यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 18 मार्च 2023

पापमोचनी एकादशी आज

पापमोचनी एकादशी आज|


हिंदू धर्म में सभी तिथियों में एकादशी तिथि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक माह के कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन व्रत का विधान है। शास्त्रों में बताया गया है एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से और व्रत का पालन करने से साधकों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। यह व्रत इस वर्ष 18 मार्च 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा।

पापमोचनी एकादशी की तिथि
====================
एकादशी तिथि प्रारंभ : 17 मार्च 2023 को दोपहर 02 बजकर 06 मिनट पर
एकादशी तिथि समाप्त : 18 मार्च 2023 को सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर
व्रत पारण का समय : 19 मार्च 06:25 AM - 08:07 AM

शास्त्रों में बताया गया है कि मनुष्य जाने-अनजाने में कुछ ऐसे पाप कर बैठता है, जिसके कारण उसे इस जीवन में व अगले जीवन में दंड भोगना पड़ता है। ऐसे में इन पापों से बचने के लिए पापमोचनी एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व
========================
धर्म ग्रंथ एवं पुराणों में बताया गया है की एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। वहीं पापमोचनी एकादशी व्रत रखने से अनजाने में हुई गलतियों से साधक को छुटकारा मिल जाता है और उसे सहस्त्र गोदान यानी 1000 गोदान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। जिस तरह भगवान श्रीराम पर रावण का वध करने के बाद ब्रह्म हत्या का दोष लग गया था और उन्होंने इस दोष की मुक्ति के लिए कपाल मोचन तीर्थ में स्नान और तप किया था। ठीक उसी प्रकार पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं।

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम
=======================
शास्त्रों में बताया गया है कि जाने और अंजाने में किए गए पापों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए साधक को पापमोचनी एकादशी के दिन निर्जला उपवास रखना चाहिए। यदि व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो वह फलाहारी या जलीय व्रत रख सकते हैं। निर्जला उपवास रखने से पहले दशमी तिथि के दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए और एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की उपासना विधि-विधान से करनी चाहिए। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि पापमोचनी एकादशी के दिन रात्रि जागरण कर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को इस जन्म के साथ-साथ पिछले जन्म के पापों से भी मुक्ति प्राप्त हो जाती है।

पापमोचनी एकादशी 2023
अद्यतन यूटीसी समय: 2022-03-29 04:25:34
   

पापमोचनी एकादशी 2023
शनिवार, 18 मार्च 2023
एकादशी तिथि प्रारंभ : 17 मार्च 2023 को दोपहर 02 बजकर 06 मिनट पर
एकादशी तिथि समाप्त : 18 मार्च 2023 को सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर
व्रत पारण का समय : 19 मार्च 06:25 AM - 08:07 AM
 
पापमोचनी एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है। पापमोचनी एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। एक वर्ष में लगभग 24 से 26 एकादशी होती हैं और प्रत्येक एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है, इस प्रकार पापमोचनी एकादशी भी। पापमोचनी एकादशी को पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत कहा जाता है। इस व्रत का वर्णन 'भविष्योत्तर पुराण' और 'हरिवासर पुराण' में मिलता है। हिंदू धर्म में 'पाप' का अर्थ है ऐसे कार्य जो गलत हैं। 'मोचनी' का अर्थ मोक्ष प्राप्त करना है।

ऐसा माना जाता है कि पापमोचनी एकादशी सभी पापों को नष्ट कर देती है और जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ पमोचनी एकादशी का व्रत करता है उसे कभी भी राक्षसों या भूतों का भय नहीं सताता है। पापमोचनी व्रत को बहुत ही शुभ माना जाता है।

पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। सबसे पहले ऋषि लोमश ने राजा मान्धाता को पापमोचनी व्रत के बारे में बताया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को पापमोचनी एकादशी के महत्व के बारे में बताया। जिनका व्रत प्रचलित हो गया है।

पापमोचनी एकादशी पूजा (पूजा)
पापमोचनी एकादशी के दिन पूरे समर्पण के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। व्रत करने वाले व्यक्ति को सूर्योदय के समय उठकर स्नान करना चाहिए। भगवान विष्णु की एक छोटी मूर्ति को पूजा स्थल पर रखा जाता है और भक्त भगवान को चंदन का लेप, तिल, फल, दीपक और धूप चढ़ाते हैं। इस दिन 'विष्णु सहस्रनाम' और 'नारायण स्तोत्र' का पाठ करना शुभ माना जाता है।

द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर विदा करें और फिर भोजन करें।

पापमोचनी एकादशी व्रत का पूजा फल और महत्व
पापमोचनी एकादशी व्रत के महत्व का वर्णन 'भविष्योत्तर पुराण' और 'हरिवासर पुराण' में किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि पापमोचनी व्रत व्यक्ति को सभी पापों के प्रभाव से मुक्त कर देता है। पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से हिन्दू तीर्थ स्थानों पर विद्या ग्रहण करने से गाय दान करने से भी अधिक पुण्य मिलता है। जो लोग इस शुभ व्रत का पालन करते हैं वे सभी सांसारिक सुखों का आनंद लेते हैं और अंततः भगवान विष्णु के स्वर्गिक साम्राज्य 'वैकुंठ' में स्थान पाते हैं।

पापमोचनी एकादशी व्रत की कथा
======================
प्राचीन काल में चित्ररथ नामक एक सुन्दर वन था। इस वन में देवराज इंद्र गंधर्व कन्याओं और देवताओं सहित इस वन में स्वतन्त्र रूप से निवास करते थे। वहां मेधावी नाम के एक मुनि भी तपस्या कर रहे थे। ऋषि शिव ने पूजा की और अप्सराएँ शिव द्रोहिणी अनंग की दासी थीं।

एक बार कामदेव ने ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए मंजुघोषा नाम की एक अप्सरा को उनके पास भेजा। हाव-भाव, नृत्य, गीत और व्यंग्य पर अप्सरा के काम से युवा ऋषि मोहित हो गए। रति-क्रीड़ा करते-करते 57 वर्ष बीत गए। एक दिन मंजूघोषा ने देवलोक जाने की अनुमति मांगी।

मंजूघोषा की अनुमति माँगने पर मुनि की चेतना जागृत हुई और उन्होंने अनुभव किया कि अप्सरा मंजूघोषा ही मुझे रसातल में ले जाने का कारण हैं। उन्होंने मंजूघोषा को पिशाचिनी होने का श्राप दे दिया। श्राप सुनकर मंजूघोषा कांप उठी और मोक्ष का उपाय पूछा। तब ऋषि ने पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने को कहा। मोक्ष का उपाय बताकर वह पिता च्यवन के आश्रम में चला गया। श्राप सुनकर च्यवन ऋषि ने पुत्र की कड़ी निंदा की और उसे पापमोचनी चैत्र कृष्ण एकादशी का व्रत करने का आदेश दिया। ऋषि मेधावी ने भी पापमोचनी व्रत का पालन किया और अपने पापों से मुक्त हुए। पापमोचनी व्रत के प्रभाव से मंजूघोषा अप्सरा शरीर से मुक्त होकर देवलोक चली गई।



मेरी मोटरसाइकिल एक साल पहले किसी ने चुरा ली थी जो कुछ महीने पहले पुलिस वालों को मिल गई है और पुलिस वाले 4 महीनों से ठीक से कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. मुझे मेरी गाड़ी घर लाने के लिए क्या करना पड़ेगा?

 

आपको जवाब सटीक ही दूँगा।

आपकी मोटरसाइकिल चोरी हुई, आपने उसकी चोरी की रिपोर्ट यानी एफ.आई.आर करवाई। अब पुलिस ने आपकी बाइक ढूंढ निकाली और वो पिछले चार महीनों से आपको चक्कर कटवा रहे हैं। अब आप चाहते हैं कि आपकी मोटरसाइकिल आपको दे दी जाए और आप अपनी बाइक पुलिस थाने से अपने घर ले आएं।

तो जनाब आइये आपको बताता हूँ कि चोरी के बाद यदि पुलिस चोरी का माल चाहे वो मोटरसाइकिल हो या कोई और संपत्ति उसको बरामद या ढूंढ लेती है तो आप अपनी संपत्ति को कैसे वापिस पा सकते हैं।

अब क्योंकि चोरी की रिपोर्ट कराने के बाद जो भी माल पुलिस बरामद करती है, वो माल ही चोरी का एक पक्का सबूत भी होता है, जो लोग नही जानते उन सम्मानित पाठकों को बता दूँ कि जब भी चोर पकड़ा जाता है तो उसके ऊपर पुलिस आरोपपत्र न्यायालय में पेश करती है।

अब जब मामला न्यायालय में आ जाता है तो चोर को सज़ा दिलवाने के लिए चोर द्वारा चोरी किया माल भी न्यायालय में पेश करना पड़ता है।

अब क्योंकि चोरी का माल कोर्ट में पेश करके ही चोर को सज़ा दिलवाई जा सकती है, इस कारण से पुलिस चोरी हुए माल को ढूंढ लेने के बाद भी सीधे उस माल के मालिक को माल नहीं दे सकती।

तो जनाब ये माल जो चोरी हुआ, तब तक आपका था, जब तक चोरी नहीं हुआ था। अब क्योंकि चोरी हो गया और पुलिस ने उसे बरामद कर लिया तो ये माल हो गया केस प्रॉपर्टी यानी आसान भाषा में कहें तो मुकदमे का खास सबूत।

अब क्योंकि ये बाइक चोर की चोरी का प्रमाण है, तो यदि आपको वापिस कर दिया पुलिस ने, और कल जब कोर्ट ने पूछा के इस चोर ने कौनसी बाइक चुराई थी, तो पुलिस कैसे दिखा पाएगी कि कौन सी बाइक चोरी की थी इस चोर ने। क्योंकि ये हो सकता है कि आप उस बाइक को बेच चुके हों। या बाइक की हालत खराब होने पर कबाड़ी को बेच दें।

अब क्योंकि आपकी बाइक केस प्रॉपर्टी हो गई है। इस कारण आपकी बाइक को कोर्ट ही आपको देगा। ये बात पुलिस को आपको बता देनी चाहिए थी परंतु नही बताई, ना बताने का कारण होता है पुलिस का आपकी बाइक को पर्सनल रूप से इस्तेमाल करने का लालच। क्योंकि ऐसे मामलों में बरामद वाहनों को जब तक वाहन मालिक कोर्ट से छुड़ा नही लेता तब तक पुलिसवाले कार हो या मोटरसाइकिल खूब चलाते घुमाते रहते हैं।

अब क्योंकि आप जान गए हैं तो आप सीधे अपने संबंधित न्यायालय जाएं, एक वकील करें, फिर संबंधित जुडिशल मजिस्ट्रेट को आपके वकील एक एप्लीकेशन देकर आपकी बाइक आपको सौंपने की प्रार्थना करेंगे। मजिस्ट्रेट साहब पुलिस स्टेशन से लिखित में जानकारी प्राप्त करेंगे कि आपकी बाइक वहाँ है या नहीं।

अब जैसे ही मैजिस्ट्रेट सहाब को पुलिस कहेगी कि आपकी बाइक है थाने में, तब आपसे कोर्ट सबूत मांगेगा बाइक के मालिक होने का। आप बाइक के पेपर्स अपना आधार कार्ड आदि कागज़ जमा करेंगे, अदालत संतुष्ट होने पर आपकी बाइक को आपके हवाले करने के आदेश इस शर्त के साथ देगी कि आप दौरान ऐ मुकदमा, यानी जब तक केस चलता है बाइक को बेचेंगे या नष्ट नही करेंगे, और जब भी केस में जरूरत होगी बाइक को पेश करेंगे।

अब आप कोर्ट के आदेश को लेकर पुलिस स्टेशन जाएंगे, और आदेश को पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को देंगे। वो कोर्ट के आदेश अनुसार आपको आपकी बाइक सौंप देगा।

अब आप बाइक लेकर घर आ सकते हैं कोई आपको रोकेगा नहीं। धन्यवाद।

सम्मानित पाठकों का दिल💓 से अभिनंदन💐🙏

रविवार, 12 मार्च 2023

दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का कन्फर्म ज्ञान आज से 500-600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में हजारों साल पहले से है!

 इस मूर्ति को गौर से देखो, यह विष्णु भगवान के वराह अवतार की है जिसमे वह पृथ्वी को समुद्र में से निकालते हुए दिखाए गए है!

अब सबसे बड़ा आश्चर्य ये होता है की इसमें पृथ्वी का आकार गोल दिखाया गया!

और दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का कन्फर्म ज्ञान आज से 500-600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में हजारों साल पहले से है!

सनातन का गौरवपूर्ण इतिहास अपनी चीख-चीख कर अपनी श्रेष्ट होने की गवाही दे रहा है!

इसीलिए तो हमारे विषय का नाम भी भू+गोल रखा, भू+चपटे भी रख सकते थे, क्योंकि हमे ज्ञान था की पृथ्वी किस आकार की है!

हमारा इतिहास तो पत्थरो पर लिखा हुआ है !

सुंदरता देखनी हो तो यूरोप जाओ और अगर सुंदरता के साथ-साथ आश्चर्यके साथ सत्य देखना एवं जानना हो तो हमारे मंदिर आओ !

🙏🙏

1

जीने के लिए बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है। यह सिर्फ हकीकत दिखाने वाली तस्वीर है।

जीने के लिए बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है। यह सिर्फ हकीकत दिखाने वाली तस्वीर है। लड़का हो या लड़की दुनिया में बने रहने के लिए आपको बहुत कुछ त्यागना होगा।

बहुत से लोग इस डर से आगे नहीं बढ़ना चाहते कि लोग क्या कहेंगे, कई ऐसे भी हैं जिन्हें इस डर से चलना नहीं आता कि समाज क्या कहेगा, आप नहीं खाओगे तो समाज नहीं देखेगा,

यदि आप असफल होते हैं, तो समाज इसे नहीं देखेगा, लेकिन यदि आप सफल होते हैं, तो समाज आपको प्रसन्न करेगा।यह हमारे समाज की मूल संरचना है।

हां, बहुत से लोग सोचेंगे कि यदि आवश्यक हुआ तो वे मर जाएंगे, लेकिन मैं ऐसा नहीं हो सकता, मैं आपको ऐसा नहीं कह रहा हूं, यदि आप जीना चाहते हैं, तो आपको ऐसा होना होगा, अन्यथा आपको खाने के बिना बैठने के लिए, आपको जीवित रहने के लिए लड़ना होगा।

हो सकता है कि ये लड़की सूरज से मिल जाए, अगर इस गुफा से निकल जाए तो जिंदा रह सकती है, कम से कम खाए बिना तो नहीं मरेगी, गुफा से बाहर निकले तो सब कुछ कर सकती है, लेकिन यहां कोई और मर जाएगा पक्का।

फोटो: एकत्रित की गई

इस फिल्म ने सिर्फ एक वास्तविक तस्वीर पेश की है, किसी के धार्मिक विचार या किसी लड़की के विशिष्ट सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाई गई है, हालांकि अगर आपको दर्द महसूस होता है, तो आप डाउनवोट कर सकते हैं।

मैं इतना ही कहूंगा, किसी की चिंता मत करो, जीना है तो सबसे लड़ना होगा। मैं मरने से पहले एक बार जीना चाहता हूं।

धन्यवाद और स्वस्थ रहें 🥰😊🤔

क्या आप मच्छरदानी लगाकर सोते हैं?

 

हमारे घर में बहुत सारे मच्छर हैं।

लेकिन ये साधारण मच्छर नहीं हैं। स्मार्ट, प्रशिक्षित मच्छर। विश्वास नहीं हो रहा? यह देखो

यह मेरा हाथ है मैं मच्छरदानी के अंदर सो रहा हूं। सोते समय किसी तरह मेरा हाथ मच्छरदानी पर लग गया। और मच्छरदानी के बाहर घंटों इंतजार करने के बाद मच्छर इकट्ठे होकर खाने लगे हैं।

तुम समझते हो, अगर तुम मच्छरदानी में घुस गए, तो तुम इन दिनों नहीं बचोगे। घर भी मच्छरों से मुक्त होना चाहिए।

ऐसे में कहीं मच्छर तो ​​नहीं लटका देते? 😐😐

नोट: मैंने तस्वीर नहीं ली। तस्वीर लेने वाले के मुताबिक और भी कई मच्छर थे जो तस्वीर लेते वक्त उड़ गए।

धन्यवाद

😊🥰😊

ध्यान से स्वस्थ रहें

गुरुवार, 9 मार्च 2023

शब्दों की ताकत


शब्दों की ताकत

एक नौजवान चीता पहली बार शिकार करने निकला। अभी वो कुछ ही आगे बढ़ा था कि एक लकड़बग्घा उसे रोकते हुए बोला, “अरे छोटू, कहाँ जा रहे हो तुम ?” “मैं तो आज पहली बार खुद से शिकार करने निकला हूँ !” चीता रोमांचित होते हुए बोला। “हा-हा-हा-, लकड़बग्घा हंसा” अभी तो तुम्हारे खेलने-कूदने के दिन हैं, तुम इतने छोटे हो, तुम्हें शिकार करने का कोई अनुभव भी नहीं है, तुम क्या शिकार करोगे !! लकड़बग्घे की बात सुनकर चीता उदास हो गया।

दिन भर शिकार के लिए वो बेमन इधर-उधर घूमता रहा, कुछ एक प्रयास भी किये पर सफलता नहीं मिली और उसे भूखे पेट ही घर लौटना पड़ा

अगली सुबह वो एक बार फिर शिकार के लिए निकला। कुछ दूर जाने पर उसे एक बूढ़े बन्दर ने देखा और पुछा, “कहाँ जा रहे हो बेटा ?” “बंदर मामा, मैं शिकार पर जा रहा हूँ।” चीता बोला। “बहुत अच्छे” बन्दर बोला, तुम्हारी ताकत और गति के कारण तुम एक बेहद कुशल शिकारी बन सकते हो।

जाओ तुम्हें जल्द ही सफलता मिलेगी। यह सुन चीता उत्साह से भर गया और कुछ ही समय में उसने एक छोटे हिरन का शिकार कर लिया

मित्रों, हमारी ज़िन्दगी में “शब्द” बहुत मायने रखते हैं। दोनों ही दिन चीता तो वही था, उसमें वही फूर्ति और वही ताकत थी पर जिस दिन उसे डिस्करेज किया गया वो असफल हो गया और जिस दिन एनकरेज किया गया वो सफल हो गया।

शिक्षा:-
इस छोटी सी कहानी से हम तीन ज़रूरी बातें सीख सकते हैं :-

पहली, हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने “शब्दों” से किसी को Encourage करें, Discourage नहीं। Of Course, इसका ये मतलब नहीं कि हम उसे उसकी कमियों से अवगत न करायें, या बस झूठ में ही एन्करजे करें।

दूसरी, हम ऐसे लोगों से बचें जो हमेशा निगेटिव सोचते और बोलते हों, और उनका साथ करें जिनका Outlook Positive हो।


तीसरी और सबसे अहम बात, हम खुद से क्या बात करते हैं, Self-Talk में हम कौन से शब्दों का प्रयोग करते हैं इसका सबसे ज्यादा ध्यान रखें, क्योंकि ये “शब्द” बहुत ताकतवर होते हैं, क्योंकि ये “शब्द” ही हमारे विचार बन जाते हैं, और ये विचार ही हमारी ज़िन्दगी की हकीकत बन कर सामने आते हैं, इसलिए दोस्तों, Words की Power को पहचानिये, जहाँ तक हो सके पॉजिटिव वर्ड्स का प्रयोग करिये, इस बात को समझिए कि ये आपकी ज़िन्दगी बदल सकते हैं।

जय श्रीराम

इन बातों का रखेंगे ध्यान तो जूते भी चमका सकते हैं आपका भाग्य

इन बातों का रखेंगे ध्यान तो जूते भी चमका सकते हैं आपका भाग्य
***********************************
व्यक्ति के पहनावें में उसके कपड़ों के साथ जूते भी बहुत मुख्य होते हैं । कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की हैसियत का अंदाजा लगाना हो तो सबसे पहले उसके जूते देखने चाहिए। चाहे आप किसी से मिलने जाएं, किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जाएं या फिर नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाएं, जूते व्यक्ति की सभी कार्यों और संघर्ष में सदैव उसके साथ होते हैं। जूते सामने वाले व्यक्ति की नजर में आपकी छवि बनाते हैं, इसलिए जूतों का अच्छा और साफ-सुथरा होना बहुत भी बहुत आवश्यक होता है लेकिन क्या आपको पता है कि ज्योतिष और वास्तु के अनुसार जूतों का संबंध आपके भाग्य से भी होता है। यदि कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए तो जूते आपका भाग्य बिगाड़ भी सकते हैं और यदि जूतों से संबंधित कुछ बातों को ध्यान में रखा जाए तो जूते आपका भाग्य चमका भी सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, कुंडली में आठवें भाव का संबंध पैरों से होता है और जूते पैर में पहने जाते हैं। इसका अर्थ ये हुआ कि जूते आपकी कुंडली में आंठवे भाव को प्रभावित करते हैं इसलिए जूते पहनते समय बहुत ध्यान रखना चाहिए। यदि किसी शुभ कार्य से जा रहे हैं या फिर कहीं इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो कभी भी गंदे या फिर फटे जूते पहनकर नहीं जाना चाहिए। इससे आपकी छवि तो खराब होती ही है साथ ही सफल होने की संभावना भी कम हो जाती है।

व्यक्ति को कभी भी चोरी के जूते या फिर दूसरों के लिए हुए जूते नहीं पहने चाहिए। खासतौर पर कहीं पर भी ऐसे जूते पहनकर नहीं जाना चाहिए। माना जाता है कि इससे आपके धन और सेहत दोनों की हानि होती है।

किसी भी व्यक्ति को कभी भी उपहार में जूते नहीं देने चाहिए और न ही किसी से उपहार में जूते लेने चाहिए। इससे आपका शनि खराब हो सकता है। इससे कार्य क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जिन लोगों की कुंडली में शनि और राहु प्रभावी होते हैं, उनके लिए जूतों का व्यापार करना बहुत फायदेमंद रहता है। यह व्यक्ति की किस्मत चमका सकता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि प्रभावी हो उन्हें काले, नीले और भूरे रंग के जूते पहनने चाहिए।



मंगलवार, 7 मार्च 2023

राव हेमा जी गहलोत ( मंडोर रा प्रधान व जागीरदार ) सैनिक क्षत्रिय योद्धा ( जोधपुर में राव जी की गेर के जनक )

राव हेमा जी गहलोत ( मंडोर रा प्रधान व जागीरदार ) सैनिक क्षत्रिय योद्धा ( जोधपुर में राव जी की गेर के जनक ) 
राव हेमा गहलोत का जन्म कुचेरा में राव पदम जी गहलोत के यहां हुआ। राव पदम जी के पूर्वजों में  राव ईसरदास जो राव काजल जी, जिन्होंने चित्तौड़ छोड़ कुचेरा बसाया, के वंशज थे। काजल जी सिसोदिया वंश के राजपूत जो बप्पा रावल (ई. 712) के वंशज थे। अतः राव ईसरदास बप्पा रावल वंश के सिसोदिया राजपूत हुए। हेमा गहलोत के माता का नाम गंवरी पुत्री प्रेमसी सोलंकी व पत्नी का नाम पार्वती पुत्री रामौजी देवड़ा था।

एक दिन माता गंवरी अपने खेत में कृषि कार्य कर रही थी उसी समय कुचेरा के ठाकुर राणा जयसिंह अपने आदमियों के साथ शिकार खेलने हेतु निकले हुए थे। राणाजी के आदमियों द्वारा गोपण (विशेष प्रकार का चमड़े से बना लम्बा रस्सीनुमा जिसमें रबड़ में कंकर को फंसाकर फेंका जाता है) से खरगोश पर गोली चलायी परन्तु घायल खरगोश दौड़ता हुआ राव हेमा गहलोत के माता गंवरी जो अपने खेत में कृषि कार्य कर रही थी, उनकी गोद में चला गया। गंवरी ने उसे अपनी गोद में छुपा लिया। राणा जयसिंह और उनके आदमियों ने खरगोश की मांग की परन्तु गंवरी ने देने से मना कर दिया, कहा मेरी गोद में आए घायल जीव की मैं हत्या नहीं होने दूंगी, न ही मैं आपको दूंगी, यह मेरी शरण में आया हुआ है, इसलिए इसे बचाना मेरा धर्म है। आप कोई दूसरा शिकार कर लें, परन्तु राणा जयसिंह और उनके आदमियों ने अपनी बेज्जती समझते हुए उन्होंने जबरदस्ती छीनने की कोशिश की परन्तु क्षत्राणी गंवारी ने विरोध किया। दोनों में आपसी झड़प  के कारण लड़ाई बढ़ने लगी। ठाकुर के आदमियों द्वारा माता के साथ झगड़े को देख राव हेमा गहलोत का खून खोल उठा व आपस में तलवारें खींच गई लड़ाई इतनी बढ़ गई थी, कोई पीछे हटने को तैयार नहीं था। इस लड़ाई में कई लोग घायल हुए। राणा जयसिंह जी भी सिसोदिया वंश के राणा थे, राव हेमा गहलोत भी इसी वंश के थे। राव हेमा गहलोत के पूर्वजों ने करीब 200 वर्ष पूर्व अपना कर्म छोड़ा था क्षत्रिय धर्म नहीं। शरण में आये घायल खरगोश की रक्षा की व साहसी राव हेमा गहलोत अपनी आन-बान-शान की रक्षा व माता के साथ हुए अभद्र व्यवहार के कारण साहस और वीरता के साथ ठाकुर जयसिंह के साथ लड़ाई लड़ी। उनकी साहस और वीरता की चर्चा चारों तरफ फैल गयी कि एक साहसी वीर ने अपनी माता के अभद्रता का बदला लिया। जब इस वीरता का पता बालेसर के ईंदा परिहार राजपूत राजाओं को चला तो उन्होंने अपने पास बुलाकर राव हेमा गहलोत को मण्डोर का प्रधान बना दिया। प्रधान बनाने के मुख्य कारण उनकी वीरता पराक्रम व साहस तो था ही इसके अलावा ईंदा परिहारों द्वारा अपनी खोई हुई ताकत को बढ़ाना भी था, क्योंकि मण्डोर पर दिल्ली के बादशाह जलालुदीन फिरोज खिलजी ने वि.सं. 1349 में परिहार राजा रोपड़ा को पराजित कर मण्डोर अपने अधीन कर लिया था।

प्रधान नियुक्ति के बाद अपने काका राव खेखो, राव जाजो, राव नरसिंह, राव मोहण, राव तीथों, पुत्र राव थीरपाल व अन्य परिवार के सदस्यों को दलबल सहित अपनी कुलदेवी बाण माता व इष्ट देव काला गोरा भैरूजी की मूर्ति को छाबड़ी में डाल बैल गाड़ी में रख कुचेरा से रवाना हुए। मण्डोर में वि. सं. 1446 चैत्र कृष्ण एकम (12 मार्च 1389, सोमवार) को मूर्ति थापित कर चांदणी की नवमी की पूजा की।

सोमवार, 6 मार्च 2023

काली हल्‍दी के टोटके खाली नहीं जाते होली विशेष

काली हल्‍दी के टोटके खाली नहीं जाते

इस धरती पर प्रकृति ने जो कुछ भी उत्पन्न किया है, वह बेवजह नहीं है। बहुत सी वस्तुएं है, जिनके बारे में अज्ञान हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही दुर्लभ वस्तुओं में से एक काली हल्दी के बारे में बतायेंगे जिसे आप-अपने जीवन में उपयोग करके अनेक प्रकार की समस्याओं से निजात पाकर सुखद एंव समृद्धिदायक जीवन व्यतीत कर सकेंगे। खास बात यह है कि काली हल्‍दी से जुड़े टोटके जल्‍दी खाली नहीं जाते हैं।
हल्दी को मसाले के रूप में भारत में बहुत प्राचीन समय से उपयोग में लाया जा रहा है। पीली हल्दी को बहुत शुद्ध माना जाता है इसलिए इसका उपयोग पूजा में भी किया जाता है।। हल्दी की अनेक प्रजातियां हैं लेकिन पीली हल्दी के अलावा काली हल्दी से पूजा की जाती है तंत्र की दुनियां में काली हल्दी का प्रयोग विभिन्न तरह के टोटको में किया जाता है। काली हल्दी को धन व बुद्धि का कारक माना जाता है। काली हल्दी का सेवन तो नहीं किया जाता लेकिन इसे तंत्र के हिसाब से बहुत पूज्यनीय और उपयोगी माना जाती है। अनेक तरह के बुरे प्रभाव को कम करने का काम करती है। नीचे लिखे इसके कुछ उपायों को अपनाकर आप भी जिन्दगी से कई तरह के दुष्प्रभावों को मिटा सकते हैं।

काली हल्दी बड़े काम की है। वैसे तो काली हल्दी का मिल पाना थोड़ा मुश्किल है, किन्तु फिर भी यह पन्सारी की दुकानों में मिल जाती है। यह हल्दी काफी उपयोगी और लाभकारक है।

काली हल्दी से भी होता है वशीकरण
========================
- काली हल्दी के 7 से 9 दाने बनायें। उन्हे धागे में पिरोकर धुप, गूगल और लोबान से शोधन करने के बाद पहन लें। जो भी व्यक्ति इस तरह की माला पहनता है वह ग्रहों के दुष्प्रभावों से व टोने- टोटके व नजर के प्रभाव से सुरक्षित रहता है।

- गुरुपुष्य-योग में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर धुप देने के बाद लाल कपड़े में लपेटकर एक दो सिक्को के साथ उसे बक्से में रख दें। इसके प्रभाव से धन की वृद्धि होने लगती है।

- काली हल्दी का चुर्ण दूध में डालकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से त्वचा में निखार आ जाता है।

- यदि आप किसी भी नए कार्य के लिए जा रहे है तो काली हल्दी का टीका लगाकर जाएं। यह टीका वशीकरण का कार्य करता है। काली हल्दी को तंत्र के अनुसार वशीकरण के लिए जबरदस्त माना जाता है। यदि आप भी चाहते हैं कि आप किसी को वश में कर पाएं तो काली हल्दी का तिलक एक सरल तंत्रोक्त उपाय है।
1- यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो प्रथम गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चीने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार 3 गुरूवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।

2- यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गयी है, तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार उपर से उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें।


3- किसी की जन्मपत्रिका में गुरू और शनि पीडि़त है, तो वह जातक यह उपाय करें- शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे।

4- यदि किसी के पास धन आता तो बहुत किन्तु टिकता नहीं है, उन्हे यह उपाय अवश्य करना चाहिए। शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय करने से धन रूकने लगेगा।

5- यदि आपके व्यवसाय में निरन्तर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आ जाती है।

6- यदि आपका व्यवसाय मशीनों से सम्बन्धित है, और आये दिन कोई मॅहगी मशीन आपकी खराब हो जाती है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें। यह उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी।

7- दीपावली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का रखकर धन रखने के स्थान पर रख देने से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

8- यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या पागलपन से पीडि़त हो तो किसी अच्छे मूहूर्त में काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोबान की धूप दिखाकर शुद्ध करें। तत्पश्चात एक टुकड़ें में छेद कर धागे की मद्द से उसके गले में पहना दें और नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेंवन कराते रहें। अवश्य लाभ मिलेगा।

होली पर विशेष उपाय

🙏🏻 *फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। इस बार ये पर्व 6 और 7 मार्च अलग अलग स्थानो पर अलग अलग मनाएंगे         

      🌹 होली पर विशेष उपाय 🌹    

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,इस दिन किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। आज हम आपको होली पर किए जाने वाले ऐसे ही अचूक उपायों के बारे में बता रहे हैं,जो इस प्रकार हैं-*

🙏🏻 *1.होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं व उसकी पूजा करें। इसके बाद भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। इस प्रयोग से हर प्रकार की बाधा का निवारण होता है।*

🙏🏻 *2.यदि व्यापार या नौकरी में उन्नति न हो रही हो,तो 21 गोमती चक्र लेकर होलिका दहन की रात में शिवलिंग पर चढ़ा दें। इससे बिजनेस में फायदा होने लगेगा।*

🙏🏻 *3.होली पर किसी गरीब को भोजन अवश्य कराएं। इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी।*

🙏🏻 *4. यदि राहु के कारण परेशानी है तो एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भरें। उसी में थोड़ा सा गुड़ डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें। इससे राहु का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाएगा।*

🙏🏻 *5. धन हानि से बचने के लिए होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दोमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय धन हानि से बचाव की कामना करें। जब दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दें। यह क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि नहीं होगी।*

🙏🏻 *6. घर की सुख-समृद्धि के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। साथ ही होली की 11 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए।*

🙏🏻 *7. अगर किसी ने आप पर कोई टोटका किया है तो होली की रात जहां होलिका दहन हो, उस जगह एक गड्ढा खोदकर उसमें 11 अभिमंत्रित कौड़ियां दबा दें। अगले दिन कौड़ियों को निकालकर अपने घर की मिट्टी के साथ नीले कपड़े में बांधकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। जो भी तंत्र क्रिया आप पर किसी ने की होगी वह नष्ट हो जाएगी

www.sanwariyaa.blogspot.com

function disabled

Old Post from Sanwariya