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शनिवार, 18 जून 2022

तस्वीरे अच्छी लगे तो LIKE जरूर करें।

 

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देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्निपथ से आयेंगे

#अग्निपथ; जहाँ से आपकी सोचने की शक्ति समाप्त होती है वहाँ से उस वैश्विक नेता की सोच शुरू होती है।
यह योजना के माध्यम से इस्लामिक देशों द्वारा चलाए जा रहे गजवा-ए-हिन्द की राह में मोदी ने फिर एक बड़ा रोड़ा अटका दिया है...सभी भारतीयों से निवेदन है कि स्वयं अपने परिवार के सभी बच्चों को भेजिए और सभी हिन्दू परिवार को भी समझाइए इजराइल की तरह सभी भारतीयों को प्रकारान्तर से सैनिक बना देंगे और अगर आवश्यक हुआ तो गजवा-ए-हिन्द के समय सशस्त्र सेनाओं का अभिन्न अंग भी बना देंगे। विपक्षी दलों और देश के ग़द्दारों को यह बात समझ में आगई है इसी लिए उन्होंनेहिन्दू नौजवानों को भड़काने के लिए अपने IT सेल को काम पर लगा दिया है।यह हम देश भक्त हिन्दुओं को समझना होगा और जितना जल्दी हो सके पूरे भारत के हिन्दुओं को सनझाना भी होगा। देश के ग़द्दारों के बहकावे में आकर अभी से कुछ नासमझ लोग के समूह को लगने लगा है और वे अभी भी इस योजना में कमियां ढूंढ रहे हैं... *जो उसके सशस्त्रिकरण की पहली सीढ़ी है*,
नादान मत बनिए, और ग़द्दारों के बहकावे में मत आइए। जॉब आर्मी की है, रहना, खाना, इलाज वगैरह सब फ़्री है, मतलब जो उम्र नुक्कड़ों पर चाय सिगरेट में निकल जाती है, उन 4 सालों में 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है। 👉पहला साल- 21,000×12= 2,52,000
👉दूसरा साल- 23,100×12= 2,77,200,👉तीसरा साल- 25,580×12= 3,06,960
चौथा साल- 28,000×12= 3,36,000, कुल मिला कर 11 लाख 72 हज़ार 160 रुपए, चार सालों में मिलेंगे उसके बाद, रिटायरमेंट पर 11 लाख 71 हज़ार। आप 17 से 23 साल की उम्र के लड़के अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना को जॉइन ज़रूर कीजिए। समझिए मोदी जी सरकारी पैसों से 4 साल आपको आर्मी की ट्रेनिंग देंगे, साथ मे इतने सारे पैसे भी, जॉब वैसे भी नहीं है, बारहवीं या स्नातक करने के बाद सीधे अग्निपथ के रास्ते पर चले जाइए, यही आपका भविष्य है और आपके बच्चों के साथ साथ हमारे भारत का भविष्य भी सुरक्षित है। उसके बाद 24-25 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद, इन पैसों से कोई व्यापार शुरू कर लीजिएगा, या नहीं तो इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग के साथ गल्फ़ में नौकरी आसानी से मिल तो जाती ही है वहाँ भी आर्मी का अनुशासन आपके बहुत काम आएगा। जीवन जैसा अभी चल रहा है, उससे लाख गुना अच्छा तय है। तो आप अग्निपथ योजना के विरोध का हिस्सा मत बनिए बल्कि ये समझिए कि आर्मी तक नहीं पहुँचने का जो आरक्षण था अब वो आप के लिए बल्क में ख़त्म हो चुका है। अपना, परिवार और भारत भविष्य सुरक्षित कीजिए और सोचिए 24 के उम्र में 0 से आर्मी ट्रेनिंग के साथ कुल मिला कर 11 लाख रूपये सैलरी के रूप में मिलने वाला पूरा पैसा अगर आप ख़त्म भी कर देते हैं तो रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला 11 लाख 71 हज़ार कम नहीं है।।
देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्निपथ से आयेंगे l साथ ही भविष्य उन लोगो को ही प्राथमिकता मिलेगी जो अग्निवीर होंगे इसकी भी शुरुआत UP से हो गई है.....
👉 *अतिशीघ्र अधिकतम साझा कीजिए* 👈 
👉 *भारत के ग़द्दारों की चाल को नाकाम कीजिए* 👈
👉 *भारत को गज़वा ए हिन्द से बचाना है* 👈
👉 *अग्निपथ से देशसेवा संग पैसे भी कमाना है* 👈

भारतीयों के लिए वरदान #अग्निपथ योजना....

भारतीयों के लिए वरदान #अग्निपथ योजना.... 

पहला साल- 21,000×12= 2,52,000
दूसरा साल- 23,100×12= 2,77,200
तीसरा साल- 25,580×12= 3,06,960
चौथा साल- 28,000×12= 3,36,000
कुल मिला कर 11 लाख 72 हज़ार 160 रुपए, चार सालों में मिलेंगे उसके बाद, रिटायरमेंट पर 11 लाख 71 हज़ार। 
         मियां बाबू, जॉब आर्मी की है, रहना खाना, इलाज वगैरह सब फ़्री है, मतलब जो उम्र नुक्कड़ों पर चाय सिगरेट में निकल जाती है, उन 4 सालों में 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है। आप 17 से 23 साल की उम्र के लड़के अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना को जॉइन ज़रूर कीजिए। समझिए मोदी जी सरकारी पैसों से 4 साल आपको आर्मी की ट्रेनिंग देंगे, साथ मे इतने सारे पैसे भी, जॉब वैसे भी नहीं है, बारवीं या गरेड्यूशन करने के बाद सीधे अग्निपथ के रास्ते पर चले जाइए, यही आपका भविष्य है और हमारा भी। 
         उसके बाद 24-25 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद, इन पैसों से कोई बिजनेस शुरू कर लीजिएगा, या नहीं तो इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग के साथ गल्फ़ तो है ही, आर्मी का अनुशासन आपके बहुत काम आएगा। लाइफ जैसी अभी चल रही है, उससे बेहतर तय है। तो आप अग्निपथ योजना के विरोध का हिस्सा मत बनिए बल्कि ये समझिए कि, आप के लिए बल्क में, आर्मी तक नहीं पहुँचने का जो आरक्षण था अब वो ख़त्म हो चुका है।
       अपना मुस्तक़बिल सुरक्षित कीजिए और सोचिए 24 के उम्र में 0 से आर्मी ट्रेनिंग के साथ कुल मिला कर 11 लाख रूपये सैलरी के रूप में मिलने वाला पूरा पैसा अगर आप ख़त्म भी कर देते हैं तो रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला 11 लाख 71 हज़ार रुपिया कम नहीं है।।
          हिन्दू अभी भी इस योजना में कमियां ढूंढ रहा है......जो उसके सशास्त्रिकरण की पहली सीढ़ी है , पर "उनको" ये अच्छे से समझ आगया है ये गजवा-ए-हिन्द की राह में मोदी ने फिर एक रोड़ा अटका दिया है...देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्नीपथ से आयेंगे l
       साथ ही भविष्य उन लोगो को ही प्राथमिकता मिलेगी जो #अग्निवीर होंगे इसकी भी शुरुआत यूपी से हो गई है.....

गुरुवार, 16 जून 2022

राजस्थान सरकार की जाग्रति: बैक टू वर्क योजना में आवेदन कैसे करें

 

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना का उद्देश्य

  • इस योजना का उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण करना है।
  • योजना के तहत किन्हीं पारिवारिक परिस्थितियों या अन्य किसी कारणवश नौकरी छोड़ चुकी महिलाओं को फिर से नौकरी उपलब्ध करवाना है। गौरतलब है कि महिलाओं को विवाह के बाद घर और बच्चे की जिम्मेदारी निभाने के कारण जॉब छोड़ने की नौबत आ जाती है।
  • योजना के तहत व्यवसायिक क्षेत्र में प्रशिक्षित महिलाओं को निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से पुनः नौकरी से जोड़ने के लिए "वर्क फ्रॉम होम" का विकल्प उपलब्ध करवाना है।
  • राजस्थान महिला अधिकारिता विभाग एवं सीएसआर संस्था के माध्यम से रोजगार से जुड़ने की इच्छुक प्रशिक्षित महिलाओं के लिए ऑनलाइन सिंगल विंडो प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना है।

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना की पात्रता

  • यह योजना केवल नौकरी छोड़ चुकी महिलाओं के लिए है।
  • महिला को राजस्थान की निवासी होना आवश्यक है।
  • योजना में आवेदन के लिए नौकरी का एक वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है।
  • पात्रता की शर्त पूरी करने वाली महिलाओं में से परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं को नौकरी के चयन में प्राथमिकता दी जायेगी।

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना के दस्तावेज़

  • आधार कार्ड
  • जन आधार कार्ड
  • नौकरी में न्यूनतम एक वर्ष के अनुभव का प्रमाण पत्र
  • परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं की श्रेणी में आने पर सम्बंधित प्रमाण पत्र
  • राजस्थान के मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र
  • शैक्षिक योग्यता का प्रमाण पत्र

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

  • इस योजना में आवेदन के लिए जागृति वेबपोर्टल[1] लिंक पर क्लिक करें।
  • फिर होम पेज पर दिए Register विकल्प पर क्लिक करें।
  • इसके बाद योजना में आवेदन का फॉर्म भरने के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया पूरी करें।

चयनित अभ्यार्थियों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी के माधयम से सूचित किया जाएगा।

समस्या के समाधान हेतु ईमेल आईडी से सम्पर्क किया जा सकता है —

jagriti@jobsforher.com

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना की पीडीएफ फाइल

डाउनलोड लिंक।

जानकारी का स्त्रोत — जाग्रति वेबपोर्टल

फुटनोट

बुधवार, 15 जून 2022

भारत को विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर, कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर

 

गाय के गोबर की डिमांड विदेश तक पहुंची, जयपुर से कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर

Cow Dung: भारत को पहली बार विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर। इसके बाद कुवैत को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर 15 जून को जयपुर से भेजा जाएगा।

  • विदेश भी समझ रहे गोबर का महत्व
  • कस्टम विभाग की निगरानी में हो रही गोबर की पैकिंग
  • "रिसर्च में दावा गोबर के प्रयोग से उत्पादन मे होती है बढ़ोतरी"




Cow Dung: गाय के गोबर की डिमांड विदेश तक पहुंची, जयपुर से कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर

Cow Dung: भारत को पहली बार विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर। इसके बाद कुवैत को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर 15 जून को जयपुर से भेजा जाएगा।

  • विदेश भी समझ रहे गोबर का महत्व
  • कस्टम विभाग की निगरानी में हो रही गोबर की पैकिंग
  • "रिसर्च में दावा गोबर के प्रयोग से उत्पादन मे होती है बढ़ोतरी"

Cow Dung: मुस्लिम बाहुल्य देश कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में दावा किया है कि गाय का गोबर फार्मिंग में बहुत उपयोगी होता है। इसके बाद भारत को पहली बार कुवैत से गाय के गोबर का ऑर्डर मिला है। 15 जून को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर जयपुर से कुवैत भेजा जाएगा। इतने बड़े ऑर्डर की पैकिंग का काम फिलहाल कस्टम विभाग की निगरानी में जयपुर में हो रहा है। इस ऑर्डर की जयपुर के टोंक रोड पर श्री पिंजरापोल गोशाला में सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में पैकिंग की जा रही है। बता दें कि भारत को पहली बार किसी देश से गाय के गोबर का इतना बड़ा ऑर्डर मिला है। 

विदेश कर रहे गोबर से ऊर्जा का उत्पादन

जयपुर में टोंक रोड स्थित पिंजरापोल गोशाला के महामंत्री शिवरतन चितलांगिया, डायरेक्टर प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया कि भारत में मवेशियों की संख्या लगभग तीस करोड़ के करीब है। इनसे रोजाना 30 लाख टन गोबर मिलता है। इसमें से तीस फीसदी को उपला बनाकर जला दिया जाता है, जबकि ब्रिटेन में गोबर गैस से हर साल सोलह लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा चीन में डेढ़ करोड़ परिवारों को घरेलू ऊर्जा के लिए गोबर गैस की आपूर्ति की जाती है। आपको बता दें कि भारत से प्रमुख तौर पर मांस, दूध और दूग्ध उत्पाद निर्यात किए जाते हैं।  

गोबर के इस्तेमाल से फल के आकार और उत्पादन में बढ़त

कुवैत में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक रिसर्च में पता लगाया गया है कि गाय के गोबर को पाउडर के रूप में प्रयोग करने से खजूर की फसल में बढ़त देखी गई है। इसके इस्तेमाल करने से फल के आकार और उत्पादन दोनों में अच्छी बढ़ोतरी हुई। इसके बाद कुवैत की कंपनी लैमोर ने गाय के गोबर का एक बड़ा ऑर्डर भारत को दिया। इस ऑर्डर की पहली खेप 15 जून को कनकपुरा स्टेशन से मंबई के लिए रवाना की जाएगी, जहां से ये कुवैत भेजा जाएगा।

 

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Old Post from Sanwariya