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मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

मखाना सीधे से खेत नहीं निकलता इसके पीछे पूरी कहानी है।

 

मखाने की खेती और प्रसंस्करण (प्राॅसेसिंग) कैसे होती है?

भारत का अधिकांश मखाना उत्पादन उत्तर बिहार में होता है। मखाना सीधे से खेत नहीं निकलता इसके पीछे पूरी कहानी है।

मखाने की खेती बहुत आसान है पर ज्यादातर किसान जानकारी के अभाव में इसकी खेती नहीं कर पाते। इसके लिए उष्ण-कटिबंधीय मौसम वेटलैंड ठीक रहता है। खेत में लगभग हर वक्त डेढ़ से दो फिट पानी की आवश्यकता रहती है। साल में दो फसल ले लिया जा सकता है।

सबसे पहले शुरुआत होती है इसके बीजो से या पौधा आप सीधे सीधे नर्सरी भी खरीद सकते है।

एक हेक्टेयर खेती के लिए जितना पौधा चहिये उसके लिए नर्सरी 500 मीटर स्क्वायर के स्पेस में बन जायेगा। इतने के लिए लगभग 20 किलो बीज की आवश्यकता होगी जो राज्य सरकार के कृषि संस्थानों में 100-120 रूपये प्रति किलो के रेट में उपलबध करवाया जाता है।

मध्य नवंबर में इसके बीज रोपा जाता है जो मार्च में नर्सरी बन जाती है। नर्सरी को फिर अलग अलग खेत में शिफ्ट कर दिया जाता है। मई महीने में पौधों से हलके गुलाबी फूल आते है।

इस फुल में बीज आते है। जैसे जैसे बीज मैच्योर होता है फुल भारी होता जाता है और लटकते लटकते पानी में चला जाता है। इसका वजन 300 तक ग्राम तक भी हो जाता है। कुछ दिन पश्चात फूल फट जाता है और इसके बीज बिखर कर पानी के निचे मिटटी की सतह पर चला जाता है।

श्रमिक फिर उसे जालीदार डोंगे की मदद से सतह से इक्क्ठा करते है।

बीज को नहला धुला कर मस्त साफ करने के बाद धूप में सूखाते है।

फिर साइज़ के अनुसार ग्रेडिंग की जाती है।

इसके बाद बीजों को कास्ट आयरन के कड़ाही में 200-250 डिग्री तापमान पर 5-6 मिनट के लिए रोस्ट किया जाता है ताकि बीजों में मौजूद नमी दूर हो जाय और बाद में बीज का कवर अलग करने में आसानी रहे। इसे फिर 72 घंटे के लिए रूम टेम्पेरेचर पर छोड़ दिया जाता है।

अगले चरण में उन बीजों को अब चार अलग-अलग तापमान लेवल पर रोस्ट किया जाता है।

रोस्टिंग के बाद बैठा होता है फोडिया जो रोस्टेड बीजों को फोड़ने का काम करता है, बीज फटने के बाद इसमें से पॉपकॉर्न जैसा मखाना निकलता है।

अंत में पैक और GI टैग लग कर आता है आपके शहर।

फिर जो जैसा वैसा इस्तेमाल करता है। दारु वाले चखना बनाते है, धार्मिक लोग पूजा में, खाने के शौक़ीन लोग सब्जी और खीर में और विदेशी कहलाने के शौक रखने वाले बनाते है रोस्टेड कैरामलाईज़ेड मखाना ! हमारे यहाँ शादियों की रीती रिवाज में मखाना मस्ट है।

बोनस तो ये है की उसी तालाब/खेत में थोड़ा सेपरेट स्पेस का इंतजाम किया जाय तो हाई डिमांड वाली मछलियों का भी पालन किया जा सकता है।

कुंडली कैसे देखे: कुंडली (Kundali In Hindi) देखने का तरीका हिंदी में

 

कुंडली कैसे देखे: कुंडली (Kundali In Hindi) देखने का तरीका हिंदी में


Kundali Kya Hai | कुंडली कैसे देखे | कुंडली देखने का तरीका क्या है | राशि की पहचान नाम अक्षर से कैसे की जाती है | Kundali In Hindi

दोस्तों जैसे कि हम सब जानते हैं कि हिंदू धर्म में कुंडली का कितना महत्व है। क्योंकि हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही बच्चे की कुंडली बनवाई जाती है। कुंडली एक व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। मान्यता के अनुसार किसी व्यक्ति का भाग्य उसके जन्म से पूर्व निर्धारित होता है। इसीलिए ज्यादातर लोग अपने बच्चों की Kundali जन्म के फौरन बाद ही ज्योतिष के पास जाकर कुंडली बनवाते हैं, लेकिन व्यक्ति को स्वयं की Kundali देखना नहीं आती जिसके लिए वह ज्योतिष के पास ही जाते हैं।यदि आप अपनी कुंडली देखना चाहते हैं, तो आप स्वयं ही अपनी कुंडली सही प्रकार से देख सकते हैं चलिए आज आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से बताऊंगी के स्वयं की कुंडली कैसे देखते हैं।

जन्म कुंडली

कुंडली बनाने में 12 खानों का निर्माण किया जाता है जिन्हें भाव के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली तैयार करने के लिए 12 राशियों का उपयोग किया जाता है, और जैसे कि आप जानते ही हैं, प्रत्येक राशि के लिए अलग-अलग भाग होते हैं, हर  एक भाव से एक राशि आती है। कुंडली के माध्यम से आप व्यक्ति के भूत वर्तमान और भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।और दोस्तों इसके साथ ही Kundali के माध्यम से राशियों और क्षेत्रों में सूर्य चंद्रमा और दूसरे अन्य ग्रहों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। इसीलिए दोस्तों  आपको अपनी राशि के बारे में जानने के लिए अब बाहर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। आप घर बैठे ही अपनी राशि के बारे में सही सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

राशि की पहचान नाम अक्षर से कैसे की जाती है?

  • मेष राशि
  • ( अक्षर: चू,चे,चो,ला,ली,लु,ले,लो,)
  • वृष राशि
  • ( अक्षर: , , , , वा, वी, वू, वे, वो)
  • मिथुन राशि
  • ( अक्षर: , की, कू, , , , के, को, )
  • कर्क राशि
  • ( अक्षर: हि, हू, हे, हो, , डी, डू, डे)
  • सिंह राशि
  • (नाम अक्षर: मा,मी,मू,में,मो,टा,टी,टू,टे)
  • कन्या राशि
  • (नाम अक्षर: टो,पा,पी,पू,,,,पे,पो)
  • तुला राशि
  • (नाम अक्षर: रा,री,रु,रे,रो,ता,ती,तू,ते)
  • धनु राशि
  • (नाम अक्षर: ये,यो,भा,भी,भू,धा,,,भे)
  • मकर राशि
  • (नाम अक्षर:भो,,जा,जी,जे,जो,खा,खी,खु,खे,खो,गा,गी,ज्ञ)
  • कुम्भ राशि
  • (नाम अक्षर: गु,गे,गो,सा,सी,सु,से,सो,दा)मीन राशि (नाम अक्षर: दी,दू,,,दे,दो,चा,चि)
  • चि)


राशियों के स्वामी के नाम

  • मेष का स्वामी = मंगल
  • वृष का स्वामी = शुक्र
  • मिथुन का स्वामी = बुध
  • कर्क का स्वामी = चन्द्रमा
  • सिंह का स्वामी = सूर्य
  • कन्या का स्वामी = बुध
  • तुला राशी का स्वामी = शुक्र
  • वृश्चिक का स्वामी = मंगल
  • धनु का स्वामी = गुरु
  • मकर का स्वामी = शनि
  • कुम्भ का स्वामी = शनि
  • मीन का स्वामी = गुरु

कुंडली में ग्रह के क्या-क्या प्रकार होते हैं?

  • सूर्य ग्रह
  • चंद्र ग्रह
  • मंगल ग्रह
  • बुध ग्रह
  • बृहस्पतिवार ग्रह
  • शुक्र ग्रह
  • शनि ग्रह
  • राहु ग्रह
  • केतु ग्रह

 Kundali के भाव

  • प्रथम भाव
  • द्वितीय भाव
  • तृतीय भाव
  • चतुर्थ भाव
  • पंचम भाव
  • पुष्प भाव
  • सप्तम भाव
  • अष्टम भाव
  • नवम भाव
  • दशम भाव
  • एकादश भाव
  • द्वादश भाव


जन्म कुंडली के लाभ

  • जन्म कुंडली बने होने से हमारे जीवन में आने वाले बुरे दिनों को आभास रहता हैं जिसकी वजह से उन परिस्थितियों से निपटने के लिए हम खुद को मजबूत कर लेते हैं ताकि बुरे दिनों का सामना कर सके।
  • इसके अलावा हमारे जीवन में होने वाली दुर्घटनाएं एवं बीमारियों के बारे में भी जानकारी मिल जाती है जिससे हम होशियार हो जाते हैं।
  • जन्म कुंडली के आधार पर हम अपने लिए अनुकूल जीवन साथी  पा सकते है। लड़का और लड़की दोनों की कुंडली का मेल करते है जिससे उन दोनों के बिच अनुकूलता के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
  • आपके कुंडली में यदि कोई दोष है जिसके करण आप कड़ी मेहनत के बावजूद अपने लक्ष्य तक नहीं पहुच पाते तो कुंडली के आधार पे आप उसका निवारण ला सकते है।

मोबाइल ऐप द्वारा जन्म कुंडली केसे बनाए



  • इसके बाद आपको इस ऐप को ओपन करना है। ऐप ओपन करने पर सबसे पहले आपको अपनी भाषा का चयन करना है। और फिर नेक्स्ट बटन पर क्लिक करना है।
  • अगले स्टेट ने आपको इस ऐप में नया खाता बनाने के लिए कहा जाएगा। आप चाहे तो ऊपर उपलब्धछोड़ेबटन पर क्लिक करके इस स्टेप  को स्किप  कर सकते हैं।
  • अब आप इस एप्प के होम पेज पर पहुंच जाएंगे।  यहां पर आपको बहुत से ऑप्शन दिखाई देंगे।
  • इनमे  से आपको जन्म कुंडली वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है। क्लिक करने के बाद आपको नवीन जन्म कुंडली में सभी जानकारी सही सही भरना है। और फिर नीचे उपलब्ध कुंडली दिखाइए ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • अगले स्टेट में आपसे पूछा जाएगा कि क्या यह आपकी जन्मकुंडली है। यदि हां तो हां पर क्लिक करें।
  • जैसे ही आप हां पर क्लिक करेंगे। आपकी जन्मकुंडली तैयार हो जाएगी। आप इसे देख सकते हैं इसके साथ ही यदि आप चाहें तो अपनी इस Janam Kundli को यहां उपलब्ध ऑप्शन पर क्लिक करके डाउनलोड भी कर सकते हैं।
  • इसके बाद आपको अपनी जन्म कुंडली कभी भी कहीं भी देख सकते हैं।

कुंडली देखने का सही तरीका क्या है?

दोस्तों अगर आपको अपनी कुंडली पूर्ण रुप से सही तरीके से देखनी है तो आपको नीचे दिए गए प्वाइंट्स को फॉलो करना होगा।



  • इस वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने एक नया फॉर्म खोल कर आएगा।
  • इस फॉर्म में आपको अपनी कुछ जानकारी भरनी है जैसे कि आपका नाम जन्म तिथि जन्म समय आदि सभी जानकारी  सही से भरे।
  • सभी जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद आपके सामने जन्मकुंडली खुलकर जाएगी।
  • आप अपनी जन्म कुंडली का एक प्रिंट आउट भी निकाल सकते हैं।

 


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