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शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

कुछ लोग कह रहे हैं कि आज अगर रोटी खाई है तो किसानों का धन्यवाद कहिये, क्योंकि वह अन्नदाता है l

*अपनों से कुछ अपने मन की बात*


कुछ लोग कह रहे हैं कि आज अगर रोटी खाई है तो किसानों का धन्यवाद कहिये, क्योंकि वह अन्नदाता है l

 
अगर वह अन्न की पैदावार नहीं करता तो हमें अन्न खाने को नहीं मिलता ...बिल्कुल, धन्यवाद ।


लेकिन मेरा धन्यवाद साथ में टाटा, रिलायंस, इन्फोसिस, महिन्द्रा, टीवीएस जुपिटर, हाँडा एक्टिवा, बजाज, ओरियन्ट, ऊषा, क्राम्पटन, मारुति सुजुकी, हीरो, एवरेडी, ले लैन्ड, अमूल, मदर डेरी, पराग, एम डी एच मसाले, गोल्डी, बीकानेरी भुजिया, हल्दीराम, डॉक्टरों, सूचना तंत्र, बिजली कर्मियों और अन्य हजारों- लाखों उद्यमियों को भी कि जिन्होंने हमारे लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न किये जिससे हम किसानों से उनकी फसल खरीद पा रहे हैं और रोटी खा पा रहे हैं।
वरना, अभी तक मुझे तो कम से कम किसी ने मुफ़्त में गेँहू की बोरियाँ भिजवाई नहीं है।
नौकरी ना होती तो मुफ़्त में किसको धन्यवाद देता भाई?
हाँ, तुम अन्नदाता नहीं हो सिर्फ अन्न उत्पादक हो। अन्न दाता सिर्फ एक है, वो परमात्मा और तुम कभी परमात्मा की जगह नहीं ले सकते। अगर तुम खुद को अन्न दाता कहते हो तो हम भी कर दाता है, जिसके कारण तुम्हें मुफ्त में बिजली, पानी, कर्जमाफी व सब्सिडी की सुविधाएं मिल रही हैं।
भारतीय सरकार की मेहरबानी के कारण, ना तो भारतीय किसानों के ऊपर किसी प्रकार का कोई इनकम टैक्स या सेल्स टैक्स लगता है l उसके ऊपर से सरकार की तरफ से सरकारी पैसे के साथ किसानों को मुफ्त की सुविधाएं दी जाती हैं l
जैसे मुफ्त की बिजली, मुफ्त का पानी, कर्ज माफी और यहां तक की नगद में सहायता राशि भी सरकार द्वारा किसानों को प्रदान की जाती है l ऐसे में किसानों को सरकार से टकराव की बजाय सरकार का एहसानमंद होना चाहिए l
किसानों को किसी प्रकार से अपने आंदोलन की आड़ में देश के दूसरे नागरिकों को सड़के जाम करके और तोड़फोड़ करके परेशान करने का कोई हक नहीं है l
तुमको अन्नदाता का तगमा राजनेता लगा सकते हैं जिनको  तुष्टिकरण करके तुम्हारे वोटों का लालच हो , तो असलियत समझो और भगवान बनने की भूल मत करो ! अन्न उत्पादक का सम्मान भी तभी सम्भव होगा जब अन्न उत्पादक समाज के दूसरे वर्गों का सम्मान करें !
अगर किसान सिर्फ अन्न की पैदावार करके खुद को अन्नदाता कहलाता है या अन्नदाता समझता है तो हर इंसान किसी न किसी प्रकार का दाता है l जरा आप खुद पहचानिए की आप कौन से दाता हैं

आंखों के डॉक्टर -चक्षु दाता,
वस्त्र के निर्माता- वस्त्र दाता,
शिक्षक-शिक्षा दाता, वाहन निर्माता-वाहन दाता,
घर बनाने वाला मजदूर और होटल व्यवसाय व्यावसायी-आश्रय दाता,
न्यायालय में वकील और जज-न्याय दाता,
जल की पाइप पर का काम करने वाला -जल दाता,
सुनार-आभूषण दाता,
बिजली का काम करने वाले-विद्युत दाता,
लोगों तक समाचार पहुंचाने वाला मीडिया- सूचना दाता
आदि आदि
कोई दाता छूट गया हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं  l
मुझे क्षमा करके आप क्षमा दाता तो बन सकते हैं l
😜🤣😀🤔
दाता तो सिर्फ ईश्वर है,  जो बिना मांगे हमें बिना किसी मूल्य लिए इतना कुछ देता है इसलिए वह दाता कहलाता है l जिसमें पैसा लेकर वस्तु बेच दिया वह दाता कैसे हो सकता है l
बाकी नारी जो घर में सबको बिना किसी पैसा लिए खाना बनाकर खिलाती है सही मायने में अन्नदाता वही है l

किसी को पोस्ट अच्छी न लगे तो गेँहू-जीरी की बोरियाँ और सब्जियाँ मुफ्त वितरण करके अन्नदाता बनने का अनुभव महसूस करे  ।
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