जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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बुधवार, 28 नवंबर 2012
जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।
एक
औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोजाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह
वहां से ...गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी ,वह उस रोटी को
खिड़की के सहारे रख दिया करती थी जिसे कोई भी ले सकता था .
एक
कुबड़ा व्यक्ति रोज उस रोटी को ले जाता और वजाय धन्यवाद देने के अपने रस्ते
पर चलता हुआ वह कुछ इस तरह बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ
रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा "
दिन
गुजर...ते गए और ये सिलसिला चलता रहा ,वो कुबड़ा रोज रोटी लेके जाता रहा और
इन्ही शब्दों को बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो
तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा "
वह औरत उसकी इस हरकत से तंगआ गयी और मन ही मन खुद से कहने लगी कि "कितना
अजीब व्यक्ति है ,एक शब्द धन्यवाद का तो देता नहीं है और न जाने क्या क्या
बडबडाता रहता है ,
मतलब क्या है इसका ".
एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और बोली"मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी ".
और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में जहर मिला दीया जो वो रोज उसके लिए
बनाती थी और जैसे ही उसने रोटी कोको खिड़की पर रखने कि कोशिश कि अचानक उसके
हाथ कांपने लगे और रुक गये और वह बोली " हे भगवन मैं ये क्या करने जा रही
थी ?" और उसने तुरंत उस रोटी को चूल्हे कि आँच में जला दीया .एक ताज़ा रोटी
बनायीं और खिड़की के सहारे रख दी ,हर रोज कि तरह वह कुबड़ा आया और रोटी
लेके "जो तुम बुरा करोगे वहतुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह
तुम तक लौट के आएगा " बडबडाता हुआ चला गया इस बात से बिलकुल बेखबर कि उस
महिला के दिमाग में क्या चल रहा है .
हर रोज जब वह महिला खिड़की
पर रोटी रखती थी तो वह भगवान से अपने पुत्र कि सलामती और अच्छी सेहत और घर
वापसी के लिए प्रार्थना करती थी जो कि अपने सुन्दर भविष्य के निर्माण के
लिए कहीं बाहर गया हुआ था .महीनों से उसकीकोई खबर नहीं थी.शाम को उसके
दरवाजे पर एक दस्तक होती है ,वह दरवाजा खोलती है और भोंचक्की रह जाती
है,अपने BETE को अपने सामने खड़ा देखती है.वह पतला और दुबला हो गया था.
उसके कपडेफटे हुए थे और वह भूखा भी था ,भूख से वह कमजोर हो गया था. जैसे ही
उसने अपनी माँ को देखा,उसने कहा, "माँ, यह एक चमत्कार है कि मैं यहाँ हूँ.
जब मैं एक मील दूर है, मैं इतना भूखा था कि मैं गिर. मैं मर गया
होता,लेकिनतभी एक कुबड़ा वहां से गुज़र रहा था ,उसकी नज़र मुझ पर पड़ी और
उसने मुझे अपनी गोद में उठा लीया,भूख के मरे मेरे प्राण निकल रहे थेमैंने
उससे खाने को कुछ माँगा ,उसने नि:संकोच अपनी रोटी मुझे यह कह कर देदी कि
"मैं हर रोज यही खाता हूँ लेकिन आज मुझसे ज्यादा जरुरत इसकी तुम्हें है सो
ये लो और अपनी भूख को तृप्त करो " .
जैसे ही माँ ने उसकी बात सुनी
माँ का चेहरा पिला पड़ गया और अपने आप को सँभालने के लिए उसने दरवाजे का
सहारा लीया,उसके मस्तिष्क में वह बात घुमने लगी कि कैसे उसने सुबह रोटी में
जहर मिलाया था.अगर उसने वह रोटी आग मेंजला के नष्ट नहीं की होती तो उसका
बेटा उस रोटी को खालेता और अंजाम होता उसकी मौत और इसके बाद उसे उन शब्दों
का मतलब बिलकुल स्पष्ट हो चूका था "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ
रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।
वह औरत उसकी इस हरकत से तंगआ गयी और मन ही मन खुद से कहने लगी कि "कितना अजीब व्यक्ति है ,एक शब्द धन्यवाद का तो देता नहीं है और न जाने क्या क्या बडबडाता रहता है ,
मतलब क्या है इसका ".
एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और बोली"मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी ".
और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में जहर मिला दीया जो वो रोज उसके लिए बनाती थी और जैसे ही उसने रोटी कोको खिड़की पर रखने कि कोशिश कि अचानक उसके हाथ कांपने लगे और रुक गये और वह बोली " हे भगवन मैं ये क्या करने जा रही थी ?" और उसने तुरंत उस रोटी को चूल्हे कि आँच में जला दीया .एक ताज़ा रोटी बनायीं और खिड़की के सहारे रख दी ,हर रोज कि तरह वह कुबड़ा आया और रोटी लेके "जो तुम बुरा करोगे वहतुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा " बडबडाता हुआ चला गया इस बात से बिलकुल बेखबर कि उस महिला के दिमाग में क्या चल रहा है .
हर रोज जब वह महिला खिड़की पर रोटी रखती थी तो वह भगवान से अपने पुत्र कि सलामती और अच्छी सेहत और घर वापसी के लिए प्रार्थना करती थी जो कि अपने सुन्दर भविष्य के निर्माण के लिए कहीं बाहर गया हुआ था .महीनों से उसकीकोई खबर नहीं थी.शाम को उसके दरवाजे पर एक दस्तक होती है ,वह दरवाजा खोलती है और भोंचक्की रह जाती है,अपने BETE को अपने सामने खड़ा देखती है.वह पतला और दुबला हो गया था. उसके कपडेफटे हुए थे और वह भूखा भी था ,भूख से वह कमजोर हो गया था. जैसे ही उसने अपनी माँ को देखा,उसने कहा, "माँ, यह एक चमत्कार है कि मैं यहाँ हूँ. जब मैं एक मील दूर है, मैं इतना भूखा था कि मैं गिर. मैं मर गया होता,लेकिनतभी एक कुबड़ा वहां से गुज़र रहा था ,उसकी नज़र मुझ पर पड़ी और उसने मुझे अपनी गोद में उठा लीया,भूख के मरे मेरे प्राण निकल रहे थेमैंने उससे खाने को कुछ माँगा ,उसने नि:संकोच अपनी रोटी मुझे यह कह कर देदी कि "मैं हर रोज यही खाता हूँ लेकिन आज मुझसे ज्यादा जरुरत इसकी तुम्हें है सो ये लो और अपनी भूख को तृप्त करो " .
जैसे ही माँ ने उसकी बात सुनी माँ का चेहरा पिला पड़ गया और अपने आप को सँभालने के लिए उसने दरवाजे का सहारा लीया,उसके मस्तिष्क में वह बात घुमने लगी कि कैसे उसने सुबह रोटी में जहर मिलाया था.अगर उसने वह रोटी आग मेंजला के नष्ट नहीं की होती तो उसका बेटा उस रोटी को खालेता और अंजाम होता उसकी मौत और इसके बाद उसे उन शब्दों का मतलब बिलकुल स्पष्ट हो चूका था "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।
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