लेक्चरर की नौकरी छोड़ मुस्लिम युवक फैज़ सुनाते हैं गौ कथा
03 सितंबर 2013 वार मंगलवार को मोहम्मद फैज खान जैसे मुस्लिम को मैंने काफी सोच विचारकर राजस्थान के श्री सालासर बालाजी धाम में प्रथम बार "विराट हिन्दू धर्म गर्जना सम्मेलन 2013" में राष्ट्रीय मंच पर गौ रक्षा के लिए भाषण देने हेतू आमंत्रित किया था ?
मित्रों मैंने मोहम्मद फैज खान को मंच दिया तब से मेरे खिलाफ अपने ही भाईयों ने मेरा काफी दिनों तक दुष्प्रचार किया था ! क्या मैंने मोहम्मद फैज खान को राष्ट्र से जोड़कर गलत कार्य किया था ? क्या गौ माता की रक्षा केवल एक धर्म से होगी या सभी पंथ स्वीकार करेंगे तब होगी ?
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काशी के अस्सी घाट पर गौ कथा सुनने वालों की इन दिनों भीड़ उमड़ रही है। यह गौ कथा कोई हिंदू नहीं बल्कि एक मुस्लिम युवक मोहम्मद फैज खान सुना रहे हैं, जो तीन दिनों तक चलेगा।
उन्होंने भास्कर को विशेष बातचीत में बताया कि वे शासकीय महाविद्यालय, रायपुर में लेक्चरर के पद पर कार्यरत थे। इस दौरान उन्होंने एक उपन्यास में गाय की कथा पढ़ी। इससे प्रेरित होकर नौकरी छोड़ दिया और गौ हत्या प्रतिबंध के लिए देशभर में निकल पड़े ! तभी महावीर प्रसाद खिलेरी द्वारा आयोजित राजस्थान में विराट हिन्दू धर्म गर्जना सम्मेलन में मंच अतिथि बने उसके बाद राजस्थान में करीब 5 जगह पर दिव्य गौ कथा सुनाना शुरू किया। अब तक वह भारत में 50 से अधिक जगहों पर गौ कथा सुना चुके हैं। इसी क्रम में सोमवार से अस्सी घाट पर कार्यक्रम शुरू किया है।
राजनीतिशास्त्र और हिंदी में एमए मोहम्मद फैज खान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले गिरीश पंकज की उपन्यास (नॉवेल) में एक गाय की कथा पढ़ी थी। इसका हीरो एक मुस्लिम युवक था, जो गौ हत्या बंद कराने को लेकर अभियान चलाया था, उससे काफी प्रेरणा मिली। सालासरकर सम्मेलन के बाद उन्होंने लोगों को गौ कथा सुनाना शुरू कर दी। उन्होंने कहा, ‘मैं ढाई सालों से घर छोड़कर लोगों को चाहे वो हिन्दू हों या मुसलमान, सबको गाय के बारे में जानकारियां देता हूं।’
गाय विश्व की माता है : फैज खान
फैज ने बताया कि वेदों में गाय को विश्व की माता कहा गया है। गाय किसी धर्म विशेष की नहीं बल्कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी की मां हैं। गाय की सेवा यदि घर में किया जाए और मां के गर्दन में बंधी घंटी बज जाए, तो 33 करोड़ देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं। किसी भी धर्म के मंदिर में चमड़े का सामान पहनकर जाने से पूजा और इबादत कबूल नहीं होती।
फैज ने बताया कि वेदों में गाय को विश्व की माता कहा गया है। गाय किसी धर्म विशेष की नहीं बल्कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी की मां हैं। गाय की सेवा यदि घर में किया जाए और मां के गर्दन में बंधी घंटी बज जाए, तो 33 करोड़ देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं। किसी भी धर्म के मंदिर में चमड़े का सामान पहनकर जाने से पूजा और इबादत कबूल नहीं होती।
गौ हत्या पूरे भारत में बंद होनी चाहिए उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अस्सी घाट से स्वच्छता अभियान चलाया था, जो पूरे देश ने स्वीकार किया। उसी अस्सी घाट पर गौ को लेकर कथा कर रहा हूं ताकि आवाज पूरे भारत में जाए। महाराष्ट्र और हरियाणा की तरह पूरे भारत में गौ हत्या बंद होना चाहिए। इतना ही नहीं, इसको लेकर सरकार केंद्रीय कानून लाना चाहिए।