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गुरुवार, 27 मार्च 2014

भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2071

|| भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2071 ||
इस बार भारतीय नववर्ष चैत्र प्रतिपदा 1 अप्रैल 2014 को आ रहा हे एक बात याद रखे विश्व में पूर्व में ही ग्रेगोरियन अंग्रेज 1 अप्रैल से ही नववर्ष मानते थे परन्तु उनकी मानसिक समझ के कारण उन्होंने 1 जनवरी को नववर्ष माना परन्तु फिर भी कुछ अंग्रेज 1 अप्रैल को ही नव वर्ष मानते रहे तो उस दिवस को मुर्ख दिवस (april fool) कहा गया.

यह दिवस भारतीय स्वाभिमान और आत्मसम्मान का दिन हे जिसे अंग्रेजो ने उपेक्षित करने के लिए मुर्ख दिवस कहा परन्तु अफ़सोस भारतीय य
ुवा पीढ़ी इस बात से अनजान हे और अपने ही संस्कृति का उपहास उडाती जा रही हे अब समय हे बदलाव का ज्यादा से ज्यादा भारतीय नववर्ष की चेतना को जागृत करे.

भारतीय कैलेंडर के 12 महीने :
1) चैत्र
2) वैशाख
3) ज्येष्ठ
4) आषाढ़
5) सावन
6) भाद्रपद
7) अश्विन
8) कार्तिक
9) मार्गशीष
10) पौष
11) माघ
12) फाल्गुन

भारतीय कैलेंडर की गणना :
1) 1 महीने में 30 तिथि अथवा दिन
2) 1 दिवस दिन में 27 नक्षत्र
3) नक्षत्रो में भी 27 योग
4) 1 तिथि में भी 30 कर ( कर मतलब तिथि का आधा)

यह पूरी गणना सूर्य और चन्द्र के ऊपर निर्धारित होती हे जबकि अंग्रेजी कैलेंडर में ऐसा कुछ नहीं होता.

भारतीय नववर्ष पर क्या करे :
1) प्रातकाल ब्रह्म मोहरत में जागकर घर में धार्मिक कार्य की शुरुआत करे
2) नववर्ष पूर्व संध्या पर घर में रौशनी करे
3) घर की छत पर भगवा ॐ का ध्वज लगाये
4) नववर्ष पर मोहल्ले वासियों को तिलक लगाए
5) अपने मित्र संबंधियों को नववर्ष के शुभकामना भेजे
6) नववर्ष की संध्या पर आतिशबाजी करे
7) सामाजिक संस्था द्वारा आयोजन कराये जाए
8) गरीब बस्ती में किताबे, धर्म प्रचार सामग्री बाटे

भारतीय नववर्ष की पुनः जीवन में लाने के लिए युवाओ को आगे आना होगा, ज्यादा से ज्यादा उस दिन नववर्ष कार्यकर्म करे और फेसबुक, twitter, whats app के जरिये सभी को शुभकामना सन्देश भेजे. पहले पहले सभी हेरान होंगे परन्तु देश के स्वाभिमान के लिए लोग इसे याद जरुर रखेंगे.

शनिवार, 15 मार्च 2014

प्राकृतिक रंगों से खेले होली - प्राकृतिक रंग बनाने की सरल विधियाँ

प्राकृतिक रंगों से खेले होली
प्राकृतिक रंग बनाने की सरल विधियाँ

केसरिया रंगः पलाश के फूलों से यह रंग सरलता से तैयार किया जा सकता है। पलाश के फूलों को रात को पानी में भिगो दें। सुबह इस केसरिया रंग को ऐसे ही प्रयोग में लायें या उबालकर होली का आनंद उठायें। यह रंग होली खेलने के लिए सबसे बढ़िया है। शास्त्रों में भी पलाश के फूलों से होली खेलने का वर्णन आता है। इसमें औषधिय गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह कफ, पित्त, कुष्ठ, दाह, मूत्रकृच्छ, वायु तथा रक्तदोष का नाश करता है। रक्तसंचार को नियमित व मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के साथ ही यह मानसिक शक्ति तथा इच्छाशक्ति में भी वृद्धि करता है।

सूखा हरा रंगः मेंहदी या हिना का पाउडर तथा गेहूँ या अन्य अनाज के आटे को समान मात्रा में मिलाकर सूखा हरा रंग बनायें। आँवला चूर्ण व मेंहदी को मिलाने से भूरा रंग बनता है, जो त्वचा व बालों के लिए लाभदायी है।

सूखा पीला रंगः हल्दी व बेसन मिला के अथवा अमलतास व गेंदे के फूलों को छाया में सुखाकर पीस के पीला रंग प्राप्त कर सकते हैं।
गीला पीला रंगः एक चम्मच हल्दी दो लीटर पानी में उबालें या मिठाइयों में पड़ने वाले रंग जो खाने के काम आते हैं, उनका भी उपयोग कर सकते हैं। अमलतास या गेंदे के फूलों को रात को पानी भिगोकर रखें, सुबह उबालें।

लाल रंगः लाल चंदन (रक्त चंदन) पाउडर को सूखे लाल रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। यह त्वचा के लिए लाभदायक व सौंदर्यवर्धक है। दो चम्मच लाल चंदन एक लीटर पानी में डालकर

उबालने से लाल रंग प्राप्त होता है, जिसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलायें।

पीला गुलाल : (१) ४ चम्मच बेसन में २ चम्मच हल्दी चूर्ण मिलायें | (२) अमलतास या गेंदा के फूलों के चूर्ण के साथ कोई भी आटा या मुलतानी मिट्टी मिला लें |
पीला रंग : (१) २ चम्मच हल्दी चूर्ण २ लीटर पानी में उबालें | (२) अमलतास, गेंदा के फूलों को रातभर भिगोकर उबाल लें |
जामुनी रंग : चुकंदर उबालकर पीस के पानी में मिला लें |

काला रंग : आँवला चूर्ण लोहे के बर्तन में रातभर भिगोयें |

लाल रंग : (१) आधे कप पानी में दो चम्मच हल्दी चूर्ण व चुटकीभर चुना मिलाकर १० लीटर पानी में डाल दे | (२) २ चम्मच लाल चंदन चूर्ण १ लीटर पानी में उबाले |

लाल गुलाल : सूखे लाल गुडहल के फूलों का चूर्ण उपयोग करें |
हरा रंग : (१) पालक, धनिया या पुदीने की पत्तियों के पेस्ट को पानी भिगोकर उपयोग करें | (२) गेहूँ की हरी बालियों को पीस लें |
हरा गुलाल : गुलमोहर अथवा रातरानी की पत्तियों को सुखाकर पीस लें |
भूरा हरा गुलाल : मेहँदी चूर्ण के साथ आँवला चूर्ण मिला लें |

"जन-जागरण लाना है तो पोस्ट को Share करना है।"

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