इस मूर्ति को गौर से देखो, यह विष्णु भगवान के वराह अवतार की है जिसमे वह पृथ्वी को समुद्र में से निकालते हुए दिखाए गए है!
अब सबसे बड़ा आश्चर्य ये होता है की इसमें पृथ्वी का आकार गोल दिखाया गया!
और दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का कन्फर्म ज्ञान आज से 500-600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में हजारों साल पहले से है!
सनातन का गौरवपूर्ण इतिहास अपनी चीख-चीख कर अपनी श्रेष्ट होने की गवाही दे रहा है!
इसीलिए तो हमारे विषय का नाम भी भू+गोल रखा, भू+चपटे भी रख सकते थे, क्योंकि हमे ज्ञान था की पृथ्वी किस आकार की है!
हमारा इतिहास तो पत्थरो पर लिखा हुआ है !
सुंदरता देखनी हो तो यूरोप जाओ और अगर सुंदरता के साथ-साथ आश्चर्यके साथ सत्य देखना एवं जानना हो तो हमारे मंदिर आओ !
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