*🍁 गले के रोग और उपचार*
🔸 *हकलाना, तुतलाना*
🔸बच्चों का हकलाना आँवला चबाने से ठीक हो जाता है। जीभ पतली होकर आवाज साफ आने लगती है।
🔸एक चम्मच पिसा हुआ आँवला घी में मिलाकर नित्य चाटते रहें। तुतलाना ठीक हो जाएगा।
🔸नित्य 2 बादाम भिगोकर, छीलकर, पीसकर, आधी छटाँक (31 ग्राम) मक्खन में कुछ दिन तक खाने से लाभ होता है।
🔸सोते समय छुहारा दूध में उबाल कर लें। इसे लेने के दो घंटे बाद तक पानी न पियें। इससे तीखी, मोटी आवाज साफ हो जाएगी।
*🔸टांसिल होने पर*
🔸अन्नानास का जूस गर्म करके पियें। टांसिल के रोगी को अन्नानास के टुकड़े पर नींबू का रस निचोड़ कर खिलाना चाहिए, टॉसिल का रोग नष्ट हो जायेगा और पानी से कुल्ला करें, लाभ होगा। थोड़ी वेदना होगी, डरें नहीं।
🔸जिन लोगों को छाले होते रहते हैं वे खाने के बाद थोड़ी सौंफ लिया करें। छालें नहीं होंगे।
🔸देशी घी में खाने का कपूर मिलाकर नित्य चार बार लगायें और लार गिराऐं। फिर कुल्ला कर लें। पान में चना के बराबर कपूर का टुकड़ा रखकर चबाएं और पीक थूकते जाएं। ध्यान रहे पीक पेट में न जाए। मसूड़े फूलना, दर्द होना, टीस उठना आदि होने पर भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक समान भाग पीसकर, छानकर मसूड़े पर रगड़ें और लार टपका दें। लाभ होगा।
*🔸गला बैठना, स्वर भंग*
🔸गरम पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर कुल्ले करना चाहिए, यह सुबह तथा रात को सोते समय करना चाहिए। मुलहठी को मुँह में रखकर चूसना चाहिए, मुलहठी का सत्व थोड़ा -थोड़ा मुँह में रखकर चूसने से भी लाभ होता है।
🔸गला बैठ जाए, गले में ललाई या सूजन हो जाए तो ताजा पानी या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर नमक डालकर तीन—चार गरारे करने से लाभ होता है।
🔸अजवाइन और शक्कर उबालकर दो बार पीने से गला खुल जाता है। पानी में मुलहठी डालकर रात को सोते समय खायें और सो जाएं। प्रात: आवाज साफ हो जाएगी। कंठ सूखने पर छुआरे की गुठली मुँह में रखने से लाभ होता है।
🔸आलूबुखारा दिन में चार बार चूसने व खाने से गले की खुश्की मिट जाती है। हर तीन-तीन घण्टे में दो चम्मच सूखा साबुत धनिया चबा चबाकर रस चूसते रहें। हर प्रकार के गले दर्द के लिए लाभदायक है।
🔸मूली का रस और पानी समान मात्रा में मिलाकर नमक मिलाकर गरारे करने से गले के घाव ठीक हो जाते हैं।
🔸दालचीनी बारीक पीसकर अँगूठे से प्रात: काग पर लगायें और लार टपका दें। इससे काग वृद्धि ठीक हो जाएगी।
*🔸डकार*
🔸डकार अधिक आती हो तो बाजरे के दाने के बराबर हींग, गुड़ या केले में रखकर खायें।
🔸सेंक कर पीसा हुआ जीरा एक चम्मच, एक चम्मच चासनी में मिलाकर खाना खाने के बाद चाटें। डकार में लाभ होगा।
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