यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 14 जुलाई 2021

क्या साई बाबा की तुलना राम-कृष्ण से करना सनातन धर्म का अपमान नहीं है ?

जागो भारत जागो

भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसकी संस्कृति संपूर्ण विज्ञान पर आज भी खरी उतरती है लेकिन यहां के लोग इतने भोले हैं जिन्हें आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है। इसी का जीता जागता एक उदाहरण है साईं भक्ति। अंग्रेजी काल में महारानी लक्ष्मी बाई को, झांसी की जो रानी थी उनको मरवाने में साईं के पिताजी की पूरी भूमिका बताई जाती है वह पहले तो लुटेरे थे, पकडे जाने पर अंग्रेजी जासूस बन गये। ठीक उसी तरीके से साईं भी  अपने पिताजी को इस क्षेत्र की जानकारी देते थे और उनके द्वारा अफगान लुटेरे यहां से लूटपाट करके ले जाते थे।  फिर भी साईं को भगवान बना दिया गया। एक षड्यंत्र के अंतर्गत वामपंथी मीडिया बहुत ही शरारती तरीके से इस देश को तोड़ने के इस देश की संस्कृति के नुकसान पहुंचाने के सारे उपाय खोजता है। उसी का परिणाम है आइए जानते हैं साईं के बारे में। अंग्रेजी काल का महा अपराधी भगवान कैसे बन गया ?

आज तक मैंने कभी किसी ग्रन्थ में सांई का प्रमाण नही देखा।
इसलिए सभी सांंई भक्तों से कुुछ प्रश्न ?

साई भक्तों से प्रश्न ?

1.क्या साई ने भगवान श्री राम की तरह राक्षसों का नाश किया ?

2. क्या साई ने श्री कृष्ण की तरह  संसार को गीता का ज्ञान दिया ?

3. क्या साई ने शिव की तरह विषपान कर विश्व की रक्षा की ?

4. क्या साई ने किसी ग्रन्थ या महाकाव्य की रचना की ?

5. क्या साई ने श्रवण कुमार जैसे अपने माता पिता की सेवा की ?

6. क्या साई चैतन्य महाप्रभु जैसा हिन्दुओ के भगवान के भक्त था ?

7. क्या साई ने गुरु गोविंद सिंह जी की तरह मुसलमानों से लोहा ले हिन्दू धर्म की रक्षा की?

8. क्या साई ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह मुसलमानों से लोहा ले हिन्दू धर्म की रक्षा की?

9. क्या साई ने महाराणा प्रताप जैसे मुस्लिम आक्रांताओ से लोहा लेकर मातृभूमि की रक्षा की?

10. क्या साई ने  भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव ,
राजगुरु आदि अन्य क्रांतिकारियों की तरह आजादी की लड़ाई मे अपना योगदान दिया ?

11. गायत्री मंत्र भी साईं के नाम पर और राम के नाम के आगे भी साई लगाते हैं जब तुम्हारे साई अकेले कल्याण करने में समर्थ हैं तो उसे "भगवान राम " की जरूरत क्यों है ?


12. वेद मंत्रों में साई को स्थापित किए जाने के लिए क्यों हेर-फेर किया जा रहा है ?

13. साई के नाम पर हिन्दू धर्म को भ्रमित और विकृत क्यों किया जा रहा है ?
14. एक जिहादी साई को शिव जी और भगवान विष्णु की तरह हिन्दू देवताओं के रूप में चित्रित किया जाना क्या हिन्दू धर्म का अपमान नहीं है ?

15. इससे हम करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, उस पर साई भक्त क्या कहना चाहेंगे ?
16. क्या साई भगवान राम से भी बड़ा हो गया है ?
17. उन्हें ब्रह्मांड नायक क्यों बनाया जा रहा है...क्या उन्होंने ब्रह्मांड की रचना की है ?

18. क्या वह राजाधिराज था ?
19. वह परब्रह्म था ?
20. वह सच्चिदानंद था.???
21. क्या आप ऐसा लिख सकते हो कि 'साई अल्लाह' थे, अगर नहीं,तो फिर उन्हें 'परब्रह्म' लिखने का अधिकार किसने दिया ?


22. मंदिरों में साई की मूर्ति क्यों लगाई जा रही है ?

23. हिन्दू धर्म के देवी - देवताओं की मूर्तियां छोटी होती जा रही हैं… और साई की मूर्ति बड़ी ?


24. हिन्दू मंदिरों में जान-बूझकर जो साई बाबा की मूर्ति स्थापित की जा रही है क्या वह उचित है ?

25. साई का चित्र पहले शिव जी के साथ जोड़कर दिखाया जाता था ,

आजकल प्रभु राम और हनुमान जी के साथ जोड़कर दिखाया जाता है, क्या यह षड्यंत्र या मनमानी हरकत नहीं है ?

26. साई के नाम पर मनमाने मंदिर, आरती,चालीसा और
तमाम तरह के कर्म कांड निर्मित किए गए हैं, क्या यह उचित है?

27. क्या साई बाबा की तुलना राम-कृष्ण से करना सनातन धर्म का अपमान नहीं है ?

28. पहले साई को दत्तात्रेय का अवतार बताया गया, फिर विरोध होने पर कबीर नामदेव, पांडुरंग, अक्कलकोट का महाराज ?





29. अंत में शिव जी का अवतार इसलिए घोषित किया गया, क्योंकि शिवजी को भी चित्रों में चिलम पीते हुए दर्शाया गया है ?
30. उसके बाद आजकल तो साई सभी देवी-देवताओं के अवतार होने लगे क्यों ?
31. अब उन्हें रामावतार बताया जा रहा है क्यों ?
32. क्या " सबका मालिक एक " सूत्र चाँद साई ने दिया था ?
33. क्या " श्रद्धा और सबुरी " सूत्र चाँद साई ने दिया था ?
34. क्या चाँद साई के नाम के आगे ॐ लगाना उचित है?
35. क्या वो संसार का स्वामी है ?
36. उसे मोहम्मद का अवतार क्यों नही बताया जाता!
जबकि उसे हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जाता है ?
37. उसे अल्लाह का अवतार क्यों नही बतायाजाता ?
38. चाँद साई को जीजस का अवतार क्यों नही बताया जाता ?
क्या इसका कोई ठोस जवाब है कि....उन्हें भगवान बनाने के लिए हिन्दुओं के अवतारों का ही सहारा क्यों लिया जा रहा है ...?
साई हर रोज नमाज पढ़ता था मगर सनातनी ग्रंथ कभी पढने नही दिया।
साई मांस युक्त प्रसाद बांटता था।

साईं कुश्ती में पहलवान से हार गया था। साई के समय मे अकाल पड़े छ लाख लोग मरे | साई नही बचा पाया।

साई के समय भारतीय आजादी की लड़ाई लड रहे थे साई ने क्या किया जबकि भगवान ने जब भी अवतार लिया … तो बुराई को पूरी तरह समाप्त किया। *आप जैसे साई भक्तों को*... अगर इन सवालों के जबाब नहीं मिले तो... वे खुद ही सोच लें कि... वह किस लायक है?

क्या साईं बाबा चांद मिया थे? |
chand miya urf sai baba




धर्म की जय हो !! अधर्म का नाश हो !! 🚩जय जय श्री राम🚩

नाभी खिसकना


*नाभी खिसकना*



नाभी खिसकना Nabhi sarakna या धरण जाना Dharan आयुर्वेद और प्राकृतिक उपचार पद्धति का एक हिस्सा है।नाभि टलने या हटने से शरीर में कई प्रकार की समस्या पैदा हो सकती है जो कोई दवा लेने से ठीक नहीं होती।

नाभि को मानव शरीर का केंद्र माना जाता है। नाभि स्थान से शरीर की बहत्तर हजार नाड़ियों जुड़ी होती है। अपने स्थान से सरक जाने से पैदा हुई समस्या नाभि को पुनः अपने स्थान पर लाने पर ही ठीक होती हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति इसे माने या ना माने लेकिन आज भी इस पद्धति से हजारों लोग ठीक होकर लाभ प्राप्त कर रहे है।

*नाभि खिसकने के कारण* पेट दर्द , कब्ज , दस्त , अपच आदि होने लगते है। यदि नाभि का उपचार ना किया जाये तो शरीर में कई प्रकार की अन्य परेशानियाँ पैदा हो सकती है।

जैसे दाँत , बाल , आँखें प्रभावित हो सकते है , मानसिक समस्या पैदा हो सकती है। डिप्रेशन हो सकता है। अतः नाभि का  पुनः अपने स्थान पर आना आवश्यक होता है।

*नाभि खिसकना और कारण* 

यदि पेट की मांसपेशियां कमजोर होती है तो नाभि खिसकने की समस्या ज्यादा होती है । दैनिक जीवन के कार्य करते समय शरीर का संतुलन  सही नहीं रह पाने के कारण नाभि खिसक सकती है। इसके अलावा शरीर की मांस पेशियों पर एक तरफ अधिक भार पड़ने से भी धरण चली जाती है , गोला सरक जाता है । पेट पर बाहरी या अंदरूनी दबाव नाभि टलने का कारण हो सकता है। सामान्य कारण इस प्रकार है :-

—  असावधानी से दाएं या बाएं झुकना।

—  संतुलित हुए बिना अचानक एक हाथ से वजन उठाना।

—  चलते हुए अचानक ऊंची नीची जगह पर पैर पड़ना।

—  खेलते समय गलत तरीके से उछलना।

—  तेजी से सीढ़ी चढ़ना या उतरना।

—  ऊंचाई से छलांग लगाना।

—  पेट में अधिक गैस बनना।

—  पेट में किसी प्रकार की चोट लगना।

—  स्कूटर या मोटर साइकिल चलाते समय झटका लगना।

—  गर्भावस्था में पेट पर आतंरिक दबाव ।

—  तनाव।

—  बचपन से किसी कारण से नाभि खिसकी हुई हो।

*नाभि खिसकने की जाँच* 

नाभि टलने या खिसकने का पता लगाने के बहुत आसान तरीके होते है। इनको जानकर आप भी नाभि खिसकने या धरण जाने का पता कर सकते है। थोड़े से अनुभव के बाद तुरंत पता  चल जाता है। अधिकतर पुरुष की नाभि बायीं तरफ तथा स्त्रियों की नाभि दायीं तरफ खिसकती है।

नाभी के खिसकने का पता करने की विधि इस प्रकार है :-
( 1 )

सीधे खड़े हो जाएँ। दोनों पैर पास में सीधे रखें। अपने दोनों हाथ सीधे करें। हथेलियां खुली रखकर इस तरह समानांतर रखें की दोनों छोटी अंगुलीयां  (Little Finger ) पास में रहें। हथेली की रेखा मिलाते हुए छोटी अंगुली  (Little Finger ) की लंबाई चेक करें। यदि छोटी अंगुलियां की लंबाई में फर्क नजर आता है यानि कनिष्ठा अंगुलियां छोटी बड़ी नजर आती है तो नाभि खिसकी हुई है।

( 2 )

पुरुष की नाभि चेक करने के लिए एक धागे से उसकी नाभि और एक छाती के केन्द्रक के बीच की दूरी नापें। अब नाभि से दूसरी छाती के केन्द्रक की दूरी नापें। यदि नाप अलग अलग आती है तो नाभि खिसकी हुई है।

( 3 )

सुबह खाली पेट चटाई पर पीठ के बल लेट जाएँ। हाथ और पैर सीधे रखें। हथेलियाँ जमीन की तरफ रखें। अब अंगूठे से नाभि पर हल्का दबाव डालकर स्पंदन चेक करें। यदि स्पंदन नाभि पर महसूस होता है तो नाभि सही है। यदि स्पंदन नाभि के स्थान पर ना होकर नाभि से  ऊपर , नीचे , दाएं या बाएं महसूस होता है तो नाभि अपने स्थान से खिसकी हुई है।

*जिस प्रकार कलाई पर अंगूठे के नीचे नाड़ी देखने पर स्पंदन महसूस होता है। इसी प्रकार का स्पंदन नाभि पर महसूस होता है।* 

( 4 )

सीधे पीठ के बल लेट जाएँ। दोनों पैर पास में लाएं यदि पैर के अंगूठे ऊपर नीचे दिखाई दें तो नाभि अपने स्थान से हटी हुई है।

*नाभि खिसकने से नुकसान* 

*नीचे* यदि नाभि नीचे की ओर खिसक गई है तो दस्त , अतिसार , पेचिश आदि की समस्या हो जाती है।

*ऊपर* : नाभि के ऊपर की तरफ खिसकने पर कब्ज रहने लगती है। गैस अधिक बनती है। इसके कारण लंबी अवधि में फेफड़ों की समस्या , अस्थमा , डायबिटीज आदि बीमारियां हो सकती है।

*बायें* : बाईं और खिसकने पर सर्दी , जुकाम , खाँसी , कफ आदि की समस्या बार बार हो सकती है।

*दायें*: दायीं तरफ खिसकने पर लीवर पर असर पड़ सकता है। एसिडिटी हो सकती है , अपच या अफारा हो सकते है।

*गहरी* : यदि नाभि अधिक गहराई में यानी नीचे महसूस हो तो व्यक्ति कितना भी खाये शरीर कृशकाय ही बना रहता है।

*नाभि को ठीक करने के उपाय*

नाभि खिसके या गोला सरके हुए अधिक समय नहीं हुआ हो तो नीचे दिए गए तरीके अपनाने से जल्द वापस अपनी जगह आ जाती है। यदि समय अधिक हो गया हो तो थोड़ा अधिक प्रयास करना पड़ता है। खुद से लाभ ना हो तो किसी अनुभवी से नाभि सही करवानी चाहिए।

कुछ लोग खुद का पेट तेल लगा कर मसल कर नाभि सही करने का प्रयास करते है ,जो उचित तरीका नहीं है। पेट को मसलना नहीं चाहिए।

*यहाँ जो नाभि ठीक करने के तरीके दिए गए है उनमे से अपनी शारीरिक अवस्था के अनुसार नाभि को वापस अपनी जगह ला सकते है।* 

(1 )

जिस हाथ की छोटी अंगुली की लंबाई कम हो उस हाथ सीधा करें। हथेली ऊपर की तरफ हो।  अब इस हाथ को दुसरे हाथ से कोहनी के जोड़ के पास से पकड़ें। अब पहले वाले हाथ की मुट्ठी कस कर बंद करें। इस मुट्ठी से झटके से अपने इसी तरफ वाले कंधे पर मारने की कोशिश करें। कोहनी थोड़ी ऊंची रखें।  ऐसा दस बार करें।

अब अंगुलियों की लंबाई फिर से चेक करें। लंबाई का फर्क मिट गया होगा। यानि नाभि अपने स्थान पर आ गई है। यही ऐसा नहीं हुआ तो एक बार फिर से यही क्रिया दोहराएं।

( 2 )

सुबह खाली पेट सीधे पीठ के बल चटाई या योगा मेट पर लेट जाएँ। दोनों पैर पास में हो और सीधे हो। हाथ सीधे हो और कलाई जमीन की तरफ हो। अब धीरे धीरे दोनों पैर एक साथ ऊपर उठायें। इन्हें लगभग 45 ° तक ऊँचे करें। फिर धीरे धीरे नीचे ले आएं। इस तरह तीन बार करें। नाभि सही स्थान पर आ जाएगी। यह उत्तानपादासन कहलाता है।

( 3 )

सुबह खाली पेट योगा मेट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। अब एक पैर को मोड़ें और दोनों हाथों से पैर को पकड़ लें। दूसरा पैर सीधा ही रखें। जिस प्रकार शिशु अपने पैर को पकड़ कर पैर का अंगूठा मुँह में डाल लेते है उसी प्रकार आप पैर को पकड़ें।

अब पैर के अंगूठे को धीरे धीरे अपनी नाक की तरफ बढ़ाते हुए नाक से अड़ाने की कोशिश करें। सर को थोड़ा ऊपर उठा लें। अब धीरे धीरे पैर सीधा कर लें। यह एक योगासन है जिसे पादांगुष्ठनासास्पर्शासन कहते है


इसी प्रकार दुसरे पैर से यही क्रिया करें। इस प्रकार दोनों पैरों से तीन तीन बार करें। फिर एक बार दोनों पैर एक साथ मोड़ कर यह क्रिया करें। नाभि अपनी सही जगह आ जाएगी।

यदि आपकी मांस पेशियाँ कमजोर है तो बार बार नाभि खिसक सकती है , गोला खिसक सकता है । अतः थोड़ा व्यायाम आदि करके उन्हें मजबूत करें। दोनों पैर के अंगूठे में मोटा काला धागा बांध कर रखने से नाभि बार बार नहीं खिसकती है।

*मालिश करवाना*
नाभि खिसकने पर घर के बुजुर्गों द्वारा इसको ठीक करने के लिए मालिश का सुझाव सबसे पहले दिया जाता है। कुछ लोगों को नाभि पर मालिश करके इसको सही जगह पर लाने का तरीका मालूम होता है। नाभि खिसकने पर मसाज या मालिश करने से यह समस्या ठीक हो जाती है, परंतु यह मसाज किसी विशेषज्ञ द्वारा ही करवानी चाहिए, नहीं तो आपको अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

मसाज के दौरान पैरों पर भी मालिश की जाती है, जिससे पैरों के एक्युप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है। इसमें मालिश करने वाला व्यक्ति अपने हाथों की छोटी अंगूली और अंगूठों के अलावा अन्य तीन अंगूलियों से मसाज करता है। *इस उपाय में पूरी तरह से प्रशिक्षित व्यक्ति से ही मसाज करवानी चाहिए, यदि नाभि गलत जगह पर पहुंच जाए तो इससे सांस भी रूक सकती है।* 

 *सौंफ*
10 ग्राम सौंफ को पीसकर उसमें 50 ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं। 2-3 दिन इसका सेवन करने से नाभि अपनी जगहें पर आ जाएगी।

*सरसों का तेल*
3-4 दिन तर लगातार सुबह खाली पेट सरसों के तेल की कुछ बूदें नाभि में डालें। इससे नाभि धीरे-धीरे अपनी जगहें पर आनी शुरू हो जाएगी।

*आंवला*
सूखें आंवले को पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर नाभि के चारों तरफ बांधकर रोगी को 2 घंटा जमीन पर लेटा दें। दिन में 2 बार ऐसा करने से नाभि अपनी जगहें पर आ जाएगी।

*आसन*
नाभि को उसकी जगहें पर लाने के लिए आप पेट के आसन भी कर सकते है। इससे धरण जल्दी ठीक हो जाती है।

🥥🍉🥥🍉🥥🍉
आपकी खूबसूरती ओर स्वस्थ का रखते है ख्याल 
🍉🥥🍉🥥🍉🥥🍉

function disabled

Old Post from Sanwariya