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शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

आज का पंचांग 20 July 2018

.           ।। 🕉 ।।
*🌹🙏जय श्री राम🙏🌹*
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5120
विक्रम संवत्...............2075
शक संवत्..................1940
मास..........................आषाढ़
पक्ष............................शुक्ल
तिथी........................अष्टमी
दोप 01.23 पर्यंत पश्चात नवमी
रवि......................दक्षिणायन
सूर्योदय...........05.53.41 पर
सूर्यास्त...........07.13.53 पर
सूर्य राशि.......................कर्क
चन्द्र राशि.....................तुला
नक्षत्र...........................चित्रा
प्रातः 08.05 पर्यंत पश्चात स्वामी
योग.............................सिद्ध
प्रातः 08.12 पर्यंत पश्चात साध्य
करण.............................बव
दोप 01.23 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु..............................वर्षा
दिन..........................शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
20 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक......................2
🔯 शुभ रंग...............आसमानी

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 10.53 से 12.32 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.35 से 09.14 तक लाभ
प्रात: 09.14 से 10.53 तक अमृत
दोप. 12.33 से 02.11 तक शुभ
सायं 05.29 से 07.08 तक चंचल
रात्रि 09.50 से 11.11 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ दिव्यदेहाय नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि* --
अल्पानामपि वस्तूनां संहति: कार्यसाधिका । तृणैर्गुणत्वमापन्नैर् बध्यन्ते मत्तदन्तिन: ।।
अर्थात :-
छोटी छोटी वस्तुएँ एकत्र करने से बडे काम भी हो सकते हैं। जैसे घास से बनायी हुर्इ डोरी से मत्त हाथी बांधा जा सकता है।

🍃 *आरोग्यं सलाह* :-
*जीभ के छाले का घरेलू उपचार :-*

*3. बेकिंग सोडा -*
जीभ के छाले के इलाज के लिए, बेकिंग सोडा भी बहुत प्रभावी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं जो दर्द और सूजन को शांत करने में मदद करते हैं। बेकिंग सोडा में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसकी क्षारीय प्रकृति आपके मुंह में पीएच संतुलन को बहाल करने में मदद करती है और आपकी जीभ पर छाले से छुटकारा दिलाती है। इसके लिए आप एक कप गर्म पानी में एक छोटा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाइए। फिर इस पानी से मुंह का कुल्ला कीजिए। आप इसे दिन में दो से तीन बार कीजिए।

*4. तुलसी -*
तुलसी वैज्ञानिक रूप से ऑसीमम वेसिलिकम के रूप में जाना जाता है और यह अपने औषधीय उपयोगों के लिए काफी लोकप्रिय है। तुलसी के एंटी-इंफ्लेमेटरी, जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुण इसे जीभ के छाले के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचार में से एक बनाते हैं। इसके लिए आप तुलसी के कुछ पत्ते लीजिए और उसे चबाइए। आप इसे दिन में दो बार कर सकते हैं।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
राजकीय अड़चन दूर होगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्यापार लाभदायी रहेगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। प्रसन्नता रहेगी। कार्यसिद्धि से आशाजनक परिणाम आएंगे।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
स्वास्‍थ्य का ध्यान रखें। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। जल्दबाजी न करें। क्रोध, उत्तेजना पर संयम रखें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
घर-परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी से बाधा होगी। शोक समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक रहेगी। व्यापार में इच्छित सफलता मिलेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
थकान रहेगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। मेहनत का फल मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी, निवेश व यात्रा लाभ देंगे।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
धनलाभ होगा। झंझटों में न पड़ें। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। वरिष्‍ठजनों का सहयोग मिलेगा। विवाद से बचें। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
नौकरी, निवेश व यात्रा मनोनुकूल रहेंगे। अस्वस्थता संभव है। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। रोजगार मिलेगा। भूमि, जायदाद के सौदों में लाभ होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
वाणी पर नियंत्रण रखें। व्ययवृद्धि होगी। शत्रु सक्रिय होंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। लाभ कम होगा। संतान की तरक्की होगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
धनलाभ होगा। बेचैनी रहेगी। थकान रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा, प्रयास करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कार्य की गति बढ़ेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
जोखिम जल्दबाजी से बचें। हानि हो सकती है। कार्यस्‍थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। आर्थिक स्थिति कष्टकारी होगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। जल्दबाजी से बचें। प्रमाद न करें। राजकीय बाधा दूर होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। विशेष कार्य बन जाने से हर्ष होगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवेक से कार्य करें, लाभ होगा।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
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शादी का एफिडेबिट

"शादी का एफिडेबिट"

आज निशा जी और अमरनाथ जी के छोटे बेटे अभिषेक के लिए लड़की देखने जाना था। सुबह से सब तैयारियों में लगे थे,अमरनाथ जी ने निशा जी को आवाज़ लगाई 'तैयार हो गए सब तो चलें'?

   निशा जी एक पारंपरिक घरेलू महिला है। ज्यादा पढाई तो नहीं कर पाईं, मगर हाँ उनकी बौद्धिक क्षमता से परिवार वाले भली भांति परिचित थे।

अमरनाथ जी उनके तो क्या कहने, ज्ञान का भंडार थे। उच्च शिक्षित और उच्च विचारधाराओं के धनी । इन विषमताओं के बावजूद दोनों ने एक आदर्श पति पत्नी की छवि बनाई थी। निशा जी भी सामाजिक मापदंडों पर खरी उतरने वाली एक आदर्श महिला थी।

    सब गाड़ी में बैठ कर चल दिए और निशा जी अपने अतीत में  खो गयी। अक्सर ये होता है कि यात्रा करते वक्त अतीत जरूर सामने आता है , निशा जी को भी याद आया जब वो ब्याह कर इस घर में आईं थी ,सास को बिलकुल नहीं भांती थी ।

उनकी सास थोड़ी सख्त मिज़ाज थी और बात बात पर ताने उलाहने देना उनकी आदत थी।बहू मतलब घर की नौकरानी जिसे मुँह खोलने की आज़ादी ना थी । घर में सारी पाबंदियां थी जो आमतौर पर बहुओं पर लगाई जाती थी या यूँ कहूँ कि हर वो अत्याचार जो जायज था उस समय बहुओं पर , हालांकि अमरनाथ जी यथासंभव प्रयास करते थे अपनी माँ को समझाने का , मगर सब व्यर्थ थे , वो किसी की सुनने वाली महिला नहीं थी । उल्टा अमरनाथ जी बीवी के पक्षधर कहलाए । निशा जी के लिए अमरनाथ जी का साथ ही संजीवनी था और वो बखूबी अपना हर पारिवारिक  दायित्व निभाती चली गई ।

    उनके दो बेटे हुए आशुतोष और अभिषेक । वो इसी उधेड़बुन में थीं और गाड़ी लड़की वालों के घर पहुँच गई। स्वागत सत्कार चाय नाश्ते का दौर चला,और बातें होनी शुरू हुई । बात लेन देन की आई निशा जी फिर अतीत में उलझ गई । उनके बड़े बेटे आशुतोष की शादी याद आ गई ।

अमरनाथ जी निशा जी के हर फैसले का सम्मान करते थे मगर कभी-कभी वो सारे फैसले स्वयं कर लेते थे और एक आदर्श पत्नी की तरह वो मौन स्वीकृति दे देती थीं । उसकी शादी में अमरनाथ जी ने लड़की वालों से साफ कह दिया हमें दहेज नहीं चाहिए, बस हमारे बारातियों का अच्छा स्वागत-सत्कार हो , भेंट स्वरूप मिले सारे पैसे और ऊपर से कुछ अपनी तरफ से मिलाकर बहु को गहने बनवाकर दे दिए ।

मगर कहते हैं अच्छों के साथ ही ज्यादातर बुरा होता है ,! बहु आते ही बेटे के साथ चली गई अलग रहने । फिर भी मन ना भरा तो दहेज का मुकदमा कर दिया ससुराल वालों पर कुछ साल तक आशुतोष कोर्ट कचहरी के चक्करों में परेशान रहा और फिर वही बीवी को लेकर अलग रहने लगा।

     सहसा अमरनाथ जी की आवाज़ ने उन्हें चौंका दिया और वो अतीत से वर्तमान में लौट आई। अमरनाथ जी फिर वही पुराना जुमला कह रहे थे हमें दहेज नहीं चाहिए वगैरह वगैरह। मगर इस बार निशा जी ने हस्तक्षेप किया और सहसा बोल पड़ी ' हमें कुछ नहीं चाहिए अपितु #शादी का #एफिडेबिट# चाहिए'। सब आश्चर्य से निशा जी को देखने लगे अमरनाथ जी कुछ कहते इससे पहले निशा जी बोली,,,,

     'आप उसमें साफ शब्दों में लिखवाए कि
1-हमने आपसे कोई दहेज नहीं लिया । हमें अपने बेटे पर पूरा भरोसा है वो यथासंभव अपना खर्च वहन कर सकता है।
2- आपकी बेटी को पुरी आज़ादी रहेगी जो आपने दी है, मगर बड़ों का अपमान करने की आज़ादी हम उसे नहीं देंगे।
3- उसे पारिवारिक दायित्व का निर्वहन पुरी इमानदारी से करना होगा
हम सब उसकी यथासंभव मदद करते रहेंगे।
4- उसे फैसले लेने अपना मत रखने और घर की हर बात जानने का पूरा हक होगा अजनबी सा व्यवहार नही किया जाएगा । उसका हर फैसला मान्य होगा मगर वो फैसले परिवार हित में हो, और उसमें सभी की सहमति अनिवार्य है।
5- मेरे बेटे का ये दायित्व है कि वो उसका पूरी तरीके से ख्याल रखे । जितना सम्मान अपने माँ-बाप को देता है उतना ही उसके माँ बाप को देगा और यही बात आपकी बेटी पर भी लागू होगी  ।

लास्ट बट नाट द लिस्ट
हम बेटी नहीं  बहू ही लेकर जाएँगे क्यों की हम सब जानते हैं कि बहु को प्यार देने में हमेशा कमियाँ हुई है । हम यथासंभव उन कमियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। हमें कोई जल्दी नहीं आप सोच समझ कर निर्णय ले । हमें दहेज में ये एफिडेबिट ही चाहिए।'

      और इतना कहकर निशा जी ने हाथ जोड़कर जाने की आज्ञा माँगी ।

दोनों बेटे आश्चर्य से अपनी माँ को देख रहे थे, और अमरनाथ जी अपने किताबी ज्ञान और निशा जी के जिंदगी के तजुर्बों के ज्ञान की तुलना कर रहे थे जिसमें निशा जी का पलड़ा ही भारी पड़ रहा था ।

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