छोड़ हिंद की हिंदी को इंग्लिश की टांग अड़ाए, हमें क्या हो गया है - 2
छोड़ हिंद की हिंदी को इंग्लिश की टांग अड़ाए, हमें क्या हो गया है - 2
छोड़ हिंद की पावन धारा पश्चिम में बह जाए, हमें क्या हो गया है - 2
माता को मम्मी कहना, पिताजी को डेडी कहना शान है,
मित्र को माई डियर, बहन को सिस्टर में अभिमान है,
घरवाली को वाइफ कहकर हम pahchaan कराएँ , हमें क्या हो गया है - २
छोड़ हिंद की हिंदी को इंग्लिश की टांग अड़ाए, हमें क्या हो गया है - 2
छोड़ हिंद की पावन धारा पश्चिम में बह जाए, हमें क्या हो गया है - 2
भारतीय नृत्य भूले, सब पर डिस्को का भूत सवार है
सूनी पड़ी रामलीला, सिनेमा में भीड़ का नहीं पार है
ठुमरी दादरा भूल गए हम लैला हो लैला गायें, हमें क्या हो गया है - २
छोड़ हिंद की हिंदी को इंग्लिश की टांग अड़ाए, हमें क्या हो गया है - 2
छोड़ हिंद की पावन धारा पश्चिम में बह जाए, हमें क्या हो गया है - २
लाज शर्म सब त्यागी, अंधे नक़ल में होकर झूमते
पाश्चात्य सभ्यता को गले से लगा कर हम है चुमते
लड़की पहने पेंट शर्ट, अब लड़का बाल बढ़ाये, हमें क्या हो गया है - २
छोड़ हिंद की हिंदी को इंग्लिश की टांग अड़ाए, हमें क्या हो गया है - 2
छोड़ हिंद की पावन धारा पश्चिम में बह जाए, हमें क्या हो गया है - २
भारत की सभ्यता छोड़ी, छोड़ा आदर मान सम्मान रे
भूल गए नेतिकता हम, करते बड़ों का अपमान रे
व्याकुल होकर अक्षय ने अब अपनी कलम चलायी, हमें क्या हो गया है - २
छोड़ हिंद की हिंदी को इंग्लिश की टांग अड़ाए, हमें क्या हो गया है - 2
छोड़ हिंद की पावन धारा पश्चिम में बह जाए, हमें क्या हो गया है - २
कैलाश चन्द्र लड्ढा "अक्षय"
"Sanwariya"