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शनिवार, 21 अगस्त 2021

जिहाद का इलाज

जिहाद का इलाज

*सन 711ई. की बात है। अरब के पहले मुस्लिम आक्रमणकारी मुहम्मद बिन कासिम के आतंकवादियों ने मुल्तान विजय के बाद  एक विशेष सम्प्रदाय हिन्दू के ऊपर गांवो शहरों में भीषण रक्तपात मचाया था। हजारों स्त्रियों की छातियाँ नोच डाली गयीं, इस कारण अपनी लाज बचाने के लिए हजारों सनातनी किशोरियां अपनी शील की रक्षा के लिए कुंए तालाब में डूब मरीं।लगभग सभी युवाओं को या तो मार डाला गया या गुलाम बना लिया गया। भारतीय सैनिकों ने ऎसी बर्बरता पहली बार देखी थी।*

एक बालक तक्षक के पिता कासिम की सेना के साथ हुए युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो चुके थे। लुटेरी अरब सेना जब तक्षक के गांव में पहुची तो हाहाकार मच गया। स्त्रियों को घरों से खींच खींच कर उनकी देह लूटी जाने लगी।भय से आक्रांत तक्षक के घर में भी सब चिल्ला उठे। तक्षक और उसकी दो बहनें भय से कांप उठी थीं। 
तक्षक की माँ पूरी परिस्थिति समझ चुकी थी, उसने कुछ देर तक अपने बच्चों को देखा और जैसे एक निर्णय पर पहुच गयी। माँ ने अपने तीनों बच्चों को खींच कर छाती में चिपका लिया और रो पड़ी। फिर देखते देखते उस क्षत्राणी ने म्यान से तलवार खीचा और अपनी दोनों बेटियों का सर काट डाला।उसके बाद अरबों द्वारा उनकी काटी जा रही गाय की तरफ और  बेटे की ओर अंतिम दृष्टि डाली, और तलवार को अपनी छाती में उतार लिया। 
आठ वर्ष का बालक तक्षक एकाएक समय को पढ़ना सीख गया था, उसने भूमि पर पड़ी मृत माँ के आँचल से अंतिम बार अपनी आँखे पोंछी, और घर के पिछले द्वार से निकल कर खेतों से होकर जंगल में भाग गया।
                                25 वर्ष बीत गए। अब वह बालक बत्तीस वर्ष का पुरुष हो कर कन्नौज के प्रतापी शासक नागभट्ट द्वितीय का मुख्य अंगरक्षक था। वर्षों से किसी ने उसके चेहरे पर भावना का कोई चिन्ह नही देखा था। वह न कभी खुश होता था न कभी दुखी। उसकी आँखे सदैव प्रतिशोध की वजह से अंगारे की तरह लाल रहती थीं। उसके पराक्रम के किस्से पूरी सेना में सुने सुनाये जाते थे। अपनी तलवार के एक वार से हाथी को मार डालने वाला तक्षक सैनिकों के लिए आदर्श था। कन्नौज नरेश नागभट्ट अपने अतुल्य पराक्रम से अरबों के सफल प्रतिरोध के लिए ख्यात थे। सिंध पर शासन कर रहे अरब कई बार कन्नौज पर आक्रमण कर चुके थे,पर हर बार योद्धा राजपूत उन्हें खदेड़ देते। युद्ध के सनातन नियमों का पालन करते नागभट्ट कभी उनका पीछा नहीं करते, जिसके कारण मुस्लिम शासक आदत से मजबूर बार बार मजबूत हो कर पुनः आक्रमण करते थे। ऐसा पंद्रह वर्षों से हो रहा था।

इस बार फिर से सभा बैठी थी, अरब के खलीफा से सहयोग ले कर सिंध की विशाल सेना कन्नौज पर आक्रमण के लिए प्रस्थान कर चुकी है और संभवत: दो से तीन दिन के अंदर यह सेना कन्नौज की सीमा पर होगी। इसी सम्बंध में रणनीति बनाने के लिए महाराज नागभट्ट ने यह सभा बैठाई थी। सारे सेनाध्यक्ष अपनी अपनी राय दे रहे थे...तभी अंगरक्षक तक्षक उठ खड़ा हुआ और बोला---
*महाराज, हमे इस बार दुश्मन को उसी की शैली में उत्तर देना होगा।*

महाराज ने ध्यान से देखा अपने इस अंगरक्षक की ओर, बोले- "अपनी बात खुल कर कहो तक्षक, हम कुछ समझ नही पा रहे।"

*"महाराज, अरब सैनिक महाबर्बर हैं, उनके साथ सनातन नियमों के अनुरूप युद्ध कर के हम अपनी प्रजा के साथ घात ही करेंगे। उनको उन्ही की शैली में हराना होगा।"*

महाराज के माथे पर लकीरें उभर आयीं, बोले- 
"किन्तु हम धर्म और मर्यादा नही छोड़ सकते सैनिक। "

तक्षक ने कहा- 
*"मर्यादा का निर्वाह उसके साथ किया जाता है जो मर्यादा का अर्थ समझते हों। ये बर्बर धर्मोन्मत्त राक्षस हैं महाराज। इनके लिए हत्या और बलात्कार ही धर्म है।"*

"पर यह हमारा धर्म नही हैं बीर" 

"राजा का केवल एक ही धर्म होता है महाराज, और वह है प्रजा की रक्षा। देवल और मुल्तान का युद्ध याद करें महाराज, जब कासिम की सेना ने दाहिर को पराजित करने के पश्चात प्रजा पर कितना अत्याचार किया था। ईश्वर न करे, यदि हम पराजित हुए तो बर्बर अत्याचारी अरब हमारी स्त्रियों, बच्चों और निरीह प्रजा के साथ कैसा व्यवहार करेंगे, यह आप भली भाँति जानते हैं।"

महाराज ने एक बार पूरी सभा की ओर निहारा, सबका मौन तक्षक के तर्कों से सहमत दिख रहा था। महाराज अपने मुख्य सेनापतियों मंत्रियों और तक्षक के साथ गुप्त सभाकक्ष की ओर बढ़ गए। 

अगले दिवस की संध्या तक कन्नौज की पश्चिम सीमा पर दोनों सेनाओं का पड़ाव हो चूका था, और आशा थी कि अगला प्रभात एक भीषण युद्ध का साक्षी होगा। 

आधी रात्रि बीत चुकी थी। अरब सेना अपने शिविर में निश्चिन्त सो रही थी। अचानक तक्षक के संचालन में कन्नौज की एक चौथाई सेना अरब शिविर पर टूट पड़ी। अरबों को किसी हिन्दू शासक से रात्रि युद्ध की आशा न थी। वे उठते,सावधान होते और हथियार सँभालते इसके पुर्व ही आधे अरब गाजर मूली की तरह काट डाले गए। 

इस भयावह निशा में तक्षक का शौर्य अपनी पराकाष्ठा पर था।वह घोडा दौड़ाते जिधर निकल पड़ता उधर की भूमि शवों से पट जाती थी। आज माँ और बहनों की आत्मा को ठंडक देने का समय था.... 

उषा की प्रथम किरण से पुर्व अरबों की दो तिहाई सेना मारी जा चुकी थी। सुबह होते ही बची सेना पीछे भागी, किन्तु आश्चर्य! महाराज नागभट्ट अपनी शेष सेना के साथ उधर तैयार खड़े थे। दोपहर होते होते समूची अरब सेना काट डाली गयी। अपनी बर्बरता के बल पर विश्वविजय का स्वप्न देखने वाले आतंकियों को पहली बार किसी ने ऐसा उत्तर दिया था। 

विजय के बाद महाराज ने अपने सभी सेनानायकों की ओर देखा, उनमे तक्षक का कहीं पता नही था।सैनिकों ने युद्धभूमि में तक्षक की खोज प्रारंभ की तो देखा-लगभग हजार अरब सैनिकों के शव के बीच तक्षक की मृत देह दमक रही थी। उसे शीघ्र उठा कर महाराज के पास लाया गया। कुछ क्षण तक इस अद्भुत योद्धा की ओर चुपचाप देखने के पश्चात महाराज नागभट्ट आगे बढ़े और तक्षक के चरणों में अपनी तलवार रख कर उसकी मृत देह को प्रणाम किया। युद्ध के पश्चात युद्धभूमि में पसरी नीरवता में भारत का वह महान सम्राट गरज उठा- 

"आप आर्यावर्त की वीरता के शिखर थे तक्षक.... भारत ने अबतक मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्योछावर करना सीखा था, आप ने मातृभूमि के लिए प्राण लेना सिखा दिया। भारत युगों युगों तक आपका आभारी रहेगा।"

 *इतिहास साक्षी है, इस युद्ध के बाद अगले तीन शताब्दियों तक अरबों कीें भारत की तरफ आँख उठा कर देखने की हिम्मत नही हुई।* 
*तक्षक ने सिखाया कि मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राण दिए ही नही, लिए भी जाते है, साथ ही ये भी सिखाया कि दुष्ट सिर्फ दुष्टता की ही भाषा जानता है, इसलिए उसके दुष्टतापूर्ण कुकृत्यों का प्रत्युत्तर उसे उसकी ही भाषा में देना चाहिए अन्यथा वो आपको कमजोर ही समझता रहेगा।*
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*विनम्र निवेदन*
यह पोस्ट किसी👌​​​👌​​​✌​​​✌​​​👍​​​👍​​​ की मोहताज नही है। भारत के इतिहास की यह अतिगौरवशाली कथा उच्च कोटि के वीरता की प्रमाण ही है।जिसे हम अपने आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराने की है और उनके मस्तिष्क में आत्मसात कराने की है, एवम इसे इतिहास का एक महत्वपूर्ण पाठ बनाकर पढ़ाने की आवश्यकता भी है।
बस आपसे इतना निवेदन है कि इस संदेश को सभी ग्रुप में अग्रेषित या आगे बढ़ाते जाएं।धन्यवाद। 

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शरीर के अंदर जमी गन्दगी निकालने के लिए दुनिया का सबसे शक्तिशाली जूस कौन सा है?


इस वीडियो में आप सीखेंगे एक ऐसी सब्ज़ी के जूस के बारे में, जिसमें आपके शरीर के अंदर जमी गन्दगी निकालने की शक्ति बैठी है| एक ऐसा जूस जो चुम्बक की तरह, अंदर के सभी toxins को अपने अंदर खींचने लगता है| ऐसा जूस जो आपके शरीर के साथ-साथ मन्न को भी साफ़ करता है, बुद्धि बढ़ाता है|
जानते है ये कोनसा जूस है? सफ़ेद पेठे का जूस!
इस वीडियो में आप सीखेंगे -
1. सफ़ेद पेठे के जूस का फायदा क्या है?
2. इसको बनाने का सही तरीका
3. सफ़ेद पेठे के जूस के बारे में आपके सभी सवालों के उत्तर
https://www.youtube.com/watch?v=LTaGvK2NMcw



 सफ़ेद पेठा के फायदे, नुकसान और उपयोग

सेहत को अच्छी करना यानि सेहत को संभालना सभी लोगों की चाह होती है। वे अपने सेहत का ध्यान रखने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार होते है। कठिन डायट से लेकर परिश्रम वाले व्यायाम तक कुछ भी करने के लिए तैयार होते है।

अपने वजन को नियंत्रण में रखने के लिए लोग उल्टा-सुल्टा काम करते है। जिससे न उनका वजन नियंत्रित होता है और न वे अपने सेहत को अच्छे कर पाते है। इससे उनकी सेहत पर और बुरा असर पड़ता है।

इसकी चाह में हम आपके लिए एक मैजिकल सुपर फ़ूड लेकर आए है जिसे Ash Gourd (Ash Gourd In Hindi) यानि सफ़ेद पेठा या ऐश लौकी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का कद्दू है जिसे हिंदी भाषा में पेठा, सफ़ेद पेठा, रखिया, राख लौकी, सफेद कद्दू या हरा कद्दू कहा जाता है |यह शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाने में काफ़ी फायदेमंद होता है।

 सफ़ेद पेठा के फायदे, नुकसान और उपयोग

Ash Gourd को हिंदी भाषा में सफ़ेद पेठा के नाम से भी जाना जाता है। वैसे Ash Gourd In Hindi के कई नाम है जैसे-पेठा, सफ़ेद पेठा, रखिया, राख लौकी, सफेद कद्दू या हरा कद्दू आदि।

यह कुकुरबितासूस cucurbitaceous परिवार का सदस्य है। जिसे सबसे पहले दक्षिणी और पूर्व दक्षिणी एशियाई देशों में उगाया गया था जिसमे भारत में शामिल है। यह कद्दू जैसा दिखने वाली एक आम सब्ज्जी है जिसका रैंक ऊपर से ग्रे और अंदर सफ़ेद होता है। इसलिए Ash Gourd In Hindi को सफ़ेद पेठा के नाम से जाना जाता है। इस सब्जी के अन्य नाम सफेद लौकी, सर्दियों के तरबूज और फजी तरबूज हैं। इस सब्ज्जी में पानी की मात्रा अधिक होती है और इसे खासतौर पर वजन कम करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।

वैसे तो सफ़ेद पेठा में काफ़ी औषधीय गुण है जिससे हमारा शरीर निरोगी रहने में मदत होती है। यह सब्जी कई आवश्यक विटामिन और खनिजों में समृद्ध है और फास्फोरस, कैल्शियम, लोहा, राइबोफ्लेविन, थियामिन, नियासिन और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है।

 Ash Gourd यानि सफ़ेद पेठा के चमत्कारी फायदे
और उसे कैसे इस्तेमाल करें

सफ़ेद पेठा में मौजूद पोषक तत्व

आजकल दुनिया के साथ भारत में भी लोग अपनी सेहत का खयाल रखने के लिए प्रतिदिन कुछ न कुछ करते रहते है। जिससे वे फिट रह सके लेकिन बहुतसे लोगों को अपने डाइट में काफी परेशानी होती है।

इस परेशानी को दूर करने के लिए आप अपने डाइट में एक फ़ूड को शामिल कर सकते है जिसका नाम है सफ़ेद पेठा के nutritional value यानि उसमे मौजूद पोषक तत्व के बारेमें जानने की कोशिश करते है।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
कैलोरीज14 Kcal
कार्बोहाइड्रेट3.39 g
प्रोटीन0.62 g
फैट0.02 g
फाइबर (टोटल डायट्री)0.5 g
कोलेस्ट्रॉल0.00 g
सोडियम33 mg
पोटेशियम359.1 mg
विटामिन ए9.8%
विटामिन बी 611.3%
विटामिन ई1.1%
विटामिन-सी30.5%
कैल्शियम5.1%
मैग्नीशियम6.7%
फास्फोरस5.0%
जिंक7.2%
आयरन5.7%
मैगनीज12.5%
आयोडीन5.9%

सफ़ेद पेठा के फायदे

सफ़ेद पेठा में मौजूद गुणकारी पोषक तत्व के कारण उसे सुपर फ़ूड भी कहा जाता है। इसलिए सफ़ेद पेठा के शरीर के लिए बहुतसे फायदे होते जिसके बारे में लिस्ट भी बनाए जाए तब भी कम होगी।

आज हम इस लेख में सफ़ेद पेठा के कुछ मुख्यः फायदे  के बारेमें जानने की कोशिश करते है।

1. वजन कम करने के लिए असरदार सफ़ेद पेठा

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जो लोग मोटापे से परेशान हैं और जो अपना वजन नियंत्रित करना चाहते हैं, उनके लिए सफ़ेद पेठा को अपनी डाइट में शामिल करना काफी फायदेमंद हो सकता है।

कई शोधों में यह पाया गया है कि सुबह के नाश्ते में सफ़ेद पेठा जूस को शामिल करने से वजन कम किया जा सकता है। सफ़ेद पेठा में पानी और फाइबर भरपूर होते हैं और फाइबर वजन घटाने में काफी फायदेमंद साबित होता है। इसलिए रोजाना सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल करके आप कुछ ही दिनों में अपना अतिरिक्त वजन कम कर सकते हैं और साथ ही बढ़े हुए पेट की चर्बी को भी बहुत आसानी से कम कर सकते हैं।

वजन कम करने के लिए सफ़ेद पेठा का जूस करके अच्छी तरह मिक्स करने के बाद इसका सेवन करें। साथ में आप किसी भी खाने के साथ इसका इस्तेमाल कर सकते है।

सफ़ेद पेठा को सुबह नास्ते में खाने से अतिरिक्त चरबी आसानी से कम हो सकती है। आप इसे किसी भी फल जैसे केला, अनार के साथ खा सकते है जिससे आपके शरीर में फाइबर की मात्रा अधिक होगी।

2. हृदय के स्वास्थ में असरदार सफ़ेद पेठा

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सफ़ेद पेठा हृदय के स्वास्थ बनाए रखने में असरदार होता है। सफ़ेद पेठा में कोलेस्ट्रॉल नहीं होती है और यह अपने हृदय को स्वास्थ रखने में काफी असरदार होता है।

कई रीसर्च में यह पाया गया है की सफ़ेद पेठा का रोजाना सेवन करने से हार्ट हेल्थ में काफी इजाफा होता है और हार्ट की गतिविधि नियंत्रित होती है। सफ़ेद पेठा हार्ट हेल्थ में काफी असरदार होता है। अगर आपका दिल स्वस्थ है तो आप कई सालों तक जी सकते हैं और कई सालों तक जीने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करना आपके लिए बहुत जरूरी है। इसलिए आपके लिए अपने दैनिक जीवन में सफ़ेद पेठा  का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।

3. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में असरदार सफ़ेद पेठा

सफ़ेद पेठा में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में असरदार होता है उसकी मात्रा बहुत होती है। इसलिए कई रिसर्च में पाया गया है की जो लोग सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल अपने डाइट में करते है उनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।

इसलिए अगर आपको कोलेस्ट्रॉल की प्रॉब्लम है यानि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक है तो आपको आज से अपने डाइट में सफ़ेद पेठा को शामिल करना चाहिए। और सफ़ेद पेठा कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है।

4. डायबिटीज और बीपी में असरदार सफ़ेद पेठा

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आजकल भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति को डायबिटीज और बीपी की बीमारी होती है। बदलती जीवनशैली और खान-पान के कारण डायबिटीज और बीपी की बीमारी बहुत आम हो गई है।

अगर आप भी इस बीमारी से त्रस्त है तो आपको अपने रोजाना भोजन में सफ़ेद पेठा में शामिल करना चाहिए। क्योंकि सफ़ेद पेठा में डाइटरी फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है जो इन जैसे भयानक बीमारी को नियंत्रित करने उपयोगी होता है।इसलिए अगर आपको भी स्वस्थ रहना है तो सफ़ेद पेठा को डाइट में शामिल करना चाहिए। जिससे आप इन बीमारियों से बच सके।

5. कब्ज़ से रहत पाने के लिए सफ़ेद पेठा

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मनुष्य के कई रोग उसके पेट से शुरू होते हैं। इसलिए पुराने आयुर्वेद में कहा गया है कि जो व्यक्ति का पेट स्वच्छ रहता है वह रोगों से दूर रहता है। अगर आप भी सादा जीवन महसूस करना चाहते हैं तो आपके लिए जरूरी है कि आप अपना पेट साफ रखें।

इसलिए सफ़ेद पेठा पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, पेट दर्द, भूख न लगना आदि में बहुत कारगर है। सफ़ेद पेठा में डायटरी फाइबर की मात्रा अधिक होती है और फाइबर हमारे भोजन के पाचन में महत्वपूर्ण होता है।इसलिए सफ़ेद पेठा रोजाना इस्तेमाल करने से आप अपनी पेट की समस्या से निजात पा सकते है और एक खुशहाल जिंदगी का एहसास कर सकते है।

6. रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ने के लिए सफ़ेद पेठा

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Immunity Power यानि रोग प्रतिकारक शक्ति यह शरीर के सबसे महत्वपूर्ण शक्ति होती है जो शरीर को कई सारी बीमारियोंसे दूर रखती है। जिस मनुष्य की इम्युनिटी पावर अच्छी होती है वह कभी बीमार नहीं होता है।

इसलिए सफ़ेद पेठा  का रोजाना सेवन से हमारी शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति में काफी इजाफा होता है। सफ़ेद पेठा में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है जो एक स्ट्रांग इम्युनिटी पॉवर के लिए फायदेमंद होते है।

7. अच्छी नींद के लिए असरदार सफ़ेद पेठा

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आजकल बड़ो के साथ बच्चों में भी sleep disorder की बीमारी देख सकते है। ज्यादा स्ट्रेस, बदलती जीवनशैली और खानपान का ध्यान न रखने के कारण कई लोगो को नींद की समस्या होने लगी है।

एक रिसर्च में पाया गया की सफ़ेद पेठा को रोजाना खाने में शामिल करने से मानसिक समस्या जैसे sleep disorder, depression, stress, anxiety ख़त्म हो जाती है।

सफ़ेद पेठा में ट्रिप्टोफेन नाम का एक खास तत्व मौजूद होता है। जो मानसिक बीमारी से लड़ने में मदद करता है। इसलिए आपको सफ़ेद पेठा का खाने में शामिल करना चाहिए।

8. किड़नी की सेहत के लिए असरदार सफ़ेद पेठा

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जिन लोगों को किडनी की बीमारी है या चाहते हैं कि उनकी किडनी पूरी तरह से ठीक हो जाए तो उन्हें सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल करना चाहिए। यहां बता दें कि मेडिकल रिसर्च के अनुसार यह भी साबित हो चुका है कि पेठे के अंदर कुछ ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट और पोषक तत्व पाए जाते हैं जो किडनी के लिए अच्छे होते हैं।

9. ब्लीडिंग रोकने के लिए असरदार सफ़ेद पेठा

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पेठा एक प्राकृतिक एंटी-कौयगुलांट है और इस तरह रक्तस्राव को नियंत्रित करने में मदद करता है। हालांकि बाहरी रक्तस्राव के इलाज के लिए इसका उपयोग शायद ही कभी किया जाता है (उस समय को छोड़कर जब पत्तियों को कुचल दिया जाता है और खरोंच पर रगड़ दिया जाता है), यह सब्जी आंतरिक रक्तस्राव के लिए अद्भुत काम करती है।

10. एंटीइन्फ्लामेट्री गुण से समृद्ध सफ़ेद पेठा

एनसीबीआई के एक शोध से पता चलता है कि सफ़ेद पेठा में मौजूद ओमेगा -3 फैटी एसिड एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रदर्शित कर सकता है। इस गुण के कारण यह सामान्य सूजन के साथ-साथ हड्डियों और जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में भी राहत दे सकता है।

इसलिए आपको सफ़ेद पेठा का डेली सेवन करना चाहिए और इसे अपने डाइट में शामिल जरूर करना चाहिए।

सफ़ेद पेठा का उपयोग

अबतक हम सफ़ेद पेठा  के फायदे के बारेमें विस्तार से जान चुके है। हम जानते है की सफ़ेद पेठा का रोजाना इस्तेमाल करने से हमे और हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कितना उपयोग है।

लेकिन किया सफ़ेद पेठा शरीर और स्वास्थ के लिए तब ही उपयोग होता है जब उसका इस्तेमाल सही ढंग से किया जाए। ऐसा नहीं करने पर सफ़ेद पेठा के कुछ नुकसान भी होते है जिसके बारेमें हम आगे पढ़ेंगे।

सफ़ेद पेठाका सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए और इसके रेसिपी जानने के लिए इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़े।

1. सब्जी के रूप में सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल करें।

आप सफ़ेद पेठा  का इस्तेमाल अपने रोजाना खाने में सब्जी के तौर पर कर सकते है। यह सब्जी स्वाद में अच्छी और कई सारे पोषक तत्व से भरपूर होती है। इसलिए आप इसका इस्तेमाल सब्जी के रूप में कर सकते है।

2. जूस के रूप में सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल करें।

आप सफ़ेद पेठा को सीधा जूस के रूप में इस्तेमाल कर सकते है। आप सफ़ेद पेठा का जूस डेली सेवन करने से कई सारे बीमारी से दूर रह सकते है। सफेद पेठा के जूस को बनाने के लिए सबसे पहले पेठा के छोटे-छोटे टुकड़े कर ले।

फिर उसे मिक्सर में डालकर उसमे पर्याप्त मात्रा मेंदूध डालकर उसे पीस ले। आप चाहिए तो जूस के ऊपर चिया सीड में डाल सकते है। सफ़ेद पेठा का जूस काफ़ी स्वादिष्ट और कई सारे गुणों से भरपूर होता है।

3. बर्फी के रूप में सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल करें।

सफ़ेद पेठा का आप बर्फी बनाकर भी सेवन कर सकते है। भारत में कई सारे लोग सफ़ेद पेठा का बर्फी के रूप में इस्तेमाल करते है। सफ़ेद पेठा से बनी बर्फी स्वाद में बहुत अच्छी होती है। जिससे आपके शरीर को कई सारे फायदे होते है।

4. हलवा के रूप में सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल करें।

गाजर के हलवा की तरह ही सफ़ेद पेठा के भी हलवा बनाया जाता है। यह हलवा गाजर की हलवा की तरह स्वादिष्ट और शरीर के लिए फायदेमंद होता है।

5. आचार के रूप में सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल करें।

सफ़ेद पेठा से आचार भी बनाया जाता है। भारत में कई सारे लोग सफ़ेद पेठा से बना आचार का सेवन करते है। सफ़ेद पेठा से बना आचार खाने में स्वादिष्ट और कई सारे गुणों से सपन्न होता है।

6. सलाद बनाकर सफ़ेद पेठा का इस्तेमाल करें।

आप सफेद पेठा  को अन्य फलों के साथ सलाद बनाकर भी सेवन कर सकते है। अगर आप एक वेट लॉस की जर्नी में है तो आपके लिए सफेद पेठा से बना सलाद काफ़ी फायदेमंद हो सकता है।

सफेद पेठा को सलाद के साथ सेवन करने से सलाद का मजा दुगना हो जाता है। और उसके पोषक तत्व भी बढ़ जाते है। इसलिए सफेद पेठा का सलाद के साथ सेवन करना एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है।

7. जैम बनाकर सफ़ेद पेठा का सेवन करें।

आप सफेद पेठा का जैम बनाकर भी सेवन कर सकते है। यह पेठा को सेवन करने का अच्छा ऑप्शन माना जाता है।

सफ़ेद पेठा के नुकसान

वैसे तो सफ़ेद पेठा का सेवन करना काफ़ी फायदेमंद और अच्छा माना जाता है। और हमने इस लेख में सफ़ेद पेठा के कई सारे फायदे के बारे में जाना जिससे सफ़ेद पेठा को एक सुपर फ़ूड के नाम से जाना जाता है।

लेकिन अच्छी से अच्छी चीज़ के भी नुकसान होते है। अगर किसी चीज़ को ज्यादा किया जाए तो उसके नुकसान होते है। इसलिए सफ़ेद पेठा सही ढंग से और उचित मात्रा में सेवन किया न जाए तो उसके भी नुकसान होते है।

निचे सफ़ेद पेठा के कुछ नुकसान के बारेमें बताए गया है। आप इसे पढ़कर सफ़ेद पेठा का सही इस्तेमाल सिख सकते है और अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते है।

  • गर्भवती महिलो को सफ़ेद पेठा सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ ले।
  • छोटे बच्चों को पेठा खिलाने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछ ले।
  • सर्दियों में इसका इस्तेमाल करने से कफ की समस्या बढ़ सकती है।
  • सफ़ेद पेठा का अधिक इस्तेमाल किया जाए तो यह पेट से जुडी समस्या हो सकती है।
  • जो लोग दमा, अस्थमा या किसी श्वास से जुडी समस्या से परेशान है तो उन लोगों को इसका इस्तेमाल सर्दियों में नहीं करना चाहिए।
  • इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से शुगर लेवल बढ़ने का खतरा होता है।

1. सफेद पेठे का जूस पीने के फायदे

सफ़ेद पेठे का जूस वजन कम करने, ह्रदय संबंधी समस्या, ब्लीडिंग आदि समस्या के लिए फायदेमंद होता है।

2. पेठे के औषधीय गुण

पानी, ऊर्जा, प्रोटीन, टोटल लिपिड (फैट), कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, विटामिन, फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड, फैटी एसिड टोटल मोनो अनसैचुरेटेड

3. गर्भावस्था में पेठा खाने के फायदे

गर्भावस्था में सफ़ेद पेठे का सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर को जरूर पूछ ले।

सावधान आपके वीडीओ फोटो को किया जा रहा नंगा और बेचा जा रहा पोर्न साइट पर


सावधान आपके वीडीओ फोटो को किया जा रहा नंगा और बेचा जा रहा पोर्न साइट पर


मार्केट में आया एक एप्प जिसके जरिए महिलाओ लड़कियो के निजी फोटो वीडीओ को एडिट कर उन्हे अश्लील तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है यंहा तक की नगा दिखाया जाकर पोर्न साइटों पर भी अपलोड किया जा रहा है

महिलाए हो जाए सावधान वरना जिंदगी हो जाएगी बर्बाद

 लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप 'टेलीग्राम' (Telegram) को लेकर एक बेहद परेशान करने वाली खबर सामने आई है. इस मैसेजिंग ऐप (Messeging App) ने पिछले दिनों में बहुत अधिक लोकप्रियता पाई है, क्योंकि इस पर किये जा रहे मैसेज और अन्य मीडिया की न सिर्फ प्राइवेसी (privacy) का पक्का इंतजाम होता है बल्कि इसपर बड़ी फाइलें भी आसानी से शेयर (share) की जा सकती हैं. लेकिन अब यह ऐप एक कंट्रोवर्सी में फंस गई है. समस्या बनकर आया है एक डीपफेक टूल (deepfake tool), जिसके जरिए इस पर कपड़े पहने फोटो के भी कपड़े उतारे जा सकते हैं. इसके जरिए इस ऐप पर नाबालिग लड़कियों (Minor girls) को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें परेशान किया जा रहा है.

कही आपके फोटो भी तो नही आ गए इसमे
 
इसके जरिए अब तक दस हजार महिलाओं और लड़कियों की बिना सहमति वाली एक लाख न्यूड तस्वीरें (Nude Photos) ऑनलाइन साझा की जा चुकी हैं. ये तस्वीरें जुलाई 2019 और 2020 के बीच एआई-बॉट (AI Bot) का उपयोग करके बनाई गई थीं. पीड़ितों में से अधिकांश की ये निजी तस्वीरें (personal photos) थी, जिन्हें सोशल मीडिया (Social Media) से लिया गया था. ये सभी महिलाएं थीं और कुछ देखने से ही 'नाबालिग' लग रही थीं. यह बिना नाम का 'बॉट' कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Learning) और मशीन लर्निंग का उपयोग करता है. जो टेलीग्राम (Telegram) मैसेजिंग ऐप पर शेयर की कई फोटोज पर काम करता है.

सामान्य लोगों की निजी तस्वीरों को बॉट ने बनाया न्यूड

इसके बारे में रिपोर्ट करने वालों का कहना है कि किसी की भी तस्वीर लेकर इस पर उसे नग्न किये जाने का खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया है कि इस बॉट द्वारा जिन महिलाओं और लड़कियों के 'फेक' न्यूड बनाये गये, वे सामान्य लोगों की निजी तस्वीरें थीं.

सोशल मीडिया पर शेयर की गई कम उम्र की लड़कियों की तस्वीरों को मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर एक डीपफेक बॉट द्वारा नग्न करने के लिए नकली किया जा रहा है. एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट लेखकों के अनुसार, ये परेशान करने वाली फोटोज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक साधारण प्रयोग पर आधारित हैं और इसी के जरिए बनाई गई हैं. ये बिल्कुल वास्तविक लग सकती हैं.

अब बिना झंझट के पाये 20 लाख का लोन , मोदी सरकार ने आसान किये SHG के लिए नियम

 अब बिना झंझट के पाये 20 लाख का लोन ,
मोदी सरकार ने आसान किये SHG के लिए नियम

 स्वयं सहायता समूहों के लिए अच्छी खबर है. भारत सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (SHG) को बढ़ावा देने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत एसएचजी के लिए कोलैटरल फ्री लोन को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक पत्र के माध्यम से SHG के लिए कोलैटरल फ्री लोन को बढ़ाने के संबंध में सार्वजनिक, निजी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सूचित किया है.

वित्तीय सेवा विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस अधिसूचना की जानकारी दी. वित्तीय सेवा विभाग ने ट्वीट में कहा, “स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच के ऋण के लिए अब कोई कोलैटरल की आवश्यकता नहीं है. माइक्रो यूनिट्स (CGFMU) योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फंड में संशोधन अधिसूचित हो गया है.”

सरकार का यह निर्णय 1 अप्रैल, 2021 के मास्टर सर्कुलर में संशोधन है. ​​10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच के ऋण के लिए स्वयं सहायता समूहों से कोई कोलैटरल नहीं लिया जाना चाहिए और एसएचजी के बचत बैंक खाते के अगेंस्ट कोई ग्रहणाधिकार नहीं होना चाहिए. हालांकि, संपूर्ण ऋण (बकाया ऋण के बावजूद, भले ही वह बाद में 10 लाख रुपये से कम हो) माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट फंड (CGFMU) के तहत कवरेज के लिए पात्र होगा.

स्वयं सहायता समूह कैसे बनाएं।
 स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए सबसे पहले अपने समूह का नाम चुन लें। फिर अपने समूह में कम से कम 10 महिलाओं और अधिक से अधिक 20 महिलाओं का एक ग्रुप बना लें (18 से 40 वर्ष तक की)। उस ग्रुप को आपको रजिस्टर कराना होता है
 स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण आप 3 तरीकों से करा सकते है।
 अपने ब्लॉक में जाकर अपने सहायता समूह का पंजीयन करा सकते हैं।
 सबसे पहले अपने सहायता समूह ग्रुप का नाम रख ले और फिर जितने भी महिलाएं इस ग्रुप में जुड़ना चाहती हैं।  वे सभी महिलाएं जाकर अपने ब्लॉक के ग्राम विकास अधिकारी से अपने ग्रुप का पंजीयन करा सकती है।
 अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण करा सकते हैं।
आप कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी अपने स्वयं सहायता समूह को को रजिस्टर करा सकती हैं। इसके लिए आपको अपने ग्रुप की महिलाओं के पास आधार कार्ड और पैन कार्ड अनिवार्य है। सभी ग्रुप की महिलाओं के आधार और पैन कार्ड को कॉमन सर्विस सेंटर पर ले जाकर अपने ग्रुप का पंजीकरण करा सकते हैं।
खुद से ऑनलाइन आवेदन करके स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण करा सकते है।
घर बैठे ऑनलाइन फॉर्म भरके अपने स्वयं साहयता समूह का पंजीकरण करा सकते है। इसके लिए इस बेबसाईट पर जाकर https://www.kviconline.gov.in/ घर बैठे आवेदन कर सकते हैं। इसमें आवेदन करने के कुछ ही दिनों में आप का समूह का रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता है और आपका समूह पंजीकृत हो जाता है।
स्वयं साहयता समूह के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?
स्वयं साहयता समूह को पंजीकरण के लिए सबसे पहले आपको अपने मोबाइल या लैपटॉप के किसी भी ब्राउज़र में https://www.kviconline.gov.in/ वेबसाइट को खोल लेना है। फिर आपके सामने एक फॉर्म खुलकर आ जायेगा। जो भी जानकरी उस फॉर्म में माँगी गई हो वे सभी जानकारी उस फॉर्म को भर दें। जैसे -

सबसे पहले सेल्फ हेल्प ग्रुप का नाम। ( कोई भी सेल्फ हेल्प ग्रुप का नाम चयन करके डाल सकते हो )

सेल्फ हेल्प ग्रुप के अध्यक्ष का नाम।

सेल्फ हेल्प ग्रुप में उसका पद नाम।

आधार कार्ड

पैन कार्ड

सेल्फ हेल्प ग्रुप का पता भरे।

सेल्फ हेल्प ग्रुप के द्वारा खुलवाया गया बैंक खाता की जानकरी भरें।

जब सभी सही-सही जानकारी भरने के बाद जब आप फॉर्म सबमिट कर दोगे  तो कुछ  ही दिनों के बाद आपका स्वयं साहयता ग्रुप का पंजीकरण कर दिया जायेगा और आपको स्वयं साहयता ग्रुप का पंजीकरण नंबर दे दिया जायेगा।

क्या स्वयं सहायता समूहों का पंजीकरण कराना आवश्यक है?

उ. नहीं, यह आवश्यक नहीं की स्वयं सहायता समूहों का पंजीकरण हो। परन्तु यह आवश्यक है की समूह को प्रभावी तरीकों से चलाने के लिए तथा इसकी गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए आवश्यक नियम क़ानून बनाए जाए।

समूहों का बैंक में खाता कब और कैसे खोला जाता हैं?

उ. जैसे ही स्वयं सहायता समूह का गठन होगा तथा समूह कुछ बैठक कर लेगा, वह अपने पास के चयनित बैंक शाखा में या नजदीकी सीबीएस शाखा में या नजदीकी सीबीएस शाखा (जिसे बाद में नोडल शाखा के रूप में चयनित किया जा सकता है)  में खाता खोल सकता है। यह बहुत  जरूरी है कि स्वयं सहायता समूह अपने पैसे तथा बचत को सुरक्षित रखे तथा साथ ही समूह के लेन-देन में पारदर्शिता को बनाए। बैंक में बचत खाता खोलना वास्तव में समूह तथा बैंक में बचत खाता खोलना वास्तव ने समूह तथा बैंक के बीच एक रिश्त्ते की शूरूआत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में आदेश दिया है कि सभी बैंक पंजीकृत या अपंजीकृत स्वयं सहायता समूहों का बचत खाता खोलें।
समूह के बचत खाता खोलने के लिए निम्न कागजातों की आवश्यकता होगी:-

समूह की ओर से पारित एक प्रस्ताव जिसमें समूह का खाता खोलने तथा खाता को संचलित करने वाले सदस्यों का नाम हो।

समूह के कार्यकारिणी तथा प्रबंध समिति या उनके प्रतिनिधि के उन सदस्यों का फोटो जो समूह के खाते का संचालन करेंगे।

खाते का संचालन करने वाले सदस्यों का फोटो पहचान पत्र तथा आवासीय प्रमाण पत्र।

समूह के सदस्यों का एक सामूहिक फोटो।

यदि शाखा प्रबंधक को जरूरत पड़ती है तो समूह का नियम कानून तथा खाता बही दिखाने को बोल सकते हैं।

जेनेरिक आधार को बनाये पार्टनर, पाये अपना रोजगार, कमाई होगी लाखो में, करे यू आवेदन

 जेनेरिक आधार को बनाये पार्टनर, पाये अपना रोजगार,
कमाई होगी लाखो में, करे यू आवेदन

जब से कोरोना आय़ा है तब से लोगों के सामने रोजगार की चुनौतियां बरकरार हैं। आज भी लोग रोजगार को लेकर काफी परेशान हैं। फिर चाहे वे नौकरी कर रहे हैं या फिर कारोबार। यदि आपके सामने भी ऐसी चुनौति है तो यह खबर आपके काफी काम आएगी। दरअसल एक मेडिकल स्टार्टअप है, जो लोगों को कमाई का मौका दे रहा है।

अहम बात यह है कि इस स्टार्टअप में देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने निवेश किया हुआ है। इस मेडिकल स्टार्टअप का नाम है जेनेरिक आधार। जानते हैं कि कैसे जेनेरिक आधार लोगों को कमाई का मौका दे रही है।

जेनेरिक आधार दे रही फ्रेंचाइजी
जेनेरिक आधार एक जेनेरिक दवाओं का स्टार्टअप है। ये स्टार्टअप लोगों को फ्रेंचाइजी लेने का मौका दे रही है। आप इस कंपनी क फ्रेंचाइजी लेकर तगड़ी कमाई कर सकते हैं। एक बार पैसा लगा कर कोई भी मेडिकल स्टोर खोल सकता है। मेडिकल स्टोर से तगड़ी कमाई की जा सकती है। जेनेरिक आधार से कोई भी फ्रेंचाइजी ले सकता है। ये कंपनी 1000 तरह की दवाएं आपको देगी, जो सारी की सारी जेनेरिक होंगी। इन पर 80 फीसदी तक डिस्काउंट होता है, जो ग्राहकों के लिए काफी फायदेमंद होता है।

कितना करना होगा निवेश
यदि आप जेनेरिक आधार के पार्टनर बनना चाहते हैं तो आपको सिर्फ 1 बार पैसा लगाना होगा। आपको 1 लाख रु में इस स्टार्टअप की फ्रेंचाइजी मिल जाएगी। बात करें मुनाफे की तो जेनेरिक आधार पर फ्रेंचाइजी लेने वालों को दवाओं पर 40 फीसदी तक का मार्जिन देगी। आम तौर पर बड़ी दवा कंपनियां इसका आधा या उससे भी कम मार्जिन देती हैं, जिससे मुनाफा कम रह जाता है।

कंपनी दिलाएगी ऑर्डर
यदि आपके शहर में दवाओं का कोई ऑर्डर जेनेरिक आधार के पास आता है तो ये ऑर्डर कंपनी आपको दिलाएगी। कंपनी ने अपने कुछ रिटेलर्स की जानकारी दी है, जो हर महीने 10 लाख रु तक कमा रहे हैं। वैसे मेडिकल स्टोर के लिए जरूरी है कि आपकी लोकेशन अच्छी हो। दूसरे अलग-अलग शहरों का भी कमाई पर असर पड़ता है। जेनेरिक आधार की फ्रेंचाइजी पहले से अपना मेडिकल स्टोर चलाने वालों के अलावा नया स्टोर शुरू करने वालो को भी मिल सकती है।

जानिए आवेदन का प्रोसेस
इसके लिए कंपनी की वेबसाइट (https://genericaadhaar.com) पर जाएं। यहां पहुंच कर बिजनेस अपॉर्च्युनिटीज ऑप्शन पर क्लिक करें। इस पर क्लिक करने से एक फॉर्म खुलेगा। ज्यादा जानकारी के लिए आप इस लिंक (https://genericaadhaar.com/franchise-opportunities.php) पर भी जा सकते हैं। यहां आपको अपनी सारी डिटेल दर्ज करनी होगी। इनमें नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और शहर आदि शामिल हैं।

डायरेक्ट कॉल करें
फ्रेंचाइजी के मामले में अधिक जानकारी के लिए आप सीधे कॉल कर सकते हैं।
इनमें पश्चिम भारत के लिए +91 9653373636,
उत्तर भारत के लिए +91 9653373640,
पूर्वी भारत के लिए +91 9653373641 और
दक्षिण भारत के लिए +91 9653373639 नंबर है।

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार सिटी मास्टर फ्रैंचाइज़ी के लिए
आप +91 9653373639 पर कॉल कर सकते हैं।
फार्मा सेक्टर ने कोरोना काल में काफी तरक्की की है। किसी के लिए यह बिजनेस अच्छे मुनाफे का हो सकता है।

मोदी सरकार की एक और सौगात, मासिक पेंशन हुई 10 हजार

मोदी सरकार की एक और सौगात, मासिक पेंशन हुई 10 हजार


60 साल की उम्र तक आते-आते लोग अपनी जमा पूंजी किसी सेफ और सिक्योर स्कीम में लगाकर बेहतर रिटर्न की जुगत में रहते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana) ऐसे बुजुर्गों के लिए रामबाण साबित हो रही है। इस योजना की खास बात ये है कि 60 की उम्र वाला एक मुश्त राशि जमा करता है तो तुरंत पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। 10 साल बाद उसे मूलधन वापस कर दिया जाता है।

ये पेंशन भी आपको 10 साल तक ही लगातार मिलती है। इसमें ब्याज दर एफडी के मुकाबले ज्यादा दिया जाता है जिसकारण से ये योजना काफी पापुलर हो रही है।

इस योजना का लाभ इसलिए भी है कि 10 साल बाद यदि आप पैसा किसी दूसरे मद में लगाना चाहते हैं तो आप स्वतंत्र हैं। इस योजना की अवधि खत्म हो गई थी जिसे सरकार ने बढ़ाकर अब 31 मार्च 2023 तक कर दिया है। यानी 31 मार्च 2023 तक निवेश करने पर इस योजना का लाभ अगले 10 के लिए लिया जा सकता है। इस योजना में मूलधन सेफ रहता है। इस निवेश करने पर इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है। हालांकि मिलने वाला रिटर्न छूट के दायरे से बाहर है। फिलहाल इसमें ब्याज दर 7.4 फीसदी है।

जानिए कैसे मिलेंगे हर माह 10 हजार रुपए:
इस योजना में आप यदि अपनी गढ़ी कमाई से होने वाली सेविंग्स के 15 लाख निवेश करते हैं तो आपको हर माह 10 हजार रुपए पेंशन के रूप में मिलते हैं। वहीं आपका 15 लाख रुपए अकाउंट में सेफ रहता है। यदि पति-पत्नी दोनों ने मिलकर निवेश किया है और निवेश की रकम 30 लाख रुपए है तो पति-पत्नी दोनों का मिलाकर 20 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे। इस पॉलिसी की अवधि 10 साल की है।

ये जानकारी भी बेहद जरूरी:
इस योजना में 10 साल बाद आपको मूलधन वापस मिल जाता है। यदि पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति की मृत्यु इन 10 सालों के भीतर हो जाती है तो मूलधन नॉमिनी के खते में चला जाता है। योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी चाहिए तो फोन नंबर पर 022-67819281 या 022-67819290 पर कॉल कर सकते हैं। एलआईसी ने इसके लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है।
1800-227-717 नंबर पर फोन करके इस योजना से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं। इस योजना पर लोन भी ले सकते हैं: इस पॉलिसी के माध्यम से खरीद मूल्य पर 75% तक का लोन भी प्राप्त किया जा सकता है। यह लोन सुविधा पॉलिसी अवधि के 3 वर्ष पूरा होने के बाद ही प्राप्त की जा सकती है। इस योजना से खरीद मूल्य का 98% तक की किसी इमरजेंसी के लिए निकासी भी की जा सकती है।

औषधीय पौधों की खेती, रोजगार को आसान बनाये जुड़े इन संस्थानों से ,ये दे रहे अवसर

 औषधीय पौधों की खेती, रोजगार को आसान बनाये जुड़े इन संस्थानों से ,ये दे रहे अवसर

कोरोनाकाल में प्रदूषण और कई गंभीर ​बीमारियों से बचने के लिए नैचुरल प्रोडक्ट्स (Natural Products) और मेडिसीन का बाजार लगातार तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही इनमें लगने वाले नैचुरल प्रोडक्ट्स की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. इसमें लागत तो कम है ही और लंबे समय तक कमाई भी सुनिश्चित होती है.
मेडिसिनल प्‍लांट (Medicinal Plant) की खेती के लिए न तो लंबे-चौड़े फार्म की जरूरत है और न ही इन्‍वेस्‍टमेंट की. इस फार्मिंग के लिए अपने खेत बोने की भी जरूरत नहीं है. इसे आप कॉन्ट्रैक्ट पर भी ले सकते हैं. आजकल कई कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर औषधियों की खेती करा रही है. इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है.

ये कंपनियां करा रही हैं कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग
तुलसी की खेती भी पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ आदि आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां कांट्रेक्‍ट फार्मिंग करा रही हैं. जो फसल को अपने माध्‍यम से ही खरीदती हैं. तुलसी के बीज और तेल का बड़ा बाजार है. हर दिन नए रेट पर तेल और तुलसी बीज बेचे जाते हैं.

जरूरी है ट्रेनिंग
मेडिसिनल प्‍लांट की खेती के लिए जरूरी है कि आपके पास अच्‍छी ट्रेनिंग हो जिससे कि आप भविष्‍य में धोखा न खाएं. लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्‍लांट (सीमैप) इन पौधों की खेती के लिए ट्रेनिंग देता है.

सीमैप के माध्‍यम से ही दवा कंपनियां आपसे कांट्रेक्‍ट साइन भी करती हैं, इससे आपको इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा.
कुछ पौधों को छोटे-छोटे गमलों में उगाए जा सकते हैं

ज्‍यादातर हर्बल प्‍लांट (Herbal Plants) जैसे तुलसी, आर्टीमीसिया एन्‍नुआ, मुलैठी, एलोवेरा आदि बहुत कम समय में तैयार हो जाते हैं. इनमें से कुछ पौधों को छोटे-छोटे गमलों में भी उगाए जा सकते हैं.

इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है. इन दिनों कई ऐसी दवा कंपनियां देश में है जो फसल खरीदने तक का कांट्रेक्‍ट करती हैं, जिससे कमाई सुनिश्चित हो जाती है.

3 लाख की होगी कमाई
आमतौर पर तुलसी को धार्मिक मामलों से जोड़कर देखा जाता है लेकिन, मेडिसिनल गुण वाली तुलसी की खेती से कमाई की जा सकती है. तुलसी के कई प्रकार होते हैं, जिनसे यूजीनोल और मिथाईल सिनामेट होता है. इनके इस्‍तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं बनाई जाती हैं. 1 हेक्‍टेयर पर तुलसी उगाने में केवल 15 हजार रुपए खर्च होते हैं लेकिन, 3 महीने बाद ही यह फसल लगभग 3 लाख रुपए तक बिक जाती है.

अब ऋण लेने हुआ आसान, कम ब्याज त्वरित कार्यवाही से 5 लाख तक के ऋण प्रदान कर रहे ये बैंक


 अब ऋण लेने हुआ आसान, कम ब्याज त्वरित कार्यवाही से 5 लाख तक के ऋण प्रदान कर रहे ये बैंक

 कोरोना महामारी के बीच कई सरकारी के बैंकों ने घोषणा की थी कि वे 5 लाख रुपये तक के कोलैटरल फ्री पर्सनल लोन (Personal Loans) प्रदान करेंगे. यह लोगों को कोविड-19 से संबंधित इलाज के लिए मेडिकल खर्चों में मदद करने के लिए पेश किया गया था. यह मई की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित कोविड -19 राहत उपायों (Covid-19 Relief Measures) का भी हिस्सा था. इस लोन योजना के तहत 25 हजार से 5 लाख रुपये की पेशकश की जा रही है. लोन को चुकाने की अवधि पांच साल है और बैंक इसके लिए कोई
प्रोसेसिंग फीस नहीं लेंगे.
तीन से छह महीने का लोन मोराटोरियम
अलग-अलग बैंकों में तीन से छह महीने का लोन मोराटोरियम भी है.

लोन एक रियायती दर पर आता है जो वेतनभोगी, गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों और यहां तक ​​कि पेंशनभोगियों के लिए 6.85 फीसदी से शुरू होता है. यह लोन कोलैटरल फ्री है यानी कि बिना किसी गवाह या सिक्योरिटी के लोन दिया जाएगा. इसका उपयोग स्वयं या परिवार के सदस्यों के लिए किया जा सकता है.

किसे मिलेगा यह लोन
इस लोन का फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं. बैंक को आपकी कोविड -19 स्टेट्स के प्रमाण की आवश्यकता होगी जो बताए कि आपका टेस्ट पॉजिटिव हुआ है. आपको पैसे के उपयोग के लिए एक अंडरटेकिंग भी देना होगा कि यह वास्तव में कोविड-19 इलाज के लिए है. बैंक के वे ग्राहक इसका लाभ उठा सकते हैं जिन्होंने पिछले 12 महीनों से वेतन प्राप्त किया है. बैंक से रिटेल लोन लेने वाले भी इस लोन के लिए योग्य हो सकते हैं. गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए नियमित रूप से दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न के साथ बैंक के साथ एक सेविंग या करंट अकाउंट बनाए रखना होगा.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
स्टेट बैंक की लोन स्कीम के तहत 25 हजार से 5 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. लोन पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. लोन को चुकाने की अवधि 5 साल है.

पंजाब नेशनल बैंक
पंजाब नेशनल बैंक 'PNB Sahyog RIN COVID' के ब्रांड बैनर के तहत कोविड-19 के इलाज के लिए लोन प्रदान करता है. यह लोन केवल बैंक के साथ वेतनभोगी व्यक्तियों को पेश किया जाता है, जिन्हें पिछले 12 महीनों से वेतन मिल रहा हो. लोन पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. अधिकतम छह महीने के वेतन के औसत से छह गुना लोन मिल सकेगा. हलांकि यह 3 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगी.

बैंक ऑफ बड़ौदा
जिन लोगों ने पहले बैंक से लोन लिया है वे इस लोन के लिए आवेदन करने के पात्र हैं. ऐसे ग्राहक जो कम से कम छह महीने से बैंक के साथ रिलेशनशिप हैं या पिछले 3 महीनों से नियमित इंस्टॉलमेंट दे रहे हों, वे भी पात्र हैं.

बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया भी केवल बैंक के मौजूदा ग्राहकों और उन लोगों को लोन प्रदान करता है जिनके पास बैंक के साथ मौजूदा पर्सनल या हाउसिंग लोन हो. लोन पर 6.85 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. छह महीने की लोन मोराटोरियम साथ लोन को चुकाने की अवधि 3 साल है.

यूनियन बैंक
बैंक ग्राहकों को 8.5 फीसदी ब्याज दर के साथ अधिकतम पांच साल की अवधि के लिए लोन की पेशकश कर रहा है.

केनरा बैंक
यह बैंक 'Suraksha Personal Loan' के नाम से लोन प्रदान करता है. यह कोविड -19 मेडिकल लोन के समान कार्य करता है. इसके तहत 25 हजार से लेकर अधिकतम 5 लाख रुपये का लोन मुहैया कराया जाएगा. इसमें छह महीने की लोन मोराटोरियम भी है.

आजकल माताये बहने फैशन के चलते कैसा अनर्थ कर रही है पुरा पढें


 🕉️ स्त्रियों के बाल सुंदरता और सौभाग्य का प्रतीक वही खुले बाल , शोक और अशुद्दि की निशानी

यत्र नार्येषु पूजतः रमन्ते तत्र देवताः

आजकल माताये बहने फैशन के चलते कैसा अनर्थ कर रही है पुरा पढें
     
रामायण में बताया गया है, जब देवी सीता का श्रीराम से विवाह होने वाला था, उस समय उनकी माता सुनयना ने उनके बाल बांधते हुए उनसे कहा था, विवाह उपरांत सदा अपने केश बांध कर रखना।

बंधे हुए लंबे बाल आभूषण सिंगार होने के साथ साथ संस्कार व मर्यादा में रहना सिखाते हैं।

ये सौभाग्य की निशानी है ,  
एकांत में केवळ अपने पति के लिए इन्हें खोलना।

हजारो लाखो वर्ष पूर्व हमारे ऋषि मुनियो ने शोध कर यह अनुभव किया कि सिर के काले बाल को पिरामिड नुमा बनाकर सिर के उपरी ओर या शिखा के उपर रखने से वह सूर्य से निकली किरणो को अवशोषित  करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है। जिससे चेहरे की आभा चमकदार , शरीर सुडौल व बलवान होता है।

यही कारण है कि गुरुनानक देव व अन्य सिक्ख गुरूओ ने बाल रक्षा के असाधारण महत्त्व को समझकर धर्म का एक अंग ही बना लिया। लेकिन वे कभी भी बाल को खोलकर नही रखे ,

ऋषी मुनियो व साध्वीयो ने हमेशा बाल को बांध कर ही रखा। भारतीय आचार्यो ने बाल रक्षा का प्रयोग , साधना काल में ही किया इसलिय आज भी किसी लंबे अनुष्ठान , नवरात्री पर्व , श्रावण मास , तथा श्राद्ध पर्व आदि में नियम पूर्वक बाल रक्षा कर शक्ति अर्जन किया जाता है।

महिलाओं के लिए केश सवांरना अत्यंत आवश्यक है उलझे एवं बिखरे हुए बाळ अमंगलकारी कहे गए है। -  कैकेई का कोपभवन में बिखरे बालों में रुदन करना और अयोध्या का अमंगल होना।

पति से वियुक्त तथा शोक में डुबी हुई स्त्री ही बाल खुले रखती है --- जैसे अशोक वाटिका में सीता

रजस्वला स्त्री , खुले बाल रखती है ,जैसे ---
चीर हरण से पूर्व द्रोपदी , उस वक्त द्रोपदी रजस्वला थी ,जब दुःशासन खींचकर लाया
तब द्रोपदी ने प्रतीज्ञा की थी कि-- मैं अपने बाल तब बाँधुंगी जब दुःसासन के रक्त से धोऊँगी ---

जब रावण देवी सीता का हरण करता है तो उन्हें केशों से पकड़ कर अपने पुष्पक विमान में ले जाता है।  अत: उसका और उसके वंश का नाश हो गया।

महाभारत युद्ध से पूर्व कौरवों ने द्रौपदी के बालों पर हाथ डाला था, उनका कोई भी अंश जीवित न रहा।

कंस ने देवकी की आठवीं संतान को जब बालों से पटक कर मारना चाहा तो वह उसके हाथों से निकल कर महामाया के रूप में अवतरित हुई।

कंस ने भी अबला के बालों पर हाथ डाला तो उसके भी संपूर्ण राज-कुल का नाश हो गया।।

सौभाग्यवती स्त्री के बालों  को सम्मान की निशानी कही गयी है।
दक्षिण भारतीय की कुछ महिलाएं मनन्त - संकल्प आदि के चलते बाळा जी  में केश मुंडन करवा लेती हैं ।

लेकिन भारत के अन्य क्षेत्रो में ऐसी कोई प्रथा नहीं है । कोई महिला जब विधवा हो जाती हैं तभी उनके बाल छोटे करवा दिए जाते हैं। या जो विधवा महिलाये  अपने पति के अस्थि विसर्जन को तीर्थ जाती है। वे ही बाल मुंडन करवाती है अर्थात विधवा ही मुण्डन करवाती हैं , सौभाग्यवती नहीं।

गरुड पुराण के अनुसार बालों में काम का वास रहता है |  बालों का बार बार स्पर्श करना दोष कारक बताया गया है। क्योकि बालों को अशुध्दी माना गया है इसलिय कोई भी जप अनुष्ठान ,चूड़ाकरण , यज्ञोपवीत, आदि-२ शुभाशुभ कृत्यों में क्षौर कर्म कराया जाता है  तथा शिखाबन्धन कर पश्चात हस्त प्रक्षालन कर शुद्ध किया जाता है।

दैनिक दिनचर्या में भी स्नान पश्चात बालों में तेल लगाने के बाद उसी हाथ से शरीर के किसी भी अंग में तेल न लगाएं हाथों को धो लें।

भोजन आदि में बाल आ जाय तो उस भोजन को ही हटा दिया जाता है।

 मुण्डन या बाळ कटाने के बाद शुद्ध स्नान आवश्यक बताया गया है। बडे यज्ञ अनुष्ठान आदि में मुंडन तथा हर शुद्धिकर्म में सभी बालो (शिरस्, मुख और कक्ष) के मुण्डन का विधान हैं ।

बालों के द्वारा बहुत सा तन्त्र क्रिया होती है जैसे वशीकरण यदि कोई स्त्री खुले बाल करके निर्जन स्थान या... ऐसा स्थान जहाँ पर किसी की अकाल मृत्यु हुई है.. ऐसे स्थान से गुजरती है तो अवश्य ही प्रेत बाधा का योग बन जायेगा.।।

वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से महिलाये खुले बाल करके रहना चाहते हैं, और जब बाल खुले होगें तो आचरण भी स्वछंद ही होगा।भारतीय महिलाओ में भी इस फैशन रुपी कुप्रथा का प्रवाह शुरु हो चुका है।

अनेक वैज्ञानिको  जैसे इंग्लैंड के डॉ स्टैनले हैल , अमेरिका के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ गिलार्ड थॉमस आदि ने पश्चिम देश के महिलाओ  की बडी संख्या पर निरीक्षण के आधार पर लिखा कि केवल 4 प्रतिशत महिलाय ही शारीरिक रूप से पत्नी व माँ बनने के योग्य है शेष 96 प्रतिशत स्त्रिया , बाल कटाने के कारण पुरुष भाव को ग्रहण कर लेने के कारण माँ बनने के लिये अयोग्य है  

हिन्दू ऋषियों द्वारा किये वैज्ञानिक आविष्कार


 हिन्दू ऋषियों द्वारा किये वैज्ञानिक आविष्कार

हिन्दू धर्म कितना पुराना हैं ये तो किसी को भी ज्ञात नहीं पर यह ज़रूर कहा जाता हैं कि सबसे सनातन धर्म हैं और कई सदियों से चले आ रहे इस धर्म को मानने वाले कई ऐसे व्यकित भी हुए जिन्हें हम ऋषि-मुनि कहते हैं ।
आज की ज़ुबान में इन ऋषि-मुनियों को वैज्ञानिक कहा जाता हैं ।

इन ऋषियों के द्वारा पुरातन काल में कई ऐसे अविष्कार हुए जो दुनिया में पहले किसी ने नहीं किये ।

आज हम ऐसे ही हिन्दू ऋषियों द्वारा किये वैज्ञानिक अविष्कार के बारे में बात करेंगे ।

1. ऋषि पतंजलि-

हम सब ने पतंजलि का नाम ज़रूर सुना हैं । बाबा रामदेव द्वारा चलाई जाने वाली एक योग संस्था जो कि हरिद्वार में स्थित हैं । लेकिन ये पतंजलि वह संस्था नही बल्कि ऋषि पतंजलि हैं जिन्होंने ने “योगशास्त्र” लिखा था । आज पुरे विश्व में जिस योग की क्रांति हुई है, वह ऋषि पतंजलि का ही अविष्कार हैं ।

2. आचार्य चरक-

आचार्य चरक के द्वारा ही “चरकसंहिता” लिखी गयी थी । चरक संहिता को “आयुर्वेदग्रन्थ” के नाम से भी जाना जाता हैं ।

3. महर्षि सुश्रुत-

महर्षि सुश्रुत को शल्यचिकित्सा का आविष्कारक माना जाता हैं । शल्य चिकित्सा को सर्जरी भी कहा जाता हैं । महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखे गए “सुश्रुतसंहिता” में उन्होंने करीब 300 तरह की शल्य क्रिया का उल्लेख किया हैं । उनके द्वारा ही सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और उन के उपयोग की विधि महर्षि सुश्रुत द्वारा ही लिखी गयी थी ।

4. आचार्य कणाद-

आचार्य कणाद को “परमाणुशास्त्र” का रचयिता माना जाता हैं । इनके द्वारा ये पता लगाया गया था कि द्रव्य यानि लिक्विड के भी परमाणु होते हैं ।

5. आचार्य विश्वामित्र-

वैसे तो आचार्य विश्वामित्र अपने मेनका प्रसंग के लिय बहुचर्चित हैं पर इनके द्वारा प्रक्षेपात्र यानि मिसाइल का अविष्कार किया गया था । आचार्य विश्वामित्र ने यह विद्या भगवान् शिव से प्राप्त की थी ।

6. आचार्य भारद्वाज-

हवाई जहाज के अविष्कार की बात जब भी हो तो राईट बंधू का नाम लिया जाता हैं । लेकिन विमान निर्माण के पीछे के पूरी खोज आचार्य भारद्वाज द्वारा लिखे गए “विमानशास्त्र” में कई सदी पहले ही कर दी गयी थी ।

7. गर्ग मुनि-

जब ग्रह-नक्षत्रों की बात आती हैं तो हम ज्योतिषियों के पास जाते हैं पर इस पूरी विद्या के पीछे गर्ग मुनि द्वारा लिखे गए नक्क्षत्र विद्या का शास्त्र हैं । जिसे स्वयं गर्ग मुनि ने लिखा था ।

8. भास्कराचार्य-

आप ने “सिद्धांत शिरोमणि” सुना हैं? शायद ही सुना होगा । लेकिन गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत ज़रूर सुना होगा जिसे न्यूटन के सिद्धांत के नाम से ज्यादा जाना जाता हैं । लेकिन “सिद्धांत शिरोमणि” में भास्कराचार्य ने पहले ही इस सिद्धांत की व्याख्या कर दी थी जिसमें कहा गया था कि “आकाश से प्रथ्वी की ओर आने वाली कोई भी वस्तु गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे ही आएगी” इस सिद्धांत को स्वयं आचार्य ने लिखा था ।

9. बौद्ध्यन ऋषि-

बौद्ध्यन ऋषि ने त्रिकोणमिति का सिद्धांत का अविष्कार किया था । जिसे आज पईथागोरस प्रमेय के नाम से ज्यादा जाना जाता हैं ।

10. आचार्य चाणक्य-

चाणक्य को हम सभी अखंड भारत के रचियता के रूप में पहले से जानते हैं लेकिन आज हम जिस ‘अर्थशास्त्र” को पढ़ते हैं उसकी रचना स्वयं आचार्य चाणक्य ने की ।

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हां बिल्कुल कर सकते हैं मैं जो लिंक दे रहा हूं इस लिंक में मेरा मोबाइल नंबर हटाके उसका नंबर डाल दो जिससे चैट करनी है। बिना सेव किए ही ये नंबर तुम्हें उस व्हाट्सएप पर ले जायेगा:

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