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शनिवार, 1 अगस्त 2020

एशिया का सबसे बडा सिनेमाहाल राजमन्दिर

*एशिया का सबसे बडा  सिनेमाहाल राजमन्दिर*
*गोलछा परिवार का बेतहरीन तोहफा देश की पिंक सिटी जयपुर को*
*राजस्थान की राजधानी जयपुर में  स्थित इस हाल में सिनेमा देखने वाले भी इसकी खुबियों  के हो जाते है मुरीद*

विश्वभर में एक से बढ़कर एक सिनेमा हॉल तो है,लेकिन राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित राजमन्दिर सिनेमा हॉल एक ऐसा है जो एशिया में भी अपनी छाप छोड़े हुए है।गौरतलब है कि खूबसूरत शहरों में शुमार राजस्थान की राजधानी जयपुर अपने पर्यटन स्थल और विविध शाही इतिहास के बारे में जाना जाता है। यहां स्थापत्यकला, संस्कृति और आधुनिकता का अनूठा संगम है। जयपुर शहर में सिनेमा हॉल तो कई है लेकिन उनमें से एक ऐसा है जो एशिया में भी अपनी छाप छोड़े हुए है। 
मल्टीप्लेक्स के दौर में भी जयपुर शहर की शान माने जाने वाले इस सिनेमा हॉल का नाम है ‘राजमंदिर‘।
राज मंदिर सिनेमा हॉल अपनी पुरातन वास्तुकला के लिए जाना जाता है और जयपुर का गौरव है। इसकी शानदार वास्तुकला के चलते इसे ‘प्राइड ऑफ एशिया‘ की उपाधि से सम्मानित किया गया है। इस हॉल में अब तक हजारों लोग पुरानी क्लासिक फिल्मों का मजा ले चुके हैं।
*अंदर ओर बाहर है बारीक नक्काशी*
 इसमें अंदर और बाहर दोनों ओर बारीक नक्काशी की गई है। इसमें बना हॉल किसी शाही महल से कम नहीं है जिसमें बड़े-बड़े झूमर लगे हैं। इसका लाइटिंग सिस्टम भी लोगों के लिए आकर्षण है।
*नवग्रह के प्रतीक नो सितारे थे आकर्षण*
बाहर से सिनेमा हॉल को देखने पर नौ सितारे चमकते दिखाई देते हैं जो नौ रत्नों के प्रतीक हैं। अंदर की दीवारों पर भी एक घूमने वाली पैनल लगी हुई है साथ ही दीवारों पर कलात्मक काम किया हुआ है।
*एशिया का सबसे बड़ा सिनेमा हॉल था राजमन्दिर*
राजमंदिर में बैठक क्षमता 1300 लोगों की है जिसकी वजह से यह एशिया का सबसे बड़ा सिनेमा हॉल है। इसकी बैठक को चार भागों में बांटा गया है, जिनके नाम भी बड़ी खूबसूरती से रखे गए हैं- पर्ल, रुबी, एम्राल्ड, और डायमंड। हॉल में लगे मखमल के परदे इसके शाही प्रभाव को दर्शाते हैं।
*गजब का रहा है इतिहास...#*
एशिया के इस सबसे बड़े सिनेमा हॉल का इतिहास भी शानदार रहा है। कई सफल फिल्मों ने इस प्रतिष्ठित हॉल में सिल्वर जुबली की है। राजमंदिर का उद्घाटन 1 जून 1976 को हरिदेवजोशी ने किया था जो उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री थे। यहां प्रदर्शित पहली फिल्म ‘चरस‘ थी। जिसमें धर्मेंद और हेमा मालिनी मुख्य भूमिका में थे। इसका डिजाइन श्री डब्ल्यू एम नामजोशी ने बनाया। राजमंदिर की नींव 1966 में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाडिय़ा ने रखी थी। इस शाही हॉल को बनने में दस साल का समय लगा।
*मेहताब गोलछा का था ड्रीम प्रोजेक्ट*
जयपुर का लोकप्रिय आकर्षण केंद्र राज मंदिर सिनेमा की अवधारणा 1960 के दशक के अंत में मेहताब चंद्र गोलछा द्वारा की गई थी। जो उनका एक उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था जिसे वह एक स्टाइलिश और सुरुचिपूर्ण सिनेमा हॉल के रूप में निर्माण करना चाहते थे। इमारत की राजसी वास्तुकला में एक कलात्मक गुण शामिल है जो रहस्य और भ्रम की भावना देता है जो आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षक लगता है।
*जयपुर ही नहीं,देश का था प्राइड*
राज मंदिर सिनेमा अपनी शानदार वास्तुकला के लिए “प्राइड ऑफ एशिया” का हकदार है,और जो वर्तमान में महाद्वीप के सबसे बड़े हॉलों में से एक है। आपको बता दे कि राज मंदिर सिनेमा पारंपरिक सिनेमा की सीमा को पार करने और फिल्मों के साथ एक पूरा अनुभव प्रदान करने के इरादे से बनाया गया था। जो जयपुर में घूमने के लिए सबसे आकर्षक जगहों में से एक माना जाता है।
*44 साल पहले लगी पहली फ़िल्म लगी चरस*
 जिसमे सबसे पहली 1976, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित चरस नामक एक हिंदी एक्शन मूवी दिखाई गई थी।
*राजसी वैभव की लॉबी के दीवाने थे दर्शक*
 राज मंदिर सिनेमा को प्रसिद्ध वास्तुकार डब्ल्यू एम नामजोशी द्वारा डिजाइन किया गया है जिसकी राजसी वास्तुकला में एक कलात्मक गुण शामिल है जो रहस्य और भ्रम की भावना देता है जहा राज मंदिर सिनेमा का स्थापत्य बाहर से एक शानदार मृग के आकार जैसा दिखता है। जो आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षक लगता है। सिनेमा प्रवेश द्वार सामने की ओर बिस्तृत पार्किंग स्थान है जो गोलाकार लॉबी की ओर जाता है,जो कालीन वाली फर्श से सुसज्जित है।और एक अर्ध-गोलाकार सीढ़ीयां मूवी हॉल तक जाती है। दर्शक शो का इंतजार करते हैं तो उनके आराम करने के लिए लॉबी में कुछ बैठने की व्यवस्था भी है। इसके सिनेमा हॉल में शाही मखमली पर्दे के साथ एक विशाल स्क्रीन है। और अंदरूनी हिस्सों में एक केंद्रीय एयर कंडीशनिंग प्रणाली, मूड लाइट और एयर फ्रेशनर लगे हुए हैं।
*बड़े झूमर व लाइटिंग थे आकर्षण*
 सिनेमा का इसका हाल आपको किसी शाही महल की याद दिलाता है जिसमें बड़े बड़े झूमर लगे हों। इसका लाइटिंग सिस्टम भी अपने आप में एक आकर्षण है और हर शो से पहले लाॅबी में उत्तम प्रकाश व्यवस्था की जाती है।

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