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गुरुवार, 23 जून 2022

अंतिम श्वास तक वे एक सामान्य नागरिक की तरह, एक सच्चे स्वतंत्रता सेनानी बन कर ही रहे।

94 साल के एक बूढ़े व्यक्ति को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया। 
बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग आदि के अलावा शायद ही कोई सामान था। बूढ़े ने मालिक से किराया देने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया। पड़ोसियों को भी बूढ़े आदमी पर दया आयी, और उन्होंने मकान मालिक को किराए का भुगतान करने के लिए कुछ समय देने के लिए मना लिया। मकान मालिक ने अनिच्छा से ही उसे किराया देने के लिए कुछ समय दिया।
बूढ़ा अपना सामान अंदर ले गया। 
रास्ते से गुजर रहे एक पत्रकार ने रुक कर यह सारा नजारा देखा। उसने सोचा कि यह मामला उसके समाचार पत्र में प्रकाशित करने के लिए उपयोगी होगा। उसने एक शीर्षक भी सोच लिया, ”क्रूर मकान मालिक, बूढ़े को पैसे के लिए किराए के घर से बाहर निकाल देता है।”
फिर उसने किराएदार बूढ़े की और किराए के घर की कुछ तस्वीरें भी ले लीं। 
पत्रकार ने जाकर अपने प्रेस मालिक को इस घटना के बारे में बताया। प्रेस के मालिक ने तस्वीरों को देखा और हैरान रह गए। उन्होंने पत्रकार से पूछा, कि क्या वह उस बूढ़े आदमी को जानता है?
पत्रकार ने कहा, नहीं। 
अगले दिन अखबार के पहले पन्ने पर बड़ी खबर छपी। शीर्षक था, *”भारत के पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा एक दयनीय जीवन जी रहे हैं”।* खबर में आगे लिखा था कि कैसे पूर्व प्रधान मंत्री किराया नहीं दे पा रहे थे और कैसे उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया था। 
टिप्पणी की थी कि आजकल फ्रेशर भी खूब पैसा कमा लेते हैं। जबकि एक व्यक्ति जो दो बार पूर्व प्रधान मंत्री रह चुका है और लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री भी रहा है, उसके पास अपना ख़ुद का घर भी नहीं??
दरअसल गुलजारीलाल नंदा को वह स्वतंत्रता सेनानी होने के कारण रु. 500/- प्रति माह भत्ता मिलता था। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इस पैसे को अस्वीकार किया था, कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के भत्ते के लिए स्वतंत्रता की लड़ाई नहीं लड़ी। बाद में दोस्तों ने उसे यह स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया यह कहते हुए कि उनके पास जीवन यापन का अन्य कोई स्रोत नहीं है। इसी पैसों से वह अपना किराया देकर गुजारा करते थे।
अगले दिन तत्कालीन प्रधान मंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों को वाहनों के बेड़े के साथ उनके घर भेजा। इतने वीआइपी वाहनों के बेड़े को देखकर मकान मालिक दंग रह गया। तब जाकर उसे पता चला कि उसका किराएदार, श्री गुलजारीलाल नंदा, भारत के पूर्व प्रधान मंत्री थे। 
मकान मालिक अपने दुर्व्यवहार के लिए तुरंत गुलजारीलाल नंदा के चरणों में झुक गया। 
अधिकारियों और वीआईपीयों ने गुलजारीलाल नंदा से सरकारी आवास और अन्य सुविधाएं को स्वीकार करने का अनुरोध किया। श्री गुलजारीलाल नंदा ने इस बुढ़ापे में ऐसी सुविधाओं का क्या काम, यह कह कर उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।
अंतिम श्वास तक वे एक सामान्य नागरिक की तरह, एक सच्चे स्वतंत्रता सेनानी बन कर ही रहे। 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व एच डी देवगौड़ा के मिलेजुले प्रयासो से उन्हें "भारत रत्न" से सम्मानित किया गया। 
*जरा उनके जीवन की तुलना वर्तमानकाल के किसी मंत्री तो क्या , किसी पार्षद परिवार से ही कर लें !!* 
पुण्यात्मा को सादर नमन्।।

मंगलवार, 21 जून 2022

जोधपुर वुशु टीम ने जीते राज्य स्तरीय वुशु प्रतियोगिता में 11 पदक


 जोधपुर वुशु  टीम ने जीते  राज्य स्तरीय वुशु प्रतियोगिता में 11 पदक
 जोधपुर 20 जून हनुमानगढ़ में आयोजित 16 राज्य स्तरीय सब जूनियर वुशुब प्रतियोगिता में जोधपुर के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 11 पदक जीते जानकारी देते हुए जोधपुर वुशु  संघ के संयुक्त सचिव रामकिशोर शर्मा ने बताया कि जोधपुर के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन स्वर्ण पदक दो रजत पदक एवं आठ कांस्य पदक प्राप्त किए स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी इस प्रकार रहे अलमास अली ,मनीषा भाटी ,पार्थ सेन 

रजत पदक विजेता इस प्रकार रहे गर्विता बाड़ोलिया कनिष्का बडोलिया,
 कांस्य पदक विजेता इस प्रकार रहे 

चित्रांशी चौहान ,अक्षिता शर्मा, वंशिका गोस्वामी, श्वेता सोलंकी ,गायत्री शर्मा, लव ,भागीरथ राम, लव सांखला,
 टीम मैनेजर नक्षत्र जांगिड़ एवं टीम कोच विक्रम सिंह तकनीकी अधिकारी रूप  में रामकिशोर शर्मा ने प्रतियोगिता में सेवाएं दी पदक अर्जित कर जोधपुर आने पर जिला वुशु  संघ के अध्यक्ष सुरेश डोसी,
कोषाध्यक्ष जय किशन जसमतिया, ने खिलाड़ियों का स्वागत किया सभी खिलाड़ी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय केंद्र पर विनोद आचार्य के नियमित प्रशिक्षु हैं
 

सोमवार, 20 जून 2022

भारत में कुल 36,000 बड़े कत्लखाने हैं जिनके पास सरकार द्वारा जीवों को काटने की अनुज्ञा प्राप्त है।

🚩                *Voice Of Hinduism🔥* 
 
*🚩 चौंकाने वाली रिपोर्ट जिसमें आप जानेंगे कि गोमांस को, रक्त को, हड्डियों को, त्वचा (चमड़े) को, आँत को किन-किन वस्तुओं में प्रयोग किया जाता है।*

*🚩 भारत में कुल 36,000 बड़े कत्लखाने हैं जिनके पास सरकार द्वारा जीवों को काटने की अनुज्ञा प्राप्त है। इसके अलावा 36,000 से अधिक छोटे-मोटे कत्लखाने हैं जो गैर कानूनी ढंग से चल रहे हैं! कोई कुछ पूछने वाला नहीं। हर साल 5 करोड़ निर्दोष जीवों का कत्ल किया जाता है! जिसमें गौ, भैंस, सूअर, बकरा, बकरी, ऊँट आदि शामिल हैं। मुर्गियाँ कितनी काटी जाती हैं इसका तो कोई रिकॉर्ड ही नहीं है।*

*🚩 गाय का कत्ल होने के बाद मांस उत्पन्न होता है और मांसाहारी लोग उसे भरपूर खाते हैं। भारत के 40% लोग मांसाहारी हैं जो रोज मांस खाते हैं और सब तरह का मांस खाते हैं। मांस के अलावा दूसरी जो चीज प्राप्त की जाती है वो है तेल। उसे tellow कहते हैं। जैसे गाय के मांस से जो तेल निकलता है उसे beef tellow और सूअर की मांस से जो तेल निकलता है उसे pork tellow कहते हैं।*

*🚩 इस तेल का सबसे अधिक उपयोग चेहरे में लगाने वाली क्रीम बनाने में होता है जैसे Fair & Lovely, Ponds, Emami इत्यादि। ये तेल क्रीम बनाने वाली कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है। जैसा कि आप जानते हैं मद्रास उच्च न्यायालय में राजीव दीक्षितजी ने विदेशी कंपनी फेयर एंड लवली के विरूद्ध केस जीता था। जिसके बाद कंपनी ने स्वीकारा था कि हम इस फेयर एंड लवली में सूअर की चर्बी का तेल व गाय की चर्बी का तेल भी मिलाते हैं।*

*🚩 इस प्रकार कत्लखानों में मांस और तेल के बाद जीवों का खून निकाला जाता है। कसाई गाय को पहले उल्टा रस्सी से टांग देते हैं फिर तेज धार वाले चाकू से उनकी गर्दन पर वार किया जाता है और एक दम से खून बहने लगता है। उनके नीचे एक ड्रम रखा होता है जिसमें खून इकट्ठा किया जाता है।*

*🚩 खून का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है अँग्रेजी दवा (एलोपेथी दवा)को बनाने में। गाय के शरीर से निकाला हुआ खून, बैल, बछड़ा, बछड़ी के शरीर से निकाला हुआ खून, मछ्ली के शरीर से निकाला हुआ खून से जो एक दवा बनाई जाती है उसका नाम है dexorange । यह बहुत ही प्रसिद्ध दवा है और डाक्टर इसको खून की कमी के लिए महिलाओं को लिखते हैं खासकर जब वो गर्भावस्था में होती हैं क्योंकि तब महिलाओं में खून की कमी आ जाती है। डाॅक्टर उनको गाय के खून से बनी दवा लिखते हैं क्योंकि उनको दवा कंपनियों से बहुत भारी कमीशन की कमाई जो करनी होती है।*

*🚩 इसके अलावा रक्त का प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर लिपस्टिक बनाने मे होता है। रक्त का प्रयोग चाय बनाने में बहुत सी कंपनियाँ करती हैं। अब चाय तो पोधे से प्राप्त होती है और चाय के पोधे का आकार उतना ही होता है जितना गेहूँ के पोधे का होता है। उसमें पत्तियां होती है, उनको तोड़ा जाता है और फिर उसे सुखाते हैं तो पत्तियों को सुखाकर पैकेट मे बंद कर विदेशों में भेजा जाता है।*

*🚩 पत्तियों का भाग जो नीचे टूट कर गिरता है उसे डेंटरल कहते हैं। वह उसका अन्तिम हिस्सा होता है। लेकिन ये चाय नहीं है। चाय तो वो ऊपर की पत्ती है। तो फिर क्या करते हैं इसको चाय जैसा बनाया जाता है। अगर हम उस निचले हिस्से को सुखा कर पानी में डालें तो चाय जैसा रंग नहीं आता। तो ये विदेशी कपनियां brookbond, lipton, आदि क्या करती हैं गाय के शरीर से निकला हुआ खून को इसमें मिलाकर सुखाकर डिब्बे में बंद कर बेचती हैं। तकनीकी भाषा मे इसे tea dust कहते हैं। तो tea dust को जो चाय बनाकर बेचने के लिए काॅफी कंपनियाँ गोवंश के खून का प्रयोग करती हैं। इसके अलावा कुछ कंपनियाँ nail polish बनाने में प्रयोग करती हैं।*

*🚩 मांस, तेल ,खून के बाद कत्लखानों मे जीवों की हड्डियाँ निकलती हैं और इसका प्रयोग toothpaste बनाने वाली कंपनियाँ करती हैं। Colgate, Close up, Pepsodent, आदि। सबसे पहले जीवों की हड्डियों को इकट्ठा किया जाता है। उसे सुखाया जाता है फिर एक मशीन है bone crusher, इसमें हड्डियों को डालकर इसका पाउडर बनाया जाता है और कंपनियों को बेचा जाता है। shaving cream बनाने वाली कई कंपनियाँ भी इसका प्रयोग करती हैं।*

*🚩 इन हड्डियों का talcum powder बनाने में भी प्रयोग होता है। क्योंकि ये काफी सस्ता पड़ता है। वैसे टेल्कम powder पत्थर से बनता है और 60 से 70 रुपए किलो मिलता है और गाय की हड्डियों का चूर्ण (powder) 25 से 30 रुपए मिल जाता है। इसलिए कंपनियाँ धड़ल्ले से हड्डियों का प्रयोग करती हैं।* 

*🚩 गाय की जो त्वचा (चमड़ी) है उसका सबसे अधिक प्रयोग cricket ball व football बनाने में किया जाता है। लाल रंग की गेंद होती है। आजकल सफ़ेद रंग में भी आती है। जो गाय की चमड़ी से बनाई जाती है। गाय के बछड़े की चमड़ी का प्रयोग गेंदों के निर्माण में अधिक होता है।*

*🚩 जूते और चप्पल बनाने में इस चमड़े का बहुत प्रयोग हो रहा है। अगर आप बाजार से कोई ऐसा जूता-चप्पल खरीदते हैं, जो चमड़े का है और बहुत ही कोमल (soft) है तो वो 100% गाय के बछड़े के चमड़े का बना है। अगर कठोर (hard) है तो ऊंट और घोड़े के चमड़े का है। इसके अलावा चमड़े के प्रयोग जैकेट, पर्स, वाॅलेट और बेल्ट में भी होता है। इसके अलावा आजकल सजावट के समान में इन का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार गाय और अन्य जीवों आदि का कत्ल होता है तो 5 वस्तुएँ निकलती हैं।*

*1) माँस निकला:- जो माँसाहारी लोग खाते हैं।*

*2) चर्बी का तेल:- जो काॅस्मेटिक्स बनाने मे प्रयोग होता है।*

*3) खून निकाला:- जो अँग्रेजी एलोपेथी दवाईयाँ, चाय, नेल पाॅलिश, लिपस्टिक बनाने में प्रयोग होता है।*

*4)हड्डियाँ निकली:-  इसका प्रयोग टूथपेस्ट, टूथ पाऊडर, टैलकम पाऊडर, शेविंग क्रीम में होता है।*

*5) चमड़ा निकला:-  इसका प्रयोग क्रिकेट बाॅल, फुट बाॅल, जूते, चप्पल, बैग, बेल्ट, जैकेट, वाॅलेट में होता है।* 

*🚩 इसके अलावा गाय के शरीर के अंदर के कुछ भाग हैं, उनका भी बहुत प्रयोग होता है। जैसे गाय में बड़ी आँत होती है, जैसे हमारे शरीर मे होती है। तो जब गाय को काटा जाता है तो बड़ी आँत अलग से निकाली जाती है और इसको पीस कर के जिलेटिन (gelatin) बनाई जाती है।*

*🚩 इस जिलेटिन का अधिक प्रयोग आइसक्रीम, चाॅकलेट आदि इसके अलावा मैगी, पीज़ा, बर्गर, हाॅट डाॅग, चाऊमीन के base material बनाने में भरपूर होता है। एक जैली (jelly) आती लाल, नारंगी रंग की, उसमें जिलेटिन का बहुत प्रयोग होता है। chewing gum तो जिलेटिन के बिना बन ही नहीं सकती। जिलेटिन बनाने के गूगल पर आप काफी लिंक देख सकते हैं। मैगी, चाॅकलेट वाली कंपनियाँ सबसे ज्यादा धोखा दे रही हैं। आजकल जिलेटिन का ऊपयोग साबूदाना में होने लगा है जो हम उपवास में खाते हैं।*

*🚩 यदि जो भी इन वस्तुओं को प्रयोग करते हैं, जिनके कारण गौवंश को काटा जाता है तो वे भी उतने ही पाप के भागीदार माने जाएंगे जितना कि उनको मारने वाला कसाई। अगली बार इन पापमयी वस्तुओं को खरीदने से पहले इनके निर्दोष विकल्प का चयन अवश्य करेंगे।*


अग्निवीर योजना मोदी का मास्टर स्ट्रोक नही, महा मास्टर स्ट्रोक है।

*अग्निवीर योजना*

*ये मोदी का मास्टर स्ट्रोक नही, महा मास्टर स्ट्रोक है।*
अभी वामपंथी और देश विरोधी ताकते इसको समझ ही नही पाए जब समझ जायेंगे तो इसका विरोध भी करेंगे।
एक तरफ विरोध होगा तो दूसरी तरफ इसमें 100% हिन्दू इस योजना के समर्थन में भी हो जाएंगे और भारत और भारत का हिन्दू 2035 तक आंतरिक और बाहरी दोनों मोर्चो पर ताकतवर हो जाएगा।

*शायद कुछ लोग अब भी नही समझे होंगे कि ये महा मास्टरस्ट्रोक कैसे है*👇👇
समझिए......
2023-2035 तक अग्निवीरो के अनेक जत्थे सेना से वापस अपने स्थानीय जगहों पर अपनी चार-चार साल की सेवा देकर आ जायेंगे, मतलब लगभग 10 लाख रिटायर अग्निवीर पूरे भारत मे फैल जायेंगे जिससे उनके परिजन ही नही अपितु पड़ोसी स्वजनों में भी उत्साहित गौरांवित होंगे उन सभी में एक अनोखे उत्साह और ऊर्जा का संचरण होगा उनके हौसले बुलंद होंगे हिंदुओ में नई ताकत पैदा होगी । अग्निवीर सेना से अस्त्र,सस्त्र में पारंगत है अतः उनको निजी हतियारो का लाइसेंस आसानी से मिल जाएगा। 
अब इसमें हिन्दुओ के काम की क्या बात है 👇👇
मान लो आपके मोहहले में अचानक जेहादियों की भीड़ आ गयी और आपके मोहहले में 2-4 रिटायर अग्निवीर है तो जाहिर है उनके पास लाइसेंससुदा निजी हतियार भी होंगे,आत्म रक्षा में वो उनको चलाएंगे भी, इस प्रकार इन अग्निवीरो से पूरा हिन्दू मोहहला सुरक्षित हो जाएगा।
हिन्दुओ मोदी ने आपके लिए वो सोचा है जिसकी आपको कल्पना भी नही थी। इस प्रकार भारत मे इन जेहादियों का मंसूबा गजवाये हिन्द कभी पूरा नही होगा। 

अग्निवीर योजना से भारत और सनातन अजेय बनेगा।

कृपया सभी हिन्दू इसका पुरजोर समर्थन करे और युवाओं को आगे लाये। 17 साल से 21, तक जोशीले युवा इसके भागीदार बने वैसे भी आजकल आप जानते ही है नॉर्मल सरकारी नौकरी लगने में 25-30 साल की उम्र हो जाती ही है, 21 साल बाद आकर भी आप दूसरी सरकारी नौकरी कर सकते हो।

## *अग्निवीर-जोशीला,जांबाज़*


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वंदे मातरम

शनिवार, 18 जून 2022

तस्वीरे अच्छी लगे तो LIKE जरूर करें।

 

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धन्यवाद

देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्निपथ से आयेंगे

#अग्निपथ; जहाँ से आपकी सोचने की शक्ति समाप्त होती है वहाँ से उस वैश्विक नेता की सोच शुरू होती है।
यह योजना के माध्यम से इस्लामिक देशों द्वारा चलाए जा रहे गजवा-ए-हिन्द की राह में मोदी ने फिर एक बड़ा रोड़ा अटका दिया है...सभी भारतीयों से निवेदन है कि स्वयं अपने परिवार के सभी बच्चों को भेजिए और सभी हिन्दू परिवार को भी समझाइए इजराइल की तरह सभी भारतीयों को प्रकारान्तर से सैनिक बना देंगे और अगर आवश्यक हुआ तो गजवा-ए-हिन्द के समय सशस्त्र सेनाओं का अभिन्न अंग भी बना देंगे। विपक्षी दलों और देश के ग़द्दारों को यह बात समझ में आगई है इसी लिए उन्होंनेहिन्दू नौजवानों को भड़काने के लिए अपने IT सेल को काम पर लगा दिया है।यह हम देश भक्त हिन्दुओं को समझना होगा और जितना जल्दी हो सके पूरे भारत के हिन्दुओं को सनझाना भी होगा। देश के ग़द्दारों के बहकावे में आकर अभी से कुछ नासमझ लोग के समूह को लगने लगा है और वे अभी भी इस योजना में कमियां ढूंढ रहे हैं... *जो उसके सशस्त्रिकरण की पहली सीढ़ी है*,
नादान मत बनिए, और ग़द्दारों के बहकावे में मत आइए। जॉब आर्मी की है, रहना, खाना, इलाज वगैरह सब फ़्री है, मतलब जो उम्र नुक्कड़ों पर चाय सिगरेट में निकल जाती है, उन 4 सालों में 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है। 👉पहला साल- 21,000×12= 2,52,000
👉दूसरा साल- 23,100×12= 2,77,200,👉तीसरा साल- 25,580×12= 3,06,960
चौथा साल- 28,000×12= 3,36,000, कुल मिला कर 11 लाख 72 हज़ार 160 रुपए, चार सालों में मिलेंगे उसके बाद, रिटायरमेंट पर 11 लाख 71 हज़ार। आप 17 से 23 साल की उम्र के लड़के अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना को जॉइन ज़रूर कीजिए। समझिए मोदी जी सरकारी पैसों से 4 साल आपको आर्मी की ट्रेनिंग देंगे, साथ मे इतने सारे पैसे भी, जॉब वैसे भी नहीं है, बारहवीं या स्नातक करने के बाद सीधे अग्निपथ के रास्ते पर चले जाइए, यही आपका भविष्य है और आपके बच्चों के साथ साथ हमारे भारत का भविष्य भी सुरक्षित है। उसके बाद 24-25 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद, इन पैसों से कोई व्यापार शुरू कर लीजिएगा, या नहीं तो इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग के साथ गल्फ़ में नौकरी आसानी से मिल तो जाती ही है वहाँ भी आर्मी का अनुशासन आपके बहुत काम आएगा। जीवन जैसा अभी चल रहा है, उससे लाख गुना अच्छा तय है। तो आप अग्निपथ योजना के विरोध का हिस्सा मत बनिए बल्कि ये समझिए कि आर्मी तक नहीं पहुँचने का जो आरक्षण था अब वो आप के लिए बल्क में ख़त्म हो चुका है। अपना, परिवार और भारत भविष्य सुरक्षित कीजिए और सोचिए 24 के उम्र में 0 से आर्मी ट्रेनिंग के साथ कुल मिला कर 11 लाख रूपये सैलरी के रूप में मिलने वाला पूरा पैसा अगर आप ख़त्म भी कर देते हैं तो रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला 11 लाख 71 हज़ार कम नहीं है।।
देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्निपथ से आयेंगे l साथ ही भविष्य उन लोगो को ही प्राथमिकता मिलेगी जो अग्निवीर होंगे इसकी भी शुरुआत UP से हो गई है.....
👉 *अतिशीघ्र अधिकतम साझा कीजिए* 👈 
👉 *भारत के ग़द्दारों की चाल को नाकाम कीजिए* 👈
👉 *भारत को गज़वा ए हिन्द से बचाना है* 👈
👉 *अग्निपथ से देशसेवा संग पैसे भी कमाना है* 👈

भारतीयों के लिए वरदान #अग्निपथ योजना....

भारतीयों के लिए वरदान #अग्निपथ योजना.... 

पहला साल- 21,000×12= 2,52,000
दूसरा साल- 23,100×12= 2,77,200
तीसरा साल- 25,580×12= 3,06,960
चौथा साल- 28,000×12= 3,36,000
कुल मिला कर 11 लाख 72 हज़ार 160 रुपए, चार सालों में मिलेंगे उसके बाद, रिटायरमेंट पर 11 लाख 71 हज़ार। 
         मियां बाबू, जॉब आर्मी की है, रहना खाना, इलाज वगैरह सब फ़्री है, मतलब जो उम्र नुक्कड़ों पर चाय सिगरेट में निकल जाती है, उन 4 सालों में 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है। आप 17 से 23 साल की उम्र के लड़के अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना को जॉइन ज़रूर कीजिए। समझिए मोदी जी सरकारी पैसों से 4 साल आपको आर्मी की ट्रेनिंग देंगे, साथ मे इतने सारे पैसे भी, जॉब वैसे भी नहीं है, बारवीं या गरेड्यूशन करने के बाद सीधे अग्निपथ के रास्ते पर चले जाइए, यही आपका भविष्य है और हमारा भी। 
         उसके बाद 24-25 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद, इन पैसों से कोई बिजनेस शुरू कर लीजिएगा, या नहीं तो इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग के साथ गल्फ़ तो है ही, आर्मी का अनुशासन आपके बहुत काम आएगा। लाइफ जैसी अभी चल रही है, उससे बेहतर तय है। तो आप अग्निपथ योजना के विरोध का हिस्सा मत बनिए बल्कि ये समझिए कि, आप के लिए बल्क में, आर्मी तक नहीं पहुँचने का जो आरक्षण था अब वो ख़त्म हो चुका है।
       अपना मुस्तक़बिल सुरक्षित कीजिए और सोचिए 24 के उम्र में 0 से आर्मी ट्रेनिंग के साथ कुल मिला कर 11 लाख रूपये सैलरी के रूप में मिलने वाला पूरा पैसा अगर आप ख़त्म भी कर देते हैं तो रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला 11 लाख 71 हज़ार रुपिया कम नहीं है।।
          हिन्दू अभी भी इस योजना में कमियां ढूंढ रहा है......जो उसके सशास्त्रिकरण की पहली सीढ़ी है , पर "उनको" ये अच्छे से समझ आगया है ये गजवा-ए-हिन्द की राह में मोदी ने फिर एक रोड़ा अटका दिया है...देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्नीपथ से आयेंगे l
       साथ ही भविष्य उन लोगो को ही प्राथमिकता मिलेगी जो #अग्निवीर होंगे इसकी भी शुरुआत यूपी से हो गई है.....

गुरुवार, 16 जून 2022

राजस्थान सरकार की जाग्रति: बैक टू वर्क योजना में आवेदन कैसे करें

 

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना का उद्देश्य

  • इस योजना का उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण करना है।
  • योजना के तहत किन्हीं पारिवारिक परिस्थितियों या अन्य किसी कारणवश नौकरी छोड़ चुकी महिलाओं को फिर से नौकरी उपलब्ध करवाना है। गौरतलब है कि महिलाओं को विवाह के बाद घर और बच्चे की जिम्मेदारी निभाने के कारण जॉब छोड़ने की नौबत आ जाती है।
  • योजना के तहत व्यवसायिक क्षेत्र में प्रशिक्षित महिलाओं को निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से पुनः नौकरी से जोड़ने के लिए "वर्क फ्रॉम होम" का विकल्प उपलब्ध करवाना है।
  • राजस्थान महिला अधिकारिता विभाग एवं सीएसआर संस्था के माध्यम से रोजगार से जुड़ने की इच्छुक प्रशिक्षित महिलाओं के लिए ऑनलाइन सिंगल विंडो प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना है।

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना की पात्रता

  • यह योजना केवल नौकरी छोड़ चुकी महिलाओं के लिए है।
  • महिला को राजस्थान की निवासी होना आवश्यक है।
  • योजना में आवेदन के लिए नौकरी का एक वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है।
  • पात्रता की शर्त पूरी करने वाली महिलाओं में से परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं को नौकरी के चयन में प्राथमिकता दी जायेगी।

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना के दस्तावेज़

  • आधार कार्ड
  • जन आधार कार्ड
  • नौकरी में न्यूनतम एक वर्ष के अनुभव का प्रमाण पत्र
  • परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं की श्रेणी में आने पर सम्बंधित प्रमाण पत्र
  • राजस्थान के मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र
  • शैक्षिक योग्यता का प्रमाण पत्र

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

  • इस योजना में आवेदन के लिए जागृति वेबपोर्टल[1] लिंक पर क्लिक करें।
  • फिर होम पेज पर दिए Register विकल्प पर क्लिक करें।
  • इसके बाद योजना में आवेदन का फॉर्म भरने के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया पूरी करें।

चयनित अभ्यार्थियों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी के माधयम से सूचित किया जाएगा।

समस्या के समाधान हेतु ईमेल आईडी से सम्पर्क किया जा सकता है —

jagriti@jobsforher.com

जाग्रति: बैक टू वर्क योजना की पीडीएफ फाइल

डाउनलोड लिंक।

जानकारी का स्त्रोत — जाग्रति वेबपोर्टल

फुटनोट

बुधवार, 15 जून 2022

भारत को विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर, कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर

 

गाय के गोबर की डिमांड विदेश तक पहुंची, जयपुर से कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर

Cow Dung: भारत को पहली बार विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर। इसके बाद कुवैत को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर 15 जून को जयपुर से भेजा जाएगा।

  • विदेश भी समझ रहे गोबर का महत्व
  • कस्टम विभाग की निगरानी में हो रही गोबर की पैकिंग
  • "रिसर्च में दावा गोबर के प्रयोग से उत्पादन मे होती है बढ़ोतरी"




Cow Dung: गाय के गोबर की डिमांड विदेश तक पहुंची, जयपुर से कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर

Cow Dung: भारत को पहली बार विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर। इसके बाद कुवैत को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर 15 जून को जयपुर से भेजा जाएगा।

  • विदेश भी समझ रहे गोबर का महत्व
  • कस्टम विभाग की निगरानी में हो रही गोबर की पैकिंग
  • "रिसर्च में दावा गोबर के प्रयोग से उत्पादन मे होती है बढ़ोतरी"

Cow Dung: मुस्लिम बाहुल्य देश कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में दावा किया है कि गाय का गोबर फार्मिंग में बहुत उपयोगी होता है। इसके बाद भारत को पहली बार कुवैत से गाय के गोबर का ऑर्डर मिला है। 15 जून को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर जयपुर से कुवैत भेजा जाएगा। इतने बड़े ऑर्डर की पैकिंग का काम फिलहाल कस्टम विभाग की निगरानी में जयपुर में हो रहा है। इस ऑर्डर की जयपुर के टोंक रोड पर श्री पिंजरापोल गोशाला में सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में पैकिंग की जा रही है। बता दें कि भारत को पहली बार किसी देश से गाय के गोबर का इतना बड़ा ऑर्डर मिला है। 

विदेश कर रहे गोबर से ऊर्जा का उत्पादन

जयपुर में टोंक रोड स्थित पिंजरापोल गोशाला के महामंत्री शिवरतन चितलांगिया, डायरेक्टर प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया कि भारत में मवेशियों की संख्या लगभग तीस करोड़ के करीब है। इनसे रोजाना 30 लाख टन गोबर मिलता है। इसमें से तीस फीसदी को उपला बनाकर जला दिया जाता है, जबकि ब्रिटेन में गोबर गैस से हर साल सोलह लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा चीन में डेढ़ करोड़ परिवारों को घरेलू ऊर्जा के लिए गोबर गैस की आपूर्ति की जाती है। आपको बता दें कि भारत से प्रमुख तौर पर मांस, दूध और दूग्ध उत्पाद निर्यात किए जाते हैं।  

गोबर के इस्तेमाल से फल के आकार और उत्पादन में बढ़त

कुवैत में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक रिसर्च में पता लगाया गया है कि गाय के गोबर को पाउडर के रूप में प्रयोग करने से खजूर की फसल में बढ़त देखी गई है। इसके इस्तेमाल करने से फल के आकार और उत्पादन दोनों में अच्छी बढ़ोतरी हुई। इसके बाद कुवैत की कंपनी लैमोर ने गाय के गोबर का एक बड़ा ऑर्डर भारत को दिया। इस ऑर्डर की पहली खेप 15 जून को कनकपुरा स्टेशन से मंबई के लिए रवाना की जाएगी, जहां से ये कुवैत भेजा जाएगा।

 

मंगलवार, 14 जून 2022

अग्निपथ स्कीम का एलान कर दिया है.

अग्निपथ स्कीम का एलान कर दिया है. इसमें ज्यादातर अंग्रेजी में बोला गया है जो बच्चे नही समझ पाए हैं उनको हिंदी में बता रहा हूं इससे सेना में शॉर्ट टर्म सेना में बहाली हो पाएगी.
 तीनों सेना प्रमुखों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इसका एलान किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दिशा में आज सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज हम 'अग्निपथ' नामक एक अभूतपूर्व बदलाव की योजना ला रहे हैं, जो हमारी आर्म्ड फोर्सेज में ट्रांसफॉर्मेटिव चेंज लाकर उन्हें पूरी तरह आधुनिक और और हथियारों से सुसज्जित बनाएगी. देश के युवाओं के लिए चार साल की भर्ती की योजना है. इन युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा.
युवाओं को अग्निवीर से सेवा का मौका
उन्होंने कहा कि अग्निपथ' योजना में भारतीय युवाओं को बतौर 'अग्निवीर' आर्म्ड फोर्सेज में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा. यह योजना देश की सुरक्षा को मजबूत करने एवं हमारे युवाओं को सैन्य सेवा का अवसर देने के लिए लाई गई है. रक्षा मंत्री ने कहा कि आप सब इस बात से जरूर सहमत होंगे कि संपूर्ण राष्ट्र, खास तौर पर हमारे युवा, आर्म्ड फोर्सेज को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं. अपने जीवन काल में कभी न कभी प्रत्येक बच्चा सेना की वर्दी धारण करने की तमन्ना रखता है. चार साल की सेवा के दौरान अच्छा वेतन और सुविधाएं दी जाएंगी. तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सैनिकों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के बारे में जानकारी दी थी.

उन्होंने कहा कि काम उम्र से यह फायदा भी होगा कि उन्हें नई-नई टेक्नोलोजी के लिए आसानी से प्रशिक्षित किया जा सकेगा और उनकी हेल्थ और फिटनेस का लेवल भी बेहतर होगा. अग्निपथ योजना के अंतर्गत यह प्रयास किया जा रहा है कि इंडियन आर्म्ड फोर्सेज का प्रोफाइल उतना ही जवान हो, जितना कि देश में जवान लोगों का प्रोफाइल है.
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
राजनाथ सिंह ने कहा कि अग्निपथ' योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. अग्निवीर सेवा के दौरान अर्जित स्किल्स और अनुभवों से उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिलेंगे इससे इकॉनोमी को भी हायर स्किल्ड वर्कफोर्स की उपलब्धता होगी जो उत्पादकता और जीडीपी के बढ़ने में सहायक होगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि अग्निवीरों के लिए एक अच्छी पे पैकेज, 4 साल की सेवा के बाद exit पर सेवा निधि पैकेज और एक liberal 'Death and disability package' की भी व्यवस्था की गई है.

अग्निपथ रिक्रूटमेंट योजना की खास बातें-

1. सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी.

2. चार साल वाले सैनिकों को अग्निवीर नाम दिया जाएगा.

3. चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद कुछ सैनिकों की सेवाएं आगे बढ़ाए जा सकती हैं. बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा.

4. चार साल की नौकरी में छह-नौ महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी.

5. रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी.

6. खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजीमेंट्स में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. दरअसल, सेना में इंफेंट्री रेजीमेंट अंग्रेजों के समय से बनी हुई हैं जैसे सिख, जाट, राजपूत, गोरखा, डोगरा, कुमाऊं, गढ़वाल, बिहार, नागा, राजपूताना-राईफल्स (राजरिफ), जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री (जैकलाई), जम्मू-कश्मीर राईफल्स (जैकरिफ) इत्यादि. ये सभी रेजीमेंट जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र के आधार पर तैयार की जाती हैं. आजादी के मात्र एक ऐसी, द गार्ड्स रेजीमेंट ऐसी है जो ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर खड़ी की गई थी. लेकिन अब अग्निवीर योजना में माना जा रहा है कि सेना की सभी रेजीमेंट ऑल इंडिया ऑल क्लास पर आधारित होंगी. यानि देश का कोई भी नौजवान किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में ये एक बड़ा डिफेंस रिफोर्म माना जा रहा है.
7. योजना को हरी झंडी मिलने के बाद साल अगस्त के महीने से रिक्रूटमेंट रैलिया शुरु हो जाएंगी और सेना (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में भर्तियां शुरु हो जाएंगी.

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