ कि भारत में बैठे विदेशी एजेंट और उनके टट्टू अभी हाल ही में R माधवन की जनेऊ वाली फ़ोटो देखकर माधवन को यूँही ट्रोल नहीं कर रहे थे..., दरअसल वे माधवन की आड़ में नम्बी को टारगेट कर रहे थे जिनकी जीवनी पर माधवन बहुत जल्द फ़िल्म लेकर आ रहे हैं...,

ज्ञात हो कि नम्बी नारायणन ने अपनी आत्मकथा में इस पूरे घटना क्रम और पीड़ा को विस्तार से बताया है।

रविवार, 2 जनवरी 2022

आधारकार्ड से वोटर कार्ड को जोड़ के मोदी जी ने विपक्ष को नोटबन्दी से भी गहरी चोट लगेगी

*आधार कार्ड*
   🇮🇳🇮🇳🇮🇳

हमारा आधार कार्ड मोबाइल नंबर से जुड़ा हुआ है
हमारा आधार कार्ड बैंक एकाउंट से जुड़ा हुआ है

हमारा आधार कार्ड रेलवे के टिकट बुक करने वाली IRCTC की वेबसाइट पर पहचान पत्र के रूप में जुड़ा हुआ है 
हमारा आधार कार्ड हवाई टिकट से जुड़ा हुआ है

हमारा आधार कार्ड राशन कार्ड से जुड़ा हुआ है
हमारा आधार कार्ड जीवन बीमा LIC मेडिकल कार्ड से जुड़ा हुआ है

हमारा आधार कार्ड टीकाकरण सर्टिफिकेट से जुड़ा हुआ है
हमारा आधार कार्ड PAN कार्ड से जुड़ा हुआ है

रसोई गैस सिलिंडर से जुड़ा हुआ है
बिजली पानी के कनेक्शन से.. उसके बिल से जुड़ा हुआ है

हमारा आधार कार्ड बाइक मोटर साइकिल स्कूटर कार या जिस गाड़ी ऑटो ट्रक बस के हम मालिक हैं
उससे जुड़ा हुआ है..
उसके फाइनेंस के कागजों से जुड़ा हुआ है

हमारा आधार कार्ड हमारी गाड़ी की RC 
हमारे ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा हुआ है 

और तो और..
हमारा आधार कार्ड फेसबुक ट्विट्टर मैट्रिमोनियल साइट्स के वेरिफाइड प्रोफाइल और एकाउंट तक से जुड़ा हुआ है

हमारा आधार कार्ड बच्चों के स्कूल में.. उनकी क्लास की मैडम के रजिस्टर तक में चढ़ा हुआ है
😀😀😀😀

*इतनी सारी चीजों से जुड़े होने पर भी किसी की निजता का हनन नहीं होता*
*प्राइवेसी को खतरा नहीं होता*

विपक्ष को भी इतनी सारी चीजों से आधार कार्ड जुड़ा हो तो कोई दिक्कत नहीं है

*बस आधार कार्ड अगर वोटर आई कार्ड से जुड़ जाय तो इनको यह निजता पर खतरा दिखाई देता है*

वाह क्या कहने..
कितना बड़ा ढोंग है यह
सोचिए जरा..!!

*सच तो यह है कि खान्ग्रेस सहित इसके काले धन से पैदा की हुई पार्टियां हर राज्य में किराए के वोटर पैदा किये पड़ी हैं*

आज गोवा में चुनाव हो तो बंगाल से लाखों फर्जी वोटर उधर ठेल दिए जाते हैं
बिल्कुल आधार कार्ड ..वोटर कार्ड के साथ ..सौ प्रतिशत सही कागजों के साथ

*दिल्ली में चुनाव होता है..*
*दूसरे राज्यों से ..अगल बगल युप्पी से हरियाणा से.. दिल्ली की हर विधानसभा में 2000 वोटर आधार कार्ड और वोटर आइडेंटिटी कार्ड सहित भेज दिए जाते हैं*

आज हर विधानसभा चुनाव में ये भाड़े के वोटर ही जीत हार तय कर रहे हैं
जहाँ हार जीत हजार पंद्रह सौ वोट से तय हो रही है

*विपक्ष क्यों बिलबिला रहा है*
*अब आप समझ गए होंगे*

ये मोदी जी ने भी ना..
चौंका दिया बिल्कुल..

*आधारकार्ड से वोटर कार्ड को जोड़ के मोदी जी ने विपक्ष को..*
*नोटबन्दी से भी गहरी चोट लगेगी.....!*

#ModiMatters 🤔

आखिर RSS की स्थापना क्यों हुई.?

RSS संस्था क्यों बनी* 
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आखिर RSS की स्थापना क्यों हुई.? इस प्रश्न का उत्तर पूरा पढ़िए.. 

संसद में मोदी जी ने हामिद मियां पर तंज कसते हुए कहा था कि आपके परिवार के लोगों ने खिलाफत आंदोलन में भाग लिया था, जिस पर हामिद मियां खींसे निपोरते रह गए !

*तो क्या था यह खिलाफत आंदोलन?* जिसे सुनते ही हामिद मियां और कांग्रेस असहज हो उठी? जानने के लिए पूरी पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें।

खिलाफत जानने से पहले आइए पहले जरा खलीफा को जान लें।

खलीफा एक अरबी शब्द है, जिसे अंग्रेज़ी में Caliph (खलीफ) या अरबी भाषा मे Khalifah (खलीफा) कहा जाता है।

*तो कौन होता है खलीफा?*

खलीफा मुसलमानों का वह धार्मिक शासक (सुल्तान) होता है जिसे मुसलमान मुहम्मद साहब का वारिस या successor मानते हैं।

खलीफा का काम होता है युद्ध कर के पूरे विश्व पर इस्लाम का निज़ाम कायम करना (जो कश्मीर में बुरहान वानी करना चाहता था)।

यानी इस्लाम की ऐसी हुकूमत कायम करना जिसमे इस्लामिक यानी शरीया कानून चले और जिसमे इस्लाम के अलावा किसी और धर्म की इजाज़त नही होती है।

जितने हिस्से या राज्य पर खलीफा राज करता है उसे Caliphate यानी अरबी भाषा में Khilafa (खिलाफा) कहते हैं।

*खलीफा* यानी इस्लामिक सुल्तान और *खिलाफा* यानी इस्लामिक राज्य ।

1919-22 के दौरान Turkey यानी तुर्की में *ओटोमन वंश* के आखिरी सुन्नी खलीफा *अब्दुल हमीद-2* का खिलाफा यानी शासन चल रहा था जो कि जल्दी ही धराशाई होने वाला था। 

इस आखिरी इस्लामिक खिलाफा (शासन) को बचाने के लिए अब्दुल हमीद-2 ने *जिहाद का आवाहन* किया ताकि विश्व के मुसलमान एक हो कर इस आखिरी खिलाफा यानी इस्लामिक शासन को बचाने आगे आएं।

पूरे विश्व मे इसकी कोई प्रतिक्रिया नही हुई सिवाए भारत के। भारत के अलावा एशिया का कोई भी दूसरा देश इस मुहिम का हिस्सा नही बना। 

लेकिन भारत के कुछ मुट्ठी भर मुसलमान इस मुहिम से जुड़ गए और हजारों किलोमीटर दूर , सात समंदर पार *तुर्की के खिलाफा यानी इस्लामिक शासन* को बचाने और अंग्रेज़ों पर दबाव बनाने निकल पड़े, जबकि इस समय भारत खुद गुलाम था और अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था।

लेकिन अंतः 1922 में तुर्की से सुलतान के इस्लामिक शासन को उखाड़ फेंका गया और वहाँ सेक्युलर लोकतंत्र राज्य की स्थापना हुई और कट्टर मुसलमानों का पूरे विश्व पर राज करने का सपना टूट गया, इसी सपने को संजोए आजकल ISIS काम कर रहा है ।

भारत के चंद मुसलमानों ने अंग्रेज़ी हुकूमत पर दबाव बनाने के लिए बाकायदा एक आंदोलन खड़ा किया , जिसका नाम था खिलाफा आंदोलन (Caliphate movement)

अब क्योंकि अंग्रेज़ी में लिखे जाने पर इसका हिन्दी उच्चारण खलिफत होता है (अरबी में caliphate को khilafa=खिलाफा लिखते है, 

तो *कांग्रेस ने बड़ी ही चतुराई से इसका नाम खिलाफत आंदोलन रख दिया* ताकि देश की जनता को मूर्ख बनाया जा सके और लोगों को लगे कि यह खिलाफत आंदोलन अंग्रेज़ो के खिलाफ है।

जबकि इसका असल मकसद *purely religious* यानी पूर्णतः धार्मिक था, इसका भारत की आज़ादी या उसके आंदोलन से कोई लेना देना नही था।

 *कुछ समझ मे आया?*

कैसे शब्दों की बाज़ीगरी से जनता को मूर्ख बनाया जा रहा था।

कैसे खलिफत को खिलाफत बताया जा रहा था, (ठीक वैसे ही जैसे Feroze Khan Ghandi (घांदी) को Feroze Gandhi (फ़िरोज़ गांधी) बना दिया गया) ।

उस समय भारत मे इतने पढ़े लिखे लोग और नेता नही थे कि गांधी-नेहरू की इस चाल को समझ सकें।

लेकिन इन सब के बीच कांग्रेस में एक पढ़ा लिखा व्यक्तित्व उपस्थित था, जिनका नाम था *डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार* था ! 

इन्होंने  इस आंदोलन का जम कर विरोध किया , क्योंकि खिलाफा सिर्फ तुर्की तक सीमित नही रहना था, इसका उद्देश्य तो पूरे विश्व पर इस्लाम की हुकूमत कायम करना था जिसमे गज़वा-ए-हिन्द यानी भारत भी शामिल था !

डॉ हेगड़ेवार ने कांग्रेस के गांधी और नेहरू को बहुत समझने की कोशिश की , लेकिन वे नही माने, *अंतः डॉ हेगड़ेवार ने कांग्रेस के इस खिलाफत आंदोलन का विरोध किया* और कांग्रेस छोड़ दी !

तो अब समझ मे आया मित्रों की कांग्रेसी जो कहते हैं कि RSS ने आज़ादी के आंदोलन का विरोध किया था, तो वो असल मे किस आंदोलन का विरोध था? आप डॉ हेगड़ेवार के स्थान पर होते तो क्या करते? 

क्या आप भारत को गज़वा-ए-हिन्द यानी इस्लामिक देश बनते देखते? या फिर डॉ साहब की भांति इसका विरोध करते?

*1919 में खिलाफत आंदोलन* शुरू हुआ था और 1920 में डॉ हेगड़ेवार ने कांग्रेस छोड़ दी और सभी को इस आंदोलन के बारे में जागरूक किया कि इस आंदोलन का भारत की स्वतंत्रता से कोई लेना देना नही है और यह *एक इस्लामिक आंदोलन है !*

जिसका परिणाम यह हुआ कि यह आंदोलन बुरी तरह फ्लॉप हुआ ! और 1922 में अंतिम इस्लामिक हुकूमत धराशाई हो गयी !

मुस्लिम नेता इस से बौखला गए और मन ही मन *हिन्दुओ और संघ  को अपना शत्रु मानने लगे* और इसका बदला उन्होंने 1922-23 में केरल के मालाबार में हिन्दुओ पर हमला कर के लिया ! 

और असहाय अनभिज्ञ *हिन्दुओ को बेरहमी से काटा गया*, हिन्दू लड़कियों की इज़्ज़त लूटी गई, जबकि इस आंदोलन का भारत या उसके पड़ोसी देशों तक से कोई लेना देना नही था ।

*1923 के दंगों में गांधी ने* हिन्दुओ को ही दोषी ठहराते हुए हिन्दुओ को कायर और बुजदिल कहा था, गांधी ने कहा हिन्दू अपनी कायरता के लिए मुसलमानों को दोषी ठहरा रहे हैं। 

अगर हिन्दू अपने जान माल की सुरक्षा नही कर सकता, तो इसमें मुसलमानों का क्या दोष? 

*हिन्दुओ की औरतों की इज़्ज़त लूटी जाती है* तो इसमें हिन्दू दोषी है, कहां थे उसके रिश्तेदार जब उस लड़की की इज़्ज़त लूटी जा रही थी? 

कुलमिला कर गांधी ने सारा दोष दंगा प्रभावित हिन्दुओ पर मढ़ दिया और कहा कि उन्हें हिन्दू होने पर शर्म आती है, जब हिन्दू कायर होगा तो मुसलमान उस पर अत्याचार करेगा ही ।

डॉ हेगड़ेवार को अब समझ आ चुका था कि सत्ता के भूखे भेड़िये, भारत की जनता की बलि देने से नही चूकेंगे।

इसलिए उन्होंने हिन्दुओ की रक्षा और उनको एकजुट करने के उद्देश्य से तत्काल *एक नया संगठन* बनाने का काम प्रारंभ कर दिया और अंततः 1925 में संघ *(RSS)*  की स्थापना हुई ! 

आज अगर हम होली और दीवाली मानते हैं, आज अगर हम हिन्दू हैं , तो केवल उसी खिलाफत आंदोलन के विरोध और *संघ की स्थापना की कारण*, अन्यथा तो जाने कब का *गज़वा-ए-हिन्द* बन चुका होता ।

13 साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न करने के दोषी पादरी को विशेष को उम्रकैद

*🚩इस खबर पर मीडिया ने न डिबेट की और न ही ब्रेकिंग न्यूज चलाई, छुपाने के पैसे मिले क्या?*

*02 जनवरी 2022*
azaadbharat.org

*🚩इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो अथवा प्रिंट मीडिया उसपर कई बुद्धिजीवी लोगों ने आरोप लगाया है कि कोई पेड खबर चलाने के जितने पैसे लेते हैं उससे ज्यादा पैसे कोई खास खबर छुपाने के पैसे भी लेते हैं।*

*🚩अक्सर देखा गया है कि जभी किसी साधु-संत पर षड्यंत्र के तहत कोई झूठा आरोप भी लगता है तो मीडिया महीनों तक प्राइम टाइम में ब्रेकिंग न्यूज़ व डिबेट चलाती है, उदाहरण के लिए- शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वतीजी और संत आशारामजी बापू; उनके खिलाफ कई महीनों तक झूठी खबरें दिखाई, अन्य और भी साधु/संतों के प्रति ऐसे ही खबर चलाते हैं लेकिन किसी पादरी अथवा मौलवी पर अपराध सिद्ध भी हो जाये तो भी कोई खबर नहीं दिखाई जाती है। इससे साफ होता है कि मीडिया झूठी खबरें चलाने व कई वास्तविक खबरें छुपाने के भी पैसे लेती होगी।*

*🚩इस खबर पर मीडिया मौन रही...*
*👉मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र दादर में 2015 में 13 साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न करने के दोषी पादरी को विशेष अदालत ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।*

*👉विशेष न्यायाधीश सीमा जाधव ने आरोपी पादरी जॉनसन लॉरेंस को यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत दोषी पाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अगस्त से नवंबर 2015 के बीच पादरी ने दो बार नाबालिग बच्चे का यौन उत्पीड़न किया।*

*👉पुलिस को दिए गए बयान में किशोर ने बताया कि वह 27 नवंबर, 2015 को अपने भाई के साथ दादर के शिवाजी नगर इलाके में स्थित चर्च गया था। प्रार्थना के बाद आरोपी ने एक बक्सा रखने के लिए पीड़ित को अंदर बुलाया और दरवाजा बंद करके उसका यौन उत्पीड़न किया।*

*👉बच्चे ने आरोप लगाया कि पादरी ने कुछ महीने पहले भी उसके साथ ऐसा ही किया था। पीड़ित बच्चे ने मजिस्ट्रेट के समक्ष भी यही बयान दिया। विशेष लोक अभियोजक वीणा शेलार ने बताया कि इस मुकदमे में कम से कम नौ लोगों की गवाही हुई।*
https://twitter.com/ANI/status/1476456374385078274?t=v5rGAtMX_ZvUPJ3lihZeaA&s=19

*🚩सेक्युलर, बुद्धिजीवी और मीडिया के अधिकांश हिस्से हिन्दू धर्म के पवित्र मंदिरों, आश्रमों व साधु-संतों पर षड्यंत्र के तहत कोई आरोप भी लगा दे तो खूब बदनाम करते हैं, परंतु दुनियाभर में पादरी बच्चों का शोषण करते हैं फिर भी इन ईसाई पादरियों के दुष्कर्मों पर चुप रहते हैं। क्या उन्हें वेटिकन सिटी से भारी फंडिंग मिलती है?*

*🚩भारत में साधु-संत देश, समाज और संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। उनको साजिश के तहत झूठे केस में जेल भेजा जाता है और मीडिया द्वारा पेड न्यूज एवं डिबेट दिखाकर तथा "आश्रम" जैसी फिल्में बनाकर उनको बदनाम किया जाता है। वहीं दूसरी ओर कई मौलवी व ईसाई पादरी मासूम बच्चे-बच्चियों और ननों के साथ रेप करते हैं, उनकी जिंदगी तबाह कर देते हैं फिर भी बिकाऊ मीडिया और प्रकाश झा जैसे बिकाऊ निर्देशक इसको देखकर आँखों पर पट्टी बांध लेते हैं क्योंकि इनको पवित्र हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने के पैसे मिलते है और हिंदू सहिष्णु हैं तो इन षड्यंत्रों को सहन कर लेते हैं।*

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शनिवार, 1 जनवरी 2022

काश ये सब हमारी प्राथमिक शिक्षा की पद्धति में शामिल होता

काश ये सब हमारी प्राथमिक शिक्षा की पद्धति में शामिल होता

दूध ना पचे तो ~ सोंफ
दही ना पचे तो ~ सोंठ
छाछ ना पचे तो ~जीरा व काली मिर्च
अरबी व मूली ना पचे तो ~ अजवायन
कड़ी ना पचे तो ~ कड़ी पत्ता,
तैल, घी, ना पचे तो ~  कलौंजी...
पनीर ना पचे तो ~ भुना जीरा,
भोजन ना पचे तो ~ गर्म जल
केला ना पचे तो  ~ इलायची             
ख़रबूज़ा ना पचे तो ~ मिश्री का उपयोग करें...

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।
2. लकवा - सोडियम की कमी के कारण होता है ।
3. हाई वी पी में -  स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।
4. लो बी पी - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।
5. कूबड़ निकलना- फास्फोरस की कमी ।
6. कफ - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं 
7. दमा, अस्थमा - सल्फर की कमी ।
8. सिजेरियन आपरेशन - आयरन , कैल्शियम की कमी ।
9. सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें ।
10. अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें ।
11. जम्भाई- शरीर में आक्सीजन की कमी ।
12. जुकाम - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।
13. ताम्बे का पानी - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।
14. किडनी - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।
15. गिलास एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें,  लोटे का कम  सर्फेसटेन्स होता है ।
16. अस्थमा , मधुमेह , कैंसर से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।
17. वास्तु के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।
18. परम्परायें वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।
19. पथरी - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है । 
20. RO का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए सहिजन की फली सबसे बेहतर है ।
21. सोकर उठते समय हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का स्वर चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।
22. पेट के बल सोने से हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है । 
23. भोजन के लिए पूर्व दिशा , पढाई के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।
24. HDL बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।
25. गैस की समस्या होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।
26. चीनी के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से पित्त बढ़ता है । 
27. शुक्रोज हजम नहीं होता है फ्रेक्टोज हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।
28. वात के असर में नींद कम आती है ।
29. कफ के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।
30. कफ के असर में पढाई कम होती है ।
31. पित्त के असर में पढाई अधिक होती है ।
33. आँखों के रोग - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।
34. शाम को वात -नाशक चीजें खानी चाहिए ।
35. प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए ।
36. सोते समय रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।
37. व्यायाम - वात रोगियों के लिए मालिश के बाद व्यायाम , पित्त वालों को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । कफ के लोगों को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।
38. भारत की जलवायु वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।
39. जो माताएं घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।
40. निद्रा से पित्त शांत होता है , मालिश से वायु शांति होती है , उल्टी से कफ शांत होता है तथा उपवास(लंघन) से बुखार शांत होता है ।
41. भारी वस्तुयें शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।
42. दुनियां के महान वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों , 
43. माँस खाने वालों के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।
44. तेल हमेशा गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।
45.छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।
46. कोलेस्ट्रोल की बढ़ी हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।
47.मिर्गी दौरे में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए ।
48.सिरदर्द में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।
49. भोजन के पहले मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है । 
50.भोजन के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें । 
51. अवसाद में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है 
52. पीले केले में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।
53. छोटे केले में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।
54.रसौली की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।
55.  हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।
56. एंटी टिटनेस के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।
57. ऐसी चोट जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें । 
58. मोटे लोगों में कैल्शियम की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।
59. अस्थमा में नारियल दें । नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।
60. चूना बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है । 
61. दूध का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।
62. गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।
63. जिस भोजन में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए 
64. गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।
65. गाय के दूध में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है।
66.मासिक के दौरान वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे  गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।
67.रात में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।
68.भोजन के बाद बज्रासन में बैठने से वात नियंत्रित होता है ।
69.भोजन के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।
70.अजवाईन अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है 
71.अगर पेट में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें 
72. कब्ज होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए । 
73. रास्ता चलने, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए । 
74. जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।
75. बिना कैल्शियम की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।
76.स्वस्थ्य व्यक्ति सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।
77.भोजन करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।
78.सुबह के नाश्ते में फल , दोपहर को दही व रात्रि को दूध का सेवन करना चाहिए । 
79. रात्रि को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि । 
80. शौच और भोजन के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें । 
81.मासिक चक्र के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए । 
82. जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।
83. जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।
84.एलोपैथी ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है । 
85. खाने की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है । 
86 .रंगों द्वारा चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ..... अंत में लाल रंग । 
87 .छोटे बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए 
88. जो सूर्य निकलने के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है । 
89.बिना शरीर की गंदगी निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं ।
90. चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।
91.गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।
92. प्रसव के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती  है ।
93. रात को सोते समय सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा 
94. दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए।
95.जो अपने दुखों को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है । 
96.सोने से आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है । 
97.स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है। 
98 .तेज धूप में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है 
99. त्रिफला अमृत है जिससे वात, पित्त , कफ तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।  
100. इस विश्व की सबसे मँहगी दवा लार है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूके।
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