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शनिवार, 15 जुलाई 2023

शास्त्रों के अनुसार इन 6 कारणों से जल्द होती है मौत

शास्त्रों के अनुसार इन 6 कारणों से जल्द होती है मौत
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हर व्यक्ति अपने जन्म के साथ ही मृत्यु की तारीख भी लिखवाकर आता है। लेकिन पुराणों के मुताबिक व्यक्ति अपने कर्मों से मृत्यु को टाल सकता है। यानी की अपनी उम्र बढ़ा सकता है और घटा भी सकता है। इसका मतलब यह है कि कर्मों के मुताबिक व्यक्ति को आयु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है और मृत्यु का शाप पाकर पहले मर भी सकता है। तो आइए जानते हैं किस तरह के कर्मों से व्यक्ति की मौत जल्द होती है। 

महाभारत के उद्योगपर्व में धृतराष्ट्र महात्मा विदुर से सवाल पूछते हैं कि जब सभी वेदों में मनुष्य को सौ वर्ष की आयु वाला बताया गया है तब वह किस कारण से अपनी पूर्ण आयु को भोग नहीं पाता। 'शतायुरुक्ता पुरूषः सर्ववेदेषु वै यदा। नाप्नोत्यथ च तत् सर्वमायुः केनेह हेतुना।। धृतराष्ट्र के प्रश्नों का जवाब देते हुए विदुर जी वह छह कारण बताते हैं जिससे मनुष्य अपनी पूर्णायु को नहीं भोग पाता है।

विदुर जी कहते हैं मनुष्य की उम्र को काटने वाला पहला तलवार अभिमान है। अभिमानी मनुष्य अपने को सबसे बड़ा मानकर बड़ों का भी अनादर करने लगता है। अपने अभिमानी स्वभाव के कारण वह भगवान का प्रिय नहीं रह जाता और भगवान उसकी उम्र कम कर देते हैं। अधिक बोलने की आदत भी उम्र को कम करता है। इसकी वजह यह बतायी गई है कि ज्यादा बोलने वाले व्यक्ति का अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रहता है और वह किसी को कुछ भी कह सकता है ऐसे में कई बार वह लोगों का दिल दुखाता है। अधिक बोलने वाले व्यक्ति झूठ भी बोलने लगते हैं। इस कारण से उनकी आयु कम हो जाती है।

त्याग की कमी। रावण और दुर्योधन इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। इन दोनों में त्याग की कमी थी इस कारण से ही इन्हें युद्ध करना पड़ा और मारे गए। क्रोध को उम्र कम करने वाला चौथा कारण माना गया है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि व्यक्ति को नर्क में पहुंचाने के लिए अकेला क्रोध ही काफी है क्योंकि क्रोध में मनुष्य उचित -अनुचित भूलकर कुछ ऐसा कर बैठता है जो उसका ही अहित कर देता है।

उम्र को काटने वाला पांचवा तलवार स्वार्थ है। विदुर जी कहते हैं कि स्वार्थ में मनुष्य बड़े से बड़ा पाप करने में लज्जा का अनुभव नहीं करता है। स्त्री, धन और जमीन इन स्वार्थों की पूर्ति के लिए लोग युद्ध के मैदान में पहुंच जाते है और जीवन का अंत कर लेते हैं। महाभारत इस बात का उदाहरण है। छठा कारण है मित्रों के साथ धोखा और 6बेईमानी। शास्त्रों में दोस्तों के साथ धोखा करने वाले को अधम यानी नीच मनुष्य कहा गया है। ऐसे मनुष्य पर यमराज बहुत क्रोधित होते हैं और इन्हें कठोर दंड देते हैं।

बस यही प्रोपेगैंडा है जो ये फैलाते हैं। और उससे भी बड़ी बात कि रियल स्टोरी में आधे से ज्यादा झूठ मिला होने के बाद भी सेंसर बोर्ड इनकी फिल्मों को पास कर देता है,

क्या आपको पता है अभी कुछ साल पहले 2019 में अक्षय कुमार अभिनीत एक फ़िल्म रिलीज हुई थी, नाम था *मिशन मंगल*! फ़िल्म ने चारों और वाहवाही बटोरी थी चूंकि फ़िल्म रियल टाइम स्टोरी पर आधारित थी तो सभी को पसंद आई थी। सारे दृश्य पर्दे पर हूबहू उतारे गए थे और फ़िल्म देखते हुए लगता था कि आप भी मंगल मिशन की टीम का हिस्सा बन गए हो। 
मुझे भी फ़िल्म बहुत पसंद आई, पर आपको याद होगा फ़िल्म में एक दृश्य दिखाया गया था जिसमें एक महिला साइंटिस्ट जिसका नाम *नेहा सिद्दीकी* है, वह एक _दीनी महिला_ है और उसे रहने के लिए घर ढूंढने में बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। 

जहाँ भी वह किराये पर घर देखने जाती वही उसका धर्म पता चलते ही मना कर दिया जाता। बड़ा ही इमोशनल हो गया था मैं, की इतनी खूबसूरत और टेलेंटेड वैज्ञानिक को लोगों ने घर देने से मना कर दिया, मैं शॉक्ड था। अगर आपने मूवी देखी है तो आप भी शॉक्ड हो गए होंगे और गुस्सा भी आया होगा, आना भी चाहिए । बताइये एक वैज्ञानिक जो दिन रात देश के लिए खून पसीना एक कर रहे हैं उनके लिए हमारे देश में इतना भेदभाव होता है, कितनी ओछी मानसकिता है यह, है ना? 

बस यही सब दिमाग में चल रहा था...खैर घर आ कर इंटरनेट खोला और ISRO के बारे में खोज करना शुरू किया तो पता चला कि इसरो अपने सभी वैज्ञानिकों और इंजीनीयरों को अपार्टमेंट्स देता है, अब ये पता चला तो दिमाग घूमा कि अगर इसरो अपार्टमेंट दे रहा है तो किराये पर घर कोई क्यों लेगा? 

तब मैंने नेहा सिद्दीकी को गूगल पर ढूंढा तो कहीं दिखी ही नहीं, इसके बाद मंगल मिशन की पूरी टीम चेक करने लगा कि देखें तो सही कि अपने रियल हीरो वास्तव में दिखते कैसे हैं। 
मैंने पूरी टीम के एक-एक मेंबर के नाम खंगाल लिए *पर मुझे नेहा सिद्दीकी नाम की कोई वैज्ञानिक, या इंजीनियर तो छोड़िए कोई टेक्नीशियन भी नहीं मिली।*

*शॉक्ड लगा न?*🤔😳 मुझे भी यह देखने के बाद 440 वोल्ट का झटका लगा था कि पूरी टीम में एक भी *मुस्लिम महिला या पुरुष* नहीं था पर बावजूद इसके *फ़िल्म के मेकर्स ने* अभिव्यक्ति की आजादी या मौलिक स्वतंत्रता के नाम पर यह कहानी प्लॉट की, जिसमें दिखाया गया कि भारत में कैसे एक मुस्लिम महिला को कोई अपना घर किराये पर नहीं देता, चाहे वह महिला इसरो की कोई वैज्ञानिक ही क्यों न हो। 
और फ़िल्म के पोस्टर पर वही महिला को दिखा कर लिखा गया कि *"Science Has No Religion"*

जी हाँ *धीमा जहर* कैसे घोला जाता है ये बॉलीवुड वाले अच्छे से जानते हैं, *मैंने तो यह crosscheck कर लिया पर कितने लोग ऐसा करते होंगे?*

ऐसे ढेरों सीन थे पर इसके अलावा एक सीन और था अगर आपको याद हो....

याद किजिए विद्या बालन का बेटा कहता है मैं नमाज पढूंगा। । उसका बाप संजय कपूर लड़ता है उससे 
लेकिन बेटा कहता है कि नही मुझे नमाज पढ़नी ही है , और उसकी मम्मी सहयोग करती है।।। याद कीजिए, बस यही प्रोपेगैंडा है जो ये फैलाते हैं। और उससे भी बड़ी बात कि रियल स्टोरी में आधे से ज्यादा झूठ मिला होने के बाद भी सेंसर बोर्ड इनकी फिल्मों को पास कर देता है, इसे अतिश्योक्ति ही कहा जायेगा।

और आपको पता है इस फ़िल्म के निर्माता कौन थे? 
अपने श्री श्री अक्षय कुमार जी, जी हां वही कालनेमि अक्षय कुमार जो देश प्रेम की अलख जगाये घूमते दिखाई देते हैं और अंदरखाने धीमा जहर फैलाते रहते हैं और सामने भी नहीं आते।
*आख थू थू थू* 🫢


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साभार
देशहित सर्वोपरी.....

कैलाश पर्वत और चंद्रमा का रहस्य

कैलाश पर्वत और चंद्रमा का रहस्य 
कैलाश पर्वत एक अनसुलझा रहस्य, कैलाश पर्वत के इन रहस्यों से नासा भी हो चुका है चकित.;

कैलाश पर्वत, इस एतिहासिक पर्वत को आज तक हम सनातनी भारतीय लोग शिव का निवास स्थान मानते हैं। शास्त्रों में भी यही लिखा है कि कैलाश पर शिव का वास है।

किन्तु वहीं नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था के लिए कैलाश एक रहस्यमयी जगह है। नासा के साथ-साथ कई रूसी वैज्ञानिकों ने कैलाश पर्वत पर अपनी रिपोर्ट दी है।

उन सभी का मानना है कि कैलाश वास्तव में कई अलौकिक शक्तियों का केंद्र है। विज्ञान यह दावा तो नहीं करता है कि यहाँ शिव देखे गये हैं किन्तु यह सभी मानते हैं कि, यहाँ पर कई पवित्र शक्तियां जरूर काम कर रही हैं। तो आइये आज हम आपको कैलाश पर्वत से जुड़े हुए कुछ रहस्य बताते हैं।

#कैलाश_पर्वत_के_रहस्य.

रहस्य 1– रूस के वैज्ञानिको का ऐसा मानना है कि, कैलाश पर्वत आकाश और धरती के साथ इस तरह से केंद्र में है जहाँ पर चारों दिशाएँ मिल रही हैं। वहीं रूसी विज्ञान का दावा है कि यह स्थान एक्सिस मुंडी है और इसी स्थान पर व्यक्ति अलौकिक शक्तियों से आसानी से संपर्क कर सकता है। धरती पर यह स्थान सबसे अधिक शक्तिशाली स्थान है।

रहस्य 2 - दावा किया जाता है कि आज तक कोई भी व्यक्ति कैलाश पर्वत के शिखर पर नहीं पहुच पाया है। वहीं 11 सदी में तिब्बत के योगी मिलारेपी के यहाँ जाने का दावा किया जाता रहा है। किन्तु इस योगी के पास इस बात के प्रमाण नहीं थे या फिर वह स्वयं प्रमाण प्रस्तुत नहीं करना चाहता था। इसलिए यह भी एक रहस्य है कि इन्होंने यहाँ कदम रखा या फिर वह कुछ बताना नहीं चाहते थे।

रहस्य 3 - कैलाश पर्वत पर दो झीलें हैं और यह दोनों ही रहस्य बनी हुई हैं। आज तक इनका भी रहस्य कोई खोज नहीं पाया है। एक झील साफ़ और पवित्र जल की है। इसका आकार सूर्य के समान बताया गया है। वहीं दूसरी झील अपवित्र और गंदे जल की है तो इसका आकार चन्द्रमा के समान है। 

रहस्य 4 - यहाँ के आध्यात्मिक और शास्त्रों के अनुसार रहस्य की बात करें तो कैलाश पर्वत पे कोई भी व्यक्ति शरीर के साथ उच्चतम शिखर पर नहीं पहुच सकता है। ऐसा बताया गया है कि, यहाँ पर देवताओं का आज भी निवास हैं। पवित्र संतों की आत्माओं को ही यहाँ निवास करने का अधिकार दिया गया है।

रहस्य 5 - कैलाश पर्वत का एक रहस्य यह भी बताया जाता है कि जब कैलाश पर बर्फ पिघलती है तो यहाँ से डमरू जैसी आवाज आती है। इसे कई लोगों ने सुना है। लेकिन इस रहस्य को आज तक कोई हल नहीं कर पाया है.

रहस्य 6 – कई बार कैलाश पर्वत पर *सात तरह के प्रकाश* आसमान मेंदेखे गये हैं। इस पर नासा का ऐसा मानना है कि यहाँ चुम्बकीय बल है और आसमान से मिलकर वह कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता 

रहस्य 7 - कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों का केंद्र माना गया है। यहाँ कई साधू और संत अपने देवों से टेलीपैथी से संपर्क करते हैं। असल में यह आध्यात्मिक संपर्क होता है।

रहस्य 8 - कैलाश पर्वत का सबसे बड़ा रहस्य खुद विज्ञान ने साबित किया है कि यहाँ पर प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से *ॐ* की आवाजें सुनाई देती हैं।

समझ गये होंगे कि, कैलाश पर्वत क्यों आज भी इतना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व रखे हुए है। हर साल यहाँ दुनियाभर से कई लोग अनुभव लेने आते हैं, और सनातन धर्म के लिए कैलाश सबसे बड़ा आदिकालीन धार्मिक स्थल भी बना हुआ 

यहाँ पर सूर्य और चंद्रमा के संधि काल (सायं काल) प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से *ॐ* की आवाजें सुनाई देती हैं

हर हर महादेव 🙏🔱🚩

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