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रविवार, 3 मार्च 2013

दांत दर्द घरेलू उपचार

दांत दर्द घरेलू उपचार
अक्सर लोगों को दांत दर्द से परेशान देखा गया जाता है। दांत दर्द बहुत पीड़ादायक होता है।दांत दर्द कई कारणों से होता है मसलन किसी तरह के संक्रमण से या डाईबिटिज की वजह से या ठीक ढंग से दांतों की साफ सफाई नहीं करते रहने से। यूँ तो दांत दर्द के लिए कुछ ऐलोपैथिक दवाइयां होती हैं लेकिन उनके बहुत हीं कुप्रभाव होते हैं जिसकी वजह से लोग चाहते हैं की कुछ घरेलू उपचार से इसे ठीक कर लिया जाये। अगर आप भी दांत दर्द से परेशान है एवं इसके उपचार के लिए प्रभावकारी घरेलू उपाय चाहते हैं तो नीचे दिए गए उपायों पर अमल करें। दांत दर्द घरेलू उपाय
हींग -
जब भी दांत दर्द के घरेलू उपचार की बात की जाती है, हींग का नाम सबसे पहले आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह दांत दर्द से तुरंत मुक्ति देता है। इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसन है। आपको चुटकी भर हींग को मौसम्मी के रस में मिलाकर उसे रुई में लेकर अपने दर्द करने वाले दांत के पास रखना है। चूँकि हींग लगभग हर घर में पाया जाता है इसलिए दांत दर्द के लिए यह उपाय बहुत सुलभ, सरल एवं कारगर माना जाता है।
लौंग
लौंग में औषधीय गुण होते हैं जो बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु (जर्म्स, जीवाणु) का नाश करते हैं। चूँकि दांत दर्द का मुख्य कारण बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु का पनपना होता है इसलिए लौंग के उपयोग से बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु का नाश होता है जिससे दांत दर्द गायब होने लगता है। घरेलू उपचार में लौंग को उस दांत के पास रखा जाता है जिसमें दर्द होता है। लेकिन दर्द कम होने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी होती है इसलिए इसमें धैर्य की जरुरत होती है।
प्याज
प्याज (कांदा ) दांत दर्द के लिए एक उत्तम घरेलू उपचार है। जो व्यक्ति रोजाना कच्चा प्याज खाते हैं उन्हें दांत दर्द की शिकायत होने की संभावना कम रहती है क्योंकि प्याज में कुछ ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो मुंह के जर्म्स, जीवाणु एवं बैकटीरिया को नष्ट कर देते हैं। अगर आपके दांत में दर्द है तो प्याज के टुकड़े को दांत के पास रखें अथवा प्याज चबाएं। ऐसा करने के कुछ हीं देर बाद आपको आराम महसूस होने लगेगा।
लहसुन
लहसुन भी दांत दर्द में बहुत आराम पहुंचाता है। असल में लहसुन में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो अनेकों प्रकार के संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखते हैं। अगर आपका दांत दर्द किसी प्रकार के संक्रमण की वजह से होगा तो लहसुन उस संक्रमण को दूर कर देगा जिससे आपका दांत दर्द भी ठीक हो जायेगा। इसके लिए आप लहसुन की दो तीन कली को कच्चा चबा जायें।
आप चाहें तो लहसुन को काट कर या पीस कर अपने दर्द करते हुए दांत के पास रख सकते हैं। लहसुन में एलीसिन होता है जो दांत के पास के बैकटीरिया, जर्म्स, जीवाणु इत्यादि को नष्ट कर देता है। लेकिन लहसुन को काटने या पीसने के बाद तुरंत इस्तेमाल कर लें। ज्यादा देर खुले में रहने देने से एलीसिन उड़ जाता है जिससे बगैर आपको ज्यादा फायदा नहीं होता।
गड़गड़ा (गार्गल) करें
गड़गड़ा भी दांत दर्द दूर करने का एक अति उत्तम घरेलू उपाय है। हल्के गर्म पानी में एक चम्मच नमक लेकर गड़गड़ा करें। ऐसे नमकीन पानी से दिन में दो चार बार कुल्ला किया करें। नमक के संपर्क में आने के बाद मुंह के जर्म्स, जीवाणु एवं बैकटीरिया नष्ट हो जाते हैं जिसकी वजह से आपको दर्द से तुरंत राहत मिलती है।
सलाह
जब दांत दर्द हो तब मीठे पदार्थ खाने या पीने से परहेज करें क्योंकि ये बैकटीरिया, जर्म्स, जीवाणु इत्यादि को और बढ़ावा देते है जिनसे आपकी तकलीफ और बढती है।
अगर उपरोक्त घरेलू उपचार से दांत दर्द कम न हो तो डॉक्टर को दिखाएं। उपरोक्त उपचार अस्थाई दांत दर्द या मामूली दांत दर्द के लिए होते हैं। अगर आपको जिंजीवाईटीज जैसी दांत की कोई समस्या हो तो दवाईयाँ अथवा डाक्टरी निरीक्षण /देखभाल जरुरी है।

क्या भारत में सभी सरकारी विद्यालय (स्कूल) बन्द कर देना चाहिए?

क्या भारत में सभी सरकारी विद्यालय (स्कूल) बन्द कर देना चाहिए? आज भारत में जितने भी बड़े नेता/अधिकारी/सभी सरकारी शिक्षक हैं उन सभी के बच्चे या तो विदेशों में पड़ रहे हैं या प्राइवेट स्कूलों में । भारतीय जनता राष्ट्रीय सम्पत्ति राजकोष की इस लूट को बर्दाश्त नहीं करेगी।

आजकल सभी सरकारी शिक्षक(96%) अपने बच्चों को तो निजी विद्यालय (प्राइवेट स्कूल) में पड़ना चाहते है लेकिन नोकरी सरकारी स्कूल (विद्यालय)में करना चाहते है क्यूँ ? भारत के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन औसत से नीचे और हद से ज्यादा दयनीय है।

आज सरकारी स्कूलों की जो हालत बद से बदतर होती जा रही हैं। किसी प्रेरणा या जवाबदेही के अभाव में सरकारी स्कूलों में शिक्षण इतना दयनीय हो गया है कि शहरी झुग्गी बस्तियों के कई गरीब मां-बाप भी अपने बच्चो को मुफ्त में सरकारी स्कूलों में पढाने की जगह फीस देकर निजी स्कूलो में पढाना बेहतर समझ रहे है।

सरकारी स्कूलों (विद्यालय) में निशुल्क पुस्तकों से लेकर, ड्रेस, मध्याह्न भोजन, साइकिल सहित अन्य प्रकार की सुविधा प्रदान कर रही है। लेकिन बच्चे हैं कि लोभ-दबाव में यदि नाम लिखा भी लिया तो शीघ्र ही उनका आना बंद होने लगा। आखिर क्यों? सब प्राइवेट स्कूलों में चले गए और जाए भी क्यों नहीं साब सरकारी स्कूल का तो भटटा बैठ गया है बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पा रही है।

क्या निजी स्कूल (विद्यालय)सरकारी स्कूलों से बेहतर हैं ? देश के विभिन्न भागों के शोधकर्ताओं ने यह साबित कर दिया है कि प्रति छात्र पर होने वाला खर्च सरकारी स्कूल की तुलना में कहीं कम है। एक और महत्त्वपूर्ण बात यह है कि निजी और गैर -वित्तीय सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों का वेतन सरकारी स्कूलों की तुलना में 5-7 गुना कम है।निजी स्कूल बजट के हिसाब से भी सस्ते हैं।

सरकारी मतलब घोटाला, ग़ैर ज़िम्मेदारी, कोई जवाबदेही नहीं । कोई भी माँ- बाप अपने बच्चों को सरकारी स्कुल (विद्यालय)में नहीं भेजता, सब प्राइवेट स्कूलों (विद्यालय) कि तरफ भाग रहें है ।

अब सरकारी स्कूल में किसी अफ़सर, नेता, व्यापारी, उद्योगपति, डॉक्टर और ऐसे ही किसी ऐसे व्यक्ति के बच्चे नहीं पढ़ते जो उच्च या मध्यवर्ग में आते हैं। जो महंगे निजी स्कूल में नहीं जा सकते वो किसी सस्ते निजी स्कूल में जाते हैं, लेकिन सरकारी स्कूल में नहीं जाते ।

! जय हिन्द, जय भारत ! वन्दे मातरम !!

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