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शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

शिष्यों के लिए सबसे बड़ा दिन "गुरुपूर्णिमा

शिष्यों के लिए सबसे बड़ा दिन "गुरुपूर्णिमा"
⛳भारत में अनादिकाल से गुरु-शिष्य परम्परा चली आ रही है । आज कौन इस बात से अवगत नहीं है कि भारत में गुरुपूर्णिमा पर्व गुरु और शिष्य के आत्मिक सम्बन्ध और प्रेम का पर्व है ।

🌹भगवान राम और भगवान कृष्ण के भी गुरु थे । तो हम सबकी क्या बात है । भगवान् रामजी के गुरु वशिष्ठ जी महाराज और भगवान् कृष्ण के गुरु सांदीपक ऋषि हैं ।

🌹लेकिन आज भारत देश में देखा जाय तो उन्ही संतों पर आघात किया जा रहा है, अत्याचार किया जा रहा है, जिन संतों ने हमेशा देश का मंगल चाहा है । जो भारत का उज्जवल भविष्य देखना चाहते हैं । ऐसे ब्रह्मवेत्ता सतगुरु जो मानव मात्र का कल्याण चाहते हैं वो तो जीव को ब्रह्म बनाना चाहते हैं ।

⛳लेकिन उन्ही संतों को टारगेट किया जा रहा है -- क्यों ??
क्यों कि भारत देश की गरीमा को मार गिराना है । भारतीय संस्कृति को खत्म करना है ।

💥कौन मारेगा ?? क्यों मारेगा ??

⛳भारत को गुलाम देखने वाले लोग मारेंगे ।
क्यों मारेंगे ??
क्यों कि
भारत के अस्तित्व को मिटाना है । सनातन संस्कृति को मिटाना है ।

💥मिश्र, यूनान, रोमाँ आदि संस्कृतियों को खत्म किया जा चुका है लेकिन अब भारत की संस्कृति पर वार किया जा रहा है ।
और ये कैसे मिटेगी ??
कि संतो को खत्म कर दिया तो भारतीय संस्कृति खतरे में पड़ जायेगी ।
💥लेकिन....

⛳युनानों, मिश्र, रोमां, सब मिट गये इस जहां से ।
अब तक मगर है बाकी, नामों निशाँ हमारा ।।
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी ।
सदियों रहा है दुश्मन, दौरे जहां हमारा ।।

⛳आज भारत में थोड़ी बहुत जो सुख-शांति, चैन- अमन और सुसंस्कार बचे हुए हैं तो वो संतों के कारण ही है और संतों, गुरुओं को चाहने और मानने वाले शिष्यों के कारण ही है ।
⛳आज भारत को अध्यात्मिक देश माना जाता है तो वह गुरु-परम्परा के कारण ही माना जाता है ।

⛳लेकिन उन्ही संतों पर "मीडिया" और क्रिश्चन मिशनरीज़ द्वारा षड़यंत्र करके भारत वासियों की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।
मैकाले ने इस पर सबसे पहला वार किया था ।

⛳"भारतवासियों को ही गुमराह करके संतों के प्रति भारतवासियों की आस्था को तोड़ा जा रहा है ।"

💥लेकिन आज नासमझ हिन्दू इस बात से नादान हो रहें है । मीडिया विदेशों से पैसा लेकर संतों को बदनाम कर रही है । कानून भी ऐसे बना दिए गए हैं कि संतों के विरुद्ध ही कार्यवाही चल पड़े ।
💥लेकिन कौन आवाज उठायेगा झूठे कानून के प्रति ..??
💥कौन आवाज उठायेगा मीडिया के प्रति ..??

💥बस मिडिया भी उन्ही लोगों को मुर्ख बना पाई जो पहले से ही मुर्ख थे ।

💥उनकी बुद्धि मिशनरियों द्वारा मारी जा चुकी है । कॉन्वेंट स्कूलों की पढ़ाई ने सबका दिमाग कचरे से भर दिया है । भारत में बसे कान्वेंट स्कूल, विदेशी मीडिया, ईसाई धर्मान्तरण आदि भारत में खुल्ले आम चल रहे हैं ।

💥लेकिन सबका मुहँ उनके खिलाफ आवाज उठाने को बंद है ।

💥कौन बोलेगा .....???
क्यों बोलेगा .......????

💥सबको तो अपनी PERSONAL LIFE से मतलब है । बस खा-पीके मर जाओ, दफ़न हो जाओ ।

💥हो गया हमारा जीवन पूरा ।।

✊ सोते रहो हिंदुओं ✊

27 जुलाई 2018 गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण

जय माता दी

*27 जुलाई 2018 गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का विवरण जानें*

गुरु पूर्णिमा पर रहेगा खग्रास चंद्रग्रहण, *दोपहर 2:54* से शुरू हो जाएगा सूतक, इसलिए बंद हो जाएंगे मंदिरों के पट, पहले ही गुरु पूजा करना होगा फलदायी

. गुरु पूर्णिमा पर शिष्य गुरुओं की दोपहर तक ही पूजा कर सकेंगे। यह सब खग्रास चंद्रग्रहण पडऩे के कारण होगा। ग्रहण का सूतक काल *दोपहर 2 बजकर 54 मिनट* से शुरू हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। गुरु भी ध्यान, जप, तप, साधना आदि में लीन हो जाएंगे।

गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की स्थिति कई सालों के बाद बन रही है। गुरु पूर्णिमा *27 जुलाई 2018* को मनाई जाएगी। ग्रहण उत्तरा अषाढ़ और श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में होगा। यह साल का दूसरा खग्रास चंद्रग्रहण होगा, जो पूरे देश में दिखाई देगा।

चंद्रग्रहण शुरू होने के तीन प्रहर अर्थात 9 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाता है। यह दोपहर बाद से ग्रहण समाप्ति के बाद तक रहेगा। ग्रहण की अवधि 3 घंटा 55 मिनट रहेगी। ज्योतिषियों का कहना है कि इस सदी में यह सबसे लंबी अवधि वाला चंद्रग्रहण है, जो कई अनुसंधान का विषय भी बनेगा।

18 साल बाद बना ऐसा संयोग
गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण की स्थिति 18 साल बाद बनी है। ज्योतिषाचार्य  इसके पहले गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की स्थिति 16 जुलाई 2000 में बनी थी। इसके बाद इस साल इस तरह की स्थिति बन रही है। ग्रहण के दौरान प्रतिमा स्पर्श, पूजा पाठ के साथ भोजन और शयन करना वर्जित माना गया है।

*चंद्र ग्रहण और सूतक का समय*

चंद्र ग्रहण का समय: 27 जुलाई *रात्रि 11.54.26 PM से 28 जुलाई रात्रि 03.48.59 AM* बजे तक.

की कुल अवधि: 03 घंटे 54 मिनट 33 सेकेंड

सूतक काल प्रारंभ: 27 जुलाई, दोपहर *02.54.00PM* बजे

*ग्रहण में क्या करें, क्या न करें?*

1.चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय संयम रखकर जप-ध्यान करने से  गुना फल होता है।

2.श्रेष्ठ साधक उस समय उपवासपूर्वक ब्राह्मी घृत का स्पर्श करके ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का आठ हजार जप करने के पश्चात ग्रहणशुद्धि होने पर उस घृत को पी ले। ऐसा करने से वह मेधा (धारणशक्ति), कवित्वशक्ति तथा वाक् सिद्धि प्राप्त कर लेता है।

3.सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य  अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक ‘अरुन्तुद’ नरक में वास करता है।

4.सूर्यग्रहण में ग्रहण चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्र ग्रहण में तीन प्रहर (9) घंटे पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं।

5.ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ  दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।

6.ग्रहण वेध के प्रारम्भ में तिल या कुश मिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए और ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए।

7.ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देव-पूजन और श्राद्ध तथा अंत में सचैल (वस्त्रसहित) स्नान करना चाहिए। स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं।

8.ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।

9.ग्रहणकाल में स्पर्श किये हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए।

10.ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

11.ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए। बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए।

12.ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन – ये सब कार्य वर्जित हैं।

13.ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

14.ग्रहण के समय सोने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र, मल त्यागने से कीड़ा, स्त्री प्रसंग करने से सूअर और उबटन लगाने से व्यक्ति कोढ़ी होता है।

15.गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए। तीन दिन या एक दिन उपवास करके स्नान दानादि का ग्रहण में महाफल है, किन्तु संतानयुक्त गृहस्थ को ग्रहण और संक्रान्ति के दिन उपवास नहीं करना चाहिए।

16.भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्यग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है। यदि गंगाजल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदायी होता है।

17.ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम-जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है। ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से बारह वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है।

18.भूकंप एवं ग्रहण के अवसर पर पृथ्वी को खोदना नहीं चाहिए।

चंद्र ग्रहण 27-28 जुलाई 2018 आषाढ़ पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा

🌕🌖🌗🌘🌑

   *चंद्र ग्रहण*
27-28 जुलाई 2018 आषाढ़ पूर्णिमा ( *गुरु पूर्णिमा*) के दिन खग्रास यानी पूर्ण चंद्रग्रहण होने जा रहा है। यह ग्रहण कई मायनों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण सदी का सबसे लंबा और बड़ा चंद्रग्रहण है। इसकी पूर्ण अवधि 3 घंटा 55 मिनट होगी। यह ग्रहण भारत समेत दुनिया के अधिकांश देशों में देखा जा सकेगा। इस चंद्रग्रहण को ब्लड मून कहा जा रहा है क्योंकि ग्रहण के दौरान एक अवस्था में पहुंचकर चंद्रमा का रंग रक्त की तरह लाल दिखाई देने लगेगा।  यह एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा धरती के अत्यंत करीब दिखाई देता है।

*खग्रास चंद्रग्रहण*
यह खग्रास चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा-श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में लग रहा है। इसलिए जिन लोगों का जन्म उत्तराषाढ़ा-श्रवण नक्षत्र और जन्म राशि मकर या लग्न मकर है उनके लिए ग्रहण अशुभ रहेगा। मेष, सिंह, वृश्चिक व मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण श्रेष्ठ, वृषभ, कर्क, कन्या और धनु राशि के लिए ग्रहण मध्यम फलदायी तथा मिथुन, तुला, मकर व कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ रहेगा।

*ग्रहण कब से कब तक*
ग्रहण 27 जुलाई की मध्यरात्रि से प्रारंभ होकर 28 जुलाई को तड़के समाप्त होगा।
*स्पर्श* : रात्रि 11 बजकर 54 मिनट
*सम्मिलन* : रात्रि 1 बजे
*मध्य* : रात्रि 1 बजकर 52 मिनट
*उन्मीलन* : रात्रि 2 बजकर 44 मिनट
*मोक्ष* : रात्रि 3 बजकर 49 मिनट
*ग्रहण का कुल पर्व काल* : 3 घंटा 55 मिनट

*सूतक कब प्रारंभ होगा*
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस खग्रास चंद्रग्रहण का सूतक आषाढ़ पूर्णिमा शुक्रवार दिनांक 27 जुलाई को ग्रहण प्रारंभ होने के तीन प्रहर यानी 9 घंटे पहले लग जाएगा। यानी 27 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट पर लग जाएगा। सूतक लगने के बाद कुछ भी खाना-पीना वर्जित रहता है। रोगी, वृद्ध, बच्चे और गर्भवती स्त्रियां सूतक के दौरान खाना-पीना कर सकती हैं। सूतक प्रारंभ होने से पहले पके हुए भोजन, पीने के पानी, दूध, दही आदि में तुलसी पत्र या कुशा डाल दें। इससे सूतक का प्रभाव इन चीजों पर नहीं होता।

  *ग्रहण काल में क्या सावधानियां रखें*
*ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।

*ग्रहणकाल में सोना नहीं चाहिए। वृद्ध, रोगी, बच्चे और गर्भवती स्त्रियां जरूरत के अनुसार सो सकती हैं। वैसे यह ग्रहण मध्यरात्रि से लेकर तड़के के बीच होगा इसलिए धरती के अधिकांश देशों के लोग निद्रा में होते हैं।

*ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।

*ग्रहणकाल में यात्रा नहीं करना चाहिए, दुर्घटनाएं होने की आशंका रहती है।

*ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।

*ग्रहण को खुली आंखों से न देखें।

*ग्रहणकाल के दौरान महामृत्युंजय मत्र का जाप करते रहना चाहिए।

*गर्भवती स्त्रियां क्या करें*
ग्रहण का सबसे अधिक असर गर्भवती स्त्रियों पर होता है। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती स्त्रियां घर से बाहर न निकलें। बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर नहीं होगा। ग्रहण काल के दौरान यदि खाना जरूरी हो तो सिर्फ खानपान की उन्हीं वस्तुओं का उपयोग करें जिनमें सूतक लगने से पहले तुलसी पत्र या कुशा डला हो। गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान चाकू, छुरी, ब्लेड, कैंची जैसी काटने की किसी भी वस्तु का प्रयोग न करें। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों पर बुरा असर पड़ता है। सुई से सिलाई भी न करें। माना जाता है इससे बच्चे के कोई अंग जुड़ सकते हैं। ग्रहण काल के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करती रहें।

💐 *जय श्री हरि*💐
      🌹सुप्रभात🌹
🌷जय जय अम्बे🌷

आज का पंचांग 27 July 2018

.            ।। 🕉 ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5120
विक्रम संवत्...............2075
शक संवत्..................1940
मास..........................आषाढ़
पक्ष............................शुक्ल
तिथी........................पूर्णिमा
रात्रि 01.49 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि......................दक्षिणायन
सूर्योदय...........05.56.10 पर
सूर्यास्त...........07.10.46 पर
सूर्य राशि.......................कर्क
चन्द्र राशि....................मकर
नक्षत्र....................उत्तराषाढ़ा
रात्रि 12.23 पर्यंत पश्चात श्रवण
योग........................विष्कुम्भ
प्रातः 10.53 पर्यंत पश्चात प्रीती
करण...........................विष्टि
दोप 12.33 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु..............................वर्षा
दिन..........................शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
27 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक......................9
🔯 शुभ रंग...............आसमानी

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 10.54 से 12.33 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.37 से 09.15 तक लाभ
प्रात: 09.15 से 10.54 तक अमृत
दोप. 12.32 से 02.10 तक शुभ
सायं 05.27 से 07.05 तक चंचल
रात्रि 09.49 से 11.10 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ भूतानां पतये नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि* --
पातितोऽपि कराघातै-
रुत्पतत्येव कन्दुकः।
प्रायेण साधुवृत्तानाम-
स्थायिन्यो विपत्तयः ॥
अर्थात :-
हाथ से पटकी हुई गेंद भी भूमि पर गिरने के बाद ऊपर की ओर उठती है, सज्जनों का बुरा समय अधिकतर थोड़े समय के लिए ही होता है।

🍃 *आरोग्यं सलाह* :-
*जले हुए घाव के घरेलू उपचार :-*

*1. हल्दी का पानी -*
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी कई प्रकार की सूजन संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए दशकों से जाना जाता है। शोध से पता चला है कि कर्क्यूमिन हल्दी का सबसे सक्रिय घटक है जलन और त्वचा के इलाज में बहुत उपयोगी हो सकता है। जले हुए स्थान पर तुरंत हल्दी का पानी लगाने से दर्द कम होता है और आराम मिलता है। इसलिए इसे प्राथमिक उपाचार के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।

*2. आलू का छिलका -*
आलू ग्रह पर सबसे आम और महत्वपूर्ण खाद्य स्रोतों में से एक हैं। आलू के कई स्वास्थ्य और त्वचा संबंधित लाभ इस सब्जी को अधिक विशेष बनाते हैं। जले हुए घाव पर आलू या आलू का छिलका लगाने से जलन से राहत मिलेगी और ठंडक मिलेगी। इसके लिए आलू को दो भागों में काटकर उसे जख्म पर रखें। जलने के तुरंत बाद यह करना काफी लाभकारी होगा।
      *गुरु पूर्णिमा*

🌷🌷

🌷 *गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः |*
*गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||*

*ध्यानमूलं गुरुर्मूर्ति पूजामूलं गुरोः पदम् |*
*मंत्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरोः कृपा ||*
*अखंडमंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् |*
*तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ||*

*त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव |*
*त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देव ||*

*ब्रह्मानंदं परम सुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिं |*
*द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्षयम् ||*
*एकं नित्यं विमलं अचलं सर्वधीसाक्षीभूतम् |*
*भावातीतं त्रिगुणरहितं सदगुरुं तं नमामि ||*
*समस्त गुरुजनों को सादर प्रणाम🙏🏻🙏🏻*

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। बेरोजगारी दूर होगी। सुख के साधन जुटेंगे। प्रमाद न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
विवाद से क्लेश होगा। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। अपेक्षित कार्यों में बाधा होगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
मेहनत सफल रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। धनहानि संभव है। थकान रहेगी। प्रमाद न करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। झंझटों में न पड़ें।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। जोखिम न उठाएं।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
फालतू खर्च अधिक होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। भय, कष्ट व चिंता का वातावरण बन सकता है। विवाद से बचें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। लाभ होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नई योजना बनेगी। विवाद से बचें।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन सहज होगा। तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। शत्रु शांत रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
विवाद न करें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। राजकीय बाधा दूर होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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