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शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

RIP" का मतलब ?

*“RIP" का मतलब ...??*

हमनें अक्सर देखा है कि किसी के भी मृत्यु की खबर जैसे ही आती है तो अधिकतर लोग RIP लिखकर भेजने लगते हैं ।आजकल सोशल मीडिया पर RIP का प्रयोग तो अच्छे अच्छे पढ़े लिखे लोग भी बिना इसके सही अर्थ को जाने बिना सही भाव को समझे करते हैं। एक दूसरे को देख के RIP लिखने कहने की होड़ लग जाती है लाइन लग जाती है।
आखिरकार ये *"RIP"* है क्या ?
आजकल देखने में आया है कि किसी मृतात्मा के प्रति RIP लिखने का *"फैशन"* सा चल पड़ा है। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि कान्वेंटी दुष्प्रचार तथा विदेशियों की नकल के कारण हमारे युवाओं को धर्म की मूल अवधारणाएँ या तो पता ही नहीं हैं, अथवा विकृत हो चुकी हैं।
RIP शब्द का अर्थ होता है *"Rest in Peace" (शान्ति से आराम करो )* यह शब्द उनके लिए उपयोग किया जाता है जिन्हें कब्र में दफनाया गया हो। क्योंकि ईसाई अथवा मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार जब कभी *"जजमेंट डे"* अथवा *"क़यामत का दिन"* आएगा उस दिन कब्र में पड़े ये सभी मुर्दे पुनर्जीवित हो जाएँगे। अतः उनके लिए कहा गया है, कि उस क़यामत के दिन के इंतज़ार में *"शान्ति से आराम करो"।*
लेकिन हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शरीर नश्वर है, आत्मा अमर है इसलिये हिन्दू शरीर को जला दिया जाता है, अतः उसके *"Rest in Peace"* का सवाल ही नहीं उठता। हिन्दू धर्म के अनुसार मनुष्य की मृत्यु होते ही आत्मा निकलकर किसी दूसरे नए जीव/ काया/ शरीर/ नवजात में प्रवेश कर जाती है। उस आत्मा को अगली यात्रा हेतु गति प्रदान करने के लिए ही श्राद्धकर्म की परंपरा निर्वहन एवं शान्तिपाठ आयोजित किए जाते हैं।
अतः किसी हिन्दू मृतात्मा हेतु *"विनम्र श्रद्धांजलि", "श्रद्धांजलि", "आत्मा को सदगति प्रदान करें"* जैसे वाक्य विन्यास लिखे जाने चाहिए। जबकि किसी मुस्लिम अथवा ईसाई मित्र के परिजनों की मृत्यु उपरांत उनके लिए *"RIP"* लिखा जा सकता है।
होता भी यह है कि श्रद्धांजलि देते समय भी हम शॉर्टकट (?) अपनाने की आदत से हममें से कई मित्र हिन्दू मृत्यु पर भी *"RIP"* ठोंक आते हैं। यह विशुद्ध *"अज्ञान और जल्दबाजी"* है, इसके अलावा कुछ नहीं।
अतः आप सभी कोशिश करें कि भविष्य में यह गलती ना हो एवं हम लोग *"दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि"* प्रदान करें ना कि उसे "RIP" (Apart)
निवेदन है कि अगली बार लिखने से पहले विचारे,,, अधूरा ज्ञान हमेशा घातक होता है ,,

पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई को भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं शत शत नमन

अटल-अविरल-अमर वाणी हुई मौन..
 
आज आकाश भी रो पड़ा है..महानायक को अश्रुपूर्ण विदाई
हम सबके आदर्श एवं युगपुरूष भारत रत्न ओजस्वी राजनीति के पुरोधा, प्रखर वक़्ता पूज्य अटल बिहारी वाजपेई जी के निधन के हृदय विदारक समाचार ...मन अति पीढ़ा में हैं। उनके चरण कमलों की कमी हम सबको सदियों तक खलेगी
भगवान से हम सबकी कामना है कि वो दिवंगत आत्मा को मोक्ष प्रदान करेंगे...ॐ शांति..

अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े तथ्य- हरदिल अजीज राजनेता के रूप में रही उनकी छवि



 
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खराब स्‍वास्‍थ्‍य के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। देश उनकी सलामती की दुआएं कर रहा है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे,हरदिल अजीज राजनेता अटल जी वाजपेयी की लोकप्रिय राजनेता,ओजस्वी कवि, सम्मानित समाजसेवी और नरम हिंदूत्ववादी के रूप में कई छवियां हैं।आरएसएस में शामिल होने से पहले वह साम्यवाद से प्रभावित थे,पर बाद में बाबासाहेब आप्टे से प्रभावित होकर साल 1939 में आरएसएस से जुड़ गए। उनके स्‍वभाव और व्‍यक्तित्‍व का ऐसा जादू रहा है कि अपनी पार्टी के लोगों के साथ-साथ विपक्ष भी उनकी प्रशंसा और सम्‍मान करता है।उन्‍हें भारत सरकार की ओर से पद्म विभुषण और भारत रत्‍न का सम्‍मान मिल चुका है। आज हम लाए हैं अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी प्रमुख खास बातें-

🔶 अटल जी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी कवि और अध्यापक थे और मां कृष्णा देवी घरेलू महिला थीं। अटल जी अपने माता-पिता की सातवीं संतान हैं।

🔶 उनकी प्रारंभिक शिक्षा बड़नगर, गोरखी के सरस्‍वती शिशु मंदिर से हुई। उन्‍होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेजियट स्कूल से इंटरमीडिएट तक और विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। उन्‍होंने एमए डीएवी कॉलेज, कानपुर से किया।

🔶 वो बचपन से ही प्रतिभा संपन्न थे और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे व कविताएं भी लिखते थे। उन्होंने कॉलेज जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। पहले वह छात्र संगठन से जुड़े फिर आरएसएस के शाखा प्रभारी के रूप में कार्य किया।

🔶 अटल जी ने राष्ट्रधर्म नामक अखबार में बतौर सह सम्पादक और पांचजन्‍य, वीर अर्जुन व स्‍वेदश जैसे अखबारों में भी संपादन किया अटल जी और उनके पिता ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से एक साथ कानून की पढ़ाई की थी। इतना ही नहीं दोनों ने एक ही क्लास में दाखिला लिया था। दोनों को हॉस्टल में भी एक ही कमरा दिया गया था पर राजनीति में आने के कारण वो लॉ की डिग्री ले नहीं पाए।

🔶 साल 1996 चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर अटल जी को सरकार बनाने का न्योता मिला। पहली बार प्रधानमंत्री बने अटलजी विश्वास प्रस्ताव रखने के लिए खड़े हुए और भूल गए कि वो खुद प्रधानमंत्री बन चुके हैं। जैसे ही उन्होंने लोकसभा में खड़े होकर कहा, ‘प्रधानमंत्री जी’, वैसे ही पूरा सदन हंसी से गूंज उठा।

🔶 अटल सबसे लम्बे समय तक सांसद रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया बल्कि सफलता पूर्वक संचालित भी किया।

🔶 साल 2001 में जब अटल जी प्रधानमंत्री थे, तब उनके दाएं घुटने का ऑपरेशन हुआ था। वहीं, साल 2009 में अटल जी को आघात (स्ट्रोक) लगा था और इसके बाद उन्हें बोलने में समस्या होने लगी। बाद में वे डिमेंशिया से भी पीडि़त हो गए।

🔶 अटल ही पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर देश को गौरवान्वित किया था। उन्‍हें भारतीय नृत्‍य और संगीत बेहद पसंद रहे हैं, उन्‍हें प्रकृति से भी बहुत प्‍यार है। उनकी प्रमुख रचनाओं में 'मृत्यु या हत्या', अमर बलिदान, कैदी कविराय की कुण्डलियां, संसद में तीन दशक, मेरी इक्यावन कविताएं आती हैं।

विनम्र श्रधांजलि....

क्रूर काल के हाथो से देखो हम फिर से छले गए ।
राजनीति के शिखर हिमालय अटल बिहारी चले गए ।

अपनी शर्तों पर जिए सदा कोई टुकड़ा डाल नही पाया ।
अटल, अटल ही रहे सदा कोई उनको टाल नही पाया ।

देश धर्म की बात आए तो मुद्दे पर तन जाते थे ।
देशद्रोहियों के सम्मुख वो स्वयं आग बन जाते थे ।

आँख मूँदकर तीन रंग का कफ़न लपेटा चला गया ।
मन आहत है भारत माँ का प्यारा बेटा चला गया ।

चालीस साल रहे विपक्षी, मंत्री पद भी पाते थे ।
चाहे कोई सरकार रहे सब अटल को गले लगाते थे ।

राजनीति की परिभाषा और उत्कर्षों का नाम अटल है ।
पैरों के छालें ना देखे, संघर्षों का नाम अटल है ।

जिससे भारत रोशन था वो रवि भी चला गया ।
राजनेता के साथ साथ में एक कवि भी चला गया ।

वह अग्निपुंज भारत माँ का मृत्यु से हार नही सकता ।
अटल अमर है दुनिया में कोई उनको मार नही सकता ।

जो जो सपने देखे तुमने सबको सफल बनाएँगे ।
और तिरंगा दुनिया के हर कोने में लहराएँगे ।

भारत रत्न मेधावी कवि परम राष्ट्रभक्त भारत माता के वीर पुत्र पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई को भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं शत शत नमन 💐💐 आप सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे एवं आपके विचार हमेशा अजर अमर रहेंगे!

🙏वंदे मातरम भारत माता की जय🙏
जितने लोग आज अटल जी के निधन पर दुःखी और उदास दिख रहे है, काश इन्ही लोगों ने अटल जी को बस एक और मौका दिया होता तो देश के हालात ही कुछ और होते लेकिन हम ना तो तब आलु, प्याज, पेट्रोल से ऊपर उठ पाए थे और न अब। हमने तो अटल जी जैसी प्रतिभा को बहुत पहले अपने ही हाथों खो दिया था। आज तो उन्होंने बस देह त्यागी है।
सादर नमन

आज का पंचांग 17 August 2018

.        ।। 🕉 ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5120
विक्रम संवत्...............2075
शक संवत्..................1940
मास..........................श्रावण
पक्ष............................शुक्ल
तिथी........................सप्तमी
रात्रि 01.04 पर्यंत पश्चात अष्टमी
रवि......................दक्षिणायन
सूर्योदय...........06.04.27 पर
सूर्यास्त...........06.57.39 पर
सूर्य राशि.......................कर्क
चन्द्र राशि.....................तुला
नक्षत्र..........................स्वाति
दोप 04.10 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग............................शुक्ल
दोप 03.28 पर्यंत पश्चात ब्रह्मा
करण............................गरज
दोप 01.00 पर्यंत पश्चात वणिज
ऋतु..............................वर्षा
दिन..........................शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
17 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक......................8
🔯 शुभ रंग...............आसमानी

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 10.54 से 12.30 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.42 से 09.18 तक लाभ
प्रात: 09.18 से 10.54 तक अमृत
दोप. 12.29 से 02.05 तक शुभ
सायं 05.17 से 06.52 तक चंचल
रात्रि 09.41 से 11.05 तक लाभ ।

💮 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ वृषभध्वजाय नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि* --
गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत् ।
वर्तमानेन  कालेन वर्तयन्ति विचक्षणाः॥
अर्थात :-
बीते हुए समय का शोक नहीं करना चाहिए और भविष्य के लिए परेशान नहीं होना चाहिए, बुद्धिमान तो वर्तमान में ही कार्य करते हैं ॥

🍃 *आरोग्यं सलाह* :-
*आंख के नीचे सूजन को दूर करने के उपाय -*

*1. आंखों पर सेंक -*
आंखों की सूजन कम करने के लिए बर्फ जमाने वाली ट्रे में दूध डालकर छोटे-छोटे क्यूनब्स में जमा लें और उस क्यूदब को निकालकर किसी कपड़े में लेकर आंखों पर सेंक करें। इस उपाय को करने से सूजन तो कम होती ही है साथ ही आंखों की थकान भी दूर हो जाती है।

*2. कॉफी पाउडर -*
कॉफी का फेसपैक एक चमकती त्वचा देता है और मृत 5त्वचा कोशिकाओं से छुटकारा पाने में मदद करेगा। कॉफी ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और पफ्फी को कम करने में भी मदद करता है, क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों में उच्च है। इसके लिए आप एक चम्मकच कॉफी पाउडर में दो चम्म।च कच्चा दूध मिलाकर पेस्टक बना लें और इस लेप को आंखों के नीचे लगाकर 5 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। आपको फर्क खुद दिखेगा और आंखों की सूजन कम होने लगेगी।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
जीवनसाथी का कार्यों में सहयोग मिलने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। अनुकूल समाचार आएंगे। मनोरंजन के अवसर उपलब्ध होंगे। नौकरी में पदोन्नति के योग हैं। वास्तविकता को महत्व दें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार

होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी। रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों की जमानत न लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पारिवारिक जीवन में तनाव हो सकता है। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ के योग हैं। स्थायी संपत्ति क्रय करने के योग बनेंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |

☯ भारतीय राजनीति की उत्सव मूर्ति, समावेशी विचार विश्वविध्यालय के कुलाधिपति, अजातशत्रु, कविकुल भूषण, अभूतपूर्व प्रधानमन्त्री भारत रत्न *परम श्रध्येय पं. अटलबिहारी वाजपेयी जी* का निर्वाण सम्पूर्ण राष्ट्र की क्षति है... महामना के चरणों में कोटिश: प्रणाम |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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