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रविवार, 5 अगस्त 2018

भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु में क्या अंतर है ?

भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु में क्या अंतर है ?*

भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु के मध्य अंतर को सरल भाषा में इस उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है । कोई उच्च पद पर आसीन व्यक्ति यदि अपने कार्यालय में जाता है तो उसे सभी आदर-सत्कारपूर्ण व्यव्हार करते हैं । और जब वही व्यक्ति घर जाता है तो उसके निकटतम परिवारजन उसके साथ साधारण व्यक्ति जैसा व्यवहार करते हैं । यहाँ तक की वह व्यक्ति अपने पुत्र या पौत्र को कंधे पर बैठाकर घुमाता है । घरेलु सम्बन्ध , कार्यालय के सम्बन्ध की तुलना में अंतरंग होता है ।

जैसे व्यक्ति एक ही है पर व्यावहारिक आदान-प्रदान अलग-अलग है । उसी प्रकार भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु एक ही हैं परंतु वैकुण्ठ में तथा गोलोक वृंदावन में व्यावहारिक सम्बन्ध अलग अलग हैं ।
वह धाम जहाँ उनके स्वांश (विष्णु या नारायण) निवास करते हैं, वैकुण्ठ कहलाते हैं जहाँ भगवान नारायण रूप में रहते हैं | तात्विक दृष्टि से गोलोक तथा वैकुंठ में कोई अंतर नहीं है किन्तु वैकुंठ में भगवान की सेवा भक्तों द्वारा असीम ऐश्वर्य द्वारा की जाती हैं जबकि गोलोक में उनकी सेवा शुद्ध भक्तों द्वारा सहज स्नेह भाव में की जाती है |
भगवान श्री कृष्ण, विष्णु के रूप में उसी प्रकार विस्तार करते हैं जिस प्रकार एक जलता दीपक दूसरे को जलाता है | यधपि दोनों दीपक की शक्ति में कोई अंतर नहीं होता तथापि श्री कृष्ण आदि दीपक के समान हैं *(ब्रह्म संहिता ५.४६)* |

भगवान श्री कृष्ण अवतारी हैं, जिनके सर्व प्रथम तीन पुरुष अवतार हैं |
*पहले अवतार कारणोंदकशायी विष्णु (महाविष्णु)*, जिनके उदर में समस्त ब्रह्माण्ड हैं तथा प्रत्येक श्वास चक्र के साथ ब्रह्माण्ड प्रकट तथा विनिष्ट होते रहते हैं |
*दूसरे अवतार है; गर्भोदकशायी विष्णु *– जो प्रत्येक ब्रह्माण्ड में प्रविष्ट करके उसमे जीवन प्रदान करते हैं तथा जिनके नाभि कमल से ब्रह्मा जी उत्पन्न हुए |
*तीसरे अवतार हैं; क्षीरोदकशायी विष्णु* – जो परमात्मा रूप में प्रत्येक जीव के हृदय में तथा सृष्टि के प्रत्येक अणु में उपस्थित होकर सृष्टि का पालन करते हैं *(चै च मध्य लीला २०.२५१)* |
ब्रह्माजी कहते हैं: जिनके श्वास लेने से ही अनन्त ब्रह्मांड प्रवेश करते हैं तथा पुनः बाहर निकल आते हैं, वे महाविष्णु कृष्ण के अंशरूप हैं | अतः मै गोविंद या कृष्ण की पूजा करता हूँ जो समस्त कारणों के कारण हैं *(ब्रह्म संहिता ५.४८)*

*भगवान कृष्ण अपने स्वांश नारायण या विष्णु से श्रेष्ठ हैं क्योंकि उनमे ४ विशेष दिव्य गुण हैं: (चै च.मध्य लीला २३.८४)*
*१. लीला माधुर्य : उनकी अद्भुत लीलायें,*
*२. भक्त माधुर्य : माधुर्य-प्रेम के कार्यकलापो में सदा अपने प्रिय भक्तों से घिरा रहना (यथा गोपियाँ),*
*३. रूप माधुर्य : उनका अद्भुत सोन्दर्य*
*४. वेणु माधुर्य : उनकी बाँसुरी की अद्भुत ध्वनि |*

भगवान कृष्ण लक्ष्मीजी के मन को भी आकृष्ट करते हैं | लक्ष्मीजी ने रासलीला में सम्मलित होने के लिए कठिन तपस्या की, लेकिन शामिल नहीं हो पाई क्योकि गोपियों के भाव/शरीर में ही रास लीला में प्रवेश किया जा सकता था | जब गोपियाँ रास लीला के समय कृष्ण को ढूँढ रही थी तो कृष्ण एक बगीचे में नारायण के चतुर्भुज रूप में प्रकट हो गए किन्तु वे गोपियों की प्रेमदृष्टि को आकृष्ट नहीं कर पाए, इससे कृष्ण की सर्वोत्कृष्टता सिद्ध होती है । *(चै च.मध्य लीला ९.१४७-१४९)*

आज का पंचांग 5 august 2018

.           ।। 🕉 ।।
🚩   *सुप्रभातम्* 🚩
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कलियुगाब्द...............5120
विक्रम संवत्.............2075
शक संवत्................1940
मास........................श्रावण
पक्ष ........................कृष्ण
तिथी......................अष्टमी
प्रातः 11.16 पर्यंत पश्चात नवमी
रवि....................दक्षिणायन
सूर्योदय.........05.59.17 पर
सूर्यास्त.........07.06.34 पर
सूर्य राशि.....................कर्क
चन्द्र राशि....................मेष
नक्षत्र........................भरणी
दोप 02.47 पर्यंत पश्चात कृत्तिका
योग.............................गंड
प्रातः 11.14 पर्यंत पश्चात वृद्धि
करण........................कौलव
प्रातः 11.16 पर्यन्त पश्चात तैतिल
ऋतु.............................वर्षा
दिन.........................रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
05 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक.................5
🔯 शुभ रंग.................लाल

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
संध्या 05.24 से 07.01 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.39 से 09.17 तक चंचल
प्रात: 09.17 से 10.54 तक लाभ
प्रात: 10.54 से 12.31 तक अमृत
दोप. 02.09 से 03.46 तक शुभ
सायं 07.01 से 08.23 तक शुभ
रात्रि 08.23 से 09.46 तक अमृत
रात्रि 09.46 से 11.09 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्रः*
|| ॐ वामदेवर्षये नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
क्षमा बलमशक्तानाम् शक्तानाम् भूषणम् क्षमा।
क्षमा वशीकृते लोके क्षमयाः किम् न सिद्ध्यति॥
अर्थात :-
क्षमा निर्बलों का बल है, क्षमा बलवानों का आभूषण है, क्षमा ने इस विश्व को वश में किया हुआ है, क्षमा से कौन सा कार्य सिद्ध नहीं हो सकता है॥

🍃 *आरोग्यं* :-
*स्ट्रोक के उपचार -*

4. धूम्रपान दो अलग-अलग तरीकों से क्लॉट गठन को तेज करता है। यह आपके रक्त को मोटा करता है, और यह धमनियों में प्लाक बिल्डअप की मात्रा को बढ़ाता है। एक स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के साथ, धूम्रपान से दूरी सबसे शक्तिशाली जीवन शैली में परिवर्तनों में से एक है जो आपको स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करेगी।

5. उच्च रक्त शर्करा या हाई ब्लड शुगर होने से रक्त वाहिकाओं का समय के साथ नुकसान होता है, जिससे क्लॉट्स उनके अंदर बनने की संभावना अधिक होती है।

6. एट्रियल फाइब्रिलेशन अनियमित दिल की धड़कन का एक रूप है जो क्लॉट्स को दिल में बनने का कारण बनता है। ये क्लॉट्स मस्तिष्क में भी जा सकते हैं, जिससे स्ट्रोक पैदा होता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। यात्रा होगी। व्यावसायिक अथवा निजी काम से सुखद यात्रा हो सकती है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। दूसरों से न उलझें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
अप्रत्याशित खर्च होंगे। तनाव रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें। भूल करने से विरोधी बढ़ेंगे। कार्यक्षेत्र का विकास एवं विस्तार होगा। उपहार मिल सकता है। संतान की चिंता दूर होगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
रुका हुआ धन मिल सकता है। निवेश शुभ रहेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। स्वयं के ही प्रयासों से जनप्रियता एवं मान-सम्मान मिलेगा। रुका काम समय पर पूरा होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा, नई योजनाएं बनेंगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रोजगार बढ़ेगा। सतर्कता से कार्य करें। संतान के व्यवहार से सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें। आर्थिक तंगी रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। बाहरी सहायता से काम होंगे। ईश्वर में रुचि बढ़ेगी। कामकाज की अनुकूलता रहेगी। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। पूंजी संचय की बात बनेगी।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
चोट व रोग से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। दूसरों पर विश्वास हानि देगा। कार्य में बाधा होगी। पत्नी से आश्वासन मिलेगा। स्वयं के निर्णय लाभप्रद रहेंगे। मानसिक संतोष, प्रसन्नता रहेगी। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। दूसरों की नकल न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्यों में विलंब से चिंता होगी। मानसिक उद्विग्नता रहेगी। पारिवारिक जीवन संतोषप्रद रहेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्य के विस्तार की योजनाएं बनेंगी। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है। लाभदायक समाचार मिलेंगे। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। व्यापार अच्छा चलेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
शोक समाचार मिल सकता है। काम में मन नहीं लगेगा। विवाद से बचें। मेहनत अधिक होगी। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएंगे। व्यावसायिक चिंता रहेगी। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। कार्य पूर्ण होंगे। आय बढ़ेगी। मनोरंजक यात्रा होगी। प्रसन्नता रहेगी। सहयोगी मदद नहीं करेंगे। व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें। लाभ होगा। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएं रखें। आर्थिक अनुकूलता रहेगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं। नई योजनाओं की शुरुआत होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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