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बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

नव वर्ष ज़रूर मनाऐं, परन्तु इस बार 23 मार्च, 2012 को हर्षोल्लास के साथ l

 

हम लोगों को भी समझना और समझाना होगा। क्या एक जनवरी के साथ ऐसा एक भी प्रसंग जुड़ा है जिससे राष्ट्र प्रेम जाग सके, स्वाभिमान जाग सके या श्रेष्ठ होने का भाव जाग सके ? आइये...l गर्व के साथ भारतीय नव वर्ष यानि विक्रमी संवत् को ही मनायें तथा इसका अधिक से अधिक प्रचार करें। नव वर्ष ज़रूर मनाऐं, परन्तु इस बार 23 मार्च, 2012 को हर्षोल्लास के साथ l
ताकि दुनिया को भी पता चले कि हमें अपनी संस्कृति जान से प्यारी है...!!!






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