यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 7 अक्टूबर 2023

आज से करीब 25-30 साल पहले प्राइवेट स्कूलों की इतनी क्रेज नहीं थी और प्राइवेट स्कूल भी काफी कम होते थे.

आज से करीब 25-30 साल पहले प्राइवेट स्कूलों की इतनी क्रेज नहीं थी और प्राइवेट स्कूल भी काफी कम होते थे.

उस समय DPS / DAV आदि थे या नहीं... वो मैं नहीं जानता.

लेकिन, प्राइवेट स्कूलों के नाम पर दून स्कूल और ईसाई मिशनरीज के सेंट जेवियर/जोसेफ टाइप के स्कूल ही सुनता था... जो कि बड़े शहरों में ही हुआ करते थे.

इसीलिए, हम अधिकांश लोग सरकारी स्कूल ही जाया करते थे.

तो, हमारे सरकारी स्कूल में सुबह सुबह माँ सरस्वती की प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना भी बुलवाई थी.... "हम भारत के लोग, भारत को... एक प्रभुत्व सम्पन्न गणराज्य...

अब उस समय तो समझ तो कुछ आता नहीं था... बस, सामने से 2-3 भैया बोलते जाते थे और हम सब बच्चे उसे शब्दशः दुहराते जाते थे.

बाद में जब बड़ा हुआ तो विभिन्न पत्र पत्रिकाओं और अखबारों में लेख पढ़ता था कि.... हमारे देश में दो देश बसता है..
एक INDIA और एक भारत.
www.sanwariyaa.blogspot.com 
INDIA मतलब हो गया .... वैसे लोग जो अंग्रेजी में फांय-फांय बोलते हैं, कोट-पैंट-टाई आदि पहनते हैं, मॉल्स में जाते हैं, घर में ही बैठ कर पूरे परिवार के साथ सेब और काजू फ्राई के साथ दारू पीते हैं, महिलाएँ नंगी-पुंगी सी छोटे-छोटे कपड़ों में रहती है और सिस्टम पर जिनकी पकड़ होती है.

जबकि, भारत मतलब हुआ कि.... जो मेहनतकश हैं, जो गांवों में रहते हैं, रिश्तों की मर्यादा समझते हैं, हर पर्व-त्योहार को हर्षोउल्लास से मनाते हैं, अपने बाप भाई के सामने पान या गुटखा तक खाने से परहेज करते हैं... और, अपनी /परिवार की इज्जत को ही अपना सबकुछ मानते हैं.
भारत के लोगों को न तो ज्यादा अंग्रेजी समझ आती है और न ही सिस्टम में उनकी पकड़ होती है.

इसीलिए, ऐसे लोग पुल्स और कानून के नाम से ही घबड़ा जाते हैं एवं कभी थाने भी जाना इनके लिए अपमान होता है.

बाद में जब और समझ आया तो ये भी समझा कि.... जहाँ भारत के लोग कानून व्यवस्था का पालन करना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं... और, "भारत माता की जय" के उद्घोष के साथ ही देश के लिये अपना सर्वस्व भी तुरंत न्योछवार करने को तैयार हो जाते हैं.

वहीं इंडिया वाले.... कभी कानून की बारीकियां समझाते हुए "भारत तेरे टुकड़े... से लेकर आतं कवादी और देश द्रोही तक की पैरवी करते नजर आ जाते हैं.

और, उन्हें ऐसा करते देख कर भारत वाले... बेबसी से उनका मुँह ताकते रह जाता है कि जहाँ वे और उसके परिवार वाले हाड़तोड़ मेहनत करके और अपनी कमाई से सरकार को टैक्स देकर देश के लिए कुछ योगदान करने की कोशिश करते हैं..

तो, वहीं इंडिया वाले के द्वारा करप्शन के द्वारा उनके सारे पैसे हड़प उन्हें जीरो लॉस की थ्योरी समझा दी जाती है कि.... तुमको थोड़े न समझ आती है इसीलिए तुम चुप बैठो.

यहाँ तक कि.... कानून की बारीकियाँ समझाते हुए इंडिया वालों की तरफ से ये तक समझा दिया जाता है कि..... भारत माता की जय बोलना अथवा वंदेमातरम बोलना... साम्प्रादायिक है.

इसीलिए, अगर तुमको भी इंडिया वाला बनना है तो तुम्हें इन सबका विरोध करना चाहिए.

और तो और.... भारत और इंडिया में बेसिक अंतर ये है कि.... जहाँ भारत के लोग दुर्गापूजा, दीपावली, होली, दही हांडी आदि पूरे हर्षोउल्लास से मनाते हैं...
तो वहीं.... इंडिया वालों को दुर्गापूजा में ट्रैफिक की समस्या, दीपावली में प्रदूषण की समस्या, होली में रंगों में रसायन नजर आने लगता है.

हालांकि, मैं भी एक बड़े शहर में ही और महंगे अपार्टमेंट में ही रहता हूँ लेकिन पता नहीं क्यों मुझे इन इंडिया वालों से एक अजीब सी चिढ़ होती है.
और, कभी कभी लगता है कि अगर सत्ता और पावर मेरे हाथ में होती तो सबसे पहले इन्हीं इंडिया वालों को गान पर चार लात मार कर देश से निकाल बाहर करता.

अब मैं नहीं जानता कि.... इंडिया वालों के लिए ऐसी फीलिंग सिर्फ मेरी ही है या भारत के हर लोग ऐसा ही फील करते हैं.

लेकिन, इंडिया में कुछ तो गड़बड़ है ही.

इसीलिए, कोई चाहे कितना भी कागज दिखा ले अथवा संविधान की प्रतियाँ पढ़वा दे कि भारत और इंडिया एक ही है.

लेकिन, वास्तविकता ये है कि.... भारत और इंडिया के लोगों की सोच में बहुत अंतर है..
और, दोनों एक नहीं हैं.

इसीलिए, अगर ये भारत और इंडिया का ये विवाद अगर बढ़ता है तो फिर निश्चित रूप से जो भारत के पक्ष में खड़ा रहेगा उसे ही फायदा होना है..

क्योंकि, देश की अधिसंख्य आबादी आज भी भारत ही जानती है और इंडिया को सिर्फ कागजी नाम मानती है..!

अतः... मुझे तो समझ नहीं आता है कि इन विपक्षी पार्टीयों के सलाहकार कौन बेवकूफ है जो विपक्षियों को इस तरह के मुद्दे को हवा देने की सलाह दे रहा है.

क्योंकि, सरकार की तरफ से अभी तक ऐसा कुछ तो कहा नहीं गया है कि वो ऐसा कुछ करने जा रही है.

फिर भी अगर कोई पार्टी अथवा पार्टियों का गठबंधन जबरदस्ती इस मुद्दे को उछालकर कर सरकार को घेरना चाह रहा है तो वो सीधे सीधे कुल्हाड़ी पर अपना पैर मार रहा है.क्योंकि, वास्तविकता यही है कि... इतनी चुसियापंथी के बाद भी आज भी देश की 90% आबादी भारतीय ही है... इंडियन नहीं.

रही बात राजनीति की.... तो, मैं इस संबंध में बार-बार मोई जी का फैन हो जाता हूँ... कि,

कभी वे अपने विपक्षियों को "एक देश एक चुनाव" के नाम पर हलकान किये रहते हैं तो कभी "भारत vs इंडिया" के नाम पर उनका खून सुखा देते हैं...

लगता है कि.... मोई जी यही सब शिगूफा छोड़ छोड़ कर विपक्षियों को अधमरा कर देंगे...!

बाकी का काम तो चुनाव में हो ही जाना है..!

भारत माता की जय...!
जय महाकाल...!!
धर्म की जय हो अधर्मी का नाश हो🚩
प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो वसुधैव कुटुंबकम
 हर हर महादेव जय महाकाल🚩

function disabled

Old Post from Sanwariya