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रविवार, 22 जुलाई 2018

क्या ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट या स्नैपडील ये रिश्ते-नाते , प्यार, अपनापन भी दे पाएँगे ?


क्या ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट या स्नैपडील ये रिश्ते-नाते , प्यार, अपनापन भी दे पाएँगे ?

आने वाला कल (जरूर पढ़े)

एक बार मैं अपने अंकल के साथ एक बैंक में गया, क्यूँकि उन्हें कुछ पैसा कही ट्रान्सफ़र करना था।

ये स्टेट बैंक एक छोटे से क़स्बे के छोटे से इलाक़े में था। वहां एक घंटे बिताने के बाद जब हम वहां से निकले तो उन्हें पूछने से मैं अपने आप को रोक नहीं पाया।

अंकल क्यूँ ना हम घर पर ही इंटर्नेट बैंकिंग चालू कर ले?

अंकल ने कहा ऐसा मैं क्यूँ करूँ ?

तो मैंने कहा कि अब छोटे छोटे ट्रान्सफ़र के लिए बैंक आने की और एक घंटा टाइम ख़राब करने की ज़रूरत नहीं, और आप जब चाहे तब घर बैठे अपनी ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं। हर चीज़ बहुत आसान हो जाएगी। मैं बहुत उत्सुक था उन्हें नेट बैंकिंग की दुनिया के बारे में विस्तार से बताने के लिए।

इस पर उन्होंने पूछा ....अगर मैं ऐसा करता हूँ तो क्या मुझे घर से बाहर निकलने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी?

मुझे बैंक जाने की भी ज़रूरत नहीं?

मैंने उत्सुकतावश कहा, हाँ आपको कही जाने की जरुरत नही पड़ेगी और आपको किराने का सामान भी घर बैठे ही डिलिवरी हो जाएगा और ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट व स्नैपडील सबकुछ घर पे ही डिलिवरी करते हैं।

उन्होने इस बात पे जो जवाब मुझे दिया उसने मेरी बोलती बंद कर दी।

उन्होंने कहा आज सुबह जब से मैं इस बैंक में आया, मै अपने चार मित्रों से मिला और मैंने उन कर्मचारियों से बातें भी की जो मुझे जानते हैं।
मेरे बच्चें दूसरे शहर में नौकरी करते है और कभी कभार ही मुझसे मिलने आते जाते हैं, पर आज ये वो लोग हैं जिनका साथ मुझे चाहिए। मैं अपने आप को तैयार कर के बैंक में आना पसंद करता हुँ, यहाँ जो अपनापन मुझे मिलता है उसके लिए ही मैं वक़्त निकालता हूँ।

दो साल पहले की बात है मैं बहुत बीमार हो गया था। जिस मोबाइल दुकानदार से मैं रीचार्ज करवाता हूं, वो मुझे देखने आया और मेरे पास बैठ कर मुझसे सहानुभूति जताई और उसने मुझसे कहा कि मैं आपकी किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार हूँ।

वो आदमी जो हर महीने मेरे घर आकर मेरे यूटिलिटी बिल्स ले जाकर ख़ुद से भर आता था, जिसके बदले मैं उसे थोड़े बहुत पैसे दे देता था उस आदमी के लिए कमाई का यही एक ज़रिया था और उसे ख़ुद को रिटायरमेंट के बाद व्यस्त रखने का तरीक़ा भी !

कुछ दिन पहले मोर्निंग वॉक करते वक़्त अचानक मेरी पत्नी गिर पड़ी, मेरे किराने वाले दुकानदार की नज़र उस पर गई, उसने तुरंत अपनी कार में डाल कर उसको घर पहुँचाया क्यूँकि वो जानता था कि वो कहा रहती हैं।

अगर सारी चीज़ें ऑन लाइन ही हो गई तो मानवता, अपनापन, रिश्ते - नाते सब ख़त्म ही नही हो जाएँगे !

मैं हर वस्तु अपने घर पर ही क्यूँ मँगाऊँ ?

मैं अपने आपको सिर्फ़ अपने कम्प्यूटर से ही बातें करने में क्यूँ झोंकू ?

मैं उन लोगों को जानना चाहता हूँ जिनके साथ मेरा लेन-देन का व्यवहार है, जो कि मेरी निगाहों में सिर्फ़ दुकानदार नहीं हैं।
इससे हमारे बीच एक रिश्ता, एक बन्धन क़ायम होता है !

क्या ऐमज़ॉन, फ़्लिपकॉर्ट या स्नैपडील ये रिश्ते-नाते , प्यार, अपनापन भी दे पाएँगे ?

फिर उन्होने बड़े पते की एक बात कही जो मुझे बहुत ही विचारणीय लगी, आशा हैं आप भी इस पर चिंतन करेंगे........
उन्होने कहां कि ये घर बैठे सामान मंगवाने की सुविधा देने वाला व्यापार उन देशों मे फलता फूलता हैं जहां आबादी कम हैं और लेबर काफी मंहगी है।

भारत जैसे १२५ करोड़ की आबादी वाले गरीब एंव मध्यम वर्गीय बहुल देश मे इन सुविधाओं को बढ़ावा देना आज तो नया होने के कारण अच्छा लग सकता हैं पर इसके दूरगामी प्रभाव बहुत ज्यादा नुकसानदायक होंगे।

देश मे ८०% जो व्यापार छोटे छोटे दुकानदार गली मोहल्लों मे कर रहे हैं वे सब बंद हो जायेगे और बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर पहुंच जायेगी। तो अधिकतर व्यापार कुछ गिने चुने लोगों के हाथों मे चला जायेगा हमारी आदते ख़राब और शरीर इतना आलसी हो जायेगा की बहार जाकर कुछ खरीदने का मन नहीं करेगा।
जब ज्यादातर धन्धे व् दुकाने ही बंद हो जायेंगी तो रेट कहाँ से टकराएँगे तब..... ये ही कंपनिया जो अभी सस्ता माल दे रही है वो ही फिर मनमानी किम्मत हमसे वसूल करेगी। हमे मजबूर होकर सबकुछ ओनलाइन पर ही खरीदना पड़ेगा।और ज्यादातर जनता बेकारी की ओर अग्रसर हो जायेगी।

मैं आजतक उनको क्या जबाब दूं ये नही समझ पाया हूं,.....

प्रिय मित्रों, अगर आप इन बातों से सहमत हैं तो इस मेसिज को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और अपने दूसरे जानने वालो के ग्रूप्स में भी शेयर करे
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पूरी स्थिति को समझे बिना कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें।

एक डॉक्टर बड़ी ही तेजी से हॉस्पिटल में घुसा , उसे किसी एक्सीडेंट के मामले में तुरंत बुलाया गया था। अंदर घुसते ही उसने देखा कि जिस लड़के का एक्सीडेंट हुआ है उसके परिजन बड़ी बेसब्री से उसका इंतज़ार कर रहे हैं।

डॉक्टर को देखते ही लड़के का पिता बोला , ” आप लोग अपनी ड्यूटी ठीक से क्यों नहीं करते , आपने आने में इतनी देर क्यों लगा दी ….अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार आप होंगे …”

डॉक्टर ने विनम्रता कहा , ” आई ऍम सॉरी , मैं हॉस्पिटल में नहीं था , और कॉल आने के बाद जितना तेजी से हो सका मैं यहाँ आया हूँ। कृपया अब आप लोग शांत हो जाइये ताकि मैं इलाज कर सकूँ….”

“शांत हो जाइये !!!” , लड़के का पिता गुस्से में बोला , ” क्या इस समय अगर आपका बेटा होता तो आप शांत रहते ? अगर किसी  की लापरवाही की वजह से आपका अपना बेटा मर जाए तो आप क्या करेंगे ?” ; पिता बोले ही जा रहा था।

” भगवान चाहेगा तो सब ठीक हो जाएगा , आप लोग दुआ कीजिये मैं इलाज के लिए जा रहा हूँ। ” , और ऐसा कहते हुए डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में प्रवेश कर गया।

बाहर लड़के का पिता अभी भी बुदबुदा रहा था , ” सलाह देना आसान होता है , जिस पर बीतती है वही जानता है…”

करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर बाहर निकला और मुस्कुराते हुए बोला , ” भगवान् का शुक्र है आपका बेटा अब खतरे से बाहर है। “

यह सुनते ही लड़के के परिजन खुश हो गए और डॉक्टर से सवाल पर सवाल पूछने लगे , ” वो कब तक पूरी तरह से ठीक हो जायेगा…… उसे डिस्चार्ज कब करेंगे….?…”

पर डॉक्टर जिस तेजी से आया था उसी तेजी से वापस जाने लगा और लोगों से अपने सवाल नर्स से पूछने को कहा।

” ये डॉक्टर इतना घमंडी क्यों है , ऐसी क्या जल्दी है कि वो दो मिनट हमारे सवालों का जवाब नहीं दे सकता ?” लड़के के पिता ने नर्स से कहा।

नर्स लगभग रुंआसी होती हुई बोली , ” आज सुबह डॉक्टर साहब के लड़के की एक भयानक एक्सीडेंट में मौत हो गयी , और जब हमने उन्हें फ़ोन किया था तब वे उसका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे। और बेचारे अब आपके बच्चे की जान बचाने के बाद अपने लाडले का अंतिम संस्कार करने के लिए वापस लौट रहे हैं। “

यह सुन लड़के के परिजन और पिता स्तब्ध रह गए और उन्हें अपनी गलती का ऐहसास हो गया।

फ्रेंड्स, बहुत बार हम किसी सिचुएशन के बारे में अच्छी तरह जाने बिना ही उसपर रियेक्ट कर देते हैं। पर हमें चाहिए कि हम खुद पर नियंत्रण रखें और पूरी स्थिति को समझे बिना कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें। वर्ना अनजाने में हम उसे ही ठेस पहुंचा सकते हैं जो हमारा ही भला सोच रहा हो।

ॐ अष्टभुजाधारिण्यै नमः

*अष्टभुजाधारिणी*
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पंडितजी अपने घर के मंदिर में हाथ जोड़े खड़े थे, सामने देवी माँ की मूर्ति थी, जिसे नमन करके वो कह रहे थे," ॐ आय रीं क्लीं अष्टभुजाधारिण्यै नमः:"
इधर दरवाजे पर हाथ में तपेली पकड़े पंडितजी के मित्र का आगमन हुआ, जो कि घर में घुसते ही बोल पड़े, "अरे पंडितजी ये क्या दिन रात जपते रहते हो, अष्टभुजाधारिणी, अष्टभुजाधारिणी. अरे कभी इंसान की आठ भुजाये हो सकती है क्या?"
इतने में पंडितजी की पत्नी नाश्ता लेकर आ गई. "रफीक भैया आज सुबह सुबह कैसे? आप बैठिये ये पूजा करके आ रहे है", अपने पति के मित्र को आया देखकर झट से नाश्ता लगा दिया पंडिताइन ने.

रफीक मियां थोड़े थके थके से थे, आते ही सोफे पर धम्म से बैठ गए, और नाश्ते पर तो यूं टूट पड़े जैसे कई दिनों से जंगल में भूखे प्यासे भटके हो. लगभग आधी प्लेट सफाचट करने के बाद रफीक मियां बोले,"अरे क्या बताऊ भाभीजान, जबसे सलमा मायके गई है, मेरी तो शामत ही आ गई, रब्बू को पढ़ाउ, सब्जी लाऊ, खाना बनाऊ, रब्बू के और अपने कपडे धोऊ, प्रेस करूँ, पोछा लगाऊ, रब्बू को खिलाऊ तब जाकर के मैं कुछ खा पाऊं. इंसान के दो तो हाथ है, आज आपके घर आया हूँ तो जरा चैन से बैठ पाया हूँ, अब जाकर ढंग से नाश्ता कर पाया हूँ. खुदा जाने सलमा कैसे करती है."

इतने में पंडित जी भी पूजा खत्म करके नाश्ता करने को आ बैठे. बैठते हुए रफीक मियां के कंधे पर धौल जमाई और पूछा," अरे वो सब तो ठीक है मियां , इतनी रामायण सुना दी, अब ये तो बताओ की आज सुबह सुबह आना कैसे हुआ?"
जवाब में रफीक मियां कुछ बोलते उसके पहले ही पंडिताइन चाय लेकर आ गई, रफीक मियां आश्चर्य में डूबे हुए कभी नाश्ते की प्लेट को देखते और कभी पंडिताइन की तरफ.आखिर में पूँछ ही बैठे," एक बात बताओ भाभीजान, अभी आप दोनों बच्चो को स्कूल के लिए तैयार करवा रही थी, और अभी आप चाय भी बना लाई. ये सब कैसे? मैं तो कल रात को सब्जी लेने गया तो दूध लाना ही भूल गया इसीलिए आपके पास आना पड़ा और आपने एक साथ दो अलग अलग काम भी कर लिए"

पंडिताइन भी पंडिताइन ही थी, हलके से मुस्कुराई और बोली,"भैया आप जब घर में आये थे, तो कुछ पुछ रहे थे."
अब रफीक मियां के दिमाग की बत्ती जली," सच बोली भाभीजान आप. वाकई में एक औरत दो हाथो से आठ हाथो का काम लेती है. मुझे यकीन हो गया कि वाकई में औरतो की आठ भुजाये होती है. सच में बहुत अच्छी सीख देती है आपके मजहब की किताबे."
अब फिर पंडित जी भी पूँछ बैठे,"तो बताना जरा क्या सीखा तुमने?"
जवाब में रफीक मियां ने बस पंडिताइन की तरफ हाथ जोड़े और बोल पड़े ;"ॐ अष्टभुजाधारिण्यै नमः"
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आज का पंचांग 22 july 2018

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🚩   *सुप्रभातम्* 🚩
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द...............5120
विक्रम संवत्..............2075
शक संवत्.................1940
मास........................आषाढ़
पक्ष ..........................शुक्ल
तिथी........................दशमी
दोप 02.50 पर्यंत पश्चात एकादशी
रवि....................दक्षिणायन
सूर्योदय.........05.53.03 पर
सूर्यास्त..........07.12.16 पर
सूर्य राशि.....................कर्क
चन्द्र राशि..................वृश्चिक
नक्षत्र......................विशाखा
प्रातः 10.39 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग............................शुभ
प्रातः 07.08 पर्यंत पश्चात शुक्ल
करण............................गर
दोप 02.50 पर्यन्त पश्चात वणिज
ऋतु.............................वर्षा
दिन..........................रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
22 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक.................5
🔯 शुभ रंग.................लाल

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
संध्या 05.29 से 07.08 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.35 से 09.14 तक चंचल
प्रात: 09.14 से 10.53 तक लाभ
प्रात: 10.53 से 12.32 तक अमृत
दोप. 02.11 से 03.50 तक शुभ
सायं 07.07 से 08.29 तक शुभ
रात्रि 08.29 से 09.50 तक अमृत
रात्रि 09.50 से 11.11 तक चंचल ।

📿  *आज का मंत्रः*
|| ॐ सूर्याय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
यादॄशै: सन्निविशते यादॄशांश्चोपसेवते ।
यादॄगिच्छेच्च भवितुं तादॄग्भवति पूरूष: ॥
अर्थात :-
मनुष्य , जिस प्रकारके लोगोंके साथ रहता है , जिस प्रकारके लोगोंकी सेवा करता है , जिनके जैसा बनने की इच्छा करता है , वैसा वह होता है ।

🍃 *आरोग्यं* :-
*गला बैठने पर घरेलू उपचार -*

*1. नमक पानी -*
नमक पानी से गरारे करें गला बैठने पर आप नमक पानी से गरारे कीजिए। गर्म पानी के साथ नमक मिलाकर गरारे करने से गले को शांत करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप 4 से 8 औंस गर्म पानी के साथ 1/4 से 1/2 चम्मच नमक मिलाइए और इसे अच्छी तरह से हिलाएं जब तक नमक अच्छी तरह से मिल न जाए। फिर इस पानी से गरारे कीजिए और बाहर थूक दीजिए।

*2. शहद -*
शहद गले के लिए एक दवा की तरह कार्य करता है, जो गले की सूजन और गले के दर्द को दूर करता है। शहद का जीवाणुरोधी गुण गले में खराश को ठीक कर सकता हैं। यह गले को शांत करने में मदद कर सकता है। बीमार होने पर इसका एक और फायदा है। शोध से पता चलता है कि शहद खांसी की दवाओं की तरह काम करता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-परिवार की चिंता रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। रुकते कार्यों में वररिष्ठजन सहयोग करेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर होगा।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
शत्रुभय रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनार्जन होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
भागदौड़ रहेगी। मेहमानों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। आत्मसम्मान बढ़ेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ संभव है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनार्जन होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। क्लेश होगा। वस्तुएं संभालकर रखें।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
शारीरिक कष्ट संभव है। बेचैनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नई योजना बनेगी। शत्रु परास्त होंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
तीर्थ दर्शन होंगे। सत्संग का लाभ मिलेगा। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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