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शनिवार, 7 जनवरी 2023

सबको बस बिज़नस चलाना है... एक आपको पानी छान के पिलाता है... दूसरा आपको पानी से छाने गए मिनरल को गोली में देता है... मगर कोई आपको असल बिमारी कभी नहीं बताता है..!!

पहले वाटर फिल्टर आया... ये कह के कि आपको बैक्टीरिया और बाकी बीमारियों से बचाएगा... फिर RO आया... ये कहा गया कि जो वायरस और बैक्टीरिया फिल्टर से नहीं छन पाते हैं और बच जाते हैं उन्हें ये छान लेगा... फिर RO में UV और एक और मेंब्रेन लग के आने लगी, और ये बताया गया कि पहले वाले से भी जो वायरस बच जाते थे उन्हें UV अब डीएक्टिवेट कर देगा!


फिर सालों बाद इन्हीं कंपनियों को पता चला कि जिस पानी को इन्होंने इतना छान दिया था उसे दरअसल इतना छानने की ज़रूरत नहीं थी... क्योंकि ये "अत्यधिक छना" पानी अब असल पानी से कहीं ज़्यादा नुकसानदेह है... फिर कंपनियाँ "एल्कलाइन पानी" ले कर आए... एल्कलाइन फिल्टर वाली बॉटल आईं और अब एल्कलाइन फिल्टर भी आ गए हैं... अब उसी छाने हुये पानी में फिर से मिनरल मिलाया जाता है!!

फिर Kangen वाटर आया... काला एल्कलाइन पानी आया... अब ये बताया जा रहा है कि RO का पानी दरअसल सबसे ज़्यादा नुकसानदेह होता है... अगर आप कम TDS वाला पानी, जो कि RO का या बिसलेरी की बॉटल का होता है, वो अगर आप रोज़ पीते हैं तो धीरे धीरे वो आपकी हड्डियाँ, दाँत सब गलाने लगता है और आपके हृदय की धमनियाँ वगैरह ख़राब होनी शुरू हो जाती हैं... कंपनियाँ जो RO बेच रही हैं वो इसे नहीं बताती हैं।

किसी भी पानी जिसका TDS 250 से कम है वो आपके लिए ज़हर होता है और बिसलेरी का TDS 30 से 75 के बीच होता है... आपके घर में जो RO लगा है अगर उसका TDS 35 या 75 है तो समझिए आप ज़हर पी रहे हैं पानी नहीं!!

समस्या ये है कि अब शहरों का पानी बहुत अधिक प्रदूषित हो चुका है... आप शहरों में अब सीधे नल का पानी नहीं पी सकते हैं... क्यूँकि आपके नल के आसपास जाने कितने टॉयलेट के गढ्ढे होंगे....! आपको फिल्टर तो चाहिए मगर फिल्टर क्या क्या छान ले रहा है आपके पानी से ये आप जान नहीं पाते हैं... फिल्टर वाली कंपनियों का कोई भी एम्प्लॉय न तो ये जानता है और न ही आपको बताता है क्योंकि उसे बस अपना माल बेचना होता है.... आपके दाँत गल जाएं या हृदय की धमनियाँ, उसे इस से कोई फ़र्क नहीं पड़ता है... चूँकि ये मेडिकल की ही तरह बहुत बड़ा बिज़नेस बन चुका है... इसलिए अब कोई भी आपको फिल्टर के साइड इफेक्ट बताता ही नहीं है।।

अब पानी छानिये... फिर उसे एल्कलाइन बनाईये... फिर उसमे मिनरल ऐड कीजिये... फिर पीजिये... मगर ये वाटर फ़िल्टर की कंपनियाँ आपके घर के हिसाब से कोई ऐसा फ़िल्टर नहीं लगाएंगी जो वहाँ सिर्फ़ वही ज़रूरत पूरी करे जो होनी चाहिए... ज़्यादातर घरों में जो पानी आता है उनमे से TDS कम करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है... मगर कंपनी का एक बिना पढ़ा लिखा एम्प्लोयी आकर आपको 10 फ़िल्टर वाला प्रोडक्ट बेच देता है और आपके पानी में कुछ बचता ही नहीं जिसकी आपके शरीर को ज़रूरत होती है... फिर आप डॉक्टर के पास जाते हैं और डॉक्टर आपको गोलियाँ खिलाता है !

ये वर्तुल है... सबका बिज़नस चल रहा है और सबको बस बिज़नस चलाना है... एक आपको पानी छान के पिलाता है... दूसरा आपको पानी से छाने गए मिनरल को गोली में देता है... मगर कोई आपको असल बिमारी कभी नहीं बताता है..!! 

#रामायण सीरियल का वह दृश्य है जहाँ एक अदभुद घटना घटी ( सत्य घटना )

यह #रामायण सीरियल का वह दृश्य है जहाँ एक अदभुद घटना घटी ( सत्य घटना )

1985-86 में #समुद्र के किनारे पर रामायण सीरियल की शूटिंग चल रही थी .. राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल एक शिला पर बैठे हुए थे.. समुद्र के पास में ही एक छोटा सा गाँव था, उस गाँव के लोग कभी कभी रामायण की शूटिंग देखने आ जाते थे ...
एक दिन उस गाँव में एक बच्चे को सर्प ने डस लिया, बच्चा एक दम बेहोश हो गया और उसके मुँह से सफेद झाग आने लगे ...! जैसे ही उसकी माँ को पता चला, वो अपने बच्चे को गोदी में लेकर वहां दौड़ी जहाँ रामायण की शूटिंग चल रही थी... सभी रामायण की शूटिंग में व्यस्त थे ..महिला रोती रोती एक दम वहाँ पहुँची और जहाँ रामजी ( अरुण गोविल ) बैठे हुए थे...         
     महिला ने बच्चे को रामजी के चरणों मे पटक दिया और जोर जोर से रोने लगी, रामजी मेरे बच्चे को बचाओ..इसे सर्प ने डस लिया है ..आप भगवान हो, मेरे बच्चे को बचाओ ... प्रभु मेरे बच्चे को बचाओ ...
सभी शूटिंग करने वाले हैरान होकर महिला की तरफ देखते रहे, कुछ समय के लिये शूटिंग रोक दी गई ..... जब महिला रामजी के सामने जोर जोर से रोने लगी, तब रामजी एक दम खड़े हो गए और बच्चे को देख कर उसके ऊपर अपना हाथ फेरने लगे ...
और जैसे ही #रामजी ने बच्चे पर हाथ फेरा बच्चे को होश आने लगा , आँखे खोलने लगा...सभी शूटिंग करने वाले लोग और कुछ महिला के साथ आये लोग दंग रह गए और बच्चा खड़ा हो गया.. !

महिला का भाव देखो कि उधर एक अभिनेता के अंदर प्रभु की शक्ति पैदा हो गयी !
यह घटना खुद अरुण गोविल ने अपने मुँह से सुनाई थी .... 1995 में किसी stage प्रोग्राम में उनको आमंत्रित किया, तब किसी व्यक्ति ने arun govil जी से पूछा कि रामायण की शूटिंग करते समय आपका कोई ऐसा अनुभव जो आपके लिए अविस्मरणीय रहा हो .... तब उन्होंने यह घटना सभी को बताई ...
जब सच्चे भाव और भावना से पत्थर में भगवान प्रकट हो सकते हैं तो व्यक्ति में क्यों नहीं.. कौन कहता सच्चे मन से पुकारे तो भगवान प्रकट नहीं होते.....
#सियाराम मय सब जग जानी,
करहु प्रणाम जोर जुग पानी...!
जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरत देखी तिन तैसी ...।।
जय जय सियाराम

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