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सोमवार, 17 जनवरी 2022

राजस्थान की कोबरा (जिप्सी) जनजाति के बारे में

 राजस्थान की कोबरा (जिप्सी) जनजाति के बारे में

राजस्थान की कोबरा जनजाति को स्थानीय रूप से कलाबेलिया जनजाति के रूप में जाना जाता है। सामान्य तौर पर, यह राजस्थान की एक आवारा जिप्सी जनजाति में से एक है। वे आम तौर पर गाँव के मेलों में फ्लैमेन्को जिप्सी नृत्य करते हैं, और साँपों के आकर्षण हैं।

इसी तरह की एक जनजाति है, वह है भोपा जिप्सी जनजाति। वे अपने आदिवासी नृत्य, गाने करते हैं और आजीविका चलाने के लिए अपने अद्वितीय संगीत वाद्ययंत्रों का प्रदर्शन करते हैं।

अतीत में, इन समुदायों को संगीत, नृत्य और गायन में उनके कौशल के लिए राजस्थान के राज्यों द्वारा संरक्षण दिया गया था, लेकिन राजस्थान से रॉयल्टी समाप्त होने के बाद, ये लोग दिन में दो बार भोजन बनाने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन करने आते हैं।

इन लोगों को समाज में अछूत माना जाता है और सामाजिक स्पेक्ट्रम के सबसे कम सामाजिक आर्थिक समूह से संबंधित हैं। जीवन दुख से भरा है, रोटी के लिए संघर्ष करना है, सिर पर छत नहीं है, ये लोग थार के रेगिस्तान में आवारा के रूप में चरम जीवन जीते हैं।

और आंखों के हिस्से में आना, रंगीन आँखें इन समुदायों में बहुत आम हैं। इन जिप्सियों में लगभग हर तरह की आंखें हैं। उनके आंखों के रंगों के कुछ कारण हैं जो मैं इस संग्रह के बाद आपको बताना चाहूंगा।

राजस्थान में इस तरह की आंखों पे ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता हैं, ज्यादातर गांवों में क्योंकि वे इन आंखों को देखने के अभ्यस्त हो गए हैं क्योंकि ये लोग प्रदर्शन करने के लिए गांव के इलाकों में आते थे।

मैं बचपन से इन लोगों को देख रहा हूं क्योंकि ये लोग हमारे इलाकों में प्रदर्शन करने आते हैं और आज भी ये लोग अलग-अलग समारोहों में प्रदर्शन करते हैं।

इन लोगों के अलावा, कुछ सामान्य लोगों के पास चमकीली बनावट के साथ रंगीन आँखें हैं, लेकिन यह जिप्सी समुदाय में उतना आम नहीं है।

अजीब नज़रों से थार का बूढ़ा आदमी

अम्बर पर एक राजस्थानी

इन रहस्यमयी रंगीन आंखों के पीछे सदियों की कहानी है, ये जनजाति हजार से अधिक वर्षों से थार के निवासी हैं। ये लोग युगों से आवारा हैं। मध्ययुगीन समय में जब यूरोपीय, यूनानी और अफगान जैसे आक्रमणकारियों ने भारत पर आक्रमण किया, ये लोग सबसे पहले पीड़ित थे, इन लोगों को नरसंहार, बलात्कार और लूटपाट किया गया था। और इस सारे चक्र के परिणामस्वरूप विभिन्न नस्लों का प्रजनन हुआ और परिणामस्वरूप इन लोगों की आंखों के रंग में बदलाव आया, कुछ आक्रमणकारियों ने उन्हें अलग-अलग स्थानों पर दास के रूप में ले लिया और बाद में वे रोमा जिप्सियों के रूप में चले गए।

हाँ, ये राजस्थानी आदिवासी रोमा लोगों के पूर्वज हैं और यह भूमि रोमा जिप्सियों की पैतृक भूमि है।

बच्चों को कम उम्र में सिखाने की जरूरत है:

 

यहां उन चीजों की एक सूची दी गई है, जिन्हें आपको अपने बच्चों को कम उम्र में सिखाने की जरूरत है:

1- जब वह 2 साल का हो तो अपने बच्चे के सामने कपड़े पहनने से बचें। उन्हें या खुद को बहाना सीखें।

2- कभी भी किसी वयस्क को अपने बच्चे को 'मेरी पत्नी' या मेरे पति के रूप में संदर्भित करने की अनुमति न दें।

3- जब भी आपका बच्चा दोस्तों के साथ खेलने के लिए बाहर जाता है तो सुनिश्चित करें कि आप यह जानने का तरीका खोजते हैं कि वह किस तरह का खेल खेले क्योंकि युवा लोग अब यौन शोषण करते हैं।

4- कभी भी अपने बच्चे को किसी ऐसे वयस्क के पास जाने के लिए मजबूर न करें जो उसके साथ सहज नहीं है और अगर आपका बच्चा किसी विशेष वयस्क से बहुत ज्यादा प्यार करता है तो वह भी चौकस न हो।

5- एक बार बहुत ही हँसमुख बच्चा अचानक वापस ले लिया जाता है, तो आपको अपने बच्चे से बहुत सारे सवाल पूछने की ज़रूरत है।

6- सेक्स के सही मूल्यों के बारे में अपने बड़े होने की सावधानीपूर्वक शिक्षा दें। यदि आप नहीं करते हैं, तो समाज उन्हें गलत मूल्य सिखाएगा।

7- अपने 3 साल के बच्चों को सिखाएं कि कैसे अपने प्राइवेट पार्ट्स को अच्छी तरह से धोएं और उन्हें चेतावनी दें कि कभी भी किसी को भी उन क्षेत्रों को छूने की अनुमति न दें और जिसमें आप भी शामिल हों।

8- कुछ ऐसी सामग्रियों / सहयोगियों को ब्लैकलिस्ट करें जिन्हें आप सोचते हैं कि आपके बच्चे की पवित्रता को खतरा हो सकता है (इसमें संगीत, फिल्में और यहां तक ​​कि दोस्त और परिवार शामिल हैं)।

9- अपने बच्चे (नाम) को भीड़ से बाहर खड़े होने के मूल्य को समझने दें।

10- एक बार जब आपका बच्चा किसी विशेष व्यक्ति के बारे में शिकायत करता है, तो उसके बारे में चुप न रहें। मामला उठाएं और उन्हें दिखाएं कि आप उनका बचाव कर सकते हैं।

> याद रखें, हम या तो माता-पिता हैं और याद रखें "दर्द के समय एक जीवनकाल"।

यह बैंक ऑफ चिल्ड्रन राइट फाउंडेशन (CPCR) के संरक्षण के लिए बैंकॉक स्थित केंद्र की तस्वीर है, जो एक गैर-सरकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य थाईलैंड में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार को रोकना है, जिसमें एक युवा लड़के और एक लड़की का यौन शोषण किया जाता है, जिसमें पीछे खुद के बुजुर्ग संस्करण दिखाई देते हैं, कैसे आघात वयस्कता और बुढ़ापे में जारी रहता है।
पी.एस.-मुझे पता है कि आप में से कई लोग इस तस्वीर को परेशान कर पाएंगे, लेकिन मेरे अनुसार, यह तस्वीर वास्तविकता को चित्रित करने के लिए है, जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं और जागरूकता फैलाने का मतलब है जो जीवन के लिए बहुत आवश्यक है।

क्या रोज मेथी के दाने खाना अच्छा है?

 

मेथीदाना एक गर्म ओषधि है, इसे केवल सर्दी के मौसम में सेवन करना हितकारी है। गर्मी में मेथीदाना खाने से कब्ज की शिकायत हो सकती है। कामशक्ति वृद्धिकारक भी होती है मेथी।

हजारों वर्ष प्राचीन एक ग्रन्थ में मैथी का संस्कृत में एक श्लोक लिखा है-

मेथिकामेथिनी मेथी दीपनी बहुपत्रिका।

बोधिनी बहुबीजा च ज्योतिर्गन्धफला तथा।।

वल्लरी चंद्रिका मन्था मिश्रपुष्पा च कैरवी।

कुञ्चिका बहुपर्णी च पीतबीजा मुनिच्छदा।।

मेथिका वात शमनी श्लेष्मध्नी ज्वरनाशिनी।

ततः स्वल्पगुणावन्या वाजिनां सा तु पूजिता।।

अर्थात-मेथी को मेथिनी, मेथिका, दीपनी, बहु पत्रिका, बोधिनी या दिमाग तेज करने वाली, चंद्रिका, मन्था, मिश्रपुष्पा आदि कहते कहते हैं।

मेथी उदर की वायु का तुरन्त शमन करती है। कफ तथा ज्वर को दूर करने में चमत्कारी है।

ज्योतिष चिंतामणि में लिखा है कि राहु-केतु या शनि के नक्षत्रों में ज में जातक अगर घोड़ों को रोज मेथी खिलाएं तो रुकावट दूर होती है। रोग-दोष, पाप क्षीण होने लगते हैं।

मेथी में प्रोटीन 16 फीसदी, गंधक 8 फीसदी, लेसिथिन 3 फीसदी, फाइबर, विटामिन एA, विटामिन बी६-B 6, विटामिन सीC, नियासिन, पोटेशियम, लौहतत्व यानि आयरन, और एल्कलॉयड आदि शमिल है|

मेथीदाने में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाईड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस तथा लोहा भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये सब शरीर के लिए बहुत जरूरी है।

मेथीदान 24 घण्टे तक सादे जल में भिगोकर अंकुरित करके सुबह खाली पेट खाना लाभकारी रहता है।

मेथी के परांठे, सब्जी बनाकर या भी खा सकते हैं।

मेथीदाने के 13 बेहतरीन फायदे

  1. मेथीदाना शरीर की सूक्ष्मतम नाड़ियों की शुद्धिकरण करने तथा एंटीआक्सीडेंट गुणों के कारण मेथी हृदय रोग के लिए लाभकारी है।
  2. स्तनों को सुडौल बनाये मेथी…मेथी या मेथीदाना भीगा हुआ 5 से 7 दाने रोज खाली पेट चबाचबा कर खाने से छोटे स्तन के बड़ा कर सुडौल बनाता है। मैथी में एस्ट्रोजेन हार्मोन स्तन के आकार को बढ़ाने में सहायक होता है।
  3. मेथीदाना रक्त-संचार को सही रखता है।
  4. मेथीदाने को रोज कम मात्रा में यानी 5 से 8 दाने गलाकर खाने से बिगड़ा हुआ, अनियमित कोलेस्ट्रॉल ठीक होने लगता है।
  5. गर्भवती महिलाएं भूलकर भी मेथीदाने का सेवन न करें।
  6. मेथीदाना देह के सभी विषैले दुष्प्रभाव को दूर कर खूबसूरती बढ़ाता है।
  7. मेथीदाना अम्लपित्त, एसिडिटी, सीने की जलन कादि समस्याओं से राहत देता है।
  8. मेथी दाना हमारे शरीर के एसिड एलक्लाइन बैलेंस को संतुलन बनाये रखता है। करता है।
  9. मेथीदाना मोटापा, चर्बी और वजन कम करने में श्रेष्ठ कारगर ओषधि है। लेकिन एक दिन में 2 ग्राम से ज्यादा न लेवें।
  10. किसी किसी को मेथीदाना नुकसान देता है। खासकर जिनकी तासीर गर्म प्रवृति की होती है।
  11. मेथी खाने से पेट संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे- पेट में जलन होना, गैस बनना, कब्ज होना, भूख कम लगना, खट्टी डकार आना एवं पाचनशक्ति कमजोर होना आदि। इससे बचने के लिए इसकी मात्रा का विशेष ध्यान रखें और यदि मेथीदाना हितकारी न हो, तो इसका उपयोग कदापि न करें।
  12. हरी मेथी के पत्तो का एक से 2 चम्मच रस सुबह शाम पीने से मधुमेह यानि डाइबिटीज सन्तुलित रहती है।
  13. मेथीदाना अधिक खाने से त्वचा संबंधी या स्किन प्रॉब्लम समस्याएं भी हो सकती हैं। त्वचा पर सूजन या दर्द जैसी समस्या भी इसका सेवन करने से हो सकती हैं। चेहरे पर दाने, काले निशान भी आ सकते हैं।

कैराना के गुनाहगार को अपनी पार्टी का टिकट दे कर अपनी पार्टी का नाम नमाजवादी पार्टी सार्थक कर दिया

 एक धूल से सना हुआ उनींदा सा छोटा सा कस्बा जो कि देश की धड़कन दिल्ली से मात्र  90 किलोमीटर दूर है
कुछ सालो पहले यह टाउन तब मीडिया में खूब चर्चा में आया था जब दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से चलने वाले प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह की दिल्ली में सरकार थी और उत्तर प्रदेश में  अखिलेश यादव का शासन था
तब कैराना में मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ने के कारण और उनके आंतक से डरकर काफी सारे हिन्दुओं को पलायन करना पड़ा था
बीजेपी को छोड़कर किसी भी अन्य राजनैतिक दलों ने इस पर कोई आवाज नहीं उठाई थी क्योंकि उन्हें लगता था कि हिन्दुओं का पलायन साम्प्रदायिक सद्भावना के लिए  जरूरी  था बल्कि नमाजवादी पार्टी के नावेद हुसैन तो इस पूरे आयोजन के मुख्य कर्ताधर्ता थे
फिर उत्तर प्रदेश में बीजेपी के योगी आदित्यनाथ की सरकार आई, और  उन्होंने कुछ हिंदू परिवारों का वापिस कैराना में पुनर्वास कराया गया था लेकिन इसके बावजूद अभी भी हजारों की संख्या में लोग वंहा से पलायन कर चुके हैं
एक बार कोई स्थान छोड़ देने के बाद वापिस उनका पुनर्वास बड़ा मुश्किल होता है
हिन्दुओं को अपनी जमीनों को कौडियों के भाव में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा था
दिल्ली से केवल 90 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के एक कस्बे की यह हालत थी लेकिन सैकुलर के चैम्पियनो को कोई फर्क नहीं पड़ा
इसी कैराना से अब नमाजवादी पार्टी ने उसी नावेद हुसैन को एमएलए का टिकट दिया है
यानी हिन्दुओं को भगाओ और बदले में नमाजवादी पार्टी का टिकट पाओ
पता नहीं ये हिन्दू समुदाय के वे कौन लोग है जो कि नमाजवादी पार्टी को वोट देते हैं जबकि नमाजवादी पार्टी ने मुस्लिमों के वोट पाने के लिए  उनके लिए क्या क्या नहीं किया और हिन्दुओं को प्रताडित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा
राम भक्तों पर गोलियां चलाने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मौलाना मुलायम सिंह यादव ने बड़ी बेशर्मी से और हिन्दुओं को चिढ़ाते हुए कहा था कि यदि जरूरत पड़ती तो वे सैंकड़ों कार सेवकों पर गोली चलाने के लिए तैयार थे
मुख्यमंत्री के रूप में वो केवल यह कह देते कि कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए उन्होंने गोलीबारी का आदेश दिया था, तो भी एक  कुछ हद तक उचित कहा जा सकता है लेकिन उन्होंने तो मुस्लिमों के वोट लेने के लिए ऐसा शर्मनाक बयान दिया था
अब बाप का असर उसके बेटे पर तो आएगा ही ना
ऑस्ट्रेलिया से कथित रूप से पढ़कर आने वाले  अखिलेश तो मुस्लिमों को रिझाने में अपने बाप से भी एक कदम आगे निकल गए
मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने पहला काम यह किया था कि उन्होंने अंग्रेजो के ज़माने से चल रही पुलिस स्टेशन में भगवान कृष्ण की पूजा को बंद करा दिया
मतलब जिस काम को अंग्रेज नहीं कर सके उस काम को अखिलेश जैसे काले अंग्रेज ने कर दिया
अब उन्होंने कैराना के गुनाहगार को अपनी पार्टी का टिकट दे कर अपनी पार्टी का नाम नमाजवादी पार्टी सार्थक कर दिया
अब जो हिन्दू अपने को हिन्दू ना समझकर दलित, यादव या और कोई जाति समझते हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि उनके साथ भी बीस वाले वही हाल करने वाले है जो कि वे अन्य हिन्दूओ के साथ करेंगे
उनके साथ कोई अलग से स्पेशल व्यवहार इसलिए नहीं होने वाला है कि वे नमाजवादी पार्टी या कॉंग्रेस के समर्थक है
यदि उनकी यादाश्त तेज है तो उन्हें सिर्फ पांच साल पहले की घटनाओं को याद कर लेना चाहिए, जब राज्य में नमाजवादी पार्टी का जंगलराज था और उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता था
फिर भी यदि आपको बीजेपी और योगी से शिकायत है तो आपको तुरन्त किसी मनोचिकित्सक से उपचार कराने की जरूरत है

आपको क्या लगता है, ये उत्तर प्रदेश का चुनाव बीजेपी-योगी Vs सपा-अखिलेश होने जा रहा है?

 आपको क्या लगता है,.... ये उत्तर प्रदेश का चुनाव बीजेपी-योगी Vs सपा-अखिलेश होने जा रहा है?
 
No.

अभी तो चुनावों की घोषणा हो चुकी है लेकिन युद्ध शुरु हो चुका है।

आज नहीं, काफी पहले से शुरु हो चुका है।

और ये युद्ध बीजेपी / योगी Vs किसी राजनीतिक पार्टी के बीच नहीं होना,......ये चुनाव रुपी युद्ध योगी Vs राष्ट्रीय / अंतरराष्ट्रीय हिंदु विरोधी ताकतों के बीच होगा।

अखिलेश तो केवल निमित्त बनेगा क्योंकि कोई तो राजनीतिक दल चाहिये मैदान में।
 
अखिलेश कुछ न भी करे,....उसके चेहरे को सामने रख युद्ध लडेंगी सभी वो लेफ्टिस्ट / इस्लामी ताकतें और सोनिया गांधी जिनको हर कीमत पर योगी को दोबारा आने से रोकना ही रोकना है, चाहे कुछ भी दाँव पर लगाना पड़े।

और दाँव पर इतना कुछ लगाया जाने वाला है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में आजतक ऐसा नहीं हुआ होगा।
 
ये जो 200 करोड़ नकद और सोना चांदी पकड़े गये हैं रेड में,...ये तो कुछ भी नहीं।

हजारों करोड़ दांव पर लगाया जाने वाला है।

उसका कारण है....बड़ा ठोस कारण है।

कारण ये है कि सभी हिंदु विरोधी शक्तियां मान चुकी हैं कि बिना उत्तर प्रदेश जीते 2024 नहीं जीता जा सकता।

और ये ताकतें आज सर पर कफन बांध कर यूपी का चुनाव लड़ने जा रही हैं क्योंकि अगर वो 2022 और 2024 दोनों हार जाते हैं तो इस सब ताकतों का हमेशा के लिये भारत की धरती से अस्तित्व खत्म हो जायेगा।
 
ये आरपार का युद्ध होने जा रहा है।

ये करो या मरो होने जा रहा है।

Either perform or perish होने जा रहा है।

ये चुनाव नहीं होने हैं, कुछ और होना है।

 ये उन गजवा ए हिंद की ताकतों और सोनिया गांधी के अस्तित्व की आखिरी लड़ाई है।

 वो हर कीमत पर इसे यानि उत्तर प्रदेश को 2022 में जीतना चाहते हैं,...वरना वो खत्म।
 
इसलिये किसी भ्रम में मत रहना,...ये आसान चुनाव नहीं होने हैं।

 ये एक भयंकर युद्ध होना है।

अगर हिंदु इस बार कुछ भी चूक कर गये तो हिंदु गये और अगर इस भयंकर षडयंत्र को समझकर एक हुए रहते हैं तो वो सब गये।
 
ये है समीकरण। Watch out! Beware!
 
बहुत संभलकर, बहुत सावधान होकर, आँख-कान-नाक-दिमाग सतत सक्रिय रखकर लड़ना है ये युद्ध।

दाँव पर अस्तित्व है,.......

🙏🚩🙏जय श्री राम ⚔️🚩⚔️🙏

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