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मंगलवार, 22 मार्च 2022

#Ajio and #JIomart #Scam

 Formerly # JioMart has disappointed too many customers. Money has been paid and goods not delivered in many cases. Why is this unscrupulous behaviour happening? Who can one complain to?



Ajio & JIO both are making fool to customers


I have done shopping at AJIO for 4 items with great discount and paid with #JIOMARTCASHBACK and my credit card

& When I return one Items to AJIO Its showing refund will credit in credit card but they total refund of JIOMart Cashback so after this the deal was double costly and #JIOmartcashback is not usable for everywhere

on JIOmart app same scam

When I ordered many items at #JIOMart app
they used 20% #JIOMARTcashback for payment option
& when the delivering goods they told that they don't have one ITEM so cashback re-credit in JIOMart cash back account and they deliver only that much item which is paid by cash/card

First they use cashback for making fool
& at the time of delivery they showing some item out of stock and less all cashback from invoice value.

overall #JIOmartCAshback is just for making fool
its not usable for anyone

beware from #JIOmart

giving some link for #JIOMartscam

https://www.consumercomplaints.in/ajio-refund-not-initiated-even-after-products-were-picked-com00004049068-c2373943


https://www.quora.com/What-is-the-shopping-experience-of-JioMart

https://twitter.com/hashtag/JioMartMahaCashback?src=hash


https://www.quora.com/Is-Jio-Mart-a-big-scam

इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं - ओम प्रकाश 'आदित्य'


आज कल सोशल मिडिया हो या राजनीति का अखाडा हर जगह गधों की ही चर्चा हैं. और गधों पर लिखी एक हास्य कविता जो इस टाइम सोशल मिडिया की सुर्खिया बना हुआ हैं .


जैसा की आप जानते हैं भारत के युवा कवि और आम आदमी पार्टी के नेता डॉ. कुमार विश्वास इन्ही गधो को लेकर चर्चा में बने हैं. डॉ. ओमप्रकाश ‘आदित्य  द्वारा लिखी गधों पर एक लोकप्रिय हास्य कविता को लेकर.  जिसके बोल हैं  ‘इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं’ इस लोकप्रिय कविता को डॉ. कुमार विश्वास ने अपने आवाज़ में रिकार्ड कर और इस विडिओ को ट्विटर पर शेयर किया है. और ये विडियो बड़ी तेज़ी के साथ वायरल होता जा रहा हैं. इस कविता को सुन लोग लोटपोट हुए जा रहे हैं इसे सुन जुबान ही नहीं दिल भी बोल देता हैं


 इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं
जिधर देखता हूं, गधे ही गधे हैं

गधे हँस रहे, आदमी रो रहा है
हिन्दोस्तां में ये क्या हो रहा है

जवानी का आलम गधों के लिये है
ये रसिया, ये बालम गधों के लिये है

ये दिल्ली, ये पालम गधों के लिये है
ये संसार सालम गधों के लिये है

पिलाए जा साकी, पिलाए जा डट के
तू विहस्की के मटके पै मटके पै मटके

मैं दुनियां को अब भूलना चाहता हूं
गधों की तरह झूमना चाहता हूं

घोडों को मिलती नहीं घास देखो
गधे खा रहे हैं च्यवनप्राश देखो

यहाँ आदमी की कहाँ कब बनी है
ये दुनियां गधों के लिये ही बनी है

जो गलियों में डोले वो कच्चा गधा है
जो कोठे पे बोले वो सच्चा गधा है

जो खेतों में दीखे वो फसली गधा है
जो माइक पे चीखे वो असली गधा है

मैं क्या बक गया हूं, ये क्या कह गया हूं
नशे की पिनक में कहां बह गया हूं

मुझे माफ करना मैं भटका हुआ था
वो ठर्रा था, भीतर जो अटका हुआ था

भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर के "रोशनी अधिनियम" को समाप्त कर दिया है

अकल्पनीय
 कश्मीरी पंडित के बारे में
 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
 *भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर के "रोशनी अधिनियम" को समाप्त कर दिया है!*
 *कल्पना कीजिए कि आज तक, आपके TOI और द इंडियन एक्सप्रेस और पूरे वामपंथी नियंत्रित मीडिया ने हमें "द रोशनी एक्ट" के बारे में कभी नहीं बताया!*
 *अब फेसबुक और व्हाट्सएप की ताकत से आप जानेंगे, समझिए फारूक अब्दुल्ला और मुफ्ती मोहम्मद सैयद, गुलाम नबी आजाद और कश्मीरी नौकरशाहों ने क्या किया!*

 *यह "रोशनी एक्ट" फारूक अब्दुल्ला द्वारा बनाई गई एक साजिश थी, जो कश्मीर के मुसलमानों को 1990 में कश्मीर से भागे हिंदुओं के घरों, दुकानों, बगीचों और खेतों को कानूनी रूप से देने के लिए बनाई गई थी, जिसमें कांग्रेस भी अच्छी तरह से थी आरोपित और सीधे तौर पर शामिल!*

  *1990 के दशक में कश्मीर से भागे सभी हिंदुओं को पाकिस्तानी मुसलमानों ने नहीं, बल्कि उनके अपने कश्मीरी पड़ोसियों द्वारा मारा गया, जिनके साथ वे एक साथ नाश्ता और दोपहर का भोजन करते थे, एक साथ त्योहार मनाते थे, एक साथ चाय पीते थे, पीढ़ियों से एक साथ!*

 *उसके बाद जब पूरी कश्मीर घाटी हिंदुओं से खाली हो गई, तब मुसलमानों ने नौकरशाही और फारूक अब्दुल्ला की मदद से याचिका दायर की कि कुछ नियम बनाए जाएं ताकि हिंदुओं के इन घरों, दुकानों, जमीनों, खेतों और खलिहानों को दिया जा सके। मुसलमानों को!*

 *इसलिए फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य मंत्री के रूप में "रोशनी अधिनियम" पर हस्ताक्षर किए और इस "रोशनी अधिनियम" के माध्यम से, किसी भी हिंदू की जमीन, खेत, घर या दुकान सिर्फ ₹ 101 में मुस्लिम की हो गई ( अमरीकी डालर 1.30)!*


 *इस्तेमाल की गई ट्रिक इस प्रकार थी:*

 *चूंकि 1990 में 6 महीने में 3 लाख हिंदुओं का कत्ल, बलात्कार और कश्मीर घाटी से बाहर निकाल दिया गया था, उनके बैग और सामान के साथ और कश्मीर में घर, दुकानों, कार्यालयों और भवन भवनों और खेतों जैसी सभी अचल संपत्तियों को पीछे छोड़ दिया। !*

 *वे अपने घरों को कश्मीर घाटी लौटने पर मौत के डर से बिजली बिल का भुगतान नहीं कर सके और इसलिए बकाया भुगतान न करने के कारण जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा पहले उनके खेतों या दुकानों या घरों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए थे। !*

 *वियोग के आदेशों में यह छूट दी गई कि मुसलमानों के घरों के आसपास रहने वाले हिंदू अब कश्मीर में नहीं हैं!*

 *बिजली के मीटर कटने से इन संपत्तियों के चारों ओर अंधेरा छा गया, जो पड़ोसी मुसलमानों के लिए खतरा था!*

 *इसलिए ऐसे गुणों का प्रकाश करना आवश्यक था!*

 *इस तरह "रोशनी एक्ट" का ताना-बाना फारूक, उमर ने बुना और महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस के स्वाइन जैसे अन्य मुख्यमंत्रियों ने इसका समर्थन किया!*

 *तब फारूक अब्दुल्ला ने राज्य विधानसभा से रोशनी (प्रकाश) अधिनियम पारित करवाया!*

 *इस अधिनियम के द्वारा कोई भी मुसलमान अपने नाम से आवेदन कर उस हिन्दू के खेत, फार्म हाउस या दुकान के लिए मात्र ₹101 शुल्क देकर बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकता है!*

 *इस तरह पहले आवेदन करने वाले मुसलमान के नाम से बिजली का बिल बनता था और उसके बाद कुछ सालों में उस मुसलमान को हिंदू के घर, दुकान या खेत का पूरा मालिकाना हक दे दिया जाता था!*

 *इस प्रकार इस "रोशनी (प्रकाश) अधिनियम" द्वारा मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और ऊपर वर्णित सभी सूअरों ने कश्मीर घाटी के 300,000 हिंदुओं की बहुमूल्य संपत्ति मुसलमानों को सिर्फ 101 रुपये में दी। (आज का 1.30 अमरीकी डालर)! *

 *और सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि भारत के वामपंथी मीडिया ने पिछले 30 वर्षों में इस "रोशनी अधिनियम" पर कभी चर्चा नहीं की, और इसलिए आज सोशल मीडिया की शक्ति से मुझे इसके बारे में पता चला!*

 *वैसे, नाजियों और यहूदियों के पड़ोसियों द्वारा मारे गए यहूदियों की संपत्ति के साथ यूरोप में भी ऐसा ही किया गया था!*

 *आपका कर्तव्य है कि इस खबर को साझा करके सभी भारतीयों को इस जानकारी से अवगत कराएं ताकि फारूक, महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद और कश्मीरी नौकरशाहों पर मुकदमा चलाया जाए और 10,000 हिंदुओं की हत्या और व्यवस्थित ड्राइविंग के लिए उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाए। अपनी मातृभूमि से 300,000 कश्मीरी हिंदुओं में से !!*
 🙏🙏🙏
 क्या कहेंगे
 हिंदू सो रहा है
 ❤️❤️❤️ शेयर करें ताकि दूसरे भी मेरी तरह जान सकें 🙏
 राधे राधे

भारत में हर हवाई जहाज का नाम VT से शुरू होता है लेकिन आखिर VT क्या है?

क्या आपने कभी गौर किया है कि भारत में सभी हवाई जहाजों के पंखों और बॉडी पर VT से शुरू होने वाला नाम प्रमुखता से लिखा होता है।  भारत में हर हवाई जहाज का नाम VT से शुरू होता है लेकिन आखिर VT क्या है? 

 तरुण विजय ने संसद में बताया VT का मतलब.
 अधिकांश लोगों की तरह हमारे सांसदों को या तो इसका मतलब नहीं पता था या उन्होंने अभी तक इस पर विचार भी नहीं किया है।
 लेकिन मंगलवार को जब बीजेपी सांसद तरुण विजय ने राज्यसभा में इस मामले को उठाया और सांसदों को बताया कि वीटी का मतलब क्या होता है तो ज्यादातर सांसद शर्म से झुक गए.

 दरअसल, दो अक्षर का यह शब्द बताता है कि कैसे हम 68 साल से गुलामी की निशानी लेकर चल रहे हैं और दुनिया को बता भी रहे हैं।
 वीटी का अर्थ है:
 'वायसराय टेरिटरी' का अर्थ है
 वायसराय का क्षेत्र।
 क्या है इस 2 अक्षर के कोड का मतलब..?
 अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक हर विमान पर प्रमुखता से लिखा होना चाहिए कि वह किस देश का है, यानी उसकी पहचान, रजिस्ट्रेशन कोड पांच अक्षरों का है।
 पहले दो अक्षर देश कोड हैं, और बाद के अक्षर इंगित करते हैं कि कौन सी कंपनी विमान का मालिक है।

 देश को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) द्वारा कोड दिया गया है।
 1929 में VT को ICOA से भारत मिला।
 'वायसराय टेरिटरी' (वीटी) कोड 1929 में खोजा गया था जब अंग्रेजों ने यहां शासन किया था।

 हैरानी की बात यह है कि 87 साल बाद भी भारत अपनी गुलामी की पहचान को बदलने में नाकाम रहा है।
 मंगलवार को जब संसद में यह मामला उठा तो सभी दलों के सांसदों ने सरकार से एक स्वर में मांग की कि इस नाम को जल्द से जल्द हटाया जाए.
 इस मामले को उठाने वाले भाजपा सांसद तरुण विजय ने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से चीन, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और फिजी जैसे देशों ने भी अपने देश के कोड बदले और एक नया कोड प्राप्त किया, लेकिन भारत अब तक ऐसा करने में विफल रहा है।  .!!

 ये शायद आप कभी नहीं जानते होंगे...

 अगर आपको यह अच्छा लगा तो इसे साझा करें…।

 यह सभी को पता होना चाहिए।  जय हिन्द!!

सोमवार, 21 मार्च 2022

महायोनि पूजा - मूल तंत्र

******* महायोनि पूजा - मूल तंत्र *******
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    तंत्रमार्गमे दक्षिणाचार , वामाचार , अघोराचार , कौलाचार बिगेरा अनेक गुरुपरम्परा ओर उपासना विधान है । विषय का आधा अधूरा ज्ञान और नकली गुरुओ ओर कुपमेढक संप्रदायों के आचार्यो ने इस विषय का भ्रामक प्रचार किया है । तंत्र तो सद्गुरु के सनिध्यमे पूर्ण अभ्यास ओर सही उपासना से ही समजा जा सकता है । 64 प्रकार के तन्त्र है हर एक आयाम में एक तन्त्र स्थापित है । इस प्रकार 64 आयाम से हर एक तन्त्र जुड़ा है । तन्त्र के 2 रूप भारत में प्रसिद्ध है ।

1 दक्षिण मार्ग
2 वाममार्ग 

परमेश्वर सदाशिवजी के 5 मुख है जिनमें से 3 मुख से 3 अलग अलग तन्त्र मार्ग की उत्पत्ति हुई है 

1 दक्षिण मुख से दक्षिण मार्ग प्रकट हुआ 
2 वामदेव मुख से वाम मार्ग
3 अघोरेश्वर यानी 3 मुख से अघोर पन्थ प्रकट हुआ

तन्त्र में सबसे ऊपर दो ही मार्ग है अघोर मार्ग और कौलमार्ग जिसमें दस महाविद्याओं की साधना की जाती है कालभैरव और उनके अष्ट भैरव रूप कपाल भैरव क्रोध भैरव रुरु भैरव आदि अष्ट भैरवों की साधना महाकाल शिव की साधना महाकाली परमेश्वरी की साधना श्मशान काली उग्र काली वाम काली आदि प्रमुख माताओं की साधना की जाती है ।

सर्वेम्यश्चोत्तमा वेदा-वेदेम्यो बैष्ण्ंवं परम
वैष्णवादुत्तमं शैवं-शैवादक्षिण मुत्तमंम्
दक्षिणात् उत्तमं वामं-वामात् सिद्धान्त उत्तमम्
सिद्धान्तात् उत्तमं कौलं-कौलात् परतरं नहिं।।’’

(वेदाचार से श्रेष्ट वैष्णवाचार है। वैष्णवाचार से श्रेष्ट शैवाचार है। शैवाचार से उत्तम दक्षिणाचार है। दक्षिणाचार से श्रेष्ट वामाचार है। वामाचार से उत्तम सिद्धान्ताचार तथा सिद्धान्ताचार से श्रेष्ट कौलाचार है।)

इन्हीं 64 तन्त्रों में से एक है योनि तन्त्र अर्थात भगवती कामाख्या का तन्त्र क्योंकि देवी कामाख्या काम क्षेत्र में योनि रूप में स्थित है अतएव इन देवी के इस रूप की साधकों द्वारा मन्त्र एवं स्तोत्रों से पूजा अर्चना और जप आदि किया जाता है जिसके फलस्वरूप वो सब सिद्धियां और शक्तियां और ज्ञान साधक को प्राप्त होता है जो 12 वर्षों तक श्मशान में साधनाएं करने से या फिर भगवती या भगवान शिव की 12 वर्षों तक सेवा करने से मिलता है देवी की उपासना से साधक को वो सहज ही प्राप्त हो जाता है चाहे 18 प्रकार की सिद्धियां हो या श्मशान में की गई 24 महा साधनाओं की सिद्धियां  वाक सिद्धि से लेकर पंच तत्व सिद्धि तक पंच कोष सिद्धि से लेकर नव चक्र सिद्धि तक सब साधक को इन परम् माता की कृपा से मिल जाता है ।
   
  सृष्टि में सबसे बड़ी सत्ता मूल ब्रह्म जो है वो ही आदि पराशक्ति देवी है जिनके संकल्प से जिनकी शक्ति से ही ब्रह्मा विष्णु महादेव जी का जन्म हुआ जो स्वयं मणिद्वीप की स्वामिनी है जो स्वयं परमब्रह्म परमपिता परमात्मा महाशिव मदन कामेश्वर भगवान महाकाल की पत्नी है और स्वयं मदन कामेश्वरी मां कामेश्वरी कामाख्या राजराजेश्वरी के रूप में उपस्थित है ये देवी ही महायोनि रूप में सृष्टि में स्थित है जिन्हें कुरु कुल्ला कहा जाता है 
कुरु अर्थात आरम्भ करने वाली या जन्म देने वाली कुल्ला अर्थात कुलो को 

ब्रह्मा कुल
विष्णु कुल
रुद्र कुल
भैरव कुल
शाक्त कुल

इन पांचों कुल और इनके देवताओं को भी जन्म देने वाली यही माता है ये देवी ही महायोनि के रूप में सारी सृष्टि को जन्म देती है और अंत में निगल भी जाती है तब न त्रिदेव शेष रहते है न ही सम्पूर्ण सृष्टि लेकिन परमेश्वरी अपने अर्धांग अपने स्वामी सदाशिव महाकाल सहित तब भी शून्य में स्थित रहती है ।

  देवी माता के इसी महायोनि स्वरूप को कामाख्या में पूजा जाता है और योनि तन्त्र इन्हीं देवी के इस रूप पे टिका है देवी कामाख्या की उपासना और साधनाओं को ही कामाख्या तन्त्र या योनि तन्त्र का नाम दिया गया है भगवान महादेवजी द्वारा और उन्होंने इसका पूरा ज्ञान वर्णन देवी पार्वती से किया है और भैरव जी ने मां भैरवी से किया है । अधूरा ज्ञान लेकर या अधूरी जानकारी लेकर हर जगह काम वासना घुसेड़कर उसे देवी देवताओं से जोड़ना मूर्खता है 84 लाख योनियाँ जिस देवी द्वारा रची गई है और जिनकी शक्ति और सत्ता से सारी सृष्टि चल रही है वही मां कामाख्या मां कामेश्वरी भगवती परमेश्वरी ही इस योनि तन्त्र का मूल है और उनकी सेवा उपासना साधना भक्ति तन्त्र मार्ग से करके परम् मोक्ष प्राप्ति कर परमधाम में स्थित होना यही इस तन्त्र का लक्ष्य है जो लाखों करोड़ों में किसी किसी को ही प्राप्त होता है ।

* माँ कामाख्या योनि स्तोत्र एवं कवच *

वामाचार पूजा में कामख्या योनि स्तोत्र एवं कवच पाठ माता कामख्या देवी की आराधना का अतिसुगम एवं शक्तिशाली पाठ है। सौभाग्य एवं मनोकामना पूर्ति की इच्छा रखने वाले साधक इसका नित्य पाठ करने से कुछ ही समय मे आश्चर्यजनक फल पा सकते है। इसका नित्य यथा सामर्थ्य अधिक से अधिक पाठ करने से फल शीघ्र मिलने की सम्भवना बढ़ती है। इसका पाठ निष्काम भाव से ही करें सकाम भाव से पाठ करने के लिये श्रीविद्या दीक्षित होना आवश्यक है तथा इसके नियम भी कठिन होते है।
साधक पाठ करने से पहले माता का मणिपुर चक्र में नीचे दिए श्लोकों को पढ़ते हुए मानसिक ध्यान करके पाठ आरम्भ कर सकते है पाठ पूर्ण होने के बाद मानसिक रूप से ही पाठ को अपने गुरु को समर्पण कर आसन के आगे जल छोड़कर उसे माथे पर लगाकर प्राणाम करके एक पाठ सिद्ध कुंजिका के बाद देव्यापराध क्षमापन स्तोत्र का पाठ करें तो माता पाठ की त्रुटियों को क्षमा करके इच्छित फल प्रदान करती है।

मां कामाख्या योनि स्त्रोत :-

ॐभग-रूपा जगन्माता सृष्टि-स्थिति-लयान्विता ।
दशविद्या - स्वरूपात्मा योनिर्मां पातु सर्वदा ।।१।।

कोण-त्रय-युता देवि स्तुति-निन्दा-विवर्जिता ।
जगदानन्द-सम्भूता योनिर्मां पातु सर्वदा ।।२।।

कात्र्रिकी - कुन्तलं रूपं योन्युपरि सुशोभितम् ।
भुक्ति-मुक्ति-प्रदा योनि: योनिर्मां पातु सर्वदा ।।३।।

वीर्यरूपा शैलपुत्री मध्यस्थाने विराजिता ।
ब्रह्म-विष्णु-शिव श्रेष्ठा योनिर्मां पातु सर्वदा ।।४।।

योनिमध्ये महाकाली छिद्ररूपा सुशोभना ।
सुखदा मदनागारा योनिर्मां पातु सर्वदा ।।५।।

काल्यादि-योगिनी-देवी योनिकोणेषु संस्थिता ।
मनोहरा दुःख लभ्या योनिर्मां पातु सर्वदा ।।६।।

सदा शिवो मेरु-रूपो योनिमध्ये वसेत् सदा ।
वैवल्यदा काममुक्ता योनिर्मां पातु सर्वदा ।।७।।

सर्व-देव स्तुता योनि सर्व-देव-प्रपूजिता ।
सर्व-प्रसवकत्र्री त्वं योनिर्मां पातु सर्वदा ।।८।।

सर्व-तीर्थ-मयी योनि: सर्व-पाप प्रणाशिनी ।
सर्वगेहे स्थिता योनि: योनिर्मां पातु सर्वदा ।।९।।

मुक्तिदा धनदा देवी सुखदा कीर्तिदा तथा ।
आरोग्यदा वीर-रता पञ्च-तत्व-युता सदा ।।१०।।

योनिस्तोत्रमिदं प्रोत्तं य: पठेत् योनि-सन्निधौ ।
शक्तिरूपा महादेवी तस्य गेहे सदा स्थिता ।।११।।

।। मां कामाख्या देवी कवच।।

महादेव उवाच

शृणुष्व परमं गुहयं महाभयनिवर्तकम्।कामाख्याया: सुरश्रेष्ठ कवचं सर्व मंगलम्।।यस्य स्मरणमात्रेण योगिनी डाकिनीगणा:।राक्षस्यो विघ्नकारिण्यो याश्चान्या विघ्नकारिका:।।क्षुत्पिपासा तथा निद्रा तथान्ये ये च विघ्नदा:।दूरादपि पलायन्ते कवचस्य प्रसादत:।।निर्भयो जायते मत्र्यस्तेजस्वी भैरवोयम:।समासक्तमनाश्चापि जपहोमादिकर्मसु।भवेच्च मन्त्रतन्त्राणां निर्वघ्नेन सुसिद्घये।

ॐ प्राच्यां रक्षतु मे तारा कामरूपनिवासिनी।आग्नेय्यां षोडशी पातु याम्यां धूमावती स्वयम्।।नैर्ऋत्यां भैरवी पातु वारुण्यां भुवनेश्वरी।वायव्यां सततं पातु छिन्नमस्ता महेश्वरी।। 
कौबेर्यां पातु मे देवी श्रीविद्या बगलामुखी।ऐशान्यां पातु मे नित्यं महात्रिपुरसुन्दरी।। 
ऊध्र्वरक्षतु मे विद्या मातंगी पीठवासिनी।सर्वत: पातु मे नित्यं कामाख्या कलिकास्वयम्।। 
ब्रह्मरूपा महाविद्या सर्वविद्यामयी स्वयम्।शीर्षे रक्षतु मे दुर्गा भालं श्री भवगेहिनी।। 
त्रिपुरा भ्रूयुगे पातु शर्वाणी पातु नासिकाम।चक्षुषी चण्डिका पातु श्रोत्रे नीलसरस्वती।। 
मुखं सौम्यमुखी पातु ग्रीवां रक्षतु पार्वती।जिव्हां रक्षतु मे देवी जिव्हाललनभीषणा।। 
वाग्देवी वदनं पातु वक्ष: पातु महेश्वरी।बाहू महाभुजा पातु कराङ्गुली: सुरेश्वरी।। 
पृष्ठत: पातु भीमास्या कट्यां देवी दिगम्बरी।उदरं पातु मे नित्यं महाविद्या महोदरी।।
उग्रतारा महादेवी जङ्घोरू परिरक्षतु।गुदं मुष्कं च मेदं च नाभिं च सुरसुंदरी।। 
पादाङ्गुली: सदा पातु भवानी त्रिदशेश्वरी।रक्तमासास्थिमज्जादीनपातु देवी शवासना।। 
।महाभयेषु घोरेषु महाभयनिवारिणी।पातु देवी महामाया कामाख्यापीठवासिनी।। 
भस्माचलगता दिव्यसिंहासनकृताश्रया।पातु श्री कालिकादेवी सर्वोत्पातेषु सर्वदा।। 
रक्षाहीनं तु यत्स्थानं कवचेनापि वर्जितम्।तत्सर्वं सर्वदा पातु सर्वरक्षण कारिणी।। 
इदं तु परमं गुह्यं कवचं मुनिसत्तम।कामाख्या भयोक्तं ते सर्वरक्षाकरं परम्।। 
अनेन कृत्वा रक्षां तु निर्भय: साधको भवेत।न तं स्पृशेदभयं घोरं मन्त्रसिद्घि विरोधकम्।।
जायते च मन: सिद्घिर्निर्विघ्नेन महामते।इदं यो धारयेत्कण्ठे बाहौ वा कवचं महत्।। 
अव्याहताज्ञ: स भवेत्सर्वविद्याविशारद:।सर्वत्र लभते सौख्यं मंगलं तु दिनेदिने।। 
य: पठेत्प्रयतो भूत्वा कवचं चेदमद्भुतम्।स देव्या: पदवीं याति सत्यं सत्यं न संशय:।। 

    योग्य सद्गुरु से पूर्ण भाव समझकर उनकी आज्ञा से ये स्तोत्र पाठ नित्य  किया जाय तो किसी भी प्रकार की तंत्रक्रिया , भूत प्रेत राक्षस बाधा नष्ट हो जाती है । और साधक धन धान्य ऐश्वर्य प्राप्त करता है । महामाया भगवती माँ कामाख्या सभी धर्मप्रेमी जनो पर कृपा करें यही प्रार्थना सह अस्तु .. श्री मात्रेय नमः

रविवार, 20 मार्च 2022

चैत्र कृष्ण चतुर्थी/भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी

*************** *संकष्टी चतुर्थी* ***************

     *(चैत्र कृष्ण चतुर्थी/भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी)*
                  चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है संकट को हरने वाली चतुर्थी. चतुर्थी व्रत के पालन से संकट से मुक्ति तो मिलती ही है साथ ही आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है.
                 संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं, शान्ति बनी रहती है और सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं.
                  संकष्टी चतुर्थी की चार व्रत कथाएं बहुचर्चित हैं. जिनमें से एक कथा इस प्रकार है. एक बार सभी देवी-देवता संकटों में घिरे हुए थे, तो वे समाधान के लिए भगवान शिव के पास आए. तब उन्होंने भगवान गणेश और कार्तिकेय से संकट का समाधान करने के लिए कहा, तो दोनों भाइयों ने कहा कि वे इसका समाधान कर सकते हैं.
                  अब शंकर जी दुविधा में पड़ गए. उन्होंने कहा कि जो भी इस पृथ्वी का चक्कर लगाकर सबसे पहले आएगा, वह देवताओं के संकट के समाधान के लिए जाएगा. भगवान कार्तिकेय का वाहन मोर है, वे उस पर सवार होकर पृथ्वी की परिक्रमा करने निकल पड़े. गणेश जी की सवारी मूषक है, उसके लिए मोर की तुलना में पहले परिक्रमा कर पाना संभव नहीं था.
                  गणेश जी बहुत ही बुद्धिमान हैं. वे जानते थे कि चूहे पर सवार होकर वह पहले पृथ्वी की परिक्रमा नहीं कर सकते हैं. उन्होंने एक उपाय सोचा. वे अपने स्थान से उठे और दोनों हाथ जोड़कर भगवान शिव और माता पार्वती की 7 बार परिक्रमा की, फिर अपने आसन पर विराजमान हो गए.
                  उधर भगवान कार्तिकेय जब पृथ्वी की परिक्रमा करके आए, तो उन्होंने स्वयं को विजेता घोषित किया क्योंकि गणेश जी को वे वहां पर बैठे हुए देखे. तब महादेव ने गणेश जी से पूछा कि वे पृथ्वी परिक्रमा क्यों नहीं किए और उनकी परिक्रमा क्यों की?
                  इस पर गणेश जी ने कहा कि माता-पिता के चरणों में ही पूरा संसार है. इस कारण से उन्होंने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर दी. गणेश जी के इस उत्तर से भगवान शिव और माता पार्वती बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने गणेश जी को देवताओं के संकट दूर करने को भेजा.
                  साथ ही भगवान शिव ने गणेश जी को आशीर्वाद दिया कि जो भी चतुर्थी के दिन गणेश पूजन करेगा और चंद्रमा को जल अर्पित करेगा, उसके सभी दु:ख दूर हो जाएंगे. उसके संकटों का समाधान होगा और पाप का नाश होगा. उसके जीवन में सुख एवं समृद्धि आएगी.
                  चैत्र माह की कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. प्रत्येक माह में दो बार चतुर्थी पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और विघ्नहर्ता लोगों के सारे कष्ट हर लेते हैं. भगवान गणेश के भक्त भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं. संकष्टी चतुर्थी व्रत मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस व्रत को करने से भक्तों की सभी परेशानियां और दुख दूर होते हैं. 
           *भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त*
                  भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थ- 21 मार्च 2022 (सोमवार) पूजा का शुभ मुहूर्त- 21 मार्च प्रातः 8 बजकर 20 मिनट से 22 मार्च प्रातः 6 बजकर 24 मिनट तक चन्द्रोदय- रात्रि 8 बजकर 23 मिनट पर.
                  हिन्दू धर्म में भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. भगवान् श्री गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय देव माना गया है. यही कारण है कि हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है. व्रत करने और सच्चे मन से उनकी अराधना करने से भक्तों की सभी बाधाएं दूर होती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश की पूजा-अर्चना से यश, धन, वैभव और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है. इस दिन पूरा दिन उपवास रखा जाता है और चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाता है. इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को शुभ फल देते हैं.

Film “The Kashmir Files” में १% भी नहीं दिखाया है

*ये पहली लिस्ट है उन कश्मीरी हिन्दुओं के नाम और दिनाँक  के साथ ….*
*विकास पुंज*

 *इनको घर में, सड़क - चौराहों पर, कार्य स्थल पर …. जहाँ दिखे  या मिले उनको ईसलामि आतंकियों  ने मार डाला था*
*…. Film “The Kashmir Files” में १% भी नहीं दिखाया है …..*

 *सोचिए कितना बड़ा हत्याओं की series हुई थी …  और किसी को पता नहीं चलने दिया गया आज तक …*

1 PRABHAVATI 14.03.1989
2 DINA NATH RAINA 15.08.1989
3 TIKA LAL TIPLOO 14.09.1989
4 SMT. SHEELA TICKOO 01.11.1989
5 NEEL KANT GANJOO 01.11.1989
6 PREM NATH BHAT 27.12.1989
7 M.L.BHAN 15.01.1990
8 P.K.KOTRU 19.01.1990
9 SATISH KR. TICKOO 22.01.1990
10 TEJ KRISHEN RAZDAN 12.02.1990
11 LASSA KOUL 13.02.1990
12 ANIL BHAN 16.02.1990
13 ASHOK QAZI 23.02.1990
14 NAVEEN SAPROO 27.02.1990
15 P.N. HANDOO 01.03.1990
16 JAGAR NATH 03.03.1990
17 NIRMALA RAINA 06.03.1990
18 KASHI NATH 06.03.1990
19 RATTAN LAL 10.03.1990
20 T.K.RAZDAN 15.03.1990
21 A.K.RAINA 19.03.1990
22 B.K.GANJOO 19.03.1990
23 GULSHAN LAL RAINA 19.03.1990
24 AVTAR KRISHAN RAINA 20.03.1990
25 GULSHAN LAL LAMBA 21.03.1990
26 P.L.FOTEADAR 22.03.1990
27 SOOM NATH TICKOO 23.03.1990
28 B.L.MISIRI 23.03.1990
29 TRILOKI NATH AMBARDAR 23.03.1990
30 BANSI LAL 24.03.1990
31 A.K.BAZAZ 26.03.1990
32 PREM NATH KOUL 05.04.1990
33 PREM NATH TICKOO 05.04.1990
34 K.K.KOUL 05.04.1990
35 RADHA KRISHAN 05.04.1990
36 RADHA KRISHAN KOUL 06.04.1990
37 ASHOK KUMAR 06.04.1990
38 H.L.KHERA 06.04.1990
39 RAMEESH PEER 06.04.1990
40 VINOD KUMAR 06.05.1990
41 KARI LAL 09.04.1990
42 MAKHAN LAL WANGANOO 10.04.1990
43 SARLA BHAT 19.04.1990
44 MAKHAN LAL 21.04.1990
45 SUSHEEL KR. KOTRU 23.04.1990
46 SUSHIL KR KOTRU 23.04.1990
47 NIRANJAN NATH 24.04.1990
48 BANSI LAL SAPRU 24.04.1990
49 NARENDER NATH 24.04.1990
50 NARENDER NATH 24.04.1990
51 RAVINDER KR. PANDIT 25.04.1990
52 KASHI RAM 25.04.1990
53 BUSHAN LAL 26.04.1990
54 DR.RAJ NATH 26.04.1990
55 BRIJ NATH 26.04.1990
56 RAJ NATH RAINA 26.04.1990
57 BANSI LAL 27/28.04.1990
58 BHARAT BHUSHAN 27/28.04.1990
59 PREDHIMAN KRISHAN BHAT 28.04.1990
60 GUSHI LAL 29.04.1990
61 M.L.PANDITA 29.04.1990
62 DILEEP KUMAR 30.04.1990
63 HEERA LAL KHAR 30.04.1990
64 DAWARIKA NATH 01.05.1990
65 SARWANANAD KOUL PREMI 01.05.1990
66 VIRENDER KUMAR 01.05.1990
67 CHUNI LAL SHALLA 01.05.1990
68 MAKHAN LAL THAPLOO 02.05.1990
69 AVTAR KRISHAN 02.05.1990
70 CHUNI LAL SHALLA 02.05.1990
71 PROF.K.L.GANJU 02/03.05.1990
72 SMT. PRANA GANJOO 02/03.05.1990
73 VINOD KR. CHATTA 03.05.1990
74 VINOD KUMAR 03.05.1990
75 DAYA KRISHN 03.05.1990
76 SURIEND CHAND 04.05.1990
77 MOHAN LAL BHAT 04.05.1990
78 RAMESH KR. RAINA 05.05.1990
79 SURINDER DHAR 05.05.1990
80 VINOD KUMAR 06.05.1990
81 KUNDAN LAL GANJOO 07.05.1990
82 DOLLY 07.05.1990
83 RAMESH KR RAINA 07.05.1990
84 BIHARI LAL LABAROO 09.05.1990
85 RATTAN LAL 10.05.1990
86 BABLI RAINA 10.05.1990
87 SURINDER KUMAR 10.05.1990
88 MOTI LAL BHAT 10.05.1990
89 BABLI RAINA 10.05.1990
90 AMAR NATH BAGATI 11.05.1990
91 OMKAR NATH 11.05.1990
92 POSHKAR NATH 11.05.1990
93 MOHAN LAL 13.05.1990
94 INDERJEET 13.05.1990
95 VEER JI @VAID JI BHAT 13.05.1990
96 ASHOK KUMAR 13.05.1990
97 BUSHAN LAL 13.05.1990
98 DAYA KRISHEN DULLO 13.05.1990
99 MAM MOHAN SHARMA 15.05.1990
100 SAROOP NATH 15.05.1990
101 A.K.WAZIR 15.05.1990
102 BUSHAN LAL KOUL 16.05.1990
103 BUSHAN LAL 17.05.1990
104 SHAM LAL SHARMA 17.05.1990
105 CHUNI LAL 17.05.1990
106 SURESH KR. KISSU 17.05.1990
107 MANMOHAN BACHLOO 18.05.1990
108 JIYA LAL KAW 18.05.1990
109 MINOR 18.05.1990
110 DILEEP KUMAR 19.05.1990
111 MOTI LAL RAINA 20.05.1990
112 DILEEP JI 21.05.1990
113 PRATHIVI NATH HAKIM 21.05.1990
114 CHAMAN LAL PANDIT 22.05.1990
115 PREM NATH BHAT 23.05.1990
116 SHAMBU NATH 24.05.1990
117 BANSI LAL SHARMA 24.05.1990
118 PREM NATH BHAT 25.05.1990
119 SHANKER DASS 26.05.1990
120 CHAMAN LAL TICKOO 28.05.1990
121 SEEMA ALIAS BABLI 28.05.1990
122 RAMESH KR RAINA 28.05.1990
123 MAHARAJ KRISHEN 30.05.1990
124 JAWAHIR LAL WANCHOO 30.05.1990
125 KRISHAN LAL WAGROO 31.05.1990
126 CHAMAN LAL TICKOO 31.05.1990
127 AVTAR KRISHEN 31.05.1990
128 JAGAR NATH 31.05.1990
129 RAMESH KUMAR 01.06.1990
130 KANA YA LAL BHAT 01.06.1990
131 BADRI NATH 02.06.1990
132 DAMODHAR RAINA 02.06.1990
133 BUSHAN LAL KOUL 02.06.1990
134 DAMODAR SWAROOP RAINA 02.06.1990
135 SATISH LAL KALLA 03.06.1990
136 SHIBAN KRISHEN KULLA 03.06.1990
137 AFTAB RAM 04.06.1990
138 GOKAL NATH 04.06.1990
139 RADHA KRISHAN PATWARI 06.06.1990
140 JAWAHIR LAL BHAT 06.06.1990
141 RAMESH KR. RAINA 07.06.1990
142 RAJ KR. JAILKHANI 07.06.1990
143 SHAM LAL 07.06.1990
144 RADHA KRISHAN 07.06.1990
145 SMT.GIRJA TICKOO 11.06.1990
146 INDER KUMAR 11.06.1990
147 KANAYA LAL 11.06.1990
148 SOOM NATH 11.06.1990
149 GIRJA KUMARI TICKOO 11.06.1990
150 ASHOK KR. PANDITA 12.06.1990
151 KANYA LAL 12.06.1990
152 TRILOKI NATH 12.06.1990
153 CHUNI LAL 13.06.1990
154 DAYARAM KOUL 13.06.1990
155 RUGH NATH 14.06.1990
156. TEJ KRISHAN PANDIT 19.06.1990
157 A.K.SAFAYA 15.06.1990
158 DAYARAM KOUL 15.06.1990
159 RAMCHAND 15.06.1990
160 SAROOP NATH 16.06.1990
161 GOPI CHAND 17.06.1990
162 BADRI NATH KOUL 18.06.1990
163 JAWAHIR LAL GANJOO 18.06.1990
164 SMT. PARANA GANJOO 18.06.1990
165 SMT.DURGA KOUL 18.06.1990
166 RAJINDER KR. TICKOO 20.06.1990
167 SANJAY THUSOO 21.06.1990
168 SMT GIGARI 22.06.1990
169 BAL KRISHEN TATOO 22.06.1990
170 BALJEE 22.06.1990
171 MAKHAN LAL RAINA 22.06.1990
172 SMT. ROHINI 22.06.1991
173 MAKHAN LAL RAINA 22.06.1990
174 M.L.BHAT 22/23.06.1990
175 ASHOK KUMAR 23.06.1990
176 PRATHAVI NATH TICKOO 23.06.1990
177 ASHWANI KUMAR 23.06.1990
178 ASHOK KR. KOTHA 24.06.1990
179 SOOM NATH 24.06.1990
180 CHAMAN LAL TICKOO 24.06.1990
181 SOOM NATH KOUL 24.06.1990
182 BADRI NATH WATTAL 25.06.1990
183 SATISH KR RAINA 25.06.1990
184 BRIJ LAL RAINA 26.06.1990
185 SATISH KUMAR 26.06.1990
186 GOPAL NATH 26.06.1990
187 RAMESH RAZDAN 26.06.1990
188 T.N.RAINA 26.06.1990
189 YOGESH KUMAR 26.06.1990
190 GOPI NATH RAINA 26.06.1990
191 BRIJ LAL RAINA 26.06.1990
192 RAMESH RAZDAN 26.06.1990
193 BRIJ LAL RAINA 26.06.1990
194 SMT. BABLI 28.06.1990
195 SMT.ROOPAWATI 28.06.1990
196 VIVAK LABAROO @SHABAJEE 29.06.1990
197 OMKAR NATH MATTOO 30.06.1990
198 PROF. NEEL KANT. RAINA 30.06.1990
199 RAJINDER 30.06.1990
200 OMKAR NATH MATTOO 30.06.1990
201 TRILKOI NATH 01.07.1990
202 N.G.SADHU 01.07.1990
203 DINA NATH 01.07.1990
204 RAJ NATH DHAR 01.07.1990
205 SMT. GIRJA DHAR 01.07.1990
206 SMT. TEJA DHAR 01.07.1990
207 PREDHIMAN KRISHAN 02.07.1990
208 SMT. ARANDATTI 02.07.1990
209 MAKHAN LAL 03.07.1990
210 MOHAN LAL 03.07.1990
211 SATISH KUMAR 06.07.1990
212 JAWAHIR LAL BHAT 06.07.1990
213 GOPI NATH RAINA 07.07.1990
214 DINA NATH MUJOO 07.07.1990
215 GOPI NATH RAINA 07.07.1990
216 SHIBAN KOUL 08.07.1990
217 GOURI SHANKER 09.07.1990
218 AVTAR KRISHAN 09.07.1990
219 INDER KRISHAN 10.07.1990
220 SHAMBU NATH 11.07.1990
221 INDER KUMAR7 11.07.1990
222 NANAJI 11.07.1990
223 SHIBAN LAL KOUL 11.07.1990
224 JIWAN LAL 15.07.1990
225 BISHAMBAR NATH KOUL 15/16.07.1990
226 RADHA KRISHAN KOUL 15/16.07.1990
227 VAID PRAKESH KOUL 16.07.1990
228 BRIJ NATH KOUL 16.07.1990
229 ANANAD NARAYAN 17.07.1990
230 CHAND RAM KHER 17.07.1990
231 DR. SONI 18.07.1990
232 BRIJ NATH KOUL 19.07.1990
233 JANKI NATH 20.07.1990
234 NATH JI 26.07.1990
235 VAID LAL 26.07.1990
236 JANKI NATH 26.07.1990
237 GOURI SHANKER 29.07.1990
238 ADARSH JEE 29.07.1990
239 JAI KRISHAN 02.08.1990
240 RAM NATH BHAT 06.08.1990
241 R.K.HANDOO 09.08.1990
242 SAROOP NARAYAN 10.08.1990
243 MANOJ KUMAR 10.08.1990
244 PRATHAVI NATH BALI 10.08.1990
245 VASUDEV PANDIT 11.08.1990
246 D.N.CHOEDHARY 11.08.1990
247 RASHANLAL CHOWDHARY 11.08.1990
248 VASUDEV PANDITA 11.08.1990
249 AUTAR KRISHEN PANDITA 12.08.1990
250 DARSHAN KOUL 15.08.1990
251 MASHER NATH 16.08.1990
252 RATTAN LAL RAINA 18.08.1990
253 SHANKER NATH TIKU 21.08.1990
254 BANSI LAL RAINA 28.08.1990
255 OMKAR NATH KOUL 29.08.1990
256 SHADI LAL BHAT 04.09.1990
257 PRATHVI NATH 05/06.09.1990
258 MAKHAN LAL 08.09.1990
259 HIDAY NATH 09.09.1990
260 GOURI SHANKER 10.09.1990
261 SMT.TRIKAJI 10.09.1990
262 TRILOKI NATH 11.09.1990
263 RAMESH KUMAR 12.09.1990
264 AVTAR KRISHEN 12/13.09.1990
265 DAWARIKA NATH 13.09.1990
266 AVTAR KRISHAN RAINA 14.09.1990
267 RATTAN LAL PANDITA 17.09.1990
268 PAIRAY LAL RAINA 23.09.1990
269 DURGA PRASAD 05.10.1990
270 D.P.KHAZANCHI 06.10.1990
271 JAGAR NATH 07.10.1990
272 ZIND LAL 07.10.1990
273 JAGAR NATH PANDITA 07.10.1990
274 POSHKAR NATH RAZDAN 12.10.1990
275 SMT. USHA JI 14.10.1990
276 AUSHA KOUL 14.10.1990
277 DR.SHIBAN JI KHIRDI 14.10.1990
278 RAJINDER KOUL 14.10.1990
279 SATUSH KOUL 14.10.1990
280 SMT. NEETA JI 14.10.1990
281 SMT.NANCY KOUL 14.10.1990
282 RADHA KRISHEN BHAT 15.10.1990
283 MAKHAN LAL BHAT 17.10.1990
284 PREM NATH BHAT 17.10.1990
285 POSHKER NATH 18.10.1990
286 SMT. PINKI KOUL 09.11.1990
287 MOHAN LAL KOUL 19.11.1990
288 OMKAR NATN WALI 02.01.1991
289 BALDEV RAJ DUTTA 19.01.1991
290 MADAN MOHAN 11.06.1991
291 KASHI NATH KOUL 13.06.1991
292 NANAJEE 13.06.1991
293 SMT. ROHINI 22.06.1991
294 MOHAN LAL MATTOO 01.07.1991
295 SMT. VIJAY BHAT 31.07.1991
296 SURINDER KUMAR 26.08.1991
297 MOHAN LAL 08.10.1991
298 RAMESH KUMAR 09.10.1991
299 POSHKAR NATH 12.10.1991
300 MEHESHER NATH 15.10.1991
301 SHAM LAL PANDITH 15.10.1991
302 KANHAYA LAL PESHIN 18.10.1991
303 KANAYA LAL 19.10.1991
304 JANKI NATH KOUL 14.12.1991
305 ARCHANA BRAROO 30.03.1992
306 SMT. BIMALA BRAROO 30.03.1992
307 SOHAN LAL BRAROO 30.03.1992
308 RATTAN LAL HALI 20.05.1992
309 DURA NATH RAFIZ 03.06.1992
310 CHAMAN LAL KOUL 11.10.1992
311 SOOM NATH RAINA 11.10.1992
312 H.N.WANCHOO 05.12.1992
313 SMT.ASHA PANDIT 29.12.1992
314 TEJ KRISHEN 12.02.1993
315 PREM NATH BHAT 06.06.1993
316 JAGAR NATH 06.07.1993
317 NEEL KANT LALA 25.07.1993
318 KANYA LAL DUDHA 14.08.1993
319 AVTAR KRISHEN 24.10.1993
320 PRADEEP KUMAR BHAT 28.01.1994
321 SANJAY KUMAR @CHAKO 10.05.1994
322 PIYAR LAL RAINA 13.07.1994
323 TEJ KRISHEN BHAT 03.12.1994
324 SONA RAM 25.07.1995
325 CHUNI LAL BHAT 12.05.1996
326 RAJ NATH 05.06.1996
327 AVTAR KRISHAN 21/22.03.1997
328 BUSHAN LAL BHAT 21/22.03.1997
329 DEELEEP BHAT 21/22.03.1997
330 PAIRAY LAL PANDIT 21/22.03.1997
331 SANJAY BHAT 21/22.03.1997
332 TRILOKI NATH 21/22.03.1997
333 VIJAY BHAT 21/22.03.1997
334 AKSHAY KUMAR 25.01.1998
335 BADRI NATH 25.01.1998
336 JYOTI 25.01.1998
337 KASHI NATH 25.01.1998
338 MEENAKSHI 25.01.1998
339 MOTI LAL BHAT 25.01.1998
340 RAKESH KUMAR 25.01.1998
341 SANJAY KR. BHAT 25.01.1998
342 SARIKA 25.01.1998
343 SARLA KUMARI 25.01.1998
344 SEEMA KUMARI 25.01.1998
345 SMT. CHOTI 25.01.1998
346 SMT. DULARI 25.01.1998
347 SMT. NEERU JI 25.01.1998
348 SUDARSHAN 25.01.1998
349 TRILOKI NATH 25.01.1998
350 VIJAY KUMAR 25.01.1998
351 VIKAS KUMAR 25.01.1998
352 VINOD KUMAR 25.01.1998
353 ASHOK KUMAR 04.02.2000
354 UNSHOO 04.02.2000
355 VEER JI 04.02.2000
356 BRIJ NATH BHAT 04.03.2000
357 SMT LAKHSHMI DEVI 21.12.2001
358 SMT. SONI 21.12.2001
359 AMIT KHER 24.03.2003
360 AVTAR KRISHAN 24.03.2003
361 BANSI LAL 24.03.2003
362 BANSI LAL 24.03.2003
363 JIGA KUMARI 24.03.2003
364 LASA KOUL 24.03.2003
365 LOK NATH 24.03.2003
366 MOHAN LAL 24.03.2003
367 MUNA 24.03.2003
368 PRETAM KRISHEN 24.03.2003
369 PRETAM KUMARI 24.03.2003
370 PRINCY KUMARI 24.03.2003
371 RADHA KRISHEN BHAT 24.03.2003
372 RAJANI 24.03.2003
373 RAJINI KUMARI 24.03.2003
374 RADHA KRISHEN BHAT 24.03.2003
375 RAJANI 24.03.2003
376 RAJINI KUMARI 24.03.2003
377 RAKESH KUMAR 24.03.2003
378 SMT SUMAN JI 24.03.2003
379 SMT. SOOMAVATI 24.03.2003
380 SMT.ASHA 24.03.2003
381 SURAJ 24.03.2003
382 TRILOKI NATH 24.03.2003
383 TEJ KRISHAN 03.12.2004.
384 O. N. MOTTA 29.07.1990
385 USHA KUMARI KOUL 14.10.1990
386 RATINDER KOUL 14.10.1990
387 Radha Krishen Koul 24.08.1990

*आप हिन्दू हो और भारत के किसी कोने में बैठे हो बस एक काम करो की सभी जिहादियो का बहिष्कार करो। न उनसे कुछ खरीदो, न कोई काम दो, न कोई नौकरी दो, न कोई इनकी फ़िल्म देखो और ये बात अपने सब दोस्तों और रिश्तेदारो को भी बताओ*
*आपने न कोई हथियार उठाना है न दंगा करना है बस 1 ये काम करलो*

*आग की तरह फैला दो इसे*

*
आगे लिस्ट जारी रहेगी* …….
😡😱😣😔
*विकास पुंज*

शनिवार, 19 मार्च 2022

विगत 70 वर्षों से जनता को भेड़ की तरह हांकने वाले ये "बड़े नाम" कदाचित भूल गये कि "ये नया भारत है, ये 2022 का भारत है"..

1. अच्छी-भली 370 हट गई थी. कांग्रेस को कीड़ा काटा.. 370 पर बहस की मांग की...  
परिणाम:- pok से लेकर चीन तक नेहरू जीे के कच्चे चिट्ठे खुल गए.. 70 वर्षो से बनाया गया नेहरू जी का आभामंडल जनता के समक्ष खत्म हो गया.. नेहरू देश के दिल से उतर गए...

2. अच्छा-भला रफेल सौदा हो गया था.. कांग्रेस को कीड़ा काटा. बहस की मांग की...  
परिणाम:- राजीव गांधी जी के भ्रष्टाचार के कच्चे चिट्ठे खुल गए.. 30 वर्षो से बनाई गई "मिस्टर क्लीन" छवि जनता के समक्ष धूमिल हो गई.. राजीव गांधी देश के दिल से उतर गए...

3. कोरोना असफलता, पालघर लिंचिंग, सुशांत मामले जैसे मुद्दों के वाबजूद शिवसेना, उद्धव ठाकरे की छवि जैसे-तैसे बची हुई थी.. संजय राउत को कीड़ा काटा.. कंगना को गाली दे दी...  
परिणाम:- उद्धव ठाकरे, शिवसेना के कच्चे चिट्ठे खुल गए.. वर्षो से बनी "हिंदुत्व" छवि हिन्दुओ के समक्ष धूमिल हो गई.. शिवसेना की "दबंगई छवि".. सड़कछाप गुंडागर्दी, महिला विरोधी पार्टी में बदल गई.. "ठाकरे नाम" का आभामंडल जनता के दिल से उतर गया...

4. पालघर चुप्पी, रामजन्मभूमि चुप्पी, सुशांत चुप्पी, कंगना अपमान चुप्पी के बाबजूद बच्चन परिवार की लँगोट जैसे-तैसे बची हुई थी.. जया को कीड़ा काटा.. थाली में छेद बयान दे दिया..  
परिणाम:- अमिताभ बच्चन जिन पर कोई उंगली भी नही उठा सकता था, उनके कच्चे चिट्ठे खुल गए.. जया-अमिताभ के पाखण्ड के पर्दे उठ गए. 50 वर्षो से बना "महानायक" आभामंडल जनता के समक्ष खत्म हो गया.. बच्चन फैमिली जनता के दिल से उतर गई...

5. अच्छी-भली द कश्मीर फाइल्स फ़िल्म 550 स्क्रीन पर रिलीज हो गई थी.. कब आई कब गई पता भी नही चलता.. कांग्रेस सेक्युलर लिब्रल जिहादियों बॉलीबुड गैंग को कीड़ा काटा फ़िल्म का विरोध कर दिया...  
परिणाम:- कांग्रेस के पापों के कच्चे चिट्ठे खुल रहे है, सेक्युलर लिबर्ल्स के नकाब निकल रहे है.. जिहाद की असलियत सामने आ रही है... 32 वर्षो से दफन कश्मीरी हिंदुओ की पीड़ा दर्द कब्र फाड़कर बाहर निकल रही है *और वो भी 4000+ स्क्रीन्स पर*

कल तक जिस घटना को कश्मीरी हिंदुओ का विस्थापन कहकर पर्दा डालने का प्रयास किया जाता था... आज लोग खुलकर उसे जीनोसाइड बोल रहे है.. उसे आधिकारिक मान्यता मिल रही है.. जिस जिहाद पर देश बोलने से भी कतराता था आज खुलकर चर्चा कर रहे है...

मात्र ढाई घण्टे की चिंगारी से 32 वर्षो के बने पंचमक्कार नरेटिव सच्चाई की अग्नि में जलकर भस्म हो गए.. सेक्युरिज्म की पट्टी आंखों से उतर गई...

विगत 70 वर्षों से जनता को भेड़ की तरह हांकने वाले ये "बड़े नाम" कदाचित भूल गये कि "ये नया भारत है, ये 2022 का भारत है"..

जो यदि प्यार लुटाकर आपको अर्श तक पहुंचा सकता है.. तो भरोसा टूटने पर आपको फर्श पर गिरा भी सकता है...

"छल की बुनियाद" पर बनी, झूठी "शान-ओ-शौकत" की "इमारतें" कितनी ही "मजबूत" क्यों न हो.. एक दिन भरभराकर "गिरती" अवश्य है...

**ये नियति का "लोकतंत्र" है**

दिक्कत ये नहीं है किसी ने गन उठाई किसी ने नरसंहार किया दिक्कत ये है कि सेक्युलरिज्म के नाम पर उसे किसने और कैसे जस्टिफाई किया

दिक्कत ये नहीं है किसी ने गन उठाई किसी ने नरसंहार किया दिक्कत ये है कि सेक्युलरिज्म के नाम पर उसे किसने और कैसे जस्टिफाई किया

काशी विश्नाथ विध्वंस- मंदिर पुजारी रेप कर रहा था तो बादशाह औरंगजेब को अच्छा नहीं लगा तो उन्होंने तोड़ दिया। जैसे होली पर ढाका में इस्कॉन मंदिर में जो हमला हुआ है ये ही लॉजिक किसी दूसरे बहाने के साथ वहां भी फिट हो सकता है।

मालाबार नरसंहार- संघ बना नहीं है, भाजपा है नहीं, सावरकर भी जेल में बंद हैं तो कोई आदमी है नहीं जिसके सिर पर ठीकरा फोड़ सके तो ये किसान आंदोलन था जमींदारों के खिलाफ, बस वो सारे किसान एक ही मजहब से थे और जमींदार हिन्दू थे

विभाजन नरसंहार- सावरकर जिम्मेदार है, सबसे पहले टू नेशन थ्योरी कि बात उसने ही 1937 में कि थी (1932 में 'पाकिस्तान अभी नहीं तो कभी नहीं" के पर्चे गोलमेज सम्मेलन में बंट रहे थे)  

बांग्लादेश 1971 नरसंहार- ये तो दूसरे देश की बात है हमारा क्या मतलब, वो अलग बात है कि वो देश 25 साल पहले भारत ही था 

1990 कश्मीर नरसंहार- दिसंबर 1989 में वीपी सिंह (जो खुद राजीव गांधी सरकार में पांच साल मंत्री थे) की सरकार थी इसलिए जनवरी 19 के लिए वीपी सिंह को को बाहर से समर्थन देने वाली भाजपा जिम्मेदार है और 21 जनवरी को जगमोहन ( जो 84-89 तक कांग्रेस के आदेश पर गर्वनर रहे थे) जिम्मेदार हैं (जिन्हें पीड़ित कश्मीरी पंडित मसीहा मानते हैं) मुफ्ती मोहम्मद सईद जो वीपी सरकार में गृह मंत्री थे, फारुक अब्दुल्ला जो 1986-जनवरी 18 1990 तक कांग्रेस के समर्थन से राज्य के सीएम थे, राजीव गांधी जो 84-89 पीएम थे ये जिम्मेदार नहीं है जिम्मेदार वो हैं जो एक महीने पुरानी सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

9/11- यहुदियों ने कराया है हर कोई जानता है इस बात को

गोधरा कांड- संसद में दिए गए यूपीए रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के बयान के हिसाब से ट्रेन में आग अंदर से लगी थी। बाद में कोर्ट ने सजा ही हैं उन लोगों को जो स्टेशन पर डीजल इकट्ठा करने से लेकर आग लगा रहे थे।

मुंबई हमले- वो तो भगवा आतंकवाद, संघ की साजिश था। कसाब कलावा भी पहनकर आया था लेकिन पता नहीं कैसे जिंदा पकड़ में आ गया तो पाकिस्तान को बड़े भारी मन से मानना पड़ता है।

पुलवामा- मोदी जिम्मेदार है, चुनाव जीतने के लिए कराया है।

दिल्ली दंगे- कपिल मिश्रा जिम्मेदार है क्योंकि उसने दिल्ली की जाम सड़क खुलवाने की चेतावनी दी थी। वो जो ट्रंप आएगा तब बताएंगे और ट्रंप के आने पर गुजरात से लेकर दिल्ली तक दंगे किए, जिनके पार्षदों के घरों से जखीरे निकले, जो लखनऊ तक पहुंच गए दंगे करने वो जिम्मेदार नहीं है।

समस्या उनसे नहीं है जो ये सब कर रहे हैं, करते जा रहे हैं, मान ही नहीं रहे 
समस्या उनसे है जो हर कुकर्म पर पर्दा डालने के लिए बैठे हैं, वो कभी सच का सामना होने ही नहीं दे रहे, जवाबदेही तय ही होने नहीं दे रहे
क्योंकि किसी को वोट कि चिंता और कुछ सेक्युलरिज्म ताना-बाना न बिगड़ जाए इसकी टेंशन में दुबले हो रहे हैं। इन लोगों को पहचानिए, इन्हें जवाब देने के लिए बाध्य कीजिए। 

नहीं तो एक दिन आएगा वो कहेंगे 
हिन्दू ही जिम्मेदार है न हिन्दू होते न हिन्दू मुस्लिम दंगे होते
57 देश है मुसलमानों के बताओ कहीं हिन्दू-मुस्लिम दंगे होते हों 
सिर्फ यहीं होते हैं क्यों क्योंकि हिन्दुओं को दंगे करने का शौक है

हिंदी भजन के लिरिक्स - मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

 


मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 
क्या जाने कोई क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने 
मुझे मिल गया मन का मित ये दुनिया क्या जाने 

छवि लखी मैंने श्याम की जब से भयी बावरी मै तो तब से 
बांधी प्रेम की डोर मोहन से नाता तोडा मैंने जग से 
ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने 
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मोहन की सुन्दर सुरतिया मन में बस गयी मोहन मुरतिया 
लोग कहे मै भयी बावरिया हो जाऊ अब तेरी रे सांवरिया 
ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने 
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

हर दम अब तो रहू मस्तानी लोक लाज की नी बिसरानी 
रूप राश अंग अंग समानी हेरत हेरत रहू दिवानी 
मै तो गाऊ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने 
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने 
मुझे मिल गया मन का मित ये दुनिया क्या जाने 


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