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बुधवार, 16 मार्च 2022

होली के लिए अभी तक ये काम नहीं किया हो तो शीघ्र करें..

*होली के लिए अभी तक ये काम नहीं किया हो तो शीघ्र करें..*

16 मार्च 2022

*🚩होली का नाम आते ही दो बातें तुरंत ध्यान में आती हैं… एक तो रात में होलिका दहन करना और दूसरा धुलेंडी खेलना ..।*

*इसके पीछे बड़ा वैज्ञानिक महत्व छुपा है, हमारे ऋषि-मुनियों ने ऐसे ही कोई त्यौहार नहीं बनाया है।*

*🚩होली राष्ट्रीय, सामाजिक और आध्यात्मिक पर्व है पर कुछ नासमझ लोग इस पवित्र त्यौहार को विकृत करने लगे और होलिका दहन लकड़ियों से करने लगे जिससे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ने लगा दूसरा कि धुलेंडी खेलते समय केमिकल रंगों का उपयोग करने लगे जिसके कारण होली में स्वास्थ्य लाभ होने की बजाय बीमारियां होने लगी।*

*🚩होली पर पर्यावरण को शुद्ध करने एवं आपका स्वास्थ्य बढ़िया रहे इसलिए हम आपको दो अच्छे उपाय बता रहे है उसके लिए अभी आप तैयारी करें।*

*🚩1. देशी गाय के गोबर के कंडो से होलिका दहन*

*🚩एक गाय करीब रोज 10 किलो गोबर देती है। 10.. किलो गोबर को सुखाकर 5 कंडे बनाए जा सकते हैं।*

*🚩एक कंडे की कीमत करीब 10 रुपए रख सकते हैं। इसमें 2 रुपए कंडे बनाने वाले को, 2 रुपए ट्रांसपोर्टर को और 6 रुपए गौशाला को मिल सकते है। यदि किसी एक शहर में होली पर 10 लाख कंडे भी जलाए जाते हैं तो 1 करोड़ रुपए कमाए जा सकते हैं। औसतन एक गौशाला के हिस्से में बगैर किसी अनुदान के करीब 60 लाख रुपए तक आ जाएंगे। लकड़ी की तुलना में हमें कंडे सस्ते भी पड़ेंगे।*

*🚩केवल 2 किलो सूखा गोबर जलाने से 60 फीसदी यानी 300 ग्राम ऑक्सीजन निकलती है । वैज्ञानिकों ने शोध किया है कि गाय के एक कंडे में गाय का घी डालकर धुंआ करते हैं तो एक टन ऑक्सीजन बनता है।*
 
*🚩गाय के गोबर के कण्डों से होली जलाने पर गौशालाओं को स्वाबलंबी बनाया जा सकता है, जिससे गौहत्या कम हो सकती है, कंडे बनाने वाले गरीबों को रोजी-रोटी मिलेगी, और वतावरण में शुद्धि होने से हर व्यक्ति स्वस्थ रहेगा।*

*🚩दूसरा कि वृक्षों को काटना नही पड़ेगा जिससे वातावरण में संतुलन बना रहेगा।*

*🚩वातावरण अशुद्ध होने पर कोरोना जैसे भयंकर वायरस आ जाते हैं, अगर देशी गाय के गोबर के कंडे से होली जलाई जाएं तो कोरोना जैसे एक भी वायरस वातावरण में नही रहेगा और हमारा स्वास्थ्य उत्तम हो जायेगा जिससे देश के करोड़ो रूपये बच जाएंगे।*

*🚩2. पलाश के रंग से खेलें होली*

*🚩पलाश को हिंदी में ढाक, टेसू, बंगाली में पलाश, मराठी में पळस, गुजराती में केसूड़ा कहते हैं।*

*🚩केमिकल रंगों से होली खेलने से उसके पैसे चीन देश मे जायेंगे और बीमारियां भी होगी लेकिन पलाश के फूलों से होली खेलने से कफ, पित्त, कुष्ठ, दाह, वायु तथा रक्तदोष का नाश होता है। साथ ही रक्तसंचार में वृद्धि करता है एवं मांसपेशियों का स्वास्थ्य, मानसिक शक्ति व संकल्पशक्ति को बढ़ाता है।*

*🚩रासायनिक रंगों से होली खेलने में प्रति व्यक्ति लगभग 35 से 300 लीटर पानी खर्च होता है, जबकि सामूहिक प्राकृतिक-वैदिक होली में प्रति व्यक्ति लगभग 30 से 60 मि.ली. से कम पानी लगता है।*

*🚩इस प्रकार देश की जल-सम्पदा की हजारों गुना बचत होती है। पलाश के फूलों का रंग बनाने के लिए उन्हें इकट्ठे करनेवाले आदिवासियों को रोजी-रोटी मिल जाती है।पलाश के फूलों से बने रंगों से होली खेलने से शरीर में गर्मी सहन करने की क्षमता बढ़ती है, मानसिक संतुलन बना रहता है।*
 
*🚩इतना ही नहीं, पलाश के फूलों का रंग रक्त-संचार में वृद्धि करता है, मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक शक्ति व इच्छाशक्ति को बढ़ाता है । शरीर की सप्तधातुओं एवं सप्तरंगों का संतुलन करता है ।

*🚩आपने देशी गाय के गोबर के कंडो से होलिका दहन और पलाश के रंगों से होली खेलने का फायदे देखे। अब आप गाय के गोबर के कंडे के लिए नजदीकी गौशाला में संपर्क करें एवं पलाश के फूलों के लिए नजदीकी में कोई आदिवासी भाई हो उनसे संपर्क जरूर करें।*

काँग्रेस देश के लिए जहर है यकीन ना हो तो ये पढ़ लो

*काँग्रेस देश के लिए जहर है*
*यकीन ना हो तो ये पढ़ लो*👇👇

#टाटा, #बिड़ला और #डालमिया ये तीन नाम बचपन से सुनते आए है मगर डालमिया घराना न कहीं व्यापार में नजर आया और न ही कहीं और ?
#डालमिया घराने के बारे में जानने की बहुत इच्छा थी
लीजिए आप भी पढ़िए कि नेहरू के जमाने में भी 1 लाख करोड़ के मालिक डालमिया को साज़िशों में फंसा के नेहरू ने कैसे बर्बाद कर दिया
ये तस्वीर है राष्ट्रवादी खरबपति सेठ रामकृष्ण डालमिया की,जिसे नेहरू ने झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेज दिया तथा कौड़ी-कौड़ी का मोहताज़ बना दिया। दरअसल डालमिया जी ने स्वामी करपात्री जी महाराज के साथ मिलकर गौहत्या एवम हिंदू कोड बिल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर नेहरू से कड़ी टक्कर ले ली थी। लेकिन नेहरू ने हिन्दू भावनाओं का दमन करते हुए गौहत्या पर प्रतिबंध भी नहीं लगाया तथा हिन्दू कोड बिल भी पास करा दिया और प्रतिशोध स्वरूप हिंदूवादी 
सेठ डालमिया को जेल में भी डाल दिया तथा उनके उद्योग धंधों को बर्बाद कर दिया।
इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस व्यक्ति ने नेहरू के सामने सिर उठाया उसी को नेहरू ने मिट्टी में मिला दिया।
देशवासी प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद और सुभाष बाबू के साथ उनके निर्मम व्यवहार के बारे में वाकिफ होंगे मगर इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने अपनी ज़िद के कारण देश के उस समय के सबसे बड़े उद्योगपति सेठ रामकृष्ण डालमिया को बड़ी बेरहमी से मुकदमों में फंसाकर न केवल कई वर्षों तक जेल में सड़ा दिया बल्कि उन्हें कौड़ी-कौड़ी का मोहताज कर दिया। जहां तक रामकृष्ण डालमिया का संबंध है, वे #राजस्थान के एक कस्बा #चिड़ावा में एक गरीब अग्रवाल घर में पैदा हुए थे और मामूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने मामा के पास कोलकाता चले गए थे.
वहां पर बुलियन मार्केट में एक salesman के रूप में उन्होंने अपने व्यापारिक जीवन का शुरुआत किया था। भाग्य ने डटकर डालमिया का साथ दिया और कुछ ही वर्षों के बाद वे देश के सबसे बड़े उद्योगपति बन गए।उनका औद्योगिक साम्राज्य देशभर में फैला हुआ था जिसमें समाचारपत्र, बैंक, बीमा कम्पनियां, विमान सेवाएं, सीमेंट, वस्त्र उद्योग, खाद्य पदार्थ आदि सैकड़ों उद्योग शामिल थे। डालमिया सेठ के दोस्ताना रिश्ते देश के सभी बड़े-बड़े नेताओं से थी और वे उनकी खुले हाथ से आर्थिक सहायता किया करते थे। इसके बाद एक घटना ने नेहरू को डालमिया का जानी दुश्मन बना दिया, कहा जाता है कि डालमिया एक कट्टर सनातनी हिन्दू थे और उनके विख्यात हिन्दू संत स्वामी करपात्री जी महाराज से घनिष्ट संबंध थे।करपात्री जी महाराज ने 1948 में एक राजनीतिक पार्टी
#राम_राज्य_परिषद स्थापित की थी। 1952 के चुनाव में यह पार्टी लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी और उसने 18 सीटों पर विजय प्राप्त की,
हिन्दू कोड बिल और गोवध पर प्रतिबंध लगाने के प्रश्न पर डालमिया से नेहरू की ठन गई। पंडित नेहरू हिन्दू कोड बिल पारित करवाना चाहते थे जबकि स्वामी करपात्री जी महाराज और डालमिया सेठ इसके खिलाफ थे।हिन्दू कोड बिल और गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वामी करपात्रीजी महाराज ने देशव्यापी आंदोलन चलाया जिसे डालमिया जी ने डटकर आर्थिक सहायता दी।
नेहरू के दबाव पर लोकसभा में हिन्दू कोड बिल पारित हुआ जिसमें हिन्दू महिलाओं के लिए तलाक की व्यवस्था की गई थी, कहा जाता है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद हिन्दू कोड बिल के सख्त खिलाफ थे इसलिए उन्होंने इसे स्वीकृति देने से इनकार कर दिया ज़िद्दी नेहरू ने इसे अपना अपमान समझा और इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पुनः पारित करवाकर राष्ट्रपति के पास भिजवाया संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रपति को इसकी स्वीकृति देनी पड़ी।इस घटना ने नेहरू को डालमिया का जानी दुश्मन बना दिया, कहा जाता है कि नेहरू ने अपने विरोधी सेठ राम कृष्ण डालमिया को निपटाने की एक योजना बनाई, नेहरू के इशारे पर डालमिया के खिलाफ कंपनियों में घोटाले के आरोपों को लोकसभा में जोरदार ढंग से उछाला गया इन आरोपों के जांच के लिए एक विविन आयोग बना बाद में यह मामला स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिसमेंट को जांच के लिए सौंप दिया गया।नेहरू ने अपनी पूरी सरकार को डालमिया के खिलाफ लगा दिया उन्हें हर सरकारी विभाग में प्रधानमंत्री के इशारे पर परेशान और प्रताड़ित करना शुरू किया उन्हें अनेक बेबुनियाद मामलों में फंसाया गया।
नेहरू की कोप दृष्टि ने एक लाख करोड़ के मालिक डालमिया को दिवालिया बनाकर रख दिया। उन्हें टाइम्स ऑफ़ इंडिया और अनेक उद्योगों को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ा अदालत में मुकदमा चला और डालमिया को तीन वर्ष कैद की सज़ा सुनाई गई।
तबाह हाल और अपने समय के सबसे धनवान व्यक्ति डालमिया को नेहरू की वक्र दृष्टि के कारण जेल की कालकोठरी में दिन व्यतीत करने पड़े। व्यक्तिगत जीवन में डालमिया बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे उन्होंने अच्छे दिनों में करोड़ों रुपये धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए दान में दिये इसके अतिरिक्त उन्होंने यह संकल्प भी लिया था कि जबतक इस देश में गोवध पर कानूनन प्रतिबंध नहीं लगेगा वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। उन्होंने इस संकल्प को अंतिम सांस तक निभाया. गौवंश हत्या विरोध में 1978 में उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।
साभार 
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रविवार, 13 मार्च 2022

द कश्मीर फाइल्स…! : आत्मा को अंदर तक हिला देने वाला अनुभव

*द कश्मीर फाइल्स…! : आत्मा को अंदर तक हिला देने वाला अनुभव…!*
- *निहारिका पोल सर्वटे*

वैसे तो ये “आत्मा को हिला देने वाला” जैसे शब्द भी इस अनुभव के सामने बेहद ही छोटे हैं | हम सभी को कश्मीर की सच्चाई पता है | कश्मीर में १९ जनवरी १९९० को क्या हुआ है ये पता है | और जिसे नहीं पता उसे अब पता होगा | लेकिन वो सारी सच्चाई अपनी आँखों के सामने देखना आपको अंदर तक हिला कर रख देगा | कहानी है कश्मीर की, कहानी है कश्मीरी पंडितों की, जिनके बारे में आज तक जान बूझ कर मौन रखा गया, जिन पर हुए अत्याचार जानबूझकर खामोश रखे गए, और जिनकी कहानी जान बूझ कर दुनिया से दूर रखी गई | ये कहानी है, पुष्करनाथ पंडित और उनके जैसे लाखों कश्मीरी पंडितों की, जिन्हें एक रात में अपना सबकुछ छोडकर घाटी से भागना पडा, क्यों कि इस्लामिक जिहादियों ने उन्हें केवल तीन ही विकल्प दिये थे, *रालिव, त्सालिव या गालिव* अर्थात, धर्मपरिवर्तन करो, भाग जाओ, या मर जाओ | उनके साथ हुए अत्याचारों की खुली किताब है ये फिल्म | 
#thekashmirfiles
विवेक रंजन अग्निहोत्री को इस फिल्म को बनाने के लिये जितने धन्यवाद दिये जाएँ उतना कम है | आज मैंने इस फिल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखा, पहले से तय था, ये फिल्म तो देखनी ही है | लेकिन वो पूरे ढाई घंटे आँखों से सिर्फ अश्रु बह रहे थे | इंटरव्हल में आई बाबा को फोन किया बताने के लिये, कि जरूर देखें ये फिल्म लेकिन एक शब्द भी नहीं बोल पाई | और ये केवल मेरे साथ नहीं हो रहा था, बल्कि वहाँ बैठा हर व्यक्ति ये महसूस कर रहा था, हर कोई रो रहा था | ये फिल्म कोल्डड्रिंक और पॉपकॉर्न के साथ एंजॉय करने वाली फिल्म नहीं है | तो पहले से ही ऐसी किसी भी चीज की ऑर्डर ना दें | सामने एक सीन में भागे हुए कश्मीरी पंडितों के पास खाने के लिये कुछ नहीं था, पुष्करनाथ पंडित के किरदार में अनुपम खेर पार्ले जी चाट कर रखते हैं, ताकि कल खाने के लिये भी उनके पास कुछ रहे, और ऐसे यदि आपके हाथ में रखे पॉपकॉर्न या बर्गर हो तो वो आपको शर्मसार कर देगा | तो यह फिल्म देखने जाएं, तब मक पक्का कर जाएँ, और कलाकृति एंजॉय करने ना जाएँ, बल्कि सच्चाई को समझने जाएँ | 


तो फिल्म की कहानी क्या है, ये आप सब जानते हैं, लेकिन जिस ताकद के साथ अभिनेताओं ने उसे पर्दे पर उतारा है, उसका कोई जवाब नहीं | आपको आतंकवादी बट्टा के किरदार में चिन्मय मांडलेकर और ब्रेनव्हॉश करने वाली प्रोफेसर राधिका के किरदार में काम करने वाली पल्लवी जोशी से नफरत हो जाएगी, इस दर्जे का काम इन दोनों ने किया है | लेकिन आपकी आत्मा को अगर कोई रुला सकता है, तो वो हैं अनुपम खेर | उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में कहा था, कि इस फिल्म के हर सीन को शूट करने के बाद वो रोए हैं, ऐसा उन्होंने क्यों कहा आज समझ आया | पुष्करनाथ जी का पूरा परिवार समाप्त हो गया, लेकिन वे आखरी दम तक धारा ३७० हटाने की माँग करते हुए डट कर लडते रहे | ६००० खत लिखे उन्होंने सरकार को लेकिन सुनने वाला कोई नहीं था | उन्हीं का पोता कृष्णा जो उसके परिवार की सच्चाई से अनजान है, जब जेएनयू के जहरीले वातावरण में जाता है, तो किस तर उसे बरगलाया जाता है, किस तरह उसके ‘पंडित’ सरनेम का उपयोग किया जाता है, और कैसे उसे भी टुकडे टुकडे गैंग का हिस्सा बनाया जाता है, यह सब एक झलक है जेएनयू के जहर और उसकी सच्चाई की | 

फिल्म के संवाद आपको सुन्न कर देते हैं  और दृश्य आपको भयंकर विचलित कर सकते हैं | पुनीत इस्सर, मिथुन दा, मृणाल कुलकर्णी और अन्य सभी किरदारों के संवाद बेहद सोच समझ कर लिखे गए हैं | और उनका अभिनय भी उतना ही तगडा है | कृष्णा के किरदार का कन्फ्यूजन, अज्ञानता और बाद में मिला आत्मविश्वास आप भी अनुभव कर सकते हैं, इसके लिये दर्शन कुमार की जितनी तारीफ की जाए कम है | 

इस फिल्म में मीडिया का जो रूप दिखाया है, वह भी आपको गहरा सदमा देता है | अपनी जान बचाने के लिये पत्रकार चुप रहते थे, क्यों कि, सरकार का जबाव, जेहादियों का दबाव, और इस दबाव के चलते सच का दम घुटता गया | सबकुछ बेहर ही भयंकर, रौंगटे खडे करने वाला और आपकी रूह काँप जाए ऐसा | 

*पता है सबसे ज्यादा तकलीफ कब होती है, जब फिल्म देखते देखते हर पल आप ये ही सोचते हैं, कि हमारे पाठ्यपुस्तकों में यह सब क्यों नहीं पढाया गया ? क्यों मुगलिया सल्तनत से हमारे इतिहास की किताब के पन्ने भरे गए | फारुख अब्दुल्ला, शेख अब्दुल्ला इनकी असलियत हम तक क्यों नहीं पँहुचाई गई ? कश्मीर के गौरवशाली इतिहास के बारे में हमें क्यों नहीं बताया गया ? इस फिल्म के आने के पहले हमारी पीढि के कितने लोग जानते थे कि पंचतंत्र कश्मीर में लिखा गया है? भरतमुनि ने नाट्यशास्त्र भी कश्मीर में ही लिखा ? हम में से कितने लोग हैं, जिन्हें बॉलिवुड के गाने सुनते सुनते कलमा, शुकराना, नजाकत, मकबूल, महफूज जैसे कई उर्दु शब्द पता हैं, लेकिन संस्कृत के शब्द या संस्कृत छोडें शुद्ध हिंदी के शब्द सुन कर हमारा दिमाग घूम जाता है? ऐसे लोग में मेरे आस पास देखती हूँ तो मुझे शर्म भी आती है, और दु:ख भी होता है, कि अच्छी पाठशाला में, ऊंचे कॉन्व्हेंट में पढाने के चक्कर में हमारी पिढी और आने वाली पिढी को किस तरह अपनी संस्कृति और हमारे इतिहास से वंचित रखा जा रहा है, दूर फेंका जा रहा है |*

इस फिल्म का अंत इसका सार है | अंत में कृष्णा जो कुछ बोलता है, उसे एक बार नहीं हजारों बार सुनें, समझें और सोचें कि आज तक हमें कश्मीर में हुई इस घिनौनी घटना के बारे में क्यों नहीं पता ? हमारी उम्र के बच्चे जिन्हें कुछ नहीं पता, जो अज्ञान हैं, उन्हें किस तरह ब्रेनव्हॉश किया जा रहा है | 

*ये फिल्म एक फिल्म नहीं है, करारा तमाचा है, जो आपको सच्चाई दिखाता है | कन्हैया कुमार के सपोर्ट में उस वक्त खडे हर एक व्यक्ति को इस फिल्म को देखना चाहिये | सेक्युलेरिझम पर ज्ञान पेलने वाले हर एक इंसान को यह फिल्म देखनी चाहिये | भारत में जिसे सुरक्षित नहीं लगता, उसे जानना चाहिये कि क्या झेला है कश्मीरी पंडितों ने फिर भी आज भी वे कश्मीर वापस जाने को तरस रहे हैं |* 

*इस फिल्म में कोई रहीम चाचा नहीं है, जो मसीहा बन कर सामने आए | इस फिल्म में जानबूझ कर किसी एक कौम को अच्छा महसूस कराने के लिये अच्छा दिखाया नहीं गया | इस फिल्म में किसे अच्छा लगेगा और किसे बुरा ये सोचा नहीं गया है | ये फिल्म एक सच है, जो थाड से आकर आपके मुँह पर लगता है, दिमाग में जाता है, दिल तक उतरता है, और आँखों से बाहर आता है |* 

अब भी अगर आप सोचते हैं, कि आपको जो पता है, वो सच है, या आप जो जानते हैं, वो सच हैं, तो आप घोर मिथ्या जी रहे हैं मेरे दोस्त. यह फिल्म जरूर देखिये, परिवार, मोहल्ले, जिले और पूरे शहर के साथ देखिये, अधिकाधिक लोगों को दिखाएँ, अपने यहाँ काम करने वाले स्टाफ के लिये टिकट खरीदें | इस फिल्म को जितना ज्यादा फैला सकें फैलाएँ | आखिर यह सच ३२ साल बाद ही सही लेकिन लोगों के मन मस्तिष्क तक जाना चाहिये | 

अब कहीं भी आपके कानों में ‘हमें चाहिये आजादी’ पडेगा, ना आपका खून खौला तो देखना | सही कहा है फिल्म में, यह एक जेनोसाइड था, और इस्लामी जेहादी इसके पीछे थे | धन्य हो हमारे देश की जनता का, कि मोदी जी को चुन लिया और कश्मीर से धारा ३७० हटी, वरना हर कुछ दिन में १९ जनवरी दोहरा रहा होता, और हम कुछ नहीं कर पाते | 

फिल्म अवश्य देखिये, और सच्चाई को दूर तक पँहुचाइये | अब बात निकली है तो दूर तलक जाएगी ही | 

- *निहारिका पोल सर्वटे*

बुधवार, 9 मार्च 2022

राजस्थान के कुछ जिलों में पीले रंग के हेलिकॉप्टर दिन भर इधर उधर उड़ान भरता है यह आखिर चल क्या रहा है ?

राजस्थान के कुछ जिलों में पीले रंग के हेलिकॉप्टर का कुतूहल चल रहा है। 
दिन भर एक पीले रंग का हेलीकॉप्टर इधर उधर उड़ान भरता है जिसके नीचे एक बड़ा लूप लटका हुआ है।

आम आदमी के मन में यह रहता है कि यह आखिर चल क्या रहा है ?
यह एक प्रमाण है कि मोदी सरकार आम आदमी का जीवन सुविधा जनक बनाने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है।
मोदी सरकार पेयजल को लेकर अत्यधिक गंभीरता से काम कर रही है । इसी कारण मोदी सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना की थी । यह जल शक्ति मंत्रालय राजस्थान, पंजाब, गुजरात के उन इलाकों में एक विशेष सर्वे कर रहा है ,जहां पर पानी की अक्सर कमी पाई जाती है।
इस सर्वे को हेलीबोर्न सर्वे कहा जाता है। हेलिबोर्न सर्वे धरती के अंदर 500 मीटर तक का एक्सरे खींचने में और रिपोर्ट बनाने में सक्षम है।
यह पीले रंग का हेलीकॉप्टर जहां-जहां घूमेगा उस उस इलाके का डेटाबेस बनाएगा जिसमें यह पता चलेगा कि यहां पर जमीन के नीचे पानी है या नहीं है? यदि है तो कितना गहरा है?? पानी मीठा है अथवा खारा है? इन सब की जानकारी इस टेक्नोलॉजी से प्राप्त हो जाएगी।
आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना जबरदस्त काम किया जा रहा है कि जिस दिन यह डाटा कलेक्शन पूरा हो जाएगा हमें एक क्लिक पर पता चल जाएगा कि हमारी जमीन के कौन से हिस्से में नीचे मीठे पानी की धारा बह रही है, इस सर्वे से पानी के नए स्रोत ढूंढने में शानदार मदद मिलने वाली है। जल जीवन है, जल सीमित भी है, इसलिए इसका बेहतरीन मैनेजमेंट भी बेहद जरूरी है।


जनसूचनार्थ ...

शुक्रवार, 4 मार्च 2022

औषधीय तत्वों से भरपूर है - फिटकरी



फिटकरी से जुड़े इन उपायों से फौरन दूर होती हैं ऐसी समस्याएं,
होने लगता है धन लाभ


बिजनेस में प्रगति अगर धीमी है या फिर नौकरी में तरक्की नहीं मिल पा रही है तो लाल कपड़े में फिटकरी का टुकड़ा बांधकर उसे मुख्य दरवाजे पर लटका दें। फिटकरी के इस उपाय से आपको काफी लाभ मिलेगा।

हमारे घर और आस-पास सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह की ऊर्जाएं होती हैं। वास्तु शास्त्र में वास्तुदोष को दूर करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इसके अलावा वास्तुशास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व होता है। दिशाओं के अनुरूप घर में रखी हुई चीजों से ही घर में सकारात्मक ऊर्जाओं का प्रवेश होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर और उसके आसपास सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह ऊर्जाएं रहती हैं। जिन घरों में किसी भी प्रकार का कोई वास्तु संबंधी दोष नहीं होता है वहां पर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। वहीं दूसरी तरफ घर में वास्तुदोष होने पर तमाम तरह की बाधाएं और परेशानियां रहती हैं। वास्तुशास्त्र में वास्तुदोषों को दूर करने के लिए कई तरह के नियम और उपायों के बारे में बताया गया है। आप इन उपायों को अपनाकर घर से वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं। हमारे घर के किचन में बहुत सारी ऐसी सामग्रियां होती हैं जिसका उपयोग वास्तु संबंधी दोषों के निवारण करने में सहायक होती हैं। आज हम आपको फिटकरी से जुड़े कुछ वास्तु उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका इस्तेमाल करके आप न सिर्फ घर से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश रोक सकते बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार, सेहत में सुधार और मानसिक शांति भी प्राप्ति कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि घर के वास्तु दोष को फिटकरी से कैसे दूर किया जा सकता है।

फिटकरी से जुड़े कुछ वास्तु उपाय

अगर आपके घर में रहने वाले सदस्यों की आय में लगातार गिरावट देखने को मिल रही हो या फिर आर्थिक उन्नति में कोई बाधा आ रही है तो धन लाभ और उन्नति के लिए नहाने के पानी में थोड़ा सा फिटकरी का टुकड़ा डालकर स्नान करें। ऐसा करने से आर्थिक उन्नति में आ रही बाधाएं दूर होंगी और धन लाभ भी होगा। इसके अलावा फिटकरी युक्ति पानी से स्नान करने पर त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा भी मिलेगा।

अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं और रात के समय वह अक्सर रोते हैं तो उनके ऊपर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है ऐसे में बच्चे के सोने के बिस्तर के नीचे फिटकरी का टुकड़ा रखना उपयुक्त होगा।

अगर आपके घर में कोई वास्तु संबंधी दोष है तो इस दोष के प्रभाव को खत्म करने के लिए घर के कोने में एक कटोरी में कुछ फिटकरी के टुकड़े लेकर रख दें। ध्यान रहें जहां पर भी फिटकरी से भरी कटोरी रखें उस स्थान पर लोगों की नजरें कम पड़ती हो। फिटकरी के इस उपाय से घर से वास्तु दोष और सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा थोड़े ही दिनों में भाग जाएगी। समय-समय पर फिटकरी से भरी कटोरी को बदलते भी रहना है।

अगर आपके घर में कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है तो यह आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा के होने की वजह से हो सकता है। इस दोष को दूर करने के लिए घर में पोंछा लगाते समय पानी में फिटकरी डाल लें। इस उपाय से घर के सदस्य कम बीमार पड़ेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी होने लगेगी।

बिजनेस में प्रगति अगर धीमी है या फिर नौकरी में तरक्की नहीं मिल पा रही है तो लाल कपड़े में फिटकरी का टुकड़ा बांधकर उसे मुख्य दरवाजे पर लटका दें। फिटकरी के इस उपाय से आपको काफी लाभ मिलेगा।

अगर आपके घर के सदस्यों के बीच अक्सर किस बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा होता रहता है तो इस दोष को दूर करने के लिए खिड़की के पास शीशे की कटोरी में फिटकरी रख दें। ऐसा करने से निगेटिव ऊर्जा घर पर नहीं आएगी।

जिन लोगों पर कर्ज का बोझ ज्यादा है और समय पर इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो फिटकरी में सिंदूर डालकर उसके साथ एक पान का पत्ता लपेटकर बुधवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे रक्षासूत्र के साथ रख दें। फिटकरी के इस उपाय से जल्द ही आप कर्ज के बोझ से मुक्ति हो जाएंगे।

औषधीय तत्वों से भरपूर जानिए इसके और अन्य लाभ

आपने गले और सांस सम्बन्धी दिक्कतों को दूर करने के लिए लोगों को फिटकरी (Alum) के गरारे करने की सलाह देते हुए सुना होगा. तो कई लोगों को फिटकरी का इस्तेमाल करते हुए देखा भी होगा.लेकिन आपको बता दें कि फिटकरी का ये उपाय कोई नया नहीं है. ऐसी ही कई दिक्कतों को दूर करने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल वर्षों से किया जा रहा है. दरअसल हमारे लिए फिटकरी कई तरह से फायदेमंद है. आज हम आपको फिटकरी के कई सारे फायदों के बारे में जानकारी देंगे.


दांत दर्द और मुंह की बदबु
दांत में दर्द से राहत पाने के लिए आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं.
इसके लिए आप फिटकरी के पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर इससे कुछ मिनट तक गरारे करें. अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो इसको दूर करने के लिए भी इस तरीके का इस्तेमाल किया जा सकता है.

शारीरिक चोट व रक्त स्त्राव
शरीर के किसी हिस्से में चोट लगने पर खून का रिसाव रोकने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल किया जा सकता है. फिटकरी के टुकड़े को चोट पर लगाने से खून का बहना बंद हो जाता है.

चेहरे की सुंदरता और झुर्रियां
चेहरे या हाथ-पैर की झुर्रियों को कम करने के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप फिटकरी के टुकड़े से कुछ मिनट के लिए चेहरे और हाथ-पैर की मसाज करें फिर पानी से धो लें.

साफ और शुध्द पानी
बहुत लोग ऐसे होते हैं जो वाटर प्यूरीफायर का पानी इस्तेमाल न करके टैप वॉटर का इस्तेमाल करते हैं. इस पानी से गंदगी को निकालने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए फिटकरी के बड़े टुकड़े को पानी में डुबोकर आधा मिनट तक घुमाइए फिर पानी को कुछ देर ढक कर रख दीजिये. कुछ देर में सारी गंदगी पानी के नीचे जम जाएगी.

पसीने की दुर्गंध
कुछ लोगों के पसीने में बहुत बदबू आती है. इसको दूर करने के लिए आप नहाने के पानी में दो चुटकी फिटकरी का पाउडर मिला दें. इससे पसीने की बदबू से छुटकारा मिल जायेगा.

सिर की गंदगी व जूं की समस्या
सिर की गंदगी और जूं को दूर करने के लिए भी आप फिटकरी की मदद ले सकते हैं. इसके लिए फिटकरी को पीस कर पानी में मिला दें फिर इस पानी से सिर और बालों को धोएं. इससे काफी राहत मिलेगी.

खून का थक्का जमना
गिर जाने या किसी वजह से चोट लग जाने पर जब चोट नज़र न आये, तो खून को जमने से रोकने के लिए भी फिटकरी का सहारा लिया जा सकता है. इसके लिए एक गिलास गुनगुने दूध के साथ आधा छोटा चम्मच फिटकरी पाउडर का सेवन कर सकते हैं. इससे बॉडी में ब्लड क्लॉटिंग होने का खतरा नहीं रहता है.

आफ्टर शेव लोशन
शेव करने के बाद फिटकरी के टुकड़े को शेव किये हुए हिस्से पर मलने से ये एंटीसेप्टिक का काम करती है. जिससे इंफेक्शन होने का खतरा नहीं रहता है. इसके साथ ही अगर शेव करते समय ब्लेड से चेहरे पर कहीं कट लग जाता है या खून निकल आता है तो इस पर भी फिटकरी का इस्तेमाल फायदा पहुंचाता है.

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