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गुरुवार, 25 अक्तूबर 2012

आप भी अपने बच्चों को विदेशी कंपनियों द्वारा निर्मित Bournvita, Horlicks, Complan, Boost जैसे हैल्थ टॉनिक पिला रहे हैं तो कृपया एक बार इसे अवश्य पढ़ें....!!

आप भी अपने बच्चों को विदेशी कंपनियों द्वारा निर्मित Bournvita, Horlicks, Complan, Boost जैसे हैल्थ टॉनिक पिला रहे हैं तो कृपया एक बार इसे अवश्य पढ़ें....!!

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की एक रिपोर्ट के अनुसार जब Bournvita का प्रयोगशाला में परिक्षण किया गया तो पोषक तत्वों की मात्रा गुड- मूंगफली की पट्टी से भी कम पायी गयी तथा इसकी निर्माण सामग्री का आधार मूंगफली की खल को बताया गया। खल वह बचा कु
चा कचरा है जो मूंगफली का तेल निकलने के बाद बचता है जिसे गांवों में जानवरों को खिलाया जाता है।

यदि आप दूध के साथ गुड-मूंगफली की एक पट्टी खाते हैं तो आपको उसमे इतना प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व मिलते हैं, जितने 1 किलो Bournvita के डब्बे में नहीं मिल सकते और इस कचरे को यह विदेशी कंपनिया प्रचार के माध्यम से 250-300 प्रति किलो बेच रही हैं, जिनमें पोषक तत्वों की मात्रा नाम मात्र भी नहीं है।

ऐसा ही एक दूसरा उत्पाद है Horlicks यह कोई आसमान उतरा नया उत्पाद नहीं बल्कि जौं और चने का सत्तू ही है जिसे अंग्रेजी नाम के साथ बेचा जा रहा है और पढ़े लिखे मूर्ख लोग 35 रुपये किलो में उपलब्ध जौं- चने का सत्तू नहीं खरीदते बल्कि 200-250 अंग्रेजी नाम से बिक रहा सत्तू खरीद लाते हैं सिर्फ इसलिए क्योंकि सत्तू का प्रचार नहीं होता।

यह जितने भी हैल्थ टॉनिक भारत में बिक रहे हैं, इन सबमें 1 केले के बराबर पोषक तत्व नहीं होते, तभी टेनिस के सभी खिलाडी विराम के समय कोई हैल्थ टॉनिक नहीं लेते सिर्फ केला खाते हैं। यह इस देश का दुर्भाग्य है की हर साल भारत में 2000 करोड़ रुपये के हैल्थ टॉनिक बिक जाते हैं जिनमे 2 पैसे के भी पोषक तत्व नहीं होते हैं।

कृपया अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें :
http://www.youtube.com/watch?v=G-QiZu1_HJk

सेंधा नमक

सेंधा नमक ----------
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= नमक हमारे शरीर के लिये बहुत जरूरी है। इसके बावजूद हम सब घटिया किस्म का नमक खाते है। यह शायद आश्चर्यजनक लगे , पर यह एक हकीकत है ।
= नमक विशेषज्ञ एन के भारद्वाज का कहना है कि भारत मे अधिकांश लोग समुद्र से बना नम
क खाते है । श्रेष्ठ प्रकार का नमक सेंधा नमक है, जो पहाडी नमक है ।

= प्रख्यात वैद्य मुकेश पानेरी कहते है कि आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है।आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप का भय रहता है । इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है । इसकी शुध्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है ।

= सेंधा नमक की सबसे बडी समस्या है कि भारत मे यह काफ़ी कम मात्रा मे होता है , और वह भी शुद्ध नही होता है। भारत मे ८० प्रतिशत नमक समुद्री है, १५ प्रतिशत जमीनी और केवल पांच प्रतिशत पहाडी यानि कि सेंधा नमक । सबसे अधिक सेंधा नमक पाकिस्तान की मुल्तान की पहडियों मे है।

= ऐतिहासिक रूप से पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को 'सेंधा नमक' या 'सैन्धव नमक' कहा जाता है जिसका मतलब है 'सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ'। अक्सर यह नमक इसी खान से आया करता था। सेंधे नमक को 'लाहौरी नमक' भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापारिक रूप से अक्सर लाहौर से होता हुआ पूरे उत्तर भारत में बेचा जाता था।

= समुद्री और सेंधा नमक के दाम मे इतना अधिक अंतर है जिसके कारण लोग समुद्री नमक खरीद्ते हैं । समुद्री नमक जहां नौ रु किलो है तो सेंधा नमक का दाम रु ४० प्रति किलो है । सेंधा नमक समुद्री नमक से कम नमकीन होता है । साफ़ है कि इसका अधिक उपयोग करना पडता है ।और इसीलिये लाख उपयोगी होने के बावजूद लोग इसकी जगह समुद्री नमक से ही चला लेते है । पर अगर उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियाँ हुई तो इसके इलाज में जो हज़ारो रुपये खर्च होंगे ; इसकी तुलना में दाम का ये फर्क कुछ भी नहीं ।

= सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।

= यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है । सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है।

= यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं।

= रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

= यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है ।

= दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है ।

सेंधा नमक के विशिष्ठ योग

= हिंगाष्ठक चूर्ण, लवण भास्कर और शंखवटी इसके कुछ विशिष्ठ योग हैं ।

= नमक आवश्यक है पर उसे कम से कम मात्रा में खाना चाहिए ।

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