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मंगलवार, 8 नवंबर 2022

प्राचीन भारत के १५ विश्वविद्यालय जिसके कारण भारत विश्वगुरु कहलाता था

प्राचीन भारत के १५ विश्वविद्यालय जिसके कारण भारत विश्वगुरु कहलाता था


भारत के इतिहास्यकार और तथाकथित बुद्धिजीवी हमें समझाते हैं कि क्षत्रिय और ब्राह्मण खुद पढ़ता लिखता था पर तुमलोगों को शिक्षा नहीं देता था क्योंकि तुमलोग शूद्र हो. संस्कृत सवर्णों कि भाषा थी, ब्राह्मण तुम्हे संस्कृत नहीं पढने देते थे. क्या सचमुच ऐसा था? आइये पता करते हैं.

तक्षशिला विश्वविद्यालय में पूरे विश्व के लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे और चन्द्रगुप्त मौर्य भी वहीँ का विद्यार्थी था. पर उपर्युक्त लोग तो चन्द्रगुप्त मौर्य को क्षत्रिय नहीं मानते हैं? नालंदा और बिक्रमशिला विश्वविद्यालयों में भी पूरे विश्व के लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे. क्या वे क्षत्रिय और ब्राह्मण थे? ये लोग तो यहाँ तक कहते हैं नालंदा, बिक्रमशिला बौद्ध विहार था यानि बौद्धों का शिक्षालय. तो क्या बुद्धिष्ट शिक्षक केवल क्षत्रियों और ब्राह्मणों को ही शिक्षा देते थे? आठवीं शताब्दी का बौद्धधर्मी शासक धर्मपाल ने करीब ५० विद्यालय स्थापित किये थे जिसमें कुछ विश्वविद्यालय भी थे. क्या उसने ये सब क्षत्रियों और ब्राह्मणों केलिए बनबाये थे? विदेशी यात्रियों के वर्णन और खुद अरबी यात्रियों के वर्णन में आता है कि “भारतीय शिक्षित और कुशल होते हैं.” अर्थात भारतीय सिर्फ किताबी ज्ञान रखनेवाले ही नहीं थे बल्कि कुशल यानि तकनिकी ज्ञान में भी निपुण थे.

तो फिर सच क्या है

 सच यह है कि भारतवर्ष पर मुस्लिम आक्रमण और मुस्लिम शासन ने विश्वगुरु भारत को ध्वस्त कर दिया. आक्रमणकारियों ने भारतवर्ष के सभी विश्वविद्यालयों, पाठशालाओं को नष्ट कर दिया. उन्होंने ज्ञान, विज्ञान, अनुसन्धान के न केवल सारे ग्रन्थ नष्ट कर दिए बल्कि उनके दरवाजे भी बंद कर दिए.

इस्लाम में शिक्षा अनावश्यक कार्य माना गया है और केवल कुरान की शिक्षा को ही पर्याप्त माना गया है. इसका कारन सम्भवतः यह था कि इस्लाम के प्रवर्तक मोहम्मद पैगम्बर पढ़े-लिखे नहीं थे. कांग्रेसियों वामपंथियों के महान शासक अकबर और अलाद्दीन खिलजी भी अनपढ़ थे. इसके अतिरिक्त मुसलमानों के आदर्श मोहम्मद कासिम और गजनवी भी अनपढ़ थे. इसलिए वे जहाँ भी जाते पाठशालाओं और विश्वविद्यालयों को लूटपाट कर नष्ट कर देते थे. भारतवर्ष के तक्षशिला, नालंदा, बिक्रमशिला सहित करीब पन्द्रह विश्वविद्यालयों को इन्होने नष्ट कर दिया. परिणामतः ८०० वर्षों के मुस्लिम शासन में भारत में शिक्षण कार्य लगभग ठप्प हो गया था.

फिर ब्राह्मण और क्षत्रिय शिक्षित क्यों

इन विषम परिस्थितियों में शिक्षित ब्राह्मण और क्षत्रिय केवल अपने पुत्र पुत्रियों को अपने स्तर पर ही किसी प्रकार शिक्षा दे पाते थे. फिर भी ब्राह्मण चोरी छुपे स्थानीय स्तर पर गुरुकुल बनाकर शिक्षा दे रहे थे. मुगलों के समय आनेवाले एक यूरोपीय लिखता है, “किसी बड़े पेड़ के निचे गुरुकुल लगता था. विद्यार्थी जमीन पर मिटटी में बैठते थे और मिटटी में ऊँगली से अक्षर लिखना सीखते थे.”

दूसरी ओर, ब्राह्मण अपने पुत्रों को संस्कृत और वेदों का विद्वान तो बना देते थे पर उससे अब न उन्हें रोजगार मिलता था और न प्रतिष्ठा. थोड़ी बहुत उम्मीद होती भी तो नया भाषा अरबी, फारसी ने खत्म कर दिया. परिणामतः ब्राह्मणों को छोड़कर आम लोगों से संस्कृत भाषा दूर और खत्म होती चली गयी. फिर जैसे जैसे मुस्लिम शासन का भारत में अंत होता गया गुरुकुल खुलने लगे. हमें तो ब्राह्मणों का आभार प्रकट करना चाहिए की उन विषम परिस्थितियों में भी, गरीबी और कंगाली की हालातों में भी, भूखे रहकर भी, भारतीय सभ्यता संस्कृति की धरोहर देववाणी संस्कृत और संस्कृत ग्रंथों को कंठस्त कर बचाए रखा.

अब आइये आक्रमणकारियों द्वारा ध्वस्त किये गये विश्वविद्यालयों का वर्णन प्रस्तुत करते हैं:

१.    नालंदा विश्वविद्यालय


इसकी स्थापना गुप्त वंश के शक्रादित्य उर्फ़ कुमारगुप्त-I ने किया था. तबकाते नासिरी के लेखक मिन्हाज उल सिराज अपने किताब में इस्लामिक आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी के बारे में लिखा है, “सिर्फ दौ सौ घुड़सवारों के साथ बिहार दुर्ग (नालंदा विश्वविद्यालय) के द्वार तक गया और बेखबर शत्रुओं (यानि छात्र और शिक्षकगण) पर टूट पड़ा. उनमे दो बड़े बुद्धिमान भाई थे-एक का नाम निजामुद्दीन और दुसरे का शमसुद्दीन था. जब लड़ाई प्रारम्भ हो गयी तब इन दो भाईओं ने बहुत बहादुरी दिखाई. बख्तियार खिलजी को लूट का काफी माल हाथ लगा. महल के अधिकांश निवासी केश-मुंडित ब्राह्मण थे. उन सभी को खत्म कर दिया गया. वहां मुहम्मद ने पुस्तकों के ढेर को देखा. उसके बारे में जानकारी केलिए आदमियों को ढूंढा पर वहां सभी मारे जा चुके थे. इस विजय के बाद लूट के माल से लदा बख्तियार खिलजी कुतुबुद्दीन के पास आया जिसने उसका काफी मान और सम्मान किया. (पृष्ठ ३०९, ग्रन्थ-२, तबकाते नासिरी, लेखक मिन्हाज उल सिराज) 

कहा जाता है बख्तियार खिलजी ने उन किताबों के ढेर में आग लगा दिया जो अगले तीन महीने तक जलता रहा. नालंदा विश्वविद्यालय में करीब १०००० विद्यार्थी थे और करीब २००० शिक्षकगण थे.

२.    तेलाहारा विश्वविद्यालय




यह नालंदा विश्वविद्यालय से ४० किलोमीटर दूर है. यहाँ २००९ से २०१४ में हुई खुदाई में यह मिला है. हेंत्सोंग और इत्सिंग ने इसकी चर्चा नालंदा विश्वविद्यालय के समकक्ष के रूप में की है. इसकी स्थापना संभवतः राजगृह का शासक बिम्बिसार ने किया था. हेंत्साग ने अपने वर्णनों में इसे तिन मंजिला इमारत कहा है. यहाँ १००० से ज्यादा शिक्षकों और छात्रों के बैठने का स्थान. नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट करने के बाद बख्तियार खिलजी ने इसे भी लूट लिया, छात्रों और शिक्षकों का कत्लेआम कर इसे भी नष्ट कर दिया.

३.    ओदंतपुरी विश्वविद्यालय


इस विश्वविद्यालय की स्थापना पालवंश का शासक गोपाल ने ८ वीं शताब्दी में किया था. तिब्बती स्रोत से पता चलता है कि यहाँ १२००० से अधिक विद्यार्थी पढ़ते थे. यह मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा और सम्भवतः बख्तियार खिलजी के द्वारा ही नष्ट कर दिया गया.

४.    बिक्रमशिला विश्वविद्यालय


इसकी स्थापना पालवंश के शासक धर्मपाल ने ७ वीं शताब्दी में किया था. शैतान बख्तियार खिलजी सारनाथ, कुशीनारा, नालंदा आदि प्राचीन विश्वविख्यात हिन्दू, बौद्ध शिक्षा केन्द्रों को नष्ट करता हुआ बंगाल की ओर बढ़ा. रस्ते में उसने धर्मपाल के द्वारा स्थापित विक्रमशीला विश्वविद्यालय पर हमला किया और उसे भी लूट लिया और पूरी तरह नष्ट कर दिया.

५.     सोमपुरा विश्वविद्यालय 


इस विश्वविद्यालय की स्थापना भी पाल शासक धर्मपाल ने ७ वीं शताब्दी में किया था. यह अब बांग्लादेश में है. सेन वंशी शासकों की राजधानी नवद्वीप पर आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी द्वारा अधिकार करने के बाद इस विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र जान बचाने केलिए विश्वविद्यालय छोड़कर भाग गये जिससे यह वीरान और अनारक्षित हो गया जिसे बाद में मुसलमानों द्वारा लूट लिया गया और धीरे धीरे यह नष्ट हो गया. विकिपीडिया लिखता है, “The ruins of the temple and monasteries at Pāhāpur do not bear any evident marks of large-scale destruction. The downfall of the establishment, by desertion or destruction, must have been sometime in the midst of the widespread unrest and displacement of population consequent on the Muslim invasion.”

६.    पुष्पगिरी विश्वविद्यालय

यह ओड़ीशा के जयपुर जिला में स्थित था. यह विश्वविद्यालय नालंदा से अधिक पुराना, सम्भवतः अशोक के द्वारा निर्मित माना जाता है. यह तिन पहाड़ियों ललितगिरी, उदयगिरी और रत्नागिरी के बीच विस्तृत था. तीसरी शताब्दी के आन्ध्र के इच्छ्वाकू राजा विरापुरुषदत्ता के द्वारा इस विश्वविद्यालय को अनुदान देने का उल्लेख मिलता है. नौवीं शताब्दी में बुद्धिष्ट प्रजन गान्धार से यहाँ आकर निवास किया था. यह विश्वविद्यालय भी मुस्लिम शासन में शिक्षा की उपेक्षा का शिकार हो नष्ट हो गया.

७.    तक्षशिला विश्वविद्यालय


तक्षशिला विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय धृतराष्ट्र पुत्र दुर्योधन को दिया जाता है. उसने अपने ननिहाल गांधार में अपनी माँ गांधारी की स्मृति में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. मुस्लिम आक्रमण से पहले गांधार में हिन्दुशाही वंश के ब्राह्मणों का शासन था. हिन्दुशाही वंश के पराक्रमी राजा जयपाल ने मुस्लिम आक्रमणकारियों के छक्के छुड़ा दिए थे परन्तु एक युद्ध में वो उनसे हार गया और उसे गांधार छोड़कर लाहौर दुर्ग में आना पड़ा. उधर आक्रमणकारियों ने उसकी प्रजा पर वीभत्स अत्याचार किए. अपने प्रजा पर हुए अत्याचार की जिम्मेदारी लेकर वह अग्नि में प्रवेश कर आत्मदाह कर लिया. आक्रमणकारियों ने विश्वविख्यात सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय तक्षशिला को नष्ट भ्रष्ट कर खंडहर बना दिया.

८.    शारदापीठ विश्वविद्यालय


यह विश्वविख्यात ५१ शक्तिपीठों में से एक और तक्षशिला की तरह ही प्राचीन विश्वविद्यालय था. अब यह पाक अधिकृत कश्मीर में है. इस विश्वविद्यालय के महान विद्यार्थीयों में कल्हण, आदि शंकराचार्य, वैरोत्सना, तिब्बती बुद्धिष्ट कुमारजीव, त्होंमी सोमभोटा जिसने तिब्बती लिपि का आविष्कार किया आदि प्रमुख है.

९.    वल्लभी विश्वविद्यालय
 
गुजरात के सौराष्ट्र में शासन करनेवाले गुप्तों के सम्बन्धी मैत्रका वंश ने इसकी स्थान की थी जिसने अपनी राजधानी वल्लभी को बनाया था. अर्थशास्त्र, राजनीती, नीतिशास्त्र, विज्ञान, साहित्य आदि की शिक्षा का यह प्रमुख केंद्र था. बौद्ध यात्री इत्सिंग जिसने नालंदा में पढ़ा था वह वल्लभी का भ्रमण किया था और इसे शिक्षा का महान केंद्र बताया है. यह विश्वविख्यात विश्वविद्यालय ८ वीं शताब्दी में अरबों के आक्रमण में नष्ट हो गया.

 १०.   बिक्रमपुर विश्वविद्यालय



यह अब मुंशीगंज, बांग्लादेश में है. इसकी स्थापना पाल वंश के शासक धर्मपाल ने ७ वीं शताब्दी में किया था. २०१३ में इसकी खुदाई हुई. यहाँ ८००० से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते थे. यह भी मुस्लिम आक्रमणकारियों के लूट और उपेक्षा का शिकार हो नष्ट हो गया.
 
११.   मुरैना विश्वविद्यालय


यह मध्यप्रदेश के आधुनिक चम्बल डिविजन में स्थित था. इसका निर्माण ८ वीं शताब्दी में श्रीराम के अनुज लक्ष्मण के वंशज गुर्जर प्रतिहारों ने करवाया था. चौंसठ योगिनी मन्दिर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मितावली, पदावली और बटेश्वर मन्दिरों के बीच यह विश्वविद्यालय स्थित था. यह विश्वविद्यालय स्थापत्यकला का शिक्षण प्रशिक्षण के लिए विश्वविख्यात था. मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा या उनके शासन में यह विश्वविद्यालय नष्ट हो गया

१२.   कंठालूरशाला विश्वविद्यालय

 

यह तिरुअनंतपुरम, केरल में स्थित था. यह विश्वविद्यालय मन्दिर समूहों के बीच ९-१२ वीं शताब्दी तक स्थित था. यहाँ ६४ विभिन्न विषयों की शिक्षा दिया जाता था. इसे दक्षिण का नालंदा कहा जाता था. यहाँ अस्त्र शस्त्रों का भी प्रशिक्षण दिया जाता था.

१३.   जगदल विश्वविद्यालय 


यह अब वारेन्द्र, उत्तर बंगाल, बांग्लादेश में स्थित है. इसकी स्थापना पाल वंश के शासक रामपाल ने ११ वीं शताब्दी में किया था. तिब्बती स्रोत से पता चलता है कि यह उत्तर-पूर्वी भारतवर्ष के ५ सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक था. अन्य चार नालंदा, ओद्न्तपुरी, सोमपुरा और बिक्रमशिला था. यह संस्कृत शिक्षा केलिए प्रसिद्ध था. यह भी मुस्लिम आक्रमणकारियों के शिकार हो नष्ट हो गया.

१४.   नागार्जुनकोंडा विश्वविद्यालय


इस विश्वविद्यालय की स्थापना बौद्ध संत नागार्जुन की स्मृति में किया गया था. यह भी बहुत प्राचीन विश्वविद्यालय था. उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह विश्वविद्यालय ७-८ वीं शताब्दी में सबसे अधिक विख्यात था. यहाँ विज्ञान, दर्शन, चिकित्सा, भूगोल आदि विषयों की शिक्षा दी जाती थी. यहाँ से सातवाहन और इच्छ्वाकू राजाओं के सिक्के और अभिलेख मिले हैं

१५.   मिथिला विश्वविद्यालय


माना जाता है कि यह विश्वविद्यालय राजा जनक के समय से ही चला आ रहा था. यहाँ मुख्य रूप से वेद, वेदांग, उपनिषद, दर्शन, इतिहास, ज्योतिष, साहित्य आदि की शिक्षा दी जाती थी. उस प्राचीन विश्वविद्यालय के स्थान पर अब आधुनिक मिथिला विश्वविद्यालय का निर्माण हो गया है.

इसके अतिरिक्त Godfrey Higgins के ग्रन्थ The Celtic Druids के पृष्ठ ४३ से ५९ पर उल्लेख है कि “भारत के नगरकोट, कश्मीर और वाराणसी नगरों में, रशिया के समरकंद नगर में बड़े विद्याकेंद्र थे जहाँ विपुल संस्कृत साहित्य था।

देश की अपेक्षाओं के महासागर में कर्मवीर मेहनती मोदी के 8 साल के काम का हिसाब


*फकीर को प्रधानमंत्री बने आठ साल पूरे हुए।* 



 देश की अपेक्षाओं के महासागर में कर्मवीर मेहनती मोदी के 8 साल  के काम का हिसाब* 
📌 *अंतर्राष्ट्रीय  सदस्यता:-* 

● EBRD सदस्यता
● International Energy Agency
● Australia Group
● SCO सदस्यता
● Wassenaar Arrangement
● MTCR सदस्यता
● CREN
● Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB)
● International Solar Alliance

📌 *सुरक्षा समझौते:-* 

● अमेरिका के साथ Military Logistic Pact 'LEMOA'
● फ्रांस के साथ Military Logistic Pact 'MLSA'
● साउथ कोरिया के साथ Military Logistic Pact
● जापान के साथ Cross Servicing Agreement 'ACSA'
● ऑस्ट्रेलिया के साथ MLSA pact
● रूस के साथ Military Logistic Pact
● 'सबांग पोर्ट' इंडोनेशिया तक पहुंच
● 'एसोम्शन आइलैंड' पर नौसेना बेस
● 'अगालेगा द्वीप' में सैन्य बेस
● ओमान में 'दुक्म पोर्ट' तक पहुंच
● श्रीलंका में 'त्रिंकोमाली पोर्ट' बनाने के लिए
● सिंगापुर के साथ समुद्री लॉजिस्टिक समझौता
● इज़राइल के साथ व्हाइट शिपिंग समझौता

📌 *बड़े कदम:-* 

● रिटायर्ड सैनिकों के लिए ओआरओपी
● 7वां वेतन आयोग
● किसानों के लिए एमएसपी में वृद्धि
● पीएम किसान सम्मान निधि
● एमएसएमई को 1 करोड़ ऋण
● जीएसटी स्लैब में कमी
● एमएसएमई को 40 लाख टर्नओवर तक जीएसटी से छूट

📌 *वित्तीय बचत:-* 

● काला धन रिकवरी : 94,000 करोड़ से अधिक
● अघोषित आय : 1.3 लाख करोड़ से अधिक
● एनपीए रिकवरी : 5.63 लाख करोड़ से अधिक
● रक्षा सौदों से अतिरिक्त बचत : 1.92 लाख करोड़ से अधिक
● डीबीटी बचत : 1.78 लाख करोड़ से अधिक
● विनिवेश से बचत : 2.8 लाख करोड़ से अधिक
● खानों की नीलामी से बचत : 1.81 लाख करोड़ से अधिक

📌 *प्रमुख रक्षा सौदे:-* 

● राफेल मल्टीरोल फाइटर जेट
● S-400 SAM
● प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट
● Barak-8 MRSAM
● 'अरिहंत क्लास' न्यूक्लियर सबमरीन
● 'अपाचे' और 'चिनूक' हेलीकॉप्टर
● अकुला-द्वितीय परमाणु पनडुब्बी
● प्रोजेक्ट 11356 क्लास फ्रिगेट्स
● M777, 'धनुष' होवित्जर आर्टिलरी
● K-9 ट्रैक होवित्जर 
● AK-203 असॉल्ट राइफल
● "MH-60R" नौसेना हेलीकॉप्टर सौदा

📌 *बड़ा 56" एक्शन:-* 

● म्यांमार स्ट्राइक
● सर्जिकल स्ट्राइक
● बालाकोट एयर स्ट्राइक
● जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध
● डोकलाम स्टैंड-ऑफ
● जेकेएलएफ प्रतिबंधित
● 'पाक' और 'बांग्लादेश' से सटी सीमा सील
● नागरिकों पर कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं
● गलवान स्टैंड-ऑफ

📌 *बड़ा बदलाव:-* 

● स्विस बैंक की जमा राशि में 91% की कमी
● अत्यधिक गरीब 2011 में 26 करोड़ से घटकर 5 करोड़ रह गए
● ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग 142 से 63 हो गई
● अप्रैल 2021 में UPI लेनदेन 2,641 मिलियन रहा
● 2020-21 में उच्चतम खाद्यान्न उत्पादन 303 मिलियन टन रहा

📌 *वित्तीय सुधार (रिफॉर्म):-* 

● आधार अधिनियम, 2016 (धन विधेयक)
● नोट बंदी
● Bankruptcy & Insolvency Code Bill 2016
● Good & Service Tax (GST)
● बेनामी संपत्ति अधिनियम
● भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक (FEOB)
● ई-वे बिल
● रक्षा खरीद नीति (डीपीपी)
● बैंकों और एनबीएफसी की तरलता बढ़ी
● 111 लाख करोड़ की राष्ट्रीय इन्फ्रा योजना पेश की गई
● कॉर्पोरेट टैक्स को कम किया गया

📌 *लंबे समय से लंबित प्रमुख मुद्दों का समाधान:-* 

● बांग्लादेश सीमा विवाद
● एनआरसी कार्यान्वयन
● ट्रिपल तलाक
● नागा शांति समझौता
● नागरिकता संशोधन विधेयक
● पाकिस्तान से 'एमएफएन' का दर्जा वापस लेना

📌 *सार्वजनिक योजनाएं:-* 

● मुद्रा योजना : 28.82 करोड़ से अधिक लोगों को ऋण
● स्वच्छ भारत योजना : 11.35 करोड़ से अधिक टॉयलेट
● 'स्मार्ट सिटी' मिशन
● 'नमामि गंगे' मिशन
● 'आयुष्मान भारत' योजना
● पीएम जन धन योजना : 42.38 करोड़ से अधिक बैंक अकाउंट
● उज्जवला योजना : 8.03 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन
● पीएम फसल बीमा योजना : 8.94 करोड़ से अधिक 
● 'सौभाग्य' योजना : 2.62 करोड़ से अधिक घर में बिजली कनेक्शन
● PMAY किफायती आवास : 1.86 करोड़ से अधिक घर
● 'उजाला' एलईडी बल्ब योजना : 36.73 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब
● 'उड़ान' योजना
● 'मेक इन इंडिया' योजना
● आत्मनिर्भर भारत
● PLI स्कीम
● अटल पेंशन योजना : 3.04 करोड़ लाभार्थी
● पीएम जीवन ज्योति बीम योजना : 10.32 करोड़ से अधिक
● पीएम सुरक्षा बीमा योजना : 23.36 करोड़ 
● अटल टिंकरिंग लैब्स : 8,878
● हर घर जल योजना

📌 *स्मारक स्थापित:-* 

● राष्ट्रीय समर स्मारक
● लाल किला बैरक संग्रहालय
● राष्ट्रीय पुलिस स्मारक
● सिनेमा संग्रहालय
● स्टैच्यू ऑफ यूनिटी - सरदार पटेल
● पं. दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल
● डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक
● "पी. वी. नरसिम्हा राव" के लिए स्मारक

📌 *लंबित इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं पूर्ण:-* 

● कोल्लम बाईपास
● बाणसागर कैनाल
● वाराणसी कोलकाता जलमार्ग (NW-1)
● बोगीबील ब्रिज
● कटरा रेल लाइन
● सरदार सरोवर डैम
● पश्चिमी और पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे
● कोटा चंबल ब्रिज
● पाक्योंग हवाई अड्डा
● ढोला सदिया ब्रिज
● चेनानी नाशरी सुरंग
● रोहतांग सुरंग

📌 *अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति:-* 

● ADNOC तटवर्ती तेल खोज
● चाबहार बंदरगाह समझौता
● आसियान-भारत समझौता
● जापान के साथ 75 अरब डॉलर मुद्रा विनिमय समझौता
● अबू धाबी में हिंदू मंदिर
● रूस के साथ रुपया - रूबल व्यापार 
● INSTC परियोजना
● रूस-भारत गैस पाइपलाइन*

📌 *अंतरिक्ष मिशन और उपग्रह:-* 

● गगनयान मिशन
● EMISAT
● Microsat-R
● GSAT-7A
● GSAT-15 
● HySIS Satellite
● Catrosat' Series
● South Asia Satellite
● एक साथ 104 सेटेलाइट स्थापित
● मिशन शक्ति
● नाविक नेविगेशन सिस्टम

📌 *बड़े वादे:-* 

● 5 लाख तक कर योग्य आय पर शून्य कर
● 10% आर्थिक आरक्षण
● प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन योजना
● दूसरे घर पर टैक्स छूट
● स्टार्ट अप के लिए 50 लाख का ऋण
● 'किसान क्रेडिट कार्ड' से 1 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण

📌 *मेगा प्रोजेक्ट्स:-* 

● बुलेट ट्रेन परियोजना
● ट्रेन-18, तेजस और हमसफर ट्रेनें
● सामरिक कच्चे तेल के भंडार
● डिफेंस कॉरिडोर
● मेट्रो ट्रेन परियोजना
● भारतमाला प्रोजेक्ट
● सागरमाला परियोजना
● डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC)
● सामरिक सीमा सड़कें
● औद्योगिक कॉरिडोर
● नदी को जोड़ने वाली परियोजना
● मेगा फूड पार्क
● सिटी गैस वितरण (पाइप लाइन से गैस) (CGD)

📌 *परमाणु शक्ति:-* 

● यूरेनियम के लिए 'ऑस्ट्रेलिया' से करार
● यूरेनियम के लिए 'कजाखस्तान' के साथ करार
● यूरेनियम के लिए 'कनाडा' के साथ अनुबंध
● यूरेनियम के लिए 'उज्बेकिस्तान' के साथ करार
● कुडनकुलम परमाणु अनुबंध (5th & 6th)
● 6 'VVER' रिएक्टरों के लिए 'रूस' के साथ अनुबंध
● 6 'ईपीआर' रिएक्टरों के लिए 'फ्रांस' के साथ अनुबंध
● 6 'AP1000' रिएक्टरों के लिए 'यूएसए' के ​​साथ अनुबंध

📌 *महत्वपूर्ण पहल:-* 

● डिफेंस के लिए पीएम छात्रवृत्ति
● जल शक्ति मंत्रालय का गठन
● नई शिक्षा नीति 
● पहली बार जम्मू कश्मीर में 'इन्वेस्टर्स समिट'
● 'PM KISAN' सभी किसानों के लिए बढ़ाया गया
● दुकानदारों/नौकरों के लिए पेंशन योजना
● बच्चो से बलात्कार के लिए मौत की सजा
● जम्मू-कश्मीर बैंक के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई
● 1800 से अधिक अनावश्यक कानून हटाए गए
● ई-वाहन नीति लागू
● बीएसएनएल के लिए रिवाइवल प्लान स्वीकृत
● गर्वी गुजरात भवन का शुभारंभ
● पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए SFURTI
● राजनेताओं की अनुचित Z+ सुरक्षा हटाई गई
● औद्योगिक संबंध संहिता को मंजूरी दी
● राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड की स्थापना
● "फिट इंडिया" लांच
● कई भगोड़ों के खिलाफ ईडी, सीबीआई और आईटी द्वारा कार्रवाई

📌 *आगामी प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं:-* 

● बिलासपुर-मंडी-शिमला-लेह रेल लाइन (465 Km)
● मिसामारी-तेंगा-तवांग रेल लिंक (378 Km)
● जोजिला सुरंग
● सेला दर्रा सुरंग
● केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना
● दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे
● रतले जल विद्युत परियोजना (850 MW)
● सावलकोट पनबिजली परियोजना (1856 MW)
● पाकल दुल डैम
● मुंबई ट्रांस हार्बर सी लिंक
● तटीय फ्रीवे
● बाड़मेर रिफाइनरी
● धुबरी-फुलबारी ब्रिज
● 'ब्रह्मपुत्र' पर पानी के नीचे रेल-सड़क सुरंग
● माजुली ब्रिज
● रामेश्वरम धनुष्कोडी रेल लाइन
● चार धाम रोड और रेल नेटवर्क

📌 *शैक्षणिक संस्थान:-* 

● AIIMS - 15
● IIM's - 7
● IIT's - 7
● IIIT's - 14
● मेडिकल कॉलेज - 90
● नवोदय विद्यालय - 62
● केन्द्रीय विद्यालय - 103
● विश्वविद्यालय - 141

📌 *प्रमुख विधेयक पारित:-* 

● अनुच्छेद 35ए और 370 की समाप्ति
● जम्मू और कश्मीर (पुनर्गठन) विधेयक, 2019
● ट्रिपल तलाक बिल
● एनआईए (संशोधित) बिल
● यूएपीए (संशोधित) विधेयक
● पॉक्सो (संशोधित) विधेयक
● अनधिकृत कॉलोनियां विधेयक
● श्रम सुरक्षा विधेयक पारित
● नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित
● आरटीआई (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित
● चिट फंड (संशोधन) विधेयक पारित
● उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019 पारित
● मोटर वाहन संशोधन विधेयक पारित
● जीएसटी बिल पास
● आईबीसी बिल पास
● शत्रु संपत्ति बिल पास
● आर्थिक भगोड़ा अपराधी बिल पास
● सोशल मीडिया के लिए कोड ऑफ एथिक्स रूल्स

📌 *अर्थव्यवस्था:-* 

● सकल घरेलू उत्पाद 4.71% (औसत) (विश्व 2.47%)
● 4.61% की निम्न औसत महंगाई
● 5.68% की औसत बेरोजगारी दर (WB)
● सकल घरेलू उत्पाद अनुपात में उच्चतम कर प्राप्ति
● ~$593 बिलियन अब तक का उच्च विदेशी मुद्रा भंडार
● 2020 में 81.72 अरब डॉलर का अब तक का सबसे अधिक एफडीआई
● आरबीआई से 5.44 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर

📌 *इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट:-* 

● राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण - 61,828 Km
● बिजली क्षमता स्थापित - 133.60 GW
● ग्रामीण सड़क निर्माण - 2.29 लाख करोड़ Km
● रेलवे लाइन दोहरीकरण : 1,458 Km/year
● ट्रेन सेवाएं शुरू की गईं - 871
● उड़ान योजना के तहत 56 हवाईअड्डे शुरू
● भारतनेट: 5.21 लाख किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई
● 111 राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास

📌 *महत्वपूर्ण पहल:-* 

● मृदा स्वास्थ्य कार्ड
● फसल बीमा
● नीम कोटेड यूरिया
● 'जन औषधि' केंद्र : 7748
● डाक बैंक
● भीम ऐप
● ई-नाम पोर्टल 
● अटल टिंकरिंग लैब
● मिशन 'इंद्रधनुष'
● जेम पोर्टल
● TReDS सिस्टम
● डिजी लॉकर
● पासपोर्ट सेवा ऐप

📌 *चाक चौबंद सुरक्षा:-* 

● पाक और बांग्ला सीमाओं पर स्मार्ट फेंसिंग
● 17 एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (ALG's)
● राष्ट्रीय राजमार्गों पर 29 हवाई पट्टियां
● 794 नई बीओपी (Border Out Posts)
● 13,029 व्यक्तिगत और 1,431 बड़े समुदायिक बंकर
● सब बेस 'आईएनएस वर्षा' और 'दीसा' में एयरबेस
● लक्षद्वीप में नौसेना के लिए रणनीतिक चौकी
● नौसेना बेस आईएनएस कैंपबेल बे और आईएनएस कोहासा
● फुल बॉडी ट्रक स्कैनिंग सिस्टम (FBTSS)
● नेटवर्क फॉर स्पेक्ट्रम (एनएफएस) परियोजना लागू
● 36 रडार स्टेशन, Ph-II में 38 और
● 27 टोही प्रणाली (LORROS)
● 110 मजबूत आश्रय 'Blast Pens'
● प्रमुख रडार निगरानी स्टेशन 'नारकोंडम द्वीप'
● भंडारण, राडार आदि के लिए 24 अनुपयोगी हवाई क्षेत्र

📌 *रक्षा परियोजनाएं:-* 

● A-SAT मिसाइल परियोजना
● S5 क्लास न्यूक्लियर सबमरीन
● SSN क्लास न्यूक्लियर सब
● 'प्रलय' मिसाइल
● 'अग्नि-1पी' मिसाइल
● निर्भय मिसाइल
● SFDR Popularization
● 'K-5' & 'K-6' मिसाइल
● एंटी रेडिएशन मिसाइल (ARM)
● XR-SAM परियोजना
● DRDO QR-SAM
● Air launched 'SANT' Missile Project
● Brahmos-ER, Brahmos-A & Brahmos-NG

📌 *महत्वपूर्ण मील के पत्थर:-* 

● राफेल मामले में मोदी सरकार को मिली क्लीन चिट
● "हाउडी मोदी" कार्यक्रम हुआ
● ओबीसी पैनल का गठन
● भारत ने आरसीईपी को खारिज कर दिया
● "नमस्ते ट्रंप" कार्यक्रम का आयोजन
● चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति
● Facial Recognition System स्थापित
● "95% सफलता के साथ लॉन्च हुआ चंद्रयान-2''
● मुंबई मेट्रो परियोजना चरणबद्ध शुरू की गई
● RuPay कार्ड अबू धाबी में लॉन्च किया गया
● असम के लिए एनआरसी सूची प्रकाशित
● "राम मंदिर" का निर्माण शुरू
● अनियमित जमा योजनाएं प्रतिबंधित
● जम्मू-कश्मीर सचिवालय से हटाया गया जम्मू-कश्मीर का झंडा
● जम्मू-कश्मीर अधिवास नियम पुनर्परिभाषित

📌 *भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस:-* 

● 5 करोड़ फर्जी बैंक खाते समाप्त
● 4.49 करोड़ फर्जी एलपीजी कनेक्शन रद्द
● मनरेगा से 3.1 करोड़ फर्जी लाभार्थी हटाए
● 2.98 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द
● 98.8 लाख फर्जी आंगनबाडी लाभार्थियों को हटाया
● 3.38 लाख शेल कंपनी डीरजिस्टर्ड
● 20,000 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द
● 11.44 लाख फर्जी पैन निष्क्रिय
● एनएसएपी में 7.57 लाख फर्जी लाभार्थियों को हटाया
● 12.86 लाख फर्जी अल्पसंख्यक लाभार्थियों को हटाया
● 7 लाख से अधिक फर्जी छात्रवृत्ति समाप्त

📌 *भारत के प्रधानमंत्री को विश्व में मान्यता:-* 

● Saudi Arab : "The King Abdulaziz Sash"
● Afghanistan : "Amir Amanullah Khan"
● Palestine : "Grand Collar"
● UN : "Champions Of The Earth"
● South Korea : "Seoul Peace Prize"
● WMS : "Philip Kotler Presidential Award"
● UAE : "Zayed Medal"
● Russia : "Order of Saint Andrew the Apostle"
● Maldives : "Order of the Distinguished Rule of Izzudeen"
● Bahrain : The King Hamad Order of the Renaissance
● Modi conferred "Order Of Zayed" in Dubai.

📌 *कोविड-19 महामारी:-* 

● कोविड-19 के लिए PM-CARES फंड
Video go
● 6 स्वदेशी टीके विकसित हो रहे है
● 27.1 लाख करोड़ रुपये का 'आत्मनिर्भर पैकेज'
● कम 234 मृत्यु / 10 लाख जनसंख्या में
● सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान


 *अभूतपूर्व,  आश्चर्यजनक* 

🙏🙏🙏
👍मोदी है तो मुमकिनहै👍

भारत देश के दो नक्शे एक महाभारत काल का दूसरा रामायण काल काल का दोनों में ही पुष्कर है जूम करके देखे हमारा पुष्कर सबसे प्राचीन तीर्थ है।

भारत देश के दो नक्शे एक महाभारत काल का दूसरा रामायण काल काल का दोनों में ही पुष्कर है जूम करके देखे हमारा पुष्कर सबसे प्राचीन तीर्थ है।

रविवार, 6 नवंबर 2022

देश बचाने की ^सुप्रीम^ मुहिम, लागू हो जनसंख्या नियंत्रण कानून

📌 *_देश बचाने की ^सुप्रीम^ मुहिम, लागू हो जनसंख्या नियंत्रण कानून_*

जागरूक रहिये नुकसान से बचिए
*प्रतापसिंह*

*भारत देश हिंदू राष्ट्र है इसकी भी जरूरत है*

देश में भयावह होती जनसंख्या की समस्या को देखते हुए दो बच्चा नीति लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाने और देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उपाय करने की मांग की गई है। भाजपा नेता व वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अपनी अर्जी में देश में दो बच्चे ही पैदा किए जाने का नियम तय करने की मांग की है। अश्विनी उपाध्याय ने अपनी अर्जी में कहा कि जनसंख्या का विस्फोट ही देश में पैदा हो रही समस्याओं की मुख्य वजह है।

*प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव*
याचिका में कहा गया है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है। उपाध्याय ने दो बच्चा नीति लागू करने की मांग को लेकर पहले दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था।

*केंद्र परिवार नियोजन थोपने को तैयार नहीं*
जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को लेकर पूर्व में भी सुप्रीम कोर्ट में मामले दायर होते रहे हैं। पिछली बार ऐसे ही एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि भारत में परिवार नियोजन जनता पर थोपना ठीक नहीं होगा। इसका विपरीत असर देखने को मिल सकता है। देश की डेमोग्राफी में परिवर्तन हो सकता है।

अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि देश में परिवार नियोजन कार्यक्रम को लेकर जागरूकता अभियान जारी है। सरकार चाहती है कि जनता अपनी समझ से परिवार नियोजन करे। उस पर किसी तरह का दबाव न डाला जाए।

*हमारी आबादी चीन से ज्यादा?*
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट स्वच्छ हवा के अधिकार, पेयजल, स्वास्थ्य, शांतिपूर्ण नींद, शेल्टर, आजीविका और सुरक्षा की गारंटी देने वाले संविधान के अनुच्छेद 21 को मजबूत करने में सफल नहीं रहा है। जनसंख्या विस्फोट के चलते इन अधिकारों की रक्षा का कोई काम नहीं हो पा रहा है। हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में दावा किया गया था कि भारत आबादी के मामले में चीन से भी आगे निकल गया है। देश की 20 फीसदी आबादी के पास आधार कार्ड नहीं हैं। देश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को जोड़ लिया जाए तो फिर यह संख्या चीन से ज्यादा है। याचिका में यह भी कहा गया था कि जनसंख्या विस्फोट के कारण ही जघन्य अपराध बढ़ रहे हैं। दुष्कर्म व घरेलू हिंसा जैसे मामले इसकी देन हैं।

*आप भी इस मुहिम में शामिल हो और अपनी सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग करे*

भारत राष्ट्र हिंदू राष्ट्र

🇮🇳 वन्दे मातरम 🇮🇳
सक्षम युवा सबल भारत


*एडवोकेट प्रताप सिंह सुवाणा*
PS.CON
e mail *ps.con@hotmail.com*
*मो. 94130 95053*
जय हिन्द 🇮🇳

शनिवार, 5 नवंबर 2022

अकेले व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं होता, संगठन का साथ मिलने पर ही वह चमकता है और रोशनी बिखेरता है


एक आदमी था, जो हमेशा अपने संगठन में सक्रिय रहता था, उसको सभी जानते थे ,बड़ा मान सम्मान मिलता था; अचानक किसी कारण वश वह निष्क्रीय रहने लगा , मिलना - जुलना बंद कर दिया और संगठन से दूर हो गया।

कुछ सप्ताह पश्चात् एक बहुत ही ठंडी रात में उस संगठन के मुखिया ने उससे मिलने का फैसला किया । मुखिया उस आदमी के घर गया और पाया कि आदमी घर पर अकेला ही था। एक बोरसी में जलती हुई लकड़ियों की लौ के सामने बैठा आराम से आग ताप रहा था। उस आदमी ने आगंतुक मुखिया का बड़ी खामोशी से स्वागत किया।

दोनों चुपचाप बैठे रहे। केवल आग की लपटों को ऊपर तक उठते हुए ही देखते रहे। कुछ देर के बाद मुखिया ने बिना कुछ बोले, उन अंगारों में से एक लकड़ी जिसमें लौ उठ रही थी (जल रही थी) उसे उठाकर किनारे पर रख दिया। और फिर से शांत बैठ गया।
मेजबान हर चीज़ पर ध्यान दे रहा था। लंबे समय से अकेला होने के कारण मन ही मन आनंदित भी हो रहा था कि वह आज अपने संगठन के मुखिया के साथ है। लेकिन उसने देखा कि अलग की हुई लकड़ी की आग की लौ धीरे धीरे कम हो रही है। कुछ देर में आग बिल्कुल बुझ गई। उसमें कोई ताप नहीं बचा। उस लकड़ी से आग की चमक जल्द ही बाहर निकल गई।कुछ समय पूर्व जो उस लकड़ी में उज्ज्वल प्रकाश था और आग की तपन थी वह अब एक काले और मृत टुकड़े से ज्यादा कुछ शेष न था।

इस बीच.. दोनों मित्रों ने एक दूसरे का बहुत ही संक्षिप्त अभिवादन किया, कम से कम शब्द बोले। जाने से पहले मुखिया ने अलग की हुई बेकार लकड़ी को उठाया और फिर से आग के बीच में रख दिया। वह लकड़ी फिर से सुलग कर लौ बनकर जलने लगी और चारों ओर रोशनी तथा ताप बिखेरने लगी।जब आदमी, मुखिया को छोड़ने के लिए दरवाजे तक पहुंचा तो उसने मुखिया से कहा मेरे घर आकर मुलाकात करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

आज आपने बिना कुछ बात किए ही एक सुंदर पाठ पढ़ाया है कि अकेले व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं होता, संगठन का साथ मिलने पर ही वह चमकता है और रोशनी बिखेरता है ; संगठन से अलग होते ही वह लकड़ी की भाँति बुझ जाता है। मित्रों संगठन से ही हमारी पहचान बनती है, इसलिए संगठन हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए ।

संगठन के प्रति हमारी निष्ठा और समर्पण किसी व्यक्ति के लिए नहीं, उससे जुड़े विचार के प्रति होनी चाहिए। 

आप सभी को किसी न किसी हिंदू संगठन से जुड़ा रहकर सक्रिय रहना चाहिए 

जय हिंद 
वंदे मातरम्

शुक्रवार, 4 नवंबर 2022

अधिकांश हिंदुओं के चिंतन में सबसे पहले "मैं" फिर "मेरा परिवार" आता है ।

सुबह सुबह अपने ही कालोनी के बुजुर्ग अब्दुल चच्चा तांगा वाले अपने घोड़े को जीन पहना रहे थे । 
मैने पूछा कैसे हो चचा ? 
वो बड़े खुश मिजाजी से बोले "अल्लाह का करम है, सब इत्मीनान से हैं"। मैने कहा कि "चच्चा,, अब तो आपकी उम्र हो गई,कब तक तांगा चलाओगे ?" वो तपाक से बोले, "बेटा घोड़ा और आदमी तब तक जवान रहते हैं जब तक बैठ कर न रह जाएं।" 

उनसे दुआ सलाम के बाद मैं आगे बढ़ा तो सलीम अपनी मेकेनिक की गुमठी खोल कर सामान जमा रहा था। मैने वही सवाल उससे पूछा "और सलीम भाई कैसे हो ?"
 वो बोला "भाईजान मजे में हैं ऊपर वाले का करम है, दुकानदारी की तैयारी कर रहा हूं, दरोगा जी की ये मोटर साइकिल आज सही करके देना है"। 

मैं और आगे बढ़ा तो पंचर वाले कुर्रेशी ब्रदर्स अपनी दुकान पर चाय पीते मिल गए। एक भाई ट्रक के टायर में हथौड़ा बजा कर उसे रिम पर ढीला कर रहा था। मैने वही सवाल उनसे भी पूछ धरा,"और मियां कैसे हो ?" वो बोले कि "आ जाओ भैया चाय पी लो, सब लोगों की दुआ से बढ़िया हैं"। फिर चाय देते हुए बोले कि "सकीना की शादी भी अल्लाह के करम से चंदेरी पक्की हो गई है। दूल्हा भाई भी खाते कमाते घर के हैं। उनसे थोड़ी गपशप के बाद मैं आगे बढ़ा।"

इसके बाद मैं अपने दोस्त शर्मा जी की दुकान पर पहुंचा,उनसे भी वही सवाल दाग दिया "और पंडित जी कैसे हो,क्या हाल चाल है ?" ये सवाल जैसे पंडित जी के फोड़े पर चीरा लगा गया, सड़े मुंह से गहरी सांस लेकर बोले, "कुछ मत पूछो भाई,गिन गिन कर दिन काट रहे हैं । जीएसटी ने मार दिया, महंगाई कमर तोड़ रही है, बिट्टू को इंदौर MBA करने भेजा है, बेरोजगारी इतनी है कि समझ में नहीं आ रहा उसे कौन सी लाइन में भेजूं ?" 

मैने कहा "पंडित जी आपको GST से क्या मतलब,आप तो सारा व्यापार कच्चे बिल पर करते हो, दुकान भी पहले से बढ़िया जमा ली है । बिट्टू को दुकान ही सम्हलवा देते, एक ही तो लड़का है आपका ।" लेकिन पंडित जी मानो दुनिया के सबसे दुखी इंसान लगे वो बोले,"अरे नही यार, व्यापार में दम नहीं है बिट्टू तो नौकरी करने की कह रहा है।"

       पंडित जी के दुख से मैं भी मायूस होकर आगे बढ़ा, सब्जी मंडी में ठाकुर साहब मिल गए । उनसे राम राम के बाद बात हुई। वही सवाल मैने उन पर दाग दिया । "कैसे हो भाई साहब,क्या हाल चाल है ?" वो बोले "बुढ़ापा है यार, समय काट रहा हूं। तुम्हारी भाभी भी बीमार है । शिवेंद्र की शादी कर दी थी, प्राइवेट नौकरी में था, उसने नौकरी छोड़ दी, बोला काम ज्यादा था, अब पेंशन के भरोसे हैं " । मैने कहा "शिवेंद्र कोई और काम क्यों नहीं कर लेता ?" वो बोले "ग्रेजुएट है उसके लायक काम मिल नही रहा" । फिर इधर उधर की बातों के साथ मैं आगे बढ़ गया ।

घर लौटते में गर्ग साहब मिल गए, वो ऑफिस जा रहे थे । मैने गुड मॉर्निंग की और वही सवाल उनसे किया । "सर कैसे हैं ?" वो बोले "क्या बताऊं आज कल नौकरी बड़ी कठिन हो गई है, अफसर कुछ समझते नहीं हैं और नेता हर काम में हस्तक्षेप करते हैं । तीन साल बचे हैं जैसे तैसे काट रहा हूं ।" इतना कहते हुए वो कार से आगे बढ़ गए ।

तभी आकाश आ गया। मुझसे नजर मिलते ही उसने सिगरेट इस तरह फेंक दी थी जैसे पी ही नही रहा था । मैने आवाज देकर बुला लिया। पूछा, "भाई कहां है आजकल,कैसा है तू?" वो बोला "यहीं हूं चाचा, बड़ी दिक्कत है,जॉब ढूंढ रहा हूं, आपकी नजर में कोई जॉब हो तो बताना" । इतने में उसने मेरी नजर बचा कर दो तीन बार पाउच की पीक भी सड़क पर पिच्च कर दी थी । 

अब मैं सोच रहा हूं कि क्या ये कौम की परवरिश और सीख का अंतर है या कोई और वजह कि घोड़े की जीन कस रहे, बुजुर्ग अब्दुल से लेकर मैकेनिक सलीम और पंचर वाले कुर्रेशी ब्रदर्स मजे में हैं। उन्हें अपनी मेहनत और ऊपर वाले पर भरोसा है । जो कुछ भी उन पर है वो उसी में खुश हैं । मैने कभी इस कौम के लोगों को जीएसटी,महंगाई, बेरोजगारी की बातें करते नहीं देखा । अलबत्ता कौम और धर्म के लिए लड़ते जरूर देखा है ।

जबकि दूसरी ओर हिंदुओं को हमेशा ही सरकारों को कोसते, रोते ही देखा है। सुबह घर में नाश्ते की लड़ाई से शुरू होने वाली ये लड़ाई दिन भर सोशल मीडिया पर सरकारों को भला बुरा कहते हुए रात को पसंद की तरकारी न बनने से होने वाली तकरार पर जाकर खत्म होती है । अधिकांश हिंदुओं के चिंतन में सबसे पहले "मैं" फिर "मेरा परिवार" आता है । 

कौम की बात पर तो सब जाति के अनुसार पहले ही अलग अलग बंटे हुए हैं । फिर जाति में भी पंथ के आधार पर अलग अलग फिरके आपस में बंटे हुए हैं जैसे जैन को ही लें, तो मैं श्वेतांबर, मैं दिगंबर । ब्राह्मणों को लें तो ये कान्यकुब्ज, मैं सरयूपारीण, मैं सारस्वत, मैं मैथिल, मैं गौड़। मजे की बात ये है कि कोई किसी को श्रेष्ठ मानने तैयार नहीं । 
देश या धर्म की बात करने वालों को ऐसे ही लोग अंधभक्त, भाजपाई या संघी (आरएसएस) घोषित कर देते हैं । यदि मेरा ये अनुभव गलत हो तो सुधिजन खुद ही परीक्षण कर लें । 

हकीकत के इस लेख में बस नाम ही काल्पनिक हैं ।
(कॉपी+संशोधित)

शनिवार, 29 अक्तूबर 2022

नींव ही कमजोर पड़ रही है गृहस्थी की..!! आज हर दिन किसी न किसी का घर खराब हो रहा है

*सभी से अनुरोध है कि एक बार पढ़ियेगा अवश्य । काफी समय के बाद किसी ने बेहद सुंदर आर्टिकल भेजा है ।*
*नींव ही कमजोर पड़ रही है गृहस्थी की..!!* 
आज हर दिन किसी न किसी का घर खराब हो रहा है ।
*इसके मूल कारण और जड़ पर कोई नहीं जा रहा है, जो कि अति संभव है एवं निम्न हैं:--
*1, पीहरवालों की अनावश्यक  दखलंदाज़ी।*
*2, संस्कार विहीन शिक्षा*
*3, आपसी तालमेल का अभाव* 
*4, ज़ुबानदराज़ी*
*5, सहनशक्ति की कमी*
*6, आधुनिकता का आडम्बर*
*7, समाज का भय न होना*
*8, घमंड झूठे ज्ञान का*
*9, अपनों से अधिक गैरों की राय*
*10, परिवार से कटना।*
 *11.घण्टों मोबाइल पर चिपके रहना ,और घर गृहस्थी की तरफ ध्यान न देना।* 
*12. अहंकार के वशीभूत होना ।* 
पहले भी तो परिवार होता था,
*और वो भी बड़ा।*
*लेकिन वर्षों आपस में निभती थी!*
*भय था , प्रेम था और रिश्तों की मर्यादित जवाबदेही भी।*
*पहले माँ बाप ये कहते थे कि मेरी बेटी गृह कार्य में दक्ष है*, 
*और अब कहते हैं कि मेरी बेटी नाज़ों से पली है । आज तक हमने तिनका भी नहीं उठवाया।*
*तो फिर करेगी क्या शादी के बाद ?*
*शिक्षा के घमँड में बेटी को आदरभाव,अच्छी बातें,घर के कामकाज सिखाना और परिवार चलाने के सँस्कार नहीं देते।*
*माँएं खुद की रसोई से ज्यादा बेटी के घर में क्या बना इसपर ध्यान देती हैं।*
*भले ही खुद के घर में रसोई में सब्जी जल रही है ।*
*मोबाईल तो है ही रात दिन बात करने के लिए।*
परिवार के लिये किसी के पास समय नहीं।
*या तो TV या फिर पड़ोसन से एक दूसरे की बुराई या फिर दूसरे के घरों में तांक-झांक।*
जितने सदस्य उतने मोबाईल।
*बस लगे रहो।*
बुज़ुर्गों को तो बोझ समझते हैं।
*पूरा परिवार साथ बैठकर भोजन तक नहीं कर सकता।*
सब अपने कमरे में।
*वो भी मोबाईल पर।*
बड़े घरों का हाल तो और भी खराब है।
*कुत्ते बिल्ली के लिये समय है।*
*परिवार के लिये नहीं*।
*सबसे ज्यादा बदलाव तो इन दिनों महिलाओं में आया है।*
*दिन भर मनोरँजन,* 
*मोबाईल,*
*स्कूटी..कार पर घूमना फिरना ,*
*समय बचे तो बाज़ार जाकर शॉपिंग करना*
*और ब्यूटी पार्लर।*
जहां घंटों लाईन भले ही लगानी पड़े ।
भोजन बनाने या परिवार के लिये समय नहीं।
*होटल रोज़ नये-नये खुल रहे हैं।*
जिसमें स्वाद के नाम पर कचरा बिक रहा है।
*और साथ ही बिक रही है बीमारी एवं फैल रही है घर में अशांति।*
आधुनिकता तो होटलबाज़ी में है।
*बुज़ुर्ग तो हैं ही घर में बतौर चौकीदार।*
पहले शादी ब्याह में महिलाएं गृहकार्य में हाथ बंटाने जाती थीं।
*और अब नृत्य सीखकर।*
क्यों कि *महिला संगीत* में अपनी नृत्य प्रतिभा जो दिखानी है।
*जिस महिला की घर के काम में तबियत खराब रहती है वो भी घंटों नाच सकती है।*
*👌🏻घूँघट और साड़ी हटना तो चलो ठीक है,*
*लेकिन बदन दिखाऊ कपड़े ?
स्कूल कॉलेज में लड़किया ऐसे जाती
है जेसे की फैशन शो में प्रदर्शन करने जाना है
*बड़े छोटे की शर्म या डर रहा क्या ?*
वरमाला में पूरी फूहड़ता।
*कोई लड़के को उठा रहा है।*
*कोई लड़की को उठा रहा है* 
डीजे पर फूहड़ता भरे गीत।
*छोरी जैल करावगी र, छोरी जैल करावगी*
अरर्र भाई तेरे दो दो साली 
एक भूरी एक काली
म्हारो भी करदे जुगाड़ तू।

डीजे जब बजता है तो कुछ और नहीं सुनता,
विवाह शादियों में लोगो के बीच, एक दूसरे रिस्तेदारो से होने वाले वार्तालाप खत्म हो चुका है
*माटी मसल ली लोगो ने और हम ये तमाशा देख रहे हैं, खुश होकर, मौन रहकर।*
*माँ बाप बच्ची को शिक्षा तो बहुत दे रहे हैं ,
*लेकिन उस शिक्षा के पीछे की सोच ?*
ये सोच नहीं है कि परिवार को शिक्षित करें।
*बल्कि दिमाग में ये है कि कहीं तलाक-वलाक हो जाये तो अपने पाँव पर खड़ी हो जाये*
*ख़ुद कमा खा ले।*
*जब ऐसी अनिष्ट सोच और आशंका पहले ही दिमाग में हो तो रिज़ल्ट तो वही सामने आना ही है।*
 साइँस ये कहता है कि गर्भवती महिला अगर कमरे में सुन्दर शिशु की तस्वीर टांग ले तो शिशु भी सुन्दर और हृष्ट-पुष्ट होगा।
*मतलब हमारी सोच का रिश्ता भविष्य से है।*
बस यही सोच कि - अकेले भी जिंदगी जी लेगी गलत है ।
*संतान सभी को प्रिय है।*
लेकिन ऐसे लाड़ प्यार में हम उसका जीवन खराब कर रहे हैं।
*पहले पुराने समय में , स्त्री तो  छोड़ो पुरुष भी थाने, कोर्ट कचहरी जाने से घबराते थे।*
*और शर्म भी करते थे।*
*लेकिन अब तो फैशन हो गया है।*
पढ़े-लिखे युवक-युवतियाँ *तलाकनामा* तो जेब में लेकर घूमते हैं।
*पहले समाज के चार लोगों की राय मानी जाती थी।*
*और अब तो समाज की कौन कहे , माँ बाप तक को जूते की नोंक पर रखते हैं।*
*सबसे खतरनाक है - ज़ुबान और भाषा,जिस पर अब कोई नियंत्रण नहीं रखना चाहता।*
कभी-कभी न चाहते हुए भी चुप रहकर घर को बिगड़ने से बचाया जा सकता है।
*लेकिन चुप रहना कमज़ोरी समझा जाता है।* आखिर शिक्षित जो हैं।
*और हम किसी से कम नहीं वाली सोच जो विरासत में मिली है।*
*आखिर झुक गये तो माँ बाप की इज्जत चली जायेगी।*
*गोली से बड़ा घाव बोली का होता है।*
*आज समाज ,सरकार व सभी चैनल केवल महिलाओं के हित की बात करते हैं।*
 महिलाओ की वजह से ही आजकल वर्धाआश्रम बन रहे है।
*पुरुष जैसे अत्याचारी और नरभक्षी हों।*
*बेटा भी तो पुरुष ही है।*
*एक अच्छा पति भी तो पुरुष ही है।*
*जो खुद सुबह से शाम तक दौड़ता है, परिवार की खुशहाली के लिये।*
*खुद के पास भले ही पहनने के कपड़े न हों।*
*घरवाली के लिये हार के सपने ज़रूर देखता है।*
बच्चों को महँगी शिक्षा देता है।
*मैं मानता हूँ पहले नारी अबला थी।*
माँ बाप से एक चिठ्ठी को मोहताज़।
*और बड़े परिवार के काम का बोझ।*
अब ऐसा है क्या ?
*सारी आज़ादी।*
मनोरंजन हेतु TV,
*कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन,* 
*मसाला पीसने के लिए मिक्सी*, 
*रेडिमेड  पैक्ड आटा,
*पैसे हैं तो नौकर-चाकर,*
*घूमने को स्कूटी या कार* 
*फिर भी और आज़ादी चाहिये।*
आखिर ये मृगतृष्णा का अंत कब और कैसे होगा ?
*घर में कोई काम ही नहीं बचा।*
दो लोगों का परिवार।
*उस पर भी ताना।।*
कि रात दिन काम कर रही हूं।
*ब्यूटी पार्लर आधे घंटे जाना आधे घंटे आना और एक घंटे सजना नहीं अखरता।*
लेकिन दो रोटी बनाना अखर जाता है।
*कोई कुछ बोला तो क्यों बोला ?*
*बस यही सब वजह है घर बिगड़ने की।*
खुद की जगह घर को सजाने में ध्यान दें , तो ये सब न हो।
*समय होकर भी समय कम है परिवार के लिये।*
ऐसे में परिवार तो टूटेंगे ही।
*पहले की हवेलियां सैकड़ों बरसों से खड़ी हैं।*और पुराने रिश्ते भी।
*आज बिड़ला सीमेन्ट वाले मजबूत घर कुछ दिनों में ही धराशायी।* और रिश्ते भी महीनों में खत्म।
*इसका कारण है*
रिश्तों  मे *ग़लत सँस्कार*
*खैर हम तो जी लिये।*
सोचे आनेवाली पीढी।
*घर चाहिये या दिखावे की आज़ादी ?*
दिनभर बाहर घूमने के बाद रात तो घर में ही महफूज़ होती है।
आप मानो या ना मानो आप की मर्जी मगर यह कड़वा सत्य है।..🤝👏🙏                                
            *। परम सत्य ।*
🙏🙏🙏🚩🚩🚩🙏🙏🙏🚩🚩🚩

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