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गुरुवार, 20 जनवरी 2022

अश्वगंधा: एक चमत्कारी औषधि

अश्वगंधा को आधुनिक वैज्ञानिक जगत में वंडर हर्ब (Wonder Herb) कहा है और प्राचीन आयुर्वेद में इसे रसायन का दर्जा प्राप्त है। प्राचीन परंपरा और आधुनिक विज्ञान के मध्य अगर मैं सेतु (ब्रिज़) बना कर लिखने की कोशिश करूं तो अश्वगंधा के गुणों के बखान में जगह और समय दोनो कम पड़ जाएंगे। फिर भी मैं कोशिश करता हूं। संयोग है कि आज सुबह ही मैने अश्वगंधा की तस्वीर भी ली थी।



राज-निघण्टु के मतानुसार अश्वगंधा स्तम्मक या कसैला, उष्ण, तिक्त, मद्यगंधयुक्त, बलकारक, वातनाशक, तथा खाँसी, श्वास, क्षय और व्रण को नष्ट करने वाली है।

भाव-प्रकाश के मतानुसार अश्वगंधा वात, कफ, सूजन, श्वेत कुष्ठ और कफ-रोगनाशक तथा बलकारक, रसायन, कसैली, तिक्त, उष्णवीर्य, और अत्यंत वीर्यवर्धक है।

अश्वगंधा: प्राचीन आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान

एक अन्य मतों के अनुसार अश्वगंधा के पत्तों का लेप गाँठ, गलगाँठ आदि ग्रंथि रोगों को दूर करने वाला है। यह निद्रा लाने वाली और मूत्र बढ़ाने वाली अत्यंत गुणकारी औषधि है। शुक्र-वृद्धिकारक होने के कारण इसको शुक्ला भी कहते हैं।

इसके प्रयोग से गठिया, क्षीणता, प्रमेह, कटिशूल, क्षयरोग, बंधत्व, वात रक्त, दिल-दिमाग की कमजोरी, बुढ़ापे की कमजोरी और सिर के रोगों में बहुत लाभ होता है। जिनको वीर्य की कमी से नामर्दी अथवा क्षय हो उनके लिये तो अश्वगंधा अमृत है।

अश्वगंधा: स्त्रियों के लिए भी हितकारी

यूनानी चिकित्सा पद्धति में असगंध को पुष्ट करने वाली, श्वास में लामदायक तथा नलियों के प्रदाह को मिटाने वाली है । यह ऋतुस्राव को नियमित करने वाली, गर्भाधान में सहायक तथा कटिवात और संधि-प्रदाह में लाभकारी है|



आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इसके पुष्टिकारक, दाह शामक, कैंसररोधी, एंटीस्ट्रेस, एंटीऑक्सिडेंट, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (रोग प्रतिरक्षण क्षमता बढ़ाने वाला), रक्तवर्धक और कायाकल्पकारी गुणों को सही पाया गया। यह भी पाया गया है कि अश्वगंधा शरीर में अंतःस्रावी हार्मोन तंत्र, हृदय, फेफड़ों और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

  • उपरोक्त लेख वनौषधि चंद्रोदय खंड-1 और अश्वगंधा पर केंद्रित कई आधुनिक विज्ञान के शोध पत्रों के अध्यन से प्राप्त जानकारी के आधार पर लिखा है
  • सभी तस्वीरों के सर्वाधिकार सुरक्षित हैं।

बुधवार, 19 जनवरी 2022

वार्षिक माघ मेले का आकर्षण कल्पवासी होते हैं

वार्षिक माघ मेले का आकर्षण कल्पवासी होते हैं
कल्पवास की शुरूआत पौष पूर्णिमा के स्नान से आरंभ होती है
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती पर हर साल लगने वाला सबसे बड़ा धार्मिक माघ मेला चल रहा है. संगम की रेती पर लगने वाले कुम्भ की पहचान अखाड़े होते हैं, जबकि वार्षिक माघ मेले का आकर्षण कल्पवासी होते हैं. श्रद्धालु नियम और संयम के साथ कठोर तप कर एक महीने यहां ठहरकर अपना कल्पवास सम्पन्न करते हैं. इस कल्पवास की शुरूआत पौष पूर्णिमा के स्नान से आरंभ हो जाती है.

कितना कठिन होता है कल्पवास?
कल्पवास करने आए श्रद्धालु पौष पूर्णिमा के दिन तुलसी-शालिग्राम की स्थापना करते हैं और दिन में तीन बार स्नान और एक बार भोजन करते हैं. श्रद्धालु भजन-कीर्तन कर अपना समय व्यतीत करते हैं. दान पुण्य करते हैं और जमीन पर सोते हैं. ऐसा बारह वर्षों तक किया जाता है. कुछ श्रद्धालु इससे ज्यादा भी कल्पवास करते हैं और ईश्वर का आशीर्वाद लेकर अपना परिवारिक जीवन सार्थक करते हैं.

कौन करता है कल्पवास?
वैसे तो एक माह तक संगम की रेती पर कल्पवास करने वाले साधक अपने जीवन के सभी कार्यों से विरत होते हैं. इसके बाद श्रद्धालु यहां आकर कल्पवास करते हैं. यानी बच्चों की शादी और तमाम कार्य जब व्यक्ति पूरे कर लेता है और जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाता है तो 12 वर्षों तक लगातार कल्पवास करता है और एक माह कल्पवास करने वाले साधक को ब्रम्हा के एक दिन का पुण्य मिलता है. कल्पवासी को इस साधना के बाद मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. उसे जन्म-जन्मांतर के बंधनों से भी मुक्ति मिल जाती है.

कल्पवास करने से क्या मिलता है फल?
ऐसी मान्यताएं हैं कि 100 साल तक बिना अन्न के तपस्या करने वाले को जो फल मिलता है वो एक माह संगम की रेती पर कल्पवास करने से मिल जाता है. इससे कल्पवासी की हर मनोकामना पूरी होती है. अपने घर के बाहर कल्पवास करने वाले तुलसी का पौधा लगाते हैं भोर में जागकर साधक स्नान कर पूजा पाठ में लग जाते हैं.

सिर्फ प्रयाग में ही होता है कल्पवास
ऐसा बताया जाता है कि प्रयाग में महर्षि भारद्वाज का आश्रम रहा करता था और ब्रम्हा जी ने यहां यज्ञ और पूजन किया था. तभी से ऋषियों और मुनियों की इस तपोभूमि पर साधू-संत और गृहस्त जीवन बिताने वाले श्रद्धालु कल्पवास करते हैं और ये सिर्फ प्रयाग में ही होता है. साधू-संत और कल्पवास करने वाले श्रद्धालु अपने हांथो से कुटिया बनाकर यहां रहते हैं. हालांकि आज के दौर में कुटिया का रूप आधुनिक टेंटों ने ले लिया है.
          ।।    माघ मेला प्रयागराज में।।

🔻🔻🔴नक्षत्र एवं संबंधित दान 🔻🔻 🔴


अश्विनी नक्षत्र में कांस्य पात्र में घी भरकर दान करने से रोग मुक्ति होती है। 
- भरणी नक्षत्र में ब्राह्मण को तिल एवं धेनु का दान करने से सद्गतिप्राप्त होती है व कष्ट कम होता है। 
- कृतिका नक्षत्र में घी और खीर से युक्त भोजन ब्राह्मण व साधु संतांे को दान करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है ..

- रोहिणी नक्षत्र में घी मिश्रित अन्न को ब्राह्मण व साधुजन को दान करना चाहिए।
 – मृगशिरा नक्षत्र में ब्राह्मणों को दूध दान करने से किसी प्रकार का ऋण नहीं रहता व व्याधि से दूर रहते हैं। 
- आद्र्रा नक्षत्र में तिल मिश्रित खिचड़ी का दान करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्त हो जाते हंै। 
- पुनर्वसु नक्षत्र में घी के बने मालपुए ब्राह्मण को दान करने से रोग का निदान होता है। 
-पुष्य नक्षत्र में इच्छा अनुसार स्वर्ण दान करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हंै। 
- अश्लेषा नक्षत्र में इच्छा अनुसार चांदी दान करने से रोग से शांति व निर्भय हो जाता है।
- मघा नक्षत्र में तिल से भरे घड़ों का दान करने से रोग से निदान व धन की प्राप्ति भी होती है। 
-पूर्वाफाल्गुनी में ब्राह्मण को घोड़ी का दान करने से सद्गति मिलती है।
 – उत्तराफाल्गुनी में स्वर्ण कमल ब्राह्मण को दान देने से बाधाएं दूर हो जाती हैं व रोग से शांति मिलती है। 
- हस्त नक्षत्र में रोग से निदान पाने के लिए ब्राह्मण को चांदी दान करना व जल सेवा लाभदायक होती है। 
- चित्रा नक्षत्र में ताम्रपत्र, घी का दान शुभ होता है। 
- स्वाति नक्षत्र में जो पदार्थ स्वयं का प्रिय हो, उनका दान करने से शांति मिलती हैऔर अंत में सद्गति मिलती है।
 – विशाखा नक्षत्र में वस्त्रादि के साथ अपना कुछ धन ब्राह्मण को देने से सारे कष्ट दूर होते हैं साथही आपके पितृगण भी प्रसन्न होते हंै। 
- अनुराधा नक्षत्र में यथाशक्ति कम्बल ओढ़ने तथा पहनने वाले वस्त्र ब्राह्मण को दान किये जायें तो आयु में वृद्धि होती है। 
- ज्येष्ठा नक्षत्र में मूली दान देने से अभीष्ट गति प्राप्त होती है।
 – मूल नक्षत्र में कंद, मूल, फल, आदि देने से पितृ संतुष्ट हो जाते हैं, स्वास्थ्य मेंलाभ व उत्तम गति मिलती है।
 -पूर्वाषाढ़ा में कुलीन और वेदवेत्ता ब्राह्मण को दधिपात्र देने से कष्ट दूर हो जाते हंै।
 – उत्तराषाढ़ा में घी और मधु का दान ब्राह्मण को देने से रोग में शांति होती है।
 – श्रवण नक्षत्र में पुस्तक दान करना लाभदायक। 
- धनिष्ठा में दो गायों का दान करने से रोग में शांति व जन्मांेतक सुख की प्राप्ति भी होतीहै।

 – शतभिषा नक्षत्र में अगरु व चन्दन दान करने से शरीर के कष्ट दूर हो जाते हैं। 
- पूर्वाभाद्रपद में साबुत उड़द के दान से सभी कष्ट से आराम व सुख प्राप्तहोता है। 
- उत्तराभाद्रपद में सुन्दर वस्त्रों के दान से पितृ संतुष्ट होते हैं और उसे सद्गति प्राप्त होती है। 
- रेवती में कांस्य के पात्र दान करना लाभदायक होता है।🕉️🌹🌷💐🕉️

मंगलवार, 18 जनवरी 2022

लव जिहाद की शिकार हिन्दू लड़कियों का कैसा हाल होता है?

*🚩लव जिहाद की शिकार हिन्दू लड़कियों का कैसा हाल होता है?*

*18 जनवरी 2022*
azaadbharat.org

*🚩केरल की मशहूर लेखिका कमला दास उर्फ़ कमला सुरैया एक बार फिर से चर्चा में हैं और*
*एक बार फिर लव जिहाद पर चर्चा गर्म है। गूगल ने doddle कमला दास को समर्पित किया है। वैसे उनपर बनाई गई लव जिहाद को लेकर एक वृत्तचित्र भी आजकल अच्छा खासा चर्चा में है।* 

*इस लेख को पढ़कर आप स्वयं उत्तर दीजिये।* 

*🚩कमला दास केरल की जानी मानी लेखिका थीं जो माधवी कुट्टी के नाम से लिखती थीं और केरल की रॉयल परिवार से थीं। पति के निधन के बाद वो अकेलेपन में थीं; पति के निधन के समय इनकी उम्र 65 साल थी लेकिन फिर भी इनके अंदर शारीरिक इच्छाए भरी थीं। तीन काफी बड़े बच्चे थे जो बड़ी बड़ी पोस्ट पर थे। एक बेटा माधव दास नलपत टाइम्स ऑफ़ इंडिया का चीफ एडिटर था जो बाद में यूनेस्को का बड़ा अधिकारी भी बना, उसकी पत्नी त्रावनकोर स्टेट की राजकुमारी है।*
*एक बेटा चिम्मन दास विदेश सेवा का अधिकारी है और एक बेटा केरल में कांग्रेस से विधायक है।*

*🚩इनके घर पर इनके बेटे का एक मित्र अब्दुसमद समदानी उर्फ़ सादिक अली जो मुस्लिम लीग पार्टी का सांसद था और उनसे उम्र में 32 साल छोटा था वो आता जाता था। उस मुस्लिम लीग के सांसद ने अपनी माँ की उम्र की कमला पर डोरे डाले और उन्हें अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। खुद कमला ने अपने और समदानी के बीच के मुलाकातों का वर्णन ऐसे किया है जैसे अश्लील सड़क छाप किताबों में होता है। कमला ने लिखा है कि उम्र बढने के साथ साथ उनकी शारीरिक चाहत भी पता नहीं क्यों बढने लगी है और मेरी इस चाहत को अब्दुसमद समदानी मिटाने को तैयार हुआ इसलिए मैं उसकी मुरीद बन गयी।*
*फिर बाद में कमला ने इस्लाम स्वीकार करके अपना नाम कमला सुरैया रख लिखा। तीनों बेटे अपनी माँ के इस कुकर्म से इतने आहत हुए कि उन्होंने अपनी माँ से सभी सम्बन्ध तोड़ लिए।*
*सबसे चौंकाने वाली खबर ये थी कि उनके इस्लाम कुबूल करने पर सऊदी अरब के प्रिंस ने अपना दूत उनके घर भेजकर उन्हें गुलदस्ता भेजा था और भारत सरकार ने इसका विरोध नहीं किया।*

*🚩फिर 2009 में उन्हें कैंसर हुआ और केरल सरकार ने उन्हें पहले मुंबई फिर बाद में पुणे की एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया। तीनों बेटों और सभी रिश्तेदारों ने पहले ही उनसे सम्बन्ध तोड़ लिए थे और उनका मुस्लिम पति जिसकी वो तीसरी बीबी थीं वो एक बार भी उनका हालचाल लेने नहीं गया था। मरने के पहले उन्होंने लिखा, "काश मुझे किसी ने तभी गोली मार दी होती जब मै समदानी के प्रेमजाल में फंस गयी थी। मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे सिर्फ राजनीतिक साजिश के तहत केरल की हिन्दू महिलाओं को इस्लाम के प्रति आकर्षित करने के लिए ही फंसाया गया था और इसमें सऊदी अरब के कई लोग काफी हद तक शामिल हैं।"*

*🚩पूरे आठ महीने तक अस्पताल में तड़प तड़प कर अपने बेटों और पोतों को याद करते करते उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए, फिर केरल सरकार ने उन्हें मालाबार के जामा मस्जिद के बगल की कब्रिस्तान में दफना दिया।*
https://bit.ly/33m5hwM

*🚩लव जिहाद द्वारा हिन्दू युवतियों को छल करके प्रेम जाल में फँसाने की अनेक घटनाएँ सामने आई हैं। बाद में वही लड़कियां बहुत पश्चाताप करती हैं क्योंकि वहाँ उनकी जिंदगी नारकीय हो जाती है; धर्मपरिवर्तन करने का दबाव बनाया जाता है, मर्द की अनेक बीबियां होती हैं। उनको गौमाँस खिलाया जाता है, दर्जनों बच्चे पैदा करते हैं, पिटाई करते हैं, तलाक भी दिया जाता है, यहाँ तक कि लव जिहाद में फंसाकर उनको आतंकवादियों के पास भेजने की भी अनेक घटनाएं सामने आई हैं।*

*🚩लव जिहाद देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। साल में लाखों हिन्दू लड़कियों का ब्रेनवाश करके लव जिहाद में फंसाया जाता है, कुछ हिन्दू लड़कियों से मुसलमान जबरन शादी कर लेते हैं। बताया जाता है कि इसके पीछे मुस्लिम देशों की भारी फंडिग आती है जिसके जरिये मुस्लिम लड़के अपना असली नाम छुपाकर हिन्दू नाम रख लेते हैं और स्कूल, कॉलेजों के बाहर, हिन्दू इलाकों के आसपास बाइक लेकर घूमते हैं और किसी हिन्दू लड़की से मीठी-मीठी बातें करके उसको फंसाकर उससे शादी कर लेते हैं। उसके बाद उसको भयंकर प्रताड़ित किया जाता है, यहाँ तक कि कई हिन्दू लड़कियों ने लव जिहाद में फंसकर शादी के बाद आत्महत्या तक कर ली है।*

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सोमवार, 17 जनवरी 2022

सभी उत्तराखंड के नौजवान मित्रों से निवेदन है कि वह गूगल पर रामपुर तिराहा कांड✍️✍️✍️ सर्च करें*

*🕉️🚩सभी उत्तराखंड के नौजवान मित्रों से निवेदन है कि वह गूगल पर रामपुर तिराहा कांड✍️✍️✍️ सर्च करें* 

दरअसल हम भारतीयों की याददाश्त बहुत छोटी होती है हम भारतीय राजनीतिक पार्टियों के कुकर्मों को बहुत जल्दी भूल जाते हैं

1 अक्टूबर 1994, उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और नरसिंह राव प्रधानमंत्री थे 

केंद्र की कांग्रेस की सरकार में मुलायम सिंह यादव यानी समाजवादी पार्टी भी गठबंधन में शामिल थी और केंद्र में हरीश रावत कम्युनिकेशन मंत्री थे 

उस वक्त उत्तराखंड नहीं बना था उत्तर प्रदेश था और पहाड़ के लोगों यानी आज के उत्तराखंड के लोगों की यह मांग थी कि उन्हें किसी भी काम से राजधानी लखनऊ या फिर हाईकोर्ट इलाहाबाद जाना बहुत दूर होता है और उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाकों का अपना एक अलग राज्य होना चाहिए

 लेकिन मुलायम सिंह यादव उत्तराखंड बनने के सख्त खिलाफ थे और केंद्र की कांग्रेस सरकार भी उत्तराखंड बनाने के सख्त खिलाफ थी

 कई डेलिगेशन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से मिला उन्होंने उत्तराखंड की मांग को अस्वीकार कर दिया यहां तक कि पहाड़ के लोगों ने उस वक्त केंद्र में मंत्री हरीश रावत से भी मुलाकात किया और मीडिया में आकर हरीश रावत ने बयान दिया कि उत्तराखंड की मांग नाजायज है 

आंदोलनकारी अपना दबाव बढ़ा रहे थे फिर उत्तराखंड के लोगों ने लखनऊ मार्च का एलान किया लेकिन मुलायम सिंह यादव किसी भी तरीके से इन आंदोलनकारियों को लखनऊ नहीं पहुंचना देना चाहते थे और फिर मुजफ्फरनगर जिले के रामपुर तिराहे पर देहरादून धारचूला यानी पहाड़ी क्षेत्र से निकले लोगों पर 1 अक्टूबर की रात से लेकर 2 अक्टूबर के दोपहर तक लगभग 15000 राउंड फायरिंग पुलिस वालों ने किया

 इस फायरिंग में सरकारी रिकॉर्ड में 12 लोगों की मौत हुई जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है 100 से ज्यादा लोग मारे गए सरकारी रिकॉर्ड में पुलिस वालों ने 4 महिलाओं का बलात्कार किया जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है मुलायम सिंह यादव और केंद्र की कांग्रेस सरकार के इशारे पर 40 से ज्यादा महिलाओं के बलात्कार किए गए 

इतनी जघन्य हत्याकांड के बाद भी हरीश रावत ने कांग्रेस के लोकसभा सदस्य पद या केंद्र में मंत्री पद या कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था और आज यह दोगला पहाड़ियत और  उत्तराखंडीयत की बात कर रहा है

और कुछ वर्षों बाद जैसे ही केंद्र में अटल जी की सरकार बनी तुरंत उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राज्य बने

ये सभी सामान्य घटनाएं नहीं थी- ये वो कुछ साजिशें हैं जो हाल में ही हुई

*पंजाब से यूपी को संदेश*
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 *नरक में आत्महत्या की भी इजाजत नहीं होती*
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मुंबई में बैठे शरद पवार बता रहे कि यूपी में भाजपा के कई विधायक भाजपा छोड रहे हैं और तुरंत बाद मौर्य भाजपा छोड देते हैं-उसके बाद कई ओर !
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मुंबई के सजय राऊत यूपी आते हैं और टिकैत को मिलते हैं !!
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राहुल गांधी एक जनवरी को इटली पहुंचते ही टवीट करते हैं कि चीन ने भारत के जमीन के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया और तुरंत बाद चीन एक वीडियो सरकारी चैनल से रिलीज करता हैं : जिसमें चीनी सैनिक झंडा फहराते नजर आते हैं और चीन इसे वही हिस्सा बताता हैं जिसका जिक्र राहुल गांधी ने किया था !!
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फिरोजपुर में मोदी के काफिले को रोकने की सफल कोशिश चवन्नी (चन्नी) सरकार करती है
और दूसरे दिन मोगा से तीन आदमी पकड़े जाते हैं जिनके पास हैंड गिरनेड बम थे !! 
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यकायक पाकिस्तान से संचालित लाखो सोशल मीडिया अकाऊंट ऐक्टिव हो जाते हैं और मोदी के खिलाफ जोरदार जहर उगली जाती हैं !!
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यूपी के बारह गैंगस्टार चुपके से एक संदेश देते हैं अपने साथियों को कि अखिलेश की रैलियों में भीड एकत्र की जाये !! 
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*कुछ लैफ्ट सोच के टुटपुंजिया रिपोर्टर विदेशी अखबारों में लेख छपवाते हैं : जिसमें पुरानी घटनाओं का उलेख करके बताने की कोशिश की जाती हैं कि भारत में ईशाई लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं* !! 
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कुछ विदेशी पैसे से पलने वाले students मोदी को खत लिखते हैं जिसमें हेट स्पीच पर उन्हे बोलने के लिए कहा जाता हैं !! 
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ये सभी सामान्य घटनाएं नहीं थी- 
ये वो कुछ साजिशें हैं जो हाल में ही हुई
पर ये साजिशे एक बहुत ही संयोजित तरीके से बुनी गई और  बहुत साजिशें अभी सामने आने वाली हैं !!
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*ये साजिशें यूपी से भाजपा राज को हिलाने के लिए रची गईं और  इसके जरिए ही 2024 को भी साधने की तैयारी हैं* !! 
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*मोदी-योगी सत्ता में अपने परिवार के लिए नहीं है और ना ही परिवार के जरिए*,
वो सत्ता से अपने लिये कुछ भी नहीं बना रहे और ना किसी दूसरे को बनाने दे रहे हैं !!
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पूरा जोर से देश की *सुरक्षा-Defence* की जड़ें मजबूत करने के लिये कोशिशें सात साल से हो रही हैं,
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*भारत आगामी कुछ सालों में हथियारों का एक बहुत बड़ा निर्यात करने वाला देश बनने के लिये तेजी से बढ़ रहा है, वो देश जो 2014 में नौ दिन के युद्ध के लिए भी हथियारों से लैस नहीं था का export hub बन जाने से विदेशी ताकते परेशान हैं !!*
और ये विदेशी ताकतें पूरा जोर लगा रही हैं कि मोदी को भारत की जनता के सामने एक हिटलर की तरह पेश किया जाये ,
बात सिर्फ एक चुनाव की नहीं-बात सिर्फ भाजपा की हार की भी नहीं !
बात भारत के आत्मनिरभर ओर आत्मसम्मान से जीने की हैं !!
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विदेशी साजिशें करें समझ में  आता है पर भारत में बैठे कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी, मीडिया हाउस, राजनीतिक नेता, अभिनेता, Five star activist भी इस साजिश में उनका पूरा साथ दे रहे हैं !! 
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मोदी को 2002 से खत्म करने की साजिशें हो रही हैं पर अब वो समझ गये कि इसको इतनी आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता और वो ये भी जान गये कि मोदी को खत्म करना बहुत जरूरी हैं वरना उनके परिवारो- उनकी पार्टियों का खत्म होना तय हैं !! 
तो ये साजिशें इतनी गहरी हैं कि देश का पूरा सरकारी तंत्र, सरकारी ढांचा ही इतना आराजिक-कमजोर कर दिया जाये कि मोदी जनता का नंबर एक दुशमन बनाके दिखाया जाये !! 
इसके लिए पूरा विदेशी मीडिया तैयार हैं,
विदेशी ताकतें मोदी के *आत्मनिर्भर भारत अभियान* से  इस कदर डरी-सहमी हुई हैं कि वो अपनी-अपनी सरकारों पर दबाव बना रही हैं कि भारत के  राजनितिक और वणज तंत्र को तहस-नहस किया जाये और उन्हें राहुल गांधी-पवार-अखिलेश-लालू-मायावती-मीडिया हाउस-Five star activists-कुछ टुटपुंजिया रिपोर्टर-कुछ ईसाई मिशनरियों और विदेश में बैठे कुछ खालिस्तानी संगठन खुल के पर छुपते-छुपाते हुए समर्थन भी दे रहे हैं और रास्ते भी बना के दे रहे हैं, 
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मोदी के रहते उनको अपना कोई भविष्य नजर नहीं आता,
और मोदी के बाद योगी की सफलता उनके डर को और भी डरावाना बना रही हैं !!
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और यूपी में अगर भाजपा हारती हैं तो बहुत सी ओर साजिशें इतनी तेजी से होने वाली हैं कि आप उनके नतीजों की कल्पना भी नहीं कर सकते,
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ये ताकते वो मुद्दे नहीं ढूंढ पाई जिनसे जनता का कोई सरोकार हो और उनके दम पर मोदी को खत्म किया जा सके राजनीतिक रूप में,
*बताईयें* चढींगढ जैसे शहर में तीस लाख लीटर मिट्टी का तेल राशन कार्ड के जरिए खपत होता था  हर महीने सिर्फ फरजी राशन कार्ड के जरिए, मोदी ने वो बंद कर दिया, अब तीस लाख लीटर मिट्टी के तेल से कमाई करने वाले कब मोदी से खुश होंगे ? 
राफेल जहाज आज देश में हैं पर कुछ गांधी खानदान के दलालो ने 2008 में ही इसकी दलाली ले ली थी-अब वो दलाली वापस करनी पड़ रही हैं, वो दलाल मोदी से खुश होंगे क्या ? 
मनमोहन जब विदेशी यात्रा पर जाते थे तो आठ सौ Reporter मीडिया हाउस के उनके साथ-उनके जहाज में सरकारी खर्च पर जाते थे,
कुछ रिपोर्टर को तो उनकी निजी खरीददारी का भी भुगतान होता था पर मोदी ने ये बिल्कुल बंद कर दिया, तो वो मीडिया हाउस मोदी को कैसे देखे और कब तक देखे ?? 
Five star activist मैं कहता हूं कुछ NGO को, जो बेहिसाब पैसा अपने संस्थानों में विदेश से मंगवाते और हवाला में लगाया जाता, अब वो NGO मालिक कैसे और कब तक मोदी को बरदाश्त करे ? 
उनका धैर्य टूट रहा है क्योंकि वो  सब मोदी के काम करने के ढंग को 2002 से देख रहे हैं और समझ चुके हैं कि मोदी को वोट से खत्म करना मुश्किल है,
ऐसे ही ओर भी बहुत से group हैं जिनकी सभी गतिविधियों को मोदी ने बंद कर दिया, 
अब इन सभी ने एक होकर-एक ऐसी साजिश रची हैं कि जो देश से प्यार करने वाले हर शख्स को समझनी होंगी !! 
 मसला मोदी के हारने तक का नहीं, बल्कि ये हैं के हराया कैसे जाये और हराने वाले कौन हैं ? 
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एक तरफ मोदी-योगी को खड़ा कीजिये अपनी कल्पना में और दूसरी तरफ राहुल-अखिलेश-मुलायम-पवार-लालू-सोनिया-टिकैत-राजदीप सरदेसाई-बरखा दत-रिवीश कुमार-राणा अयूब जैसे असख्य  मायूस  चेहरों को,
तो आपको भी समझ आ जायेगा कि कौन आपके लिये काम कर रहा हैं, और कौन कर सकता है ?
तभी एक बात ओर भी आपको समझ में आयेगी : 
कि इनकी बेचैनी का कारण क्या हैं और इसी बेचैनी से खतरनाक साजिशें निकल रही हैं !!
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अब आप पर है कि आप अनजाने में ही साजिश का हिस्सा बनते हैं या फिर इन लोगों को उसी ढंग से चुपके-चुपके करारा जवाब देता है !! 
*आपके देश को एक नर्क बनाने की कोशिशें हो रही हैं और ध्यान रखना कि अगर ये लोग कामयाब हुए तो नर्क में आत्महत्या की भी इजाजत नहीं होती*। 
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इनके मुद्दे हैं रोजगार-मंहगाई नहीं हैं,अपनी बुद्धि पर बिना जोर पाये ये सोचे कि ये समस्याएं मोदी के बाद की हैं या पहले की ? 
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किसान ने आत्महत्या किसके राज में करनी शुरू की थी ? 
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ये कहते हैं कि गंगा साफ नहीं हुई तो इनसे पूछना कि गंदी किसने की थी ? 
कल्पना कीजिए कि करोना अगर इन्हें हैंडल करना पडता तो क्या हाल होता ? 
जवाब आपकी आत्मा दे देगी !! 
लाशें ही लाशें बिछी होती और राहुल गांधी इटली में नया साल मना रहे होते !! 
किसान आंदोलन इतना लंबा चल गया पर एक लाठी भी नहीं चली (लखीमपुर में हुई पर मंत्री का पुत्र जेल में हैं) पर इनके राज में क्या होता-रामदेव भक्तो पर बरसे कहर को याद कीजिए ? 
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जरूर कुछ बातें होगी जिनसे आप नाराज हो सकते हैं पर उनका हल आपको साजिश करने वाले नहीं दे पायेंगे,
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मोदी-योगी का परिवार आप हैं पर बाकी का परिवार आपके आसपास भी नहीं !! 

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नीयत और नीयति को देखियें !!
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इतनी गुजारिश पंजाब से मैं आपको करना चाहता हूं कि आपकी थोड़ी सी चूक आपके आत्मसम्मान को तहस-नहस कर देगी !! 
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खोने को बहुत कुछ है पर पाने को ? 
आपसे बेहतर कौन जानता हैं ?? 
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*सहमत हो तो सुनिशचत करें कि यूपी के हर Whatsapo Nuber तक ये संदेश पंहुचे* ।
..
*-भारत रहना चाहिए*

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