चीन की नई खोज: टूटी हड्डियों को 3 मिनट में जोड़ देगा ‘Bone-02’ ग्लू 🩻
चीन के वैज्ञानिकों ने मेडिकल साइंस में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने का दावा किया है। उन्होंने ऐसा मेडिकल बोन ग्लू विकसित किया है जो टूटी हुई हड्डियों और फ्रैक्चर को मात्र 3 मिनट में जोड़ सकता है। इसे ‘Bone-02’ नाम दिया गया है।
आइए जानते हैं विस्तार से ...
📌 बोन ग्लू ‘Bone-02’ क्या है?
✅ बोन ग्लू की खोज समुद्र में पाई जाने वाली सीपों पर आधारित हैं
✅ सीप को जब खोलते हैं तो वह एक प्रकार के गोंद से चिपकी होती है, उसकी गोंद की वजह से वह चट्टानों से चिपकी होती है
✅ उस चिपचिपे पदार्थ को सीप खुद प्राकृतिक रूप से बनाती हैं.
✅ सीपों के इसी प्राकृतिक गुण से प्रेरित होकर चीन के वैज्ञानिकों ने बोन ग्लू बनाया है, जो एक प्रकार का चिपचिपा पदार्थ है, जिससे हड्डियां आपस में चिपकेंगी
✅ फिर यह गोंद अपने आप शरीर की त्वचा से घुल मिल जाएगा.
✅ इस गोंद से शरीर का कोई अंग या त्वचा नहीं चिपकेगी.
➡️ चीन के झेजियांग प्रांत की रिसर्च टीम ने इसे विकसित किया है।
➡️ इसका प्रेरणा स्रोत सीप (Oysters) हैं, जो प्राकृतिक चिपचिपे पदार्थ से चट्टानों से चिपके रहते हैं।
➡️ यही प्राकृतिक गुण अपनाकर वैज्ञानिकों ने ऐसा ग्लू बनाया जो हड्डियों को मजबूती से जोड़ता है और समय के साथ शरीर में नेचुरली घुल जाता है।
📌 लैब टेस्ट में सफल
✅ रिसर्च में पाया गया कि ‘Bone-02’ की बंधन क्षमता बेहद मजबूत है।
🔹 400 पाउंड से अधिक बॉन्डिंग फोर्स
🔹 0.5 MPa शीयर स्ट्रेंथ
🔹 10 MPa कम्प्रेसिव स्ट्रेंथ
✅ इसे अब तक 150 से ज्यादा मरीजों पर आजमाया जा चुका है और वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित और प्रभावी माना गया है।
📌 कैसे करेगा काम?
🔹 ‘Bone-02’ को इंजेक्शन के जरिए हड्डी के फ्रैक्चर वाले हिस्से में लगाया जाएगा।
🔹 यह मात्र 2-3 मिनट में हड्डी के टुकड़ों को जोड़ देगा।
🔹 पारंपरिक फ्रैक्चर सर्जरी में जहां लंबा समय लगता है, वहीं इस ग्लू से दूसरी सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
🔹 हड्डी के ठीक होने के साथ ही यह ग्लू धीरे-धीरे शरीर में घुल जाएगा और 6 महीने के अंदर सूखकर खत्म हो जाएगा।
📌 फायदे
✔️ दूसरी सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
✔️ मेटल इंप्लांट का विकल्प बन सकता है।
✔️ फ्रैक्चर तेजी से ठीक होंगे।
✔️ शरीर के किसी और अंग या त्वचा पर असर नहीं करेगा।
📌 200 किलो तक की मजबूती
लैब में परीक्षणों के दौरान इस ग्लू ने 200 किलो तक का वजन चिपकाकर दिखाया। हड्डियों को जोड़ने में यह बेहद सफल रहा और 6 महीने बाद यह शरीर में पूरी तरह से घुल-मिल गया।