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बुधवार, 10 नवंबर 2021

कद्दू का रस पीने के फायदे और बनाने की विधि


कद्दू का रस पीने के फायदे और बनाने की विधि

कद्दू का रस छोटे-छोटे मीठे कद्दू के गूदे से बनाया जाता है, जिसका कद्दू के मौसम में खूब लुफ्त उठाया जा सकता है। यह एक बहुत ही गुणकारी और स्वादिष्ट पेय है। कद्दू का रस स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन गुणों की खान है।
यह रस आपके हृदय की रक्षा करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, पाचन प्रक्रिया में सुधार, अनिंद्रा में मदद, मतली को रोकने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने, त्वचा को स्वस्थ रखने और रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

कद्दू के रस के फायदे - 
कद्दू का जूस या रस विटामिन सी, विटामिन ई, पोटेशियम, बायोटिन, एमिनो एसिड, बीटा कैरोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लौह और प्राकृतिक शर्करा से भरपूर होता है। इसके अलावा कद्दू के रस में विटामिन बी 1, विटामिन बी 2, विटामिन बी 6 जैसे विटामिन भी पाए जाते हैं।

कद्दू के रस में पाए जाने वाले विभिन्न औषधीय और चिकित्सकीय गुणों के कारण नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए। तो आइये जानते हैं कद्दू के रस के लाभों के बारे में:


कद्दू का जूस पीने के फायदे रखें हार्ट को स्वस्थ - 
कद्दू जूस के फायदे बनाएं पाचन को बेहतर - 
पम्पकिन जूस के फायदे बढ़ाएं इम्यूनिटी - 
कद्दू के जूस का सेवन करे अनिंद्रा में - 
कद्दू का जूस के फायदे करे सूजन दूर - 
कद्दू के जूस का उपयोग है त्वचा के लिए लाभकारी - 
कद्दू का जूस है प्रेगनेंसी में फायदेमंद - 
कद्दू का रस पीने के फायदे रखें लिवर को स्वस्थ - 
कद्दू का जूस पीने के लाभ करें बालों का विकास - 
कद्दू का जूस पीने के फायदे रखें हार्ट को स्वस्थ - 
कद्दू के रस में पॉली फेनोलिक यौगिक और बीटा कैरोटीन जैसे महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को जमा होने से रोकने और धमनी को सख्त होने से बचाने में मदद कर सकते हैं। कद्दू का रस ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।

इसके अलावा कद्दू का रस पीने से आपको दिल के दौरे, स्ट्रोक और हृदय रोग के जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।


कद्दू जूस के फायदे बनाएं पाचन को बेहतर - 
कद्दू के रस में भरपूर मात्रा में आहार फाइबर होता है, जो आपके पाचन तंत्र को बेहतर रखने में मददगार होता है। फाइबर मल को बढ़ाने और पेरिस्टाल्टिक गति (पेट में पाचक रस के बनने की गति) को बढ़ाने मदद कर सकता है। इससे आपको कब्ज, सूजन और पेट में ऐंठन से छुटकारा मिल सकता है। इसलिए अगर आप अपने पाचन तंत्र के स्वस्थ को बेहतर रखना चाहते हैं तो आज से कद्दू के जूस का सेवन शुरू कर सकते हैं।


पम्पकिन जूस के फायदे बढ़ाएं इम्यूनिटी - 

कद्दू के रस में विटामिन सी की काफी अधिक मात्रा पाई जाती है। विटामिन सी एस्कॉर्बिक एसिड के नाम से भी जाना जाता है। यह उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद है, जो अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाना चाहते हैं।

इसके अलावा विटामिन सी सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह शरीर में एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य कर सकता है, जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद मिलती है।


कद्दू के जूस का सेवन करे अनिंद्रा में - 
कद्दू के रस में दर्द को दूर करने वाले गुण होते हैं। कद्दू के रस में मैग्नीशियम और ट्रिप्टोफेन (एक प्रकार का एमिनो एसिड) जैसे कुछ सक्रिय तत्व भी मौजूद होते हैं जो शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर को रिलीज करते हैं जिससे आपको अच्छी तथा गहरी नींद आने में मदद मिलती है।

इसके अलावा यह रस अनिद्रा से पीड़ित लोगों के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसलिए अगर आपको नियमित रूप से नींद में कोई परेशानी होती है तो आप बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास कद्दू के जूस का सेवन कर सकते हैं।


कद्दू का जूस के फायदे करे सूजन दूर - 

कद्दू के रस में पाए जाने वाले कुछ सक्रिय तत्व एंटी-अर्थराइटिक प्रकृति के होते हैं। इसका मतलब है कि यह रस गठिया से जुड़ी इंफ्लमैशन, सूजन और दर्द को कम कर सकता है, इससे गठिया को दूर करने में मदद मिल सकती है।

हर सुबह एक गिलास कद्दू के रस का सेवन रूमेटोइड गठिया से ग्रस्त लोगों के लिए एक बहुत ही अच्छा उपाय हो सकता है।


कद्दू के जूस का उपयोग है त्वचा के लिए लाभकारी - 
कद्दू के रस में पाए जाने वाले विटामिन सी और ई दोनों एंटीऑक्सीडेंट तत्व हैं। ये तत्व ऑक्सीडेटिव तनाव या बाहरी रोगाणुओं के कारण होने वाली त्वचा की जलन या सूजन को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा इसमें बीटा कैरोटीन भी पाया जाता है जो त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखने में मदद करता है। कद्दू के रस में सभी विटामिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है।


कद्दू का जूस है प्रेगनेंसी में फायदेमंद - 

गर्भवती महिलाओं के लिए कद्दू का रस लाभकारी साबित हो सकता है। इसमें मतली को दूर करने वाले प्रभाव होते हैं। मॉर्निंग सिकनेस लगभग सभी गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है, लेकिन कद्दू का रस जल्दी से पेट को पहले जैसी स्थिति में ले आता है।

कद्दू के जूस का सेवन एसिड के स्तर को फिर से संतुलित करने, चिंता मिटाने और नसों को शांत करने में सहायक हो सकता है। यह सब इसमें मौजूद दर्द को कम करने वाले गुणों के कारण होता है।  


कद्दू का रस पीने के फायदे रखें लिवर को स्वस्थ - 
कद्दू का रस आपके लिवर और किडनी के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। किडनी की पथरी और गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) की समस्याओं से पीड़ित लोगों को केवल दस दिनों के लिए दिन में तीन बार आधा गिलास कद्दू के रस का सेवन करना चाहिए। इससे उन्हें काफी फायदा महसूस होगा।


कद्दू का जूस पीने के लाभ करें बालों का विकास - 
हमारे बालों के लिए कद्दू के रस के लाभकारी गुणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जैसा कि हम जानते हैं, कद्दू का रस विटामिन ए का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है जो आपके सिर की त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

इसके अलावा, इसमें पोटेशियम की भी अधिक मात्रा पाई जाती है। यह एक पोषक तत्व है जो बालों के विकास को बढ़ाने में मदद करता है। यह बालों के झड़ने से रोकने के लिए एक लाभकारी उपाय होता है।


कद्दू का जूस बनाने की विधि - 
सामग्री :

1 छोटा मीठा कद्दू
4 आइस क्यूब्स
स्वाद के लिए विभिन्न मसाले (दालचीनी, जायफल, लौंग आदि)
बनाने की तैयारी :

सबसे पहले कद्दू को अच्छी तरह धो लें।
फिर एक पिलर या चाकू का उपयोग करके, कद्दू के छिलके को निकालें।
कद्दू को तीन टुकड़ों में काटें और बीज तथा लुगदी को बाहर निकालें।
इसके बाद बचे हुए कद्दू के टुकड़ों को छोटे छोटे स्लाइस में काटें और एक जूसर में डालें।
अब इसका रस निकाले और स्वाद बढ़ाने के लिए अन्य मसालें मिक्स करें।
कद्दू का जूस पीने के लिए तैयार है, इसे ग्लास में डाल कर सेवन करें।


कद्दू के जूस के नुकसान -
कद्दू का जूस पीने से नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे:

कुछ लोगों को कद्दू के रस का सेवन करने से पेट में परेशानी हो सकती है। जिसमें मतली, दस्त, सूजन और ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है। 
कुछ लोगों को कद्दू के सेवन से एलर्जी हो सकती है। इसलिए कद्दू के रस का मुंह से सेवन पेट की जलन, होंठ, जीभ और मसूड़ों की सूजन का कारण बन सकता है।
यह खून के थक्के को बनाने से रोकने में मदद कर सकता है। लेकिन जब इसका सेवन खून के थक्के बनने से रोकने वाली दवाओं के साथ सेवन किया जाता है तो यह ब्लीडिंग डिसऑर्डर को बढ़ा सकता है। इसलिए किसी भी ऑपरेशन से पहले इसका सेवन नहीं करना चाहिए

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370, राम मंदिर, तीन तलाक पर प्रतिरोध न होना, सबकुछ शांति से निपट जाने पर विपक्ष काफी चकित था, उसे इस तरह का निष्कंटक राज पसंद नहीं आ रहा था।

छूपा एजेंडा उजागर हुआ -                

देश को ये जानना बहुत जरूरी है कि जो मुसलमान ट्रिपल तलाक पर शांत रहा,धारा 370 पर शांत रहा,राम मंदिर पर शांत रहा वो नागरिक संशोधन बिल पर एकाएक आक्रमक क्यो हो गया ? असल मे इसकी वजह जानने के लिये हमें कुछ सालों पीछे जाना पड़ेगा। 
कुछ साल पहले *फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारत को चेतावनी जारी करी थी कि आई एस ने भारत मे जिहाद फैलाने की साजिश रची है।*
इसके कुछ समय बाद *रशियन राष्ट्रपति पुतिन ने भी भारत को इस्लामिक जिहाद से सावधान रहने को कहा।*
इसी प्रकार *अमेरिकन इंटेलिजेंस एजंसियों ने भी भारत को सावधान किया था* कि इस्लामिक जिहादी भारत मे सक्रिय होकर कोई बहुत बड़ी कारवाई कर सकते है। *तमाम विश्व की खुफिया एजेंसियों की एक ही रिर्पोट थी कि भारत इस्लामिक जिहादियो के निशाने पर है।* 
उस समय के *यूनाइटेड नेशन के भूतपूर्व महासचिव मान की मून ने भी भारत को सावधान किया था*,लेकिन उस समय की *काँग्रेस सरकार ने मुस्लिम तुस्टीकरण की वजह से कोई कार्यवाही नही की।* लेकिन जैसे ही मोदी सरकार सत्ता में आयी तो इन लोगो ने इस्लामिक कट्टरपंथियों की साजिश पकड़ ली। Ngo और मानवाधिकार संगठनों की आड़ में इस्लामिक जिहादियो को संरक्षण दिया जा रहा था।भारत मे हिन्दू आबादी को खत्म करने के लिए घुसपैठ और धर्मान्तरण का सहारा लिया जा रहा था। जिसमे कांग्रेस,वामपंथियो के कद्दावर नेता तक शामिल थे। मोदी सरकार ने सबसे पहले इन Ngo और मानवाधिकार संगठनों को प्रतिबंधित किया और नोटबन्दी के माध्यम से इनको दिवालिया कर दिया। अब जैसे ही CAB पारित हुआ, वैसे ही इनके जहरीले मनसूबे ध्वस्त हो गए, ये लोग तिलमिला गए। अपनी पोल खुलने पर ये लोग आज बुरी तरह से तिलमिला गए है और हिंसा पर उतारू हो कर CAB का विरोध कर रहे है। इनके मनसूबे को देशहित और अपनी आनेवाली पीढ़ी के लिए जानना और समझना बहुत जरूरी है l

CAA मामला उतना सीधा भी नहीं जितना बताया जा रहा
कैब ( सीएबी ) यानी अब सीएए पर संसद में बहस सुन रहा था, दोनों पक्ष सरकार और प्रतिपक्ष जितनी सरल शब्दों में इसकी व्याख्या कर रहे थे असल में मामला उतना सीधा है नहीं। असल बात दोनों पक्षों ने छिपा ली। सरकार ने अपना दूरगामी लक्ष्य छिपा लिया और विपक्ष ने अपनी हार की तिलमिलाहट छिपाने के लिए संविधान की आड़ ले ली। कुछ बिंदुवार समझने की कोशिश करते हैं। 
 
"क्या हैं इसके दूरगामी परिणाम" 
-  सीएए के माध्यम से सरकार ने *पाकिस्तान और बांग्लादेश* की कमजोर नस पर ऐसा प्रहार किया है जिससे ये तिलमिला तो गए हैं , लेकिन अपना दर्द नहीं बयां कर पा रहे हैं। सरकार ने ये बिल लाकर बिना इनका नाम लिए बिना पूरी दुनिया को बता दिया , कि *इन देशों में अल्पसंख्यकों का उत्पीडऩ हो रहा है।* 
-  बिल पास होते ही बांग्लादेश को दुनिया के सामने अपनी इज्जत बचाने के लिए कहना पड़ा ,कि वह अपने सभी नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है। उसने स्वीकार भी किया कि उसके यहां अल्पसंख्यकों का उत्पीडऩ हुआ है। 
-  कश्मीर में उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाले पाकिस्तान ने ऊल-जुलूल बयान दिया लेकिन यूएन की रिपोर्ट ने उसकी पोल खोल दी।
- इस बिल के आने से *पाकिस्तान और बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यकों का उत्पीडऩ हो रहा था वह अब एक दस्तावेजी रिकॉर्ड बन गया है,* जुबानी जमा खर्च नहीं है। भारत में जितने लोगों को यहां नागरिकता दी जाएगी ये दोनों देश उतने ही एक्सपोज होंगे। 
- *इस बिल के पास होने के बाद ही बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं को वापस लेने के लिए म्यांमार पर दबाव बना शुरू कर दिया है।* 
- इस बिल के आने के बाद भारत में रह रहे तमाम अल्पसंख्यक पीडि़त खुलकर बता सकेंगे कि वे किस देश से आए हैं, इससे इन देशों की और पोल खुलेगी। इसके चलते इनको अपने यहां उन कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा, जिनका उपयोग ये दोनों देश  भारत को ब्लैकमेल करने के लिए करते हैं। 

विपक्ष ने क्या छिपाया अपना दर्द
- *विपक्ष को पता है कि इसका भारत के नागरिकों पर असर नहीं पडऩे वाला लेकिन 370, राम मंदिर, तीन तलाक पर प्रतिरोध न होना, सबकुछ शांति से निपट जाने पर विपक्ष काफी चकित था, उसे इस तरह का निष्कंटक राज पसंद नहीं आ रहा था।*
- इसलिए उसने एनआरसी का डर दिखाकर लोगों को भड़काया, लेकिन देश में इतनी हिंसा हो गई इससे विपक्ष का ये पांसा भी उल्टा ही पड़ता दिखाई दे रहा है। 
- अमित शाह का ये कहना कि रोहिंग्या को हम रहने नहीं देंगे, एनआरसी तो हम लेकर ही आएंगे। भारत में पिछले 70 साल में इतनी स्पष्टता से संसद में किसी नेता ने भाषण नहीं दिया था। इस भाषण से देश के बहुत से स्वयंभू लोगों ने खुद को बहुत अपमानित महसूस किया, उनकी अकड़ को ठेस पहुंची। 
- *मौलाना, पर्सनल लॉ बोर्ड, फतवेबाजों के फफोले भी इस बिल के माध्यम से फूट पड़े* जो पिछले कई महीनों से इस सरकार की कारगुजारियों से कलेजे में पड़े हुए थे। *इन्हें अपनी भड़ास निकालने का मौका मिल गया।*

अब आगे क्या
- *मौलानाओं, धर्म के ठेकेदारों, पर्सनल लॉ बोर्ड जैसी अवैध संस्थाओं को डर है कि ये सरकार कॉमन सिविल कोड, जनसंख्या नियंत्रण कानून, एनआरसी पर बहुत तेजी से काम कर सकती है, इसलिए इसका एक ही उपाय है हिंसा।*
हिंसा फैलाकर देश-दुनिया का ध्यान खींचो, सरकार अपने आप कदम पीछे खींच लेगी। 
- सरकार इसको लिटमस टेस्ट भी मान सकती है क्योंकि 370, राम मंदिर, तीन तलाक पर जिस तरह से शांति रही थी, उससे सरकार मुगालते में आ गई थी, अब सरकार आगे की चीजों को करने से पहले अपनी जरूरी तैयारी करके रखेगी। 
- *अब शायद हिन्दू बोलते ही चीखने, हिंसा करने वालों को शायद समझ में आ जाए कि* एक तो चीखने का कोई फायदा नहीं, दूसरा आप लोग एक्सपोज हो चुके हो और तीसरा *इस देश के नागरिक हिन्दू भी हैं,  उनके लिए भी कुछ करने की जिम्मेदारी सरकार की है, सिर्फ एक ही समुदाय का तुष्टिकरण नहीं किया जा सकता।* 
- इस सख्ती का तात्कालिक फायदा ये होता दिख रहा है कि फिलहाल बाकी देशों से घुसपैठिए थोड़ा ठिठकेंगे, जो खिसक सकते हैं वे तुरंत यहां से खिसकेंगे।
- भारत को सराय समझने वाले यहां आने से पहले दस बार सोचेंगे। पड़ोसी सरकारें भी शायद हमारी सरकारों को गंभीरता से लेने लगेंगी, क्योंकि अब चीजें रिकॉर्ड पर आएंगी, हवाई किले बनाने के दिन लद गए।

कृपया जनहित में अग्रसारित करें

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