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सोमवार, 31 जनवरी 2022

आर्य भट्ट ने शून्य की खोज की तो रामायण में रावण के दस सर की गणना कैसे की गयी?

आर्य भट्ट ने शून्य की खोज की तो रामायण में रावण के दस सर की गणना कैसे की गयी?
रावण के दस सिर कैसे हो सकते हैं, जबकि शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की?

कुछ लोग हिन्दू धर्म व "रामायण" महाभारत "गीता" को काल्पनिक दिखाने के लिए यह प्रश्न करते है कि जब आर्यभट्ट ने लगभग 6 वी शताब्दी मे (शून्य/जीरो) की खोज की तो आर्यभट्ट की खोज से लगभग 5000 हजार वर्ष पहले रामायण मे रावण के 10 सिर की गिनती कैसे की गई !!!

और महाभारत मे कौरवो की 100 की संख्या की गिनीती कैसे की गई !!

जबकि उस समय लोग (जीरो) को जानते ही नही थे !!

तो लोगो ने गिनती को कैसे गिना !!!!
अब मै इस प्रश्न का उत्तर दे रहा हु !!

कृपया इसे पूरा ध्यान से पढे!

आर्यभट्ट से पहले संसार 0(शुन्य) को नही जानता था !!

आर्यभट्ट ने ही (शुन्य / जीरो) की खोज की, यह एक सत्य है !!

लेकिन आर्यभट्ट ने "0( जीरो )"" की खोज *अंको मे* की थी, *शब्दों* में खोज नहीं की थी, उससे पहले 0 (अंक को) शब्दो मे शुन्य कहा जाता था !!!

उस समय मे भी हिन्दू धर्म ग्रंथो मे जैसे शिव पुराण,स्कन्द पुराण आदि मे आकाश को *शुन्य* कहा गया है !!

यहाँ पे "शुन्य" का मतलव अनंत से होता है !!

लेकिन *रामायण व महाभारत* काल मे गिनती अंको मे न होकर शब्दो मे होता था,और वह भी *संस्कृत* मे !!

उस समय *1,2,3,4,5,6,7,8, 9,10* अंक के स्थान पे *शब्दो* का प्रयोग होता था वह भी *संस्कृत* के शव्दो का प्रयोग होता था !!!

जैसे !

1 = प्रथम

2 = द्वितीय

3 = तृतीय"

4 = चतुर्थ

5 = पंचम""

6 = षष्टं"

7 = सप्तम""

8 = अष्टम""

9 = नवंम""

10 = दशम !!

*दशम = दस*

यानी" दशम मे *दस* तो आ गया,लेकिन अंक का

0 (जीरो/शुन्य ) नही आया,‍‍रावण को दशानन कहा जाता है !!

*दशानन मतलव दश+आनन =दश सिर वाला*

अब देखो

रावण के दस सिर की गिनती तो हो गई !!

लेकिन अंको का 0 (जीरो) नही आया !!

इसी प्रकार महाभारत काल मे *संस्कृत* शब्द मे *कौरवो* की सौ की संख्या को *शत-शतम* ""बताया गया !!

*शत्* एक संस्कृत का "शब्द है,

जिसका हिन्दी मे अर्थ सौ (100) होता है !!

सौ(100) "को संस्कृत मे शत् कहते है !!

*शत = सौ*

इस प्रकार महाभारत काल मे कौरवो की संख्या गिनने मे सौ हो गई !!

लेकिन इस गिनती मे भी *अंक का 00(डबल जीरो)* नही आया,और गिनती भी पूरी हो गई !!!

महाभारत धर्मग्रंथ में कौरव की संख्या शत बताया गया है!

रोमन मे भी

1-2-3-4-5-6-7-8-9-10 की

जगह पे (¡)''(¡¡)"""(¡¡¡)""

पाँच को V कहा जाता है !!

दस को x कहा जाता है !!

रोमन मे x को दस कहा जाता है !!

X= दस

इस रोमन x मे अंक का (जीरो/0) नही आया !!

और हम" दश पढ "भी लिए

और" गिनती पूरी हो गई!!

इस प्रकार रोमन word मे "कही 0 (जीरो) "नही आता है!!

और आप भी" रोमन मे""एक से लेकर "सौ की गिनती "पढ लिख सकते है !!

आपको 0 या 00 लिखने की जरूरत भी नही पड़ती है !!

पहले के जमाने मे गिनती को *शब्दो मे* लिखा जाता था !!

उस समय अंको का ज्ञान नही था !!

जैसे गीता,रामायण मे 1"2"3"4"5"6 या बाकी पाठो (lesson ) को इस प्रकार पढा जाता है !!

जैसे

(प्रथम अध्याय, द्वितीय अध्याय, पंचम अध्याय,दशम अध्याय... आदि !!)

इनके"" दशम अध्याय ' मतलब

दशवा पाठ (10 lesson) "" होता है !!

दशम अध्याय= दसवा पाठ

इसमे *दश* शब्द तो आ गया !!

लेकिन इस दश मे *अंको का 0* (जीरो)" का प्रयोग नही हुआ !!

बिना 0 आए पाठो (lesson) की गिनती दश हो गई !!

(हिन्दू बिरोधी और नास्तिक लोग सिर्फ अपने गलत कुतर्क द्वारा

‍ हिन्दू धर्म व हिन्दू धर्मग्रंथो को काल्पनिक साबित करना चाहते है !!)

जिससे हिन्दूओ के मन मे हिन्दू धर्म के प्रति नफरत भरकर और हिन्दू धर्म को काल्पनिक साबित करके,हिन्दू समाज को अन्य धर्मों में परिवर्तित किया जाए !!!

लेकिन आज का हिन्दू समाज अपने धार्मिक शिक्षा को ग्रहण ना करने के कारण इन लोगो के झुठ को सही मान बैठता है !!!

यह हमारे धर्म व संस्कृत के लिए हानि कारक है !!

अपनी सभ्यता पहचाने,गर्व करे की हम भारतीय है।
*लेखक अज्ञात है*

गणित मोदी हमसे बेहतर व ज्यादा जानते हैं,मगर,


गणित मोदी हमसे बेहतर व ज्यादा जानते हैं,

*मगर,*
*गाँधी की तरह खेलना सिर्फ मोदी को आता है,*

*आप और हम तो सिर्फ उलाहना दे सकते हैं,*

*गाँधी ने अहिंसा की आड़ में अपने चहेते मुइमो को एक अलग देश भी दे दिया, लाखों हिन्दुओं का मुइमो के हाथों कत्ल भी करवा दिया, असंख्य हिन्दू बहनों के कुकर्म  बलात्कार भी करवा दिये,*

*सैकड़ों मंदिरों में कुरान पढ़वा ली, रोजे खुलवा लिये...*

*मगर हिन्दुओं के लिये कुछ नहीं किया, किसी भी मस्जिद में गीता नहीँ पढ़वाई, कहा कि मेरी लाश पर से पाकिस्तान बनेगा, मगर उस ने जीवित रहते हुए पाकिस्तान बनवा दिया, 3 करोड़ मुस्लिम भारत में रोक लिये।  कांग्रेस की वोटबैंक की खेती को हरीभरी रखने के लिये,*

*अब 70 साल बाद असली चाणक्य आया है, जो मुस्लिमों का विश्वास जीतने की आड़ में हिन्दू राष्ट्र का मार्ग आधा तय कर चुका है और युद्धगति से भारत में मुईमो पर राजनीतिक शिकंजा कसता जा रहा है,*

*आप क्या सोचते हो कि जो वोटों की गिनती की गणित आप दिखा रहे हैं मोदी इससे अनजान हैं,*

*नहीँ, वे हमसे बेहतर जानते हैं इन गणनाओं को, मगर उसे असली गांँधीगिरी का पता है, वे खेल रहे हैं।  उन्हें खेलने दीजिये,*

*गाँधी- गाँधी जपते मोदी ने सरदार पटेल की मूर्ति बनवा दी,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने सुभाष चन्द्र बोस के आजादी दिवस को मनाकर बोस के नाम का संग्रहालय बनवा दिया,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने धारा 370 खत्म करते हुए जम्मू कश्मीर से हमेशा के लिये राजनीतिक इस्लामीकरण खत्म कर दिया*।

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने 2अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री जी को महत्व देते हुए एक नई पीढ़ी को जाग्रत कर दिया,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने कांग्रेस को उसी की छल बल वाली पैतरेबाजी में ऐसा उलझाया कि आज गाँधी की औलाद कांग्रेस का अध्यक्ष पद से भाग खड़ा हुआ,*

*बाकी सब कुछ उसके ही हिसाब से चल रहा है, वह अपने मिशन पर ही है, इसे मत गरियाओ, यह राजनीतिक संन्यासी आपकी और बड़े बड़े पोलीटिकल पंडित की समझ से परे है, 2002 गुजरात में इसने हजारों रक्तांजलियांँ लेकर अपने आपको संसार की नजरों में हिन्दू राजा घोषित कर दिया था, इसे कोई नहीं रोक सकता, जब तक यह भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं कर देता,*

 इसने हिन्दू राष्ट्र का आधा मार्ग तय कर लिया है, अभी उसे तुम्हारी सलाह की नहीं, वोट की जरूरत है।  बाकी का काम कैसे करना उसे पक्का पता है,  तुम 1000 साल से सो रहे हो इसलिये मैकॉले की शिक्षा व्यवस्था की अंधता व 70 साल तक कांग्रेसी टुकड़ों पर पलने की आदतों के कारण तुम्हें नजर नहीं आ रहा है।

इसलिए सिर्फ भाजपा को वोट देकर उनके हाथ मजबूत करे बस्स।

🙏🏼

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