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गुरुवार, 5 मार्च 2020

कोरोनावायरस से लड़ने का फॉर्मूला -बिस्वरूप रॉय चौधरी

कोरोनावायरस से लड़ने का फॉर्मूला, वजन के मुताबिक पिएं मौसमी जूस और नारियल पानी, सिर्फ 3 दिन में होगा असर -बिस्वरूप रॉय चौधरी

  • संक्रमण के लक्षण दिखने पर फॉलो करें 3 दिन का डाइट प्लान,
  •  ताजा जूस बिना छाने पिएं,डाइट में शामिल करें टमाटर और खीरा

कोरोनावायरस से सिर्फ चीन में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में सोमवार तक 3 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वायरस से संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक, संक्रमण के लक्षण दिखने पर बचाव के तौर पर डॉक्टरी सलाह लें और लिक्विड डाइट की मात्रा बढ़ाएं। मेडिकल न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के मुताबिक, संतरा-मौसमी और नारियल पानी की मात्रा बढ़ाकर 3 दिन में संक्रमण और वायरस को खत्म किया जा सकता है। ध्यान रखें जूस को छानना नहीं है वरना इसमें मौजूद फायबर कम हो जाएंगे। और न ही पैकेज्ड जूस का इस्तेमाल करें। मशहूर न्यूट्रशनिस्ट और डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने भास्कर के साथ शेयर किया 3 दिन का डाइट प्लान जो संक्रमण के असर को कम करेगा।
लक्षण दिखने ही फॉलो करें 3 दिन का प्लान
पहला दिन : सिर्फ जूस और नारियल पानी पीएं
संक्रमण के लक्षण महसूस होने के पहले ही दिन डाइट में संतरा-मौसमी का जूस और नारियल पानी लें। दिनभर में कुल कितने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है, यह अपने वजन के मुताबिक तय करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 10 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 10 से भाग देने पर संख्या 8 आएगी। अब दिनभर में आठ गिलास जूस और 8 गिलास नारियल पानी पीना है।
दूसरा दिन : टमाटर-खीरा शामिल करें
दूसरे दिन डाइट में थोड़ा बदलाव करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 20 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 20 से भाग देने पर संख्या 4 आएगी। अब दिनभर में 4 गिलास जूस और 4 गिलास नारियल पानी पीना है। इसके अलावा अपने वजन को 5 से गुणा करें जितनी संख्या आए उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाना है।
तीसरा दिन : हल्का खाने से शुरुआत करें
दिनभर की डाइट को तीन हिस्सों में बांटें।
ब्रेकफास्ट में केवल जूस और नारियल पानी ही लें। मात्रा कितनी लेनी है, इसके लिए जितना आपका वजन है उसे 30 से भाग दें। जितनी संख्या आए उसे दोगुना करें, इतने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है।
लंच : अपने वजन को 5 से गुणा करें, जितनी मात्रा आती है उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाएं।
डिनर : रात के खाने में घर का पका कम मसाला और कम तेल वाला हल्का भोजन करें।

कैसे काम करता है ये प्लान
डॉ. बिस्वरूप चौधरी के मुताबिक, नारियल पानी और विटामिन-सी से युक्त जूस शरीर में पहुंचकर रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। बुखार के बाद शरीर का बढ़ा हुआ तापमान सामान्य करता है। संक्रमण के असर को घटाता है।
क्यों आसानी से फैलता है संक्रमण
दुनिया में 3 लाख 20 हजार ऐसे वायरस हैं जो हमेशा से इंसानों को संक्रमित करते आए हैं, इनसे से 209 को पहचानकर नाम दिया गया है। कोरोनोवायरस उनसे से भी एक है। वायरस कोई भी हो ये तभी आसानी से संक्रमित करते हैं जब शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इससे लड़ने के लिए सबसे पहले शरीर की इम्युनिटी बढ़ाएं क्योंकि बचाव ही बेहतर इलाज है।

https://youtu.be/sk7F2YgiYRs

कोरोना वायरस (Corona Virus)


 कोरोनावायरस:-
ये उचित नहीं कि किसी व्यक्ति विशेष का नाम ऐसे पटल पर ऐसी गम्भीर बीमारी के लिए लाया जाये. यद्दपि ये ज़रूर जाना जा सकता है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लगभग सारे व्यक्ति केरल से सम्बन्ध रखते हैं जो हालही में चीन से वापस आए हैं|
कोरोनावायरस (सीओवी) वायरस का एक बड़ा परिवार है जो सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS-CoV) का कारण बनता है। नोवेल कोरोनावायरस (nCoV) एक नया स्ट्रेन है जो इससे पहले मनुष्यों में नहीं पाया गया है।
2019 नावेल कोरोनवायरस या वूहान कोरोनवायरस:-
2019 के नोवेल कोरोनावायरस (2019-nCoV) को अनौपचारिक रूप से वुहान कोरोनावायरस (Wuhan Corona Virus) के रूप में जाना जाता है जो एक संक्रामक वायरस है जो 2019-nCoV तीव्र श्वसन रोग संक्रमण का कारण बनता है। यह चल रहे 2019-20 वुहान कोरोनावायरस के प्रकोप का कारण है।
2019 नावेल कोरोनवायरस या वूहान कोरोनवायरस का इतिहास:-
नोवेल कोरोनावायरस (2019-nCoV) का पहला ज्ञात मानव संक्रमण दिसंबर 2019 की शुरुआत में हुआ था। 2019-nCoV का प्रकोप पहली बार दिसंबर 2019 के मध्य में वुहान में पाया गया था, जो संभवतः एक संक्रमित जानवर से उत्पन्न होता है।
यह वायरस बाद में चीन के सभी प्रांतों और एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ओशिनिया के दो दर्जन से अधिक देशों में फैल गया।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि शुक्रवार(07 फ़रवरी २०१९) तक 722 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 34,546 लोग मुख्य भूमि चीन में संक्रमित हैं।
भारत में 2019 नावेल कोरोनवायरस या वूहान कोरोनवायरस:-
भारत ने अब तक 3 सकारात्मक मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से सभी केरल से हैं।
कोरोनावायरस कैसे फैलता है:-
कोरोनावायरस संकर्मित व्यक्ति के खांसने और छीकने से एयर ड्रापलेट्स के ज़रिये एक से दुसरे व्यक्ति में फैलता है, ये एयर ड्रापलेट्स संकर्मित व्यक्ति के छीकने के बाद 6 मीटर की दुरी तक फैलते हैं|
इन सभी क्षेत्रों में वायरस के मानव-से-मानव प्रसार की पुष्टि की गई है। 30 जनवरी 2020, 2019-nCoV को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल(global health emergency) नामित किया जा चुका है।
कई शुरुआती मामलों को एक बड़े समुद्री भोजन और पशु बाजार से जोड़ा गया था, और वायरस को एक जूनोटिक मूल माना जाता है।
इस वायरस और अन्य वायरस के नमूनों के जेनेटिक सीक्वेंस की तुलना SARS-CoV (79.5%) और बैट कोरोनावायरसेस (96%) के समान है। इससे ये पता चलता है कि ये वायरस मूल रूप से चमगादड़ के ज़रिये फैलता है ,हालांकि ऐसा माना जाता है कि ये वायरस पैंगोलिन के ज़रिये भी फैल सकता है।
कोरोनावायरस ज़ूनोटिक हैं, जिसका अर्थ है कि ये जानवरो और लोगों के बीच संचारित होता हैं।
विस्तृत जांच में पाया गया कि SARS-CoV को केवेट बिल्लियों से मनुष्यों और MERS-CoV से ड्रोमेडरी ऊंटों से मनुष्यों में स्थानांतरित किया गया। कई ज्ञात कोरोनावायरस उन जानवरों में घूम रहे हैं जिन्होंने अभी तक मनुष्यों को संक्रमित नहीं किया है।


कोरोनावाइरस इंडिया आ चुका है, इससे पहले कि ये मीडिया वाले उसकी खबरें दिखा दिखा कर आपको भयभीत करें और अपनी TRP बढ़ाएँ, हम आपको सिर्फ़ इतना बोलना चाहते हैं कि दुनिया में आज भी इंसानी की मौत का सबसे बड़ा कारण मलेरिया है जिससे हर साल 5 लाख से ज़्यादा मौतें होती हैं, मलेरिया के बाद रोड एक्सीडेंट्स और फ़िर आतंकवाद या युद्ध का नम्बर आता है।
कोरोनावाइरस बेशक ख़तरनाक है लेकिन इसका Mortality Rate 2% से भी कम बताया जा रहा है। ज़्यादातर मामलों में ये खुद से ठीक हो जाता है, वृद्धों और बच्चों को ज़रूर विशेष बचाव करने की ज़रूरत है।
इसीलिए बेशक खूब सावधानी रखिए, अनावश्यक यात्राएँ मत करिए, लेकिन घबराइए नहीं, हमारा देश वैसे भी भगवान भरोसे ही चलता है, गर्मियाँ क़रीब हैं, गर्मियाँ आते ही सब ठीक हो जाएगा, क्यूँकि अभी ये जिन भी देशों में फैला है इन जगहों का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम है।
इसीलिए भगवान और गर्मी दोनों पर भरोसा रखिए...सब ठीक होगा


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