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रविवार, 20 सितंबर 2020

अपने बच्चों में शिवाजी, महाराणा प्रताप ,जैसे गुण विकसित करें

*अगर आप अपने बच्चों को किसी स्पोर्ट्स एक्टिविटी के स्थान पर संघ शाखा में भेजते है तो.......*

👌आपके बच्चे में नेतृत्व के गुण बचपन से ही विकसित होने लगते हैं । संघ शाखा में गट नायक, गण शिक्षक, मुख्य शिक्षक का दायित्व संभालते संभालते आपके बच्चे में नेतृत्व के गुण उभरने लगते हैं । 

👌आपके बच्चे बुरी संगत से दूर रहेंगे । आजकल कई बच्चे जल्द ही नशे की लत का शिकार हो जाते है । इसलिए हमारे शास्त्रों में सत्संग पर इतना अधिक जोर दिया गया है । जैसी संगत वैसी रंगत । हमारी क्लास के अधिकतर सहपाठी आजकल नशा कर रहें है जबकि बचपन से ही संघ शाखा में जाने के कारण हम इससे बचे हुए हैं ।

👌संघ का संगठन इतना विशाल है कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते । संघ के प्रचारक जी खुद आपके बच्चों का ध्यान रखते हैं और स्वयंसेवकों को उनकी क्षमता अनुसार दायित्व सौंपते रहते है । जिससे उनका विकास होता रहता है । पंडित दीनदयाल उपाध्याय , श्याम प्रसाद मुखर्जी , दत्तोपंत ठेंगड़ी , प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कई राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि संघ की शाखा में नित्य जाने वाले स्वयंसेवक हैं ।

👌आपके बच्चे में कई नए गुण विकसित होते रहते हैं जैसे शाखा में हर रोज़ गीत होता है जिससे जो बच्चा जिसका स्वर अच्छा होता है उसको गाने का मौका मिलता रहता है । संघ में हर रोज़ कहानी , समाचार समीक्षा आदि के कार्यक्रम में बच्चो का बौद्धिक स्तर भी निखरता है । 

👌आपका बच्चे को शाखा में एक बड़ा परिवार मिलता है। उसको अपने से बड़ों से मार्गदर्शन और स्नेह , छोटों की देखभाल ,और साथियों से सामंजस्य आदि के गुण मिलते हैं । 

👌शारीरिक विकास होने के साथ साथ आपके बच्चे का बौद्धिक स्तर भी उच्च श्रेणी का हो जाता है । आरएसएस का बौद्धिक विभाग बच्चों के बौद्धिक स्तर का ध्यान रखता है । 

👌संघ द्वारा बच्चों और युवाओं के मानसिक शारीरिक विकास के लिये वर्ष में बाल शिविर , प्राथमिक शिक्षा वर्ग, संघ शिक्षा वर्ग , गीत प्रतियोगता , कहानी , खेल प्रतियोगिता, घोष  आदि आयोजित करता रहता है । मोदी जी जो इतना अच्छा ड्रम बजा लेते हैं वह आरएसएस में घोष सीखने का ही परिणाम है ।
महावीरपुरम सिटी निवासी
आज ही अपने बच्चों को संघ में सिर्फ एक घण्टा शाखा में भेजिये और अपने बच्चों में शिवाजी, महाराणा प्रताप ,जैसे गुण विकसित करें । 

💐 *आरएसएस की शाखा में जाने के लिये नीचे दिए गये लिंक पर जाकर फॉर्म भरें आपको अपनी नजदीकी शाखा से सम्पर्क किया जाएगा ।https://www.rss.org/pages/joinrss.aspx*

राजस्थान का एक भी जिला मुगलों के नाम पर नहीं है

*राजस्थान का एक भी जिला मुगलों के नाम पर नहीं है , भारत में भरे पडे हैं। शर्म आती है कि नहीं।*
*राजस्थान के 33 जिले है जिनके नाम हैं..*

*गंगानगर,बीकानेर,जैसलमेर,बाडमेर,जालोर,सिरोही,उदयपुर,डूंगरपुर,बांसवाड़ा,प्रतापगढ़,चित्तौड़गढ़,झालावाड़,कोटा,बारां,सवाईमाधोपुर,करौली,धौलपुर,भरतपुर,अलवर,जयपुर,सीकर,झुंझुनू,चूरु,भीलवाड़ा,हनुमानगढ़,नागौर,जोधपुर,पाली,अजमेर,बूंदी, राजसमंद, टोंक, दौसा!!*

*कृपया इन नामों को ध्यान से देखना ,क्योंकि इन नामों में एक भी मुगलों के नाम नहीं है अर्थात एक भी जिले का नाम मुगलो पर नही है!!*

  इन जिलों के नाम से ही पता चलता     होगा ! राजपूतो ने क्या किया!! अब  एक एक जिलों का परिचय करवाता हु!

#अजमेर:-  अजमेर 27 मार्च1112 में चौहान राजपूत वंश के  तेइसवें शासक अजयराज चौहान ने बसाया!!

#बीकानेर:- बीकानेर  का पुराना नाम जांगल देश, राव बीका जी राठौड़ के नाम से बीकानेर पड़ा!

#गंगानगर:- महाराजा गंगा सिंह जी से गंगानगर पड़ा!

#जैसलमेर:- जैसलमेर ,महारावल जैसलजी भाटी ने बसाया

#उदयपुर: - महाराणा उदय सिंह सिसोदिया जी ने बसाया उनके नाम से उदयपुर पड़ा!!

#बाड़मेर:- बाड़मेर को राव बहाड़ जी ने बसाया!!

#जालौर:- जालौर की नींव 10वी  शताब्दी में परमार राजपूतों के द्वारा रखी गई! बाद में चौहान, राठौड़,  सोलंकी आदि राजवंशो ने शासन किया!!

#सिरोही:-राव सोभा जी के पुत्र, शेशथमल ने सिरानवा हिल्स की पश्चिमी ढलान पर वर्तमान शहर सिरोही की स्थापना की थी। उन्होंने वर्ष 1425 ईसवी में वैशाख के दूसरे दिन (द्वितिया) पर सिरोही किले की नींव रखी। 

#डूंगरपुर:- वागड़ के राजा डूंगरसिंह ने ई. 1358 में डूंगरपुर नगर की स्थापना की। बाबर के समय में उदयसिंह वागड़ का राजा था जिसने मेवाड़ के महाराणा के संग्रामसिंह के साथ मिलकर खानुआ के मैदान में बाबर का मार्ग रोका था।

#प्रतापगढ़:- प्रताप सिंह महारावत ने बसाया!

#चित्तौड़:- स्वाभिमान, शौर्य ,त्याग, वीरता ,राजपुताना की शान चित्तौड़, सिसोदिया (गहलोत)वंश ने बहुत शासन किया बप्पा रावल, महाराणा प्रताप सिंह जी यहाँ षासन किया!!

#हनुमानगढ़ :-भटनेर दुर्ग 285 ईसा में भाटी वंश के राजा भूपत सिंह भाटी ने बनवाया इस लिए इसे भटनेर कहाँ जाता है। मंगलवार को दुर्ग की स्थापना होने कारण हनुमान जी के नाम पर हनुमानगढ़ कहा जाता है।

#जोधपुर:-राव जोधा ने 12 मई, 1459 ई. में आधुनिक जोधपुर शहर की स्थापना की।

#राजसमंद:- शहर और जिले का नाम मेवाड़ के राणा राज सिंह द्वारा 17 वीं सदी में निर्मित एक कृत्रिम झील, राजसमन्द झील के नाम से लिया गया है।

#बूंदी:-इतिहास के जानकारों के अनुसार 24 जून 1242 में हाड़ा वंश के राव देवा ने इसे मीणा सरदारों से जीता और बूंदी राज्य की स्थापना की। कहा जाता है कि बून्दा मीणा ने बूंदी की स्थापना की थी, तभी से इसका नाम 'बूंदी' हो गया।

#सीकर:-सीकर जिले को "वीरभान" ने बसाया ओर "वीरभान का बास" सीकर का पुराना नाम दिया।

#पाली:- महाराणा प्रताप की जन्मस्थली एवं महाराणा उदयसिंह का ससुराल है। पाली मूलतया पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया है।

#भीलवाड़ा:-किवदंती है कि इस शहर का नाम यहां की स्‍थानीय जनजाति भील के नाम पर पड़ता है जिन्‍होंने 16वीं शताब्‍दी में अकबर के खिलाफ मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की मदद की थी। तभी से इस जगह का नाम भीलवाड़ा पड़ गया।

#करौली:-इसकी स्‍थापना 955 ई. के आसपास राजा विजय पाल ने की थी जिनके बारे में कहा जाता है कि वे भगवान कृष्‍ण के वंशज थे।

#सवाई_माधोपुर:-राजा माधोसिंह ने ही शहर बसाया और इसका नाम सवाई माधोपुर दिया।

#जयपुर:-जयपुर शहर की स्थापना सवाई जयसिंह ने 1727 में की। सवाई प्रताप सिंह से लेकर सवाई मान सिंह द्वितीय तक कई राजाओं ने शहर को बसाया।

#नागौर:-नागौर दुर्ग भारत के प्राचीन क्षत्रियों द्वारा बनाये गये दुर्गों में से एक है। माना जाता है कि इस दुर्ग के मूल निर्माता नाग क्षत्रिय थे। नाग जाति महाभारत काल से भी कई हजार साल पुरानी थी। यह आर्यों की ही एक शाखा थी तथा ईक्ष्वाकु वंश से किसी समय अलग हुई।

#अलवर:-कछवाहा राजपूत राजवंश द्वारा शासित एक रियासत थी, जिसकी राजधानी अलवर नगर में थी। रियासत की स्थापना 1770 में प्रभात सिंह प्रभाकर ने की थी।
#धौलपुर:- मूल रूप से यह नगर ग्याहरवीं शताब्दी में राजा धोलन देव ने बसाया था। पहले इसका नाम धवलपुर था, अपभ्रंश होकर इसका नाम धौलपुर में बदल गया।

#झालावाड़:-झालावाड़ गढ़ भवन का निर्माण राज्य के प्रथम नरेश महाराजराणा मदन सिंह झाला ने सन 1840 में करवाया था। 

#दौसा:-बड़गूजरों  द्वारा करवाया गया था। बाद में कछवाहा शासकों ने इसका निर्माण करवाया।🙏
*जय जय राजस्थान.*
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