*🚩🌺गंगा नदी का महत्व हम सभी जानते हैं। गंगा जल की पवित्रता पर ग्रंथों में कई उल्लेख मिलते हैं। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इसी दिन मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।*
*🚩🌺गंगा नदी और गंगा जल की तरह ही हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा का महत्व है। इस दिन मां गंगा की पूजा करने से, जल को स्पर्श करने, स्मरण करने घर में ही गंगा जल का आचमन करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।*
*🚩🌺गंगा सप्तमी पर गंगा नदी में स्नान से करोड़ों पापों का नाश होता है। अनंत पुण्य मिलता है। इस दिन दान करना श्रेष्ठ माना गया है। गंगा सप्तमी के दिन स्नान-दान पूजा और मंत्र से सहत का साथ मिलता है, रिश्तों में मिठास आती है। धन खूब आता है, दान-धर्म में रूचि बढ़ती है। जीवन में खुशियां आती हैं और संतान सुख प्राप्त होता है।*
*🚩🌺लेकिन वास्तव में गंगा नदी के प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। आंकड़ों में गंगा नदी का सच डराने वाला है।*
*🚩🌺गंगा सप्तमी 2023 तिथि*
*🚩🌺वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 26 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर हो रही है। ये तिथि अगले दिन 27 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। शास्त्रों में तीर्थ स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त को उत्तम बताया गया है, इसलिए 27 अप्रैल 2023 को गंगा स्नान करना शुभ होगा। 27 अप्रैल को मां गंगा की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है। विविध मतानुसार 26 और 27 अप्रैल दोनों दिन गंगा सप्तमी मनाई जा रही है। लेकिन शास्त्र सम्मत तिथि 27 अप्रैल अधिक शुभ है।*
*🚩🌺गंगा सप्तमी पूजा विधि*
*🚩🌺गंगा सप्तमी के दिन यदि आप गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो सूर्योदय से पहले उठकर घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।*
*🚩🌺इसके बाद अपने घर के मंदिर में मां गंगा की मूर्ति या तस्वीर के साथ कलश की स्थापना करें।*
*🚩🌺इस कलश में रोली, चावल, गंगाजल, शहद, चीनी, इत्र और गाय का दूध इन सभी सामग्रियों को भर कर कलश के ऊपर नारियल रखें और इसके आसपास मुख पर अशोक के पांच पत्ते लगा दें। साथ ही नारियल पर कलावा बांध दें।*
*🚩🌺फिर देवी गंगा की प्रतिमा या तस्वीर पर कनेर का फूल, लाल चंदन, फल और गुड़ का प्रसाद चढ़ाकर मां गंगा की आरती करें।*
*🚩🌺साथ ही 'गायत्री मंत्र' तथा गंगा सहस्त्रनाम स्त्रोत का का जाप करें।*
*🚩🌺धार्मिक मान्यता*
*🚩🌺गंगा सप्तमी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ होता है।*
*🚩🌺इस दिन गंगा जी में डुबकी लगाने से जीवन के सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है।*
*🚩🌺साथ ही सभी तरह के पाप मिट जाते हैं।*
*🌺🌻उपाय🌺🌻*
*🚩🌺यदि किसी व्यक्ति के घर में हमेशा अनबन या क्लेश भरा माहौल बना रहता है तो उसे अपने पूरे घर में पूजा के बाद गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।*
*🚩🌺इससे घर का क्लेश भी दूर होगा साथ ही नकारात्मकता दूर होगी और सकारात्मकता का प्रवेश होगा।*
*🚩🌺जो व्यक्ति ग्रह दोष से पीड़ित हैं उन्हें भगवान शिव की पूजा के बाद उनका गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए।*
*🚩🌺गंगा सप्तमी पर एक कलश में पानी लेकर उसमें थोड़ा सा गंगा जल मिला लें। अब इस जल को पीपल की जड़ों में चढ़ाएं। इससे ग्रह दोष से उत्पन्न परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।*
*🚩🌺कर्ज से परेशान हैं तो पीतल के कलश में गंगाजल लेकर घर की उत्तर पूर्व दिशा के कोने में गंगा जल को रख दें। कलश के मुंह को लाल कपड़े से ढक दें। इस उपाय से कर्ज से धीरे धीरे राहत मिलने लगती है।*
*🚩🌺यदि नौकरी संबंधी समस्या से परेशान हैं तो गंगा सप्तमी से लेकर 40 दिन तक पीतल या चांदी के कलश में गंगाजल की 11 बूंदें शुद्ध सामान्य जल में मिलाकर डालकर 5 बेलपत्र के साथ शिवलिंग पर अर्पित करें।*
*🚩🌺विवाह में बाधा आ रही है तो नहाने के पानी में गंगाजल और चुटकी भर हल्दी मिलाकर लगातार 21 दिन स्नान करें।*
*🌺🌻गंगाजल के नियम*
*🌺🌻गंगा जल को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में न रखें।*
*🌺🌻गंगाजल को कभी भी जूठे हाथ या फिर जूते-चप्पल पहनकर न छुएं।*
*🌺🌻गंगाजल को किसी अंधेरे वाली जगह पर बंद करके नहीं रखना चाहिए।*
*🌺🌻गंगा जल को हमेशा अपने घर के ईशान कोण यानि पूजा घर में ही रखना चाहिए।*
*🕉️मां गंगा का मंत्र : ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः'*
*🌺🌻गंगा में स्नान करते समय हमेशा 3, 5, 7 या 12 डुबकियां लगाना अच्छा बताया गया है।*
*🌺🌻यदि आप तीन डुबकी लगा रहे हैं तो आप एक डुबकी देवी-देवताओं के नाम से, एक अपने पुरखों के नाम से और एक अपने परिवार के नाम से लगाएं।*
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