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सोमवार, 8 जून 2020

आज इंडिया में ऐसा कोई रिटायरमेंट प्लान उपलब्ध नहीं है,

रिटायरमेंट प्लानिंग

आज इंडिया में ऐसा कोई रिटायरमेंट प्लान उपलब्ध नहीं है, जहा पर आप अपने वर्किंग पीरियड के दौरान इन्वेस्टमेंट करके आपके रिटायरमेंट के दौरान हर माह निश्चित रकम पा सके |

इसके लिए आपको आपकी इनकम शुरू होने के साथ ही उसका प्लानिंग शुरू करना जरूरी है| इसकी जरुरत क्यों है, ये आपको निचे बताई गई कुछ बातो से पता चलेगा,

1.. पहले बैंक  ऍफ़.डी का इंटरेस्ट रेट करीब 13% था, पोस्ट आफिस के सर्टिफिकेट में करीब 14%, पी.पी.ऍफ़. में करीब 12% था जबकि इन्फ्लेशन करीब 10% रहता था तो नेट इंटरेस्ट पॉजिटिव मिलता था |

2. आज से 15 - 20 साल पहले ज्यादातर लोग सरकारी नौकरी करते थे और वो जब रिटायर होते थे उसके बाद उनको पेंशन मिलता था जो की इन्फ्लेशन के साथ बढ़ता था |

3, आज से 15 - 20 साल पहले से हमारा खर्चा लाइफस्टाइल में ज्यादा बढ़ा है, जिसके कारन हम इन्फ्लेशन कम रहने के बावजूद कई बार तंग अवस्था पैदा करते है |

अगर आज कोई फॅमिली का मंथली एक्सपेंस 25000 रूपये है, तो आज से 25 साल बाद यही खर्चा अगर 6% इन्फ्लेशन को भी ध्यान में ले तो वो करीब 112000 रूपये हो सकता है, 

क्या आपको लगता है 25 साल बाद आपके इन्वेस्टमेंट पे आपको 6% इंटरस्ट मिलेगा? बिलकुल नहीं शायद ज्यादा से ज्यादा 2% से 2.50% मिल सकता है और अगर यही हुआ तो आपको हर महीने रिटायरमेंट के बाद के इन्फ्लेशन को ध्यान में न ले फिर भी 112000 रूपये के खर्च के लिए आपको 56,00,000 की वेल्थ आपके पास होनी चाहिए, और अगर आप इन्फ्लेशन को ध्यान में ले तो ये शायद 75,00,000 हो जायेगा |

यही 75,00,000 लाख की वेल्थ बनाने के लिए अगर आजसे आप 8% की इंटरेस्ट में इन्वेस्ट करते हो तो आप हर महीने 8250/- का इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा, मगर यही इन्वेस्टमेंट अगर आप 5 साल बाद शुरू करोगे तो आपको हर महीने 13200/- का और अगर 10 साल बाद शुरू करोगे तो आपको हर महीने 22200/- का इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा |*ABSLI कम्पनी की लाईफ टाईम पेंशन योजना*
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( *विजन लाईफ़ इनकम प्लान* )
1. यह प्लान 1 से 60 वर्ष की उम्र का व्यक्ति ले सकता हैं ।
2 . बीमा आपकी 100वर्ष की उम्र तक चलेगा।
3 . प्रीमियम आप 15 से 40 वर्ष तक जमा करा सकते हैं या *आप 8, 10, 12 वर्ष की टर्म भी ले सकते है जिसमे मिनिमम किश्त एक लाख रुपये आयेगी*
4 . कम से कम किश्त साल की 15000/-Rs आयेगी व् बीमा (200000/-) दो लाख का होगा।
5. माना कि आपकी उम्र 30 वर्ष है तो..और आप. 25 साल के लिये ये स्कीम ले रहे है, तो आपकी किश्त 50 हजार रुपये आएगी व् 12लाख का बीमा होगा और 25 वर्ष बाद मैच्यूरिटी पर एक मुश्त 15 लाख रूपये 10(10)D मे टेक्स फ्री आपकोे दे दिये जायेंगे।
6 . फिर आपकी 55 वर्ष की उम्र से 100 वर्ष तक 1,20,000/- सालाना पेंशन मिलती रहेगी एवं आपका 12 लाख का बीमा भी फ्री चलता रहेगा।
7 .यदि पॉलिसी लेने वाले की 1 से 55 वर्ष में किसी भी तरह ( प्रथम वर्ष में आत्महत्या को छोड़कर) मौत होती है तो बीमा + बोनस मिलेगा व् पॉलिसी बन्द हो जायेगी ।
8. यदि 55 से 100 वर्ष के बीच में पोलिसी धारक की मौत होती है तो 12 लाख रुपये मिल जायेंगे व् पॉलिसी बन्द हो जायेगी।
9 .पॉलिसी लेने के 25 वर्ष बाद आपको जो रकम 15 लाख तो गारंटीड मिलेगी ही पर 100 वर्ष पूरे होने पर 12लाख + बोनस (10 (10)D मे भी टेक्स फ्री मिलेगा।
10 . वर्तमान में बैंक ब्याज दर 6.25 से ज्यादा नही है और आगे आने वाले वर्षों मे केंद्र सरकार की योजना अनुसार ब्याज दर लगभग 2℅ या 3℅ रह जायेगी।
11. विकसित देशों में ब्याज दर आज भी 0.25 से 2℅ ही है जो भारत देश में भी आने वाले वर्षों में शत प्रतिशत हो जायेगा।
12 .इस पॉलिसी में 8 -9.5℅ रिटर्न आगामी 100 वर्ष तक पड़ रहा हैं।
13. इस समय रिटायरमेन्ट के बाद इनकम आधी हो जाती है व् खर्चे बढ़ जाते हैं तब ये प्लान आपकी सारी जरूरते पूरी करता हैं।
14 ..माना कि आज आपके घर का खर्च सालाना 1,20,000 हैं , तो 6℅ भी महंगाई माने तो 20 वर्ष बाद आपको 3.84 लाख सालाना खर्च करना पड़ेगा जिससे आपको 60 वर्ष की उम्र मे वित्तिय परेशानी होगी।
15. इस पॉलिसी में 3 वर्ष बाद कभी भी भरे हुए पैसों के सरेंडर वेल्यु का 80℅ लोन ले सकते हैं।
16. इस पॉलिसी में वेवर प्रीमियम (WOP) भी ले सकते है, जिसमे पॉलिसी धारक के नियमानुसार दो अंग भंग होने या अगर बच्चों के नाम से पॉलिसी लेने पर पिता की मृत्यु होने पर आगे के सारे प्रीमियम माफ़ हो जायेंगे , किन्तु मेच्योरिटी मे कुछ भी फर्क नही पड़ेगा।
17. कुछ लोग बिना सोचे समझे कह देते है कि FD में ज्यादा फायदा रहता हैं, तो ये बात बिल्कुल गलत है क्युकि FD 10 वर्ष से अधिक की नही होती है व् उसमे बीमा भी नही होता है।
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9785008009

जय श्री कृष्णा
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18 लाख रुपये का पैकेज यानी डेढ़ लाख महीना ?

इंदौर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर फैमिली आत्महत्या केस से सभी को सबक लेना चाहिए 

इसे मेरी सलाह नहीं समय की चेतावनी समझिए कि ये किसी के साथ भी हो सकता है:-

18 लाख रुपये का पैकेज यानी डेढ़ लाख महीना...
इनके दोनों बच्चे DPS में पढ़ते थे.. 
Work from Home की सुविधा थी तो काम के साथ 
शेयर बाजार में ट्रेडिंग का भी धंधा..
पिछले महीने नौकरी गई... 
और इस महीने पूरे परिवार ने की खुदकुशी... 
जबकि मां को पेंशन मिलती थी... 
ससुराल वालों की भी आर्थिक स्थिति अच्छी थी...!

दरअसल इकोनॉमी की आज जैसी हालत है... 
अभी और हज़ारों-लाखों लोगों की नौकरी जाएगी... 
वैसे भी जैसे-जैसे उम्र और सैलरी बढ़ती जाती है... 
पुरानी नौकरी जाने की संभावना उतनी ही ज़्यादा और नई नौकरी मिलने की संभावना उतनी ही कम रहती है... 
तो फिर क्या करें ?

1- बचत.
आज भी इसका कोई विकल्प नहीं है.. 
आपकी सैलरी 2,00,000 हो या 20,000 की। 
एक निश्चित रकम हमेशा बचाएं।
 कम से कम 6 महीने का बफर स्टॉक तो रखें।
अगर आप डेढ़ लाख महीना कमाने के बावजूद नौकरी जाने के महज एक महीने के भीतर आत्महत्या कर लें.. आपका डेबिट और क्रेडिट कार्ड खाली हो तो ये मानिए पूरी तरह से गलती आपकी रही होगी। 

2- शौक 
शौक के हिसाब से नहीं ज़रूरत के हिसाब से रहें.. आदत मत पालिए ...
ब्रांडेड कपड़े पहनना, रेस्तरां में खाना, मॉल और मल्टीप्लेक्स में जाना अच्छा लगता है 
लेकिन इनके बगैर ज़िंदगी नहीं रुकती..
अगर इस मद में कटौती की जाए तब भी 
कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

3- मां-बाप आज भी पैसों से ज़्यादा आपको चाहते हैं। क्या हो गया अगर आप बड़े हो गए ? 
अगर आप अपने माता-पिता को अपनी आर्थिक स्थिति की सही जानकारी देंगे तो आपको आर्थिक और भावनात्मक दोनों तरह की मदद मिलेगी..
 उनसे मदद मांगकर आप छोटे नहीं हो जाएंगे.. 
आत्मसम्मान बाहर वालों के लिए होता है.. 
घर वालों से मदद मांगने में नाक छोटी नहीं हो जाएगी.. 
इंदौर वाले केस में भी मां को पेंशन मिलती थी.. 
ससुराल वाले भी मदद कर सकते थे 
लेकिन मदद मांगी तो होती। 
बॉस की गाली खा सकते हैं तो 
अपनों से मदद मांगने में क्या बुराई है ?

4- खानदानी प्रॉपर्टी.. 
आप भले ही मूर्ख हों और बचत नहीं करते हों लेकिन आपके माता-पिता और दादा-दादी ऐसे नहीं थे..
उन्होंने अपनी सीमित कमाई के बावजूद बचत कर कुछ प्रॉपर्टी जोड़ी होती है... 
गांव में कुछ ज़मीन ज़रूर होती है...
तो याद रखिए कोई भी प्रॉपर्टी या ज़मीन-जायदाद ज़िंदगी से बड़ी नहीं है... 
मुसीबत के वक्त उसे बेचने में कोई बुराई नहीं है।

5- धैर्य और धीरज रखें..
आपकी कंपनी के गेट पर जो सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहता हैं 
उनमें से ज़्यादातर की सैलरी 10 से 20 हज़ार के बीच रहती है... 
देश में आज भी ज़्यादातर लोग 20 हज़ार रूपये महीने से कम ही कमाते हैं.. 
कभी सुना है किसी कम सैलरी वाले को आर्थिक वजह से आत्महत्या करते हुए ? 
खुदकुशी के रास्ता अमूमन ज़्यादा सैलरी वाले लोग और व्यापारी ही चुनते हैं. 
पैसा जितना ज्यादा आता है। 
ज़िंदगी की जंग लड़ने की ताकत उसी अनुपात में कम होती जाती है। 
पैसा कमाइए लेकिन जीवटता को भी जिंदा रखिए। 
इमरजेंसी में काम आएगी।

6- हालात का सामना करें- 
इसमें कोई शक नहीं कि बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का फैशन है लेकिन सरकारी स्कूल अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुवे हैं... 
याद रखिए आपमें से कई लोग सरकारी स्कूल में पढ़कर ही यहां तक पहुंचे हैं... 
अब भी कई लोग हैं जो सरकारी स्कूल में पढ़कर 
UPSC Crack कर रहे हैं... 
इसलिए अगर नौकरी ना रहे तो 
बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने को 
बेइज़्ज़ती मत समझिए... 
हो सकता है शुरू में बच्चों को अजीब लगे 
लेकिन बाद में वो भी समझ जाएंगे।

7-  लचीलापन रखिए...
अगर आपको पिछली नौकरी में 75 हज़ार या एक लाख रुपये सैलरी मिलती थी तो ज़रूरी नहीं कि नई भी इतनी की ही मिले... 
मार्केट में नौकरी का घोर संकट है..और इस गलतफहमी में मत रहिए कि आप बहुत टैलेंटेड हैं। टैलेंट बहुत हद तक मालिक और बॉस के भरोसे पर रहता है 
मालिक या बॉस ने मान लिया कि आप टैलेंटेड हैं तो फिर हैं।
 एक बार रोड पर आ गए तो टैलेंट धरा का धरा रह जाएगा।
 आपसे टैलेंटेड लोग मार्केट में खाली घूम रहे हैं।

8- असफलता का स्वाद... 

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है,
 इसको हम सभी को पूरा करना चाहिए। 
हमारे जीवन में सफलता का जितना महत्व है उतना ही असफलता का भी होना चाहिए। 
हमें अपने आप को, अपने बच्चों को और परिवार को यह बताना चाहिए कि 
हमें किसी भी कार्य में, परीक्षा में, बिजनेस में, खेल में, कृषि में असफलता भी मिल सकती हैं। 
असफलता का स्वाद हमें हमारे बच्चों को बचपन में ही सिखा देना चाहिए। 
अगर आप बच्चे के साथ कोई गेम खेल रहे हैं, 
कुश्ती लड़ रहे हैं, 
तो उस गेम में हमेशा उसको जीताए नहीं, 
उसे हराए और उसे हार का सामना करना भी सिखाएं।
 उसे बताएं कि सिक्के के दो पहलू होते हैं- 
कभी एक ऊपर रहता है, 
कभी दूसरा ऊपर रहता है अर्थात 
समय हमेशा एक सा नहीं रहता है।

अगर वह हमेशा जीतेगा या आप उसे जिताएंगे तो उसे यह कभी पता ही नहीं चलेगा कि 
जीवन में असफलता भी मिलती है और 
भगवान ना करें बड़ा होने पर 
उसे कोई असफलता मिलती है तो 
वह उसका सामना ही ना कर पाएं 
और हिम्मत हार जाएं।

इसे साकारात्मक लें,
 हमलोगो को जीवन भर कुछ न कुछ 
हमेशा सिखते रहना है 
यही बताया गया है।
लेकिन कोरोना वायरस के चलते हुए लाकडाउन ने जो सिखाया
 उसके बारे में हम ने कभी सोचा भी नहीं था, 
लेकिन जीवन का आनंद इसी में है कि 
व्यक्ति हर विपरित परिस्थितियों मे भी
 मुस्करा कर आगे बढ़ें...

ये ज़िन्दगी बहुत रुलाएगी
ये ज़िन्दगी बहुत सताएगी
ये ज़िन्दगी बहुत हंसाएगी, 

लेकिन आपको साकारात्मक ही रहना होगा। 

इसलिए बचत करने की आदत आज से ही शुरू करें!!

सरकार के भरोसे न रहें... 
वास्तविक जीवन जीने की कोशिश करें।

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