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गुरुवार, 2 मई 2013

कौन सा रत्न कब पहनना चाहिए –

कौन सा रत्न कब पहनना चाहिए – (Which Gemstone to wear and when?)

Lucky-Gemstoneरत्न दोधारी तलवार की तरह होते हैं जिन्हें उचित जांच परख के बाद ही पहनना चाहिए अन्यथा सकारात्मक की जगह नकारात्मक परिणाम भी देते हैं.रत्न धारण करने से पहले ग्रहो की स्थिति, भाव एवं दशा का ज्ञान जरूरी होता है.किसी रत्न के साथ दूसरे रत्न का क्या परिणाम होता है यह भी जानना आवश्यक होता है.

गुरू का रत्न पुखराज (Jupiter and Its Gemstone Yellow Sapphire – Pukhraj)
ग्रहों के गुरू हैं बृहस्पति. पीत रंग बृहस्पति का प्रिय है.इनका रत्न पुखराज (Yellow Sapphire – Pukhraj) भी पीली आभा लिये होता है.व्यक्ति की कुण्डली में गुरू अगर शुभ भावों का स्वामी हो अथवा मजबूत स्थिति में हो तो पुखराज (Pukhraj Gemstone) धारण करने से बृहस्पति जिस भाव में होता है उस भाव के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है.यह रत्न धारण करने से गुरू के बल में वृद्धि होती है फलत: जिन ग्रहों एवं भावों पर गुरू की दृष्टि होती है वह भी विशेष शुभ फलदायी हो जाते है.

शुक्र का रत्न हीरा (Venus and Its Gemstone Diamond – Heera)
शुक्र ग्रहों में प्रेम, सौन्दर्य, राग रंग, गायन वादन एवं विनोद का स्वामी है.इस ग्रह का रत्न हीरा है.ज्यातिषशास्त्र और रत्नशास्त्र (Astrology and Gemology) दोनों की ही यह मान्यता है कि कुण्डली में अगर शुक्र शुभ भाव का अधिपति है तो हीरा धारण करने से शुक्र के सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि होती है.

है.रत्नशास्त्र के अनुसार यह अत्यंत चमत्कारी रत्न होता है.इस रत्न को परखने के बाद ही धारण करना चाहिए.नीलम (Blue Sapphire – Neelam) उस स्थिति में धारण करना चाहिए जबकि जन्म कुण्डली में शनि शुभ भावों में बैठा हो. अशुभ शनि होने पर नीलम धारण करने से सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता है.

शनि का रत्न नीलम (Saturn and Its Gemstone Blue Sapphire – Neelam)
ग्रहों में शनि को दंडाधिकारी एवं न्यायाधिपति का स्थान प्राप्त है.यह व्यक्ति को उनके कर्मो के अनुरूप फल प्रदान करते हैं.इस ग्रह की गति मंद होने से इसकी दशा लम्बी होती है.अपनी दशावधि में यह ग्रह व्यक्ति को कर्मों के अनुरूप फल देता है.इस ग्रह की पीड़ा अत्यंत कष्टकारी होती है.यह ग्रह अगर मजबूत और शुभ हो तो जीवन की हर मुश्किल आसन हो जाती है.इस ग्रह का रत्न नीलम (Blue Sapphire – Neelam)

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राहु का रत्न गोमेद (Rahu and Its Gemstone Hessonite- Gomedha)
राहु को प्रकट ग्रह के रूप में मान्यता नही प्राप्त है.यह ग्रह मंडल में छाया ग्रह के रूप में उपस्थित है.इस ग्रह को नैसर्गिक पाप ग्रह कहा गया है.राहु बने बनाये कार्यो को नष्ट करने वाला है.प्रगति के मार्ग में अवरोध है.स्वास्थ्य सम्बन्धी पीड़ा देने वाला है.इस ग्रह का रत्न गोमद (Hessonite- Gomedha) है.इसे गोमेदक के नाम से भी जाना जाता है.यह धुएं के रंग का होता है.अगर जन्मपत्री में राहु प्रथम, चतुर्थ, पंचम, नवम अथवा दशम भाव में हो तो गोमेद (Hessonite- Gomeda) धारण करने से इस भाव के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है एवं राहु शुभ परिणाम देता है.राहु रत्न गोमेद (Hessonite- Gomeda) का धारण उस स्थिति में नहीं करना चाहिए जबकि राहु जन्मपत्री में द्वितीय, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में हो.गोमेद (Hessonite- Gomeda) के साथ मूंगा, माणिक्य, मोती अथवा पुखराज नहीं पहनना चाहिए।

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केतु का रत्न लहसुनियां (Rahu and Its Gemstone Cat’s Eye Stone – Lahasunia)
केतु भी राहु के समान छाया ग्रह है और राहु के सामन ही क्रूर एवं नैसर्गिक पाप ग्रह है.पाप ग्रह होते हुए भी कुछ भावों में एवं ग्रहों के साथ केतु अशुभ परिणाम नहीं देता है.अगर कुण्डली में यह ग्रह शुभस्थ भाव में हो तो इस ग्रह का रत्न लहसुनियां (Cat’s Eye Stone – Lahasunia) धारण करने से स्वास्थ लाभ मिलता है.कार्यो में सफलता मिलती है.धन की प्राप्ति होती है.रहस्यमयी शक्ति से आप सुरक्षित रहते हैं.राहु के सामन ही अगर जन्म पत्री में केतु लग्न, तृतीय, चतुर्थ, पंचम, षष्ठम, नवम अथवा एकादश में हो तो केतु का रत्न धारण करना चाहिए.अन्य भाव में केतु होने पर लहसुनियां (Cat’s Eye Stone – Lahasuniya) विपरीत प्रभाव देता है.लहसुनियां (Cat’s Eye Stone – Lahasuniya) के साथ मोती, माणिक्य, मूंगा अथवा पुखराज नहीं पहनना चाहिए.

ध्यान रखने योग्य तथ्य यह है कि, रत्न उस समय धारण करना विशेष लाभप्रद होता है जब सम्बन्धित ग्रह की दशा चल रही होती है.

राशियों के मुताबिक चुनें कपड़ों के रंग

राशियों के मुताबिक चुनें कपड़ों के रंग
 
शांति खोजें भगवान खोजने के आप के लिए प्रार्थना दोस्तों, हर रंग कुछ कहता है, हर रंग की अपनी पहचान होती है, हर रंग अपना प्रभाव छोड़ते हैं, आईये हम आपको बताते हैं कि किस राशि को कौन सा रंग पहनना चाहिए, जिसके उसका आने वाला दिन आज से बेहतर साबित हो। क्‍या आपको पता है रंगों का हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। इस प्रभाव का अध्‍ययन रोम की प्राचीन पद्धति क्रोमोथैरेपी में किया जाता है। उसके अंतर्गत सूर्य की किरणों के अंदर सात रंगों का अलग-अलग प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। साथ ही व्‍यवहार पर भी। हमारा शरीर और व्‍यवहार हमारे भाग्‍य की रचना करता है। इसका प्रभाव हमारे ग्रहों पर भी पड़ता है और उससे हमारे काम-काज प्रभावित होते हैं। लिहाजा कपड़े पहनते वक्‍त अगर हम सही रंग का चुनाव करें तो हम निश्चित तौर पर अच्‍छे फल प्राप्‍त कर सकते हैं। प्रस्‍तुत है 12 राशियां और उन्‍हें सूट करने वाले रंगों के कपड़ों के बारे में-
मेष
इस राशि के लोगों को शुद्ध और सिंथेटिक फेब्रिक से बने परिधान पहनने चाहिए। लाल, पीला, नारंगी रंग का चयन करें। नीले, ग्रे और काले रंग के प्रयोग से बचें। इनको चमड़े या पक्षियों के पंखों से बने परिधानों से भी बचना चाहिए। ऐसे परिधान पहनें, जिसमें बहुत तरह के कट्स हों। बहुत सारे रंगों से बने डिजाइन पहनें
।वृषभ वृष चमकीला सिल्क, सिंथेटिक फेब्रिक इस राशि वालों के लिए अनुकूल नहीं है। इस राशि के लोगों को सफेद और हल्के हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। लाल और नारंगी रंग के प्रयोग से बचें। अधिकतर सादे या फिर बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान पहनें। सिल्वर और प्लेटिनम इस राशि के लोगों के लिए अनुकूल हैं।


मिथुन
शुद्ध कपास और लिनेन से बने परिधान इनके लिए अच्छे हैं, लेकिन इनको सिंथेटिक कपड़ों से बचना चाहिए। हरा रंग इनके अनुकूल है, लेकिन पीला नहीं। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान इनके अनुकूल हैं।

कर्क
कर्क रेशम, सूती और लिनेन इनके लिए अनुकूल हैं। सिंथेटिक कपड़ों से बचें। सफेद, हल्का पीलापन लिये हुआ सफेद रंग पहनें। नीले और काले रंग का कपड़ा न पहनें। सादे डिजाइन किए हुए कपड़े पहनें।

सिंह
इस राशि वालों के लिए सूती कपड़े अच्छे हैं। लाल, पीले, नारंगी उपयुक्त हैं। नीले, काले, भूरे रंगों से बचें। आउटफिट्स में बहुत सारे कट्स का प्रयोग करें, लेकिन चमड़े बने परिधान न पहनें

कन्या
कन्या सूती कपड़े से बने परिधान इनके लिए उपयुक्त हैं। इनको हरे और सफेद रंगों को चुनना चाहिए। कन्या राशि के लोगों को भी सादे डिजाइन ही पहनने चाहिए।

तुला
तुला चमकीला सिंथेटिक सिल्क इस राशि वालों के लिए अनुकूल है। सफेद, हल्का हरा और भूरा भी पहन सकते हैं, परंतु लाल और नारंगी रंग से बचें। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान पहन सकते हैं।

वृश्चिक
वृश्चिक मिश्रित सूती कपड़ा पहनें। लाल, पीला और नारंगी रंग का कपड़ा पहनें। नीले भूरे और काले रंग से बचें। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले कपड़े पहनें।


धनु
धनु सिंथेटिक और चमकीला सिल्क पहनें। पीला, शिफॉन और हल्का नारंगी रंग पहनें। नीले और काले रंग से बचें।

मकर
मकर कॉटन, लिनेन इस राशि के लिए अच्छे माने जाते हैं। सिंथेटिक का इस्तेमाल न करें। रंगों में इन्हें नीले, काले, भूरे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस राशि के लोगों को लाल, सफेद और नारंगी रंग से बचना चाहिए।
कुंभ
कुंभ कॉटन, सिल्क, लिनेन इस राशि के लिए अच्छे माने जाते हैं। सिथेंटिक का इस्तेमाल न करें। रंगों में इन्हें नीले, काले, भूरे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस राशि के लोगों को लाल, सफेद और नारंगी रंग से बचना चाहिए।

मीन
मीन इस राशि के लोगों के लिए सिंथेटिक और चमकीले सिल्क के कपड़े अच्छे रहते हैं। पीले, केसरिया और हल्के नारंगी रंग के इन्हें पहनने चाहिए। काले और नीले रंग से बचें। सादे और मल्टी डिजाइन कपड़े पहन सकते हैं।

गरीबी दूर कर धन-दौलत से मालामाल करती है 'झाडू'


गरीबी दूर कर धन-दौलत से मालामाल करती है 'झाडू'
 
घर की साफ-सफाई सभी करते हैं और इस काम के लिए घरों में झाड़ू अवश्य ही रहती है। झाड़ू वैसे तो एक सामान्य सी चीज है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। झाड़ू को लक्ष्मी का रूप माना जाता है, जब यह घर की गंदगी, धूल-मिट्टी साफ करती है तो इसका मतलब यही है कि देवी महालक्ष्मी हमारे घर से दरिद्रता को बाहर निकाल देती है।



झाड़ू के महत्व को देखते हुए वास्तु शास्त्र द्वारा कई नियम बताए गए हैं।



- जब घर में झाड़ू का इस्तेमाल न हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखना चाहिए।



- झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए।



- ध्यान रहे झाड़ू पर जाने-अनजाने पैर नहीं लगने चाहिए, इससे महालक्ष्मी का अपमान होता है।



- झाड़ू हमेशा साफ रखें।



- ज्यादा पुरानी झाड़ू को घर में न रखें।



- झाड़ू को कभी जलाना नहीं चाहिए।



- शनिवार को पुरानी झाड़ू बदल देना चाहिए।



- शनिवार के दिन घर में विशेष साफ-सफाई करनी चाहिए।



- घर के मुख्य दरवाजा के पीछे एक छोटी झाड़ू टांगकर रखना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

धन प्राप्ति के सामान्य टोटके ...

धन प्राप्ति के सामान्य टोटके ...

आज के युग में सबसे महवपूर्ण कार्य धनप्राप्ति है|कई लोग ऐसे हैं की अज्ञात कारणों से उनके धन प्राप्ति में कोई न कोई रोड़ा अटकता ही रहता है|नीचे कुछ टोटके बताये जा रहें हैं जो धन प्राप्ति में महतवपूर्ण है|जिस स्थान पर इन टोटकों का पालन होता हैं उस स्थान पर माँ लक्ष्मी अपना स्थाई वास बनाती है|
• जिस घर में नियमित रूप से अथवा प्रत्येक शुक्रवार को श्रीसूक्त अथवा श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ होता है वहां माँ लक्ष्मी का स्थाई वास होता है|
• पर्त्येक सप्ताह घर में फर्श पर पोचा लगते समय थोडा सा समुंदरी नमक मिला लिया करें ऐसा करने से घर में होने वाले झगरे कम होते हैं|इसके अतिरिक्त यह भी लाभ मिलता है आपको नहीं मालूम की आपके घर में आने वाला अतिथि n कहाँ से आया है,तथा उसके मन में आपके प्रति क्या विचार है,नमक मिले पानी से पोचा लगाने से सारी नकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है|
• प्रात: उठ कर गृह लक्ष्मी यदि मुख्य द्वार पर एक गिलास अथवा लोटा जल डाले तो माँ लक्ष्मी के आने का मार्ग प्रशस्त होता है|
• यदि आप चाहतें हैंकि घर में सुख शांति बनी रहे तथा आप आर्थिक रूप से समर्थ रहें तो प्रत्येक अमावस्या को अपने घर की पूर्ण सफाई करवा दें|जितना भी फ़ालतू सामान इकठा हुआ हो उसे क्बारी को बेच दें अथवा बाहर फेंक दें ,सफाई के बाद पांच अगरबती घर के मंदिर में लगायें|

यदि आप चाहते हैं कि आपका वॉलेट हमेशा रुपयों से भरा रहे तो

पर्स हमेशा भरा रहेगा ऐसे
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क्या आपके पास पैसों की बरकत नहीं रहती? पर्स अक्सर खाली रहने लगा है। यदि आप जीवन में मुश्किलों से जुझ रहे हैं, तो नीचे लिखे इस टोटके को अपनाकर कोई भी पैसों की परेशानी से निजात पा सकता हैं।
- लक्ष्मी का स्वरूप माना जाने वाला एकाक्षरी बीज मंत्र ह्रीं बहुत प्रभावशाली और चमत्कारी है।
- किसी भी शनिवार के दिन सुबह स्नान आदि से निपट कर शनि की होरा में एक साबुत पीपल का पत्ता तोड़कर ले आएं।
- मन में ऊं नमो: नारायण मंत्र का जप करते रहे।
- फिर उस पत्ते को गंगाजल या किसी तीर्थ स्थल के जल से धोकर उस पर अष्टगंध की स्याही से अपने हाथ की अनामिका अंगुली से ह्रीं लिख लें।
- उसके बाद धूप-दीप करने के बाद उक्त पत्ते को नये पत्ते से बदल लें।
- पुराने पत्ते को किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें। नये पत्ते को आप अपनी दुकान आदि में पैसे रखने के स्थान पर या जेब में पर्स भी रख सकते हैं।
- विशेष ध्यान यह रहे कि पत्ता नीचे रखें।
पर्स में नहीं रखना चाहिए ऐसी चीजें, क्योंकि…
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पैसों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए शास्त्रों के अनुसार कई कार्य और नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने पर व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है। सामान्यत: सभी के पास पर्स अवश्य ही रहता है। पर्स और हमारी आर्थिक स्थिति का गहरा संबंध है। यदि पर्स व्यवस्थित और स्वच्छ होगा तो यह आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।

रुपए-पैसों को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने का कार्य हमारे पर्स बखूबी निभाते हें। हर परिस्थिति में आपके नोट पर्स में सही ढंग से रखे रहते हैं। जिससे उनके कटने या फटने का डर नहीं रहता। पर्स में पैसा रखा जाता है अत: इस संबंध में वास्तु द्वारा कई महत्वपूर्ण टिप्स दी गई हैं। जिन्हें अपनाने पर व्यक्ति को भी धन की कमी का एहसास ही नहीं होता है।

वास्तु के अनुसार पर्स में ऐसी वस्तुएं हरगिज न रखें जो नकारात्मक ऊर्जा को संचारित करती हैं। पर्स में किसी भी प्रकार के बिल या भुगतान से संबंधित कागज नहीं रखने चाहिए। इसके साथ ही पर्स में किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तु भी न रखें। जो वस्तुएं फिजूल हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं है उन वस्तुओं को तुरंत ही पर्स से बाहर कर देना चाहिए। इनके अतिरिक्त पर्स में धार्मिक और पवित्र वस्तुएं रखें, जिनसे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जिन्हें देखकर हमारा मन प्रसन्न होता है।
खाने-पीने की चीजें भी पर्स में नहीं रखना चाहिए। जैसे पाउच, चॉकलेट्स आदि। पर्स में दवाइयां भी नहीं रखनी चाहिए।
घरों में देवी-देवताओं का मंदिर अवश्य ही होता है। जो व्यक्ति प्रतिदिन नियमित रूप से घर के मंदिर में पूजा-पाठ करता है उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है। हर सुबह इनकी पूजा करनी चाहिए लेकिन यदि आप घर से कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर जाते हैं तो घर के देवी-देवताओं का पूजन और दर्शन नहीं कर पाते हैं।

यदि आप कहीं बाहर जाते हैं तब घर के मंदिर में रखी देवी-देवीताओं की मूर्तियों की पूजन और दर्शन नहीं हो पाता है। ऐसे में आपको अपने पर्स में मंदिर में रखें देवी-देवताओं की फोटो रखनी चाहिए। पर्स में फोटो रखेंगे तो बाहर रहने पर भी आप घर के भगवान के दर्शन अवश्य कर सकेंगे। ऐसा करने से भगवान की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी।

पर्स में घर के देवी-देवताओं की फोटो रखने से आपके साथ हमेशा ही सकारात्मक और दैवीय ऊर्जा रहेगी। जिससे आपको सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। पैसों की समस्या नहीं रहेगी। इसके साथ वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा या शक्तियां आप पर बुरा प्रभाव नहीं डाल सकेंगी।

ध्यान रखें पर्स में देवी-देवताओं की फोटो रखें तो खुद को अपवित्र स्थानों से दूर रखें और अधार्मिक कर्मों से बचें। पर्स में किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तु न रखें।
देवी लक्ष्मी के पूजन में रखे हुए गौमती चक्र को पूजा के बाद पर्स में रखना बहुत ही शुभ माना जाता है।
महालक्ष्मी की प्रतीक पीली कौडिय़ां पर्स में रखी जा सकती है। यह भी धन को आपकी ओर आकर्षित करती हैं।
आप के मूलांक और आप के पर्स में रखे नोट के रंग, सिक्कों में प्रयुक्त धातु आदि के मध्य सामंजस्य बैठा कर भी धन वृद्धि की जा सकती है. यदि आप चाहते हैं कि आपका वॉलेट हमेशा रुपयों से भरा रहे तो इन उपायों का लाभ ले सकते हैं:सभी चाहते हैं कि उनका पर्स हमेशा पैसों से भरा रहे और फिजूल खर्च न हो। ज्यादा पैसा कमाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ अच्छी किस्मत भी महत्व रखती है। कुछ परिस्थितियों में मेहनत के बाद भी पर्याप्त धन प्राप्त नहीं हो पाता या खर्चों की अधिकता की वजह से बचत नहीं हो पाती।

पैसा रखने के लिए सभी के पास पर्स रहता है, अत: पर्स के संबंध में एक सटीक उपाय है जिसे अपनाने से कभी भी आपका पर्स खाली नहीं रहेगा। साथ ही फिजूल खर्चों में कमी आएगी। इस उपाय में आपको किसी भी शुभ मुहूर्त या अपने जन्म दिन पर माता-पिता से एक नोट पर केसर से तिलक लगवाएं। नोट कैसा भी हो सकता है बड़ा या छोटा। केसर का तिलक लगवाने के बाद माता-पिता के चरण स्पर्श करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

आपके अपने मूलांक अनुसार ऐसा हो आपका पर्स—-
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मूलांक 1 (1,10,19,28)

अपने लाल रंग के वॉलेट या पर्स में एक 100 और 20 रुपये के एक एक नोट तथा 1 रुपये के सात नोट को नारंगी रंग के कागज में रखें. एक ताम्बे का सिक्का भी रखें।

मूलांक 2 (2,11,20,29)

अपने सफेद रंग के वॉलेट या पर्स में एक रुपये के दो और 20 रुपये का एक नोट चाँदी की तार में लपेट कर रखें. एक चान्दी का सिक्का भी रखें.

मूलांक 3 (3,12,21,30)

अपने पीले या मेहन्दी रंग के वॉलेट या पर्स में दस रुपये के तीन नोट तथा 1 रूपये के तीन नोट को पीले रंग के कागज में रखें. एक गोल्डन फॉइल का तिकोना टुकडा भी रखें.

मूलांक 4 (4,13,22,31)

अपने भूरे रंग के वॉलेट या पर्स में दस रुपये के दो और 20 रुपये का दो नोट चन्दन का इत्र लगाकर रखें. अपने घर की चुट्की भर मिट्टी भी रखें.

मूलांक 5 (5,14,23)

अपने हरे रंग के वॉलेट या पर्स में पाँच रुपये का एक और 10 रुपये के पाँच नोट एक हरे कागज में रखें. एक बेल का पत्ता भी रखें.

मूलांक 6 (6,15,24)

अपने चमकीले सफेद रंग के वॉलेट या पर्स में पाँच सौ रुपये का और 100 रुपये का एक एक नोट तथा 1 रुपये के छ: नोट को सिल्वर फॉइल में रखें. एक पीतल का सिक्का भी रखें.

मूलांक 7 (7,16,25)

अपने बहुरंगी वॉलेट या पर्स में एक रुपये के सात और 20 रुपये का एक नोट नारंगी रंग के कागज में रखें. एक मछली का चित्र अंकित किया हुआ सिक्का भी रखें.

मूलांक 8 (8,17,26)

अपने नीले रंग के वॉलेट या पर्स में 100 रुपये का एक और 20 रुपये के चार नोट नीले रंग के कागज में रखें. एक मोर पंख का टुकडा भी रखें.

मूलांक 9 (9,18,27)

अपने नीले और नारंगी रंग के वॉलेट या पर्स में पाँच रुपये का एक और दो रुपये के दो नोट चमेली का इत्र लगे नारंगी रंग के कागज में रखें. एक पीतल का सिक्का भी रखें.

यदि आप भी किसी ग्रह बाधा से पीडि़त हैं और आपके पर्स में अधिक समय तक पैसा नहीं टिकता तो निम्र उपाय करें-

किसी भी शुभ मुहूर्त या अक्षय तृतीया या पूर्णिमा या दीपावली या किसी अन्य मुहूर्त में सुबह जल्दी उठें। सभी आवश्यक कार्यों से निवृत्त होकर लाल रेशमी कपड़ा लें। अब उस लाल कपड़े में चावल के 21 दानें रखें। ध्यान रहें चावल के सभी 21 दानें पूरी तरह से अखंडित होना चाहिए यानि कोई टूटा हुआ दान न रखें। उन दानों को कपड़े में बांध लें। इसके बाद धन की देवी माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजन करें। पूजा में यह लाल कपड़े में बंधे चावल भी रखें। पूजन के बाद यह लाल कपड़े में बंधे चावल अपने पर्स में छुपाकर रख लें।

ऐसा करने पर कुछ ही समय में धन संबंधी परेशानियां दूर होने लगेंगी। ध्यान रखें कि पर्स में किसी भी प्रकार की अधार्मिक वस्तु कतई न रखें। इसके अलावा पर्स में चाबियां नहीं रखनी चाहिए। सिक्के और नोट अलग-अलग व्यस्थित ढंग से रखे होने चाहिए। किसी भी प्रकार की अनावश्यक वस्तु पर्स में न रखें। इन बातों के साथ ही व्यक्ति को स्वयं के स्तर भी धन प्राप्ति के लिए पूरे प्रयास करने चाहिए।

===== अपनी राशी के अनुसार रखे पर्स का रंग…लाभ होगा जेसे..—–

—-मेष,सिंह, और धनु राशि वाले अपना पर्स लाल या नारंगी रंग का रखे. तो लाभ होगा

—-.वृष,कन्या, और मकर राशि वालों को भूरे रंग का पर्स तथा मटमैले रंग का पर्स बहुत फायदा पंहुचायगा

—-मिथुन,तुला, और कुम्भ राशि वाले यदि नीले रंग व सफ़ेद रंग का प्रयोग करते है तो मानसिक स्थति के साथ साथ धन के के आगमन के रास्ते भी खुलेंगे.

—— कर्क,वृश्चिक, और मीन राशि को तो हमेशा हरा रंग और सफ़ेद रंग का प्रयोग अपने पर्स में करना लाभदायक रहेगा.

वास्तु अनुसार रखें अपना पर्स —–
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घर का वास्तु, ऑफिस का वास्तु, आपकी कार का वास्तु, हर चीज में जब आप वास्तु का ध्यान रखते आएं हैं तो पर्स में वास्तु का ख्याल क्यों नहीं रखा जा सकता? जिस तरह हमारे आसपास का वातावरण हमें प्रभावित करता है। उसी प्रकार हमारा बैग या पर्स भी हमें प्रभावित करता है।तो आइये जानते हैं कि कैसे अपने बैग को वास्तु के अनुसार रखकर उसमें धन की बरकत बड़ा सकते हैं।

सभी चाहते हैं कि उनका पर्स हमेशा पैसों से भरा रहे और फिजूल खर्च न हो। ज्यादा पैसा कमाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ अच्छी किस्मत भी महत्व रखती है। कुछ परिस्थितियों में मेहनत के बाद भी पर्याप्त धन प्राप्त नहीं हो पाता या खर्चों की अधिकता की वजह से बचत नहीं हो पाती।
हमारे जीवन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों का संबंध वास्तु से है। पर्स में पैसा रखा जाता है अत: इस संबंध में वास्तु द्वारा कई महत्वपूर्ण टिप्स दी गई हैं। जिन्हें अपनाने पर व्यक्ति को भी धन की कमी का एहसास ही नहीं होता है।
जो वस्तु नकारात्मक ऊर्जा फैलाती हैं उन्हें हमारे आसपास से हटा देना चाहिए। क्योंकि इनसे हमारे सुख और कमाई पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आय बढ़ाने फिजूल खर्चों में कमी करने के लिए पर्स का वास्तु भी ठीक करने की आवश्यकता होती है।
कुछ लोग पर्स में ही चाबियां भी रखते हैं, चाबियां रखना भी अशुभ ही माना जाता है इसके लिए पर्स में किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तु भी न रखें। जो वस्तुएं फिजूल हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं है उन वस्तुएं तुरंत ही पर्स से बाहर कर दें।
आखिर पर्स का ही वास्तु क्यों?
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क्योंकि मेरे विचार से हम सब के जीवन में पर्स एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है. जैसे मासिक वेतन मिला तो गया पर्स में अर्थात पूरे महीने की आमदनी को हमने पर्स के हवाले कर दिया. वस्तुओं के खरीद-फरोख्त में भी पर्स सामने आता है किसी वस्तु को खरीदने से नुक्सान हुआ तो किसी में फायदा हुआ या कभी पर्स पाकेटमार ने पार कर दिया तो कभी पर्स में रखे धन की बरकत खत्म हो जाती है सुबह रुपये रखो और शाम आते ही पर्स खाली. इन्हीं बातो को ध्यान में रख कर यदि हम पर्स को वास्तु के नियमों के अनुसार रखे तो हमे पर्स के द्वारा भी बरकत मिल सकती है और धन के नुक्सान से बच सकते है.

पर्स में सिक्के और नोट दोनों को ही अलग-अलग स्थानों पर रखना चाहिए। इसके अलावा पर्स में मृत व्यक्तियों के चित्र रखना भी शुभ नहीं माना जाता है। अत: इस प्रकार के चित्रों को भी पर्स में नोटों के साथ नहीं रखें।

पर्स में संत-महात्मा के चित्र रखे जा सकते हैं। यदि कोई संत या महात्मा देह त्याग चुके हैं तब भी उनके चित्र या फोटो पर्स रखे जा सकते हैं क्योंकि शास्त्रों के अनुसार देह त्यागने के बाद भी संत-महात्माओं को मृत नहीं माना जाता है। पर्स में धार्मिक और पवित्र वस्तुएं रखें, जिनसे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जिन्हें देखकर मन प्रसन्न होता है ।

इन्हें भी रुपए-पैसों से अलग ही रखना शुभ रहता है। पर्स में नोट या सिक्कों के साथ खाने की चीजें भी नहीं रखना चाहिए।

एक जमानें में तिजौरी का घर,दूकान आदि में बड़ा महत्व होता था क्यों ? क्योंकि वही एकमात्र धन को संग्रह करने का स्थान था. समय बीता और तिजौरी का स्थान धीरे धीरे हटने लगा,परिणाम स्वरूप आज तिजौरी बहुत कम यदा-कदा ही मिलती है. वास्तु में तिजौरी का वर्णन मिलता है. पिछले कई वर्षो से पर्स का चलन बड़ने लगा है और पर्स महिलाओं के हाथ में होना एक फैशन का रूप भी बन गया है. पुरुष वर्ग भी पर्स के बिना धन नहीं रखते. मेरे अनुभव में तिजौरी और पर्स में कोई विशेष अन्तर नहीं रहा. दैनिक कार्यों में पर्स की महत्ता ज्यादा है, आपके पर्स का आकार, रंग आपके पर्स में रखे हुए सामान आपके जीवन में होने वाली छोटी से छोटी घटना के सूचक होते है.

—–वास्तु के अनुसार पर्स में ऐसे वस्तुएं हरगिज न रखें जो नकारात्मक ऊर्जा को संचारित करती हैं।

—–पर्स में किसी भी प्रकार के बिल या भुगतान से संबंधित कागज नहीं रखने चाहिए।

—– अपने पर्स में एक लाल रंग का लिफाफा रखें। इसमें आप अपनी कोई भी मनोकामना एक कागज में लिख कर रखें। वह शीघ्र पूरी होगी।

—–बैग में लाल रेशमी धागे से एक गांठ बांध कर रखें।

——बैग में शीशा और छोटा चाकु अवश्य रखें।

——- बैग में रुपये पैसे जहां रखते हों वहां पर कौड़ी या गोमती चक्र अवश्य रखें।

—— चाबी को छल्ले में डाल कर रखें। यदि इस छल्ले में लाफिंग बुद्धा या अन्य कोई फेंगशुई का प्रतीक अच्छा रहता है।

—— पर्स में किसी भी प्रकार का पिरामिड रखें। यह आपके लिए लाभदायक होगा।

—–.रात्री में सोते समय पर्स कभी भी सिरहाने ना रख कर उसे हमेशा अलमारी में रखें.

—–.पर्स में रूपये कभी भी मोड या फोल्ड कर ना रखे.

——.पर्स में कभी भी रुपयों के साथ कोई बिल-रसीद या टिकट ना रखे इससे विवाद बड़ता है .

——-पर्स में सिक्कों की व्यवस्था अलग हो तथा बंद कर के रखें पर्स खोलते समय सिक्का नीचे नहीं गिरना चाहिये.इससे अपव्यय बढता है.

——.अपने पर्स में किसी पूर्णिमा को लाल रेशमी कपडे में चुटकी भर या २१ दाने अखंडित चावल बाँध कर छुपा कर रखने से बेवजह खर्च नहीं होता है.

===== अपनी राशी के अनुसार रखे पर्स का रंग…लाभ होगा जेसे..—–

—-मेष,सिंह, और धनु राशि वाले अपना पर्स लाल या नारंगी रंग का रखे. तो लाभ होगा

—-.वृष,कन्या, और मकर राशि वालों को भूरे रंग का पर्स तथा मटमैले रंग का पर्स बहुत फायदा पंहुचायगा

—-मिथुन,तुला, और कुम्भ राशि वाले यदि नीले रंग व सफ़ेद रंग का प्रयोग करते है तो मानसिक स्थति के साथ साथ धन के के आगमन के रास्ते भी खुलेंगे.

—— कर्क,वृश्चिक, और मीन राशि को तो हमेशा हरा रंग और सफ़ेद रंग का प्रयोग अपने पर्स में करना लाभदायक रहेगा

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