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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

करें शुरू कुल्हड़ चाय का कारोबार बढ़ाये आमदनी और देवे औरो को भी रोजगार


करें शूरुआत अपने रोजगार की करें शुरू कुल्हड़ चाय का कारोबार बढ़ाये आमदनी और देवे औरो को भी रोजगार_* 

आपको बता दें भारत में एक बड़ी आबादी चाय (Kulhad making business) की शौकीन है. रेलवे स्टेशनों, बस डिपो और हवाईअड्डों पर कुल्हड़ की चाय की लगातार मांग रहती है. ऐसे में आप कुल्हड़ बनाने और बेचने का बिजनेस शुरू कर सकते है. आइए आपको बताते हैं कि आप ये बिजनेस कैसे शुरू कर सकते हैं-

सरकार भी दे रही बढ़ावा
आपको बता दें सरकार इस समय कुल्हड़ की मांग बढ़ाने पर भी फोकस कर रही है.

कुछ समय पहले सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कुल्हड़ को बढ़ावा देने के लिए प्लास्टिक और कागज के कप में चाय देने पर रोक लगाने की मांग की है.

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने कुल्हड़ बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कुम्हार सशक्तीकरण योजना को लागू किया है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर के कुम्हारों को बिजली से चलने वाली चाक देती है तो वो इससे कुल्हड़ समेत मिट्टी के बर्तन बना सकें. बाद में सरकार कुम्हारों से इन कुल्हड़ को अच्छी कीमत पर खरीद लेती है.

5 हजार लगाकर शुरू कर सकते हैं ये बिजनेस
मौजूदा दौर को देखते हुए यह बिजनेस बेहद कम कीमत में शुरू किया जा सकता है. इसके लिए आपको थोड़ी सी जगह के साथ-साथ 5,000 रुपये की जरूरत होगी. खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने जानकारी दी है कि इस साल सरकार ने 25 हजार इलेक्ट्रिक चाक वितरित किया है.

कितने रुपए में बेच सकते हैं कुल्हड़?
चाय का कुल्हड़ बेहद किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिहाज से भी सुरक्षित होता है. मौजूदा दर की बात करें तो चाय के कुल्हड़ का भाव करीब 50 रुपये सैकड़ा है. इसी प्रकार लस्सी के कुल्हड़ की कीमत 150 रुपये सैकड़ा, दूध के कुल्हड़ की कीमत 150 रुपये सैकड़ा और प्याली 100 रुपये सैकड़ा चल रही है. मांग बढ़ने पर इससे अच्छे रेट की भी संभावना है.

होगी अच्छी बचत
आज के समय में शहरों में कुल्हड़ वाली चाय की कीमत 15 से 20 रुपये तक भी होती है. अगर बिजनेस को सही तरीके से चलाया जाए और कुल्हड़ बेचने पर ध्यान दिया जाए तो 1 दिन में 1,000 रुपये के करीब बचत की जा सकती है.

आयकर रिटर्न भरना क्यो आवश्यक है? क्या है इसके फायदे? कब तब कर सकते है रिटर्न फ़ाइल?


📌 *_आयकर रिटर्न भरना क्यो आवश्यक है?  क्या है इसके फायदे?  कब तब कर सकते है रिटर्न फ़ाइल?_*

 आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीख एक बार फिर बढ़ गई है. सरकार ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 10 जनवरी, 2021 तक कर दिया है. वहीं कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को भी 15 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया है. पहले 31 दिसंबर आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि थी. यहां यह सवाल आपके जेहन में आ सकता है कि आईटीआर फाइल करना किसके लिए जरूरी है.

ITR किसे फाइल करना होता है? इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 139(1) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसकी कुल कमाई वित्तीय वर्ष (Financial Year) में टैक्स के दायरे में आती है (जो कि वित्तीय वर्ष 19-20 के लिए 2.5 लाख रु. से अधिक है) उसे ITR फाइल करना होता है।

सबसे पहले तो यह समझ लें कि आयकर रिटर्न भरना और इनकम टैक्स जमा करना दो अलग-अलग चीजें हैं. इनकम टैक्स रिटर्न भरने का मतलब सरकार को अपनी आमदनी-निवेश और खर्च की जानकारी देना है.

आईटीआर भरने के बाद अगर आप पर टैक्स देनदारी बनती है तो आपको टैक्स चुकाना पड़ता है.

*आईटीआर भरने के कई फायदे*

01. नुकसान (कैपिटल लॉस) की भरपाई
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं और उसमें कमजोरी की वजह से आपकी पूंजी घट जाती है तो इसे कैपिटल लॉस कहते हैं. समय पर आईटीआर भरने का फायदा यह है कि आप भविष्य में होने वाले इस तरह के लाभ से नुकसान को समायोजित (एडजस्ट) कर सकते हैं.

02. कारोबार के लिए लाभदायक
अपना कारोबार शुरू करने में आईटीआर बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा अगर आप किसी विभाग के लिए कॉन्ट्रेक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको आईटीआर दिखाना पड़ेगा. किसी सरकारी विभाग में ठेका हासिल करने के लिए पिछले पांच साल का इनकम टैक्स रिटर्न देना पड़ता है.

03. बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड लेना सुविधाजनक
अगर आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो आईटीआर आपकी आमदनी साबित करने का सबसे पुख्ता सबूत है. होम या कार लोन के लिए बैंक ग्राहक से 2-3 साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगते हैं. अगर आपके पास आईटीआर की कॉपी है तो आपको लोन मिलना बहुत आसान हो जाता है.

अगर आप अपनी जरूरत के लिए क्रेडिट कार्ड बनाना चाहते हैं तो भी आईटीआर मददगार साबित हो सकता है. क्रेडिट कार्ड देने वाले बैंक ग्राहक के इनकम टैक्स रिटर्न से ही उनके कर्ज लेने-चुकाने की क्षमता का आंकलन करते हैं.

04. बड़े लेन-देन में जरूरी
अगर आप अधिक पैसे का कोई लेन-देन करते हैं तो आईटीआर आपके लिए मददगार साबित होता है. समय पर आईटीआर फाइल करते रहने की वजह से प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने, बैंक में बड़ी रकम जमा करने, म्यूचुअल फंड में बड़े निवेश के बाद आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आने का खतरा नहीं होता.
नियमित रूप से आयकर रिटर्न भरने वाले लोग इस तरह की परेशानी से दूर रहते हैं.

05.TDS क्लेम के लिए आवश्यक
अगर आपकी कमाई पर किसी ने टैक्स काटा (स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस) है तो उसे वापस लेने के लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है.
अगर आप फ्रीलांसिंग या घर से बैठकर कोई काम करते हैं और आपकी आमदनी करयोग्य नहीं है, फिर भी आपको पेमेंट करने वाला टीडीएस काट सकता है. अगर आपके साथ भी ऐसी ही स्थिति है तो आयकर रिटर्न भर कर आप टीडीएस रिफंड ले सकते हैं.

06. ज्यादा बीमा कवर मिलेगा
अगर आप एक करोड़ रुपये का बीमा कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो बीमा कंपनियां आपसे आईटीआर मांग सकती हैं. वास्तव में वे आपकी आय का स्रोत जानने और उसकी नियमितता परखने के लिए आईटीआर पर ही भरोसा करती हैं.

07. वीजा पाने में सुविधा
अगर आप कारोबार या नौकरी के सिलसिले में विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए आईटीआर जरूरी है. बहुत से विदेशी दूतावास वीजा आवेदन में पिछले 2 साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगते हैं. अगर आपके पास आईटीआर है तो आपको अन्य व्यक्ति की तुलना में वीजा पाने में आसानी होती है.

08. पैनल्टी से मुक्ति
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में अगर देरी हो जाती है तो आपको 10,000 रुपये तक जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. सही समय पर आईटीआर फाइल कर पैनल्टी से बचा जा सकता है, अगर आप सही समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो आपके पास इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आने का खतरा भी नहीं होता.

09. पते का सबूत
इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी आपके निवास का पक्का प्रमाण है. आप इसका उपयोग सभी सरकारी काम में कर सकते हैं. अगर आप आधार या पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं तो आप आईटीआर को पते के सबूत के तौर पर इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.

10. ब्याज से मिल सकती है राहत
अगर आपको इनकम टैक्स चुकाना है और समय पर आईटीआर फाइल नहीं कर पाते तो आपको देर से रिटर्न फाइल करने पर आयकर के साथ ब्याज चुकाना पड़ सकता है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 234A के तहत आप पर जुर्माना भी लग सकता है. समय पर इनकम टैक्स रिटर्न भर देने से आप जुर्माने या ब्याज से बच सकते हैं. भरना होता जुर्माना सबसे पहली बात आपको आईटीआर न भरने के लिए या फिर देरी से भरने के लिए निर्धारित जुर्माना नहीं भरना पड़ता. ...

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