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जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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जाग्रति: बैक टू वर्क योजना की पीडीएफ फाइल
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जानकारी का स्त्रोत — जाग्रति वेबपोर्टल
फुटनोट
Cow Dung: मुस्लिम बाहुल्य देश कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में दावा किया है कि गाय का गोबर फार्मिंग में बहुत उपयोगी होता है। इसके बाद भारत को पहली बार कुवैत से गाय के गोबर का ऑर्डर मिला है। 15 जून को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर जयपुर से कुवैत भेजा जाएगा। इतने बड़े ऑर्डर की पैकिंग का काम फिलहाल कस्टम विभाग की निगरानी में जयपुर में हो रहा है। इस ऑर्डर की जयपुर के टोंक रोड पर श्री पिंजरापोल गोशाला में सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में पैकिंग की जा रही है। बता दें कि भारत को पहली बार किसी देश से गाय के गोबर का इतना बड़ा ऑर्डर मिला है।
विदेश कर रहे गोबर से ऊर्जा का उत्पादन
जयपुर में टोंक रोड स्थित पिंजरापोल गोशाला के महामंत्री शिवरतन चितलांगिया, डायरेक्टर प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया कि भारत में मवेशियों की संख्या लगभग तीस करोड़ के करीब है। इनसे रोजाना 30 लाख टन गोबर मिलता है। इसमें से तीस फीसदी को उपला बनाकर जला दिया जाता है, जबकि ब्रिटेन में गोबर गैस से हर साल सोलह लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा चीन में डेढ़ करोड़ परिवारों को घरेलू ऊर्जा के लिए गोबर गैस की आपूर्ति की जाती है। आपको बता दें कि भारत से प्रमुख तौर पर मांस, दूध और दूग्ध उत्पाद निर्यात किए जाते हैं।
गोबर के इस्तेमाल से फल के आकार और उत्पादन में बढ़त
कुवैत में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक रिसर्च में पता लगाया गया है कि गाय के गोबर को पाउडर के रूप में प्रयोग करने से खजूर की फसल में बढ़त देखी गई है। इसके इस्तेमाल करने से फल के आकार और उत्पादन दोनों में अच्छी बढ़ोतरी हुई। इसके बाद कुवैत की कंपनी लैमोर ने गाय के गोबर का एक बड़ा ऑर्डर भारत को दिया। इस ऑर्डर की पहली खेप 15 जून को कनकपुरा स्टेशन से मंबई के लिए रवाना की जाएगी, जहां से ये कुवैत भेजा जाएगा।