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शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022

बहुत भयानक निकटतम भविष्य की आहट सुनाई दे रही है भारत में...??

बहुत भयानक निकटतम भविष्य की आहट सुनाई दे रही है भारत में...??
🤔🤔  
लगभग पूरे देश में प्रत्येक रेलवे लाइन के दोनों ओर बांग्लादेशी, रोहिंग्या और भारत के देशद्रोहियों ने झुग्गियां एवं झोंपड़ियां बना ली हैं।




एक ही झटके में और एक ही कॉल पर भारत का पूरा रेल नेटवर्क जाम कर देने की स्थिति में वे आ चुके हैं। सभी स्टेशनों, प्लेटफॉर्म्स, रेलवे लाइनों के आस पास बनी अवैध मजारें मिनटों में घातक हथियारों के गोदामों में बदल जाएंगी। अधिकतर मजारों में तो अपराधी किस्म के लोग दिन रात मंडराते रहते हैं और रेकी करते रहते हैं...??


🤔🤔
            हमारे शहर से अभी पांच साल पहले नया हाईवे निकला है। मैं जब भी गांव में जाता हूं तो उस बीस किलोमीटर के टुकड़े में हर बार एक नई मजार बनी होती है। अब तक उस बीस किलोमीटर के एरिया में बारह मजारें बन चुकी हैं। और पूरे हाईवे पर क्या हो रहा होगा अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। पूरे देश में हाईवेज और दूसरी सड़कों पर हालत कितने खतरनाक बन चुके हैं आप स्वयं अंदाजा लगाइए।
🤔🤔
          यहां तक कि देश की राजधानी  दिल्ली को जेहादियों ने लगभग चारों तरफ से घेर लिया है बल्कि दिल्ली के भीतर नई दिल्ली, जहां हमारी केन्द्र सरकार रहती है उसे भी पूरी तरह से घेर लिया है।
🤔🤔 


             जब भी कभी हालात बिगड़े तो राजधानी शायद पूरी तरह से जाम मिलेगी, रेलवे लाइनें जाम मिलेंगी, हाईवेज जाम मिलेंगे। सोचिए तब ये अशांतिप्रिय समुदाय के देश के भीतर फैले देशद्रोही क्या हालत करेंगे आप सोच भी नहीं सकते....??
🤔🤔
            सहारनपुर, मुजफ्फरपुर, मेरठ, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेवात, अलवर, गुड़गांव चारों तरफ से दिल्ली तालिबानी मानसिकता से घिर चुकी है....??
🤔🤔
             आज के दिन अशांतिप्रिय मजहब का प्रत्येक व्यक्ति ना केवल घातक हथियारों से लैस है बल्कि मार काट में भी पूर्णतः सिद्धहस्त है...??
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               सोचिए जिन विभिन्न राजनीतिक दलों के जाति के नाम पर बांटने व मलाई चाटने वाले नेता, जिनकी हम दिन रात चमचागिरी करते हैं, क्या हमें, हमारे बच्चों, माताओं, बहनों को इन देशद्रोहियों के हाथों बचा पाएंगे....??
🤔🤔 



               कोढ़ में खाज भेड़ की खाल में छिपे वामपंथी, देशद्रोही सामाजिक संघों के तथाकथित नेता, न्यायव्यवस्था से जुड़े कुछ माननीय और कांग्रेस, केजरीवाल, अखिलेश, ममता बनर्जी इत्यादि का खतरा अलग से है।🤔🤔
             दोस्तों, शायद बहुत खतरनाक स्तर का कैंसर इस देश के अंदर फैल चुका है और इस कैंसर का इलाज इन वोटों के लालची नेताओं के पास तो बिलकुल भी नहीं है। हां योगी जी, मोदीजी एवं बिस्वासरमा जी इसके अपवाद जरूर हैं।
🙏🙏🚩🚩

इसलिए देश एवं धर्म-संस्कृति सुरक्षा हेतु वोट करें एवं लेख को अधिक से अधिक शेयर करें।
 🙏🙏


अप्रैल फूल" किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!!

अप्रैल फूल" किसी को कहने से पहले
इसकी
वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!!
पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस
कह रहे
हो !!
पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल (अप्रैल फुल
का
अर्थ है - हिन्दुओ का मूर्खता दिवस).??
ये नाम अंग्रेज ईसाईयों की देन है…
मुर्ख हिन्दू कैसे समझें "अप्रैल फूल" का मतलब बड़े
दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है अप्रैल फूल,
अप्रैल फूल ???
इसका मतलब क्या है.?? दरअसल जब ईसाइयत अंग्रेजो
द्वारा हमे 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस
समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 1 अप्रैल से
अपना
नया साल बनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दुओ
द्वारा मनाया जाता है, आज भी हमारे बही
खाते
और बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 1 अप्रैल से शुरू
होते है, पर उस समय जब भारत गुलाम था तो ईसाइयत
ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते
हुए 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस "अप्रैल फूल" का नाम
दे दिया ताकि हमारी सभ्यता मूर्खता लगे अब आप
ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने
सही हो
आप.?
यादरखो अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और
त्यौहार
1. हिन्दुओं का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है
(शुक्ल प्रतिपदा)
2. हिन्दुओ के रीति -रिवाज़ सब इस दिन के कलेण्डर
के अनुसार बनाये जाते है।
6. आज का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है।
अंग्रेज ईसाई, हिन्दुओ के विरुध थे इसलिए हिन्दू के
त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे और आप
हिन्दू भी बहुत शान से कह रहे हो.!!
गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो अप्रैल फूल लिख
के.!!
अप्रैल फूल सिर्फ भारतीय सनातन कलेण्डर, जिसको
पूरा विश्व फॉलो करता था उसको भुलाने और
मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। 1582 में पोप
ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान
जारी
कर दिया जिसमें 1 जनवरी को नया साल का प्रथम
दिन बनाया गया।
जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया, उनको 1
अप्रैल को मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और धीरे-
धीरे
1 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख
दिवस बन गया।आज भारत के सभी लोग अपनी ही
संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे
है।
जागो हिन्दुओ जागो।।
अपने धर्म को पहचानो।
इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी इस आने वाली 1 अप्रैल से मूर्खता का परिचय न दे और और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदुओं का मजाक बंद होजाये ।


हिन्दू होने का फ़र्ज़ अदा करे 🙏

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