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सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

गुडिमालम में स्थित भगवान शिव की मूर्ति जिस धातु से बनी हैं, वह इन पृथ्वी पर पायी ही नहीं जाती बहुत से विज्ञानिको का कहना हैं, ये कोई 'मयूटोइट्स' हैं जो अंतरिक्ष से गिर है,

भाइयों आज मैं कुछ ऐसा बताने जा रहा हूँ, जिससे आपके अंदर भूचाल आ जायेगा औऱ गर्व से सीना चौड़ा हो जाएगा,पहले ये तस्वीर देखे👇

ये भारत मे पूजे जाने वाली अब तक कि सबसे प्राचीन मूर्ति(लिंगा) हैं, जो की गुडिमालम आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के येरोपेडु मंडल का एक छोटा सा गाँव है, वहाँ पे स्थित हैं, यहाँ भगवान शिव परशुराम जी के कंधे पे खड़े हैं,अब कितने लोग कहने गे यहाँ तो पुरुष प्रजनन अंग की पूजा को दर्शाया गया हैं, तो रुकिए 'शिव पुराण' में यह कहा गया हैं कि भगवान शिव 'शिवलोक' से आये हैं, तो क्या यह उनका विमान का आकार नहीं हो सकता देखिए ये तस्वीर👇

क्या यह कोई स्पेस क्राफ्ट की कैप्सूल नहीं लग रहा, जो नुक्लेअर संचालित हो सकता हैं,औऱ वैसे भी आपको पता होगा कि शिव लिंग से ऊर्जा किसी औऱ चीज़ के मुकाबले ज्यादा निकलती हैं,

  • मैं इस बात पे जोड़ इस लिए दे रहा हूँ क्योकि इस गुडिमालम में स्थित भगवान शिव की मूर्ति जिस धातु से बनी हैं, वह इन पृथ्वी पर पायी ही नहीं जाती बहुत से विज्ञानिको का कहना हैं, ये कोई 'मयूटोइट्स' हैं जो अंतरिक्ष से गिर है, विककीपीडिया भी इसे अज्ञात ही लिखता हैं👇

इसका निर्माण करीबन 4–2 bc पूर्व का माना जाता हैं, परन्तु स्थानीय लोगों का कहना हैं यहाँ की मूर्ति तकरीबन 12 हज़ार साल पुरानी हैं, यह मूर्ति जिस गुफा में स्थित हैं,वहाँ की सैकड़ो दीवाल की बड़ी-बड़ी पत्थड़े झूला की तरह हिलती हैं, जिसका वीडियो यूट्यूब पे उपलब्ध हैं, औऱ गुफा में ऐसी-ऐसी विचित्र घटनाएं होती हैं जिसपे एक वैज्ञनिक मानसकिता वाला व्यक्ति चक्कर खा जाए।

  • ये बात जिससे सुनने ,पढ़ने के बाद दिल से एक ही शब्द निकलता हैं, " मुझे गर्व हैं, की मैं हिन्दू हूँ" अगर आपको भी ये जानकारी अच्छी लगी हो तो उपवोट करे औऱ शेयर करे और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक को पढ़े👇

Gudimallam - Wikipedia

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