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बुधवार, 17 सितंबर 2025

नमोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ


🌸 नमोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌸

हमारे आदरणीय, कर्तव्यनिष्ठ, दूरदर्शी एवं विश्वनेता
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी
के 75वें मंगलमय जन्मदिवस पर
भारतवासियों को असीम बधाई एवं हृदय से शुभकामनाएँ।

जीवन में कभी-कभी ऐसे अवसर आते हैं जब हृदय में अद्वितीय आनंदोत्सव का अनुभव होता है।
आज का यह दिन हम सभी भारतीयों के लिए गर्व और हर्ष का दिन है, क्योंकि हमारे मोदी जी जैसा अद्वितीय नेतृत्व प्राप्त होना वास्तव में प्रभु का आशीर्वाद है।

🙏 हम प्रार्थना करते हैं कि आप सदा स्वस्थ, दीर्घायु एवं ऊर्जावान रहें,
और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के पथ पर राष्ट्र को निरंतर अग्रसर करते रहें।

🌞 02/02/2035 की प्रभात तक
भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के इस महायज्ञ में
हम सभी आपके साथ अपने कर्तव्यों का पूर्ण योगदान देते रहें

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दक्षिण दिशा में भोजन करना मृत्यु कारक

दक्षिण दिशा में भोजन करना मृत्यु कारक- 
दक्षिण दिशा में मुंह करके खाना खाना, आपको अकाल मृत्यु की ओर ले जाता है.. वास्तव, माना जाता है कि ये दिशा मरे हुए लोगों की है और इस दिशा में ऐसी ही ऊर्जा रहती है। जब आप इस दिशा में खाना खाते हैं तो ये नकारात्मक ऊर्जा आपके खाने में मिल जाती है या फिर आपके खाने का एक भाग इन्हें भी जाने लगता है। फिर लगातार ये काम करना इनके साथ संपर्क बढ़ाता है और मृत्यु की दिशा क्रियाशील हो जाती है और आप या आपका कोई विशेष अचानक से अकाल मृत्यु की ओर जाता है।

खाने की सही दिशा क्या है- खाने की सही दिशा है पूर्व। वास्तव में, इस दिशा में खाना मानसिक तनाव को दूर करता है और आपके पाचन क्रिया को सही करता है।इसके अलावा इस दिशा में खाना खाने से आप स्वस्थ्य रहते हैं। इतना ही नहीं इस दिशा में खाना खाने से आपके माता-पिता का भी स्वास्थ्य उत्तम रहता है।

भोजन करने के नियम सनातन धर्म के अनुसार- खाने से पूर्व अन्नपूर्णा माता की स्तुति करके उनका धन्यवाद देते हुये, तथा सभी भूखों को भोजन प्राप्त हो इर्श्वर से ऐसी प्रार्थना करके भोजन करना चाहिये..
गृहस्थ के लिये प्रातः और सायं (दो समय) ही भोजन का विधान है। दोनों हाथ, दोनों पैर और मुख, इन पाँच अंगों को धोकर भोजन करने वाला दीर्घजीवी होता है।
भींगे पैर खाने से आयु की वृद्धि होती है।
सूखे पैर, जुते पहने हुये, खड़े होकर, सोते हुये, चलते फिरते, बिछावन पर बैठकर, गोद मे रखकर, हाथ मे लेकर, फुटे हुये बर्तन में, बायें हाथ से, मन्दिर मे, संध्या के समय, मध्य रात्रि या अंधेरे में भोजन नहीं करना चाहिये। रात्रि में भरपेट भोजन नहीं करना चाहिये। रात्रि के समय दही, सत्तु एव तिल का सेवन नहीं करना चाहिये।
हँसते हुये, रोते हुये, बोलते हुये, बिना इच्छा के, सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन नहीं

चीन की नई खोज: टूटी हड्डियों को 3 मिनट में जोड़ देगा ‘Bone-02’ ग्लू

चीन की नई खोज: टूटी हड्डियों को 3 मिनट में जोड़ देगा ‘Bone-02’ ग्लू 🩻
चीन के वैज्ञानिकों ने मेडिकल साइंस में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने का दावा किया है। उन्होंने ऐसा मेडिकल बोन ग्लू विकसित किया है जो टूटी हुई हड्डियों और फ्रैक्चर को मात्र 3 मिनट में जोड़ सकता है। इसे ‘Bone-02’ नाम दिया गया है।

आइए जानते हैं विस्तार से ...

📌 बोन ग्लू ‘Bone-02’ क्या है?

✅ बोन ग्लू की खोज समुद्र में पाई जाने वाली सीपों पर आधारित हैं
✅ सीप को जब खोलते हैं तो वह एक प्रकार के गोंद से चिपकी होती है, उसकी गोंद की वजह से वह चट्टानों से चिपकी होती है
✅ उस चिपचिपे पदार्थ को सीप खुद प्राकृतिक रूप से बनाती हैं. 
✅ सीपों के इसी प्राकृतिक गुण से प्रेरित होकर चीन के वैज्ञानिकों ने बोन ग्लू बनाया है, जो एक प्रकार का चिपचिपा पदार्थ है, जिससे हड्डियां आपस में चिपकेंगी
✅ फिर यह गोंद अपने आप शरीर की त्वचा से घुल मिल जाएगा. 
✅ इस गोंद से शरीर का कोई अंग या त्वचा नहीं चिपकेगी.

➡️ चीन के झेजियांग प्रांत की रिसर्च टीम ने इसे विकसित किया है।
➡️ इसका प्रेरणा स्रोत सीप (Oysters) हैं, जो प्राकृतिक चिपचिपे पदार्थ से चट्टानों से चिपके रहते हैं।
➡️ यही प्राकृतिक गुण अपनाकर वैज्ञानिकों ने ऐसा ग्लू बनाया जो हड्डियों को मजबूती से जोड़ता है और समय के साथ शरीर में नेचुरली घुल जाता है।

📌 लैब टेस्ट में सफल

✅ रिसर्च में पाया गया कि ‘Bone-02’ की बंधन क्षमता बेहद मजबूत है।
🔹 400 पाउंड से अधिक बॉन्डिंग फोर्स
🔹 0.5 MPa शीयर स्ट्रेंथ
🔹 10 MPa कम्प्रेसिव स्ट्रेंथ
✅ इसे अब तक 150 से ज्यादा मरीजों पर आजमाया जा चुका है और वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित और प्रभावी माना गया है।

📌 कैसे करेगा काम?

🔹 ‘Bone-02’ को इंजेक्शन के जरिए हड्डी के फ्रैक्चर वाले हिस्से में लगाया जाएगा।
🔹 यह मात्र 2-3 मिनट में हड्डी के टुकड़ों को जोड़ देगा।
🔹 पारंपरिक फ्रैक्चर सर्जरी में जहां लंबा समय लगता है, वहीं इस ग्लू से दूसरी सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
🔹 हड्डी के ठीक होने के साथ ही यह ग्लू धीरे-धीरे शरीर में घुल जाएगा और 6 महीने के अंदर सूखकर खत्म हो जाएगा।

📌 फायदे

✔️ दूसरी सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
✔️ मेटल इंप्लांट का विकल्प बन सकता है।
✔️ फ्रैक्चर तेजी से ठीक होंगे।
✔️ शरीर के किसी और अंग या त्वचा पर असर नहीं करेगा।

📌 200 किलो तक की मजबूती

लैब में परीक्षणों के दौरान इस ग्लू ने 200 किलो तक का वजन चिपकाकर दिखाया। हड्डियों को जोड़ने में यह बेहद सफल रहा और 6 महीने बाद यह शरीर में पूरी तरह से घुल-मिल गया।

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