#स्कूल_या_एयरलाइन: टिकट लीजिए, क्लास चुनिए!
पाली के कुछ प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेना अब किसी इंटरनेशनल फ्लाइट में सीट बुक कराने जैसा हो गया है। माता-पिता जब अपने बच्चों का एडमिशन करवाने पहुंचते हैं, तो सबसे पहले उनसे पूछा जाता है—
"सर, इकोनॉमी क्लास चाहिए या बिजनेस क्लास?"
✈️ "एसी क्लासरूम—सिर्फ विशेष यात्रियों के लिए!"
अब स्कूल में पढ़ाई भी एक लग्जरी सर्विस हो गई है। अगर आप प्रीमियम कैटेगरी में हैं, तो आपका बच्चा एसी क्लासरूम में बैठेगा, डिजिटल बोर्ड पर पढ़ेगा और टीचर भी एक्स्ट्रा स्माइल देंगे! और अगर आप 'नॉन-प्रीमियम' हैं, तो बच्चा पंखे के नीचे बैठेगा, बोर्ड पर चॉक घिसता देखेगा और टीचर भी शायद उतनी ही गर्मी में पढ़ाएंगे जितनी क्लास में होगी।
बात सिर्फ इतनी नहीं है! अब क्लासरूम के अंदर भी सुविधा के नाम पर भेदभाव साफ दिखने लगा है। स्मार्ट क्लास, प्रोजेक्टर, डिजिटल बोर्ड और एसी जैसी सुविधाएं केवल उन्हीं बच्चों के लिए हैं जिनके माता-पिता मोटी रकम चुका सकते हैं। बाकी बच्चों के लिए बस ब्लैकबोर्ड और पुरानी डेस्क-कुर्सियां ही नसीब हैं।
📚 "बुक्स, यूनिफॉर्म और स्कूल शूज़—एक्सक्लूसिव ऑफर!"
बाहर दुकान से किताबें खरीदने का झंझट क्यों लें जब स्कूल खुद आपको 'स्पेशल एडिशन' किताबें बेच रहा है—बस दाम थोड़े ज्यादा हैं, लेकिन लग्जरी का सवाल है!
यूनिफॉर्म का डिज़ाइन हर साल बदला जाता है ताकि पुराने कपड़े किसी काम न आएं।
और जूते? स्कूल में मिलने वाले "ब्रांडेड" शूज़ पहनिए, वरना आपका बच्चा 'लोअर क्लास' कैटेगरी में आ जाएगा!
किताबों और यूनिफॉर्म के नाम पर मनमाना मुनाफा कमाना अब स्कूलों के लिए आम बात हो गई है।
💳 "भविष्य की तैयारी: EMI पर शिक्षा!"
अब शिक्षा भी फाइनेंसिंग के दायरे में आ गई है। ऐसा लगता है कि आने वाले समय में स्कूल वाले एडमिशन फॉर्म के साथ बैंक का लोन फॉर्म भी दे देंगे।
शायद EMI प्लान भी आ जाए—
"आज ही एडमिशन लें, आसान किश्तों में फीस चुकाएं!"
और हो सकता है कि कुछ स्कूल "स्कॉलरशिप लॉटरी" भी शुरू कर दें—
"खुशखबरी! इस महीने की लकी ड्रॉ में जीतने वाले बच्चे को स्मार्ट क्लास फ्री!"
🚀 "शिक्षा की ऊंची उड़ान, बस किराया चुकाइए!"
अब स्कूल में दाखिला लेना वैसा ही हो गया है जैसे एयरलाइन में सीट चुनना—
"विंडो सीट" चाहिए तो थोड़ा एक्स्ट्रा चार्ज
ज्यादा लेग स्पेस चाहिए तो 'बिजनेस क्लास' का टिकट लीजिए
और अगर सबसे पीछे वाली सीट से काम चला सकते हैं तो 'इकोनॉमी' में एडमिशन पाइए
फर्क सिर्फ इतना है कि यहां गंतव्य ज्ञान नहीं, बल्कि स्टेटस है! क्लासरूम अब सामाजिक बराबरी का मंच नहीं, बल्कि आर्थिक हैसियत का प्रतीक बन गए हैं।
🎯 "शिक्षा अब सेवा नहीं, प्रीमियम पैकेज है!"
शिक्षा, जो कभी समाज का आधार मानी जाती थी, अब एक महंगी सर्विस बन चुकी है, जहां ज्ञान नहीं, बल्कि सुविधाओं का सौदा होता है। सवाल यह है कि क्या आने वाले समय में क्लासरूम में भी 'फ्लाइट अटेंडेंट' होंगे जो कहेंगे—
"प्रिय छात्रो, कृपया अपनी सीट बेल्ट बांध लें, हम आपको आज शिक्षा की ऊंचाइयों तक ले जाने वाले हैं—बशर्ते आपने सही टिकट खरीदी हो!"
---
👉 #EducationOrBusiness #PremiumEducation #SchoolFees #ClassDivide #EducationForAll #SchoolSystem #EducationReform #AirlineOrSchool
---
अगर शिक्षा सेवा है, तो भेदभाव क्यों? अगर शिक्षा अधिकार है, तो प्रीमियम क्यों? क्या आने वाले समय में स्कूल एडमिशन का फॉर्म भी "फ्लाइट टिकट" जैसा होगा? 🤔