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शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

उपवास का महत्व

उपवास का महत्व

तरक्की और स्वास्थ्य के अचूक उपाय हैं व्रत-उपवास
हिन्दू धर्म धार्मिक रस्मों में जीवन को संयमित और अनुशासित रखने की दृष्टि से व्रत-उपवास का महत्व है। किसी न किसी वार, उत्सव या पर्व पर व्रत- उपवास रखा जाता है। किंतु आज रोजमर्रा की तेज जिंदगी और रेलमपेल में युवा और कामकाजी पीढ़ी का धार्मिक व्रत-उपवास में रुझान कम देखा जाता है या फिर वह समयाभाव के कारण व्रत से जुड़ी धार्मिक परंपराओं को पूरा करने में कठिनाई महसूस करने से उपवास आदि नहीं रखते।
व्यावहारिक दृष्टि से व्रत-उपवास धार्मिक नजरिए से दूर अच्छे स्वास्थ्य के लिए करना भी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि व्रत-उपवास का विज्ञान है कि इनके पालन से आपकी जीवनशैली और दिनचर्या में बदलाव दिखाई देता है, जो आधुनिक युग के तनाव और दबाव से पैदा हुए अनेक रोगों से बचाव और राहत भी दे सकते हैं।
यहां जानते हैं व्रत-उपवास का धार्मिक परंपराओं से हटकर व्यावहारिक तौर पर कैसे पालन किया जा सकता है और उसका लाभ कितना मिलता है -
- सबेरे जल्दी उठें। नित्यकर्म और स्नान करें।
- व्रत-उपवास यथा संभव अन्न न खाएं। चाय न पीएं। यानि गेंहू, चावल, दाल के स्थान पर फल, दूध, सूखे मेवे या कोई हल्का भोजन जैसे साबूदाना, मूंगफली और कम मात्रा में आलू का सेवन करें।
- स्वभाव के स्तर पर अपने गुस्से, आवेश, कटु बोल से बचें। वासना, उत्तेजना पैदा करने वाली सोच से दूर रहें।
- सिनेमा, टीवी जैसे बैठक के मनोरंजन के साधनों से दूर रहें। क्योंकि लंबी बैठक से शरीर में चर्बी और वजन बढऩे से शरीर में आलस्य बढ़ता है। - शांत स्थान पर कुछ देर बैठकर ध्यान करें।
- आप जिस भी देवता में आस्था और श्रद्धा रखते हों, जहां भी समय मिले उनका नाम स्मरण करें।
इस तरह व्रत-उपवास का पालन भी आपके लिए इस तरह फायदेमंद साबित हो सकता है -
- व्रत- उपवास से शरीर में स्फूर्ति और चपलता के साथ-साथ आत्मबल की बढता है।
- स्वस्थ शरीर होने पर आपका आत्मविश्वास हमेशा ऊंचा रखता है।
- इसके प्रभाव से आपकी कार्यक्षमता बढ़ेगी। जाहिर है आपकी कार्य कुशलता और मेहनत आपको तरक्की और धन लाभ देगी।
- दबाव, चिंता और परेशानियों से पैदा हुए रोगों के इलाज में होने वाले गैर-जरुरी खर्च बचेगा।
- इस तरह के व्रत-उपवास के पालन से मन और इच्छाओं पर काबू भी रखने का अभ्यास होगा। धर्म शास्त्रों में भी मन के संयम को ही सुख का सूत्र बताया गया है।
- व्रत-उपवास तन, मन को स्वस्थ रखने का अचूक उपाय है, जो आपको सामाजिक और व्यावहारिक जीवन में भी दूसरों से मेल-मिलाप में सहज बना देगा। यही आपकी तरक्की और स्वास्थ्य की राह आसान बना देगा।

नवरात्र व्रत के लाभ

नवरात्र व्रत के लाभ

हिंदू धर्म में नवरात्र में आस्था और साधना का विशेष महत्व होता है। हिंदू संस्कृति में नवरात्र पूजा का पर्व एक वर्ष में दो बार आता है, एक चैत्र माह में और दूसरा आश्विन माह में। कई लोग नौं दिनों तक व्रत रखते हैं और कुछ लोग पहले और आठवें दिन। इस समय आदमी हर रोज धूप-बत्तियां जलाता है जिसके सुगंध से पूरा वातावरण शानदार हो जाता है। व्रत किसी भी बीमारी को दूर करने का बहुत ही अच्छा प्राकृतिक उपचार है। भारत में केवल नवरात्र में ही लोग व्रत नहीं रहते बल्कि कई त्यौहारों पर व्रत रखने की परंपरा है। व्रत रहने से आदमी को कई प्रकार के फायदे होते हैं।

नवरात्र व्रत के लाभ –

तनाव पर नियंत्रण -
नवरात्र के दौरान प्रत्येक इन्सान एक नए उत्साह और उमंग से भरा दिखाई देता है। व्रत रखने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर आते हैं जिसकी वजह से लसिका प्रणाली सही होती है और रक्त संचार बना रहता है जिससे मानसिक स्तर सुधरता है दिमाग से तनाव समाप्त होता है। इसके अलावा दिनचर्या के नियमित करने की वजह से आदमी के चेहरे पर रौनक आ जाती है।

रोगियों को फायदा –
नवरात्र में व्रत रखने से विभिन्ने रोगों – मधुमेह, कैंसर, अर्थराइटिस आदि से ग्रस्ति लोगों को बहुत फायदा होता है। नवरात्र के नौं दिनों तक लोगों की नियमित दिनचर्या हो जाती है जिसकी वजह से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। आदमी समय पर उठकर पूजा-अर्चना करने के बाद फलों का सेवन करता है जिससे कई रोग दूर होते हैं।

मोटापे पर नियंत्रण –
नवरात्र के दौरान व्रत रखने से कई प्रकार की खाने की बंदिशें हो जाती है जिसकी वजह से मोटे लोगों का वजन कम होता है। नवरात्र में व्रत के दौरान लोग तली हुई और ज्यादा कैलोरी वाले खाने से परहेज करते हैं और ज्यादातर फल का सेवन करते हैं जिसकी वजह से मोटापे पर नियंत्रण होता है। व्रत के समय हमारी डाइट में सामान्य खाने की जगह व्रत का खाना रहता है जिसमें तले हुए आलू साबूदाने का पापड़, व्रत के चिप्स, मिठाई और फल आदि प्रमुख हैं।

डीहाइड्रेशन नहीं होता –
व्रत के दौरान प्यास ज्यादा लगती है और खाने की बजाय लोग पानी और अन्य तरल पदार्थों का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं जिसकी वजह से डीहाइड्रेशन नहीं होता है। ज्यादा पानी पीने के प्रयोग से भी कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।


व्रत के अन्या फायदे –

व्रत रखने से निकोटीन, ड्रग, शराब और धूम्रपान छूट जाता है।
व्रत रखने से शरीर के अंदर से कोलेस्ट्राल की मात्रा कम होती है।
व्रत से गैस व कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
व्रत रखने से पाचन तंत्र ठीक होता है जिसकी वजह से खाना आसानी से पचता है।
व्रत अध्यात्म से जुडा होता है जिससे शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा का एहसास होता है।


नवरात्र में पूरे दिन भूखा रहने और रात में हैवी खाना खाने से बेहोशी आना, चक्कर आना, सिरदर्द होना, कमजोरी महसूस करना आदि समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इसलिए व्रत के दौरान हर दो-तीन घंटे में फल और सलाद, जूस आदि लेते रहें। व्रत में खीरा, खरबूज जैसे फलों को खाते रहने से डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होगी और वजन बढ़ने का खतरा भी नहीं रहेगा।

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